भैया का ख़याल मैं रखूँगी
फ्रेंड्स मैं डॉली शर्मा इस साइट की नई यूज़र हूँ मुझे इस साइट की कहानियाँ बहुत अच्छी लगती है क्योंकि यहाँ सारी कहानियाँ हिन्दी में ही है . जो हिन्दी नही पढ़ सकते उनकी तो एक मजबूरी होती है वरना जो मज़ा हिन्दी मे पढ़ने मे आता है उतना रोमन स्क्रिप्ट मे नही . चलिए ये सब तो अपने अपने विचारों की बात है . आज से मैं एक कहानी शुरू करने जा रही हूँ . वैसे तो ये कहानी काफ़ी पुरानी है इसे त्रिवेणी विजय ने काफ़ी समय पहले रोमन स्क्रिप्ट में लिखा था
यह कहानी एक भाई -बेहन की है. सो जो लोग डॉन'ट लाइक इन्सेस्ट, प्लीज़ डॉन'ट गो थ्रू. मगर एक गुज़ारिश यह भी है कि एक नज़र ज़रूर डालिएगा इस स्टोरी पर. अब आप पर निर्भर करता है कि आप इसे पढ़ें और सराहें या किनारा कर लें.
तो आइए मेरे साथ सफ़र शुरू करते हैं एक अनोखी कहानी का जिसमे एक बेहन कैसे अपने भाई को अपना सब कुछ सौंपने पर जी-जान लगा देती है. उसकी हर तमन्ना को अपनी तमन्ना बना कर कैसे वो उसके साथ ज़िंदगी के उतार और चढ़ाव को पार करती है. आइए पढ़ते हैं कि वो इस रिश्ते को अंजाम तक पहुँचा सकती है या नहीं. बी इन टच..................
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कहानी के पात्र:
1. आशना, 20 यियर्ज़ ओल्ड, 5फीट 6" {आक्युपेशन- एयिर्हसटेस्स}
2. वीरेंदर, 33 यियर्ज़ ओल्ड, 5 फीट 11" {आक्युपेशन- सक्सेस्फुल बिज़्नेसमॅन}
कहानी मैं काफ़ी कॅरेक्टर्स ऐसे हैं जो वक्त आने पर अपनी छाप छोड़ेंगे बट मेन करेक्टर्स आशना और वीरेंदर के ही रहेंगे. तो आइए शुरू करते हैं..........
काफ़ी लंबी कहानी है, धीरज रखेेयगा.
पिछले दस दिनों से बदहाल ज़िंदगी मे फिर से एक किरण आ गई थी. वीरेंदर को होश आ चुका था, उसे आइसीयू से कॅबिन वॉर्ड मे शिफ्ट करने की तैयारियाँ शुरू हो गई थी, आशना की खुशी का ठिकाना ना था, वो जल्द से जल्द वीरेंदर से मिलना चाहती थी, उसे होश मे देखना चाहती थी. उसकी दुआ ने असर दिखाया था. वो उससे मिलके उसे अपनी नाराज़गी बताना चाहती थी. वो पूछना चाहती थी कि ज़िंदगी के इतने ख़तरनाक मोड़ पर आने के बावजूद उसे वीरेंदर ने कुछ बताया क्यूँ नहीं. वो जानना चाहती थी उसकी इस हालत के पीछे के हालात. बहुत कुछ जानना था उसको पर सबसे पहले वो वीरेंदर से मिलना चाहती थी. बस कुछ ही पलों बाद वो उससे मिल सकेगी, अपने भाई को 12 साल बाद देख सकेगी.
वीरेंदर की ज़िंदगी इस नाज़ुक मोड़ पर कैसे पहुँची और दो भाई बेहन 12 सालों से मिले क्यूँ नहीं, जानने के लिए पढ़ते रहे...........................
भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete
- Dolly sharma
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भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- mastram
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
थॅंक्स डॉली नई कहानी के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ
मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
Read my stories
भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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- rangila
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
हाई सेक्सी कहानी बहुत अच्छी चलेगी
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
Apni story likha karo dusaro ki copy ku karte ho
Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी
.mastram wrote:थॅंक्स डॉली नई कहानी के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ
मैं भी मुबारकवाद देता हूँ। कहानी में मज़ा आयेगा।
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.rangila wrote:हाई सेक्सी कहानी बहुत अच्छी चलेगी
मैं भी इस कहानी को हिन्दी में लिखने के लिये धन्यवाद देता हूँ।
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.deen10 wrote:Apni story likha karo dusaro ki copy ku karte ho
ये एक बेकार सा सवाल है, किसी के काम में बेवजह दखलअंदाजी है। आपको किसी से भी ऐसा सवाल नहीं करने चाहिये, इससे किसी को भी चोट पहुँच सकती है, ऐसा मेरा मानना है, आगे आपकी मर्जी।.
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डाली जी,
कहानी को चालू रखिये। हिन्दी में पढ़ने का मजा ही कुछ और होता है।
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