कुछ मिनट्स तक दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखती रही फिर जैसे ही आशना कुछ बोलना चाहती थी कि वेटर ने आकर उनका ऑर्डर नोट किया और चला गया.
आशना: डॉक्टर. आप यहाँ अक्सर आती रहती हैं.
डॉक्टर.: हां मैं अक्सर अभय (डॉक्टर. अभय गुप्ता, बीना के हज़्बेंड) के साथ यहाँ आती हूँ. यहाँ कुछ देर बैठ कर हम हॉस्पिटल के वातावरण से दूर आने की कोशिश करते हैं और दिन भर के केसस की डिस्कशन करते हैं.
आशना: यहाँ पर भी हॉस्पिटल की ही बातें करते हो आप लोग?.
डॉक्टर.: रोज़ नहीं पर कुछ ज़रूरी केसस जो उलझे हुए हों जैसे कि वीरेंदर का. आशना के चेहरे का रंग एकदम उड़ गया. आशना: क्या मतलब डॉक्टर. भैया ठीक तो हो जाएँगे ना?
डॉक्टर.: डॉन'ट वरी , ही ईज़ आब्सलूट्ली नॉर्मल नाउ बट उसकी कंडीशन्स फिर से ऐसी हो सकती है, अगर ............
.आशना: डॉक्टर. की तरफ देखते हुए, अगर ?.
डॉक्टर.: बताती हूँ. यह कहकर डॉक्टर. कुछ देर के लिए खामोश हो जाती है और आशना के चेहरे को ध्यान से देखती है. उसके चेहरे से उड़ा हुआ रंग सॉफ बता रहा था कि आशना काफ़ी परेशान है वीरेंदर को लेकर.
आशना: डॉक्टर. बताइए ना, मेरी जान निकलती जा रही है, आख़िर ऐसा क्या हुआ है भैया को.
डॉक्टर: आशना, यहाँ तक हम (बीना & अभय) जानते हैं कि तुमने वीरेंदर को 12 साल बाद देखा है. इससे पहले तुम कब और कहाँ मिले हमे नहीं पता. क्या तुमने कभी कहीं से यह सुना कि वीरेंदर की ज़िंदगी मे कोई लड़की आई थी? इतना सुनते ही आशना का चेहरा एकदम सफेद पड़ गया. इसका मतलब भैया की यह हालत किसी लड़की के पीछे है. पर आशना को इस सब के बारे मे कुछ भी पता नहीं था. होता भी कैसे, पिछले 12 सालो से तो वो एक बार भी वीरेंदर से नहीं मिली, हालाँकि वीरेंदर ने कई बार कोशिश की पर आशना ने हर बार पढ़ाई का बहाना बना दिया. अभी दो साल पहले ही जब आशना ने 12थ के एग्ज़ॅम्स क्लियर किए तो वीरेंदर ने काफ़ी ज़ोर दिया कि उसका अड्मिषिन मेडिकल कॉलेज मे कर दे पर आशना अपना रास्ता खुद चुनना चाहती थी. उसने फ्रांकफिंन इन्स्टिट्यूट से एयिर्हसटेस्स की ट्रैनिंग ली और पिछले साल ही उसे एक एरलाइन्स का ऑफर मिला तो उसने झट से जाय्न कर लिया.
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- Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
bahut hi achhi kahani hai Dolly
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
thanks 007007 wrote:bahut hi achhi kahani hai Dolly
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
आशना: डॉक्टर. मुझे इस बारे मे कुछ पता नहीं, क्या भैया की हालत का इससे कोई लिंक है.
डॉक्टर: है भी और नहीं भी.
आशना: मैं समझी नहीं डॉक्टर.
बीना: मे समझाती हूँ आशना. देखो आशना बुरा मत मानना वो तुम्हारा भाई है पर और कोई नहीं है ऐसा जिससे मैं इस बात के बारे मे डिसकस कर सकूँ. अभय ने मुझे मना किया था तुमसे इस बारे मे बात करने से, इसीलिए मे तुम्हे यहाँ लाई हूँ.
आशना: यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर, ( यह कहते हुए आशना का दिल ज़ोरों से धड़क रहा था)
बीना: देखो आशना, वीरेंदर एक हेल्ती इंसान है और इस अमर मे आकर इंसान के शरीर की कुछ ज़रूरतें होती हैं जो उस मे एक उमंग, एक नयी उर्जा का संचार करती हैं. यह सुनके आशना की नज़रें नीचे झुक गई.
बीना: देखो आशना, इस वक़्त तुम्हारे भैया को शादी की शख्त ज़रूरत है. मुझे नहीं लगता कि वो अपने आप को रिलीव करते हैं तभी तो उन्हे यह प्राब्लम हुई. डॉक्टर. बीना ने यह लाइन एक ही सांस मे बोल दी.
आशना जो कि आँखें झुका के यह सब सुन रही थी, डॉक्टर. कि यह बात सुन के एक दम से डॉक्टर. की तरफ़ देखती है, उसका मूह खुल जाता है और गाल लाल हो जाते हैं.
बीना: इसीलिए मेने पूछा था कि अगर वीरेंदर की ज़िंदगी मे कोई लड़की है तो जल्द से जल्द उन दोनो की शादी करवा देनी चाहिए. ताकि वीरेंदर की शारीरिक ज़रूरतें पूरी हो और उसके बॉलो की थिकनेस कम हो, जिसकी वजह से यह प्रोबलम हुई है. इसके बाद बीना खामोश हो गई और एकटक आशना को देखने लगी. तभी वेटर उनका ऑर्डर ले आया. दोनो ने अपना अपना कॉफी का मग लिया और वेटर वहाँ से चल दिया. आशना ने चारो तरफ नज़र घुमाई, काफ़ी भीड़ हो गई थी वहाँ, पर उनका टेबल एक कॉर्नर मे होने के कारण उन्हे शायद ही कोई सुन सके.
आशना: ब्लड थिकनेस ? मैं समझी नहीं डॉक्टर.
बीना: आशना, जैसे हम औरतो मे नये सेल्स बनते हैं और फिर म्सी मे रिलीस होते हैं जिससे बॉडी पार्ट्स सुचारू रूप से काम करते रहते हैं और अक्सर एग्ज़ाइट्मेंट मे हम अपने बॉडी पार्ट्स से खेलते है जब तक हमारी शारीरिक भूख ना मिट जाए, उसी तरह पुरुषो मे भी ऐसा होता है. जब उनके शरीर मे सेमेंस की क्वांटिटी ज़्यादा हो जाती है, वो या तो नाइटफॉल मे रिलीस हो जाते हैं, या सेल्फ़ रिलीफ (मास्टरबेशन) से या फिर किसी के साथ सेक्स के दौरान. और यहाँ तक मुझे लगता है तुम्हारे भैया ने आज तक सेल्फ़ रिलीफ का सहारा नहीं लिया और सेक्स का तो सवाल ही नहीं उठता. यही कारण है कि उनके शरीर मे ब्लड बहुत ज़्यादा थिक हो गया है और उन्हे यह प्राब्लम हुई. इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ता है.
यह सारी बातें सुनकर आशना काफ़ी शरम महसूस कर रही थी पर वो यह भी जानती थी कि वो यह सब एक डॉक्टर. से डिसकस कर रही है.
आशना: बाकी सब तो ठीक है पर नाइटफॉल से तो कुछ फरक पड़ता ही होगा ब्लड थिकनेस पर.
डॉक्टर.: ज़रूर पड़ता है, जब शरीर मे सेमेंस ज़्यादा हो जाते है तो उनका बाहर निकल जाना लाज़मी है पर वीरेंदर की तंदुरुस्ती के हिसाब से उतना सीमेन नाइटफॉल मे नहीं निकल पाता शायद तभी उसे यह प्राब्लम हुई. वैसे मैं कोई सेक्स स्पेशलिस्ट नहीं हूँ बट एक फिज़ीशियान होने के नाते इतना तो समझ ही सकती हूँ.
आशना: तो डॉक्टर. इसका इलाज क्या है.
बीना आशना की तरफ देखती रही और कुछ समय बाद बोली. सिर्फ़ दो ही इलाज मेरी समझ मे आते हैं या तो वीरेंदर शादी कर ले या फिर मास्टरबेशन.
इस बार डॉक्टर. ने डाइरेक्ट मास्टरबेशन वर्ड यूज़ किया तो आशना की साँस ही अटक गई कॉफी की चुस्की लेते हुए. बीना ने जल्दी से उसे पानी ऑफर किया जिसे पी कर आशना नॉर्मल हुई.
बीना: आइ आम सॉरी मुझे तुमसे यह डिसकस नहीं करना चाहिए था बट आइ डॉन'ट हॅव एनी अदर ऑप्षन. वीरेंदर कब तक मेडिसिन्स का सहारा लेगा. कुछ हफ़्तो की बात तो ठीक है पर तुम्हे जल्द ही कोई रास्ता ढूँढना पड़ेगा कि वो शादी के लिए राज़ी हो जाए. बातों- बातों मे दोनो की कोफ़ी ख़तम हो गई थी. बीना ने बिल पे किया और वो दोनो उठकर जाने लगी.
बीना ने कार अनलॉक की और दोनों उस मे बैठ गई. बीना ने जैसे ही एंजिन स्टार्ट किया तो आशना ने चौंक कर उसकी तरफ देखा जिसे बीना ने नोटीस कर लिया.
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
बीना: क्या हुआ आशना, तुम कुछ पूछना चाहती हो.
आशना का चेहरा सुर्ख लाल हो गया उसने नज़रे नीचे करके ना मे इशारा किया.
बीना: कम ऑन आशना, टेल मी व्हाट यू वॉंट टू नो.
आशना: नज़रें नीचे झुकाए हुए, आप इतने यकीन से कैसे कह सकती है कि भैया मास्ट...... मेरा मतलब सेल्फ़ रिलीफ नहीं करते या उनका कभी किसी लड़की से कोई से......क्ष......अल रीलेशन नहीं रहा.
अब शरमाने की बारी बीना की थी बट उसने अपने आप को संभालते हुए कहा आशना तुम भूल रही हो कि मैं एक डॉक्टर. हूँ.
आशना उसका जवाब सुनकर चुप चाप उसे देखती रही. दोनो की नज़रें मिली पर बीना ज़्यादा देर तक उसकी नज़रो का सामना नहीं कर पाई और सिर को झुका के बोली: जब अभय ने वीरेंदर की ब्लड रिपोर्ट मुझे दिखाई तो मुझे कुछ समझ नहीं आया कि इतनी थिकनेस ब्लू मे कैसे हो सकती है. फिर अभय ने मुझे इसके रीज़न्स बताए. मैं सुनकेर हैरान थी कि एक 33 साल का सेहतमंद मर्द जिसने कभी मास्टरबेशन ना किया हो और इतना खूबसूरत साथ मे इतना बड़ा बिज़्नेसमॅन जिसका कभी किसी लड़की से कोई रीलेशन ना रहा हो नामुमकिन सा है. वीरेंदर की ब्लड रिपोर्ट पढ़ने के बाद मुझे यकीन तो हो गया पर फिर भी मेरे दिमाग़ मे काफ़ी सवाल थे. इतना कहकर बीना चुप हो गई.
आशना ने सवालिया नज़रो से उसे देखा, जैसे वो और जानना चाहती हो.
बीना ने उसकी तरफ देखा फिर सिर झुका के बोली, आशना जो मैं तुम्हे बताने जा रही हूँ वो प्लीज़ किसी को मत बताना.
आशना: यू कॅन ट्रस्ट मी डॉक्टर.
बीना: कल रात को जब वीरेंदर की हालत मे कुछ सुधार आया तो रात को मैं आइक्यू मे चुप चाप चली गई. मैं काफ़ी डरी हुई थी पर अपने दिमाग़ मे उठे सवालो का जवाब पाने के लिए मेने यह रिस्क उठाया. मेने उसके ट्राउज़र को हटा कर देखा तो मुझे उसकी पेनिस नज़र आई. मेने ध्यान से उसे देखा तो मुझे यकीन हुआ कि अभय वाज़ राइट. वीरेंदर ने कभी अपने पेनिस का यूज़ ही नहीं किया. ही ईज़ प्योर वर्जिन मॅन. इतना कहकर बीना ने सिर उठा कर आशना को देखा, जिसकी आँखूं से आँसू मोती बनकर बह रहे थे. बीना का दिल एक दम से धक कर उठा. बीना ने उसे अपने पास खेच कर उसके सर पर हाथ फेरते हुए कहा"आइ आम सॉरी आशना"और वो दोनों एक दूसरे के गले लग कर रो पड़ीं.
आशना ने अपने आप को संभाला और डॉक्टर. से बोली आप बहुत गंदी हो और हंस दी.
बीना ने भी मुस्कुरा कर उसे जवाब दिया"वैसे वो जो भी हो पर तुम्हारे भाई से बहुत खुश होगी".
आशना ने सवालिया निगाहो से बीना को देखा.
बीना एक शरारती मुस्कान के साथ बोलती है, युवर ब्रो ईज़ वेल एंडोड.
इस बार शरमाने की बारी आशना की थी. इतनी बातें होने के बाद अब वो दोनो काफ़ी खुल गई थी.
बीना: रियली मे मेने अपनी ज़िंदगी मे ऐसा इंसान नहीं देखा जो 33 साल तक भी प्योर् वर्जिन हो.
आशना: पर आपको कैसे पता चल कि भैया वर्जि.....
.बीना: रहने दो तुमसे नहीं बोला जाएगा, मैं ही बोल देती हूँ. तुम्हारे भैयआ इसलिए वर्जिन हैं क्यूंकी अभी उनकी सील इनटॅक्ट है.
आशना: सील?????.
बीना: जैसे जब लड़की विर्जिन होती है तो उसकी निशानी है उसकी वेजाइना की सील उसी तरह एक मर्द की पेनिस पर भी एक सील होती है जो कि उसकी चमड़ी को पूरा पीछे नहीं होने देती.
आशना: धत्त, आप कितनी बेशरम हो.
बीना: शादी कर लो तुम भी हो जाओगी और दोनो हंस दी.
बीना: मुझे लगता है वीरेंदर का कोई ना कोई राज़ तो होगा नहीं तो अभी तक वो शादी कर चुका होता.
राज़ का सुनके ही आशना को डाइयरी का ख़याल आया जो बिहारी काका उसे बता रहे थे.
आशना: चौंकते हुए. आप मुझे हवेली छोड़ दीजिए मैं कुछ पता करने की कोशिश करती हूँ.
एक बार के लिए तो बीना भी चौंकी पर फिर उसने गियर डाला और 10 मिनट्स मे ही आशना को गेट के बाहर ड्रॉप कर दिया.
बीना: कुछ पता लगे तो फोन करना, यह कहकर उसने अपना कार्ड आशना की ओर बढ़ाया.
आशना ने कार्ड अपने हॅंडबॅग मे रखा और डॉक्टर. को बाइ बोला
.डॉक्टर.: बाइ टेक केर आंड प्लीज़ टेक रेस्ट टू. यू नीड इट वेरी बॅड. यह कहकर बीना ने गाड़ी आगे बढ़ा दी.
शाम के 7:30 बज रहे थे , पूरा बंगलो रोशनी से जगमगा रहा था. बाहर से देखने पर कोई नहीं कह सकता था कि इस बंगलो के अंदर रहने वालो पर क्या गुज़री होगी. आस पास का इलाक़ा भी काफ़ी सॉफ सुथरा और शांत था. चारो ओर काफ़ी बड़ी बड़ी बिल्डिंग्स थी. आशना ने इधर उधर देखा तो उसे गेट के पिल्लर पर मरबेल का साइग्नबोर्ड दिखाई दिया. जिसपर सॉफ लिका था "शर्मा निवास" मार्बल के साइन बोर्ड के लेफ्ट साइड मे लगी बेल पे उसने उंगली दबाई और कुछ सेकेंड्स रुकने पर उसे बंगलो का बड़ा सा दरवाज़ा खुलता हुआ दिखाई दिया. बिहारी काका सिर पर टोपी पहने और एक मोटा सा कंबल ओढ़े गेट की तरफ आए. गेट से बंगलो के दरवाज़े तक का सेफर तय करने मे उन्हे एक मिनट से भी ज़्यादा का समय लगा. काफ़ी ज़मीन खरीद रखी थी वीरेंदर के पिता जी ने. इतनी बड़ी ज़मीन के बीचो बीच एक शानदार बंगलो उनकी शानो शोकत को चीख चीख कर बयान कर रह था.
आशना ने अपने ज़िंदगी मे इतना बड़ा बंगलो कभी नहीं देखा था. उसका अपने घर इस बंगलो के आगे तो कुछ भी नहीं था. जिस स्कूल और हॉस्टिल मे वो पढ़ी वो भी इस बंगलो के आगे छोटा था. और फिर स्कूल के बाद वो किराए का फ्लॅट तो उसके घर से भी छोटा था. तभी बिहारी काका ने थोड़ी डोर से आवाज़ लगाई. कॉन है?
आशना ने हड़बड़ाते हुए जवाब दिया "जी काका मे हूँ हम हॉस्पिटल मे मिले थे". बिहारी ने एक नज़र उसपर डाली और फिर दौड़कर गेट खोला.
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