काले जादू की दुनिया complete

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rajaarkey
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Re: काले जादू की दुनिया

Post by rajaarkey »

इंटरेस्टिंग कहानी है बॉन्ड भाई


ऐसी कहानी पढ़ने मे बहुत मज़ा देती है शुक्रिया जो ऐसी कहानी हमें पढ़ने को दी
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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

Post by Jemsbond »

rajaarkey wrote:इंटरेस्टिंग कहानी है बॉन्ड भाई


ऐसी कहानी पढ़ने मे बहुत मज़ा देती है शुक्रिया जो ऐसी कहानी हमें पढ़ने को दी
thanks a lot raj bhai
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Jemsbond
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Re: काले जादू की दुनिया

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“अर्जुन गाड़ी यही रोक...अब यहाँ से घना जंगल शुरू होता है...अब हमें पैदल ही चलना पड़ेगा.”

“ठीक है करण...” और अर्जुन ने गाड़ी एक पास के ढाबे पर लगा दी.

ढाबे से कुछ खाने पीने का समान लेके तीनो जंगल की तरफ निकल गये. जंगल बहुत घना था. बड़े बड़े पेड़ चारों तरफ फैले हुए थे जो बारिश होने के चलते काफ़ी हरे भरे लग रहे थे. वो पेड़ इतने घने थे कि दिन के समय भी सूरज की रोशनी नीचे ज़मीन तक बहुत ही कम पहुच रही थी जिस से नीचे पूरा अंधेरा लग रहा था. उपर से नीचे कीचड़ और इतनी सारी घनी झाड़िया थी कि उनमे से रास्ता बनाना बहुत ही मुश्किल हो रहा था. हर तरफ तरह तरह के जंगली जानवरो की आवाज़ सुन कर शरीर मे एक सिहरन सी दौड़ जाती थी.

“करण भैया क्या जंगल मे शेर भी मिलेगा...?” काजल थोड़ी सहमी हुई सी थी. वो पहली बार अपने जीवन मे किसी जंगल की सैर कर रही थी.

“नही मेरी गुड़िया...शेर इस जंगल मे नही पाया जाता है....पर तेंदुआ ज़रूर मिल सकता है...”

“क्या तेंदुआ....??..अगर भैया किसी तेंदुए ने हम पर हमला कर दिया तो...?”

“काजल तुम इतना डर क्यू रही हो...आख़िर तुम्हारे दोनो भाई तुम्हारे साथ है...और वैसे भी तेंदुए दिन मे कम ही निकलते है...” करण झाड़ियो से रास्ता बनाते हुए बोला.

अर्जुन तो बस आगे आगे चल रहा था. उसका पूरा ध्यान अपने मोबाइल पर था जो सलमा के जीपीएस सिग्नल को ट्रॅक कर रहा था. वो झाड़ियों को एक लंबे खंजर से काट ता हुआ करण और काजल के लिए रास्ता बना रहा था.

अचानक काजल को उसके पीछे झाड़ियो मे कुछ सरसराहट महसूस हुई. वो पलट के देखी लेकिन उसे कुछ नही दिखाई दिया. डर के मारे उसकी हालत खराब थी, उसका गला सूख गया. जब उसे फिर से उसके पीछे कुछ महसूस हुआ तब उसने थूक निगलते हुए करण से कहा, “भ...भैया...मुझे लगता है मेरे पीछे उन झाड़ियो मे कुछ है...”

“अरे कुछ नही है काजल...बस तेरा वेहम है, तू आज पहली बार जंगल मे आई है ना इसलिए तू बार बार भ्रमित हो रही है...”

“नही भैया मुझे वहाँ नही हो रहा है....वहाँ ज़रूर कुछ तो है...” काजल काँपते हुए बोली.

करण ने सोचा की आख़िर देख ही लिया जाए कि झाड़ियो मे क्या है जिस से काजल इतना डर रही है. उसने जब झाड़िया हटा के देखा तब उसे बड़ी ज़ोरो से हँसी आई, “अरे यह तो एक खरगोश है...तू भी ना काजल एक खरगोश से डर रही है...”

खरगोश को देखके काजल के जान मे जान आई और वो अपना वेहम अपने दिमाग़ से झटक कर आगे बढ़ गयी.

तीनो ने तय तो किया था कि इस डरावने जंगल मे वो साथ साथ रहेंगे लेकिन अपने मोबाइल को देखने के चक्कर मे अर्जुन थोड़ा आगे निकल आया और उसके दोनो भाई बहन पीछे रह गये.

गर्र्र्रर.........गर्र्र्र........

तभी पीछे से एक गुर्राने की आवाज़ आई. काजल ने पीछे मूड के देखा तो फिर उसे कुछ नही दिखाई दिया. उसने सोचा यह उसका एक और भ्रम है.

गर्र्र्रर........गर्र्र्रर........

इस बार काजल को यकीन हो गया कि जो उसने सुना वो उसका भ्रम नही है.
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Re: काले जादू की दुनिया

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“भैया झाड़ियो के पीछे से किसी के गुर्राने की आवाज़ आ रही है...” गुर्राने की स्पष्ट आवाज़ सुनकर काजल के हाथ पावं फूल गये. यह सोच सोच कर ही कॉन सा जंगली जानवर ऐसे गुर्राता है उसकी रूह काँप गयी.

“ठहर मैं देखता हू....” करण बोला और झाड़िया हटा के देखने लगा. जब उसने आगे देखा वो उसको हिला देने के लिए भी काफ़ी था. ख़ौफ्फ की एक तेज़ लहर उसके पूरे जिस्म मे समा गयी.

सामने एक बड़ा सा भेड़िया सीधे उसी की ओर घूर रहा था. चक्केदार दार खाल, बड़ा डील डोल वाला शरीर, ताक़तवर पंजो मे तेज़ नाख़ून और भयानक जबड़ा जिसमे बड़े लंबे लंबे ख़तरनाक दाँत थे.

“काजल भाग.....!!!” बस इतना कहते ही करण मुड़ा और काजल का हाथ पकड़ के अर्जुन के बनाए पगडंडी के उलट दूसरी दिशा मे भागने लगा.

पर उस घने जंगल मे जब कोई तेज़ चल नही सकता तो आख़िर तेज़ दौड़ेगा कैसे. थोड़ी दूर भागने के बाद ही उनको भेड़िए की गुर्राहट दोबारा सुनाई दी.
जब तक वो दोनो कुछ समझ पाते पीछे से भेड़िए एक लंबी छलान्ग मार कर करण पर कूद गया.

“आआहह...........” भेड़िए के तेज़ नाख़ून करण की पीठ पर अंदर तक गढ़ गये. करण की यह दर्दनाक चीख पूरे जंगल के डरावने वातावरण मे गूँज गयी.

अर्जुन ने जब यह चीख सुनी तो वो समझ गया कि करण मुसीबत मे है लेकिन जब वो पीछे मुड़ा तो देखा कि करण और काजल दोनो गायब है, क्यूकी वो दोनो पीछे रह गये थे. बेचारे अर्जुन ने चारो तरफ देखा, पूरा जंगल एक जैसा ही लग रहा था, सही दिशा का पता लगाना नामुमकिन था. ऐसे घने जंगल मे कोई भी आसानी से गुम हो सकता था.

इधर करण पर भेड़िए का हमला देख काजल बहुत घबरा गयी. भेड़िए ने कारण को छोड़ दिया और शारीरिक रूप से कमज़ोर काजल की तरफ बढ़ने लगा. भेड़िया समझ गया था कि एक लड़की उसके लिए एक आसान शिकार हो सकती है.

भेड़िए को अपनी ओर आता देख काजल का सर घूमने लगा. उसका दिमाग़ कह रहा था कि वहाँ से भाग निकले लेकिन उसके पैर उसका साथ नही दे रहे थे. डर के मारे उसके पैर वही जड़ हो गये. करण ने जब देखा कि भेड़िया उसकी बहन की ओर बढ़ रहा है तो उसने चिल्ला के काजल को भाग जाने को कहा. पर ऐसा लग रहा था कि काजल के पैरो मे जान बची ही नही थी. वो पत्थर की मूरत बन कर वही खड़ी रही और अपने मौत को अपनी ओर आता देख अपनी आँखे बंद कर ली.

जब करण को लगा की उसकी बहन की जान ख़तरे मे है तब वो अपनी पूरी हिम्मत जुटा के उठने की कोशिश करने लगा. उसका पीठ भेड़िए के नाख़ून से पूरी छल्नी हो गयी थी जिस से खून बह रहा था. उसकी सफेद टीशर्ट पर खून के बड़े बड़े लाल धब्बे देखे जा सकते थे.

भेड़िया अपने सामने आसान शिकार देख कर काजल की ओर छलान्ग लगाया. काजल को अपनी मौत अपने सामने दिख रही थी पर कोई था जिसने उसे मौत के मूह से बचा लिया. उसने आँख खोल के देखा तो करण ने भेड़िए को बीच मे रोक लिया था.

अपने हाथ आए शिकार को छिन जाता देख भेड़िया गुस्से मे ज़ोर ज़ोर से गुर्राने लगा. अब बस वो था और उसके सामने करण था. भेड़िए ने मौका देख करण पे छलान्ग लगाई पर करण फुर्ती से एक तरफ झुक कर उसके पंजो से बच गया.

कसरती बदन, जिम की ट्रैनिंग और मार्षल आर्ट्स आज करण के काम आ रहा था.
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