चूत देखी वहीं मार ली compleet

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Jemsbond
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

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दोनो एक दूसरे के होंटो को चूस्ते हुए, अपने प्यार का इज़हार एक दूसरे से कर रहे थे, और जब विनय अपना लंड किरण की चूत से बाहर निकाल कर दोबारा अंदर पेलता, तो किरण अपनी जांघों को फेला कर अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर फिर से विनय के लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए आतुर हो उठती….और जब विनय का लंड फिर से किरण की चूत की गहराइयों मे जाता, तो किरण अपने दोनो हाथों से विनय के चुतड़ों को दबा कर उसके लंड पर अपनी चूत को और दबा देती…..

उसकी चूत की दीवारे विनय लंड को अंदर ही अंदर कस कर छोड़ रही थी….मानो जैसे उसके लंड को मथ रही हो……किरण की चूत की गरमी को अपने लंड पर महसूस करके, विनय भी मदहोश हुआ जा रहा था…..हर धक्के के साथ विनय की स्पीड बढ़ रही थी, और किरण भी मस्ती मे अपने होंटो को चुस्वाते हुए, उसकी लय में अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उछाल कर विनय का लंड अपनी चूत की गहराइयों में लेने की कॉसिश कर रही थी……

अब विनय पूरे जोश मे आ चुका था…..उसने अपने होंटो को किरण के होंटो से अलग किया, और उसकी जांघों के बीच बैठते हुए, ताबडतोड़ धक्के लगाने लगा…..विनय के लंड के तबडतोड़ धक्को ने किरण की चूत की दीवारों को बुरी तरहा रगड़ कर रख दिया…..उसके पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी……..

किरण : (अपनी चुचियों के निपल्स को अपने हाथों से मसलते हुए) आहह आह विनय धीरे कर ओह्ह्ह मर गइईए रीई धीरे बेटा ओह अहह उंह और बहुत मज़ा आ रहा है विनय ओह्ह्ह्ह धीरे बेटा अहह अह्ह्ह्ह चोद मुझे अहह

विनय: आह चोद तो रहा हुन्न्न्न्न्न अहह अह्ह्ह्ह

किरण ने अपनी सिसकियों को दबाने के लिए अपने होंटो को दाँतों के बाच मे दबा लिया….और तेज़ी से अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछलते हुए झड़ने लगी……विनय के लंड ने भी उसकी चूत की दीवारों को भीगो कर रख दिया….झड़ने के बाद विनय किरण के ऊपेर निढाल होकर गिर पड़ा…..

सुबह के 5 बज चुके थे….किरण आज काफ़ी दिनो के बाद झड़ने के कारण काफ़ी हल्का महसूस कर रही थी….विनय और किरण दोनो गहरी नींद मे सो रहे थे कि, तभी बाहर हॉल की लाइट ऑन हुई और बाहर की हलचल की आवाज़ सुन कर किरण की नींद टूटी. वो बेड पर उठ कर बैठ गयी….उसने अपनी कमर पर चढ़े हुए पेटिकोट को ठीक किया. और बेड से नीचे उतर कर अपने ब्लाउस के हुक्स बंद करते हुए, लाइट ऑन की. लाइट ऑन करने के बाद किरण ड्रेसिंग टेबल के सामने जाकर खड़ी हो गयी….और अपने आप को मिरर में देखने लगी कि, कही उसके चेहरे पर कोई निशान तो नही है…

अभी किरण आईने मैं ही देख रही थी कि, विनय ने एक दम से उठ कर पीछे से बाहों में भर लिया….और उसके गालो पर अपने होंटो को रगड़ने लगा…”सीईईई ओह्ह्ह विनय कब उठे तुम….?” किरण ने मस्ती में सिसकते हुए कहा….”अभी उठा हूँ…” विनय ने अपने दोनो हाथो को आगे लाकर किरण के ब्लाउस के ऊपेर से उसकी चुचियों को मसलते हुए कहा…तो किरण के पूरे बदन में झुरजुरी से दौड़ गयी….” विनय सुबह हो गयी है…सब लोग उठने वाले होंगे….मुझे सब के लिए चाइ नाश्ता भी तैयार करना है….” किरण ने विनय की तरफ घूमते हुए कहा….

विनय: मामी इतनी जल्दी कोई नही उठेगा…..कल रात भी एक बार ही किया था….प्लीज़ एक बार और करने दो ना….

विनय लगातार किरण की चुचियों को मसल रहा था….जिसके कारण किरण भी मदहोश होती जा रही थी….उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए अपने पेटिकोट का नाडा पकड़ कर खोल दिया…जैसे ही पेटिकोट का नाडा खुला पेटिकोट उसके कमर से सरकता हुआ नीचे फर्श पर जा गिरा…अगले ही पल किरण विनय के सामने नीचे पैरो के बल बैठ गयी…और उसके शॉर्ट्स को दोनो तरफ से पकड़ कर खेंचते हुए उसके बदन से अलग करके फेंक दिया….

किरण किसी भूखी कुतिया की तरह विनय के लंड पर टूट पड़ी….उसने विनय के लंड को हाथ में लिया….और अगले ही पल उसने विनय के लंड के गुलाबी सुपाडे को अपने होंटो मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…उसने अपने होंटो को विनय के लंड पर दबा कर अपने सर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया…विनय की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी… खड़े-2 उसके पैर काँपने लगी….किरण अब पूरे जोश के साथ विनय के लंड के चुप्पे लगा रही थी….और विनय मस्ती मे आहह आहह कर रहा था. फिर किरण ने विनय के लंड को मूह से बाहर निकाला…और उसके लंड के सुपाडे को अपने दाँतों से कुरेदा…तो विनय एक दम से मचल उठा…

उसने किरण के सर को दोनो हाथो से कस के पकड़ लिया….किरण ने अपनी आँखो को ऊपेर उठाते हुए उसकी ओर देखा..और फिर विनय की आँखो मे देखते हुए, अपनी लाल रसीली जीभ को बाहर निकाल कर लंड के सुपाडे के चारो तरफ फेरा. विनय की आँखे एक बार फिर कुछ पलों के लिए बंद हो गयी…ये सब करते हुए, किरण विनय के चेहरे को देख रही थी….विनय ने फिर से आँखे खोल कर किरण की ओर देखा…तो उसने इस बार विनय की आँखो मे देखते हुए, विनय के लंड को थोड़ा सा ऊपेर उठाया…और फिर अपनी जीभ को नोकदार बना कर विनय के लंड के पेशाब वाले छेद पर रगड़ने लगी….
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

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मामी की इस हरक़त से विनय एक दम से मचल उठा….उसने किरण के कंधो को पकड़ कर ऊपेर उठाया और पीछे बेड की तरफ धकेल दिया…और अपने लंड को मुट्ठी मे भर कर मूठ मारने वाले अंदाज़ मे हिलाते हुए, किरण की ओर देखने लगा… किरण ने भी अपनी वासना भरी आँखो से देखते हुए, अपने ब्लाउस के हुक्स को फिर से खोलना शुरू कर दिया…

ये सब किरण बड़ी ही अदा के साथ कर रही थी….वो जान बुझ कर अपने ब्लाउस को खोल रही थी….और विनय की बेकरारी को देख कर मुस्करा रही थी….पर जैसे ही उसकी नज़र विनय के लंड पर पड़ी. तो उसकी चूत ने पानी बहाना शुरू कर दिया….विनय भी बेड पर चढ़ गया. उसने अपनी बेताबी दिखाते हुए, किरण की दोनो टाँगो को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा दिया….

किरण की चूत का कुलबुलाता हुआ रसीला छेद विनय की आँखो के सामने आ गया…विनय ने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर लंड के सुपडे को किरण की चूत की फांको की लाइन के बीच मे रगड़ा तो, किरण एक दम से सिसक उठी. उसने सिसकारी भरते हुए, अपने सर के नीचे रखे तकिये को कस के पकड़ लाया….और अपनी गहरी नशीली आँखो से विनय की ओर देखते हुए, अपने थरथरा रहे होंटो से कहा….

किरण: हइई विनय तेरे लंड तों अहह फदड दी मेरी फुद्दि ….

विनय ने किरण की बात सुन कर जोश में आते हुए, अपने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर जैसे ही दबाया….किरण को महसूस हुआ कि, उसकी चूत का छेद किसी इलास्टिक की तरहा खिंच कर खुल गया हो….आज तक उसे अपनी चूत का छेद इस तरहा खुला हुआ महसूस नही हुआ था..विनय के लंड का सुपाडा बुरी तरहा से उसके छेद में फँस गया था…

और किरण को अपनी चूत के छेद विनय के लंड पर कसा हुआ सॉफ महसूस हो रहा था….विनय ने दो तीन बार अपने लंड को किरण की चूत मे आगे पीछे किया..जिससे विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत से निकल रहे कामरस से एक दम भीग गया….विनय के लंड का सुपाडा अब धीरे-2 किरण की गहराइयों मे घुसने लगा…किरण को अपनी चूत की दीवारे बुरी तरह फेली हुई महसूस हो रही थी….

जैसे ही विनय का पूरा लंड किरण की चूत मे समाया तो, किरण को अपनी चूत आख़िरी हिस्से तक भरी हुई महसूस हुई…किरण विनय के लंड को अपने अंदर महसूस करके एक दम मस्त हो गयी थी…उसके पूरा बदन थरथरा कांप रहा था….और रह-2 कर झटके खा रहा था…” हाई विनय तेरा लंड इतना आह बड़ा कैसे हो गया…आह मार ना फुद्दि मेरे पुत्तर आह तेरे को लंड देखते ही मेरी फुद्दि ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया है..

विनय ने भी किरण की नाइटी को पकड़ कर उसके बदन से अलग कर दिया…अब दो नंगे जिस्म एक दूसरे से चिपके हुए थे….और विनय अपना मुनसल सा लंड किरण की चूत की गहराइयों मे ठोक रहा था…”हाई मर गयी आह उंह विनय तेरा लौडा अहह आहह आह आह हाई मेरी फुद्दि फाड़ दी…अह्ह्ह्ह उंह सीईईई सीईइ स स विनय मेरी फुद्दि फॅट गयी….”

जैसे ही विनय पूरी ताक़त से अपना लंड किरण की चूत की गहराइयों मे उतरता. किरण बुरा सा मूह बना कर हाए-2 करने लगती… उसके चेहरे पर से सॉफ झलक रहा था कि, किरण को सच मे विनय के लंड को लेने मे तकलीफ़ हो रही है….पर इस दर्द के साथ किरण आज मज़े की उन वादियों मे घूम रही थी…जिसकी उसने आज तक कल्पना भी नही की थी…कि उसे कोई इस तरह सुबह के 5 बजे भी उठ कर चोदने के लिए उतावला हो सकता है…
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

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चुदाई का ये दौर करीब 15 मिनिट तक चला….जब दोनो झड कर शांत हुए तो, दोनो ने जल्दी-2 अपने कपड़े पहने और बेड पर लेट गये…किरण करीब 6 बजे तक बेड पर लेटी रही….और फिर 6 बजे उठ कर बाहर आई….किरण फ्रेश होकर सुबह के नाश्ते की तैयारी करने मे जुट गयी….दो दिन बाद शादी थी….इसलिए घर मे मेहमानो का ताँता लगा हुआ था…इसी दौरान शादी के काम काज और भाग दौड़ मे किरण प्रेग्नेन्सी रोकने वाली टॅब्लेट्स खाना भी भूल गयी….और घर मे मेहमानो और शादी का समान इधर उधर बिखरे होने के कारण वो टॅबलेट भी पता नही कहाँ खो गयी थी….पर मसरूफयत की वजह से किरण ने उस और ध्यान ही नही दिया….

उस रात भी किरण ने विनय से दो बार और चुदवाया….शादी का दिन आ गया….शादी बहुत धूम धाम से हुई….शादी के अगले दिन उनके घर मे पार्टी थी….इसी तरह मोज मस्ती मे 4 दिन गुजर गये….किरण के दिमाग़ से ये बात निकल ही चुकी थी कि, उसने गरभ निरोधक टॅब्लेट्स नही ली है….इस बीच किरण का भाई शादी के बाद एक बार फिर से किरण के घर आया….जशन सा महॉल था…इन 15 दिनो मे….किरण और विनय की वासना बढ़ती जा रही थी….उन्हे जब भी मोका मिलता दोनो चुदाई का खेल खेल लेते. दिन पर दिन गुजरते जा रहे थे….किरण को इस महीने पीरियड्स नही आए थे…पर किरण का ध्यान इस तरफ गया ही नही था….

इसी तरह एक मंथ और गुज़रा तो, एक दिन वशाली को पीरियड्स आए….उसके पास एक ही पॅड घर पर बचा था…वो अपनी मोम के रूम मे गये….”क्या हुआ बच्चे….इतनी परेशान क्यों है….?’ किरण ने वशाली के माथे पर हाथ रखते हुए कहा…”माँ वो मुझे पीरियड्स आए हुए है…और घर पर पॅड ख़तम है…आप बाज़ार से जाकर ला दो ना…” वशाली ने किरण के पास लेटते हुए कहा….

किरण: ठीक है ला देती हूँ….

ये कह कर किरण रूम से बाहर आई और फिर घर से बाहर निकल कर शॉप की तरफ जाने लगी तो, एक दम से उसके दिमाग़ मे ये बात कोंध गयी कि, उसे लास्ट पीरियड्स दो महीने पहले आए थे….वो भी उसके भाई की शादी से पहले….किरण के तो पाँव के नीचे से ज़मीन ही खिसक गयी..उसके चेहरे का रंग एक दम से उड़ गया….वो घबराई हुई सी शॉप पर पहुँची और जल्दी से पॅड खरीद कर घर की तरफ चल पड़ी…
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किरण बहुत बुरी तरह घबराई हुई थी….वो दो महीने से पेट से है….ये सोच कर ही उसकी रूह कांप जाती….वो जल्दी से घर पहुँची, और वशाली को पॅड देकर बेड पर बैठ गयी….वशाली बातरूम मे चली गयी….उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो क्या करे….वो किसी डॉक्टर के पास जाने से भी घबरा रही थी…उसे समझ मे नही आ रहा था कि, वो क्या करे….शाम को तैयार होकर वो एक नर्सिंग होम मे पहुचि. और वहाँ जाकर एक लेडी डॉक्टर से मिली….

डॉक्टर: बताए आप को क्या तकलीफ़ है….

किरण: जी वो मुझे अबर्षॅन करवाना है…..

डॉक्टर: आप अबर्षॅन क्यों करवाना चाहती है……

किरण: जी मेरे पहले से दो बच्चे है….इसीलिए हम तीसरा बच्चा नही करना चाहते….

डॉक्टर: ठीक है, आप अपने हज़्बेंड को यहाँ ले आएँ….अबर्षॅन के लिए उनका सहमत होना भी ज़रूरी है….जब तक आपके पति खुद यहाँ आकर पेपर्स साइन नही करते…हम अबर्षॅन नही कर सकते….(किरण जो घर से सोच कर आई थी…वो वही रटे रटाये जवाब दे रही थी….पर बिना हज़्बेंड की सहमति के अबोर्शन होना ना मुनकीन था.)

डॉक्टर: आप बाहर जाकर अपना नाम और अड्रेस लिखवा दीजिए….और कल अपने पति को साथ ले आएगा…..

किरण: जी…

किरण घबराई हुई सी बाहर आई…और बिना अपना अड्रेस लिखवाए ही चली गयी….किरण चारो तरफ से बुरी तरह फँस चुकी थी…कि अब वो सब क्या जवाब देगी…..किरण जब घर पहुँची तो, शाम के 7 बज चुके थे….उसका कुछ भी करने का मूड नही था….उसने विनय को पैसे दिए…और सब के लिए ढाबे से खाना मँगवा लिया….वो रात ऐसे ही गुजर गयी….सोचते-2 अगले दिन की दोपहर भी हो गयी…इसी दौरान किरण के दिमाग़ मे आया कि, जब उसके भाई की शादी हुई थी…उसके दो या तीन दिन बाद उसके पति ने उसके सेक्स किया था….किरण के मन मे उम्मीद की चिंगारी फूटी और उसने इस बारे मे अपने पति से बात करने के लिए कहा….

जब किरण के दिमाग़ मे ये सब आया तो, किरण ये सोच कर खुश होने लगी की, उसके इस झूट से उसको दो फ़ायदे हो जाएँगे….एक तो वो बदनामी से बच जाएगी….और दूसरा कि उसे भी माँ बनने का सुख मिल जाएगा….किरण अपने रूम से बाहर आई, और उसने विनय को जो कि हॉल में टीवी देख रहा था…उसे शीतल को बुला कर लाने को कहा….विनय अपनी मासी शीतल के घर चला गया…थोड़ी देर बाद जब विनय शीतल के साथ घर वापिस आया तो, वो शीतल को अपने रूम मे ले गये….

शीतल: हां बोल किरण क्या काम है…..

किरण: दीदी मुझे आपसे एक बात करनी है…..

शीतल: हां बोल…..

किरण: दीदी समझ में नही आ रहा कैसे कहूँ….

शीतल: तूँ बोल तो सही….

किरण: दीदी मुझे दो महीने से पीरियड्स नही आए है….

शीतल: (एक दम चोन्कते हुए) क्या फिर तो तुम्हे किसी डॉक्टर से चेक करवाना चाहिए था…..

किरण: नही दीदी मैने घर पर चेक किया है….मैं दो महीनो से पेट से हूँ…

किरण की बात सुन कर शीतल और ज़्यादा चोंक गयी….”पर ये सब कैसे हुआ….वो भी इतने सालो बाद….क्या भैया कोई मेडिसिन वहगरा ले रहे थे….” शीतल ने बात की गहराई को समझने की कॉसिश करते हुए कहा….

किरण: नही दीदी….वो भैया की शादी के दो दिन बाद हम दोनो एक साथ हुए थे…पिछले महीने तो शादी की भागदौड़ मे मैने ध्यान ही नही दिया और इस मंथ भी मेरे दिमाग़ मे ये बात नही आई थी….

शीतल: तो फिर तू इस तरह उदास क्यों लग रही है…ये तो बहुत ख़ुसी की बात है….

शीतल को खुश देख कर किरण को थोड़ा हॉंसला हुआ…अगर शीतल उसकी बात मान गयी थी…तो हो सकता है कि, अजय भी उसकी बात मान जाए…..जैसे तैसे वक़्त कटा और शाम हुई, अजय अभी घर नही आया था…रात के 8 बजे विनय खाना खा रहा था कि, अभी वहाँ आ गया…”भैया मेरे साथ घर चलो ना…पापा नये वीडियो गेम लेकर आए है…” अभी ने विनय के पास बैठते हुए कहा…”अच्छा रूको पहले मुझे खाना खाने दो….” विनय ने जल्दी खाना खाना शुरू कर दिया…..

अभी: भैया कल सनडे है तो, आज रात हम देर तक वीडियो गेम खेलेंगे….

विनय: ठीक है…तू रुक मैं मामी से पूछ कर आता हूँ….

विनय ने अपने खाली प्लेट्स उठाई और किचन में चला गया….किरण ने किचन मे काम करते हुए, ही विनय और अभी की बातें सुन ली थी….”मामी वो मैं मासी के घर जाउ…..मौसा जी नये गेम लेकर आए है….”

किरण: ठीक है जाओ….पर जल्दी सो जाना….देर रात तक नही जागना….

विनय; जी मामी….

विनय खुशी से भागता हुआ किचन से बाहर आया और अभी को साथ लेकर उसके घर चला गया…किरण ने जल्दी घर का काम निपटाया और अपने पति के आने का इंतजार करने लगी…वशाली खाना खा कर सो चुकी थी…रात के करीब 10 जब अजय घर पहुँचा तो, किरण ने उसके लिए डाइनिंग टेबल पर खाना लगाना शुरू कर दिया…अजय रूम मे गया….और अपने कपड़े उतार कर कमर पर टवल लप्पेटा और बाथरूम मे घुस गया….शवर लेने के बाद वो कुर्ता पाजामा पहन कर डाइनिंग टेबल पर आया तो, उसने किरण के बदले हुए मूड को देखते हुए पूछा…

अजय: क्या बात है….आज बड़ी खुश लग रही हो….

किरण: (मुस्कुराते हुए….) क्यों मैं खुश नही हो सकती….

अजय: नही दरअसल तुम हमेशा मुझे शराब के नशे मे देख कर तो, बुददुदाने लगती हो…आज कुछ ख़ास है क्या….अच्छा विनय सो गया क्या….

किरण: नही वो आज शीतल दीदी के घर पर है वही सोएगा….

अजय: अच्छा अब बताओ इतनी खुश क्यों हो…..
किरण: जी एक ख़ूसखबरी है….(किरण ने अजय के साथ वाली चेर पर बैठते हुए कहा..)
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

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अजय: तो चलो पहले खूसखबरी ही सुन लेते है….

किरण: जी मैं वो…..(किरण ने शरमाते हुए कहा….)

अजय: हां भाई बोलो….मुझसे इंतजार नही हो रहा….

किरण: जी वो मैं पेट से हूँ….

किरण की बात सुनते ही अजय एक दम सुन्न पड़ गया….उसे यकीन नही हो रहा था कि किरण जो कह रही है क्या वो सच है….”तुम्हे कैसे पता चला…..” अजय ने पानी का घूँट भरते हुए कहा….”जी दो महीने से डेट नही आई थी…..और कल चेक क्या तो पता चला…..” किरण की बात सुन कर अजय चेर से खड़ा हो गया….

किरण: क्या हुआ जी…..पहले तो मुझे भी यकीन नही हो रहा था….आप को याद है ना भैया के शादी के दो दिन बाद हम ने वो किया था…..

अजय: कुछ नही हुआ….मैं भी एक खूसखबरी तुम्हे देना चाहता हूँ….

किरण: क्या….?

अजय: रूको एक मिनिट….

ये कहते हुए वो रूम मे चला गया…..किरण अभी भी थोड़ा घबरा रही थी…थोड़ी देर बाद अजय वापिस हॉल मे आया और एक पेपर किरण की तरफ बढ़ा दिया… किरण ने सवालिया नज़रों से अजय की तरफ देखते हुए, वो पेपर पकड़ लिया….किरण पेपर देखते ही समझ गयी थी कि ये कोई मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट है…पर किस चीज़ की है वो उसे पता नही चला…

किरण: जी ये क्या है…

अजय: मेरे रिपोर्ट्स है….पता है इसमे क्या लिखा है….

किरण: नही….

अजय ने किरण को कंधो से पकड़ कर खड़ा किया और फिर अपने दोनो हाथो को उसके कंधो से हटा लिया…और अगले ही पल एक जोरदार थप्पड़ किरण के गाल पर पड़ा… किरण के कान मे सीटी बजने लगी…..गाल सुन्न हो गया….”साली हरामजादी इसमे लिखा है कि, मैं कभी बाप नही बन सकता….मेरे अंदर स्पर्म्ज़ ही नही बनते तो, ये बच्चा कहाँ से आ गया….”


अजय की बात सुनते ही किरण के पैरो तले से ज़मीन खिसक गयी….”जी मैं सच कह रही हूँ….मैने तो कभी आपके सिवाए…किसी और के साथ….” अभी किरण अपनी बात पूरी भी नही कर पे थी कि, अजय ने किरण को बालो से पकड़ा और घसीटते हुए ऊपेर ले गया…किरण दर्द से तड़प उठी…”सुनिए जी आह मेरी बात तो सुनिए… “ पर अजय तो जैसे पागल हो चुका था…उसने किरण को ऊपेर एक रूम मे लेजाकर बेड पर पटक दिया..और फिर खुद बेड पर चढ़ते हुए मुक्के और घूँसों और लातो की बारिश कर दी…..”ये ले साली मेरा बच्चा है….बोल साली किसका बीज तूने अपनी कोख मे डाल रखा है…साली बाहर के लोगो से चुदवाना कब शुरू कर दिया…”

अजय पूरी बहरामी से किरण की ठुकाई कर रहा था…ऐसे-2 जोरदार घूँसो की बारिश की कि, किरण का सबर जवाब दे गया….”बताती हूँ—2 …” किरण के चेहरे पर कई घाव हो चुके थे…उसके होंटो और नाक मे से खून बह रहा था…आँखे सूज चुकी थी…उसका ब्लाउस कई जगह से फट चुका था…

.”बोल साली अब अगर एक मिनिट भी देर की सच बोलने मे तो मैं तेरी खाल खेंच कर उतार दूँगा…..” ये कहते हुए अजय बेड से नीचे उतर गया….”बोल अब ये बच्चा किसका है….”

किरण: जी वो विनय का……

जैसे ही अजय ने विनय का नाम सुना तो, वो सर पकड़ कर नीचे बैठ गया….” हे भगवान ये सब मेरे साथ तुमने क्यों क्या…” वो पागलो की तरह दहाड़ें मार कर रोने लगा….किरण बेसूध सी वहाँ बेड पर मरी हुई हालत मे बैठी अजय को देख रही थी….तभी अजय एक दम से उठा..उसका चेहरा गुस्से से तमतमा रहा था….”नही छोड़ूँगा – 2 उस हराम के पिल्ले को मैं….उस कंज़र को मैने अपने घर मे रखा, हर तरह के सुख दिए….पढ़ाया लिखाया इस दिन के लिए….”

ये कहते हुए अजय तेज़ी से नीचे गया….किरण जो बेजान सी बेड पर बैठी थी…जब उसको पता चला कि, अजय शीतल के घर गया है…तो उसका दिल एक दम से कांप उठा….कि कही अजय विनय को कुछ कर ना दे….

अजय नीचे आया और अपने रूम से हॉकी स्टिक उठा कर घर से बाहर निकल कर शीतल के घर की तरफ भागा….उसके सर पर खून सवार हो चुका था…वो गुस्से से काँपते हुए शीतल के घर की तरफ दौड़े जा रहा था…..किरण को भी इस बात का अहसास हो चुका था…..कि कितनी बड़ी मुसबीत आने वाली है….वो किसी तरह अपने आप को संभालते हुए, घर से निकल कर शीतल के घर की तरफ गयी….दूसरी तरफ अजय ने शीतल के घर के सामने पहुँच कर बुरी तरह से उसके घर के गेट को पीटना शुरू कर दिया था…..

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