काले जादू की दुनिया complete

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007
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Re: काले जादू की दुनिया

Post by 007 »

ek bahut hi achhi kahani hai dost
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

Post by Jemsbond »

rangila wrote:बहुत खूब मस्त कहानी है मित्र
rangila wrote:बहुत खूब मस्त कहानी है मित्र
Thanks everybody for the comments...I see more people just viewing..but very less commenting... I am more interested in your comments..to improve.. nevertheless..
प्यास बुझाई नौकर से Running....कीमत वसूल Running....3-महाकाली ....1-- जथूराcomplete ....2-पोतेबाबाcomplete
बन्धन
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दिल से दिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
तुफानो में साहिल बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!
यूँ तो मिल जाता है हर कोई!
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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

Post by Jemsbond »


13

पोलीस स्टेशन के बाहर गाड़ी रोक के तीनो अंदर भागे. अंदर का महॉल बहुत भीड़ भाड़ वाला था जो ज़्यादातर पोलीस स्टेशन मे नही देखने को मिलता है.

“यहा हो क्या रहा है....???” अर्जुन ने सोचा.

भीड़ भाड़ इतनी थी कि पुलिस ऑफिसर्स से मिलना नामुमकिन था. लेकिन तभी करण को अपना दोस्त दिखाई दे गया जो वही पर सीनियर इनस्पेक्टर की पोस्ट पर तैनात था. उसने अपने दोस्त को इधर आने का इशारा किया.

“अरे सुजीत तू....वाह यार तू तो सीनियर इनस्पेक्टर बन गया...” करण अपने दोस्त से गले मिलते हुए बोला. वो तो अच्च्छा हुआ कि करण को अपना एक दोस्त मिल गया वरना इतनी भीड़ भाड़ मे किसी से भी पूछ ताछ करना नामुमकिन था.

“हाँ यार बस अपने देश की सेवा करनी थी सो पोलीस फोर्स जाय्न कर लिया...पर सुन ने मे आया है कि तू बहुत बड़ा डॉक्टर बन गया है...बांद्रा मे तेरा एक अच्च्छा ख़ासा क्लिनिक भी है....” इनस्पेक्टर सुजीत ने करण से हाथ मिलाते हुए कहा.

इधर अर्जुन और काजल का सब्र का बाँध टूट रहा था. वो लोग यहाँ पर मेल मिलाप के लिए नही आए थे इसलिए काजल ने करण को कोहनी मारी और इशारा कर दिया कि सलमा के बारे मे.

“श...सुजीत वो सब छोड़ कभी फ़ुर्सत से मेरे क्लिनिक मे साथ बैठ कर बात करेंगे पर अभी हम यहाँ बहुत ज़रूरी काम से आए है...”

“क्या बात है बोल...”

“वो हम एक गुमशुदा लड़की सलमा वहीद के बारे मे पूछ्ना चाहते है...उसकी अम्मी कल पोलीस स्टेशन आई थी कंप्लेंट लिखवाने...” कारण बोला.

“हम आई तो थी यार...पर उस से तुम्हे क्या...???”

“यार वो मेरे भाई अर्जुन की मंगेतर थी...पर परसो इसके घर से निकलने के बाद ना जाने कहाँ चली गयी....अभी तक घर नही पहुचि है....”

“ओह्ह हो तो वो तुम्हारे भाई की मंगेतर थी...”

अर्जुन से अब और बर्दास्त नही हो रहा था और उसने चिल्लाते हुए कहा, “इनस्पेक्टर साहब प्लीज़ !!!..... अच्छा होगा कि आप सलमा के बारे मे बताइए...उसके अम्मी अब्बू उसका घर पर इंतेज़ार कर रहे होंगे...”

“चिल्लइए मत !!!...मिस्टर. अर्जुन यहाँ पर जितने लोग आप देख रहे है ना वो सब अपने परिवार वालो के घर आने का ही इंतेज़ार कर रहे है...एक आपकी सलमा के अब्बू अम्मी ही नही है....यहाँ पे ऐसो की लिस्ट बहुत लंबी है....” सुजीत ने पॉलिसिया लहजे मे कहा.

“अरे सुजीत जाने दे ना...हम लोग थोड़े परेशान है....” करण ने बात संभालते हुए कहा, “पर इसका क्या मतलब कि लिस्ट बहुत लंबी है...?”

सुजीत ने तीनो को एक कोने मे आने को कहा और तीनो को फुसफुसा के बताया, “यह सारे लोग जो तुम देख रहे हो ना...उन सब के परिवार की लड़किया गायब हो गयी है...”

यह बात सुनकर तीनो हैरान हो गये. उनकी हैरान परेशन चेहरे को देख कर इनस्पेक्टर सुजीत फिर फुसफुसाया, “देखो मुझे उपर से स्ट्रिक्ट ऑर्डर्स आए है कि मैं यह बात किसी को ना बताऊ...और वो यह है जितने भी लोग गायब हुए है वो सब की सब लड़किया थी...कुवारि लड़कियाँ...जिनकी उमर 18 से 25 साल की है...”

अर्जुन को सब समझ मे आते ही उसके होश उड़ने लगे, “सलमा की उमर भी 24 साल की थी...यानी किसी ने उसे किडनॅप कर लिया है..”

अर्जुन की बात सुनकर सुजीत बोला, “हाँ बर्खुरदार अब सही समझे हो....ना जाने कौन है जो इतनी सारी लड़कियो को अगवा कर रहा है....और हैरानी की बात यह है कि लड़किया हर महीने नियम से गायब हो रही है...और वो भी आज से नही बल्कि पिच्छले 8 – 10 सालो से....उपर से यह हालत सिर्फ़ मुंबई की नही बल्कि लगभग हर छोटे बड़े शहर की है...”

“हे भगवान कौन करता है यह सब....हम लड़किया तो कही नही सुरक्षित है...” काजल बोली.

“फिकर मत करिए मोह्तर्मा....आपके भाई की मंगेतर इस महीने किडनॅप हो चुकी है...कम से कम आप इस महीने सुरक्षित है....पर अगले महीने की गारंटी मैं नही दे सकता...हा हा हा...” सुजीत चटकारा लेते हुए बोला.

“कैसे पोलीस वाले है आप....अपने सामने आप एक लड़की को डरा रहे है..” काजल तपाक से बोली.

इस पर सुजीत गंभीर होते हुए बोला, “डरा नही रहा हू मिस...चेतावनी दे रहा हू....”

अर्जुन तो गहरे शोक मे डूब गया था. उसे वो आख़िरी पल याद आ गये जब सलमा ने उसे चाँटा मारा था और रोते हुए उसकी घर से निकल गयी थी. काश वो उसे उस रात रोक लेता तो आज सलमा उसके पास उसके बाँहो मे होती. काश वो उसके साथ ज़बरदस्ती नही करता तो वो उसको छोड़ कर अकेली आधी रात को नही जाती. यही सब सोच कर उसकी आँखे नम हो गयी.

अर्जुन का गला भारी हो गया और उसने रुआंसे स्वर मे इनस्पेक्टर से पूछा, “इनस्पेक्टर साहब...आपको क्या लगता है मेरी सलमा को कॉन अगवा कर के ले गया होगा...”

“मिस्टर. अर्जुन मैं आपको सब कुछ सच सच बताता हू भले मुझे उपर से ऑर्डर्स आए है ऐसा नही करने को....पर पहले आप पानी पीजिए और हिम्मत से काम लीजिए..” सुजीत ने पास पड़े टेबल से शीशे के ग्लास मे अर्जुन को पानी दिया.

“हम ने और स्पेशल क्राइम ब्रांच ने मिलकर बहुत पता लगाने की कोशिश करी कि आख़िर यह लड़किया जा कहाँ रही है पर हम पता ना लगा सके...मीडीया वालो और पब्लिक के प्रेशर से हम ने उन्हे बताया कि यह कोई माफिया का काम है जो लड़कियो को बेच कर उनसे जिस्म फ़रोशी का धंधा करवाता है...”

यह बात सुनकर अर्जुन टूट सा गया. उसका दिल यह सोच सोच कर छल्नी होता जेया रहा था कि जिसने उस से इतना प्यार किया उसको आज कयि लोग अपनी वासना का शिकार बना रहे होंगे और वो भी सिर्फ़ उसकी वजह से.

“तुझे क्या लगता है सुजीत...क्या यह कोई माफिया का काम है...” करण ने सुजीत से पूछा.

“बाकी लोगो का तो यही मान ना है...पर मुझे ऐसा नही लगता कि इसमे कोई माफिया का हाथ है क्यूकी हर महीने सिर्फ़ एक लड़की और वह भी देश के अलग अलग जगह से गायब हुई है जो माफिया लोगो का स्टाइल नही है....वो लोग तो ग्रूप मे लड़किया किडनॅप करते है और वो भी छोटे शहर वाली जिनके माँ बाप जल्दी पोलीस मे कंप्लेन ना करवा पाए और यह बात मीडीया मे लीक ना हो...पर यहाँ चक्कर कुछ उल्टा ही लगता है...” सुजीत ने अपना पोलीस कॅप सीधा करते हुए कहा.

“ठीक है दोस्त हम चलते है...फिर तेरी ज़रूरत पड़ी तो तुझे याद करूँगा...” सुजीत को अलविदा कहते हुए तीनो पोलीस स्टेशन से बाहर आ गये.
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Re: काले जादू की दुनिया

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14

अर्जुन को गम मे डूबा देख काजल उसको हिम्मत बँधा रही थी, “कोई बात नही भैया...जो हुआ वो किस्मत मे लिखा था...उसमे हम या तुम कुछ नही कर सकते...”

कुछ सोचते हुए करण अचानक से बोला, “अर्जुन तुमने कहा था कि सलमा के मोबाइल पे रिंग तो जा रही है पर कोई फोन नही उठा रहा है...है ना?”

“हाँ...” अर्जुन का छोटा सा जवाब आया.

“तुम एक काम क्यू नही करते उसे दुबारा कॉल करो...हो सकता है वो या कोई और कॉल उठा ले...”

इसे सुनकर अर्जुन को एक उम्मर्द जैसी जागी, उसने तुरंत अपना मोबाइल फोन निकाला और फिर से रिंग किया. पर उसकी उम्मीद फिर से टूट गयी जब दोबारा किसी ने फोन नही उठाया. वो दुबारा मायूस हो गया.

कुछ देर महॉल मे शांति रही, तीनो अभी भी पोलीस स्टेशन मे बने हुए बगीचे मे टहल रहे थे. ऐसे ही चलते चलते करण को अचानक एक और ख़याल आया और उसकी आँखे उम्मीद की किरण से चमक गयी.

“अर्जुन सलमा का मोबाइल कॉन सा था...???” करण ने अचानक से पूछा.

“करण भैया...यह समय ऐसी बातो का नही है....” काजल ने टोक दिया.

“अरे बताओ तो...मेरे दिमाग़ मे एक आइडिया आया है...”

अर्जुन बोला, “मैने उसे कुछ महीने पहले ही एक नया आपल आइफ़ोन 6 प्लस गिफ्ट किया था...”

अर्जुन की बात सुनकर करण की उम्मीद और बढ़ गयी और वो मुस्कुराते हुए बोला, “आइफ़ोन सबसे महंगा मोबाइल है और उसमे जीपीएस मोबाइल ट्रॅकर का सिस्टम भी होता है....अगर हम वो आक्टीवेट कर दे तो मोबाइल अपना लोकेशन खुद बता सकता है....बस एक बार हमे सलमा के मोबाइल का पता मिल जाए फिर हम सलमा को ढूंड सकते है...क्यूकी जहाँ सलमा होगी वही आस पास उसका फोन भी होगा...”

करण की बात सुनकर अर्जुन और काजल चौंक गये, वो दोनो भी अब उस उम्मीद की किरण को देख सकते थे जिसके सहारे वो सलमा तक पहुच सकते थे.

कुछ सोचते हुए काजल बोली, “आइडिया तो जीनियस वाला है करण भैया...पर क्या गॅरेंटी है कि सलमा का फोन उसके पास ही हो....हो सकता है जिसने उसको किडनॅप करवाया हो वो उसका फोन रख के कही दूर फेंक दिया हो..”

“हो सकता है...पर ऐसा होगा नही....क्यूकी मेरा कामन सेन्स कहता है कि अगर किडनॅपर को सलमा का फोन मिल भी गया होगा तो वो कोई रिस्क नही लेगा और फोन को डेस्ट्रॉय कर देगा....पर जैसा कि हम देख रहे है कि सलमा की मोबाइल की घंटी अभी भी बज रही है....इसका सॉफ सॉफ यही मतलब हो सकता है कि भले सलमा मोबाइल रिसीव ना कर पा रही हो पर वो फोन किडनॅपर के हाथ भी नही लगा होगा.....इस आइफ़ोन को ट्रॅक कर के हम सलमा के नज़दीक से नज़दीक पहुच सकते है....” करण बोला.

“पर करण भैया हमें माँ को खोजने भी तो जाना है...सलमा के चक्कर मे तो हम अपनी माँ के बारे मे तो भूल ही गये..” काजल ने केरेन को याद दिलाया.

“मुझे पता है काजल....पर अभी माँ से ज़्यादा सलमा को हमारी ज़रूरत है...और अगर आज माँ जिंदा होती तो वो भी अपने बच्चो से ऐसे ही फ़ैसले की उम्मीद करती.....अब हमें जल्दी से इस प्लान को अमल मे लाना होगा..”

अर्जुन को यकीन नही हो रहा था कि सलमा को खोजने का रास्ता तो उनके सामने ही था बस उनको नज़र नही आ रहा था. फिर अर्जुन ने अपने मोबाइल से सलमा के आइफ़ोन के एंटी थेफ्ट सॉफ्टवेर को आक्टीवेट का दिया जिस से आइफ़ोन का जीपीएस (ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम) चालू हो गया और अपना लोकेशन मॅप पे बताने लगा.

“ओह्ह माइ गॉड यह सिग्नल तो मध्य पदेश और छत्तीसगढ़ बॉर्डर के जंगली इलाक़े से आ रहा है...हे भगवान सलमा मुंबई से इतनी दूर कैसे पहुच गयी...” अर्जुन अपने फोन पर सलमा के आइफ़ोन का लोकेशन देखते हुए बोला.

“पर अर्जुन भैया हमें बहुत जल्दी करना होगा क्यूकी वैसे भी सलमा को किडनॅप हुए दो दिन हो गये है...मुझे लगता है उसके आइफ़ोन की बॅटरी और ज़्यादा देर तक नही चलेगी...और अगर बॅटरी ख़तम होने से आइफ़ोन स्विच ऑफ हो गया तो हम कभी भी सलमा तक नही पहुच पाएँगे...” काजल बोली.

करण बोलते हुए पास मे खड़ी उनकी गाड़ी के पास जा कर खड़ा हो गया. “मुझे लगता है काजल ठीक कह रही है....पोलीस को बताने का भी समय नही है क्यूकी वो पोलीस फोर्स जुटाने मे बहुत देर लगाते है....अब हमें ही कुछ करना पड़ेगा...”

यह सोच कर कि अब वो सलमा से मिल सकता है, अर्जुन बहुत भावुक हो गया. उसने करण और काजल को गाड़ी के पास उसका इंतेज़ार करते हुए देखा और दौड़ के करण के गले लग गया. अर्जुन की आँखो मे आँसू थे.

यह करण के 25 साल के जीवन मे पहली बार हुआ था की उसका भाई अर्जुन उसके गले लगा हो. पूरी जिंदगी उसने अर्जुन की नफ़रत ही देखी थी, आज पहली बार उसे अपने लिए अर्जुन मे प्यार महसूस हुआ.

“भाई...मैं जिंदगी भर तुझसे नफ़रत करता रहा...और आज मेरी इस मुश्किल घड़ी मे तू ही मेरा साथ दे रहा है...अगर सलमा को मेरी वजह से कुछ हो गया तो मैं यह बोझ अपने दिल पे कैसे उठा पाउन्गा.....हो सके तो मुझे माफ़ कर देना मेरे भाई...” अर्जुन रुआंसे स्वर मे बोला, उसका गला भारी हो गया था.

“आख़िर परिवार वाले इसलिए ही तो होते है ना....” करण ने बस इतना कहा, उसकी आँखे भी नम थी. काजल भी पास मे खड़ी थी. उसके आँखो मे भी आँसू थे क्यूकी आज उसने पहली बार एक दूसरे से नफ़रत करने वाले भाइयो के बीच प्रेम देखा था.

“चल अब ज़्यादा सेंटी ना हो...हमे जल्द से जल्द सलमा तक पहुचना है इस से पहले कि यह सिग्नल बंद हो जाए...” करण बोला और तीनो गाड़ी मे बैठ कर हाइवे पर निकल गये.

सब बस यही मना रहे थे कि उनके मोबाइल तक पहुचने से पहले कही उसकी बॅटरी ना ख़तम हो जाए. अर्जुन जितना हो सकता था उतना तेज़ गाड़ी चला रहा था. पर फिर भी उन्हे एमपी और छत्तीसगढ़ के बॉर्डर पर पहुचते पहुकते उनको दो दिन लग ही गये थे.

टू बी कंटिन्यूड....
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