कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास complete

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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

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दोनो के होंठ कब आपस में मिले पता ही ना चला और माँ ने राम्या के होंठ चूसने शुरू कर दिए. राम्या के जिस्म में आग भड़क उठी और वो अपनी माँ से अमरबेल की तरहा चिपक गई.

माँ को जैसे कुछ होश आया और वो राम्या से अलग हो गई और सीधी हो कर लेट गई.

पर राम्या अब कहाँ रुकने वाली थी. राम्या अपनी माँ के उपर आ गई और अपनी माँ के चेहरे को हाथों में पकड़ उसके होंठों को अपने होंठों में जाकड़ लिया.

माँ ने हिलने की कोशिस करी पर राम्या ने हिलने नही दिया और माँ के होंठ चुस्ती रही. धीरे धीरे माँ भी रंग में आने लगी और राम्या का साथ देने लगी.

अपने जिस्म की बढ़ती हुई प्यास से मजबूर हो कर राम्या की माँ उसके साथ आगे बढ़ने लगी. राम्या यही तो चाहती थी, कि सारे बंधन खुल जाएँ .
राम्या के हाथ अपनी माँ के उरोजो तक पहुँच गये और वो उन्हें सहलाने लगी. प्रत्युत्तर में माँ ने भी राम्या के उरोजो पर धावा बोल दिया.
अब दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी और एक दूसरे के उरोजो का मर्दन कर रही थी.

जब साँस लेना भारी हो गया तो दोनो के होंठ अलग हुए और आँखों से आँखें मिली. दोनो ही हाँफ रही थी, पर उरोजो पे हाथ अब भी चल रहे थे. दोनो की आँखों में नशे की लाली उतर चुकी थी. माँ समझ गई कि बेटी अब उस दौर पे आ चुकी है, जहाँ उसे जिस्म की प्यास लगने लगी है, अगर अभी से उसे नही संभाला तो आगे क्या होगा ये कोई नही जान सकता, क्यूकी वो बहुत ही खूबसूरत है.

दोनो ही आँखों ही आँखों में बाते कर रही थी. माँ ने तब उठ कर अपने कपड़े उतार डाले और नग्न हो गई. राम्या के भी कपड़े उतार उसे नग्न कर दिया और उसे पीठ के बल बिस्तर पे लिटा कर उसके चेहरे को चूमने लगी और चूमते हुए उसकी गर्दन को चूमने चाटने लगी.

धीरे धीरे वो नीचे बड़ी और राम्या के निपल को चूसने लगी और दूसरे को अपने अंगूठे और उंगली के बीच ले कर मसल्ने लगी.

अहह म्म्म्मनममममाआआआआ उूुुुुउउइईईईईईई

राम्या की सिसकियाँ निकालने लगी और जिस्म में उत्तेजना बादने लगी . राम्या ने अपनी मा के सर को अपने उरोज़ पे दबा दिया और मा कभी एक निपल चुस्ती और कभी दूसरा. अची तरहा निपल चूसने के बाद मा उसके जिस्म को चूमते चाहते हुए उसकी छूट तका आ पहुँची और अपनी ज़ुबान उसकी छूट पे फेरने लगी.

अहह ककक्क्क्ययय्याआ कााआआ र्रर्राही हूऊऊ उफफफफफफफफफ्फ़ उउम्म्म्ममममम

जैसे ही माँ ने उसकी चूत पे अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू की राम्या और भी ज़ोर से सिसकने लगी और खुद ही अपने उरोज़ दबाने लगी.

माँ ने राम्या की चूत की फांकौ को अलग किया और अपनी ज़ुबान बीच में घुसा दी, चूत की हालत देख कर माँ समझ गई थी कि बेटी ने उंगली करनी शुरू कर दी है.
जैसे ही राम्या की चूत में माँ की जीब घुसी उसका बाँध टूट गया और भरभराती हुई उसकी चूत ने अपना रस छोड़ना शुरू कर दिया, माँ वो सारा रस पीती रही और अपनी ज़ुबान से राम्या की चूत को चोदने लग गई.
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
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Jaunpur

Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jaunpur »

Nice update.
waiting for next.
Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jemsbond »

Jaunpur wrote:Nice update.
waiting for next.

Thanks jaunpur bro
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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

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राम्या की कमर खुद बा खुद उपर उचकने लगी और वो अपनी चूत अपनी माँ के मुँह पे मारने लगी.

आधे घंटे तक माँ उसे अपनी जीब से चोदती रही और इस दोरान राम्या तीन बार झड गई. अब राम्या के जिस्म में ताक़त ही ना बची और वो निढाल पड़ गई. माँ भी हाँफती हुई उसके बगल में लेट गई.

थोड़ी देर में राम्या को होश आया और वो अपनी माँ के उरोज़ पर टूट पड़ी, अब राम्या की बारी थी अपनी माँ को खुश करने की.

राम्या अपनी माँ के निपल ऐसे चूस रही थी जैसे बहुत दिनो के भूके बच्चे को माँ का दूध नसीब हुआ हो. माँ की आँखों में में राम्या का बचपन घूमने लगा ऐसे ही ज़ोर ज़ोर से उसके निपल चूसा करती थी.

अहह माँ की सिसकी निकल जाती है और वो राम्या के सर को अपने उरोज़ पर दबा देती है. वो अपने देवरानी के साथ कई बार लेज़्बीयन कर चुकी थी पर आज बेटी का असर कुछ और ही पड़ रहा था, उसके जिस्म का पोर पोर मज़े की इंतेहा से खिल उठा था और उसकी उत्तेजना अपनी सारी सीमाएँ लाँघ रही थी.

राम्या अपनी माँ के दोनो उरोज़ एक के बाद एक चुस्ती रहती है और साथ साथ हल्के हल्के दाँत भी लगा देती थी.

जब भी राम्या के दाँत निपल पे गढ़ते माँ की चूत में साथ साथ खलबली मचना शुरू हो जाती और उसकी जोरदार सिसकी निकल पड़ती उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

अपनी माँ के उरोज़ अच्छी तरहा लाल सुर्ख कर राम्या अपनी माँ के नेवेल को चूमने लगी और अपनी जीब बीच में डाल कर गोल गोल घुमाने लगी.

नेवेल शायद माँ का सबसे वीक हिस्सा था, और उसे भी खुद आज ही पता चला क्यूंकी पहले किसी ने भी उसके नेवेल के साथ छेड़ खानी नही की थी. इधर राम्या की जीब नेवल में घूमती उधर माँ की चूत अपना रस छोड़ने लगती. माँ ने राम्या के सर को ज़ोर से दबा दिया ताकि उसकी हरकतें रुक जाएँ, पर राम्या लगी रही और माँ उत्तेजना में अपनी टाँगें पटाकने लगी.

राम्या धीरे धीरे चूमते हुए नीचे बढ़ती है और अपनी माँ की चूत पे अपनी ज़ुबान फेरने लगती है.

जैसे ही राम्या की ज़ुबान माँ की चूत को छूती है एक तरंग दोनो के जिस्म में दौड़ जाती है. राम्या आज पहली बार किसी चूत पे अपनी ज़ुबान चला रही थी वो भी अपनी माँ की और माँ पहली बार अपनी बेटी की ज़ुबान का असर अपनी चूत पे महसूस कर रही थी.

माँ राम्या को उपर खींचती है और दोनो 69 में आ जाती हैं. अब माँ राम्या की चूत पे फिर से अपनी ज़ुबान का कहर बरसाने लगती है और उधर राम्या अपनी माँ की चूत को पूरा मुँह में भर लेती है.

दोनो एक दूसरे के जिस्म को आपस में रगड़ते हुए एक दूसरे को अपनी टाँगों से भीच लेती है और ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे की चूत चूसने लगती हैं.
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Jemsbond
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास

Post by Jemsbond »

राम्या की पूरी ज़ुबान माँ की चूत में घुस जाती है जबकि राम्या की चूत टाइट थी तो माँ की ज़ुबान थोड़ा ही अंदर घुस पाती है. दोनो एक दूसरे की चूत को चूस्ते हुए अपनी ज़ुबान से चोदने लग गई. दोनो की सिसकियाँ अंदर ही अंदर दम तोड़ने लगी. रूम में एक ज़लज़ला आ गया, एक ऐसा तूफान जो थमने का ना ही नही ले रहा था.

साँसे लेना दूभर होता जा रहा था पर ज़ुबानो का चलना नही . ये मंज़र कोई आदमी देख लेता तो बस एक ही दुआ माँगता, एक और लंड , ताकि वो दोनो को एक साथ चोद सके.

दोनो एक दूसरे को ज़ुबान से चोद रही थी, बीच बीच में अपने दाँत भी गाढ रही थी, एक अपने दाँत गढ़ाती तो बदला लेने के लिए दूसरी भी अपने दाँत गढ़ा देती.

दोनो की चूत रस बहा रही थी और दोनो ही उसे पीते हुए रुकने का नाम नही ले रही थी.
अपनी माँ की चूत को चूस्ते हुए राम्या सोच रही थी कि जब एक औरत के साथ इतना मज़ा आता है तो एक मर्द के साथ कितना आएगा. उसकी आँखों के सामने उसके भाई का चेहरा घूमने लगा और उसकी पकड़ अपनी माँ की चूत पे और भी सख़्त हो गई है.

आधे घंटे से दोनो एक दूसरे पे कहर ढा रही थी. और संवेदना सहती हुई दोनो चूत अपने चर्म पे पहुँच गई और दो बाँध एक साथ टूट पड़े. उफ्फ माँ का ज़्यादा बुरा हाल था इतना रस तो अपनी पूरी जिंदगी में नही बहाया था जितना आज बहा रही थी.

जिस्म से जान निकलती जा रही थी और वो सातवें आसमान पे कहीं उड़ने लगी . राम्या भी पीछे नही रही और अपनी माँ के साथ ताल में ताल मिलाती हुई आनंद की गहराइयों में सराबोर हो गई.

दोनो ने एक बूँद भी बर्बाद नही होने दी. और दोनो का पेट इतना भर गया कि सुबह नाश्ता करने की नौबत नही आने वाली.

हाँफती हुई दोनो अलग हुई और अपनी साँसे संभालने लगी.
रात भर दोनो एक दूसरे को नोचती खसोट्ती रही . मुस्किल से एक घंटा ही सोई होंगी. राम्या के नींद जैसे ही खुली वो फिर अपनी माँ पे चढ़ गई.





जिस्म की प्यास फिर भड़क गई और दोनो 69 पोज़ में आकर एक दूसरे की चूत चूसने लगी


आधे घंटे तक माँ बेटी एक दूसरे की चूत चुस्ती रहती है आंड मे दोनो एक साथ झड जाती हैं. राम्या आज फुल मस्ती के मूड में आ चुकी थी, वो अपनी माँ को बाथरूम में खींच के ले जाती है और दोनो बाथ टब में घुस एक एक दूसरे के जिस्म पर साबुन रगड़ने लगती हैं.




एक घंटे तक माँ बेटी एक दूसरे को रगड़ रगड़ कर नहलाती हैं. ऐसे लग रहा था जैसे जिंदगी में पहली बार नहा रही हों.
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