वो शाम कुछ अजीब थी complete

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rangila
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Re: वो शाम कुछ अजीब थी

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जब सोनल और रमण छोटे थे तब से ये दोनो बहने आपस में स्वापिंग करने लग गये थे क्यूंकी दोनो भी अपना टेस्ट बदलना चाहते थे और इनके पति तो अपनी साली पे लार टपकाया ही करते थे.

एक बार स्वापिंग का मामला कुछ लंबा ही हो गया था. यानी सविता एक महीने के लिए सागर के साथ उसकी पत्नी बन के रही और सुमन समर के साथ.

जिस्मो की ख्वाहिश पूरी करते हुए चारों एक ज़रूरी बात को ध्यान में ना रख पाए और नतीजा ये निकला कि महीने बाद सुमन और सविता दोनो ही प्रेग्नेंट हो चुकी थी.

चारों देखा जाए तो चार जिस्म और एक जान बन चुके थे इस लिए दोनो ने ही अपनी पत्नी को प्रेग्नेन्सी टर्मिनेट नही करने दी.

नतीजा ये हुआ कि सुनील का असली पिता था समर और रूबी का असली पिता था सागर. ये बात सिर्फ़ ये 4 ही जानते थे.

यानी सोनल और सुनील सगे भाई बहन नही थे और यही हाल रमण और रूबी का था. पर बचपन से ही ये बिल्कुल सगे भाई बहन की तरहा ही रहे और इनका प्रेम भी बिल्कुल ऐसा ही था.

जैसे जैसे बच्चे बड़े होते गये ये लोंग जो पहले हर महीने मिला करते थे वो उसमे लंबे ब्रेक आने लगे और अब हाल ये हो चुका था कि साल में एक बार छुट्टी के बहाने ही मिल पाते थे. और ये छुट्टी वो हमेशा किसी बीच पे ही मनाते थे – जहाँ ये चारों भूल जाते थे कि इनका आपस में क्या रिश्ता है – बस 4 जिस्म की क्रियाओं में लिप्त हो जाया करते थे.

कल ये चारों गोआ में मिलने वाले थे और इस बार का सारा खर्चा समर उठा रहा था, उसने ही सारे अरेंज्मेंट्स किए थे.

रात को सोनल को सुनील के खाने पीने का ध्यान रखने को कह सुमन और सागर अपने कमरे में जा के सो गये – सुबह 10 बजे इनकी फ्लाइट थी गोआ के लिए जो मुंबई हो कर जानी थी जहाँ समर और सविता ने भी बोर्ड करना था.


अगले दिन सुनील - सुमन और सागर को एरपोर्ट छोड़ने के लिए चला गया.
जब वो वापस आया तो उसने काफ़ी बेल बजाई पर किसी ने दरवाजा ना खोला. हार कर उसने अपनी चाबी से दरवाजा खोला और सीधा अपने मोम दाद के रूम में गया कुछ समान रखने.

जैसे ही वो रूम में दाखिल हुआ उसी वक़्त सोनल बाथरूम से बाहर निकली जिसने बाथ टवल लपेटा हुआ था.

सोनल की नज़र सुनील पे नही पड़ी . लेकिन सुनील की आँखें सोनल को इस रूप में देख चोंधिया गयी.

सोनल सीधा ड्रेसिंग टेबल पे गयी और अंगड़ाई लेते हुए कुछ सोचने लगी. सोनल की आँखें उस वक़्त बंद थी.





इससे पहले की कोई ग़लत ख़याल सुनील के दिमाग़ में आते वो सर झटक रूम से बाहर चला गया और हॉल में जा के बैठ गया - खुद को बिज़ी करने के लिए उसने टीवी चला लिया

उधर......................
जब फ्लाइट मुंबई लंड करी तो समर और सविता भी फ्लाइट में चढ़ गये. जैसे ही वो बिज़्नेस क्लास कॅबिन में पहुँचे अदला बॅड्ली वहीं शुरू हो गयी – सुमन अपनी जगह से उठी और सविता के गले मिली फिर वो समर के साथ बैठ गयी और सविता सुमन की जगह पे बैठ गयी.

समर तो जैसे सुमन के लिए पागल हुआ पड़ा था. जैसे ही वो बैठी – समर ने उसे अपनी बाँहों में समेट लिया और किसी की परवाह ना करते हुए अपने होंठ उसके होंठो से चिपका दिए. कुछ ऐसा ही हाल सागर और सविता के बीच था.

दोनो औरतों ने मुश्किल से खुद को छुड़ाया और अपने चेहरे पे हाथ रख बैठी रही – दोनो को ही यूँ खुले में चुम्मि देने मे बड़ी शर्म आई थी.

उधर सोनल तयार हो कर हॉल में आ गयी और सुनील के सामने बैठ गयी. सफेद टाइट टॉप और नीली जीन्स जिसमे से उसकी पैंटी का टॉप झाँक रहा था.
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Re: वो शाम कुछ अजीब थी

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सोनल : भाई कहीं घूमने चलें - बहुत बोर हो गयी हूँ.

सुनील : कहाँ चलना है .

सोनल : चल कोई मूवी देखने चलते हैं.

सुनील : ह्म्म्मे ठीक है चलो पहले बाहर कुछ खाएँगे फिर मूवी देखेंगे.

दोनो भाई बहन घर लॉक कर निकल पड़ते हैं.

वहाँ घंटे के बाद फ्लाइट गोआ उतर गयी और ये चारों अपने होटेल की तरफ रवाना हो गये. दोनो औरतों ने मर्दों को छेड़ खानी से रोका हुआ था - जब तक होटेल नही पहुँच जाते.

इस लिए सागर और समर चेहरा लटकाए बैठे रहे और दोनो बहने मंद मंद मुस्कुराती रही.

होटेल पहुँच के जब चेक इन किया तो समर लगभग खींचते हुए सुमन को अपने कमरे में ले गया उसने लगेज आने का भी इंतजार नही किया और सुमन पे टूट पड़ा.

सागर का कमरा इनके साथ वाला कमरा था.

समर ने सुमन को कुछ कहने का मोका तक ना दिया और उसके होंठ चूस्टे हुए उसके मम्मे ज़ोर ज़ोर से मसल्ने लगा.

सागर थोड़ा रोमॅंटिक किस्म का था उसने कमरे में घुसते ही पहले वाइन मँगवाई और तब तक समान भी आ गया.

सविता को बहुत शर्म आ रही थी - वो खिड़की की तरफ जा के खड़ी हो गयी. इतने में रूम सर्विस वाला वाइन भी ले आया.

सागर ने दो ग्लास में वाइन डाल ली और टेबल पे रख वो सविता के पीछे जा के खड़ा हो गया और अपने दोनो हाथ उसके कंधों से सरकाते हुए उसकी उंगलियों में अपनी उंगलियाँ फसा ली.
सविता की साँसे तेज चलने लगी.

सविता : पहले नहा के फ्रेश हो जाते हैं. ---- उखड़ी हुई सांसो से उसने मुश्किल से बोला.

सागर : एक साथ नहाएँगे.

सविता बाथ रूम में घुस गयी और सागर दोनो वाइन ग्लास ले कर बाथरूम में घुस गया.

सविता ने बाथ टब रेडी किया - और दोनो ने अपने कपड़े उतारे और बाथ तब में घुस गये.

सागर ने सविता को अपने उपर ले लिया दोनो वाइन सीप करते हुए बाथ टब में नहाने का मज़ा लेने लगे.



दूसरे कमरे में जब वेटर ने समान देने के लिए बेल बजाता है तो समर को मजबूरन सुमन को छोड़ना पड़ता है. सुमन के बाल बिखर चुके थे, होंठों की लिपस्टिक समर खा चुका था. ब्लाउस पूरा सिलवटों से भर गया था.

सुमन खुद को वेटर की नज़रों से बचाने के लिए बाथरूम में घुस गयी.

समर ने समान जगह पे रखा तो सुमन को आवाज़ दी. सुमन ने बाथरूम से ही बोला अभी फ्रेश हो के आती हूँ. उसने दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया था. समर ने बहुत बार कहा कि दरवाजा खोलो पर सुमन ने खिलखिला के जवाब दिया - अभी नही आराम से नहाने दो.

समर भुन्भुनाता हुआ हाल में बैठ गया और बियर की बॉटल खोल ली.

सुमन बाथ टब में पूरी मस्ती के साथ नहा रही थी और समर बाहर बैठा कूद रहा था.



दूसरे कमरे में सागर और सविता का हाल कुछ इस तरहा था - दोनो पूरी मस्ती में एक दूसरे को चूम रहे थे.

...............................................

सोनल और सुनील देल्ही में पहले पिज़्ज़ा खाने चले गये फिर सुनील सोनल को चाणक्या ले गया जहाँ जायदातर इंग्लीश मूवीस ही लगती थी.

सुनील ने कुछ ज़यादा ध्यान ना देते हुए एक ऐक्शन मूवी की टिकेट्स ले ली.

दोनो को कॉर्नर की सीट्स मिली थी इस बात से सोनल को काफ़ी राहत पहुँची और वो कॉर्नर वाली सीट पे बैठ गयी. सुनील अंदर की तरफ बैठ गया.
ज़यादा तार यहाँ पे कॉलेज के जोड़े ही आते हैं मुश्किल से कोई सिंगल होगा.

जैसे ही फिल्म शुरू हुई और अंधेरा हुआ जोड़े हरक़त में आ गये.
सोनल के बिल्कुल सामने वाला जोड़ा किस्सिंग करने लग गया.

चारों तरफ यही महॉल था और दोनो भाई बहन को उस हालत में वहाँ बैठना मुश्किल लग रहा था. सुनील तो अपनी नज़रें स्क्रीन पे जमा के बैठा रहा अब बहन के साथ होते हुए इधर उधर नज़रें दौड़ाना उसे ठीक नही लग रहा था.

तभी स्क्रीन पे एक बहुत ही हॉट सीन आ गया . सोनल को अपने भाई के साथ ऐसे सीन देखने में बड़ी शर्म आ रही थी. सुनील उसकी परेशानी समझ गया और खुद ही बाय्ल उठा - दी चलते हैं.

सोनल ने राहत की साँस ली और सुनील के साथ घर चली आई. दोनो भाई बहन अपने अपने कमरे में चले गये.
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Re: वो शाम कुछ अजीब थी

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सुनील तो पढ़ने बैठ गया पर सोनल के दिमाग़ से हाल का वो महॉल और हॉट सीन नही निकल रहा था.

वो आँखें बंद कर के बिस्तर पे लेट गयी और उसे उस सीन में अपने साथ सुनील दिखाई देने लगा.

वो घबरा के आँखें खोल बैठी और अपनी इस सोच पे खुद को लानत भेजने लगी तभी उसे माधवी की बातें याद आई और वो सोचने पे मजबूर हो गयी कि क्या वो अपने भाई से ही प्यार करने लगी है. नही - नही ये कभी नही हो सकता. खुद को लानत देती हुई वो बाथरूम में जा कर शवर के नीचे खड़ी हो गयी.

सोनल ठंडे पानी से नहाई और रात के खाने की तैयारी करने लगी.
सुनील जब पढ़ के फ्री हुआ तो सोचने लगा – दी को कितना अजीब लगा होगा – कैसी वाहियात फिल्म थी – काश पता होता तो टिकेट बिल्कुल भी नही लेता उस फिल्म की.

फिर सुनील को यकायक याद आया कि जब फिल्म में पहले एक रोमॅंटिक सीन चला था तो दी ने अपना सर उसके कंधों पे रख दिया था.

ऐसा क्यूँ हुआ – क्या दी भूल गयी थी कि वो मेरे साथ हैं . फिर उसके दिमाग़ में वो पल भी आया की जब सीन कुछ अडल्ट वाला आया था तो दी ने एक पल को उसका हाथ दबा दिया था और फिर अपना सिर उसके कंधे से हटा लिया था. जिसके बाद वो दोनो बाहर निकल गये.

‘ना ना ‘ क्या ऊटपटांग सोच रहा हूँ मैं – ऐसा कुछ नही – फिल्म कुछ ज़यादा अडल्ट निकली तो दी का बोखला जाना वाजिब था – आख़िर एक भाई के साथ ऐसी फिल्म कॉन बहन देख सकती है .

सुनील अपने बिस्तर पे लेट गया और आँखें बंद कर ली.

कुछ ही पलों में उसकी आँखों के आगे सोनल की वो छवि आ गयी जब वो नहा के सिर्फ़ एक टवल लपेटे हुए बाथरूम से बाहर निकली थी.

वो घबरा के उठ गया. ये ये…. उसे कुछ समझ नही आया – कि कैसे उसके जेहन में अपनी बड़ी बहन की वो छवि क़ैद हो के रह गयी.

वो खुद को कोसने लगा.

अब हाल ये था कि सुनील जब तक माँ बाप वापस नही आ जाते सोनल को अकेला नही छोड़ सकता था – उधर रूबी रमण से इतना नाराज़ हो गयी थी – या यूँ कहिए कि जिंदगी को ढंग से सोचने लगी थी - कि एक पल भी रमण के साथ अकेले में नही गुज़ारना चाहती थी – जैसे ही दोनो के माँ बाप गये – रूबी भी अपनी सहेली के घर चली गयी और रमण घर में अकेला रह गया.

दोस्तो अब ज़रा देखते हैं गोआ में क्या हो रहा है................................

अपने बालों को सुखाती हुई सुमन बाथरूम से बाहर निकली - वो इस वक़्त बात टवल में लिपटी हुई थी. इस वक़्त कोई भी सुमन को देख लेता तो सीधा उसका रेप करने पे उतारू हो जाता.
समर तो वैसे ही उफना हुआ बैठा था.

'अरे अभी से बियर !' सुमन समर को चिड़ाते हुए बोली.

'अभी बताता हूँ!' समर ने बियर कोई बॉटल टेबल पे रखी और सुमन की तरफ लपका. सुमन खिलखिलाती हुई इधर से उधर रूम में फुदकने लगी और समर उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे पीछे - थोड़ी देर सुमन उसे छकाती रही फिर खुद ही बिस्तर पे हस्ती हुई गिर पड़ी और समर ने सीधा उसपे छलाँग ही लगा दी.

ऊऊऊऊओउुुुुुुुऊउक्कककककचह सुमन चीखी पर समर ने आगे उसे कुछ कहने का मोका ना दिया और पागलों की तरहा उसके होंठ चूसने लग गया. साथ ही उसके हाथ टवल में घुसा ज़ोर ज़ोर से सुमन के मम्मे मसल्ने लगे.

कुछ देर समर पागलों की तरहा सुमन को चूमता और मसलता रहा, उसके इस जंगलीपन में भी सुमन को बड़ा मज़ा आ रहा था.

फिर समर ने अपने कपड़े उतार फेंके और सुमन का टवल भी खींच के अलग कर डाला. सुमन का तराशा हुआ बदन उसमे और भी आग भड़का गया और वो सुमन पे टूट पड़ा. सुमन भी उसका साथ दे रही थी. समर के जंगलीपन की वजह से सुमन की चीखें निकलने लगी - जो दूसरे रूम तक जाने लगी और सागर और सविता की मस्ती को बढ़ाने लगी.



समर सुमन को ऐसे निचोड़ रहा था जैसे उसने बरसों से औरत को देखा ही ना हो.

म्म्म्मुममममममममाआआआआआआआआआआआआआआआ

सुमन ज़ोर से चीखी जब समर ने एक ही बार में अपना लंड उसकी चूत में घुसा डाला - सुमन की ये चीख शायद पूरे होटेल में हर गेस्ट ने ज़रूर सुनी होगी.

अहह उूउउफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हहाआआआईयईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई

समर सटा सट सुमन को चोदने लग गया और सुमन चिल्लाती रही


अहह आअहह उूुउउफफफफफ्फ़ ऊऊऊऊओ उूुुुुुुउउइईईईईईईईईईईई

द्द्द्द्द्दद्धहिईीईईईइइर्र्र्र्रररीईईई म्म्म्मईममाआआआआआ

सुमन की सिसकियाँ तेज होने लगी - समर के जंगलीपन से उसे मज़ा आने लगा - शुरू में जो दर्द हुआ था वो अब मज़े में बदल गया था.

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Re: वो शाम कुछ अजीब थी

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समर एक मशीन की तरहा सुमन की चूत में अपना लंड पेल रहा था और अब तो सुमन भी उसका साथ देने लग गयी थी.

सुमन की सिसकियाँ समर का जोश बढ़ाती जा रही थी

सविता बाथ टब में सागर की गोद में बैठी अपने मम्मे मसलवा रही थी.

'क्या हो गया है दोनो को - सुमन कितना चीख रही है'

'लगता है समर एक साल की कसर पूरी करने में लग गया है - आज सुमन की खैर नही'

'ह्म्म्मc कितना मज़ा आ रहा होगा ना उसे - समर उसके साथ बिल्कुल जंगली बन जाता है'

'तो यहाँ कोन पीछे रहने वाला है'

सागर ने सविता को वहीं बाथ टब में झुकाते हुए पीछे से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया.

आआआआऐययईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई सविता की चीख निकल पड़ी जिसे सुमन और समर ने भी सुना

दोनो औरतों की सिसकियाँ कमरे में तो क्या पूरे होटेल में गूंजने लगी थी. सारा महॉल ही मस्ती का हो चला था - यूँ लग रहा था जैसे पूरे होटेल में चुदाई समारोह शुरू हो गया हो.

हर कमरे से थोड़ी देर बाद औरतों की सिसकियों की आवाज़ें आने लगी.

यहाँ ये दोनो जोड़े खुद में मस्त अपनी चुदाई का आनंद ले रहे थे. इन्हे क्या पता था कि इनकी वजह से बाकी जोड़े भी चुदाई में लग गये थे.

अहह उूुुुुुउउफफफफफफफफफफ्फ़ उूुुुुउउइईईईईईईईई

ईईईसस्स्स्स्स्स्सस्स फफफफफफ़ाआआआआसस्स्स्स्स्थथत्टटटत्ट्टीईईईईईईरर्र्र्र्र्र्ररर

मोर मोर आह आह

कहीं कुछ तो कहीं कुछ

ऐसी ऐसी आवाज़ें आ रही थी कि होटेल के स्टाफ का काम करना मुश्किल सा हो गया था.

करीब एक घाटे तक यही महॉल रहा.

फिर शुरू हुई आँहें और तेज चीखें जो बता रही थी कि जोड़े अपने अपने ऑर्गॅज़म को प्राप्त कर रहे थे.

सुमन और समर तो बिल्कुल पस्त हो गये थे - दोनो में बिस्तर से उठने की हिम्मत ही ना बची थी

सागर भी सविता को बाथरूम से बिस्तर पे ले आया था और दोनो एक दूसरे की बाँहों में खो गये थे. आँखें कब बंद हुई पता ही ना चला.
थोड़ी देर बाद समर की आँख खुल गयी तो साथ में सुमन लेटी हुई थी – वो बड़ी गहरी नींद में थी – उसका चेहरा बता रहा था कि अभी हुई ज़ोर दार चुदाई से उसे कितना मज़ा मिला . शाम हो चुकी थी समर बाथरूम में जा के फ्रेश हुआ और उसने सुमन के नंगे जिस्म पे चद्दर डाल दी.

फिर वो कमरे से बाहर निकला और सागर के कमरे की बेल बजा दी. सागर और सविता भी तयार हो चुके थे. सविता ने दरवाजा खोला और समर अंदर आ गया.

सागर : क्या बात है बड़ी चीखें निकलवाई सुमन की.

समर : यार सुमन है ही इतनी गरम और उपर से एक साल का गॅप मैं खुद को रोक ही नही पाया.

सविता : तुम लोग बियर पियो मैं जा के उसे देखती हूँ.

सविता जब कमरे में घुसी तो सुमन का हाल देख मुस्कुरा उठी.

सविता ने सुमन के होंठ चूसने शुरू कर दिया.
सुमन की नींद खुल गयी और उसने अपनी बहन को अपने उपर देखा तो उसे जाकड़ लिया.

सविता : चल यार रेडी हो जा.

सुमन : अरे मेरे कपड़े तो ले आती – अहह पूरा जिस्म तोड़ दिया समर ने.

सविता : चल लाती हूँ और अपना बॅग ले जा रही हूँ – समर तुझे सागर के पास तो जाने नही देगा इस पूरे हफ्ते.

सविता अपना बॅग उठा के ले गयी और सुमन बाथरूम में घुस गयी
शीशे के सामने खड़ी हुई तो देखा जगह जगह समर ने काटने के निशान छोड़ रखे थे. अपने जिस्म को देख सुमन मुस्कुरा उठी. समर हमेशा उसकी साथ जंगली बन जाता था और इस जंगलीपन में उसे बहुत मज़ा मिलता था.

फ्रेश हो कर सुमन अपनी गान्ड में क्रीम लगाने लगी – वो जानती थी कि आज रात समर उसे सोने नही देगा – रात भर चुदाई चलेगी और उसकी गान्ड भी मारी जाएगी.

सुमन नंगी ही बाथरूम से बाहर निकली तो सविता उसका वेट कर रही थी.
रेडी हो कर दोनो सागर के रूम में गयी. दोनो बियर की चुस्कियाँ लगा रहे थे – सागर ने सुमन को अपनी तरफ खींचा तो समर बोल पड़ा – ना ना अब एक हफ्ते तक ये मेरे पास ही रहेगी.

सुमन शरमा गयी और समर के साथ बैठ गयी.

समर ने सबके सामने ही उसे दबोच लिया और उसके होंठ चूसने लग गया, देखा देखी सागर ने भी सविता को दबोच लिया.

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Re: वो शाम कुछ अजीब थी

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थोड़ी देर बाद सुमन ने खुद को छुड़ाया – अगर थोड़ी देर और वो समर के साथ चिपकी रहती तो वो वहीं शुरू हो जाता.

सुमन : चलो पहले कुछ खाते हैं फिर वहीं डिसाइड करेंगे आगे का प्रोग्राम.
चारों उठ के रेस्टोरेंट चले जाते हैं.

ख़ान खाते हुए सविता पूछती है : अब बोलो क्या प्रोग्राम है आगे का.

समर : प्रोग्राम क्या होना है – चुदाई और चुदाई

सुमन : धत्त्त – जगह तो देखो – जो मुँह में आता है बोल देते हो.

सागर : यार आज तो रेस्ट करेंगे कल सुबह नाश्ते पे डिसाइड करते हैं कहाँ घूमने चलें.

समर : ह्म्म ये ठीक रहेगा.

समर सुमन के कान में कुछ कहता है – सुमन का चेहरा लाल पड़ जाता है उसकी बात सुन कर.
वो उठ के चली जाती है.

सविता : अरे कहाँ चली.

समर : आती है अभी.

थोड़ी देर बाद सुमन आई तो उसने स्कर्ट और टॉप पहना हुआ था. टॉप इतना टाइट था कि उसके मम्मे पूरी तरहा झलक रहे थे.

सागर ने जब सुमन को इस रूप में देखा तो सीटी बजाने लग गया और इससे पहले की वो समर के पास जा के बैठती सागर ने उसे खींच लिया और उसके होंठ चूमने लग गया.

कुछ देर तो समर चुप चाप बैठा दोनो को देखता रहा. फिर उसने सुमन को खींच ही लिया. ‘अबे मेरे माल पे डाका डालता है’

सब की हँसी छूट गयी उसकी बात सुन कर. अंधेरा हो चुका था.

सागर : चल यार मैं तो चलता हूँ .

सागर के उठते ही सविता भी उठ गयी और ये दोनो तो कमरे में चले गये.

सुमन और समर थोड़ी देर वहीं बैठे रहे जब तक समर ने अपनी बियर ख़तम करी.

समर : बीच पे चलें.

सुमन : इस वक़्त.

समर – मज़ा आएगा चलो तो सही.

सुमन ; चलो पर कुछ शरारत मत करना खुले में.

कहने को तो सुमन मना कर रही थी – पर वो जानती थी कि समर कहाँ बाज आनेवाला है.

दोनो होटेल के पीछे चले गये जहाँ होटेल का लंबा दूर तक फैला प्राइवेट बीच था. समर ने एक जगह चुनी जहाँ अंधेरा था और होटेल से थोड़ा दूर ही पड़ती थी वो जगह.

सुमन को साथ ले वो वहाँ पहुँच गया. सुमन दूर तक फैले समुद्र को देख रही थी जिसपे चाँदी की किरणें नृत्य कर रही थी.

समर : इधर आओ ना.

सुमन : यहीं तो हूँ.

समर : थोड़ा और पास

सुमन उसके और करीब हो गयी.

समर : थोड़ा और पास

समर ने सुमन को खुद से चिपका लिया और वहीं खड़े खड़े उसके होंठों पे अपने होंठ रख दिए.

‘उम्म्म्म – प्लीज़ खुले में नही कमरे में चलो.’

‘कुछ नही होता – मेरी जान मैं हूँ ना’

सुमन समर का साथ देने लगी और दोनो एक दूसरे के होंठ चूसने लग गये.
समर ने अपना एक हाथ नीचे से सुमन की टॉप में घुसा दिया और उसके मम्मे को मसल्ने लगा.

म्म्म्ममममाआआआआआआ उूुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़

सुमन सिसकने लगी और ज़ोर ज़ोर से समर के होंठो को चूसने लगी.

काफ़ी देर तक दोनो एक दूसरे के होंठ चूस्ते रहे और समर साथ में उसके मम्मे को मसलता रहा.

जब साँस लेना मुश्किल हो गया तो दोनो वहीं बीच पे लेट अपनी उखड़ी हुई सांसो को संभालने लगे.

समर ने सुमन को करीब किया और उसके टॉप को उठा कर दोनो मम्मे नंगे कर दिए और दोनो पे हाथ फेरने लगा.

‘जीजा जी प्लीज़ अब और यहाँ नही – कमरे में चलो ना’ सुमन समर को रोकते हुए बोली.

‘कुछ नही होता – तुम बस मज़े लो’ समर उसके एक निपल को चूसने लग गया.

सुमन जहाँ डर रही थी की कहीं कोई आ ना जाए वहाँ उसे रोमांच भी आ रहा था यूँ खुले में अपने जीजा से अपने निपल को चुसवाने में.

‘अहह आराम से …… ओह म्म्म्मरमममाआआआआआ’

समर ज़ोर से उसके निपल को चूसने लग गया और सुमन की सिसकियाँ वहाँ गूंजने लगी.

सुमन ने समर के सिर को अपने मम्मे पे दबा दिया और सिसकती हुई मचलने लगी.

समर ने अपनी शर्ट उतार दी और सुमन का टॉप भी.

सुमन अब मूड में आ चुकी थी वो समर पे चढ़ के उसके होंठ चूसने लगी.
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