मेरे पति और मेरी ननद complete

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xyz
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Re: मेरे पति और मेरी ननद

Post by xyz »

dil1857 wrote:good
rangila wrote:गजब की मस्ती से लबालब कहानी है मित्र
komaalrani wrote:नया टर्न , वेरी हाट।

thank you so much all of you
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xyz
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Re: मेरे पति और मेरी ननद

Post by xyz »

जैसे ही मैंने यह कहा.. तो फ़ौरन ही डॉली का हाथ अपने होंठों की तरफ बढ़ा और वो अपने होंठों को साफ करने लगी।
उसकी इस हरकत पर मैं हँसने लगी और बोली- अरी पगली.. कुछ नहीं लगा हुआ हुआ.. सब तो तू चाट गई है.. मैं तो सिर्फ़ यह देखने के लिए ऐसा बोली थी कि मुझे पता चल सके कि वहाँ पर क्या-क्या हुआ है..
डॉली ने शरमाते हुए कहा- भाभी आप भी ना बस..
फिर हम दोनों भी हँसते हुए चलते हुए उन दोनों की पीछे स्टैंड पर आ गए।
वे दोनों अपनी बाइक्स ले आए.. मैं और डॉली दोनों ही चेतन की बाइक पर बैठने लगीं.. तो मोहन बोला- भाभी आप मेरे साथ आ जाओ.. क्या जरूरी है कि आप सबको एक बाइक पर ही बैठना है? मैं भी तो घर ही जा रहा हूँ ना..
चेतन ने मेरी तरफ देखा और बोला- हाँ ठीक है.. तुम मोहन के साथ बैठ जाओ.. मैं डॉली को बैठा लेता हूँ।
मैंने एक नज़र मुस्कुरा कर डॉली की तरफ देखा और फिर मोहन की तरफ बढ़ी मुझे अपनी तरफ आता हुआ देख कर उसकी भी आँखें चमक उठी थीं।
मैं आगे बढ़ी और फिर मोहन के कंधे पर हाथ रख कर उसकी बाइक पर उसके पीछे बैठ गई और हम सब घर की तरफ चल पड़े।
मोहन के पीछे मैं जानबूझ कर उससे चिपक कर बैठी थी.. मैंने अपनी चूचियों को भी मोहन की बैक के साथ लगा दिया था और जैसे ही मोटर बाइक थोड़ा सा उछलती.. तो मैं अपनी चूचियों को उसकी पीठ के साथ रगड़ देती। इस तरह मुझे इस खूबसूरत और मासूम लड़के को टीज़ करने में बहुत मज़ा आ रहा था।
घर पहुँच कर मोहन ने अपने घर का दरवाज़ा नॉक किया.. तो उसके पापा ने दरवाजा खोला.. तो हमें अपनी बेटे के साथ देख कर खुश हुए और बोले- चलो अच्छा हुआ कि यह अकेला नहीं था।
फिर मैंने उनको सलाम बोला और अपने घर के अन्दर आ गए।
घर में आकर डॉली अपने कमरे में कपड़े चेंज करने के लिए चली गई और मैं और चेतन अपने बेडरूम में आ गए। अपने कपड़े चेंज करते हुए चेतन मुझे मज़ाक़ करते हुए बोला।
चेतन- उस लड़के के साथ बहुत चिपक-चिपक कर बैठ रही थी।
मैं- नहीं तो.. ऐसी तो कोई बात नहीं है.. तुमको तो पता ही है ना.. कि बाइक पर ऐसे ही बैठा जाता है।
चेतन हँसते हुए- हाहहहहा.. बस करो.. अब मुझे सब कुछ दिख रहा था कि कैसे तुम अपनी यह खूबसूरत चूचियों को उसकी पीठ पर रगड़ रही थी।
मैं- अच्छा जी.. मेरा सब कुछ पता है तुमको.. लेकिन अपना नहीं पता.. जो अपनी ही सग़ी बहन को पटा रहे हो..
चेतन एकदम से घबरा गया और बोला- कक्ककया..क्या मतलब है तुम्हारा?
मैं- हाहहहाहा.. देखा ना.. चोरी पकड़ी गई तुम्हारे. मैं सब देख रही हूँ कि कुछ दिनों से कैसे तुम्हारा अपनी ही सग़ी छोटी बहन पर दिल आ रहा है और कैसे तुम उसके लिए बेचैन हो रहे हो। अगर कोई ऐसी बात है ना.. तो मुझे बता दो.. मैं तुम्हारी हेल्प कर दूँगी.. मेरी जान.. मैं आख़िर तुम्हारी दोस्त भी तो हूँ ना..
चेतन घबरा कर इधर-उधर देख रहा था.. मैं और आगे बढ़ी और उसके क़रीब जाकर उसके होंठों को चूम कर बोली- डोंट वरी डियर.. होता है.. ऐसा भी होता है.. वैसे तुम्हारी बहन है बहुत सेक्सी और खूबसूरत.. मैं अगर लड़का होती ना.. तो कब से उसे चोद चुकी होती।
मेरे होंठ अभी भी उसके होंठों को चूम रहे थे और मेरा एक हाथ नीचे जाकर उसके लण्ड को सहला रहा था.. जो कि उसकी पैन्ट में अकड़ रहा था।
मैंने उसे किस करते हुए उसकी पैन्ट खोल कर नीचे गिरा दी और उसके लण्ड को उसकी अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ लिया।
चेतन का लंड अकड़ा हुआ था और अंडरवियर में कड़क हो रहा था।
मैं उसके लण्ड को सहलाते हुए आहिस्ता आहिस्ता सरगोशियाँ करने लगी- चेतन.. मेरी जान.. डॉली बहुत हॉट लड़की है.. उफ्फ़.. उसकी जवान और चिकनी चमड़ी.. किस क़दर मुलायम और मदहोश कर देने वाली जिल्द पाई है.. इस्स्स.. उसके रसीले होंठ.. उफफ्फ़.. कितने सेक्सी और कितनी रस से भरे हुए हैं.. जैसे सुर्ख गुलाब हों.. मेरा तो दिल करता है.. एक ही बार में उसके होंठों का रस पी लूँ.. आह्ह..
यह कहते हुए मैं चेतन के होंठों को चूस रही थी।
चेतन मेरी कमर में अपनी बाज़ू डाल कर मुझे अपने साथ दबाते हुए बोला- क्या कह रही हो मेरी जान.. उम्माह.. ऐसा मत बोलो.. वो मेरी बहन है..
लेकिन उसका लंड उसके अल्फ़ाजों का साथ नहीं दे रहा था और अकड़ता ही जा रहा था.. जिसे मैंने अब उसकी अंडरवियर से बाहर निकाल लिया था और अपनी मुठ्ठी में लेकर सहला रही थी।
मैं- उफ्फ्फ.. चेतन अगर तुम एक बार अपना यह लंड उसकी कुँवारी चूत में डाल लो ना.. तो ज़िंदगी भर उसके गुलाम बन जाओगे.. काश.. मेरे पास लंड होता.. तो सबसे पहले मैं तुम्हारी बहन की कुँवारी चूत को चोदती..
मैं अपनी ज़ुबान चेतन के मुँह में डालते हुए बोली- बोलो भरना चाहते हो ना अपनी बहन को.. अपनी बाँहों में.. चूमना चाहते हो ना उसके खूबसूरत गालों को… चूसना चाहते हो ना उसके रसीले होंठों को… चोदना चाहोगे ना.. उसकी कुँवारी चूत को.. अपनी इस मोटे लंड से..
चेतन ने जोर से मुझे अपनी सीने से चिपका लिया और मेरे होंठों को अपने होंठों से मसलता हुआ बोला- बस करो.. डार्लिंग.. बस करो..ऊऊऊओहह.. मेरी जान.. कहीं ऐसा ना हो कि मैं अभी उसे चोदने चला जाऊँ.. आह्ह..
इतने में दरवाजे पर नॉक हुई.. तो हम दोनों एक-दूसरे से अलग हो गए।
डॉली अन्दर आई तो बोली- हैलो गाइस.. कोई मिल्क शेक लेना चाहेगा कि नहीं.. मैं बनाने जा रही हूँ..
मैंने कहा- हाँ.. बना लो सबके लिए लेकिन तुम्हारे भैया तो शायद आज की रात ‘दूध’ ही पीना पसंद करेंगे..
मेरी बात सुन कर चेतन घबरा गया और बोला- नहीं नहीं.. मेरे लिए भी मिल्क शेक ही बना लाओ।
डॉली ने मेरी बात समझ ली थी.. वो हँसती हुई वहाँ से चली गई और फिर मैं भी कपड़े चेंज करने लगी।
मैं जानती थी कि चेतन परेशान है कि वो अब मुझे क्या बताए कि वो तो अपनी बहन को पहली ही चोद चुका हुआ है। लेकिन मैं भी अब तीनों के दरम्यान का यह परदा खत्म कर देना चाहती थी।
चेतन को कमरे में छोड़ कर मैं बाहर रसोई में आई.. तो डॉली मुझे देख कर मुस्कुराने लगी।
मैंने उसे पीछे से अपनी बाँहों में भरा और बोली- क्यों फिर खूब मजे किए हैं ना.. अपने भैया के साथ सिनेमा में?
डॉली मुझे जवाब देती हुई बोली- भाभी आप भी तो उस लड़के के साथ खूब मजे करके आई हो ना?
मैं- अरे नहीं यार.. ऐसी तो कोई बात नहीं है..
डॉली- भाभी मैंने सब देखा था कि कैसे आप उसकी बैक पर अपनी चूचियों को रगड़ रही थीं।
मैं अब थोड़ी डिफेन्सिव होने लगी- नहीं यार.. वो तो बस बाइक पर बैठने की वजह से ऐसा हो रहा था..
डॉली- लेकिन भाभी इसमें हर्ज तो कोई नहीं है.. वैसे वो है भी खुबसूरत और चिकना लड़का.. मैं तो कहती हूँ कि पटा लो भाभी उसको.. अपनी हुस्न के जादू से..
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Re: मेरे पति और मेरी ननद

Post by xyz »

मैं डॉली के बाज़ू पर एक हल्का सा थप्पड़ मारते हुई बोली- इतना ही अच्छा लग रहा है.. तो तू खुद पटा ले उसको और कर ले उसके लौड़े के साथ मजे..
डॉली- ना बाबा ना.. अभी तो मेरे लिए भैया ही काफ़ी हैं.. आप कर लो उसे क़ाबू में..
मैं शरम से सुर्ख होती हुई बोली- अच्छा चल छोड़ इन बातों को.. और चल मिल्क शेक लेकर चलें.. अन्दर तेरा भैया तेरा इन्तजार कर रहा होगा।
मेरी बात सुन कर डॉली हँसने लगी और फिर हम दोनों रसोई से बेडरूम में आ गए और सबने मिल कर बैठ कर मिल्क शेक पिया। जितनी देर तक हम लोग बैठे.. उतनी देर भी चेतन की नजरें अपनी बहन के जिस्म का ही जायज़ा लेती रहीं।
लेकिन जैसे ही मैं उसे अपने बहन को देखता हुआ पकड़ती.. तो वो शरम से थोड़ा झेंप जाता.. लेकिन मैं उसे शर्मिंदा करने की बजाय मुस्कुरा देती।
मिल्क शेक पीकर मैं और डॉली बाहर रसोई में आ गए और पीछे ही चेतन भी आ गया और टीवी ऑन करके देखने लगा।
रसोई से फारिग होकर मैंने डॉली को पहनने को एक नाईटी दी और कहा- तुम आज यह नाईटी पहन कर हमसे पहले ही जाकर सो जाओ..
वो एक ढीली सी सिल्की शॉर्ट नाईटी थी.. जो कि उसके घुटनों तक आती थी और उससे नीचे उसकी दोनों खूबसूरत टाँगें बिल्कुल नंगी हो जाती थीं। इस नाईटी का गला भी काफ़ी खुला और गहरा था.. जिससे उसका क्लीवेज और चूचियों का बहुत सा दूधिया हिस्सा साफ़ नज़र आ रहा था। नाईटी थी भी स्लीबलैस जिससे उसकी दोनों खुबसूरत बाज़ू बिल्कुल नंगे दिख रहे थे।
मैं चेतन के पास आकर बिल्कुल उससे चिपक कर बैठ कर टीवी देखने लगी.. थोड़ी देर में डॉली अपने कमरे से निकली तो जैसे ही उसकी सेक्सी ड्रेस पर चेतन की नज़र पड़ी.. तो वो चौंक उठा और उसकी आँखें भी चमक उठीं।
डॉली ने हमारी सामने खड़ी होकर एक जोरदार अंगड़ाई ली और बोली- भाभी मुझे तो नींद आ रही है.. मैं जा रही हूँ सोने के लिए.. आप लोगों ने जब भी आना हो आ जाना..
मैं- हाँ.. ठीक है तुम जाओ.. हम भी थोड़ी देर में आ रहे हैं।
डॉली ने एक मुस्कुराती हुई नज़र अपने भाई पर डाली और फिर अपने चूतड़ों को ठुमकाते हुए अन्दर चली गई।
मैं चेतन के साथ चिपक कर बोली- देखा अपनी बहन को.. मेरी नाईटी में कितनी सेक्सी लग रही थी.. इसे अगर कोई भी ऐसी देख ले ना.. तो कभी भी इसे चोदे बिना ना छोड़े..
चेतन- लेकिन तुमने उसे अपने नाईटी क्यों दी है?
मैं- क्यों उस पर अच्छी नहीं लग रही क्या?
चेतन- अच्छी तो लग रही है.. लेकिन..
मैं- अरे इसलिए तो उसे ऐसी ड्रेस पहनाती हूँ.. ताकि तुम देख सको कि तुम्हारी अपनी सग़ी छोटी बहन किस क़दर खूबसूरत और हसीन है और उसका जिस्म कितना सेक्सी है। तुमने चूचियाँ देखी था ना डॉली की.. उस नाईटी में से झाँकते हुए कितनी खूबसूरत लग रही थीं।
चेतन- प्लीज़ अनीता.. कैसी बातें कर रही हो.. वो बहन है मेरे.
मैं- अरे यार क्या हुआ.. बहन है तो.. तुम मेरा साथ दो ना.. तो मैं उसे तुम्हारे नीचे सुला दूँ..
चेतन चुप कर बैठ गया।
कुछ 15 मिनट के बाद हम दोनों भी उठ कर बेडरूम में आ गए.. तो डॉली आँखें बंद करके लेटी हुई सो रही थी.. उसने करवट ली हुई थी और अपनी एक टाँग आगे को करके मोड़ी हुई थी। जिसकी वजह से उसकी टांग जाँघों तक नंगी हो रही थी। उसके खूबसूरत चूतड़ बाहर को निकले हुए थे।
जैसे ही हम दोनों की नज़र डॉली पर पड़ी.. तो हमारे क़दम वहीं पर ही रुक गए।
हमारी नजरें डॉली की नंगी टाँगों और उसके सेक्सी पोज़ पर थीं।
मैंने मुस्कुरा कर चेतन की तरफ देखा और फिर उसका हाथ पकड़ कर आगे बिस्तर की तरफ बढ़ी। मैंने उसे डॉली की एक साइड पर लेटने को कहा और खुद उसकी दूसरी तरफ बिस्तर की बैक से तकिया लगा कर बैठ गई।
अब मैंने आहिस्ता आहिस्ता अपना हाथ डॉली की नंगी जांघ पर रखा और उसे सहलाने लगी। मेरा हाथ डॉली की चिकनी जांघ पर फिसलता जा रहा था।
मैं- लो डॉली को देखो छू कर.. कितनी चिकनी जिल्द है तुम्हारी बहन की..
यह कह कर मैंने चेतन का हाथ पकड़ा और उसे डॉली की जांघ पर रख दिया। चेतन ने अपना हाथ हटाना चाहा.. लेकिन मैंने उसके हाथ को आहिस्ता आहिस्ता डॉली की जाँघों पर सहलवाना शुरू कर दिया। अपनी आँखों के सामने एक भाई को अपनी ही सग़ी बहन की नंगी जांघ पर इस तरह से हाथ फेरते हुए देख कर मेरी अपनी चूत भी गीली होने लगी।
कुछ ही देर में डॉली ने करवट ली और बिस्तर पर सीधी होकर लेट गई। जैसे ही डॉली हिली तो चेतन ने अपना हाथ हटा लिया और इतने में डॉली अपने भाई को दिखाने के लिए दोबारा गहरी नींद में चली गई।
मैंने डॉली के पतले-पतले होंठों पर अपनी उंगली फेरनी शुरू की और बोली- चेतन.. देखो तुम्हारी बहन के कितने प्यारे होंठ हैं..
यह कह कर मैं झुकी और अपने होंठ डॉली के होंठों पर रख दिए और उसको किस करने लगी। फिर मैंने चेतन के सिर के पीछे अपना हाथ रखा और उसके सिर को नीचे डॉली के चेहरे पर झुकाने लगी।
चेतन बिना अपने मुँह से कोई भी लफ्ज़ निकाले हल्की सी मज़ाहमत कर रहा था.. लेकिन चंद लम्हों के बाद ही उसके होंठ अपनी बहन के होंठों तक पहुँच चुके थे। चेतन ने एक लम्हे के लिए ऊपर मेरी तरफ देखा और अगले ही लम्हे उसके होंठ अपनी बहन के होंठों पर आ गए..
चेतन ने मेरी आँखों में देखते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी बहन को किस करना शुरू कर दिया.. हौले-हौले वो अपनी बहन के होंठों को चूम रहा था और फिर उसने हिम्मत करते हुए डॉली के एक होंठ को अपने दोनों होंठों की गिरफ्त में लिया और उसे चूसने लगा..
मेरे हाथ अब डॉली की छोटी-छोटी चूचियों पर पहुँच चुके थे और मैं उसकी चूचियों को उसकी नाईटी के ऊपर से ही सहला रही थी और हौले-हौले दबा रही थी।
चेतन अभी भी अपनी बहन के होंठों को चूम रहा था.. तो मैंने उसका एक हाथ पकड़ा और फिर उसे आहिस्ता से डॉली की चूची पर रख दिया।
एक लम्हे के लिए तो शायद चेतन को सब कुछ भूल गया और उसने आहिस्ता आहिस्ता अपनी बहन की चूची को दबाना शुरू कर दिया।
फिर जैसे उसे अचानक से अहसास हुआ तो उसने अपने होंठ और हाथ दोनों ही अपनी बहन के जिस्म से पीछे कर लिए..
मैंने दोबारा से चेतन का हाथ पकड़ कर डॉली की चूचियों पर रखा और बोली- देखो.. कितनी सॉलिड हैं.. तुम्हारी बहन की चूचियां.. बिना किसी ब्रा के सपोर्ट के भी.. कितनी तनी हुई हैं..
चेतन ने मेरी तरफ देखा और फिर आहिस्ता आहिस्ता अपनी बहन की चूचियों को दबाने लगा..
मैंने डॉली की नाईटी के गले को थोड़ा नीचे को खींचा.. तो डॉली की चूचियों का ऊपरी हिस्सा और उसका क्लीवेज नंगा हो गया।
मैंने चेतन को इशारा किया कि झुक कर उसको चूम ले..
चेतन ने आहिस्ता आहिस्ता अपना सिर नीचे झुकना शुरू किया और फिर उसके होंठ अपनी बहन के सीने के ऊपरी नंगे हिस्से पर आ गए और उसने आहिस्ता से डॉली के सीने को चूम लिया।
फिर आहिस्ता आहिस्ता नीचे को जाते हुए वो डॉली की क्लीवेज को चूमने लगा।
धीरे-धीरे उसकी ज़ुबान बाहर को निकली और उसने अपनी बहन की क्लीवेज को चाटना भी शुरू कर दिया।
मैंने आहिस्ता आहिस्ता डॉली की नाईटी को उसकी पेट पर से ऊपर की तरफ सरकाती हुए उसके पेट को नंगा किया और फिर उसकी नाईटी को उसकी चूचियों से ऊपर कर दिया।
डॉली की दोनों खूबसूरत छोटी.. लेकिन सख़्त और प्यारी गोल-गोल चूचियाँ अपने भाई की नज़रों के सामने नंगी हो गई थीं। उसकी दोनों सफ़ेद चूचियों के ऊपर दोनों गुलाबी रंग के निप्पल बिल्कुल टाइट होकर अकड़े हुए थे।
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Re: मेरे पति और मेरी ननद

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चेतन उनको देखता रहा और फिर उसका हाथ आहिस्ता आहिस्ता आगे बढ़ा और उसने अपनी बहन की चूचियों को सहलाना शुरू कर दिया। फिर डॉली के निप्पलों को अपनी उंगलियों में लेकर सहलाने लगा।
मैंने चेतन को इशारा किया और फिर खुद भी नीचे को झुक कर डॉली के एक निप्पल को अपने होंठों में भर लिया और उसे चूसने लगी।
चेतन भी मुझको देख कर नीचे झुका और अपनी बहन के दूसरे निप्पल को आहिस्ता आहिस्ता अपनी ज़ुबान की नोक से चाटने लगा।
फिर चेतन ने भी अपने होंठों को खोला और डॉली के एक गुलाबी निप्पल को अपने होंठों में भर लिया और उसे चूसना शुरू कर दिया।
एक ही वक़्त में दो-दो लोगों से अपनी चूचियों चुसवाना डॉली जैसी जवान और कमसिन लड़की बर्दाश्त ना कर सकी.. और एकदम से अपनी आँखें जोर से बंद करते हुए अपने दोनों हाथ मेरे और चेतन के सिर पर रख दिए और हम दोनों के सिर को नीचे अपनी चूचियों पर दबाने लगी और चिल्लाई- उफफ्फ़.. भाभीई.. ईई.. भैया..आआ..हह.. बस कर दो प्लीज़्ज.. यह क्या कर रहे हो.. आह..
चेतन ने अपनी बहन के चेहरे की तरफ देखा और फिर फ़ौरन से ही मेरे चेहरे की तरफ देखने लगा कि यह क्या हो रहा है।
मैं धीरे से मुस्कुराई और बोली- डोंट वरी डार्लिंग.. तुम्हारी बहन मुझे सब बता चुकी है कि कैसे तुम उसे चोद चुके हो।
चेतन ने शर्मिंदा होते हुए अपना सिर नीचे झुका लिया।
मैं- अरे यार.. शर्मिंदा होने की कोई बात नहीं.. तुम्हारी जगह अगर मैं होती.. तो मैं भी इस डॉली जैसी चिकनी और सेक्सी लड़की को कभी भी हाथ से ना जाने देती और इसे चोद ही डालती.. नाउ जस्ट चिल डाउन.. एंड एंजाय यूअर ओअन सिस्टर्स’ हॉट बॉडी..
चेतन मेरी बात सुन कर मुस्कुराया और एकदम मुझे खींच कर अपनी बाँहों में लेकर मेरे होंठों को चूमते हुए बोला- ऊऊऊऊ ऊऊऊओ यू आर सो स्वीट माय डियर वाइफ.. तुम मुझको कितना समझती हो और कितना मेरा ख्याल रखती हो.. आई लव यू हनी..
मैंने खुद को चेतन की बाँहों में से निकाला और फिर डॉली को उठा कर उसकी नाईटी उतार दी और उसे अपने भाई की आँखों के सामने बिल्कुल नंगी कर दिया।
डॉली हम दोनों के सामने नंगी होने में थोड़ी शरम महसूस कर रही थी। लेकिन फ़ौरन ही चेतन ने उसकी नंगे बदन को अपनी बाँहों में खींचा और अपने होंठ उसके तपते होंठों पर रख दिए और उसे आहिस्ता आहिस्ता चूमने लगा।
अबकी बार डॉली भी अपने भाई का पूरा-पूरा खुल कर साथ दे रही थी.. वो उसके होंठों को चूम रही थी और चूस रही थी।
चेतन ने अपनी ज़ुबान डॉली के मुँह के अन्दर दाखिल की.. तो डॉली ने उसे चूसना शुरू कर दिया।
चेतन उसकी चूचियों के साथ खेलते हुए उससे अपनी ज़ुबान चुसवाने लगा।
मैंने चेतन का बरमूडा उतार दिया और उसका लंड नंगा हो गया। उसे मैंने अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।
ऊपर चेतन के होंठ अभी भी डॉली के होंठों से चिपके हुए थे।
मैंने डॉली को नीचे खींचा और उसके भाई का लंड उसकी तरफ बढ़ाया। डॉली एक लम्हे के लिए झिझकी.. और फिर अपने भाई के लंड के अगले हिस्से को अपने मुँह में ले लिया और चूसना शुरू कर दिया।
मैं उसके लण्ड के बाक़ी के हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटने लगी।
फिर मैंने डॉली को बिस्तर पर लिटाया और उसकी दोनों टाँगों को खोल दिया और चेतन से बोली- आ जाओ मेरे प्यारे पति जी.. आज अपनी बहन डॉली को मेरी नज़रों के सामने चोदो.. और डाल दो इसकी चूत में अपना लंड..
मैंने चेतन का लंड बड़े ही प्यार से अपने हाथ में पकड़ा और उसे उसकी बहन डॉली की नाज़ुक सी मुलायम गोरी-चिट्टी चिकनी चूत पर रख कर आहिस्ता आहिस्ता सुपारे को चूत की दरार में ऊपर-नीचे रगड़ने लगी।
डॉली की चूत से पानी निकल रहा था और वो चूतरस चेतन के लंड के ऊपर लग रहा था।
एक भाई का लंड अपनी ही बहन की चूत पर देख कर मुझे अजीब सा मज़ा आ रहा था।
फिर चेतन ने अपना लंड डॉली की चूत के सुराख पर रखा और आहिस्ता आहिस्ता जोर लगाने लगा।
अगले ही लम्हे चेतन के लंड की टोपी फिसलती हुई डॉली की चूत के अन्दर उतर गई और साथ ही डॉली के मुँह से एक तेज सिसकारी भी निकल गई।
आहिस्ता आहिस्ता चेतन ने अपने लंड को डॉली की सिर्फ़ एक बार चुदी हुई चूत के अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। इस तरह धीरे-धीरे चेतन का पूरा लंड डॉली की चूत में उतरने लगा और अन्दर-बाहर होने लगा।
डॉली भी लज़्ज़त के मारे आँखें बंद करके सिसकारियाँ लिए जा रही थी।
मैंने नीचे झुक कर डॉली की चूत की दाने पर अपनी ज़ुबान की नोक फेरना शुरू कर दी और उसकी चूत को सहलाने लगी।
उस बेचारी डॉली के लिए एक ही वक़्त में दो दो मजे बर्दाश्त करना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। इसलिए चंद लम्हों में ही वो अपनी मंज़िल को पहुँच गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।
चेतन ने कुछ देर के लिए अपने लंड को उसकी चूत में अन्दर-बाहर किया और फिर अपना लंड अपनी बहन की चूत से बाहर निकाल लिया।
अब उसने मुझे डॉली के ऊपर आने का इशारा किया.. मैं डॉली के ऊपर आ गई और अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया।
अब मेरी चूत उसकी चूत के बिल्कुल ऊपर थी।
चेतन ने अब पीछे से मेरी चूत में अपना लंड डाला और अपने लंड को आगे-पीछे करते हुए मेरी चूत चोदने लगा।
उसके धक्कों के साथ मेरी चूत डॉली की चूत के साथ भी रगड़ खा रही थी। जिससे अलग ही लज़्ज़त मिल रही थी।
ऊपर मेरे होंठ डॉली के होंठों के साथ चिपके हुए थे और मैं डॉली को चूम रही थी। उसके होंठों को चूस रही थी। कभी मेरी ज़ुबान उसके होंठों के अन्दर दाखिल हो जाती और उसे वो चूसने लग जाती।
कुछ ही देर मुझे चोदने के बाद चेतन ने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और थोड़ा नीचे लिए जाकर दोबारा से अपनी बहन की चूत में डाल दिया।
अब मेरी कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़ कर वो डॉली को चोद रहा था।
ऐसे ही अब चेतन ने बारी-बारी हम दोनों को चोदना शुरू कर दिया और आख़िरकार अपनी बहन की चूत के अन्दर अपना पानी गिरा कर फारिग हो गया और हम दोनों की ऊपर ही ढेर हो गया।
काफ़ी देर तक हम तीनों ऐसी ही लेटे रहे.. फिर चेतन हम दोनों के दरम्यान लेट गया और हम दोनों उसकी नंगे जिस्म के साथ अपने नंगे और गोरे जिस्मों को चिपका कर लेट गईं।
चेतन हम दोनों की कमर पर हाथ फिराता हुआ बोला- आज से मेरी दो-दो बीवियाँ हैं.. अब तो डॉली भी मेरी बीवी ही बन गई है।
मैं हँसते हुए बोली- ठीक है.. अगर तुमने डॉली को अपनी बीवी बना लिया है.. तो फिर मैं तुम्हारी बहन बन जाती हूँ और आज से तुमको भैया बोला करूंगी।
इस बात पर हम तीनों हँसने लगे और आगे के हसीन और सेक्स से भरपूर ज़िंदगी के सपने देखते हुए नींद के आगोश में चले गए।






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