चूत देखी वहीं मार ली compleet

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Jemsbond
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

Post by Jemsbond »

komaalrani wrote:
Jemsbond wrote:
नय का आधे से ज़्यादा लंड एक ही बार में अंदर जा चुका था…” हाए मम्मी मर गयी हइई अहह विनय बहुत दर्द हो रहा है….” रिंकी छटपटाते हुए, अपने सर को इधर उधर पटक रही थी…उसे अपनी चूत मे दर्द की तेज लहर दौड़ती हुई महसूस हो रही थी….



विनय: रिंकी इसमे से खून निकल रहा है…















बहुत अच्छा ,मुझे इसी का इन्तजार था ,

कब रिंकी की फटेगी।


बहुत बढ़िया डिस्क्रिप्शन ,एकदम मस्त।


हाट स्टोरी।

thanks your support Komal
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Jemsbond
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

Post by Jemsbond »



विनय: (अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए) क्या हुआ…?

रिंकी: (मुस्कुराते हुए) कुछ नही…..

विनय: फिर मेरी तरफ देखो ना…

रिंकी: नही मुझे शरम आती है…..

विनय ने अपने दोनो हाथों से रिंकी के चेहरे को अपनी तरफ घुमाया. पर रिंकी ने पहले ही अपनी आँखे बंद कर ली, उसके चेहरे पर शर्मीली मुस्कान फेली हुई थी….विनय ने रिंकी के होंटो को अपने होंटो मे लेकर चुसते हुए, अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी…और फिर कुछ ही पलों मे उसके लंड मे तेज सुरसुरी हुई….उसका लंड रिंकी की चूत मे झटके खाने लगा…..और फिर वो रिंकी के ऊपेर निढाल हो कर गिर पड़ा…..

रिंकी ने उसकी पीठ को सहलाते हुए, अपने होंटो को उसके होंटो से सटाये रखा. दोनो काफ़ी देर एक दूसरे के होंटो को चूस्ते रहे….विनय का लंड भी सिकुड कर रिंकी की चूत से बाहर आ गया….जब रिंकी की नज़र घड़ी पर पड़ी तो, उसने विनय को अपने ऊपेर से हटने के लिए कहा….विनय उसके ऊपेर से उठ कर बैठ गया….फिर रिंकी ने विनय से कहा कि, वो ये कपड़ा जिससे उसने अपनी चूत से निकला खून सॉफ किया था…पीछे प्लॉट मे फेंक दे….

उसके बाद रिंकी ने अपनी कमीज़ और सलवार पहनी….विनय ने भी कपड़े पहने और दोनो बाहर आ गये….

रिंकी और विनय अभी दोनो बाहर आए ही थे कि, डोर बेल बजी….विनय ने बाहर कर गेट खोला तो देखा कि, बाहर किरण के मम्मी पापा खड़े थे…विनय ने उनके पैर छुए और फिर वो अंदर आ गये….जब किरण की मम्मी ने किरण के बारे में पूछा तो, विनय ने बता दिया कि, वो मार्केट गये हुए है…विनय शीतल के घर जाकर शीतल को बुला लाया ताकि वो किरण के मम्मी पापा के लिए लंच बनवा सके….शीतल भी बच्चों को लेकर किरण के घर आ गयी….उसने किरण के मम्मी पापा के लिए पहले चाइ नाश्ते का इंतज़ाम किया और फिर दोपहर के खाने का…. ९६१०७८९२०२


किरण के भाई की शादी के दिन जैसे-2 नज़दीक आ रहे थे…..वैसे -2 घर मे मेहमानो का आना बढ़ता जा रहा था….वशाली ममता और उसका हज़्बेंड भी वापिस आ चुके थे…..उस दिन के बाद किरण को मोका नही मिल रहा था…और ना ही रिंकी को, विनय का तो बुरा हाल था…वो वासना से भरी तरसती नज़रों से दिन भर किरण को देखता रहता था…किरण का भी यही हाल था….पर घर मैं इतने लोगो की मौजूदगी मे वो कर भी क्या सकती थी….किरण के भाई की शादी मैं सिर्फ़ 4 दिन बचे थे….

शादी से 3 दिन पहले की बात है…किरण का घर और उसके पापा ने जो घर लिया था… दोनो घर मेहमानों से पूरी तरह भर चुके थे….रात को खाने के बाद सब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे….विनय और वशाली दोनो ही किरण के साथ उसके रूम मे सोते थी…विनय खाना खा कर सबसे पहले रूम मे चला गया था…उसे जल्द ही नींद आ गयी….धीरे-2 घर मे सन्नाटा पसरता जा रहा था….वशाली को एक नयी हम उम्र सहेली मिल गयी थी….उसका नाम अनु था….वो किरण के सबसे छोटे चाचा की बेटी थी….उस रात को वशाली औरअनु दोनो शादी में पहने जानी वाली ड्रेस के बारे मे डिसकस कर रही थी…..

किरण भी फ्री होकर जब अपने रूम मे पहुँची तो, उसने देखा कि विनय सो रहा है….पर वशाली वहाँ नही थी….वो वशाली को ढूँढते हुए ऊपेर बने रूम मे गयी तो, पाया कि वशाली अनु के साथ गप्पे हांक रही थी…”चल वशाली सोना नही है क्या बहुत देर हो गयी है….अब इनको भी आराम करने दे…” इससे पहले कि वशाली कुछ बोलती….अनु बीच में बोल पड़ी….”बुआ वशाली आज मेरे साथ ही सो जाएगी….” अब भला किरण को और क्या चाहिए था….मन में तो ख़ुसी के लड्डू फूट रहे थे….वो बिना कुछ बोले वापिस नीचे आ गयी….रूम में पहुँच कर किरण ने डोर बंद किया…और बेड के पास आकर खड़ी हो गयी….रूम मे 0 वॉट का बल्ब ऑन था…

जिसकी हल्की रोशनी रूम मे फेली हुई थी….किरण ने बेड पर लेटे हुए , विनय की तरफ देखा, तो उसकी आँखे खुली हुई थी….”सोए नही अभी तक….?” किरण ने मुस्कराते हुए कहा….”अभी सोया था…डोर की आवाज़ सुन कर उठ गया….” विनय ने मुस्कराते हुए कहा…और बेड पर वशाली को ना पाकर उसने लेटे-2 ही किरण से पूछा… “मामी वशाली कहाँ है….?” तो किरण ने मुस्कुराते हुए कहा….”वो आज अनु के साथ ऊपेर ही सोएगी….” किरण की चूत से तो उसी वक़्त से पानी रिसना शुरू हो गया था….जब वो ऊपेर से नीचे आई थी…..

किरण ने जल्दी से अपनी साड़ी खोली और बेड पर लेट गयी….किरण ने विनय की तरफ करवट बदली उसकी कमर को अपनी बाहों मे कसते हुए, उसे अपने से चिपका लिया…और अगले ही पल विनय ने किरण के होंटो को चूमते हुए, उसे बेड पर पीठ के बल लेटा दिया, और खुद उसके ऊपेर लेट गया……किरण की साँसे मस्ती मे तेज हो गयी थी…….और वो अपने होंटो को ढीला चोर कर विनय से अपने होंटो को चुस्वा कर मस्त हुई जा रही थी……और विनय उसके होंटो को चूस्ते हुए, उसके ब्लाउस के बटन को धीरे -2 खोल रहा था…….जैसे ही किरण के सारे ब्लाउस के बटन खुले, उसके बड़ी-2 गुदाज चुहियाँ ब्लाउज की क़ैद से बाहर उछल पड़ी…..
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

Post by Jemsbond »


विनय ने अपने होंटो को किरण के होंटो से अलग किया…..और किरण की आँखों में देखा…..उसकी आँखें बहुत मुस्किल से खुल पा रही थी…..जिसमे वासना का नशा छाया हुआ था….किरण की चुचियाँ ऊपेर नीचे हो रही थी…..जिसे देख विनय की आँखों की चमक भी बढ़ गयी…..वो किसी भूखे कुत्ते की तरहा किरण की चुचियों पर टूट पड़ा…..

और अपने दोनो हाथों मे जितना भर सकता था..भर कर दोनो चुचियों को मसलते हुए, उसके निपल्स पर अपनी जीभ को फिराने लगा……किरण मस्ती में एक दम से सिसक उठी, और उसने विनय को बाहों में भरते हुए अपने बदन से चिपका लिया…..विनय का लंड उसके पाजामे को फाड़ कर बाहर आने को बेकरार हुआ जा रहा था…..

किरण: (मस्ती में सीसियाते हुए) आह विनय सीईईईईईईई तूने मुझे क्या कर दिया है……..ओह्ह्ह्ह क्यों तेरा लंड अपनी फुद्दि मे लिए बिना मुझे नींद नही आती……..मैं मर जाउन्गी, तेरे बिना……

विनय: (किरण की चुचियों पर अपने होंटो को रगड़ते हुए) आह मामी……मेरा भी तो आप जैसा हाल है……. ये लंड जब तक आपकी चूत का रस चख नही लेता….मुझे भी नींद नही आती……

किरण: ओह्ह विनय फिर तडपा क्यों रहा है…..डाल दे अपना मुनसल लंड मेरी चूत मे…और खूब रगड़ कर चोद अपनी मामी को……..

ये कहते हुए, किरण बेड पर पीठ के बल लेट गयी…..उसने अपने पेटिकोट को अपनी कमर तक ऊपेर उठा दिया……0 वॉट के बल्ब की रोशनी मे किरण की चिकनी चूत कामरस लबालब कर चमक उठी……जिसे देखते ही, विनय के दम पागल सो गया, और किरण की जांघों के बीच मे आकर उस पर सवार हो गया….

ऊपेर आते ही, विनय ने किरण के चुचि को जितना हो सकता था मूह मैं भर कर चूसना चालू कर दया…..किरण के पूरे बदन मैं मानो बिजली कोंध गयी……उसने विनय के सर को अपनी बाहों मे जाकड़ कर अपनी चुचियों पर दबाना चालू कर दिया…….”अह्ह्ह्ह चुस्स्स मेरी जान चुस्स्स ले मेरा दूध सब तेरे लिए है…..ओह और ज़ोर से चुस्स्स्स्स अह्ह्ह्ह हाआंन्णजणन् काट ले ओह ढेरीईई”

विनय किरण के निपल को अपने होंटो के बीच में लेकर, अपनी जीभ से कुलबुलाने लगा…..किरण का पूरा बदन मस्ती के कारण कांप रहा था…..उसकी हल्की सिसकियाँ उसके रूम के दीवारों से टकरा कर उसी कमरे मे खो कर रह जा रही थी……चूत मे खुजली और बढ़ गयी थी…..विनय ने अपना एक हाथ नीचे लेजाकर अपने पयज़ामे का नाडा खोल कर उसे नीचे सरकाना शुरू कर दया……

किरण ने अपनी टाँगों को मोड़ कर विनय की जांघों पर पावं रख कर उसके प्यज़ामे म अपने पैर फँसा दिए, और फिर उसके प्यज़ामे को अपने पैरो से नीचे सरकाते हुए, उसके पैरो से निकाल दिया….विनय का फन्फनाता हुआ लंड, जैसे ही प्यज़ामे की क़ैद से बाहर आया……..वो सीधा किरण की चूत के फांको के बीच जा पहुँचा……

जैसे ही विनय के लंड के गरम सुपाडे ने किरण की चूत की फांकों को छुआ, किरण की चूत मैं सरसराहट और बढ़ गयी…..किरण ने मस्त होकर अपनी टाँगों को और फेला कर ऊपेर उठा कर विनय की कमर पर कस लिया……विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत की फांको को फेला कर उसकी चूत के छेद पर जा लगा…..किरण ने अपनी मदहोशी से भरी आँखों को खोल कर विनय की तरफ देखा…..

किरण: (मदहोशी और मस्ती भरी आवाज़ में विनय की आँखों मे झाँकते हुए) अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह बहुत गरम ही रे तेरा ये लौडा….

विनय: हां मामी आप की चूत भी भट्टी की तरहा तप रही है…..

किरण: वो तो कब से फुदक रही है..तेरे लंड को अंदर लेने के लिए……

ये कहते हुए, किरण ने विनय के पीठ पर अपनी बाहों को कस लाया, और ऊपेर की तरफ अपनी गान्ड को उठाने लगी…..लंड पर चूत का दबाव पड़ते ही, किरण की चूत की फाँकें फेलने लगी…..और विनय के लंड का मोटा सुपाडा किरण की टाइट चूत के छेद को फेलाते हुए, अंदर घुसने लगा….किरण अपनी सांसो को थामे हुए, तब तक अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठती रही. जब तक विनय का लंड धीरे-2 किरण की चूत में जड तक नही समा गया…….

जैसे ही विनय के लंड का सुपाडा किरण की बच्चेदानी से जाकर टकराया, किरण के होंटो पर सन्तुस्ति भरी मुस्कान फेल गयी…..मस्ती अपने चरम पर पहुँच गये……किरण एक दम कामविहल हो गयी. मानो जैसे वो जन्नत मे पहुँच गयी हो….उसने अपनी अधखुली और वासना से लिप्त आँखों से विनय की तरफ देखा, तो उसे ऐसा लगा.मानो जैसे विनय ही उसकी जिंदगी हो……

उसने अपने दोनो हाथों में विनय के चेहरे को पकड़ कर कुछ देर के लिए उसकी तरफ़ देखा, और फिर अपने थरथरा रहे होंटो को, विनय के होंटो पर लगा दिया……और उसके होंटो को चूस्ते हुए, अपना सारा प्यार विनय को लौटाने लगी….विनय भी मस्ती मे आकर किरण के होंटो को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को किरण की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..
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Re: चूत देखी वहीं मार ली

Post by rajaarkey »

किरण अपने भानजे के साथ बहुत मस्ती कर रही है

उत्कृष्ट अपडेट है बॉन्ड भाई
(¨`·.·´¨) Always
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(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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