सियासत और साजिश complete
- mastram
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Re: सियासत और साजिश
गुरमीत लकी को यूँ घूरता देख शरमा जाती और नीचे देख मुस्कराने लगती दोनो बार -2 एक दूसरे को देख कर स्माइल पास कर रहे थे थोड़ी देर पढ़ाने के बात गुरमीत मॅम सबको रिवाइज़ करने के लिए कह देती हैं और खुद अपनी चेर पर बैठ कर कुछ लिखने लगती है और फिर खड़ी हो कर क्लास का राउंड लगाने लगती है और लास्ट रो मे जाकर लकी के पास खड़ी हो जाती है.
सब लोग अपनी बुक्स मे देख रहे होते हैं और गुरमीत सब से नज़र बचा कर एक कागज को लकी की बेंच पर रख देती है लकी गुरमीत की तरफ देखने लगा गुरमीत शरमा कर मुस्करा कर आगे चली जाती है लकी ने उस कागज को उठाया और बेंच के नीचे हाथ लेजा कर खोल कर पढ़ने लगता है उसमे लिखा होता है तुम शाम को 4 बजे मेरे घर पर आजाना कुछ बात करनी है लकी के होंटो पर मुस्कान आ जाती है गुरमीत की क्लास ख़तम होती है.
राज और लकी दोनो बाहर आ जाते हैं जैसे तैसे क्लासस ख़तम होती हैं और दोनो अपने फ्लॅट मे वापिस आ जाते हैं लकी राज को कुछ नही बताता और शाम को 4 बजने से पहले फ्लॅट से निकल कर गुरमीत मॅम के घर की तरफ चल पड़ता है
रास्ते मे उसे ध्यान आया कि वो गुरमीत मेडम के घर पहली बार जा रहा है उसका खाली हाथ जाना ठीक ना होगा पर आख़िर वो लेकर क्या जाए तभी उसके दिमाग़ मे आइडिया आया और वो कन्फेक्टिनरी के शॉप पर चला गया वहाँ से उसने कुछ चॉक्लेट खरीद कर पॅक करवा ली और शॉप से निकल कर गुरमीत के घर की तरफ चल पड़ा और थोड़ी देर मे गुरमीत के घर पहुँच गया लकी ने डोर बेल बजाई थोड़ी देर बाद अंदर से गुरमीत मॅम ने गेट खोला
गुरमीत:आओ अंदर आ जाओ
गुरमीत ने एक हल्का सा येल्लो कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था और उस सूट मे गजब की लग रही थी लकी गुरमीत के पीछे अंदर आ गया और गुरमीत ने उसे सोफे पर बैठने को कहा और खुद किचन मे चली गयी और थोड़ी देर बाद गुरमीत चाइ और स्नॅक्स लेकर आई और लकी के साथ सोफे पर बैठ गयी
गुरमीत: (चाइ का कप लकी को देते हुए) लो चाइ लो
लकी थोड़ा नर्वस फील कर रहा था उसने चाइ का कप लिया और चाइ पीने लगा दोनो मे से कोई भी बोल नही रहा था फिर थोड़ी देर बाद लकी ने हिम्मत करके गुरमीत से पूछा मॅम आपके के घर वाले कहाँ हैं कोई नज़र नही आ रहा
गुरमीत:माँ किसी काम से बाहर गयी है और मेरे परिवार मे और मेरी माँ ही हैं तुम बताओ क्यू मिलना चाहते थे मुझसे
लकी: ताकि मुझ पता चल सके आप के दिल मे मेरे बारें मे क्या है आप तो जानती है मे आप से कितना प्यार करता हूँ 2 साल से मेने आप के सिवा किसी और लड़की को देखा तक नही
गुरमीत:मे सब जानती हूँ पर मेने आज तुम्हारे बारे मे बहुत सोचा मुझ लगता है ये सिर्फ़ बस एक अट्रेक्षन है जो तुम कह रहे हो वो नही हो सकता प्लीज़ बुरा ना मानना तुम अच्छे लड़के हो अच्छे घर से हो तुम्हें अच्छी से अच्छी लड़की मिल सकती है तुम मेरे पीछे अपना टाइम और स्टडी दोनो खराब कर रहे हो
लकी: पर अगर आप मुझ ना मिली तो मे पूरा का पूरा बर्बाद हो जाउन्गा प्लीज़ मना मत करना
और लकी अपने दोनो हाथों से गुरमीत के हाथों को थाम लेता है गुरमीत सोफे पर बैठी एक दम से चोंक कर पीछे हो जाती है और अपने और लकी मे कुछ दूरी बना लेती है
गुरमीत: आख़िर तुम ऐसे क्यों कर रहे हो लकी मेरी फीलिंग्स को समझने की कॉसिश करो हम ऐसे समाज मे रहते हैं यहाँ हमे सब लोगो को जवाब देना पड़ेगा
लकी:मुझे किसी की परवाह नही मे बस इतना जानता हूँ कि मे आप से बेइंतहा प्यार करता हूँ और मुझ किसी को कोई जवाब देने की ज़रूरत नही है बस एक बार हां बोल दो
गुरमीत: मे उनलोगो की बात कर रही हूँ जो तुम्हारे घर मे है तुम्हारे पेरेंट्स और रिस्तेदार वो क्या सोचेंगी कि अपने से 8 10 साल बड़ी लड़की से शादी कर ली शायद मेने ही तुम्हें फँसाया हो गा
लकी: आप मेरे पेरेंट्स के बारे मे नही जानती वो मुझसे बहुत प्यार करतें हैं वो मुझ मना नही कर सकतें आख़िर आप इतनी हसीन जो हैं जब एक बार वो आप को देख लेंगे वो मना नही कर पाएँगी वैसे भी आप 25 से ज़्यादा तो नही लगती बस थोड़ा सा वेट और लूज़ कर लो आप 20 की लगने लग जाओगी
और लकी हँसने लगता है लकी को देख गुरमीत के होंटो पर भी मुस्कान आ जाती है
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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- mastram
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Re: सियासत और साजिश
गुरमीत : (हंसते हुए) तुम भी ना एक दम पागल हो क्या मे मोटी हूँ
लकी: हां पागल हूँ आप के प्यार मे (और लकी जो गुरमीत के हाथों को अपने हाथों मे थामे हुए था गुरमीत के हाथों को चूम लेता है) वुड यू मॅरी मी
गुरमीत एक दम से हैरान रह जाती है लकी के होंटो का स्पर्श अपने हाथों पर माशूस करके पूरे बदन मे सरसराहट दौड़ गयी आज पहली बार किसी मर्दाना हाथों ने गुरमीत को छुआ और होंटो ने चूमा था लकी ने अपना हाथ गुरमीत के गाल पर रख दिया गुरमीत एक दम से हिल गयी
गुरमीत:लकी तुम ये क्या कर रहे हो क्या तुम इसी लिए मुझ प्रपोज कर रहे हो
लकी: नही मॅम मे सच मे आप से प्यार करता हूँ (और लकी ने अपना हाथ हटा लिया ) अगर आप नही चाहेंगी तो मे आप को टच भी नही करूँगा और आप को देख कर आपसे प्यार कर लूँगा
गुरमीत : देख लो बाद मे ना कहना कि हाथ भी नही लगाने देती
लकी शरमा जाता है और गुरमीत लकी के दोनो हाथों को पकड़ कर अपने दोनो गालों पर रख लेती है गुरमीत की आँखें एक पल के लिए बंद हो जाती हो गुरमीत अपनी भारी हुई पलकों को खोला और लकी की आँखों मे देखते हुए बोली
गुरमीत: ओह्ह लकी तुम मेरा फ़ायदा उठा कर मुझ छोड़ तो नही दोगे
लकी: अब तो मे आप का साथ तब छोड़ूँगा जब इस जिस्म से जान निकल जाए गी
गुरमीत: (भावनाओ के सागर मे बहने लगी) ओह लकी तुम नही जानते तुमने अपनी भोली बातों से मेरा दिल लूट लिया है आज कई सालों बाद मेरे दिल मे प्यार का बीज़ बो कर तुमने मुझ जिंदा होने का अहसास दिलाया है
और दोनो एक दूसरे के करीब आने लगे दोनो के होंटो के बीच के दूरी कम होने लगी गुरमीत के साँसें तेज होने लगी होंठ थिरकने लगे गाल कामुकता के कारण लाल हो गये आँखों मे खुमारी लिए गुरमीत ने अपनी आँखों को बंद कर लिया और काँपते होंटो से बोली लकी मुझ अपने लबों से प्यार का पहला जाम पिला दो और लकी ने अपने होंटो को गुरमीत के कांम्प रहे होंटो पर रख दिया गुरमीत ने अपने थिरक रहे होंटो को खोल लिया और लकी ने गुरमीत के नीचले होन्ट को अपने दोनो होंठो के बीच मे ले लिया और चूसने लगा गुरमीत मस्ती से सारॉबार हो कर लकी के ऊपेर होंटो को चूसने लगी गुरमीत के पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी उसके हाथ लकी की पीठ पर कस गये और हाथों से लकी की पीठ पर फेरने लगी लकी ने भी गुरमीत को बाहों मे कस लिए गुरमीत के 38 साइज़ के बूब्स लकी के चेस्ट से चिपक कर दब गये गुरमीत मदहोश होती जा रही थी लकी ने होंटो को अलग किया और गुरमीत तेज से लंबी-2 साँसें लेने लगी गुरमीत ने अपनी आँखें खोली जिसमे वासना की लहरे उमड़ रही थी तेज साँसें लेते हुए गुरमीत लकी के होंटो की तरफ देख रही थी गुरमीत ने अपने हाथों को आगे लेजा कर लकी के शर्ट को कॉलर के पास से पकड़ लिया और लकी को अपनी तरफ़ खींचा और अपनी आँखें बंद कर ली जिससे लकी के होन्ट एक बार फिर से गुरमीत के होटो से मिल गये इस बार दोनो पागलों की तरह एक दूसरे को किस कर रहे थे दोनो एक दूसरे के होंटो को चूस रहे थे दोनो की जीभ एक दूसरे से की जीभ से खेल रही थी दोनो मे से कोई भी रुकने का नाम नही ले रहा था करीब 5 मिनट लगातार किस करने के बाद गुरमीत ने अपने होंटो को हटा लिया और अपनी आँखें खोली दोनो की नज़रे मिली लकी के होंटो पर मुस्कान देख गुरमीत एक दम शरमा गयी और सोफे से जल्दी से खड़ी हो कर किचन मे चली गयी किचन मे जाकर उसने आपनी साँसे दुरस्त की और पानी पी कर एक ग्लास मे पानी लेकर बाहर आ गयी और पानी का ग्लास लकी को देते हुए बोली
गुरमीत: अब मुझ निराश ना करना ये तुम्हारा आख़िरी साल है अच्छे नंबर से पास हो कर जल्दी से कुछ बन जाओ ताकि हम दोनो शादी कर सकें
लकी: जैसा आप का हुकम
तभी डोर बेल बजी
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Re: सियासत और साजिश
दोस्तो आज लिए बस इतना ही आगे की कहानी आपके सहयोग के बाद शुरू होगी
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Re: सियासत और साजिश
kahaani ki shuruwwat hi bata rahi hai ki kahaani bahut hi achhi rahegi . dost shuru ho jaao
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
(¨`·.·´¨) Always
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