गुलबदन और गुलनार की मस्ती compleet

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Rohit Kapoor
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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राज और जय डिसाइड करते है कि राज गुलबदन को बहुत ह्यूमिलेट करके बेरहमी से चोदेगा जिसकी वजह से गुलबदन बहुत चिल्लाएगी और उसकी आवाज सुनके गुलनार देखेगी कि उसकी माँ राज से चुदवा रही है। अपनी माँ को एक रंडी जैसे राज से चुदवाते देख, वो भी गरम हो जाएगी और उसके बाद भले गुलबदन उसे मना करे पर फिर भी गुलनार जय के साथ चुदवाने को तैयार होगी और जय से अपनी माँ के सामने चुदवा लेगी।

दोनो बात कर रहे थे और उधर गुलनार फ्रेश होके बाहर आई। गुलबदन अपनी साड़ी और कपड़े ठीक कर रही, थी जब गुलनार बाहर आई। गुलनार को देखके गुलबदन ने उसे पास बुलाया। गुलनार जब पास आई तो गुलबदन बोली,- “देखो बेटी, आज तुम बाहर सो जाना, अंदर मत सोना…”

गुलनार हैरान होके बोली- ठीक है मम्मी, लेकीन तू मुझे बाहर सोने को क्यों बोल रही है… एक तो अंजान जगह है
और मुझे बाहर अकेले सोने में डर लगेगा…”

गुलबदन जरा नाराजी और गुस्से से बोली- “गुलनार, मुझे राज और जय की नजर कुछ ठीक नही लगती। मैने
तुझे मना किया था ना कि इतने टाईट कपड़े मत पहनना…”

गुलनार जरा डर के बोली- सॉरी, मम्मी, लेकीन अगर तुम अकेली अंदर सोई तो कुछ मालूम नहीं है ना… तुम कहो
तो हम चले जाते है यहां से…”

चले जाने की बात से गुलबदन जरा थम सी गयी। गुलबदन को राज का लंड चाहिये इसलीए यहां आई थी और
बिना उससे चुदे जाने वाली नही थी, इसलीए कुछ सोचके वो बोली - “मेरा क्या करेगे साले। नही गुलनार अब रात
को इस वक़्त कहां जयांगे हम माँ बेटी… अच्छा सुन, इधर आ…”

गुलनार जब गुलबदन के पास आई तो गुलबदन बोल,- “अपनी यह टी-शर्ट और यह जो इतनी टाईट ब्रा पहनी है, उसको निकाल ताकी तेरा यह जिस्म ऐसा भरा-भरा ना दीखे उन मवालियों को…”

गुलनार अंदर जाके अपनी टी-शर्ट और ब्रा उतारके एक कुरता और नीचे सलवार पहन के बाहर आई। लूज कुरता में अपनी बेटी को देखके, गुलबदन उसके पास जाके, गुलनार के मम्मे टच करते बोली- “हाँ अब देख कैसे तुम्हारे यह दीखाई नही देते है। उन दोनों की नजर बार-बार तुमहारे सीने पे थी इसलीए मैने तुझे यह लूज कुरता पहनने को कहा समझी…”

गुलनार अपने मम्मे पे अपनी माँ का टच पाके हैरान हुई। जबसे ताँगे में जय ने उसके मम्मे दबाए थे वो मदहोश हुई थी। उसे जय का हाथ अपने मम्मे पे चाहीए था, पर जब जय उसके मम्मे दबा रहा था तब उसने बहुत नाटक किया था अब जय ना जाने कहां चला गया था।

गुलनार को सलवार कुर्ते में देखके गुलबदन बोली,- “ठीक है यह कपड़े, इन कपड़ो में तेरा जिस्म कितना उभरा हुआ है समझती नहीं । गुलनार, तू ही अपने आपको देख, कितना भरा हुआ है तेरा बदन…” यह कहते दुबारा गुलबदन ने गुलनार के मम्मे पे हाथ घुमाया।
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Rohit Kapoor
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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असल में गुलबदन गुलनार को गर्म कर रही, थी, ताकी अगर जय या राज उसे चोदने जाए तो गुलनार उनको नहीं
रोकेगी। राज के लंड के लिए गुलबदन अपनी बेटी तक को जय से चुदवाने को तैयार थी। गुलनार ने माँ का हाथ
हटाते कहा- “ओह मम्मी, अब मै 21 साल की हूँ, बदन तो भरेगा ही ना मेरा…”

गुलबदन जरा स्माइल करते बोली- “हाँ मालूम है कि तेरा बदन भरेगा, लेकीन मेरा बदन कभी ऐसा नहीं भरा था
जब मै तुम्हारे उमर की थी तब…”

अपनी माँ को अच्छा जवाब देते गुलनार बोली- “नही था तेरा बदन ऐसा भरा मम्मी जब तू हमारे उमर की थी…”

गुलबदन हँसते बोल,- “तुझे क्या लगता है मेरा ऐसा रहा होगा… मेरा सीना इतना उभरा नही था 21 की उमर में ।
पता नही तुम आजकल की लड़कीयां क्या करते हो… अभी शादी भी नही हुई और तुमको 34 की साइज की ब्रा छोटी होती है। गुलनार, यह अच्छा किया तूने कि ब्रा नही पहना। इससे रात में अच्छी नींद आएगी तुमको…”


गुलनार भी अब रंग में आते बोली- “ओह मम्मी , मै ऐसा कुछ नही करती हूँ जैसा तुमको लगता है। मेरा सीना तो
अपने आप बढ़ गया तो मै क्या करू बोलो… मम्मी, तू क्या पहन के सोने वाली है…”

अपनी बेटी का चहेरा सहलाते गुलबदन बोली - “मैने कब कहा कि तूने ऐसा वैसा कुछ किया है… हो जाता है कीसी-कीसी का
सीना इतना बड़ा बिना कुछ कीए। मै तो यही साड़ी और शाल पहन के सो जाऊँगी…”

गुलनार बोली- “ठीक है मम्मी, अब मैं जाऊँ सोने बाहर…”

गुलबदन ने उसे जाने को कहा और गुलनार सोने बाहर गयी। गुलबदन चेयर पे बैठके आने वाली रात की चुदाई के बारे में
सोचने लगी और कुछ टाइम बाद राज रूम में आया पीछे वाले डोर से।

अंदर आते ही राज ने गुलनार के बारे में पूछा तो गुलबदन बोली- “गुलनार बाहर वरांडा में सोने गयी है। लेकीन राज,
मेरी बेटी की क्या बात करता है। गुलनार तो तेरी बेटी जैसी है ना…”

गुलबदन के सामने खड़े होके राज बोला- “अरे साली, ऐसी बेटी है तो हम उसको भी चोद डाले। क्या मस्त माल है तेरी बेटी गुलबदन। चल अब नंगी हो ना साली। तू क्या तेरी बेटी को ऐसे कपड़े पहनने से तू मना नही करती क्या… कैसे रंडी दिखती है वो उन कपडो मे…”

राज को जरा चिढ़ाते हुए गुलबदन बोली- “तुम लोग हमे रंडी क्या कहते हो सेयेल … हमारा बदन ऐसा है तो तुम्हारे लंड टाईट होते है, वरना उनमे कहां जान थी। राज, मेरी गुलनार उन कपड़ो मे रंडी नहीं, परी जैसी दिखती है उन कपड़ो मे समझे…”

गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “हाँ साली,तुम जैसी रंडियो का बदन देखकर ही जान आई ना इसमे… और अब यह हमारे लंड तुमको कैसे चोदते हे देखती जा रंडी मुस्लिम चूत। गुलबदन, तू क्या स्टेशन पे बार-बार मेरी लुंगी के अदंर देख रही थी साली… यह माना की तेरी बेटी परी लगती है उन कपड़ो मे पर यह भी उतना ही सच है कि उस परी को आज मैं या जय चोदेगे। सालि धंधेवालि दिखती है तेरी परी बेटी ऐसी कपड़ो मे और आज तेरी बेटी को लंड का स्वाद चखा देंगे हम… चल मादरचोद, अब जल्दी नंगी हो जा रंडी मुस्लिम चूत…”

गुलबदन खड़ी हुई और उसकि साड़ी गिर गयी। पेटिकोट ना पहनने से गुलबदन अब खुले बलाउज, ब्लैक ब्रा और पैंटी मे खड़ी होके बोलि- “सलवार कमीज मे तेरे को वो रंडी दिखती है क्या साले…”
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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एक हाथ से गुलबदन की गांड पे थप्पड मारते, दूसरे से उसकि चूत मसलते हँसते राज बोला- “अच्छा सालि चल अब खड़ी रहते हुए हमारे सामने अपनी पैंटी उतार। सालि रंडी, बोल ना स्टेशन पे क्या देख रही थी तू… और हाँ, सालि यह बता यह बेटी तुम्हारे पती की ही है या किसी दूसरे की पैदाइश है सालि छीनाल… सालि ने अभी सलवार कमीज पहनी है, नहीं तो वो टाईट स्कर्ट मे ही थी ना… वैसे भी रंडी की बेटी रंडी ही दिखेगी ना…”

हँसते हुए राज ने पैंटी के ऊपर से एक उंगलि गुलबदन की मुस्लिम चूत मे घुसाई। अपनी चूत पे उंगलि रगड़ने से अच्छा लगा गुलबदन को और वो बोलि- “आआआः आह बताती हूँ, स्टेशन पे तेरी लुंगी से तेरा लंड दिख रहा था उसे देखके मै गरम हुई और इसलिए तुम्हारे साथ आके, तुझसे चुदवाने का फैसला किया मैने राज। और क्या मतलब है तेरा कि, मेरी बेटी किसी दूसरे की पैदाइश है… क्या गुलनार मेरी जैसी नहीं दिखती राज…”

अब दो उंगलि से गुलबदन की चूत रगड़ते राज आगे बोला- “लुंगी के नीचे मेरा लंड देखके तुम्हारे दिल मे इच्छा हुई सालि मुझसे चुदवाने की, पर मैने जब तुझे ट्रेन से उतरते देखा तभी से मेरा लौड़ा तेरी मुस्लिम चूत चोदने को खड़ा हुआ रंडी… कैसे आँखे फाड़-फाड़ के देख रही थी हमारे लंड को तू हरामी मुस्लिम चूत, है ना… पहले बोली गंदा कुली है और अब मुझसे ही चुदवाने आई ना रंडी औरत… रही तेरी बेटी की बात, तो हाँ तुम्हारे जैसे दिखती तो है लेकिन तुम्हारे पति की तुम्हारे नंगे बदन की मेहनत का नतीजा नही लगती है वो…”

अपनी चूत पे बढ़ रहा राज की उंगलियो के जोर से गुलबदन सिसकारियाँ भरते बोली- “क्या इच्छा और क्या बकते हो… तुम क्या समझते हो… मै कौन हूँ और मेहनत वेहनत क्या बकते हो… और तू कैसे बोल रहा है कि गुलनार हमारे पती की बेटी नहीं बल्की किसी दूसरे मर्द की बेटी है राज…”

राज ने जब पैंटी के नीचे हाथ डालके गुलबदन की मुस्लिम चूत मे उंगलि डालि,, तब उसे ऐसा लगा कि गुलबदन की चूत उसकि उमर के हिसाब से बहुत टाईट थी। राज के खीलवाड़ से गुलबदन के निप्पल टाईट हो गये और उसके होंठ थोड़े खुल गये थे। खटिया पे गुलबदन को बिठा कर, उसके सामने खड़ा रहके अपना लंड उसके मुँह पे घुमाते राज बोला- “सालि चल यह ले मेरा लौड़ा और अब चूसना शु रु कर रंडी। उफफफ़ सालि क्या टाईट चूत है तेरी। लगता है तेरा पती ज्यादा नहीं चोदता तुझे … इसलिए मुझे लगा कि यह गुलनार तुम्हारे पती ने तुझे चोदके निकाली हुई बेटी नहीं है समझी… ऐसे ही अंदाजा लगाया मैने… वैसे किस की बेटी है यह असल मे… और यह बता तू मुझसे चुदवाने क्यो तैयार हुई। चल अब बोल क्या करेगी हमारे इस लंड से…”

गुलबदन ने जीभ धीरे से बाहर निकालके, राज का लंड पकड़ते, उसकि टोपी चाटके कहा- “गुलनार मेरी बेटी है राज, मै सच कह रहि हूँ। रही बात तुझसे चुदवा लेने की, तो एक तो मैं बहुत दिन से प्यासी हूँ, तेरा यह मस्त लौड़ा देखा तो तुझसे चुदवाने की इच्छा हुई। तू भी जिस हिसाब से मुझसे बात कर रहा था, मुझे अच्छा लगा। तूने मेरे मम्मे दबाए, डबल मिनिंग की बात की और गुलनार के बाहर जाने के बाद जो सीधे-सीधे हम माँ बेटी को चोदने की बात की उससे मै और ज़्यादा फीदा हुई तुझपे और इसलिए मै तुझसे चुदवाने को तैयार हुई। अच्छा यह बता- जय को मेरी गुलनार के बदन मे क्या पसंद आया…”

राज बोला- “अरे रंडी, बोल ना क्या करेगी हमारे खड़े लंड का… यह पता है कि गुलनार तेरी बेटी है, लेकिन किसको चढ़ाया था अपने नंगे बदन पे और किसका लौड़ा अपनी मुस्लिम चूत मे लेके चुदाई की तो यह बेटी पैदा हुई यह तो बोल। किसका बिस्तर गरम किया था इस लड़की को जनम देने के लिये… गुलबदन, जय को गुलनार की गांड पसंद आई है बहुत और आज रात मे तेरी बेटी को पीछे से पकड़ के गुलनार की गांड पहले मारने वाला है जय। वैसे भी जय के लौड़े को लड़की की गांड चोदने में बड़ा मजा आता है। गुलबदन क्या तेरी बेटी चुदाई है किसी से… मुझे लगता है कोई लौड़ा उसकि मुस्लिम चूत चोदता होगा जरूर नहीं तो ताँगे मे जय से इतना मसल के ना लेती तेरी रंडी बेटी, है ना…”
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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राज गुलबदन के दोनो निप्पल्स जोर से पिंच करने लगा तो गुलबदन जरा दर्द से चील्लाते बोलि- “ओह ओह्ह्ह्ह्ह धीरे मसलो ना हमारे निप्पल। ज्यादा दर्द मत दो, मै सच बता रही हूँ। सुनो मै बताती हूँ, मेरा ड्राइवर था रोहित। उसने एक ही, बार मे फीट कर दिया मुझे, उसने मुझे चोदके गुलनार को मुझमे डाल दिया था और मुझे पता नहीं कि गुलनार ने अभी तक चुदाई की है या नहीं राज…” यह कहते गुलबदन ने राज का लंड सहलाना शुरू किया। राज को सच बताने से राज अब उसे ज्यादा दर्द नहीं देगा ऐसा उसने सोचा, पर हरामी राज ने लंड गुलबदन के मुँह मे घुसाते, उसके हलक तक डालते,हुए मम्मे दबोचते, निपल खींचते हुए कहा- “मतलब क्या सालि, डीटेल मे बोल क्या हुआ… रोहित ने कैसे तुझे फिट किया, सब ठीक से बता…”

राज का लौड़ा धीरे-धीरे करके पूरा चूसने के बाद गुलबदन ने मुँह से निकालते कहा- “उफफफ़, जरा आराम से दबा ना मम्मे, और निपल क्यों खींच रहा है इतना… आअहह मेरे ड्राइवर रोहित ने मेरा बलात्कार किया था। अहह इसलिए तो गुलनार आई। मै अपनी सहेलि के घर लोनावला जा रही थी, जब मै झाडीयो मे पीशाब करने गयी, तब उसने मेरा बलात्कार किया था। आआआः आ आश उसके बाद उसने 3-4 बार महीने मुझे चोदा और बाद मे नौकरी छोड़के दुबई चला गया। अहह आश माँ, प्लीज आराम से कर ना राज…”

झुकके गुलबदन की मुस्लिम चूत को उंगलि से चोदते, उसका एक निपल चबा के राज बोला- “वाह, मतलब तुझे हिंदू लंड पसंद है रंडी… सालि तभी मै बोलू ऐसी मस्त बेटी तेरा चुतीया पती कैसे दे सकता है। कैसा लगा उसका लौड़ा… गालियां देके चुदाई कीया ना… क्या हुआ ओह माँ करने का छीनाल… स्टेशन पे तो सती सावित्री बन रहि थी लेकिन मेरा लौड़ा देखा और औकात पे आई ना हरामी…”

आहे भरते गुलबदन बोल,- “नहीं राज, ऐसा नहीं कि मुझे हिंदू लंड पसंद था या है, हाँ यह बात है कि हिंदू से चुदवाने मे एक अलग मजा आता है। इसलिए जब स्टेशन पे पहले तेरा नाम समझी और बाद मे लंड देखा तो तुझसे चुदवाने को तैयार हुई…”

रोहित का लौड़ा तो एकदम मस्त था, उसने मुझे काफी चोदा और जब वो चला गया तो मुझे बड़ा खराब लगा। उसके तगड़े लंड की बहुत आदत पड़ गयी थी मुझे। पर जब गुलनार पैदा हुई, उसके बाद मैने कभी दूसरे लंड से अपनी चूत नही चुदवाइ रोहित जाने के बाद तू पहला गैर मर्द है जिसको मैने इतने पास आने दिया। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत जोर से मत दबा मेरे मम्मे, नहीं तो ढिले हो जाएँगे ......:

अपनी दोनो हथेलियो से गुलबदन के मम्मे मसलते राज बोला- “मम्मे ढीले हो गये तो क्या हुआ… सालि होने देना ढीले, अब और कितने मर्दो को दिखाना है अपना नंगा बदन और किससे मसलवाने है मम्मे रंडी… तुमहारेपती को मालूम है कि गुलनार उसकि बेटी नहीं है वो… सालि गोटीयां भी चूस मेरी और गांड भी सहला। मुझे जरामजा तो दे हरामी, सिर्फ क्या हमारे नीचे सोने आई है क्या रंडी…”
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Re: गुलबदन और गुलनार की मस्ती

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गुलबदन पूरा लौड़ा मुँह मे लेते चाटने लगी और अपने मम्मे अपने आप दबाते, राज को देखते अपनी जीभ उसके लंड के बेस से टाप तक ले जाते चाटने लगी। बेंच पे लेटी गुलबदन के सर के दोनो साइड खड़े रहते उसका मुँह ऊपर से अपने लंड से चोदते राज बोला- “अरे सालि तुझे मेरा लौड़ा कितना पसंद आया बता तो मुझे…आआअहह बिलकुल रंडीयो जैसे चूस रही है और चूस ना सालि…”

राज की झांट के बालो को भी अपनी जीभ से साफ करते गुलबदन बोलि- “आअहह आहह कितना लंबा और मोटा है तेरा लंड राज। तुम्हारे इस लंड को खूब चुसूंगी, चाटूँगी और फिर उसके बाद तुमहारे नीचे सोकर, तुमहारे इस लंड से अपनी गरम मुस्लिम चूत, जैसे तू चाहेगा वैसे चुदवा लूँगी राजा। ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह उश्श्शमम आहह क्या खुशबू है तुम्हारी झांट की राज, मजा आ रहा है तुम्हारी झांट चाटने मे…”

गुलबदन के मुँह मे अपनी गोटीयां देके, उसकि चूचीयां बहुत जोर से दबाते राज बोला- “यह हुई ना सच्ची रंडी जैसी बात मादरचोद। सालि तू देख आज कैसे मस्ती से तेरी मुस्लिम चूत और गांड मारता हूँ रंडी चूत। सालि अब मेरा लंड पूरा हलक तक ले सालि। आज तुझे और तेरी बेटी को चोदके ही यहां से जाने दुंगा, तू मुझसे चुदेगी और तेरी बेटी की गांड जय मारेगा। सालि रोहित से भी बड़ा और मोटा है क्या मेरा लौड़ा रंडी…”

राज का लंड हलक तक लेकर चूसने के बाद, गुलबदन ने राज की गांड के पास चाटके कहा- “अहह आश हाँ राज, तेरा लंड रोहित के लंद से भी मोटा और लंबा है आहह… तुम्हारे लंड जैसा काला मोटा नाग मैने आज तक नही देखा। ऐसे काले मोटे नाग को अपनी मुस्लिम चूत के बिल मे लेने मे बड़ा मजा आएगा मुझे राज…”

उलटा घूम के, गुलबदन की चूत को अच्छे से चाटने के बाद उसमे उंगलि करते राज बोला- “हाँ सालि, तू, तेरी बेटी और तेरी जैसी रंडी औरत हम जैसे मजदूर कि झांट की रखैल ही हो समझी क्या… सालि वैसे तेरी बेटी को भी बुला ना अंदर उसको भी चोद डालता हूँ। बहनचोद, क्या माल दिख रही थी स्टेशन पे। यह तो पक्का है कि आज गुलनार को चोदने को जय कुते जैसे चढ़ेगा गुलनार पे और उसकि गांड मारेगा। अब गुलबदन रंडी, चाट मेरी गंड चाटके उसे भी पूरा साफ कर समझी…”

गुलबदन की जीभ अब राज की झांट साफ करके, उसकि गोटीयां और लंड चाटने के बाद, राज की गांड तक पहुँची और अब राज की गांड चाटके साफ करने लगी।

अच्छे से राज की पूरी गांड चाटके गुलबदन बोलि- “ क्या खुशबू है तुम्हारी, गान्ड की राज,बिलकुल रोहित की गांड जैसी। जैसे तुझे अच्छा लग रहा है मुझसे तेरी गांड चटवा लेना वैसे उस हरामी को भी अच्छा लगता था। साला हर बार जब मुझे चोदने आता तो अपनी गांड चाटके लेता। राज, मुझे पता है कि गुलनार को बिना चोदे आज तुम लोग नही जाने दोगे। पर अब मुझे उसकि परवाह नाही। अहह राज, उफफपफ़ मै अब ज्यादा तड़पना नही सहन कर सकती इसलिए मुझे चोदो, चोद चोदके मेरी मुस्लिम चूत और गांड का भोसड़ा बनाओ राज…”

गुलबदन की इस हालत पे खुश होते हुवे राज ने उसकि गांड और चूत मे उंगली डालते कहा- “हाँ चोदुंगा तुझे रडी, पूरी रात बाकि है अब। तुझे पूरी रात भर चोदुंगा। तेरी मुस्लिम चूत चोदुंगा, गांड मारूँगा और झड़ने के बाद, लौड़ा खड़ा करने को तुम्हारे मुंह मे डालुगा रांड़…”

फिर एक बार राज ने अपना लंड गुलबदन के मुँह मे डाला जिसे गुलबदन पूरे जोश से चूसने लगी।

राज गुलबदन की चूत चाटके बोला- “सालि बिलकुल रंडी जैसे चुसती है तू। कितने मर्दो का लौड़ा चूसा है अब तक तूने छीनाल… सालि जवान बेटी को बारीश मे सुलाया है और इधर तू रंडी जैसी हमारे गरम लंड से चुदवाने वालि है। अहह और चूस मेरा लौड़ा हरामी रंडी मुस्लिम चूत…”


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