सपनों के रंग मस्ती संग
दोस्तो आपकी खिदमत में पेश है एक और छोटी सी कामुक कहानी . दोस्तो ये कहानी मेरे उन दिनो शुरू होती है जब मैं उम्र में बहुत छोटा था फिर उम्र के साथ साथ जैसे जैसे मुझे समझ आता गया कि सेक्स होता क्या है मैने सेक्स के भरपूर मज़े लिए . तो चलिए मित्रो चलते हैं मेरी उन दिनो की यादों के सफ़र पर.......... यह जून के महीने के दिनों की बात है, जब मैं मुश्किल से 15 साल का था ..
मैं अपनी चाची के घर गया हुआ था, छुट्टियों के दिनों में रहने के लिए .. मेरी चाची का घर, हमारे घर से थोड़ी ही दूर था .. मेरी चाची का घर, एक डबल स्टोरी था ..
मेरी चाची के दो बेटे हैं – अमित और सुमित .. अमित की उम्र, मुझसे लगभग 4 साल बड़ी है और सुमित मुझसे 2 साल बड़ा है ..
ऊपर पहले फ्लोर पर, मेरी चाची का पूरा परिवार रहता था .. नीचे ग्राउंड फ्लोर पर, एक आगे वाला कमरा ऐसे ही खाली रहता था और अंदर के कमरे उन्होंने रेंट पर दिए हुए थे, एक परिवार को ..
उनके किरायेदार के परिवार में पति और पत्नी दोनों काम करते थे और उनकी 3 बेटियाँ थीं .. तीनों की उम्र लगभग 20, 18 और 16 की होगी .. जो उनकी 20 साल की बेटी थी, डॉली और उनकी 18 साल की बेटी थी, ललिता उन दोनों से काफ़ी दोस्ती थी हमारी ..
हम लोग, साथ में खेला करते थे ..
छुट्टियों के दिनों में हम लोग, मेरी चाची के नीचे वाले आगे वाले कमरे में जाके बैठ जाते थे ..
वहाँ पर मेरे भाई, अपने कुछ आस पास के दोस्त को भी बुला लेते थे .. 3–4 लड़के और 3–4 लड़कियाँ ..
सब लोग नीचे रूम में आ जाते थे और वो डॉली और ललिता भी आ जाती थीं .. उसके बाद फिर, वो सब लोग एक दूसरे के कपड़े उतारते थे और फिर एक दूसरे को चुम्मियाँ करते थे .. पूरे नंगे होकर ..
उस टाइम, मैं बहुत छोटा था तो मुझे समझ नहीं आता था की वो क्या कर रहे हैं ..
मैंने अपने भाई सुमित से पूछा – तुम लोग क्या कर रहे हो … ??
तो वो बोला – इसको “चुदाई” बोलते हैं …
फिर, मैंने पूछा – उससे क्या होता है … ??
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … बस मुझे चुम्मी करने में और लड़कियों के बूब्स दबाने में मज़ा आता है और अमित भैया बोलते हैं की ऐसे ही लड़की गर्भवती होती है …
मैंने उससे पूछा – तो क्या यह सारी लड़कियाँ, गर्भवती हो जाएँगी … ??
उसने जबाब दिया – मुझे नहीं पता … तू अमित भैया से पूछ ले … मुझे तो बस, करने में मज़ा आता है …
मैं देख रहा था और मेरी आँखों के सामने, वो सारे लड़के सारी लड़कियों को चुम्मियाँ कर रहे थे और उनके बूब्स से खेल रहे थे ..
सबकी उम्र लगभग 18 – 20 के आस पास थी – लड़कों और लड़कियों की ..
बस मेरा भाई, सुमित और मैं थोडे छोटे थे ..
मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था ..
बस ऐसे ही, मैं हैरान होकर देख रहा था उनको ..
उनका वो रूम काफ़ी बड़ा था ..
उसमें एक डबल बेड, एक सोफा और एक फोल्डिंग पलंग भी रखा था ..
फिर एक दूसरे को काफ़ी देर तक किस करने और उनके बूब्स दबाने के बाद, मेरे अमित भैया ने रिंकी (उनके साथ जो लड़की थी) उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगे ..
मुझे वो बहुत गंदा लगा और मैंने सुमित को बोला – सुमित मुझे नहीं बैठना यहाँ पर … मैं जा रहा हूँ … दरवाज़ा खोल दे …
सुमित बोला – पागल मत बन … दरवाज़ा नहीं खुलेगा … तू देख तो सही … मज़ा आएगा …
मैं फिर, चुप करके बैठ गया ..
मैंने रिंकी का चेहरा देखा तो रिंकी का चेहरा पूरा लाल हो गया था और लग रहा था की उसे बहुत मज़ा आ रहा है ..
ऐसे ही बाकी सब लड़के लड़कियाँ भी अलग अलग पोज़िशन में प्यार कर रहे थे ..
जैसे सुमित भी मीनू (उसके साथ जो लड़की थी) के बूब्स चूस रहा था और दबा रहा था ..
एक दूसरा उनका दोस्त जय, अपने साथ वाली लड़की की चूत में अपना लण्ड डाल के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था ..
मैं परेशान था और मैंने सुमित से पूछा – ओये.. यह लड़की के ऊपर लेटा हुआ है और इतनी ज़ोर ज़ोर से क्यूँ उछल रहा है… ??
तो सुमित बोला – कहते हैं, ऐसे करने में बहुत मज़ा आता है .. लण्ड को चूत के अंदर डाल के ..
मैंने उससे पूछा – क्या तूने किया है, कभी … ??
तो वो मुझसे बोला – नहीं … मैंने कभी लड़की के अंदर, अपना लण्ड नहीं डाला … अमित, भैया मना करते हैं की 18 के ना होने तक चूत में नहीं डाला जाता … जब मैं 18 का हो जाऊंगा, तब डालूँगा … अभी मैं लड़की के ऊपर लेट के, ऐसे ही धक्के मार लेता हूँ, अपना लण्ड उसकी चूत पर ऊपर से टच करके … और मेरा पानी निकल आता है … उसमें भी बहुत मज़ा आता है …
असल में, अब मुझे भी यह सब देखने में मज़ा आ रहा था ..
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- jay
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Re: सपनों के रंग मस्ती संग
मैंने सुमित से पूछा – क्या मैं इसके बूब्स दबा के देखूं … ??
सुमित ने कहा – ठीक है … करके देख …
मैंने उसके बूब्स पकड़े और उन्हें हाथ में ले के महसूस करने लगा ..
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ..
मेरे लण्ड में कुछ कुछ हो रहा था पर फिर भी उन्हें धीरे धीरे दबाने में मज़ा आ रहा था ..
मैंने अमित भैया की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर हंस रहे थे और रिंकी को चोद रहे थे ..
मुझे शरम आ गई और मैंने उसके बूब्स छोड़ दिए ..
उसके बाद सुमित ने लड़की को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर लेट गया और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगा ..
मैंने देखा उन सब के लण्ड, मेरे लण्ड के मुक़ाबले में बहुत बहुत बड़े थे ..
मुझे लगा मेरा लण्ड तो इतना छोटा है, जाएगा ही नहीं अंदर ..
फिर मैं चुप चाप बैठ कर, उन्हें देख रहा था ..
थोड़ी देर बाद, वो सब लोग फ्री हो गये ..
मैंने देखा, वो सब पसीने से गीले हो चुके थे ..
उन्होंने तोलिये से अपना बदन पोंछा और फिर, वहीं बैठ गये ..
हम लोग फिर ऐसे ही, कुछ कुछ खेल खेल रहे थे ..
उसके बाद, जब थोड़ी शाम हुई ..
5 बजे के आस पास, सब लोग अपने घर चले गये ..
कुछ 2 – 3 बार मैंने देखा, यह सारा खेल और उसके बाद मैं अपने घर आ गया ..
अब मालूम नहीं क्यूँ मेरा बार बार मन होता था की मैं किसी को सेक्स करते हुए देखूं ..
मैं टीवी पर किस करते हुए देखने से ही, उतेज्ज़ित हो जाता ..
उसके बाद मैं टीवी पर सिर्फ़ स्टार मूवीज देखा करता था, उनमें कुछ चुम्मी के दृश्य देखने के लिए ..
वो देखने के बाद ..
मैं भी अपने बेड पर उल्टा लेट जाता और फिर अपना लण्ड बाहर निकालता लोवर से और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगता ..
ऐसे ही धीरे धीरे, समय बीतने लगा ..
अब सबके स्कूल खुल गये थे तो मौका नहीं मिल पाता था, मिलने का ..
मैं सुमित से जब भी मिलता, तब सेक्स के बारे में ही पूछा करता था क्यूंकी अमित भैया से पूछने में मुझे अजीब लगता था क्यूंकी वो बहुत बड़े थे ..
सुमित ने मुझे कुछ किताबें दी, जिनमें बहुत सारी नंगी लड़कियों के चित्र थे चुदाई करवाते हुए ..
मुझे वो किताबें, बहुत मस्त लगी ..
मुझे नहीं पता था की ऐसी किताबें भी आती हैं ..
उन्हें लेकर, मैं खुश हो गया क्यूंकी स्टार मूवीज पर वो नहीं दिखाते थे जो मैं देखना चाहता था ..
दिन ऐसे ही, बीत रहे थे ..
मैं किताबें देखता और फिर बेड पर उल्टा लेट के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार के अपना पानी निकाल लेता …
अब धीरे धीरे, मेरा लण्ड भी बड़ा होने लगा था ..
यह देख कर, मुझे बहुत अच्छा महसूस होता था ..
उस वक़्त, मेरी उम्र 17 की होगी और मैं 12 वी क्लास में आ गया था ..
मेरी एक पड़ोसन थी ..
उसका नाम – कांता था ..
हम दोनों बहुत ज़्यादा करीब थे, बचपन से ही ..
सुमित ने कहा – ठीक है … करके देख …
मैंने उसके बूब्स पकड़े और उन्हें हाथ में ले के महसूस करने लगा ..
मुझे बहुत अच्छा लग रहा था ..
मेरे लण्ड में कुछ कुछ हो रहा था पर फिर भी उन्हें धीरे धीरे दबाने में मज़ा आ रहा था ..
मैंने अमित भैया की तरफ देखा तो वो मुझे देख कर हंस रहे थे और रिंकी को चोद रहे थे ..
मुझे शरम आ गई और मैंने उसके बूब्स छोड़ दिए ..
उसके बाद सुमित ने लड़की को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर लेट गया और ज़ोर ज़ोर से उछलने लगा ..
मैंने देखा उन सब के लण्ड, मेरे लण्ड के मुक़ाबले में बहुत बहुत बड़े थे ..
मुझे लगा मेरा लण्ड तो इतना छोटा है, जाएगा ही नहीं अंदर ..
फिर मैं चुप चाप बैठ कर, उन्हें देख रहा था ..
थोड़ी देर बाद, वो सब लोग फ्री हो गये ..
मैंने देखा, वो सब पसीने से गीले हो चुके थे ..
उन्होंने तोलिये से अपना बदन पोंछा और फिर, वहीं बैठ गये ..
हम लोग फिर ऐसे ही, कुछ कुछ खेल खेल रहे थे ..
उसके बाद, जब थोड़ी शाम हुई ..
5 बजे के आस पास, सब लोग अपने घर चले गये ..
कुछ 2 – 3 बार मैंने देखा, यह सारा खेल और उसके बाद मैं अपने घर आ गया ..
अब मालूम नहीं क्यूँ मेरा बार बार मन होता था की मैं किसी को सेक्स करते हुए देखूं ..
मैं टीवी पर किस करते हुए देखने से ही, उतेज्ज़ित हो जाता ..
उसके बाद मैं टीवी पर सिर्फ़ स्टार मूवीज देखा करता था, उनमें कुछ चुम्मी के दृश्य देखने के लिए ..
वो देखने के बाद ..
मैं भी अपने बेड पर उल्टा लेट जाता और फिर अपना लण्ड बाहर निकालता लोवर से और ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगता ..
ऐसे ही धीरे धीरे, समय बीतने लगा ..
अब सबके स्कूल खुल गये थे तो मौका नहीं मिल पाता था, मिलने का ..
मैं सुमित से जब भी मिलता, तब सेक्स के बारे में ही पूछा करता था क्यूंकी अमित भैया से पूछने में मुझे अजीब लगता था क्यूंकी वो बहुत बड़े थे ..
सुमित ने मुझे कुछ किताबें दी, जिनमें बहुत सारी नंगी लड़कियों के चित्र थे चुदाई करवाते हुए ..
मुझे वो किताबें, बहुत मस्त लगी ..
मुझे नहीं पता था की ऐसी किताबें भी आती हैं ..
उन्हें लेकर, मैं खुश हो गया क्यूंकी स्टार मूवीज पर वो नहीं दिखाते थे जो मैं देखना चाहता था ..
दिन ऐसे ही, बीत रहे थे ..
मैं किताबें देखता और फिर बेड पर उल्टा लेट के ज़ोर ज़ोर से धक्के मार के अपना पानी निकाल लेता …
अब धीरे धीरे, मेरा लण्ड भी बड़ा होने लगा था ..
यह देख कर, मुझे बहुत अच्छा महसूस होता था ..
उस वक़्त, मेरी उम्र 17 की होगी और मैं 12 वी क्लास में आ गया था ..
मेरी एक पड़ोसन थी ..
उसका नाम – कांता था ..
हम दोनों बहुत ज़्यादा करीब थे, बचपन से ही ..
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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- jay
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Re: सपनों के रंग मस्ती संग
हमेशा से हम दोनों साथ में ही खेलते थे, साथ में स्कूल जाते थे और साथ में ही रहते थे पूरा दिन ..
उसके माता-पिता भी नौकरी करते थे ..
वो हमारे कॉलेज की “सबसे खूबसूरत लड़की” थी ..
बहुत सारे लड़के, उसके पीछे थे ..
पर, वो किसी भी लड़के को भाव नहीं देती थी ..
वो मुझसे 2 साल बड़ी थी और हमारे ही कॉलेज में थी ..
उसके माता पिता भी बहुत ही रिज़र्व्ड थे और उसके ऊपर बहुत ज़्यादा पाबंदियाँ थीं ..
कोई भी लड़का, उसके घर नहीं आ सकता था (मेरे अलावा) ..
हम दोनों के परिवार में बहुत अच्छे तालुकात थे और हम दोनों भी बेस्ट फ्रेंड्स थे ..
हम दोनों इतने करीब थे की हम हर कभी सेक्स की बातें करते थे और तो और हमने एक दूसरे को लगभग पूरा नंगा देखा था, जैसे उसने मुझे चड्डी में और मैंने उसे ब्रा और पैंटी में ..
पर मालूम नहीं क्यूँ उस रात से पहले कभी भी हमारे बीच, ऐसी कोई भावना नहीं आई ..
जनवरी के महीने की बात है ..
उसकी परीक्षा चल रही थी ..
उसके माता पिता को एक रिश्तेदार की शादी, अटेंड करने जाना था ..
तो शाम को लगभग 8 बजे, उसकी मम्मी मेरे घर आई और मेरी मम्मी से बोली – कांता, घर में अकेली है … कल उसका एग्ज़ॅम है और हम लोगों को बेहद ज़रूरी शादी अटेंड करने जाना है … वो पढ़ाई कर रही है इसीलिए जा नहीं सकती, हमारे साथ … आप विजय को हमारे घर भेज दो, उसके साथ बैठने के लिए … हम लोग 11 – 12 बजे तक, वापिस आ जाएँगे …
मेरी मां ने कुछ नहीं बोला और आसानी से मान गई क्यूंकी यह पहली बार नहीं था की हम दोनों ऐसे अकेले बैठ रहे थे ..
जब भी मेरे घर से कोई जाता था तो वो मेरे घर आ जाती थी और उसके घर से कोई जाता था तो मैं उसके घर चला जाता था ..
फिर, मैं उसके घर चला गया ..
आंटी ने बोला – बेटा, डिनर बना के रख दिया है ..
मेरे पसंदीदा “राजमा चावल” थे ..
कुछ टाइम बाद आंटी, अंकल और उनकी छोटी बेटी शादी में चले गये ..
मैं और कांता, लिविंग रूम में बैठे थे ..
मैंने कांता से पूछा – कल, कौन सी परीक्षा है … ??
उसने बोला – इंग्लीश की …
कांता ने उस टाइम जीन्स और टॉप पहन रखा था क्यूंकी थोड़ी देर पहले ही वो ट्यूशन से आई थी और कपड़े चेंज नहीं किए थे, अभी ..
कांता हमेशा घर में, टॉप और शॉर्ट्स पहन के रहती थी ..
थोड़ी देर, हम दोनों ऐसे ही बैठे थे ..
मेरा मन टीवी देखने का हो रहा था पर कांता पढ़ाई कर रही थी इसीलिए मैंने टीवी चालू नहीं किया और मैं वहाँ पड़ी कॉमिक्स पड़ने लगा ..
थोडा समय, ऐसे ही निकल गया ..
लगभग 9 बजे के आस पास, मेरी माँ आई वहाँ पर और पूछा – क्या कर रहे हो… ?? खाना लगा दूं क्या, अगर भूख लगी हो तो… ??
कांता ने मुझसे पूछा – भूख लगी है क्या … ??
मैंने बोला – नहीं … अभी तो नहीं …
तो कांता ने मेरी माँ को बोला – आंटी, अभी भूख नहीं है हमें … आप चिंता मत करो … भूख लगेगी तो हम खुद ही ले कर खा लेंगे … खाना तो बना हुआ ही है …
फिर, मेरी मम्मी चली गई ..
उसके माता-पिता भी नौकरी करते थे ..
वो हमारे कॉलेज की “सबसे खूबसूरत लड़की” थी ..
बहुत सारे लड़के, उसके पीछे थे ..
पर, वो किसी भी लड़के को भाव नहीं देती थी ..
वो मुझसे 2 साल बड़ी थी और हमारे ही कॉलेज में थी ..
उसके माता पिता भी बहुत ही रिज़र्व्ड थे और उसके ऊपर बहुत ज़्यादा पाबंदियाँ थीं ..
कोई भी लड़का, उसके घर नहीं आ सकता था (मेरे अलावा) ..
हम दोनों के परिवार में बहुत अच्छे तालुकात थे और हम दोनों भी बेस्ट फ्रेंड्स थे ..
हम दोनों इतने करीब थे की हम हर कभी सेक्स की बातें करते थे और तो और हमने एक दूसरे को लगभग पूरा नंगा देखा था, जैसे उसने मुझे चड्डी में और मैंने उसे ब्रा और पैंटी में ..
पर मालूम नहीं क्यूँ उस रात से पहले कभी भी हमारे बीच, ऐसी कोई भावना नहीं आई ..
जनवरी के महीने की बात है ..
उसकी परीक्षा चल रही थी ..
उसके माता पिता को एक रिश्तेदार की शादी, अटेंड करने जाना था ..
तो शाम को लगभग 8 बजे, उसकी मम्मी मेरे घर आई और मेरी मम्मी से बोली – कांता, घर में अकेली है … कल उसका एग्ज़ॅम है और हम लोगों को बेहद ज़रूरी शादी अटेंड करने जाना है … वो पढ़ाई कर रही है इसीलिए जा नहीं सकती, हमारे साथ … आप विजय को हमारे घर भेज दो, उसके साथ बैठने के लिए … हम लोग 11 – 12 बजे तक, वापिस आ जाएँगे …
मेरी मां ने कुछ नहीं बोला और आसानी से मान गई क्यूंकी यह पहली बार नहीं था की हम दोनों ऐसे अकेले बैठ रहे थे ..
जब भी मेरे घर से कोई जाता था तो वो मेरे घर आ जाती थी और उसके घर से कोई जाता था तो मैं उसके घर चला जाता था ..
फिर, मैं उसके घर चला गया ..
आंटी ने बोला – बेटा, डिनर बना के रख दिया है ..
मेरे पसंदीदा “राजमा चावल” थे ..
कुछ टाइम बाद आंटी, अंकल और उनकी छोटी बेटी शादी में चले गये ..
मैं और कांता, लिविंग रूम में बैठे थे ..
मैंने कांता से पूछा – कल, कौन सी परीक्षा है … ??
उसने बोला – इंग्लीश की …
कांता ने उस टाइम जीन्स और टॉप पहन रखा था क्यूंकी थोड़ी देर पहले ही वो ट्यूशन से आई थी और कपड़े चेंज नहीं किए थे, अभी ..
कांता हमेशा घर में, टॉप और शॉर्ट्स पहन के रहती थी ..
थोड़ी देर, हम दोनों ऐसे ही बैठे थे ..
मेरा मन टीवी देखने का हो रहा था पर कांता पढ़ाई कर रही थी इसीलिए मैंने टीवी चालू नहीं किया और मैं वहाँ पड़ी कॉमिक्स पड़ने लगा ..
थोडा समय, ऐसे ही निकल गया ..
लगभग 9 बजे के आस पास, मेरी माँ आई वहाँ पर और पूछा – क्या कर रहे हो… ?? खाना लगा दूं क्या, अगर भूख लगी हो तो… ??
कांता ने मुझसे पूछा – भूख लगी है क्या … ??
मैंने बोला – नहीं … अभी तो नहीं …
तो कांता ने मेरी माँ को बोला – आंटी, अभी भूख नहीं है हमें … आप चिंता मत करो … भूख लगेगी तो हम खुद ही ले कर खा लेंगे … खाना तो बना हुआ ही है …
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लगभग 15 मिनट बाद, कांता उठी सोफा से और बोली – मैं चेंज करके आती हूँ …
मैंने कहा – ठीक है …
फिर वो, दूसरे रूम में चली गई …
संयोग से, उसके उस दूसरे रूम में दरवाजा नहीं था ..
सिर्फ़, परदा था ..
लगभग 30 सेकेंड्स के बाद, कांता बाहर लिविंग रूम में आई और बोली – कपड़े ले जाना तो भूल ही गई …
उसकी अलमारी, लिविंग रूम में ही थी ..
उसने उस समय टॉप पहन रखा था, जो उसके कंधे से थोड़ा सा नीचे तक आ रहा था..
उसकी नीली पैंटी भी “लो वेस्ट जीन्स” में साफ साफ दिख रही थी ..
मैं एकटक, उसे देख रहा था ..
कुछ अलग तो नहीं लगा क्यूंकी वो पहली बार नहीं था, जब मैंने उसे पैंटी में देखा है ..
फिर जैसे वो अलमारी से कपड़े निकालने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उसकी गाण्ड की दरार पर पड़ी ..
उसकी गाण्ड, बहुत ही मस्त लग रही थी ..
एकदम, “गोरी और चिकनी” ..
उसकी गाण्ड को देख कर, मुझे उन्हीं किताबों वाली लड़कियों की याद सताने लगी ..
फिर अचानक, वो मेरी तरफ मूडी और मुझे देख कर स्माइल पास की ..
मैंने कोई भाव नहीं दिया और चुप चाप बैठा रहा ..
उसके बाद वो रूम में चली गई, चेंज करने ..
कुछ ही सेकेंड्स बाद, वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई ..
मैं डर गया और भाग के अंदर रूम में गया ..
मैं जैसे ही उसके रूम पर पहुंचा, मैंने देखा की वो “पूरी नंगी” खड़ी है डरी सहमी हुई सी ..
मैंने पहली बार, उसे नंगा देखा था ..
मैं उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा ..
फिर अचानक, मुझे होश आया और मैंने उससे पूछा – क्या हुआ … ??
वो बोली – बेड के नीचे चूहा है …
मुझे भी उस टाइम, चूहा से बहुत डर लगता था ..
मैं भी डर के मारे, बेड पर चढ़ गया ..
तो वो बोली – बेवकूफ़ … इसको भगा ना … झाड़ू या डंडा, ले कर आ …
फिर मैं हिम्मत करके, लिविंग रूम में जाके झाड़ू लेकर आया ..
वो अभी भी बेड पर चढ़ कर, नंगी खड़ी हुई थी ..
मैं भी बेड पर चढ़ गया और झाड़ू से डरा के, चूहा को भगा दिया ..
चूहा के भागने के बाद होश आया तो देखा की वो अभी भी बिल्कुल नंगी थी, मेरे सामने ..
मैं उसके “गोल गोल बूब्स” को देख रहा था, जो की ज़्यादा बड़े नहीं थे .. पर फिर भी, बहुत ही सुंदर लग रहे थे ..
एकदम “गोल और गोरे गोरे और गुलाबी रंग” के अनार के दाने, जैसे निप्पल ..
अभी हम बेड पर बैठे हुए हंस ही रहे थे, उस चूहा पर की अचानक से बाहर कोई आवाज़ हुई ..
ऐसा लग रहा था, जैसे रोड पर किसी का आक्सिडेंट हुआ है ..
उसके बेड के बिल्कुल बगल में, एक खिड़की थी ..
वो इतनी हाइट पर थी की मुझे खिड़की से बाहर देखने के लिए, उठ कर बैठना पड़ता था ..
मैं खिड़की से बाहर देखने के लिए, अपनी घुटनों पर बैठा था और बाहर देख रहा था ..
कांता, मेरे पीछे बैठी थी ..
अचानक से वो मेरे पीछे आकर, मुझसे चिपक गई और खिड़की से बाहर देखने लगी ..
उसने अभी भी, कुछ नहीं पहना था ..
उसके चिपकने से, मेरा लण्ड कड़क हो रहा था ..
मैंने कहा – ठीक है …
फिर वो, दूसरे रूम में चली गई …
संयोग से, उसके उस दूसरे रूम में दरवाजा नहीं था ..
सिर्फ़, परदा था ..
लगभग 30 सेकेंड्स के बाद, कांता बाहर लिविंग रूम में आई और बोली – कपड़े ले जाना तो भूल ही गई …
उसकी अलमारी, लिविंग रूम में ही थी ..
उसने उस समय टॉप पहन रखा था, जो उसके कंधे से थोड़ा सा नीचे तक आ रहा था..
उसकी नीली पैंटी भी “लो वेस्ट जीन्स” में साफ साफ दिख रही थी ..
मैं एकटक, उसे देख रहा था ..
कुछ अलग तो नहीं लगा क्यूंकी वो पहली बार नहीं था, जब मैंने उसे पैंटी में देखा है ..
फिर जैसे वो अलमारी से कपड़े निकालने के लिए झुकी तो मेरी नज़र उसकी गाण्ड की दरार पर पड़ी ..
उसकी गाण्ड, बहुत ही मस्त लग रही थी ..
एकदम, “गोरी और चिकनी” ..
उसकी गाण्ड को देख कर, मुझे उन्हीं किताबों वाली लड़कियों की याद सताने लगी ..
फिर अचानक, वो मेरी तरफ मूडी और मुझे देख कर स्माइल पास की ..
मैंने कोई भाव नहीं दिया और चुप चाप बैठा रहा ..
उसके बाद वो रूम में चली गई, चेंज करने ..
कुछ ही सेकेंड्स बाद, वो बहुत ज़ोर से चिल्लाई ..
मैं डर गया और भाग के अंदर रूम में गया ..
मैं जैसे ही उसके रूम पर पहुंचा, मैंने देखा की वो “पूरी नंगी” खड़ी है डरी सहमी हुई सी ..
मैंने पहली बार, उसे नंगा देखा था ..
मैं उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगा ..
फिर अचानक, मुझे होश आया और मैंने उससे पूछा – क्या हुआ … ??
वो बोली – बेड के नीचे चूहा है …
मुझे भी उस टाइम, चूहा से बहुत डर लगता था ..
मैं भी डर के मारे, बेड पर चढ़ गया ..
तो वो बोली – बेवकूफ़ … इसको भगा ना … झाड़ू या डंडा, ले कर आ …
फिर मैं हिम्मत करके, लिविंग रूम में जाके झाड़ू लेकर आया ..
वो अभी भी बेड पर चढ़ कर, नंगी खड़ी हुई थी ..
मैं भी बेड पर चढ़ गया और झाड़ू से डरा के, चूहा को भगा दिया ..
चूहा के भागने के बाद होश आया तो देखा की वो अभी भी बिल्कुल नंगी थी, मेरे सामने ..
मैं उसके “गोल गोल बूब्स” को देख रहा था, जो की ज़्यादा बड़े नहीं थे .. पर फिर भी, बहुत ही सुंदर लग रहे थे ..
एकदम “गोल और गोरे गोरे और गुलाबी रंग” के अनार के दाने, जैसे निप्पल ..
अभी हम बेड पर बैठे हुए हंस ही रहे थे, उस चूहा पर की अचानक से बाहर कोई आवाज़ हुई ..
ऐसा लग रहा था, जैसे रोड पर किसी का आक्सिडेंट हुआ है ..
उसके बेड के बिल्कुल बगल में, एक खिड़की थी ..
वो इतनी हाइट पर थी की मुझे खिड़की से बाहर देखने के लिए, उठ कर बैठना पड़ता था ..
मैं खिड़की से बाहर देखने के लिए, अपनी घुटनों पर बैठा था और बाहर देख रहा था ..
कांता, मेरे पीछे बैठी थी ..
अचानक से वो मेरे पीछे आकर, मुझसे चिपक गई और खिड़की से बाहर देखने लगी ..
उसने अभी भी, कुछ नहीं पहना था ..
उसके चिपकने से, मेरा लण्ड कड़क हो रहा था ..
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).
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- jay
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Re: सपनों के रंग मस्ती संग
मैं फिर भी बाहर ही देख रहा था, खिड़की से..
उसके गाल मेरे गालों पर रगड़ खा रहे थे और उसके नरम नरम बूब्स, मेरी पीठ पर ..
मैंने गौर किया की वो थोड़ा आगे पीछे मूव हो रही थी ताकि उसके बूब्स, मेरी पीठ से रगड़ खाए ..
मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और अचानक से, उसके हाथ मेरी जीन्स के बटन पर गये और उसने मेरी जीन्स का बटन खोल दिया ..
मैंने उससे पूछा – यह क्या कर रही है… ??
उसने कुछ जवाब नहीं दिया और झटके से, मेरी जीन्स की ज़िपर भी खोल दी ..
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था ..
वो लगातार अपने बूब्स रगड़ रही थी, मेरी पीठ से ..
धीरे धीरे, उसने मेरी गर्दन पर और मेरे गालों पर चुम्मी करना और जीभ से चाटना शुरू कर दिया ..
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था ..
मैंने कोशिश की मैं मूड जाऊं पर उसने मुझे बोला की ऐसे ही बैठा रह ..
मेरी पीठ, उसकी साइड थी ..
मैं वैसे ही बैठा रहा ..
उसका हाथ अब मेरी चड्डी के अंदर, मेरे लण्ड को सहला रहा था जो अब बिल्कुल कड़क हो गया था ..
थोड़ी देर ऐसे ही पोज़िशन में, वो मेरे साथ चुम्मा चाटी करती रही और मेरे लण्ड से खेलती रही जो अब कड़क हो चुका था ..
मेरा लण्ड पहले, इतना कड़क और बड़ा कभी नहीं हुआ था ..
उसके बाद फिर, उसने मुझे बोला मुड़ने के लिए ..
मैं जैसे ही मुड़ा, वो मेरे चेहरे पर चुम्मियाँ करने लगी ..
मुझे मज़ा आ रहा था और तभी मेरी नज़र, उसके बूब्स पर पड़ी ..
मैंने चुम्मी करते करते, उसके बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे मसलने लगा ..
उसके बाद फिर, वो मेरे होंठों को चूसने लगी और हम दोनों चुंबन करने लगे ..
चुंबन करते करते, उसने अपनी जीभ मेरी मुंह में डाल दी जिसको मैंने ज़ोर से काट लिया ..
बहुत मज़ा आ रहा था, पहली बार करने में ..
अब मुझे सब कुछ धीरे धीरे समझ आ रहा था की आख़िर अमित भैया और सुमित को यह सब, इतना पसंद क्यूँ है ..
वो एहसास ही ऐसा था, जिसको शब्दों में बयान नहीं कर सकते ..
फिर उसने, मेरी टी शर्ट उतार दी ..
मेरी टी शर्ट उतारने के बाद, उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे सीने पर सब जगह चूमने लगी ..
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था और वो सारे किताबों के पोज़ और पोज़िशन्स, मेरी आँखों के सामने आ रहे थे ..
उसके बाद मेरे पूरे बदन पर किस करते करते, वो मेरी कमर तक आई और उसने मेरी जीन्स और चड्डी दोनों एक साथ नीचे खिसका दिए ..
मैं एक ग्राहक की तरह, बस उसकी सेवा का लुफ्त उठा रहा था ..
बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ..
उसके बाद, उसने मुझे मेरे पैरों को फैलाने को बोला ..
मेरे पैरों को फैलाने के बाद, वो मेरे पैरों के बीच में आ गई ..
उसके बाद नीचे झुक कर उसने मेरा लण्ड, अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी ..
यह एक ऐसा अनुभव था, जो मैं काफ़ी सालों से महसूस करना चाहता था ..
वो एक एक्सपर्ट की तरह, मेरे लण्ड को चूस रही थी ..
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ..
सो वो मेरे लण्ड को एक एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अपना लण्ड चुसवाने में ..
यह पहली बार था की कोई लड़की मेरा लण्ड चूस रही थी ..
थोड़ी देर वो लण्ड चूसती रही और मैं एंजाय करता रहा ..
उसके गाल मेरे गालों पर रगड़ खा रहे थे और उसके नरम नरम बूब्स, मेरी पीठ पर ..
मैंने गौर किया की वो थोड़ा आगे पीछे मूव हो रही थी ताकि उसके बूब्स, मेरी पीठ से रगड़ खाए ..
मुझे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था और अचानक से, उसके हाथ मेरी जीन्स के बटन पर गये और उसने मेरी जीन्स का बटन खोल दिया ..
मैंने उससे पूछा – यह क्या कर रही है… ??
उसने कुछ जवाब नहीं दिया और झटके से, मेरी जीन्स की ज़िपर भी खोल दी ..
मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था ..
वो लगातार अपने बूब्स रगड़ रही थी, मेरी पीठ से ..
धीरे धीरे, उसने मेरी गर्दन पर और मेरे गालों पर चुम्मी करना और जीभ से चाटना शुरू कर दिया ..
मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था ..
मैंने कोशिश की मैं मूड जाऊं पर उसने मुझे बोला की ऐसे ही बैठा रह ..
मेरी पीठ, उसकी साइड थी ..
मैं वैसे ही बैठा रहा ..
उसका हाथ अब मेरी चड्डी के अंदर, मेरे लण्ड को सहला रहा था जो अब बिल्कुल कड़क हो गया था ..
थोड़ी देर ऐसे ही पोज़िशन में, वो मेरे साथ चुम्मा चाटी करती रही और मेरे लण्ड से खेलती रही जो अब कड़क हो चुका था ..
मेरा लण्ड पहले, इतना कड़क और बड़ा कभी नहीं हुआ था ..
उसके बाद फिर, उसने मुझे बोला मुड़ने के लिए ..
मैं जैसे ही मुड़ा, वो मेरे चेहरे पर चुम्मियाँ करने लगी ..
मुझे मज़ा आ रहा था और तभी मेरी नज़र, उसके बूब्स पर पड़ी ..
मैंने चुम्मी करते करते, उसके बूब्स को अपने हाथ में ले लिया और धीरे धीरे मसलने लगा ..
उसके बाद फिर, वो मेरे होंठों को चूसने लगी और हम दोनों चुंबन करने लगे ..
चुंबन करते करते, उसने अपनी जीभ मेरी मुंह में डाल दी जिसको मैंने ज़ोर से काट लिया ..
बहुत मज़ा आ रहा था, पहली बार करने में ..
अब मुझे सब कुछ धीरे धीरे समझ आ रहा था की आख़िर अमित भैया और सुमित को यह सब, इतना पसंद क्यूँ है ..
वो एहसास ही ऐसा था, जिसको शब्दों में बयान नहीं कर सकते ..
फिर उसने, मेरी टी शर्ट उतार दी ..
मेरी टी शर्ट उतारने के बाद, उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे सीने पर सब जगह चूमने लगी ..
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था और वो सारे किताबों के पोज़ और पोज़िशन्स, मेरी आँखों के सामने आ रहे थे ..
उसके बाद मेरे पूरे बदन पर किस करते करते, वो मेरी कमर तक आई और उसने मेरी जीन्स और चड्डी दोनों एक साथ नीचे खिसका दिए ..
मैं एक ग्राहक की तरह, बस उसकी सेवा का लुफ्त उठा रहा था ..
बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ..
उसके बाद, उसने मुझे मेरे पैरों को फैलाने को बोला ..
मेरे पैरों को फैलाने के बाद, वो मेरे पैरों के बीच में आ गई ..
उसके बाद नीचे झुक कर उसने मेरा लण्ड, अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे पूरा मुंह में लेकर चूसने लगी ..
यह एक ऐसा अनुभव था, जो मैं काफ़ी सालों से महसूस करना चाहता था ..
वो एक एक्सपर्ट की तरह, मेरे लण्ड को चूस रही थी ..
मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था ..
सो वो मेरे लण्ड को एक एक्सपर्ट की तरह चूस रही थी और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, अपना लण्ड चुसवाने में ..
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