thanks mr raj for your support................keep readingrajaarkey wrote:बॉन्ड भाई इस बार आपकी कहानी बहुत ही हॉट है और रहेगी
कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास complete
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
शायद माँ चाहती थी कि मैं उनसे और खुलु तो इसलिए मान गई. एक माँ के दिल में हमेशा ये डर बना रहता है, कि जवान बेटी कहीं ग़लत रास्ते पे ना निकल पड़े.
हम ने एक बियर की बॉटल मँगवाई माँ ने आधी खुद ली और आधी मुझे दी. मैं घुट भरा तो बहुत कड़वी लगी और मेरा मुँह बन गया, माँ खिलखिला के हंस पड़ी
माँ : ‘शुरू शुरू में कड़वी ही लगती है, नही पी जा रही तो रहने दे’
अब मैं पीछे कैसे रहती, मुझे तो माँ के और करीब जाना था. मन कड़ा करते हुए धीरे धीरे पी गई तीन चार घूँट लेने के बाद उतनी कड़वी नही लग रही थी.
फिर हम ने लंच ख़तम किया और घर आ गये. ये आधी बॉटल भी मेरे सर चढ़ रही थी, मैं अपने कमरे में जा कर सो गई.
राम्या नीचे गई और माँ के पास किचन में चली गई.
‘माँ मैं कुछ मदद करूँ’
‘नही बेटा तुम टेबल पर बैठो- मैं बस अभी आई, सब तैयार हो चुका है’
राम्या टेबल पर जा के बैठी ही थी कि उसका सेल बजता है. कॉल रिसीव करती है तो
‘ववओूऊऊऊओवव्वव सिमिरन कितने दिनो बाद फोन कर रही है’
सिमिरन : और तू जैसे मुझे फोन करती रहती है. अच्छा सुन मैं परसों आ रही हूँ, तेरे ही इन्स्टिट्यूट में अड्मिशन लेने. बाकी लोग भी कुछ दिनो में आ जाएँगे. पापा का ट्रान्स्फर देल्ही हो रहा है.
राम्या : अरे वाह , फिर तो मज़ा आ जाएगा, अकेले बोर हो जाती हूँ मैं,तेरी कंपनी मिल जाएगी तो सच में बहुत मज़ा आएगा.
सिमिरन : अच्छा मैं रख रही हूँ, तुझे फ्लाइट डीटेल्स एसएमएस कर दूँगी, एरपोर्ट पर मिलना. बाइ टेक केअर
राम्या :टेक केअर
हम ने एक बियर की बॉटल मँगवाई माँ ने आधी खुद ली और आधी मुझे दी. मैं घुट भरा तो बहुत कड़वी लगी और मेरा मुँह बन गया, माँ खिलखिला के हंस पड़ी
माँ : ‘शुरू शुरू में कड़वी ही लगती है, नही पी जा रही तो रहने दे’
अब मैं पीछे कैसे रहती, मुझे तो माँ के और करीब जाना था. मन कड़ा करते हुए धीरे धीरे पी गई तीन चार घूँट लेने के बाद उतनी कड़वी नही लग रही थी.
फिर हम ने लंच ख़तम किया और घर आ गये. ये आधी बॉटल भी मेरे सर चढ़ रही थी, मैं अपने कमरे में जा कर सो गई.
राम्या नीचे गई और माँ के पास किचन में चली गई.
‘माँ मैं कुछ मदद करूँ’
‘नही बेटा तुम टेबल पर बैठो- मैं बस अभी आई, सब तैयार हो चुका है’
राम्या टेबल पर जा के बैठी ही थी कि उसका सेल बजता है. कॉल रिसीव करती है तो
‘ववओूऊऊऊओवव्वव सिमिरन कितने दिनो बाद फोन कर रही है’
सिमिरन : और तू जैसे मुझे फोन करती रहती है. अच्छा सुन मैं परसों आ रही हूँ, तेरे ही इन्स्टिट्यूट में अड्मिशन लेने. बाकी लोग भी कुछ दिनो में आ जाएँगे. पापा का ट्रान्स्फर देल्ही हो रहा है.
राम्या : अरे वाह , फिर तो मज़ा आ जाएगा, अकेले बोर हो जाती हूँ मैं,तेरी कंपनी मिल जाएगी तो सच में बहुत मज़ा आएगा.
सिमिरन : अच्छा मैं रख रही हूँ, तुझे फ्लाइट डीटेल्स एसएमएस कर दूँगी, एरपोर्ट पर मिलना. बाइ टेक केअर
राम्या :टेक केअर
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
राम्या : माँ ! माँ!
मा : अरे क्यूँ चिल्ला रही है, आ रही हूँ बस
माँ खाने की प्लेट्स ले के टेबल तक आती है, राम्या प्लेट्स ले कर टेबल पे रखती है.
‘हां बोल क्यूँ चिल्ला रही थी’
‘सिमिरन आ रही है माँ, मज़ा आ जाएगा’
माँ : हां पता है तेरे मामा का देल्ही ट्रान्स्फर हो गया है. पहले सिमिरन आ रही है फिर कुछ दिनो में बाकी सब भी आ जाएँगे.
राम्या : कयययययययाआआअ आपको मालूम है और मुझे बताया भी नही.
माँ : अरे बेटी कल रात ही तो फोन आया था तेरे मामा का. सारा दिन तू मुझे घूमती रही तो दिमाग़ से निकल गया.
दोनो खाना ख़तम कर के किचन संभालती हैं और सोने की तैयारी करती हैं.
राम्या : माँ आज मैं आपके पास सो जो.
मा : जा कपड़े बदल के आजा.
राम्या भागती हुई जाती है और उसका ये अल्हाड़पन देख माँ हंस पड़ती है और अपने कमरे में जा कर अपनी नाइट ड्रेस निकाल के पहन लेती है.
नाइट ड्रेस ज़्यादा तो नही पर कुछ ट्रॅन्स्परेंट थी और माँ का खूबसूरत जिस्म उसमे से झलक रहा था.
राम्या भी अपनी नाइटी पहन के आ जाती है. और दोनो बिस्तर पे लेटी हुई राम्या के मामा और उसके परिवार के बारे में बातें करती रहती हैं. राम्या की नींद तो कोसो दूर थी. बातें करते करते वो अपनी माँ से चिपक जाती है और जब दोनो के उरोज़ आपस में टकराते हैं तो दोनो के जिस्म में एक लहर दौड़ जाती है.
राम्या अपने उरोज़ अपनी माँ के उरोजो से रगड़ने लगती है और माँ चाहते हुए भी उसे रोक नही पाती.
माँ की बाँहें भी राम्या के इर्द गिर्द कस जाती हैं और वो राम्या की पीठ सहलाने लगती है. राम्या अपनी माँ की गर्दन चूमने लगी और धीरे धीरे गालों को चूमने लगी.
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Re: कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास
दोनो के होंठ कब आपस में मिले पता ही ना चला और माँ ने राम्या के होंठ चूसने शुरू कर दिए. राम्या के जिस्म में आग भड़क उठी और वो अपनी माँ से अमरबेल की तरहा चिपक गई.
माँ को जैसे कुछ होश आया और वो राम्या से अलग हो गई और सीधी हो कर लेट गई.
पर राम्या अब कहाँ रुकने वाली थी. राम्या अपनी माँ के उपर आ गई और अपनी माँ के चेहरे को हाथों में पकड़ उसके होंठों को अपने होंठों में जाकड़ लिया.
माँ ने हिलने की कोशिस करी पर राम्या ने हिलने नही दिया और माँ के होंठ चुस्ती रही. धीरे धीरे माँ भी रंग में आने लगी और राम्या का साथ देने लगी.
अपने जिस्म की बढ़ती हुई प्यास से मजबूर हो कर राम्या की माँ उसके साथ आगे बढ़ने लगी. राम्या यही तो चाहती थी, कि सारे बंधन खुल जाएँ .
राम्या के हाथ अपनी माँ के उरोजो तक पहुँच गये और वो उन्हें सहलाने लगी. प्रत्युत्तर में माँ ने भी राम्या के उरोजो पर धावा बोल दिया.
अब दोनो एक दूसरे के होंठों को चूस रही थी और एक दूसरे के उरोजो का मर्दन कर रही थी.
जब साँस लेना भारी हो गया तो दोनो के होंठ अलग हुए और आँखों से आँखें मिली. दोनो ही हाँफ रही थी, पर उरोजो पे हाथ अब भी चल रहे थे. दोनो की आँखों में नशे की लाली उतर चुकी थी. माँ समझ गई कि बेटी अब उस दौर पे आ चुकी है, जहाँ उसे जिस्म की प्यास लगने लगी है, अगर अभी से उसे नही संभाला तो आगे क्या होगा ये कोई नही जान सकता, क्यूकी वो बहुत ही खूबसूरत है.
दोनो ही आँखों ही आँखों में बाते कर रही थी. माँ ने तब उठ कर अपने कपड़े उतार डाले और नग्न हो गई. राम्या के भी कपड़े उतार उसे नग्न कर दिया और उसे पीठ के बल बिस्तर पे लिटा कर उसके चेहरे को चूमने लगी और चूमते हुए उसकी गर्दन को चूमने चाटने लगी.
धीरे धीरे वो नीचे बड़ी और राम्या के निपल को चूसने लगी और दूसरे को अपने अंगूठे और उंगली के बीच ले कर मसल्ने लगी.
अहह म्म्म्मनममममाआआआआ उूुुुुउउइईईईईईई
राम्या की सिसकियाँ निकालने लगी और जिस्म में उत्तेजना बादने लगी . राम्या ने अपनी मा के सर को अपने उरोज़ पे दबा दिया और मा कभी एक निपल चुस्ती और कभी दूसरा. अची तरहा निपल चूसने के बाद मा उसके जिस्म को चूमते चाहते हुए उसकी छूट तका आ पहुँची और अपनी ज़ुबान उसकी छूट पे फेरने लगी.
अहह ककक्क्क्ययय्याआ कााआआ र्रर्राही हूऊऊ उफफफफफफफफफ्फ़ उउम्म्म्ममममम
जैसे ही माँ ने उसकी चूत पे अपनी ज़ुबान फेरनी शुरू की राम्या और भी ज़ोर से सिसकने लगी और खुद ही अपने उरोज़ दबाने लगी.
माँ ने राम्या की चूत की फांकौ को अलग किया और अपनी ज़ुबान बीच में घुसा दी, चूत की हालत देख कर माँ समझ गई थी कि बेटी ने उंगली करनी शुरू कर दी है.
जैसे ही राम्या की चूत में माँ की जीब घुसी उसका बाँध टूट गया और भरभराती हुई उसकी चूत ने अपना रस छोड़ना शुरू कर दिया, माँ वो सारा रस पीती रही और अपनी ज़ुबान से राम्या की चूत को चोदने लग गई.
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