पंजाबी मालकिन और नौकर complete
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Re: पंजाबी मालकिन और नौकर
nice update........................plz cont.....................
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
*****************
दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
मगर आप जैसे दोस्त नसीब वालों को मिलते हैं!
*****************
बन्धन
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- Rohit Kapoor
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- Joined: 16 Mar 2015 19:16
Re: पंजाबी मालकिन और नौकर
xyz wrote:bahoot hi mast kahani hai
Jemsbond wrote:nice update........................plz cont.....................
thanks you so much
Read my all stories
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
- Rohit Kapoor
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Re: पंजाबी मालकिन और नौकर
बीजी : धरम लगदा ए तू वी काफ़ी प्रैक्टिस किति ए...
मैं : ओ देखो इक औरत और जा रही है.....ए ले मेरा गुब्बारा..
मैंने गुब्बारा उस औरत के मम्मो पे मारा था और वो वही लगा............हम दोनो छुप
गये.....बीजी थोड़ा थोड़ा हसने लगी फिर मुस्कुराने लगी...
बीजी : पुतर.....तू ग़लत जगह मार दित्ता है....
मैं : नही बीजी....उसको तो पता वी नही चला होगा.........कितने बड़े थे उस दे....
फिर एक आदमी आ रहा था...थोड़ा बूढा था....
बीजी : हुन मेरी वारी.....
बीजी ने उस बूढ़े को मारा तो उसके पेट पे लगा....................हम फिर छुप गये..........बीजी की हँसी नही रुक रही थी.......
मैं : ओह बीजी........थोडा ऊपर रह गया.........इस वार निशाना चूक गया त्वाड्डा........तुस्सी मारना ते पेट से थोड़ा
निच्चे सी
बीजी : धत.....मेरा इरादा उधर मारना नही सी..........मैं तेरी तरह नही जो ग़लत जगह मारू....
अब गली मे दो औरते जा रही थी..
मैं : हुन दस्सो....किस औरत दे माराँ....लेफ्ट दे की राईट दे
बीजी : लेफ्ट दे..
मैं : उस दे किस ते माराँ......लेफ्ट ते कि राईट ते..
बीजी : लेफ्ट ते.....नही नही............की मतलब.......
मैंने लेफ्ट वाली औरत दे लेफ्ट मम्मे ते मारा......................उस ते ही लगा......हम फिर छुप गये...........बीजी शरारती
मुस्कुराहट से हसने लगी...........
बीजी : तेनू ते मारने वास्ते इक ही जगह पसंद आई है.......
हुन बीजी सड़क ते देख रही सी की अगला वार कौन होगा........मे थोड़ा पीछे गया और बोला
मैं : बीजी.....औरा नू ते बहुत मार लित्ता, हुन अस्सी वी ते थोड़ा रंग लगा ले......इत्थे आ जाओ
बीजी थोड़ा पास आई और बोली
बीजी : नही नही....मैंनु डर लगदा ए.....मैं ज़्यादा रंग नही लगान्दि....
मैं : बीजी.....हूँ बहाने ना बनाओ.....इत्थे आओ..
बीजी : ना.......मैं नही आंदी.....
मैं : ते मैं ही आ जान्दा आं...
बीजी मुझसे दूर भागने लगी...........हँस रही थी
बीजी : मैं तेरे हाथ ना आवान्गी........
मैं बीजी को पकड्ने के लिए भागा...........बीजी कभी इधर होती...कभी उधर........मैंने हाथ मे गुलाल
ले रखा था.........
मैं : बीजी.......आआ.......हा हा.....बचोगे नही तुस्सी........
बीजी : ही.....दूर रे मुन्डया........
बीजी भाग रही थी...मैं उनके पीछे भाग रहा था रंग लगाने के लिए............वे
हसती जा रही थी.......कुछ देर बाद मैंने उन्हे पकड़ ही लिया और उनके गालो पे गुलाल
लगाने लगा............वे मुझे से फिर से भागे ना इसलिए मैंने एक हाथ से उन्हे कमर से
पकड़ लिया...
मैं : हाहा....ये...पकड़ लिया ना
बीजी.........ओह हूऊऊ......होली है.
मैं बीजी के गालो पे गुलाल मल रहा
था.......बीजी छुड़ाने की कोशिश कर रही थी...
बीजी : म्म्म्मीमम.......बस बस.....ज़्यादा मत लगा.......
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- Rohit Kapoor
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- Joined: 16 Mar 2015 19:16
Re: पंजाबी मालकिन और नौकर
बीजी छुडा कर फिर भाग गयी.............मैं भी उनके पीछे भागा.......जहा रंग रखे
थे मैंने उन्हे वहाँ जा के पीछे से पकड़ लिया.......पीछे से एक हाथ उनके पेट पे रखा
और पीछे से ही एक हाथ से उनके गालो पे गुलाल मलने लगा.....
मैं : ओ..बीजी....होली है.........
बीजी : हट शैतान.......एम्म्म
हम लोग फ्रंट की दीवार से काफ़ी दूर थे....इसलिए हमे कोई देख नही सकता था.................................क्योकि रंग और
गुब्बारे बिल्कुल पास मे ही पड़े थे, मैंने उनके गाल से हाथ हटा कर एक गुब्बारा हाथ मे
लिया.....और अपने हाथ मे ही रख के बीजी के पेट पे मारा.......
मैं : होली है...........
बीजी : ओह्ह्ह...पुतर....मैंनु वी गुब्बारे मारदा है......
मेरा एक हाथ अभी बीजी के पेट पर कस के रखा था जिससे बीजी भाग ना जाए.....................
मैंने डिब्बा (जार) रंग की बाल्टी मे डाला........और डिब्बा बीजी के सिर पे उलट दिया...........
बीजी : ओह्ह्ह.....तू ते मैंनु पूरा गीला कर दित्ता है...छोड़ मैंनु...
मैं : बीजी.....हाली ते होली शुरू ही किटी है.......
मैंने एक डिब्बा और डाल दिया बीजी के सिर पे.........................बीजी ने रात वाला
सलवार कमीज़ पहना था जो की बहुत पतले कपड़े का था....बीजी की कमीज़ गीली हो गयीथी...
.उनके बदन से चिपक गयी थी...उनका काला ब्रा सॉफ दिख रहा था...और हल्की हल्की पूरी स्किन....
अब मैंने हाथ मे थोड़ा गुलाल और लिया और
बीजी के गले पे मलने लगा..........जो हाथ मेरा उनके पेट पे था मैं उससे उनका पेट हल्का
हल्का दबाने लगा तो बीजी हसने लगी...
बीजी : हहाा..हाय........मत कर..हाआ...मैंनु गुदगुदी होंदी ए..
अब मैं उनके पेट पे गुलाल मलने लगा.....मैंने दूसरे हाथ मे भी गुलाल ले लिया और पीछे से
ही दोनो हाथो से उनके पेट पे कस कस के गुलाल मलने लगा.........
बीजी : ओह्ह्ह..हाया...तू ते मेरी कमीज़ वी खराब करेगा...
मैं : ते होली विच कपड़े कहाँ बचते है बीजी...........
अब बीजी ने झुक कर थोड़ा गुलाल उठाया और मुड कर मेरे मूँह पर मलने लगी...
बीजी : तू मेरे ही लगान्दा रहेगा.क्या....मैं तेरे वी ते लगावान्गि.......
बीजी मेरे मूँह पे गुलाल लगा रही थी....मेरा हाथ उनके पेट पे था....मैंने भी थोड़ा गुलाल
और लिया..और हाथ उनकी पीठ के पीछे ले जाके
उनकी पीठ पे गुलाल रगडने लगा......उनकी कमीज़ उनकी स्किन से चिपकी हुई थी इसलिए मेरे
हाथ उनकी स्किन के बिल्कुल पास थे...
थे मैंने उन्हे वहाँ जा के पीछे से पकड़ लिया.......पीछे से एक हाथ उनके पेट पे रखा
और पीछे से ही एक हाथ से उनके गालो पे गुलाल मलने लगा.....
मैं : ओ..बीजी....होली है.........
बीजी : हट शैतान.......एम्म्म
हम लोग फ्रंट की दीवार से काफ़ी दूर थे....इसलिए हमे कोई देख नही सकता था.................................क्योकि रंग और
गुब्बारे बिल्कुल पास मे ही पड़े थे, मैंने उनके गाल से हाथ हटा कर एक गुब्बारा हाथ मे
लिया.....और अपने हाथ मे ही रख के बीजी के पेट पे मारा.......
मैं : होली है...........
बीजी : ओह्ह्ह...पुतर....मैंनु वी गुब्बारे मारदा है......
मेरा एक हाथ अभी बीजी के पेट पर कस के रखा था जिससे बीजी भाग ना जाए.....................
मैंने डिब्बा (जार) रंग की बाल्टी मे डाला........और डिब्बा बीजी के सिर पे उलट दिया...........
बीजी : ओह्ह्ह.....तू ते मैंनु पूरा गीला कर दित्ता है...छोड़ मैंनु...
मैं : बीजी.....हाली ते होली शुरू ही किटी है.......
मैंने एक डिब्बा और डाल दिया बीजी के सिर पे.........................बीजी ने रात वाला
सलवार कमीज़ पहना था जो की बहुत पतले कपड़े का था....बीजी की कमीज़ गीली हो गयीथी...
.उनके बदन से चिपक गयी थी...उनका काला ब्रा सॉफ दिख रहा था...और हल्की हल्की पूरी स्किन....
अब मैंने हाथ मे थोड़ा गुलाल और लिया और
बीजी के गले पे मलने लगा..........जो हाथ मेरा उनके पेट पे था मैं उससे उनका पेट हल्का
हल्का दबाने लगा तो बीजी हसने लगी...
बीजी : हहाा..हाय........मत कर..हाआ...मैंनु गुदगुदी होंदी ए..
अब मैं उनके पेट पे गुलाल मलने लगा.....मैंने दूसरे हाथ मे भी गुलाल ले लिया और पीछे से
ही दोनो हाथो से उनके पेट पे कस कस के गुलाल मलने लगा.........
बीजी : ओह्ह्ह..हाया...तू ते मेरी कमीज़ वी खराब करेगा...
मैं : ते होली विच कपड़े कहाँ बचते है बीजी...........
अब बीजी ने झुक कर थोड़ा गुलाल उठाया और मुड कर मेरे मूँह पर मलने लगी...
बीजी : तू मेरे ही लगान्दा रहेगा.क्या....मैं तेरे वी ते लगावान्गि.......
बीजी मेरे मूँह पे गुलाल लगा रही थी....मेरा हाथ उनके पेट पे था....मैंने भी थोड़ा गुलाल
और लिया..और हाथ उनकी पीठ के पीछे ले जाके
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- rajsharma
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- Joined: 10 Oct 2014 07:07
Re: पंजाबी मालकिन और नौकर
बहुत ही मस्तानी अपडेट है दोस्त
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(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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