गुलबदन और गुलनार की मस्ती compleet

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Rohit Kapoor
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

Post by Rohit Kapoor »

गुलबदन ने अपना पल्लू ठीक किया पर ब्लाउज के हुक वैसे ही खुले ही रखे। राज गुलबदन और गुलनार नीचे उतर
गये। राज का घर एक छोटा सा रूम था जो झाडीयो मे था। वहाँ के सब घरों के आस-पास काफी झाडिया थी।
सब घरों में अंधेरा था।

तीनों उतर गये तब राज जय से बोला- “बोलो जय क्या भाड़ा चाहिये तुमको…”

जय गुलनार को देखते हुए बोला- “मुझसे क्या पूछता है राज । इस छोटी मेमसाब को ही पूछ और दे दो मेरा भाड़ा
और अच्छी सी टीप। राज वैसे तू जानता है, मै इतने शोर्ट ट्रीप का भाड़ा नही लेता लेकिन तूने बोला इसलिए
मै आया…”

राज ने गुलनार को देखते हुए कहा- “गुलनार, वैसे तो 20 होते है लेकिन अब तू सोच समझ के भाड़ा और टिप बोल,
कितनी दे गी जय को…”

गुलनार हैरान होके राज को देखने लगी। गुलबदन राज की बात का मतलब समझी कि जय को गुलनार चाहिए थी।

गुलनार कोई जवाब नहीं दे रही यह देखके गुलबदन बोली- “राज, तुम अंदर आके बताओ मुझे कि जय को कितने पैसे देने है। उसने हमारा इतना काम किया है तो हम उससे नाराज नहीं करेंगे, है ना गुलनार…” गुलनार ने बिना
सोचके हाँ में सर हिलाया और वो माँ-बेटी राज के घर में चले गये।

गुलबदन और गुलनार राज के घर में गये। गुलबदन का ब्लाउज खुला था पर उसने पल्लू से उसे ढका था। गुलनार का
स्कर्ट उसकी कमर तक उठा था जिसका उसे अहसास नही था और उसका टी शर्ट मम्मे पे रगड़ा हुआ नजर आ
रहा था। गुलनार की हालत देखके गुलबदन समझ गयी कि जय ने उसकी बेटी को खूब दबाया है लेकिन जब गुलनार
ही कुछ नही कह रही, थी तो गुलबदन भी चुप रही। वैसे भी गुलबदन को कोई फर्कनहीं पड़नेवाला था भले गुलनार
जय के नीचे सोए तो भी।

जय जो भाड़ा और टिप माँग रहा था उसके लिए उसने गुलनार को चोदा तो भी गुलबदन कुछ नही बोलने वाली
थी। गुलबदन जानती थी, कि जय टिप के तौर पे गुलनार को चाह रहा था और आज की रात जय गुलनार को
चोदने वाला ही था। जय गुलनार को चोदे या ना चोदे, पर गुलबदन को राज का लंड चाहिए था उसने ताँगे के
सफर के बारे में गुलनार से कुछ ज्यादा नही पूछा।

उधर बाहर खड़ा जय राज से बोला- “राज, बड़ा मस्त माल मिला है यार आज तुझे। वो लड़की तो कयामत
है साली बहनचोद ऐसी मुस्लिम चूत मिले तो मै रात भर इसकी मुस्लिम चूत और गांड चोदु ”


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Rohit Kapoor
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

Post by Rohit Kapoor »

राज ने जय की हाँ में हाँ भरते कहा- “अरे आराम से हाथ आई है दोनो अब घर पे आई है तो चुदेगी जरूर।

मै तो बेटी की माँ को चोदुन्गा तू गुलनार को ले अपने नीचे। जय, तू रुक इधर, मै तेरा भाड़ा और टिप पूछ के
आता हूँ मेमसाब से…”

राज घर में आया तो देखा गुलनार बाथरूम गयी थी। गुलबदन चेयर पे बैठी थी। राज ने पूछा- “मेमसाब, जय
को कितने पैसे और टीप दू बोलो आप…”

बेशर्मि से गुलबदन ने अपना पललु हटाते हुए कहा- “तुमको जितना जी में आए उतना भाड़ा देना और जय से बोल
कि जो टीप चाहीए उससे खुद आके ले जाना…” टीप ले जाना कहते वक़्त गुलबदन ने बाथ रुम की तरफ इशारा
किया .

गुलबदन की बेशर्मी देखके राज पास आया और मम्मे मसलते हुए बोला- “वैसे जय भी मस्त मौला है, अगर आप
कहो तो उसे भी बुलाऊँ रात के लिए .... हम दोनों आप दोनों को रात भर चोद सकते है। वैसे भी जय आपकी
वो टीप को चोदे बिना नही रहने वाला मेमसाब…”

गुलबदन ने जवाब नही दिया बस हलकी सी स्माइल करते राज का लंड पकड़ा।

ब्रा में हाथ डालके, मम्मे दबाते राज बोला- “मेमसाब, वैसे हम दोनों मर्दों के लिए आप जैसी मुस्लिम चूत ही मस्त है,पूरी रात मुस्लिम चूत और गाण्ड मारते रहेगे तेरी बहनचोद…”

एक बार गुलबदन की मुस्लिम चूत सहलाके राज ने जाके जय को घर में बुलाया। जय तांगा बाँधने गया तब तक
राज अंदर आया और गुलबदन के मम्मे मसलते हुए बोला- “मेमसाब, जय कहता है कि बेबी को रात भर के लिए
दे दो हमारे बिसतर पे तो उसे भाड़ा और टिप दोनो मिल जाएँगे गुलबदन के निप्पल से खेलते राज आगे
बोला- “मेमसाब वो कहता है उसे वो कमसीन बदन वाली गुलनार की मुस्लिम चूत चाहीए रात भर के लीए…”

अचानक राज को तरसाने के इरादे से गुलबदन बोली- “क्या बकते हो… वो तो अभी बच्ची है, कमसीन है, जय
जैसे हैवान को कैसे ले पाएगी… और मस्त मर्द जाने ऐसे कह रहे हो जैसे उसकी माँ और बहन के साथ सोया हो
जय…”

राज निप्पल को भिचते हुए बोला- “अरे काहे की बच्ची है… देखा नही उसके मम्मे तुम्हारे इतने बढ़े हुये है, जरूर साली चुदवाती होगी किसी से। बहनचोद, लड़की का जिस्म ऐसा तब बनता है जब मर्द उसे बड़ी मस्ती से मसलके चोद रहा हो। बोल ना जय को बुलाऊँ क्या …”

निप्पल को हथेली, में रगड़ने से गुलबदन को अच्छ लगा पर वो बोली - “उसको मुझे चोदने को बुलाना हो तो बुलाओ, तू
और जय मिलके जैसे चोदना हो मुझे चोदो, मै तुम को नही रोकुगी लेकिन अगर उसने गुलनार को छुआ तो मै
उसकी माँ चोद डालूगी समझा…”

गुलबदन की बात से गुस्सा होके राज ने उसका पल्लू उतारते हुए उसकी दोनो नंगी चूचीयां जोर से दबाके बोला-
“साली ऐसा कहती है तू… अरे नही साली तुम माँ बेटी के साथ सोएंगे, साली रात भर हम हिंदू मर्दों से चुदेगी… समझी साली हरामी… साली गाली नही देना समझी रंडी औरत…” यह कहते राज ने गुलबदन को खड़ी करते हुए, एक झापड़ मारते उसकी साड़ी खोलना शु रु किया

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Rohit Kapoor
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

Post by Rohit Kapoor »

राज का गुस्सा और झापड़ खाके गुलबदन समझी कि अगर राज को ज़्यादा अपोज किया तो कुछ गलत हो
जाएगा पर फिर भी वो बोली- “राज तुम दोनो मुझे मिल कर जितना चाहीए उतना चोदो लेकीन प्लीज मेरी
कमसीन बेटी को कुछ मत करना, वो अभी नादान है, तुम जैसे मर्दों को सहन नहीं कर सकेगी…”

राज ने गुलबदन की साड़ी निकाल फेंकी। गुलबदन अब पेटीकोट में थी और ब्लाउज बदन से लटक रहा था।

मुट्ठी में उसकी मुस्लिम चूत दबाते राज बोला- “क्या रे साली रंडी, तेरी बेटी कौन सी सती सावित्री है कि उसे कुछ नही करू…
तेरी माँ की चूत, साली मैने बोला ना, तेरी बेटी भी जरूर चुदवाती होगी जो उसका बदन इतना भर गया है। और
तेरी बेटी को छुआ और चोदा तो क्या उखाड़ लेगी साली मादरचोद तू हमारा…”

चूत मुट्ठी में दबाने से गुलबदन को झटका लगा और उसने राज का हाथ अपनी मुस्लिम चूत पे दबाते, चूत को हाथ पे
रगड़ते कहा- “प्लीज उसको नही कुछ करना, तुम दोनों चाहो तो रात भर मुझे जैसा चाहे चोदो लेकीन मेरी बेटी
को कुछ मत करना…”

राज कुछ जवाब दे इसके पहले जय घर में आया। गुलबदन की हालत और राज के करनामे देखके जय
बोला- “अरे मेरा भाड़ा लेने आया था तू अंदर और इसको नंगा क्यों किया … और वो तेरी बेटी कहां है साली जिसको चोदके मै मेरी टीप वसूल करने वाला हूँ…” यह कहते जय गुलबदन की चूची मसलने लगा।

तब राज बोला- “जय, आओ अंदर आज रात के लिए दो रंडीयां है यह माँ बेटी। इनको चोदके हम दोनों
हमारा भाड़ा और टीप वसूल करेगे…” राज उसकी मुस्लिम चूत रगड़ रहा था। गुलबदन बेशर्म बनके उन हिंदू मर्दो से अपना जिस्म मसलवा के मज़े ले रही थी।

गुलबदन जय के हाथ में अपना एक मम्मा दबाके बोली- “देखो जय, तुम राज को समझाओ। यह मेरी बेटी है ना,
उसको तुझसे चुदवाना चाहता है। राज को बोलो कि गुलनार को तुमसे चुदवाने की जीद छोड़ दे। गुलनार अभी बच्ची है, सहन नहीं कर पाएगी बेचारी तेरा लंड। मुझे पता है कि तू उसे चोदने के बाद राज उसे चोदेगा। गुलनार अभी
इतनी अनुभवी नही कि तुम जैसे दो बड़े लंड वाले मर्द को सहन कर सके। अगर कुछ हो गया तो लेने के देने
हो जायेंगे, है ना जय…”

कुछ सोच के राज को आँख मारते जय बोला- “अरे राज, जाने दे ना उसे। यह रंडी गुलबदन है ना हमारे पास,
आज रात इसको चोदते है ना जी भरके…”

जय का इशारा राज ने पकड़ा पर गुलबदन ने नहीं।
गुलबदन की मुस्लिम चूत मसलते राज बोला- ठीक है जय, जैसा तू कहे। वैसे तेरी बेटी है कहां साली रंडी…”

उन दोनो के जवाब से खुश होके गुलबदन बोली कि गुलनार फ्रेश होने गयी है। तब जय ने राज से बाहर आने को
कहा और गुलबदन से कहा कि वो अपना तांगा घर छोड़ के आ रहा है। राज और जय घर के बाहर आये। बाहर आके जय बोला- “अरे राज, साले बाद में लेंगे ना बच्ची को भी, मेरा लंड भी बच्ची के लिए खड़ा है…”

राज बोला- ठीक है जय, लेकीन साली यह मेडम की माँ की चूत, बहनचोद को ऐसा चोद डालंगे आज कि
साली चल नही पाएगी रांड़ साली । कुछ भी करके आज रात में ही इन माँ-बेटी को एक साथ एक दूसरे के सामने चोदेगे…”

हँसते हुए जय बोला- “तू भी बड़ा हरामी है राज। गुलनार को बेटी-बेटी बोल के उसे चोदने की तमन्ना रख रहा है साले। वैसे राज, वो बच्ची कैसे है… मेरा तो बहुत दिल है उसपे साली का बलात्कार कर दूंगा अगर प्यार से न मानी तो .....................



राज ने जवाब दिया- “जय बच्ची तो मस्त माल है, एकदम कमसीन, भरा हुआ जिस्म है साली का, लेकीन
माँ और मस्त है। साली स्टेशन पे झुक-झुक के मेरा लंड देख रही थी और मुझे पटाने के लिए लड़की को
अकेली भेज दिया टैकसी लाने। क्या मम्मे और गांड है साली की। यह दोनों माँ बेटी एकदम मस्त माल है।

मै माँ के साथ ऐयाशी करता हूँ, उसकी कमसीन बेटी को तू चोदेगा तो तेरी भी ऐश होगी आज जय…”
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

Post by jay »

धमाके दार जानदार शानदार अपडेट है रोहित भाई
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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jay wrote:धमाके दार जानदार शानदार अपडेट है रोहित भाई
thanks jay bhai
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