हँसकियां, चूतकुले, जोकस

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Jaunpur

हँसकियां, चूतकुले, जोकस

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दोस्तों,

आप सबको हँसाने और खुद हँसने के लिये मैं ये सूत्र शुरु कर रहा हूँ।

आशा करता हूँ कि ये आप सबको पसंद आयेगा, और अपने कमेंट के साथ-साथ अपने चुटकुले भी पोस्ट करके सबका मनोरंजन करेंगे।

धन्यवाद।

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001॰ जमींदार की सुहागरात

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001॰ जमींदार की सुहागरात

गाँव का एक जमींदार शादी की सुहागरात को जब बेडरूम में गया तो उसकी बीवी बेड पर घूँघट ओढ़े बैठी थी। उसने घूँघट उठाया, चूमा चाटी की, दुल्हन के एक-एक करके सारे कपड़े उतारे, फिर खुद के कपड़े उतारे। दुल्हन मस्त माल थी। उसकी टाइट चूचियों को मसलते ही जमींदार का लण्ड खड़ा हो गया। जमींदार ने दुल्हन को लिटाया गाँव में बिजली नहीं आई थी। लालटेन जल रही थी। अनाड़ी जमींदार बुर में लण्ड डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन टाइट बुर में लण्ड डाल नहीं पा रहा था। उसने दुल्हन से कहा- “अभी आता हूँ…”

उसने दरवाजा जरा सा खोलकर नौकर को आवाज लगाई- “रामू, इधर आओ…”

रामू दौड़ता हुआ आया। जमींदार ने उसे अंदर बुला लिया। दुल्हन ने साड़ी अपने ऊपर डाल लिया था। जमींदार ने लालटेन नौकर को पकड़ाया, और बोला- “यहाँ दिखाना…” फिर दूल्हन के कपड़े खींचे।

तो दुल्हन बोली- नौकरके सामने?

जमींदार बोला- “यह किसी को कुछ बताएगा नहीं, गूंगा है…” फिर दुल्हन के बदन से कपड़े खींचकर अलग किए, और लण्ड बुर में फिर से पेलने की कोशिश करने लगा। लेकिन इस बीच लण्ड थोड़ा नरमा गया था तो अंदर जाना मुश्किल था। लेकिन दुल्हन की कसी जवानी देखकर जमींदार का जेहन सेक्स से भर गया था। हुआ यूँ की लण्ड ने पानी छोड़ दिया।

दुल्हन ने फुसफुसाकर कहा- “अंदर डालो ना जी…”

जमींदार ने कहा- “अब क्या डालूं? लण्ड तो झड़ गया…”

यह सुनते ही दुल्हन ने हिकारत भरी आवाज में कहा- “छीः सुहागरात बर्बाद कर दिया। और करवट बदल लिया।

जमींदार का पारा चढ़ गया, गुस्से से बेड के नीचे उतरा और नौकर को दो चांटे लगाए- “साले, ठीक से लालटेन भी दिखाया नहीं जाता तुझसे? चल कपड़े उतार…”

रामू की कुछ समझ में नहीं आया। मालिक का गुस्सा देखकर हड़बड़ा गया और जल्दी से कपड़े उतार दिए।

जमींदार ने देखा और बोला- “साले, तू आदमी है की गधा है? चल पलंग पर चढ़…”

रामू बेड पर चढ़ गया।

जमींदार ने दुल्हन से कहा- “जानू, सीधी हो जाओ मैं तुम्हारी सुहागरात खराब नहीं होने दूँगा। जिसने खराब किया है वोही ठीक करेगा। साले, देख कैसे लालटेन दिखाते हैं। चल लण्ड में थूक लगा और नयी मालकिन की बुर में अपना लण्ड पेल…”

रामू ने लण्ड बुर की मुँह में रखा और दबाओ डाला 9” इंच लंबा 4 इंच मोटा काला लण्ड बुर में उतरने लगा। दुल्हन कसमसाने लगी- “अया…”

जमींदार दुल्हन से पूछने लगा- जानू अंदर गया?

दुल्हन बोली- हाँ जा रहा है, बहुत मोटा है।

जमींदार बोला- बहुत लंबा भी है, बर्दस्त कर लेना। इन आदिचासियों के बदन जितने मजबूत होते हैं सालों के लण्ड भी उतने ही मजबूत होते हैं…”

रामू को एक चांटा और मारा और बोला- “देखा कैसे तुझे रास्ता मिल गया? ठीक से लालटेन दिखाता तो तुझे यह सब नहीं करना पड़ता। चल अब चोद रात भर अपनी मालकिन को, और जब तक उनका दिल ना भरे रुकना मत… चोद साले… मार धक्के…”

रामू धक्के मार-मार के चोदने लगा। जमींदार लालटेन दिखाकर खुश होता रहा- “जानू अच्छा लग रहा है ना?”

दुल्हन बोली- “उससे बोलो कि टाँगें छोड़ दे, मैं फैलाकर पकड़ती हूँ। वो मेरी चूंचियों को मसले और निपल चूसे…”

जमींदार ने रामू को हुक्म दिया- “मालकिन के दूध पकड़कर चूस…”

रामू ने वक़्त गँवाए बगैर दुल्हन के सख़्त बड़ी-बड़ी चूचियां अपने खुरदुरे हाथों से पकड़ा और निपल में मुँह लगा दिया। अब वो निपल चूस-चूसकर चोदने लगा।

जमींदार ने जम्हाई ली तो दुल्हन बोली- “आप कितनी देर खड़े रहेंगे, चेयर डालकर बैठ जाइए। यह आदिवासी बड़े मजबूत होते हैं। इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं…”

जमींदार अब भी जमींदार ही था चाहे उसकी जमीन पर उसका नौकर हल चला रहा हो।

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002॰ लण्ड बड़ा करने का तरीका

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002॰ लण्ड बड़ा करने का तरीका

एक रात इमरान के घर वाले दूसरे शहर गये थे। इमरान घर पर अकेला था, रात में घर के पिछवाड़े जहाँ एक गाय और उसका बछड़ा बँधे थे कुछ हलचल सुनाई दी। इमरान बाहर निकला तो दो लोगों ने उसे पकड़ लिया। उसके सारे कपड़े उतार दिए, मुँह में कपड़े ठूंस दिए और उसे खूंटे से बाँध दिया और गाय खोलकर ले गये। बताने की जरूरत नहीं की वो चोर थे।

सुबह जब उसकी माँ और 20 साला बहन वापस आए तो उसे इस हाल में देखकर परेशान हुए। उसे खोला और पूछा की किसने किया?

इमरान ने किसी को कुछ बताने से पहले वहां पड़ा एक डंडा उठाया और बछड़े को बेदर्दी से पीटने लगा।

माँ ने उसे रोका- “गाय चोर ले गये, इसमें इस बेचारे का क्या कुसूर? इसे क्यों पीट रहा है?

इमरान बोला- “अम्मी, तुम नहीं जानती इसने रात भर अपनी माँ का थन समझकर मेरे लण्ड को चूस-चूसकर बुरा हाल किया है। देखो, मेरे हाथ बँधे थे मुँह में कपड़ा ठूँसा हुआ था। ना छुड़ा पा रहा था, ना चिल्ला पा रहा था। मेरा क्या हाल हुआ होगा सोचो। साले को लण्ड और थन में फरक नहीं पता…” इमरान फिर उसे पीटने लगा।

माँ ने समझाया- “छोटा बच्चा है…”


उसकी बड़ी बहन मुश्कुराती हुई बोली- “तेरा तो फायदा ही किया है लड़कियां लंबा लण्ड ढूँढ़ती हैं। अपने दोस्तों से बताना ‘लण्ड लंबा करने का आसान तरीका’ हाहाहाहा…”

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003॰ झांट बनाने की दुकान

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003॰ झांट बनाने की दुकान

इमरान ने हज्जाम की दुकान खोल ली। ठीक उसके दुकान के ऊपर माले पे एक चाय नाश्ते की दुकान थी। ऊपर से कभी कोई पानी फेंक देता, कभी कुछ, कभी कुछ। दोनों में झगड़े के बाद सुलह हुई। चाय वाला नीचे आ गया, इमरान अपनी हज्जाम की दुकान ऊपर ले गया।

लेकिन नीचे चाय की दुकान पर एक बोर्ड लगा गया- “नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है…”

पहले ही दिन एक सरदार उसकी दुकान में पहुँचा और चेयर पर पैंत उतारकर बैठ गया। इमरान ने पूछा- यह क्या बदतमीजी है?

सरदार बोला- “नीचे बोर्ड लगा है ‘नीचे का बाल बनाने वाला ऊपर है’ अब बनाओ नीचे का बाल…”

इमरान को अपनी गलती का अहसास हुआ लेकिन उसने सोचा की चुपचाप बैठने से अच्छा है कि यह भी करके देखा जाए। दिल ही दिल में सोचने लगा इस काम के लिए पैसे भी अच्छे मिलेंगे। उसने उस्तूरा निकाला और सरदार की झांट साफ कर दिया, और 50 रूपए माँगे, जो सरदार खूशी से दे गया।

रात सरदार ने सरदारनी को अपना साफ सुथरा लण्ड दिखाया तो सरदारनी ने पूछा- इसे कहाँ से साफ करवाया?

सरदार ने उसे अड्रेस बता दिया और बोला- “तुम भी वहाँ से अपना साफ करवा आना…”

दूसरे दिन सरदारनी इमरान की दुकान पर पहुँची। मुश्कुराते हुए सरदार के साफ लण्ड की तारीफ की और बोली- “उन्होंने भेजा है, मेरा भी साफ कर दो…”

इमरान बोला- “हाँ हाँ क्यों नहीं? सलवार उतारिय और बैठिए…”

सरदारनी ने सलवार उतरी और कुरती भी उतारने लगी।

इमरान बोला- उसे उतारने की जरूरत नहीं।

सरदारनी बोली- बगल भी साफ करवाना है।

इमरान कुछ सोचकर बोला- तो ठीक है उतार दीजिए।

अब सरदारनी बिल्कुल नंगी थी। इमरान उसकी इतनी बड़ी गाण्ड इतनी बड़ी-बड़ी चूचियों को देखकर हैरान था। दिल तो कर रहा था कि चोद डाले लेकिन साइज देखकर डर महसूस कर रहा था। फिर भी सरदारनी के सीट पर बैठते ही उसने चूचियों को सहलाने शुरू कर दिया।

सरदारनी बोली- यह क्या कर रहे हो?

इमरान बोला- हज्जाम मैं हूँ या आप?

सरदारनी बोली- वो तो आप हो।

तो फिर मुझे मेरा काम करने दीजिए। आप आराम से लेटी रहिए।

सरदारनी बोली- ठीक है भैया, मुझसे गलती हो गयी आप अपना काम करें।

इमरान ने कुछ देर चूचियों को दबाया फिर निपल में होंठ लगा दिए। सरदारनी भी अब मस्त होने लगी थी। इमरान अब नीचे आया और बुर चूमने लगा।

सरदारनी बोली- “भैया, आप चोदेंगे क्या?

इमरान बोला- “देखिए, यह जो बुर की जगह है ना यह बहुत नाजुक जगह है इसके लिए अभी तक कोई क्रीम तो बाजार में आया नहीं है। इसलिए पहले बुर से ही क्रीम निकालना पड़ेगा फिर उसी क्रीम से झाँट की सफाई होगी। और बुर से बिना चुदाई के क्रीम तो निकलेगी नहीं। यह तो मेरे काम का हिस्सा है…”

सरदारनी बोली- “वो ऐसा है तो फिर अपना लण्ड निकालिए मैं भी जरा उसे चूसकर गीला कर दूं…”

इमरान ने अपने सारे कपड़े उतारकर टांग दिए और मुड़ा तो उसका लण्ड आधा खड़ा हो चुका था। उसे देखकर सरदारनी बोली- “वाह भैया, क्या लण्ड है… सरदार से दोगुना लंबा और दोगुना मोटा। मजा आ जाएगा…”

इमरान- “क्या मजा आ जाएगा… मैं कोई मजे के लिए नहीं चोद रहा…”

सरदारनी बोली- “मैं जानती हूँ फिर भी इतना तगड़ा लण्ड अंदर लेने में मजा तो आएगा ही…”

इमरान- “मुझे नहीं मालूम, आपको मजा लेना है तो लें…”

सरदारनी भूखी कुतिया की तरह लण्ड चूसने लगी। उसने बोला- “जल्दी अंदर डालो… मेरी बुर पिघलती जा रही है…”

इमरान ने जल्दी से पोजीशन लिया और लण्ड सरदारनी की बुर में घुसा दिया। सरदारनी 35-36 साल की तगड़ी औरत थी, आसानी से पूरा लण्ड निगल गयी। फिर तो इमरान किसी मशीन की तरह उसे चोदने लगा। बुर और लण्ड के बीच जंग जारी रही। आखिरकार लण्ड ने हार मान ली। दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे। इमरान ने सीट के नीचे एक कटोरी रख दी थी जिसमें बुर से निकलने वाली मिक्स क्रीम जमा हो रही थी। आधी कटोरी क्रीम भरी हुई थी। इमरान ने उसे उठाया और बोला- “आपकी बुर ने तो जितनी क्रीम दे दी है कि आज दूसरी कोई ग्राहक आ जाती तो इसी से उसका भी काम चल जाता, मुझे इतनी महत क्रीम निकालने में नहीं करनी पड़ती।

सरदारनी बोली- आपको मेरी बुर पसंद आई?

इमरान बोला- बड़ी भूखी बुर लगती है।

सरदारनी बोली- “हाँ यार, सरदार बड़ा सुस्त है चोदने में…” फिर सचमुच इमरान ने क्रीम उसकी बुर पर लगाया और उस्तूरा से उसकी बुर की बाल साफ कर दिए। फिर बगल के बाल साफ किए। तब तक उसका लण्ड फिर खड़ा हो गया था। उसने फिर पोजीशन लिया।

तो सरदारनी बोली- अब क्यों?

इमरान बोला- “चेक कर रहा हूँ कि साफ करने के बाद चोदने में मजा आता है या नहीं? मुझे मजा आएगा तभी तो आपके खसम को मजा आएगा? उनको मजा नहीं आया तो वो आपको भेजेगे नहीं…” इमरान ने फिर से सरदारनी को जाम के चोदा। जब झड़ गया तो हाँफते हुए बोला- “200 रूपए दो…”

सरदारनी ने उसके होंठ चूमे, दो सौ रूपीए दिए और जाते-जाते पूछा- कितने दिन में साफ करवाना है?

इमरान बोला- हफ्ते में या महीने में एक बार जरूर करवा लें…”

रात में सरदार ने चिकनी बुर देखा तो बड़ा खुश हुआ, पूछा- “कितना लिया तुमसे?”

सरदारनी ने बोला- “200 रूपये…”

सरदार आग-बबूला हो गया। बोला- “साले को मैं कल देखता हूँ…” दूसरे दिन सरदार इमरान के यहाँ गुस्से में पहुँचा। गरजकर बोला- “तुमने सरदारनी से 200 रूपए क्यों लिए?”

इमरान उससे भी ज्यादा तेज आवाज में बोला- “हज्जाम मैं हूँ या तुम? तुम्हें पता है… तुम्हारा डंडा है पकड़ा और साफ कर दिया। उनका ना डंडा है ना कुछ पकड़ने का, काम करेगा कैसे? अपना डंडा लगाना पड़ा तब कहीं जाकर काम हुआ। दो घंटे लगे मालूम?”

सरदार झेंप गया धीरे से बोला- “फिर भी 200 रूपए बहुत ज्यादा हैं…”

इमरान भी नरम लहजे में बोला- “ठीक है, ऐसा बोलोगे तो हम भी आफर देते हैं। माँ के साथ बेटी का फ्री का आफर चल रहा है। बेटी को भेज दीजियेगा फ्री कर देंगे…”

सरदार खुश हो गया बोला- “मेरी तो दो जुड़वा बेटियां हैं। मैं कल भेजता हूँ…”

इमरान बोला- “एक के तो पैसे लगेंगे। क्यों गरीब के पेट लात मारते हो…”

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004॰ हनीमून

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004॰ हनीमून

इमरान की शादी हो गयी। उसने गाँव की लड़की से शादी की। उसे लगता था कि शहर की लड़कियां लुटाई हुई होती हैं। उसने सुहगरात में कुछ नहीं किया। दुल्हन से बोला- “हम हनीमून पर जाएँगे…”

दुल्हन क्योंकी गाँव की थी तो हनीमून का मतलब नहीं समझती थी। बहुत खुश हुई। इमरान दुल्हन को कश्मीर ले गया एक होटेल में ठहरे। दुल्हन पूछ रही- “हनीमून क्या होता है??

इमरान दिल ही दिल में खुश होता रहा कि इसे हनीमून नहीं मालूम, मतलब इसे कुछ नहीं पता। रात हुई तो इमरान ने दुल्हन को खूब जम के चोदा। सुबह हुई तो देखकर हैरान रह गया की दुल्हन की नाक का एक छेद 3” इच खुला हुआ है। उसने पूछा- “ये कैसे हुआ?”

दुल्हन रोते हुए बोली- “आप ही ने तो किया है…”

इमरान बोला- धत्त तेरे की मैं समझा बहुत टाइट है। तुमने रोका क्यों नहीं?

दुल्हन बोली- “पहली बार जैसे ही चिल्लाई तुम्हारे दोनों लड्डू मेरे मुँह में घुस गये और आवाज ही निकल नहीं पायी…”

इमरान दुल्हन पर ही बरस पड़ा- “यह सब तुम्हारी वजह से हुआ है। मैं बोल रहा था की लाइट जलाकर सोते हैं तुमने ही कहा था की नहीं मुझे शरम आती है…”

दुल्हन ने पुछ लिया- “यही था क्या हनीमून?

इमरान बोला- “नहीं आज रात बताता हूँ की हनीमून क्या होता है…” रात हुई इमरान ने लाइट जलाकर दुल्हन को नंगा किया खुद भी कपड़े उतारे और अपना लण्ड दुल्हन को चुसाया। उसकी बुर और चूचियां चूसे। और चुदाई करी।

सुबह हुई तो दुल्हन ने पूछा- “हनीमून नहीं बताया आपने…”

इमरान बोला- “कल रात जो हमने किया वही तो हनीमून है…”

दुल्हन हँसने लगी और बोली- “ओह्ह… इसी खेल को हनीमून कहते हैं? इसे तो मैं गाँव में कई बार कई लड़कों के साथ खेल चुकी हूँ। हाहाहाहा…”

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