भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete

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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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आशना: डॉक्टर. मुझे इस बारे मे कुछ पता नहीं, क्या भैया की हालत का इससे कोई लिंक है.

डॉक्टर: है भी और नहीं भी.

आशना: मैं समझी नहीं डॉक्टर.

बीना: मे समझाती हूँ आशना. देखो आशना बुरा मत मानना वो तुम्हारा भाई है पर और कोई नहीं है ऐसा जिससे मैं इस बात के बारे मे डिसकस कर सकूँ. अभय ने मुझे मना किया था तुमसे इस बारे मे बात करने से, इसीलिए मे तुम्हे यहाँ लाई हूँ.

आशना: यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर, ( यह कहते हुए आशना का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था)
बीना: देखो आशना, वीरेंदर एक हेल्ती इंसान है और इस अमर मे आकर इंसान के शरीर की कुछ ज़रूरतें होती हैं जो उस मे एक उमंग, एक नयी उर्जा का संचार करती हैं. यह सुनके आशना की नज़रें नीचे झुक गई.

बीना: देखो आशना, इस वक़्त तुम्हारे भैया को शादी की शख्त ज़रूरत है. मुझे नहीं लगता कि वो अपने आप को रिलीव करते हैं तभी तो उन्हे यह प्राब्लम हुई. डॉक्टर. बीना ने यह लाइन एक ही सांस मे बोल दी.

आशना जो कि आँखें झुका के यह सब सुन रही थी, डॉक्टर. कि यह बात सुन के एक दम से डॉक्टर. की तरफ़ देखती है, उसका मूह खुल जाता है और गाल लाल हो जाते हैं.

बीना: इसीलिए मेने पूछा था कि अगर वीरेंदर की ज़िंदगी मे कोई लड़की है तो जल्द से जल्द उन दोनो की शादी करवा देनी चाहिए. ताकि वीरेंदर की शारीरिक ज़रूरतें पूरी हो और उसके बॉलो की थिकनेस कम हो, जिसकी वजह से यह प्रोबलम हुई है. इसके बाद बीना खामोश हो गई और एकटक आशना को देखने लगी. तभी वेटर उनका ऑर्डर ले आया. दोनो ने अपना अपना कॉफी का मग लिया और वेटर वहाँ से चल दिया. आशना ने चारो तरफ नज़र घुमाई, काफ़ी भीड़ हो गई थी वहाँ, पर उनका टेबल एक कॉर्नर मे होने के कारण उन्हे शायद ही कोई सुन सके.

आशना: ब्लड थिकनेस ? मैं समझी नहीं डॉक्टर.

बीना: आशना, जैसे हम औरतो मे नये सेल्स बनते हैं और फिर म्सी मे रिलीस होते हैं जिससे बॉडी पार्ट्स सुचारू रूप से काम करते रहते हैं और अक्सर एग्ज़ाइट्मेंट मे हम अपने बॉडी पार्ट्स से खेलते है जब तक हमारी शारीरिक भूख ना मिट जाए, उसी तरह पुरुषो मे भी ऐसा होता है. जब उनके शरीर मे सेमेंस की क्वांटिटी ज़्यादा हो जाती है, वो या तो नाइटफॉल मे रिलीस हो जाते हैं, या सेल्फ़ रिलीफ (मास्टरबेशन) से या फिर किसी के साथ सेक्स के दौरान. और यहाँ तक मुझे लगता है तुम्हारे भैया ने आज तक सेल्फ़ रिलीफ का सहारा नहीं लिया और सेक्स का तो सवाल ही नहीं उठता. यही कारण है कि उनके शरीर मे ब्लड बहुत ज़्यादा थिक हो गया है और उन्हे यह प्राब्लम हुई. इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है.

यह सारी बातें सुनकर आशना काफ़ी शरम महसूस कर रही थी पर वो यह भी जानती थी कि वो यह सब एक डॉक्टर. से डिसकस कर रही है.

आशना: बाकी सब तो ठीक है पर नाइटफॉल से तो कुछ फरक पड़ता ही होगा ब्लड थिकनेस पर.

डॉक्टर.: ज़रूर पड़ता है, जब शरीर मे सेमेंस ज़्यादा हो जाते है तो उनका बाहर निकल जाना लाज़मी है पर वीरेंदर की तंदुरुस्ती के हिसाब से उतना सीमेन नाइटफॉल मे नहीं निकल पाता शायद तभी उसे यह प्राब्लम हुई. वैसे मैं कोई सेक्स स्पेशलिस्ट नहीं हूँ बट एक फिज़ीशियान होने के नाते इतना तो समझ ही सकती हूँ.

आशना: तो डॉक्टर. इसका इलाज क्या है.

बीना आशना की तरफ देखती रही और कुछ समय बाद बोली. सिर्फ़ दो ही इलाज मेरी समझ मे आते हैं या तो वीरेंदर शादी कर ले या फिर मास्टरबेशन.

इस बार डॉक्टर. ने डाइरेक्ट मास्टरबेशन वर्ड यूज़ किया तो आशना की साँस ही अटक गई कॉफी की चुस्की लेते हुए. बीना ने जल्दी से उसे पानी ऑफर किया जिसे पी कर आशना नॉर्मल हुई.

बीना: आइ आम सॉरी मुझे तुमसे यह डिसकस नहीं करना चाहिए था बट आइ डॉन'ट हॅव एनी अदर ऑप्षन. वीरेंदर कब तक मेडिसिन्स का सहारा लेगा. कुछ हफ़्तो की बात तो ठीक है पर तुम्हे जल्द ही कोई रास्ता ढूँढना पड़ेगा कि वो शादी के लिए राज़ी हो जाए. बातों- बातों मे दोनो की कोफ़ी ख़तम हो गई थी. बीना ने बिल पे किया और वो दोनो उठकर जाने लगी.

बीना ने कार अनलॉक की और दोनों उस मे बैठ गई. बीना ने जैसे ही एंजिन स्टार्ट किया तो आशना ने चौंक कर उसकी तरफ देखा जिसे बीना ने नोटीस कर लिया.
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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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बीना: क्या हुआ आशना, तुम कुछ पूछना चाहती हो.

आशना का चेहरा सुर्ख लाल हो गया उसने नज़रे नीचे करके ना मे इशारा किया.

बीना: कम ऑन आशना, टेल मी व्हाट यू वॉंट टू नो.

आशना: नज़रें नीचे झुकाए हुए, आप इतने यकीन से कैसे कह सकती है कि भैया मास्ट...... मेरा मतलब सेल्फ़ रिलीफ नहीं करते या उनका कभी किसी लड़की से कोई से......क्ष......अल रीलेशन नहीं रहा.

अब शरमाने की बारी बीना की थी बट उसने अपने आप को संभालते हुए कहा आशना तुम भूल रही हो कि मैं एक डॉक्टर. हूँ.

आशना उसका जवाब सुनकर चुप चाप उसे देखती रही. दोनो की नज़रें मिली पर बीना ज़्यादा देर तक उसकी नज़रो का सामना नहीं कर पाई और सिर को झुका के बोली: जब अभय ने वीरेंदर की ब्लड रिपोर्ट मुझे दिखाई तो मुझे कुछ समझ नहीं आया कि इतनी थिकनेस ब्लू मे कैसे हो सकती है. फिर अभय ने मुझे इसके रीज़न्स बताए. मैं सुनकेर हैरान थी कि एक 33 साल का सेहतमंद मर्द जिसने कभी मास्टरबेशन ना किया हो और इतना खूबसूरत साथ मे इतना बड़ा बिज़्नेसमॅन जिसका कभी किसी लड़की से कोई रीलेशन ना रहा हो नामुमकिन सा है. वीरेंदर की ब्लड रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुझे यकीन तो हो गया पर फिर भी मेरे दिमाग़ मे काफ़ी सवाल थे. इतना कहकर बीना चुप हो गई.

आशना ने सवालिया नज़रो से उसे देखा, जैसे वो और जानना चाहती हो.

बीना ने उसकी तरफ देखा फिर सिर झुका के बोली, आशना जो मैं तुम्हे बताने जा रही हूँ वो प्लीज़ किसी को मत बताना.

आशना: यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर.

बीना: कल रात को जब वीरेंदर की हालत मे कुछ सुधार आया तो रात को मैं आइक्यू मे चुप चाप चली गई. मैं काफ़ी डरी हुई थी पर अपने दिमाग़ मे उठे सवालो का जवाब पाने के लिए मेने यह रिस्क उठाया. मेने उसके ट्राउज़र को हटा कर देखा तो मुझे उसकी पेनिस नज़र आई. मेने ध्यान से उसे देखा तो मुझे यकीन हुआ कि अभय वाज़ राइट. वीरेंदर ने कभी अपने पेनिस का यूज़ ही नहीं किया. ही ईज़ प्योर वर्जिन मॅन. इतना कहकर बीना ने सिर उठा कर आशना को देखा, जिसकी आँखूं से आँसू मोती बनकर बह रहे थे. बीना का दिल एक दम से धक कर उठा. बीना ने उसे अपने पास खेच कर उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा"आइ आम सॉरी आशना"और वो दोनों एक दूसरे के गले लग कर रो पड़ीं.

आशना ने अपने आप को संभाला और डॉक्टर. से बोली आप बहुत गंदी हो और हंस दी.

बीना ने भी मुस्कुरा कर उसे जवाब दिया"वैसे वो जो भी हो पर तुम्हारे भाई से बहुत खुश होगी".

आशना ने सवालिया निगाहो से बीना को देखा.

बीना एक शरारती मुस्कान के साथ बोलती है, युवर ब्रो ईज़ वेल एंडोड.

इस बार शरमाने की बारी आशना की थी. इतनी बातें होने के बाद अब वो दोनो काफ़ी खुल गई थी.

बीना: रियली मे मेने अपनी ज़िंदगी मे ऐसा इंसान नहीं देखा जो 33 साल तक भी प्योर् वर्जिन हो.

आशना: पर आपको कैसे पता चल कि भैया वर्जि.....

.बीना: रहने दो तुमसे नहीं बोला जाएगा, मैं ही बोल देती हूँ. तुम्हारे भैयआ इसलिए वर्जिन हैं क्यूंकी अभी उनकी सील इनटॅक्ट है.

आशना: सील?????.

बीना: जैसे जब लड़की विर्जिन होती है तो उसकी निशानी है उसकी वेजाइना की सील उसी तरह एक मर्द की पेनिस पर भी एक सील होती है जो कि उसकी चमड़ी को पूरा पीछे नहीं होने देती.

आशना: धत्त, आप कितनी बेशरम हो.

बीना: शादी कर लो तुम भी हो जाओगी और दोनो हंस दी.

बीना: मुझे लगता है वीरेंदर का कोई ना कोई राज़ तो होगा नहीं तो अभी तक वो शादी कर चुका होता.

राज़ का सुनके ही आशना को डाइयरी का ख़याल आया जो बिहारी काका उसे बता रहे थे.

आशना: चौंकते हुए. आप मुझे हवेली छोड़ दीजिए मैं कुछ पता करने की कोशिश करती हूँ.

एक बार के लिए तो बीना भी चौंकी पर फिर उसने गियर डाला और 10 मिनट्स मे ही आशना को गेट के बाहर ड्रॉप कर दिया.

बीना: कुछ पता लगे तो फोन करना, यह कहकर उसने अपना कार्ड आशना की ओर बढ़ाया.

आशना ने कार्ड अपने हॅंडबॅग मे रखा और डॉक्टर. को बाइ बोला

.डॉक्टर.: बाइ टेक केर आंड प्लीज़ टेक रेस्ट टू. यू नीड इट वेरी बॅड. यह कहकर बीना ने गाड़ी आगे बढ़ा दी.

शाम के 7:30 बज रहे थे , पूरा बंगलो रोशनी से जगमगा रहा था. बाहर से देखने पर कोई नहीं कह सकता था कि इस बंगलो के अंदर रहने वालो पर क्या गुज़री होगी. आस पास का इलाक़ा भी काफ़ी सॉफ सुथरा और शांत था. चारो ओर काफ़ी बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स थी. आशना ने इधर उधर देखा तो उसे गेट के पिल्लर पर मरबेल का साइग्नबोर्ड दिखाई दिया. जिसपर सॉफ लिका था "शर्मा निवास" मार्बल के साइन बोर्ड के लेफ्ट साइड मे लगी बेल पे उसने उंगली दबाई और कुछ सेकेंड्स रुकने पर उसे बंगलो का बड़ा सा दरवाज़ा खुलता हुआ दिखाई दिया. बिहारी काका सिर पर टोपी पहने और एक मोटा सा कंबल ओढ़े गेट की तरफ आए. गेट से बंगलो के दरवाज़े तक का सेफर तय करने मे उन्हे एक मिनट से भी ज़्यादा का समय लगा. काफ़ी ज़मीन खरीद रखी थी वीरेंदर के पिता जी ने. इतनी बड़ी ज़मीन के बीचो बीच एक शानदार बंगलो उनकी शानो शोकत को चीख चीख कर बयान कर रह था.

आशना ने अपने ज़िंदगी मे इतना बड़ा बंगलो कभी नहीं देखा था. उसका अपने घर इस बंगलो के आगे तो कुछ भी नहीं था. जिस स्कूल और हॉस्टिल मे वो पढ़ी वो भी इस बंगलो के आगे छोटा था. और फिर स्कूल के बाद वो किराए का फ्लॅट तो उसके घर से भी छोटा था. तभी बिहारी काका ने थोड़ी डोर से आवाज़ लगाई. कॉन है?

आशना ने हड़बड़ाते हुए जवाब दिया "जी काका मे हूँ हम हॉस्पिटल मे मिले थे". बिहारी ने एक नज़र उसपर डाली और फिर दौड़कर गेट खोला.

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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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बिहारी काका: अरे बिटिया, कुछ चाहिए था तो मुझे बुला लेती में तो बस निकलने ही वाला था आपका खाना लेकर.

आशना: नहीं काका, आज मे ख़ान यहीं खाउन्गी और कुछ दिन यहीं रुकूंगी आशना ने अंदर आते हुए कहा.

बिहारी ने गेट बंद किया और पीछे मुड़कर देखा तो आशना काफ़ी आगे निकल गई थी. आशना ने अपनी नज़र चारो तरफ घुमाई. सामने पेव्मेंट के लेफ्ट और राइट साइड दोनों तरफ रंग बिरंगे गार्डेन्स थे. चारदीवारी के चारो तरफ काफ़ी बड़े बड़े अशोका ट्रीस लगे हुए थे. चार दीवारी भी इतनी बड़ी कि बाहर से कुछ मकान ही दिख रहे थे. बंगलो के राइट साइड पर एक बड़ा सा स्विम्मिंग पूल और उसके बॅकसाइड पर बड़ा सा गॅरेज जहाँ 4 चमचमाती गाड़ियाँ खड़ी थी. आशना बाहर से पूरे बंगलो का मुयायना करना चाहती थी लेकिन बाहर की सर्द हवाओं ने उसे ठिठुर कर रख दिया था. तभी बिहारी काका उसके पास पहुँचे और बोले बिटिया बाहर बहुत ठंड है, आप अंदर चलो मैं आग का इंतज़ाम करता हूँ. आशना ने बिना कोई जवाब दिए बंगलो की तरफ अपने कदम मोड़ लिए. पेव्मेंट पर काफ़ी सुंदर मार्बल की परत चढ़ि थी जिसपे चल कर आशना मेन दरवाज़े तक पहुँची. दरवाज़े के अंदर घुसते ही उसे उस बंगलो की भव्यता का पता चला. उसकी आँखें चुन्धिया गई ऐसी नक्काशी देख कर मेन हाल की दीवारो पर. फर्श पर काफ़ी मोटा लेकिन सॉफ और करीने से सज़ा हुआ कालीन और हाल के चारो तरफ फैला फर्निचर देख कर आशना को ऐसा लगा जैसे वो किसी रियासत के महल मे हो. हाल के चारो तरफ12 कमरे, किचन, वॉशरूम्स सब कुछ देख कर वो एक दम से दंग रह गई. हाल की एक दीवार पर इतनी बड़ी एलसीडी को देख कर ऐसा लग रहा था कि वो किसी मिनी थियेटर में आ गई हो. बिल्कुल बीचो बीच सोफो का एक बड़ा से सर्क्युलर अरेंज्मेंट. आशना की तंद्रा टूटी जब बिहारी काका ने कहा बिटिया यहाँ बैठो. आशना ने उस तरफ देखा तो वहाँ हाल के एक कोने मे बिहारी काका ने वहाँ बनी एक अंगीठी मे आग जला दी थी. आशना वही अंगीठी के सामने एक सोफा चेर पर बैठ गई अपनी जॅकेट उतार कर एक साइड पर रखी और अपने ठंडे हो रहे शरीर को गरम करने की कोशिश करने लगी. बैठते ही उसकी नज़र हॉल की छत पर पड़ी जहाँ एक बड़ा सा झूमर झूल रहा था जिसमे लगे छोटे छोटे मोती रोशनी से चमक कर रंग बिरंगी रोशनी चारो और फैला रहे थे.


बिहारी काका वहाँ से चले गये और आशना के लिए एक सॉफ्ट सा शॉल लेकर आ गये.

बिहारी काका: जब भूख लगे या किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना, मे उस कमरे मे हूँ. यह कहकेर बिहारी काका ने किचन के साथ बने एक कमरे की तरफ इशारा किया.

आशना ने धीरे से अपनी गर्दन हां मे हिलाई और शॉल अच्छे से ओढ़केर बैठ गई. काफ़ी देर आग के पास बैठने के बाद और दिमाग़ मे काफ़ी सवाल लेकर वो उठी और वॉश रूम में चली गई. इतना बड़ा वॉशरूम उसने आज तक नहीं देखा था. उनके पुराने घर की मेन लॉबी से भी बड़ा बाथरूम देख के वो अपने आप को राजकुमारी समझने लगी. बाथरूम की टाइल्स और वहाँ लगी हर चीज़ को ध्यान से देखने लगी. बाथरूम के लेफ्ट साइड मे जक्कुज़ी को देख कर वो अपने आप को नहाने से रोक नही पाही और जक्कुज़ी का मिक्स्चर ऑन कर दिया. आशना ने वहाँ पर रखे टवल्ज़ मे से एक टवल उठाया और उसे जक्कुज़ी के साथ लगे एक हॅंडल पर टाँग दिया. जक्कुज़ी भर जाने के बाद उसने उस मे लिक्विड सोप डाला और पानी को हिलाकर उस मे काफ़ी झाग बनाया. फिर एक बड़े से शीशे के आगे जाकर उसने अपनी जॅकेट उतारी और फिर अपनी टी-शर्ट उतारने लगी. आईने मे अपनी परछाई देख कर वो शरमा सी गई और फिर पलट कर उसने अपनी टी-शर्ट और फिर अपनी ब्रा और पॅंट उतार दी. आशना ने टी-शर्ट के अंदर एक वाइट कलर का फ्रंट ओपन वॉर्मर पहना था, आशना ने धीरे धीरे से उसके सारे बटन अलग किए. उसे काफ़ी शरम आ रही थी, वो मूड कर शीशे मे अपने आप को देखने लगी और शरमा कर एकदम पलट गई.



फिर उसे ख़याल आया कि वो एक्सट्रा पैंटी तो लाई नहीं अपने साथ इसलिए उसने अपनी पैंटी और फिर बाद मे वाइट अंडरशर्ट भी निकाल दी.


आशना का दिल ज़ोरो से धड़क रहा था, वो अपने आप से ही शरमा रही थी. उसके गाल काफ़ी लाल हो गये थे और उसकी साँसे काफ़ी तेज़ चल रही थी. उसने फिर से पलट कर अपने आप को देखा तो एक पल के लिए वो चौक गई. इस नज़र से शायद ही उसने अपने आप को देखा हो. हाइट तो काफ़ी अच्छी थी आशना की, अब तो शरीर भी अपना आकार ले चुका था. खूब गोरी थी आशना, शरीर पर कोई दाग नहीं. ब्रेस्ट 36 सी इतने बड़े कि दो हाथो मे ना समा पाए और एकदम कड़क. आख़िर हो भी क्यूँ ना, उन्हे आज तक कोई दबा जो नही पाया था. आशना ने पलट कर अपनी आस 36 की तरफ देखा तो धक से उसका दिल धड़क कर रह गया. उसकी विशाल आस, आज पहली बार उसने इतने गौर से उसे देखा. आशना की कुलीग्स हमेशा कहती कि आशना तो हर डिपार्टमेंट (ब्रेस्ट & आस) मे हम से आगे (बड़ी) है तो फिर यह कोई बाय्फ्रेंड क्यूँ नहीं बनाती, आशना हर बार उन्हे टालने के लिए कहती " यह तो मेने किसी और के नाम कर दिए हैं". उसकी फ्रेंड्स काफ़ी पूछती पर कोई हो तो आशना बताती पर उसकी सारी फ्रेंड्स यही समझती कि उसका कोई सीक्रेट बाय्फ्रेंड है पर आशना बताती नहीं . आशना भी उनकी ग़लतफहमी को दूर करने की कोशिश नहीं करती क्यूंकी वो जानती थी कि एक बार वो हां कर दे तो उसके मेल कुलीग्स और यहाँ तक कि उसके एरलाइन्स के पाइलट्स भी लाइन मे लग जाएँगे. वो इन सब से दूर ही रहना चाहती थी. यह सोचते सोचते आशना जकुज़ी मे उतर जाती है और इतने दिनों बाद गरम पानी का एहसास उसे अंदर तक रोमांचित कर देता है.

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jay
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

Post by jay »

very good start plz continue..............
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(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
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