सियासत और साजिश complete

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mastram
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Re: सियासत और साजिश

Post by mastram »


लकी एक बार फिर से थोड़ा नर्वस फील कर रहा था गुरमीत भी ये फील कर सकती थी गुरमीत ने आज वाइट ब्लू कलर का टॉप और साथ मे मॅचिंग स्कर्ट पहना हुआ था गुरमीत ने आज हल्का सा मेकप भी कर रखा था आज पहली बार गुरमीत के होंटो पर लिपस्टिक लगी हुई थी लकी ने आज पहली बार गुरमीत को लिपस्टिक लगाए हुए देखा था हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक गुरमीत को और सुंदर और आकर्षक बना रही थी लकी की नज़र गुरमीत से हट नही रही थी गुरमीत की स्कर्ट मुस्किल से उसके घुटनों तक पहुँच रही थी लकी का हाल बुरा हो चुका था गुरमीत भी लकी को यूँ अपनी जवानी देखता देख शरमा गयी उसने लकी को सोफे पर बैठने को कहा और किचन मे चली गयी सीलिंग फॅन के नीचे भी लकी के पसीने छूट रहे थे गुरमीत का भी ये सोच कर बुरा हाल हो रहा था अगर आज लकी ने कुछ किया तो शायद वो अपने आप को रोक ना पाए ये सोच कर ही गुरमीत के हाथ पैर फूलने लगी थी गुरमीत ने फ्रेश ऑरेंज जूस लेकर बाहर लकी के पास आ गयी और लकी को जूस देते हुए बोली आज कुछ ज़्यादा ही गरमी है चलो ऊपेर चलते हैं मेरे रूम मे एसी चल रहा है लकी ग्लास को हाथ मे थामें गुरमीत के पीछे-2 ऊपेर आ गया गुरमीत का बेडरूम बहुत अच्छा था काफ़ी खुला जिसमे एक डबल बेड और एक सोफा सेट भी लगा हुआ था और रूम के एक कोने मे स्टडी टेबल लगा हुआ था एसी जो काफ़ी देर से चल रहा था उसके कारण रूम का टेंपरेचर बहुत कम लग रहा था ऊपेर आकर दोनो ने राहत के साँस ली लकी सोफे पर बैठ गया

गुरमीत: आज क्या हुआ बड़े चुप चाप हो

लकी: (ग्लास को टेबल पर रखते हुए) आज आपका हुश्न देख कर मेरे शब्द ख़तम हो गये आज आप किसी अप्सरा से कम नही लग रही हैं

गुरमीत शरमा गयी उसके गाल एक दम लाल सुर्ख हो गये गुरमीत बेड से उठ कर लकी के पास आकर सोफे पर बैठ गयी और लकी के बालों को अपने हाथ की उंगलियों से सँवारते हुए उसकी आँखों मे झाँकने लगी गुरमीत के बदन से आती भीनी भीनी खुसबू लकी को और पागल बनाए जा रही थी लकी ने अपना एक हाथ गुरमीत की कमर मे डाल लाया और उसे अपनी तरफ खींचा

गुरमीत: छोड़ो क्या कर रहे हो मैने तुमसे कहा था ना शादी से पहले कुछ नही करने दूँगी

लकी: मैं कहाँ कुछ ग़लत करने जा रहा हूँ बस अपने ख्वाबों की मालिका को अपनी बाहों मे भरना चाहता हूँ क्या मुझे इसकी भी इजाज़त नही है

गुरमीत: लकी तुम बड़े चालू हो तुमसे कोई जीत नही सकता

लकी : (लकी सोफे से खड़ा हुआ और गुरमीत के हाथ को पकड़ कर उसे भी खड़ा कर दिया) लेकिन मे अपनी मालिका से हार गया

गुरमीत ने शरमा कर नज़रे झुका ली लकी ने अपनी बाँहे गुरमीत की कमर मे डाल कर उसे अपने से सटा लिया गुरमीत के हाथ लकी की चेस्ट पर थे लकी की गरम साँसों को अपने फेस और होंटो पर महसूस करके गुरमीत के बदन मे सरसराहट होने लगी और ना चाहते हुए भी गुरमीत अपना आपा खोने लगी गुरमीत लकी की बाहों मे पिघलने लगी और जब उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया वो लकी से एक दम चिपक गयी और लकी ने अपने होंटो को गुरमीत के होंटो पर रख दिया गुरमीत ने अपने होंटो को पीछे किया उसकी साँसे एक दम तेज़ी से चल रही थी

गुरमीत: नही लकी प्लीज़ नही

लकी: पक्का नही (और लकी फिर से गुरमीत के होंटो की तरफ अपने होंटो को ले जाने लगा)

गुरमीत इस कदर गरम हो चुकी थी कि वो ना बोलते हुए भी लकी को रोक नही पा रही थी बल्कि उसने अपने थरथरा रहे होंटो को हल्का सा खोल कर आँखें बंद कर ली और लकी ने एक बार फिर गुरमीत के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया गुरमीत लकी की बाहों मे कसमसा गयी उसने अपनी बाहों को लकी गले मे डाल दिया और लकी के सर मे पीछे से अपनी उंगलियों को उसके बालों मे घुमाने लगी लकी अब बिना किसी विरोध के गुरमीत के होंटो का रस पान कर रहा था गुरमीत ने भी अपने होंटो को ढीला छोड़ दिया ताकि वो अपने होंटो को लकी के होंटो से चुस्वा कर पूरा मज़ा ले सकें लकी के हाथ गुरमीत की कमर से सरकते हुए ऊपर की तरफ आने लगे गुरमीत मस्ती मे डूब चुकी थी लकी अब ज़ोर ज़ोर से गुरमीत के होंटो को चूस रहा था अपनी जीभ को गुरमीत की जीभ से रगड़ रहा था ये गुरमीत के लिए बिल्कुल नया अनुभव था स्कर्ट और नाइलॉन की पैंटी के नीचे उसकी प्यासी चूत पानी छोड़ने लगी थी जिसके कारण उसकी पैंटी नम हो चुकी थी अब तक लकी के हाथ गुरमीत की कमर के दोनो तरफ से ऊपेर होकर उसके 38 साइज़ के बूब्स तक पहुँच चुके थे और साइड से टच हो रहे थे अपने बूब्स पर लकी के हाथों को महसूस करके उसके बदन मे बिजली से दौड़ गयी उसका बदन ने ऐसे झटका खाया जैसे उसने नंगी तारों को पकड़ लिया हो उसने एक दम से अपने होंटो को हटा लिया उसकी आँखें बहुत मुस्किल से खुली साँसें एक दम तेज़ी से चल रही थी गाल और कान कामुकता वासना और शरम के कारण एक दम लाल हो चुके थे लकी एक दम से घबरा गया और थोड़ा पीछे हट गया

लकी: सॉरी वो मैं (इससे पहले कि लकी कुछ बोलता गुरमीत ने लकी का हाथ पकड़ कर अपनी लेफ्ट चुचि पर रख दिया और अपने हाथ से लकी के हाथ को अपनी चुचि पर दबा दिया गुरमीत की आँखों मे वासना की लहरें हिलोरे ले रही थी उसने आहह की आवाज़ के साथ अपनी आँखें बंद कर ली)

गुरमीत: (काँपती हुई आवाज़ मे) ओह्ह लकी तुमने मुझ पागल कर दिया है मुझ नही पता मे सही कर रही हूँ या ग़लत तुम मुझे बीच मे छोड़ तो नही दोगे

लकी अपना हाथ गुरमीत की चुचि से हटा लेता है और बेड पर जाकर बैठ जाता है गुरमीत अपनी आँखों को खोल कर देखती है उसकी साँसे अभी भी तेज चल रही थी उसके 38 साइज़ के बूब्स सांस लेने से ऊपेर नीचे हो रहे थे

लकी: मुझ ये सुन कर बहुत दुख हुआ मैं आप से सच्चा प्यार करता हूँ पर लगता है आप को मुझ पर भरोसा नही मैं आप को कभी किसी बात के लिए फोर्स नही करूँगा पर जब आप ऐसी बात करती हैं मेरे दिल को चोट पहुँचती है

गुरमीत: आइ आम सॉरी लकी ओह्ह मुझ इतना प्यार ना करो मुझ पता नही क्यों लगता है कि मैं ग़लत कर रही हूँ कहीं आगे चल कर तुम्हें समाज के बंधनों का सामना ना करना पड़े और वो भी मेरी वजह से लकी मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ
lalaora
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Re: सियासत और साजिश

Post by lalaora »

Thanks pls keep continue
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rajaarkey
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Re: सियासत और साजिश

Post by rajaarkey »

dost bahut hi majedar kahaani hai . utna achha update
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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