वो शाम कुछ अजीब थी complete

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rangila
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वो शाम कुछ अजीब थी complete

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वो शाम कुछ अजीब थी

भाइयो आपके लिए राजेश सरहदी की लिखी हुई एक और मस्ती से भरी कहानी लेकर आया हूँ , उम्मीद करता हूँ कि आप सभी मेरा साथ ज़रूर देंगे ,

अपने मा बाप की तरहा सोनल भी डॉक्टर बन गयी. आज उसे उसकी डिग्री मिलनेवाली थी. सोनल बिल्कुल अपनी मा पे गयी थी – खूबसूरती की इंतेहा – जो भी उसे देखता तो बस देखता रह जाता. उसकी यही खूबसूरती उसकी सहेलियों में जलन का बायस बन गयी. क्यूंकी हर लड़का बस सोनल की ही कामना करता था और किसी ना किसी तरहा उसे पाटने की कोशिश करता था. चूँकि सोनल के मा बाप दोनो विख्यात डॉक्टर थे और कभी कभी कॉलेज में गेस्ट लेक्चर भी लिया करते थे इसलिए कभी किसी लड़के में इतनी हिम्मत ना हुई की सीधा उसे प्रपोज़ कर सके – क्यूंकी सब जानते थे की एक बार कोई भी प्रोफेसर उनके बारे में ग़लत राय बना लेगा तो ये पक्का है की वो जिंदगी भर डॉक्टर नही बन पाएँगे.

आज डिग्री मिलने के बाद सबके रास्ते अलग हो जाने थे इसलिए कुछ लड़के जो हर कीमत पर सोनल को पाना चाहते थे उन्होने एक प्लान बनाया था आज शाम की पार्टी में सोनल को नशा दे के उसके रूप रस का पान करने की और इसमे उनका साथ दे रही थी सोनल की ख़ास सहेली सोनालिका जो अंदर ही अंदर उस से बहुत जलती थी – ना सिर्फ़ खूबसूरती की वजह से बालिक लियाक़त की वजह से भी.

सोनल का एक ही छोटा भाई है सुनील जो उसे दो साल छोटा है वो भी सबके नक़्शे कदमों पे चलता हुआ उसी कॉलेज में म्बबस की पदाई कर रहा था. सुनील भी हमेशा क्लास में अवल रहता था और साथ ही उसे बॉडी बिल्डिंग का भी शोक था तो नियमित व्यायाम करने से उसने अपना जिस्म लोहे का बना डाला था.

दोनो भाई बहन किसी और चीज़ में कोई दिलचस्पी नही दिखाते थे – उन्हें बस अपने मा बाप की तरहा अपना नाम बनाना था – इसलिए दोनो के एक आध ही दोस्त थे और दोनो किसी भी पार्टी वगेरह में नही जाते थे.

क्यूंकी सुनील वहीं हॉस्टिल में रहता था उसके कानो में उड़ती उड़ती खबर पहुँच चुकी थी की आज कुछ लड़के सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाले हैं. पर क्या और कोन ये सब उसे पता नही चल पाया था.

इधर सुनील सोच रहा था कि कैसे पता करे कॉन सोनल के साथ कुछ बुरा करने वाला है – तो अचानक उसके दिमाग़ में आरुसि का ख़याल आ गया – आरुसि उसकी साथ ही पढ़ती थी और उसकी बड़ी बहन कामया सोनल के साथ. सुनील ने आरषि को फोन किया सारी बात उसे बताई और कामया को इस काम पे लगने के लिए कहा साथ ही ये बात भी की पार्टी के टाइम कामया जौंक की तरहा सोनल के साथ रहे – और जैसे ही कोई गड़बड़ दिखे तो सुनील को फोन कर दे. आरषि दिल ही दिल में सुनील से प्यार करने लगी थी – पर सुनील लड़कियों से सिर्फ़ काम की बात किया करता था कभी किसी को कोई खास लिफ्ट नही दी थी और ना ही किसी को ये जताया कि वो किसी को पसंद भी करता है – उसका सारा ध्यान बस पढ़ाई पे और टॉप करने में लगा रहता था.

सुनील के दिल के द्वार पे दस्तक देने के लिए आरषि को ये एक अच्छा मोका लगा और उसने काफ़ी देर तक कामया से इस बारे में बात करी. हालाँकि कामया और सोनल सिर्फ़ उपरी बातचीत करती थी दोनो में कोई खास दोस्ती नही थी पर जब कामया को पता चला कि कुछ लड़के सोनल की इज़्ज़त से खेलना चाहते हैं तो वो दिल से इस काम के लिए तयार हो गयी. पहला काम उसने ये किया कि सोनल को फोन कर उसे अपने साथ रहने की रिक्वेस्ट करी जिसे सोनल ने मान लिया क्यूंकी उसे तो किसी में कोई दिलचस्पी ना थी.

उधर हॉस्टिल के सीनियर विंग में रंजीत के कमरे में सोनालिका उसके बिस्तर पे नग्न लेटी हुई थी. सामने खड़ा रंजीत अपने कपड़े उतार रहा था.

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‘जल्दी करो ना – कोई आ गया तो’

‘हाई मेरी जान बड़ी आग लगी हुई है तुझे’

‘आग तो तुमने ही लगाई थी – अब इसे भुजाओ भी तो’ एक कातिलाना अंगड़ाई लेते हुए सोनालिका बोली.

अपने कपड़े उतार रंजीत बिस्तर पे चढ़ गया और सोनालिका को दबोचते हुए उसके होंठ चूसने लग गया.

सोनालिका रंजीत के लंड को सहलाने लगी और उसे अपने उपर खींचने लगी. रंजीत भी जानता था कि दोनो के पास आज ज़यादा वक़्त नही है वो भी उसके उपर चढ़ गया और उसके मम्मो को मसलते हुए अपने लंड को उसकी चूत से रगड़ने लग गया.

‘अहह अब डाल दो अंदर…..’ सोनालिका ज़ोर से सिसकी और अपनी गान्ड उपर करते हुए उसके लंड को अपनी चूत के अंदर लेने की कोशिश करने लगी.

तभी रंजीत ने ज़ोर का धक्का लगाया और खच एक ही बार में पूरा लंड सोनालिका की चूत में घुसा दिया.

‘उूुुुुुुउउइईईईईईईईईईईईईईईईईइइम्म्म्ममममममममाआआआआआ’

सोनालिका ज़ोर से चिल्लाई और रंजीत ने उसी वक़्त बिना रुके सोनालिका को तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया.

‘आह आह चोदो और ज़ोर से चोदो उम्म्म मज़ा आ रहा है’

सोनालिका ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेते हुए बड बड़ा रही थी और रंजीत तूफ़ानी मैल की तरहा उसकी चूत की कुटाई कर रहा था.

5 मिनट में ही दोनो साथ साथ झाड़ गये.

रंजीत हांफता हुआ उसकी बगल में गिर पड़ा.

जब उसकी सांस संभली तो उसने सोनालिका से कहा – ध्यान रखना आज सोनल को पार्टी में जो कोक मैं तुझे दूँगा वही पिलाना. 3 ग्लास अंदर जाते ही वो कब्ज़े में आ जाएगी.

सोनालिका – एक बार फिर सोच लो उसके माँ बाप दोनो बड़ी हस्ती है.

रंजीत : सब सोच लिया है – उसकी वीडियो खींच लेंगे फिर सबकी ज़ुबान बंद रहेगी – तू वैसे कर जैसा तुझे कहा है.

सोनालिका : मैं तो कर दूँगी आगे तुम जानो – अच्छा चलती हूँ सोनल को पटाने में भी टाइम लगेगा.

सोनालिका के जाते ही रंजीत ने फोन कर अपने दो दोस्तों को बुलाया जिनके साथ मिल के आज उसने सोनल का गंगबॅंग करने का सोचा था.

आरषि : दी क्या बात है आज तो बिजलियाँ गिरा दोगि. संभाल के रहना कहीं कोई…..

कामया : चल हट – जो भी आए बोल देती है

आरषि : नही दी कसम से – काश मैं लड़का होती.

कामया : तो ?

आरषि : फिर तो अभी चढ़ जाती आप पे – क्या रस भरे होंठ हैं – कसम से जलन होती है – काश मैं भी आपकी तरहा सुंदर होती.

कामया : बन्नो अभी पढ़ाई पे ध्यान दे और तू भी किसी से कम नही है

आरषि ; अच्छा दी वो आज आप सोनल के साथ ही चिपक के रहना – कुछ भी
गड़बड़ लगे तो सुनील को मिस कॉल मार देना. मैने उसे आपका नंबर दे दिया है और आप भी उसका नंबर सेव कर लो.
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rangila
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कामया सुनील का नंबर अपने मोबाइल में सेव कर लेती है.

कामया : वैसे ये लफडा है क्या- तू तो जानती है मेरी सोनल से कुछ ज़यादा दोस्ती नही है – फिर वो क्यूँ मेरे साथ रहेगी.

आरषि : दी वो सुनील को किसी ने बताया है कि कुछ लड़के आज सोनल के साथ कुछ गड़बड़ करनेवाले हैं. इसलिए सुनील ने रिक्वेस्ट करी है कि आप सोनल के साथ रहो उसपे नज़र रखो और कुछ भी गड़बड़ लगे तो उसे मिस कॉल मार दो.

कामया : ह्म्म देख कोशिश करूँगी – बाकी देखते हैं क्या होता है.

आरषि : थॅंक्स दी. लव यू ( और वो कामया के गले लग जाती है)



इधर आरषि अपनी बहन को सोनल के साथ चिपके रहने के लिए समझा रही थी उधर रंजीत अपनी प्लॅनिंग कर रहा था.

सोनालिका के जाने के बाद ऊस्तम और शंकर उसके खास दोस्त पहुँच गये.

रंजीत : सुनो तुम दोनो – पार्टी में हम में से कोई भी सोनल के आसपास नही मंडराएगा. पार्टी में हम उसे ओवरलुक करेंगे.

ऊस्तम : क्या यार यही तो मोका है अंजान बनते हुए उसके जिस्म के लम्स का अहसास लेने के लिए.

रंजीत : शंकर समझा इस चूतिए को – भोंसड़ी के अगर उसके आसपास्स मंडराते हुए दिखे तो शक़ हम पे जाएगा – उसके पास सिर्फ़ सोनालिका रहेगी जो उसे कोक में वोड्का और आफ्रोडीज़िक की डोज देती रहेगी. हमारा काम पार्टी में सिर्फ़ सोनालिका को कोक के तयार ग्लास देने का है.


अंड तुम साले कुछ ना कुछ गड़बड़ कर दो गे पार्टी में. सोनालिका और सोनल को मैं हॅंडल करूँगा तुम दोनो पार्टी शुरू होने के आधे घंटे बाद बाहर निकल जाओगे और वॅन ले कर एक दम कॉलेज के गेट के पास ला कर इधर उधर हो जाओगे – जैसे ही सोनालिका सोनल को वॅन तक लाएगी घर छोड़ने के बहाने और वॅन में बिठाएगी तब तुम दोनो वॅन के एक एक दरवाजे से अंदर घुस जाओगे – बस उसके बाद वॅन मेरे फार्म हाउस पे ही रुकेगी.

सोनल जब शाम को रेडी होकर अपने कमरे से बाहर निकली तो सुनील भी वहीं था वो खास तौर पे हॉस्टिल से घर आया था ताकि वो सोनल के साथ रह सके ये बात अलग थी कि वो पार्टी के अंदर नही जा सकता था.

सुनील ने जब सोनल को देखा तो देखता ही रह गया. आज उसे इस बात का अहसास हुआ था कि उसकी बहन कितनी सुंदर है. सुनील की नज़रों में सोनल के लिए प्रशंसा का भाव था उसमे कोई भी वासनात्मक भाव नही था. सुनील ने कभी भी अपनी बहन की तरफ वासनाकमक दृष्टि नही डाली थी. दोनो का प्रेम आपस में स्वच्छ था.

तभी वहाँ कामया भी आ गयी, कामया ने जब सोनल को देखा तो उसका भी मुँह खुला रह गया दिल ही दिल में नश्तर चुभने लगे क्यूंकी पार्टी में सब की नज़रें सोनल पे ही ठहर जाएँगी. ये बात वो समझ गयी थी.

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सुनील ने दोनो को कॉलेज छोड़ दिया जहाँ पार्टी होनी थी और खुद वहीं आस पास मंडराने लगा. उसने सोनल को बिल्कुल भी भनक नही लगने दी थी कि उसने कुछ सुना है आज की पार्टी के बारे में.

पार्टी में सबकी नज़रें सोनल पे टिक गयी हर लड़का उसके करीब होने की उसे बात करने की कोशिश करता, कामया भी उसके पास रही.

प्रोफेस्सर्स ने एक दो लेक्चर दिया पूरे बॅच की प्रशंसा करी और फिर सब को मस्ती करने की छूट दे दी.

कुछ देर डॅन्स हुआ जिससे सोनल ने अवाय्ड करा इसी बीच कामया को उसे अलग होना पड़ा क्यूंकी उसका बाय्फ्रेंड उसे डॅन्स के लिए खींच कर ले गया और यही टाइम था जब सोनालिका सोनल के करीब गयी और उसे कोक ऑफर करी. ये वो कोक थी जिसमे वोडका और आफ्रोडीज़िक मिली हुई थी. सोनल को अजीब टेस्ट लगा पर सोनालिका को पीते देख वो भी पीने लगी.

जब तक कामया वापस सोनल के पास पहुँचती सोनल 3 ग्लास पी चुकी थी. उसके कदमो में थोड़ी लड़खड़ाहट आ गयी थी. उसका जिस्म जलने लग गया था एक अंजान सी उत्तेजना उसके जिस्म में बढ़ती जा रही थी. दिल कर रहा था कि कपड़े फाड़ डाले.

इससे पहले की कामया सोनल से कुछ बात कर पाती.

सोनालिका : यार सोनल तेरी तबीयत कुछ ठीक नही लग रही है. चल हॉस्टिल में चलते हैं कुछ देर आराम कर लेना फिर घर चली जाना.

यही वक़्त था जिसे कामया ताड़ गयी थी और उसने सुनील को मिस कॉल कर दी.

सुनील कॉलेज के बाहर इधर उधर टहल रहा था. कामया की जैसे ही कॉल आई वो फटाफट अपनी कार ले के कॉलेज की तरफ बढ़ा ज़यादा दूर नही था. इससे पहले कि वो कार कॉलेज के अंदर ले जाता एक और कार उससे पहले कॉलेज के गेट पे आके रुकी. सुनील ये सोचा कि ये कार भी कॉलेज में घुसेगी वहीं अपनी कार में बैठा रहा.

तभी उसकी नज़र डोर अंदर से लड़खड़ाती हुई सोनल पे पड़ी. वो कार से निकल अंदर की तरफ भागने वाला ही था कि रंजीत के दोस्तों ने उसपे हमला कर दिया हमला अचानक था सुनील को संभलने का मोका नही मिला और वो पिटने लगा पर बीच बीचमें उसके भी तगड़े हाथ उनपे पड़ ही जाते थे. तब सोनालिका ने सोनल को उस कार में बिठाया और उसी वक़्त किसी ने सुनील के सर पे बियर की बॉटल दे मारी. सुनील लड़खड़ा के गिरा पर इससे पहले कि रंजीत कार में बैठ पाता- सुनील ने उसकी टांग पकड़ उसे गिरा दिया और अपने दर्द को भूल वो पागलों की तरहा रंजीत पे टूट पड़ा.
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सोनल ने सोनालिका के कंधों पे सर टिका दिया था और उसके सहारे वो बाहर निकली अब तक उसे होश ना रहा था कि वो कहाँ जा रही है बस कदम चल रहे थे किसी तरहा. सोनल को कोई होश ना था जब सोनालिका ने उसे कार में धकेला.

इधर कामया ने मार पिटाई देखी उसने लगातार तीन फोन करे – पहला एक प्रोफेसर को जो हॉस्टिल में ही रहता था- दूसरा पोलीस को और तीसरा सोनल के घर.

रंजीत के दोस्तों ने जब रंजीत को पिट देखा तो वो फिर सुनील पे टूट पड़े. इस वक़्त सुनील पागल हो चुका था दर्द क्या होता है वो भूल चुका था उसे बस अपनी बहन को बचाना था.

वो तीनो से लड़ता रहा किसी को कार तक ना पहुँचने दिया.

जिस प्रोफेसर को कामया ने फोन किया था वो हॉस्टिल से कुछ लड़के ले वहाँ पहुँचा तब तक सुनील बहुत ज़ख्मी हो चुका था. वो लड़के अब रंजीत और उसके साथियों पे पिल पड़े – मदद मिलती देख सुनील को राहत पहुँची उसने सोनल को अपनी कार में किसी तरहा डाला और ज़ख्मी हालत में कार ले भागा. कार सीधा उसके घर के दरवाजे पे जा के रुकी और उसका सर स्टियरिंग व्हील पे गिर गया जिससे लगातार हॉर्न बजने लगा – वो बेहोश हो चुका था.

पोलीस के आने से पहले रंजीत और उसके साथी किसी तरहा जान बचा के भाग गये सोनालिका भी मोके का फ़ायदा उठा के गायब हो गयी.

रंजीत को तो पहचान लिया गया था इसलिए प्रोफेसर और बाकी लड़कों ने उसका हुलिया पोलीस को दे दिया. बाकी दोनो ने अपने चेहरे पे नक़ाब ओढ़ रखा था इसलिए पहचाने ना जा सके..

इधर सोनल की माँ कॉलेज की तरफ निकल चुकी थी और उसके डॅड हॉस्पिटल से कॉलेज की तरफ निकल चुके थे, घर पे एक नोकर ही था जो बहुत पुराना था और बुजुर्ग था. वो काफ़ी टाइम से इनके यहाँ नोकरी करता था.

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