एक आहट जिंदगी की complete

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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

Post by Ankit »

mastram wrote:
Ankitshrivastava wrote:
Jaunpur wrote:.
Friend,
I started reading your story.

When you accept in advance that this story is written by "bestforu83(तुषार)" although in Roman. I wanted to know that what is the benefit in changing the name of corrector's along with the Name (Title) of the story.

Effort in converting in Hindi font is appreciated.

Thanks for new story in Hindi.

.
.
friend I had read another story by Tushar -In my stepmother and sister - and her character Naziba and Nazia were very good. So I changed character. The thing is to change the story name that has come before the name 2 Stories also
कोई ना भाई कहानी को हिन्दी में भी बदलने के लिए मेहनत तो लगती ही है फिर चाहे आप करेक्टर बदलो या कहानी की थीम बदलो आपकी अपनी मर्ज़ी ......................

प्यार दो प्यार लो
thnx bro
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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

Post by Ankit »


नाजिया का दिल राज की बातें सुन कर मचलने लगा…..नाजिया की कई सहेलियाँ थी…. जो अपने बाय्फ्रेंड के किस्से उसे सुनाया करती थी, कि कैसे उसके बाय्फ्रेंड ने उसे बाहों में भरा कैसे उसे किस की, कहाँ-2 हाथ लगाया….ये सब बातें सुन सुन कर नाजिया का दिल भी मचलने लगता था….पर नाजिया अपने ख़ूसट बाप अंजुम से डरती थी…..और ख़ास्स्तोर पर बदनामी के डर से भी वो लड़को से दूर ही रहती थी…..

नाजिया: जी पता नही ……पर मेरी एक सहेली ने बताया था कि, सहर के हाइवे पर एक बहुत बड़ा नॅशनल पार्क है…..जंगल टाइप है….पर बहुत सारे लोग वहाँ घूमने जाते है…..

राज: तो फिर वहाँ चले…..

नाजिया: जी…..

दोनो थोड़ी देर में ही शहर से बाहर आ चुके थे….रास्ता एक दम वीराना था…..और कुछ आगे जाने पर वो उस जंगल में पहुँच गये…..जैसे ही वो उस जंगल में पहुँचे, तो वहाँ राज को एक बाइक स्टॅंड नज़र आया….उसने नाजिया को नीचे उतरने के लिए कहा….नाजिया नीचे उतरी, और राज बाइक पार्क करने के लिए स्टॅंड में चला गया…..जैसे ही वो बाइक स्टॅंड पर पहुँचा तो उससे वाहा उसका एक क्लास मेट मिल गया…..उसने राज को देखते ही पहचान लिया…उसका नाम रवि था…..

रवि: (राज को पीछे से आवाज़ लगाता है) अर्रे राज तुम यहाँ ?

राज: (घूम कर रवि को देखते हुए) अर्रे रवि तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो ?

रवि: कुछ नही यार, मुझे यहाँ पर पार्किंग का ठेका मिला है…..बस यही अपनी रोज़ी रोटी है. और तू सुना तू यहाँ क्या कर रहा है….

राज: यार मुझे रेलवे में जॉब मिल गयी है….और मेरे पोस्टिंग इसी शहर में है….

रवि: यार ये तो बहुत अच्छी बात है कि तुझे गवर्नमेंट जॉब मिल गये हैं…..और फिर पार्क में घूमने आए हो……

राज: हां यार आज फ्री था….सोचा चलो घूम आउ….

रवि: अकेले हो या कोई और भी साथ में है……

राज: हां यार मेरी फ्रेंड है साथ में….

रवि: ओह्ह हो नौकरी और छोकरी…..यार तुझे ये दोनो बड़ी जल्दी मिल गये…..भाई यहाँ पर घूमना तक तो ठीक है….पर ध्यान रखना यार पार्क में हर समय गार्ड गश्त करते रहते है..यहाँ पर फॅमिलीस आती है….इसलिए यहाँ पर वो बहुत सख्ती बरतते है……

राज: ओह्ह अच्छा….यार फिर तू किस दिन काम आएगा….

रवि: ह्म्म बेटा में तेरी बात समझ गया….चल तू भी क्या याद करेगा…..तू इस पार्किंग के पीछे वाले रास्ते से चले जाना…..यहाँ से और कोई नही जाता….आगे जाकर काफ़ी घना जंगल है. वहाँ पर कोई नही होता….

राज: थॅंक्स यार…..

रवि: इट्स ओके यार दोस्त हो इतना तो तुम्हारे लिए कर ही सकता हूँ….

उसके बाद राज ने बाइक पार्क की, और नाजिया को इशारे से आने के लिए कहा…..फिर वो नाजिया को लेकर रवि के बताए हुए रास्ते पर जाने लगा…..नाजिया उसके पीछे चलते हुए थोड़ा-2 घबरा भी रही थी….वो इस तरह पहली बार किसी लड़के के साथ अकेली थी…वो भी स्कूल बंक करके आई थी….एक और उसके दिल में राज के साथ समय बिताने की लालसा भरी हुई थी, और दूसरी ओर उसे ये डर सता रहा था कि, ये बात उसके घर में किसी को पता ना चल जाए.

दोनो 10 मिनिट तक बिना कुछ बोले चलते रहे……अंदर के तरफ जंगल घना होता जा रहा था….थोड़ी दूर और चलने पर दोनो को एक बेंच दिखाई दी….राज उसके ऊपेर जाकर बैठ गया….नाजिया भी साथ में ही बैठ गयी…..थोड़ी देर दोनो खामोश बैठे रहे….दोनो में से कोई बात नही कर रहा था…..नाजिया इधर उधर देख रही थी…..जैसे अपना ध्यान किसी बात से हटाने की कॉसिश कर रही हो…..पर एक जवान लड़की, जब किसी जवान लड़के के साथ ऐसे सुनसान माहॉल में हो तो, उसके दिल में कुछ-2 होने लगता है……

नाजिया: अब तो आप बता ही सकते हो….

राज: क्या…..?

नाजिया: वो मेरे बारे में क्या कह रहे थे……?

राज: छोड़ो तुम्हे बुरा लगेगा….

नाजिया: नही में बुरा नही मानती…..

राज: देख लो मुझसे बाद में नाराज़ मत होना…..

नाजिया: नही होती…..

राज: वो कह रहे थे कि तुम्हारे वहाँ पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है……

नाजिया: मेरी चरबी और कहाँ……?

राज: अब में तुम्हे कैसे कहूँ….तुम बुरा मान जाओगी…..

नाजिया: में क्यों आपका बुरा मानूँगी….आप ने थोड़े ही ना कुछ कहा….

राज की बात सुन कर नाजिया को कुछ अंदाज़ा तो हो ही गया था…..और उसका दिल धड़क -2 करने लगा था….

”वो तुम्हारी गान्ड पर” राज ने जानबूज कर झेंपने का नाटक करते हुए कहा…

.”क्या “ नाजिया एक दम से चोंक उठी….उसे नही पता था, कि राज ऐसी वर्डिंग यूज़ करेगा…..

”हां वो कह रहे थे कि, तुम्हारी गान्ड पर बहुत चर्बी चढ़ गयी है…”

ये बात सुनते ही, नाजिया का चेहरा लाल सुर्ख हो गया….उसने अपनी नज़ारे झुकाते हुए राज को कहा….”आप को तो ऐसे बोलने में शरम आनी चाहाए…वो तो है हीं कमीने”

राज: देखा मेने कहा था ना, तुम बुरा मान जाओगी. में इसी लिए तुम्हे नही बता रहा था. ठीक है अब में ऐसी बात नही करता……

नाजिया: (थोड़ी देर चुप रहने के बाद) मेने ये नही कहा, कि आप ग़लत बोल रहे हो….पर आप ऐसी वर्डिंग यूज़ तो ना करें…..

राज: अब मुझे जैसी वर्डिंग आती है, वैसे ही बोलूँगा ना….अगर तुम नही सुनना चाहती तो में नही बोलता…..

नाजिया राज की बात सुन कर चुप हो गयी…अपनी गान्ड पर चर्बी चढ़ने का ही सुन कर उसका दिल गुदगुदा उठा था….दिल बार -2 राज के मुँह से अपने बारे में सुनने के लिए गुदगुदा रहा था…..”अच्छा सॉरी…..में ही ग़लत हूँ….” नाजिया ने राज के गुस्से से भरे चेहरे को देखते हुए कहा…..”अच्छा क्या आप की कोई गर्लफ्रेंड है….” नाजिया ने राज की और देखते हुए बड़ी लालसा से पूछा….और धड़कते हुए दिल के साथ उसके जवाब का इंतजार करने लगी…..

राज भी अपने दिमाग़ के घोड़ो को तेज़ी से दौड़ा रहा था, कि वो नाजिया को क्या जवाब दे. ऐसा जवाब जिसे वो मुर्गी खुद ब खुद ही कटने को तैयार हो जाए…..

नाजिया: क्या हुआ, मेने कुछ ग़लत पूछ लिया क्या ?

राज: नही ऐसी बात नही है…..अब तुम्हे क्या बताऊ…..अगर मानो तो है भी और ना मानो तो नही है….

नाजिया: मतलब में कुछ समझी नही….

राज: हां मेरी गर्लफ्रेंड है……पर वो सिर्फ़ मेरी नही है….?

नाजिया: (हैरान होते हुए) ये कैसे हो सकता है…कि आपकी गर्लफ्रेंड किसी और की भी गर्लफ्रेंड हो ?

राज: गर्लफ्रेंड नही वो किसी की पत्नी है…..

नाजिया: क्या आप का चक्कर एक शादी शुदा औरत के साथ है….

राज: हम दोनो के बीच में कोई कमिट्मेंट्स नही थी….और वैसे भी मैं अब उससे नही मिलता….उसे अपने जिस्म की ज़रूरत और मुझे अपने जिस्म की पूरा करने का हम एक दूसरे के लिए ज़रिया भर थे…इससे से ज़यादा कुछ नही…तब में नादान था…..इसलिए में बिना कुछ सोचे समझे इतना आगे बढ़ गया…….

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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

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नाजिया को तो जैसे अपनी सपनो की दुनियाँ मे आग में जलती हुई नज़र आने लगी…..पर राज का जादू नाजिया के सर पर इस क़दर चढ़ा हुआ था कि, वो राज को खोना नही छठी थी…. इसलिए उसने आख़िर कॉसिश करते हुए पूछा….”और अब उससे नही मिलते”

राज: नही……

नाजिया: और कोई गर्लफ्रेंड नही बनाई……

राज: नही….

नाजिया के दिल को राज की ये बात सुन कर थोड़ी तसल्ली हुई….इसका मतलब राज ने नादानी में सेक्स किया था….उसे उस औरत के साथ प्यार व्यार नही था…”अच्छा छोड़ो ये सब बातें….अब आप बताओ कि वो कमीने मेरे बारे में और क्या कह रहे थे…..”
राज ने नाजिया की तरफ देखा, और बोला…..”अर्रे नही बाबा अब नही बोलता में कुछ तुम फिर भड़क जाओगी…..” नाजिया अब राज की चटपटी बातों का मज़ा लेना चाहती थी…..ये उम्र ही होती ऐसी है…

राज: अब में कैसे कहूँ…..वो कह रहे थे कि तुम्हारे ये दोनो पहले से ज़्यादा बड़े हो गये है…..

राज ने अपनी आँखो से नाजिया की शर्ट में क़ैद कसे हुए बूब्स की तरफ इशारा किया….तो नाजिया का चेरा शरम से लाल हो गया…..उसने अपनी नज़रें नीचे झुका ली…..राज थोड़ी देर चुप रहा

…”और बताऊ वो और क्या कह रहे थे…..” नाजिया का दिल धक-2 करने लगा…नज़ाने अब राज उसे क्या बोल दे….साथ ही बुर की धुनकि भी बजने लगी….

.”बताऊ और बताऊ…..” नाजिया ने शरमाते हुए हां में सर हिला दिया….राज को समझते देर ना लगी, कि मुर्गी कटने के लिए बेताब हो रही है…..राज खिसक कर नाजिया के साथ बैठ गया….उसकी जाँघ नाजिया की जाँघो से टकराने लगी….नाजिया के बदन में झूर झूरी सी दौड़ गयी.

राज: पता है वो तुम्हारे बारे में और क्या कह रहे थे…..(थोड़ी देर खामोश रहने के बाद) वो कह रहे थे….कि ज़रूर तुम्हारी झान्टे भी आ गयी होंगी……

ये सुनते ही नाजिया का दिल मानो धड़कना ही भूल गया हो…..साँसे जैसे गले में ही अटक गयी हो….शरम और हया की जैसे कोई सीमा ही ना रही हो….पर अब बेचारी वो क्या बोलती….”राज के मुँह से ऐसे वर्ड सुन कर उसका पूरा जिस्म कांप गया था…उसने अपने आप को भोला दिखाते हुए कहा……”ये क्या होती हैं….”

राज: तुम्हे नही पता झान्टे क्या होती है…..

नाजिया ने ना में सर हिला दिया……

राज: अब में तुम्हे कैसे बताऊ……देखोगी ?

नाजिया का दिल जोरो से धड़कने लगा….राज जान चुका था कि, ये नयी जवान लौंडया भी मस्ती करने के मूड में आ चुकी है….पर नासमझी और नादानी और घर वालो की वजह से घबरा रही है….राज ने बिना नाजिया के जवाब का इंतजार किए बिना खड़ा हुआ, और इधर उधर देखते हुए, अपनी पेंट की ज़िप खोल दी….नाजिया का दिल धड़क-2 कर रहा था…..हाथ पैर काँपने लगे थे….राज ने ज़िप्प खोल कर अपने अंडरवेर के छेद को खोल कर अपने लंड को बाहर निकाल लिया….नाजिया ने सर झुका रखा था…इसलिए वो राज का लंड नही देख पा रही थी…..फिर उसने अपनी कुछ झान्टो को बाहर निकाला….और नाजिया के ठीक पास आकर उसके सामने खड़ा हो गया….

और अपनी काली लंबी झान्टो को हाथ से पकड़ कर दिखाते हुए बोला, “ये देखो इसे कहते है झान्ट…” नाजिया बेचारी नही जानती थी कि, उसके ना कहने पर कि, वो झांट क्या होती है नही जानती….राज अपना लंड निकाल कर उसे दिखा देगा…..जैसे ही नाजिया ने राज की तरफ नज़र उठाई….तो उसकी आँखे फटी की फटी रह गये….उसकी आँखो के सामने राज का साढ़े 8 इंच लंबा और 4 इंच मोटा लंड था….और वो अपने लंड को अपने हाथ से मुट्ठी में भर कर हिलाते हुए बोला…..”ये देखो इसे कहते है लौडा….और ये बाल देख रही हो….इसे कहते है झांट…”

नाजिया: हाए तोबा ये आप क्या कर रहे है…..

नाजिया ने फिर से नज़रें झुका ली….पर जवान लौंडिया 8 इंच के तने हुए लौडे को देख कर उसकी पैंटी के अंदर कुँवारी बुर में धुनकि बजने लगी थी….और बुर की फांके फडफडाने लगी थी…..राज एक बार मुस्कुराया…..और उसने अपने लंड को अंदर कर लिया.. “क्यों अच्छा नही लगा” राज ने फिर से नाजिया के पास बैठते हुए कहा….

.”आप बहुत बेशर्म हो….” नाजिया ने नीचे सर किए हुए शरमाते हुए कहा…..

राज: क्यों क्या हुआ ?

नाजिया: ऐसे भी कोई करता है क्या…..?

राज: तुम ने ही तो कहा था कि, तुम्हें पता नही झांट किसे कहते है…..वैसे एक बात कहूँ बुरा तो नही मनोगी….

नाजिया का मन अब और गुदगुदा देने वाली जवानी के रस से भरपूर बातें सुनने का कर रहा था. “अभी तक मेने आपकी किसी बात का बुरा माना है “

राज नाजिया का जवाब सुन कर मुस्कुरा उठा…..”वैसे तुम्हारे गान्ड पर सच में बहुत माँस चढ़ा है…..बहुत मस्त और मोटी है.”

नाजिया राज के मुँह से ऐसी बात सुन कर एक दम से चोंक गयी….”हाई आप ऐसी बात ना करिए मुझे शरम आती है….में ऐसी बातें नही करती…..”

राज: अच्छा वैसे तुम्हारी मस्त गान्ड देख कर मुझे सपना की याद आ गयी…..

नाजिया: ये सपना कॉन ?

राज: वही जिसके बारे में थोड़ी देर पहले तुम्हे बताया था……क्या मस्त गान्ड थी उसकी बिल्कुल तुम्हारी तरह, बाहर को निकली हुई, जब भी देखता था. दिल करता था….उसकी गान्ड को पकड़ कर मसल दूं…..जब में उसकी मारता था….तो साली की गान्ड से पादने जैसी आवाज़ आने लगती थी….

नाजिया: हाए हाए ये आप क्या बोल रहे है….आप को तो किसी लड़की से बात करना ही नही आता. बहुत गंदा बोलते हो आप…..

राज: अब ये क्या बात हुई….मेने कहा तो था कि, मुझे ऐसे ही बोलना आता है…और मेने सच में आज तक किसी लड़की से बात नही की, जो मुझे पता चलता कि किसी लड़की से कैसे बात करते है….

नाजिया: पर ऐसे भी नही बोलना चाहिए आप को…….

राज: अच्छा एक बात कहूँ मानोगी…..

नाजिया: क्या…..?

राज: पहले बताओ मानो गी….

नाजिया ने हां में सर हिला दिया…..राज का 8 इंच का तन्नाया हुआ मोटा लंड देख कर उसकी बुर की तो पहले से धुनकि बज रही थी…

.”तुम भी मुझे अपनी झान्टे दिखाओ ना” नाजिया के राज की ये बात सुनते ही, एक दम होश उड़ गये….वो बुत सी बनी उसको देखने लगी. “क्या हुआ नाजिया प्लीज़ दिखाओ ना….देखो अगर तुम मुझे अपना दोस्त मानती हो तो प्लीज़ दिखा दो ना…तुमने भी तो मेरी देख ली है…..बोलो तुम मुझे अपना दोस्त नही मानती….मानती हो ना”

नाजिया ने हां में सर हिला दिया….

.”तो फिर दिखाओ ना….”

नाजिया: नही मुझे डर लगता है…..

राज: कैसा डर….

नाजिया: किसी को पता चल गया तो…..?

राज: नही चलता किसी को पता….तुमने मेरी देखी किसी को पता चला….तुमने तो मेरा लंड भी देख लिया है……
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Ankit
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Re: एक आहट जिंदगी की

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नाजिया को समझ नही आ रहा था कि, वो क्या करे और क्या ना करे….एक तरफ राज ने उसे अपना दोस्त कह कर उसके दिल पर एक बड़ा वार किया था….प्यार की पहली मंज़िल दोस्ती होती है. शायद नाजिया के दिमाग़ में यही सब चल रहा था….पर दिमाग़ के एक कोने में डर भी था. “अगर आप ने किसी को बता दिया तो….” नाजिया ने अपना डर जाहिर करते हुए कहा…

राज: अब भला में क्यों बताने लगा…..प्लीज़ दिखा दो ना….अपने दोस्त की इतनी सी भी बात नही मान सकती…चलो मत दिखाओ…..में आगे से तुमसे कुछ नही कहूँगा….

राज ने फिर से उसे इमोशनली ब्लॅकमेन्ल किया…..”पक्का किसी को पता तो नही चलेगा….” राज बेंच से खड़ा हो गया…और इधर उधर देखते हुए बोला…..”मुझ पर भरोसा रखो नही पता चलेगा…..”

नाजिया: अगर इधर कोई आ गया तो ?

राज: (इधर उधर देखते हुए, उसकी नज़र थोड़ी आगे घनी झाड़ियों पर पड़ती है….वो झाड़ियाँ कोई 10 फीट उँची जंगली घास की थी….) तुम उन झाड़ियों के बीच में चली जाओ….वहाँ ऐसे बैठना जैसे पेशाब करते हुए बैठते है…..में तुम्हारे पीछे आता हूँ….

नाजिया बिना कुछ बोले खड़ी हुई, और डरते हुए झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगी….राज वही खड़ा इधर उधर देख कर जायज़ा लेता रहा….तभी उसकी नज़र दूसरी तरफ की झाड़ियों पर लटक रही तिरपाल पर पड़ी….शायद किसी ट्रक के ऊपेर रखे समान को कवर करने वाली तरपाल का फटा हुआ टुकड़ा था….राज ने आगे बढ़ कर उस तिरपाल को उठाया….और उसे लपेट कर इधर उधर देखने लगा.

उसके दोस्त रवि ने बतया था कि इधर कोई नही आता… थोड़ी देर बाद वो भी झाड़ियों की तरफ बढ़ने लगा….झाड़ियाँ बहुत घनी और उँची थी…..राज जगह बनाता हुआ आगे बढ़ा….तभी उसे नाजिया उकड़ू बैठी नज़र आई…..राज को देखते ही उसके फेस का रंग लाल सेब जैसा हो गया….राज उसके पास जाकर खड़ा हुआ, और उसने वहाँ की झाड़ियों को जल्दी से हटा कर थोड़ी जगह बनाई, और उस तिरपाल को बिछा दिया…नाजिया खड़ी होकर ये सब देख रही थी….

आगे क्या होने वाला है, ये सोच-2 कर उसकी बुर में तेज सरसाहट से होने लगी थी….राज तिरपाल पर घुटनो के बल बैठ गया….और नाजिया को पास आने का इशारा क्या…नाजिया धड़कते हुए दिल के साथ सहमी सी राज के पास आ गयी….”पक्का सिर्फ़ देखोगे ना…..प्लीज़ कुछ और मत करना….” उसने राज की और देखते हुआ कहा….

.”हन -2 कुछ नही करूँगा सिर्फ़ देखूँगा… जल्दी करो उतरो अपनी कच्छि…..” नाजिया फिर से बुरी तरह शरमा गयी…उसने अपनी स्कर्ट के अंदर नीचे से हाथ डाले, और अपनी वाइट कलर की चड्डी की इलास्टिक में उंगलियाँ फँसा कर धीरे-2 नीचे सरकाना शुरू कर दिया….

फिर उसने अपनी पैंटी निकाल दी….राज ने उसके हाथ में लटक रही पैंटी को पकड़ कर तिरपाल पर रख दिया….और उसे कमर से पकड़ कर बैठने को कहा….नाजिया सहमी सी डरते हुए नीचे अपने चुतड़ों के बल बैठ गयी….राज ने उसकी टाँगों को उसकी पिंडलयों से पकड़ कर फेला दिया…..और उसकी आँखों में झाँकते हुए बोला….”अब दिखाओ भी……”

नाजिया ने अपने काँपते हुए हाथ से अपनी स्कर्ट को नीचे से पकड़ा और धीरे-2 ऊपेर करने लगी….नाजिया की गोरी चिकनी टाँगे और जाँघ देख कर राज का लंड उसकी पेंट में कुलाँचे भरने लगा.

और अगले ही पल राज का मुँह खुला का खुला रह गया…..नाजिया की कुँवारी गुलाबी बुर देखते ही राज का लंड झटके पे झटके खाने लगा….झांट तो दूर बाल का एक रोया भी नही था…एक दम चिकनी गुलाबी बुर…..दोनो फांके आपस में कसी हुई थी…..राज से रहा नही गया….उसने अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच रख कर फिरा दिया.

.”श्ह्ह्ह्ह उंह ये क्या कर रहे है राज आप…..” नाजिया ने लड़खड़ाती हुई आवाज़ में कहा…और राज का हाथ पकड़ कर हाथ हटाने की कॉसिश करने लगी…..राज ने धीरे-2 उसकी बुर की फांको के बीच अपनी उंगली रगड़ते हुए पूछा……

राज: इस पर तो एक भी बाल नही है…..बोल उस्तरे से सॉफ किया था…..या क्रीम से….

नाजिया को जवानी का ऐसा मज़ा पहली बार मिल रहा था….उसका पूरा बदन कांप रहा था.. उसके हाथ में इतनी ताक़त नही बची थी, कि वो राज का हाथ हटा पाए,…..”आह सीईईईई उईईइ मत करिए अहह” राज ने जैसे ही अपनी उंगली को उसकी बुर की फांको के बीच में दबाया तो उसकी उंगली उसकी बुर के रस टपका रहे छेद पर जा लगी…..नाजिया का पूरा बदन थरथरा उठा.. “बोलो ना कैसे सॉफ की तुमने झांट…”

इस बार राज ने अपनी उंगली को सख्ती से रगड़ा तो नाजिया की बुर पिघल उठी…..”उईईइ माँ सीईईईई क्रीम से…..”

राज: क्यों……

नाजिया: (मस्ती में सिसकते हुए) वो दो दिन बाद मेरे मेनेसी आने वाली थी……इसलिए…..

तभी नाजिया को कुछ सरसराहट सुनाई दी….उसने अपनी आँखे खोल कर देखा, तो राज अपनी पेंट और अंडरवेर उतार रहा था….नाजिया ये देख कर एक दम से घबरा गयी…..”ये ये आप क्या कर रहे है…..सीईईई”

राज: कुछ नही मेरे जान तेरी बुर का उद्घाटन करने की तैयारी कर रहा हूँ……

नाजिया: नही ये ठीक नही प्लीज़ मुझे जाने दो…..

राज: प्लीज़ नाजिया एक बार…….

ये कहते हुए, राज घुटनो के बल नीचे झुक गया….और नाजिया की तमतमा रही लाल बुर की फांको पर अपना मुँह रख दिया….

.जवान लौन्डिया को जैसे ही जवानी का मज़ा मिला वो एक दम से पिघल गयी…..वो पीछे की तरफ लूड़क गयी….उसकी स्कर्ट उसकी कमर पर इकट्ठी हो गयी. “नही ओह्ह्ह्ह ईए आप हाईए सीईईईईईईईईई उंघह” नाजिया जैसी जवान लड़की के लिए ये सब बर्दास्त से बाहर था…..आज तक उसे किसी लड़के ने छुआ तक नही था….और कहाँ आज वो अपनी जवानी के अनमोल खजाने को राज के सामने खोल कर बैठी थी….

नाजिया की आँखे मस्ती में बंद हो चुकी थी…..उसने सिसकते हुए दोनो हाथ से राज के सर को पकड़ लिया….और उसके फेस को पीछे करने की नाकाम कॉसिश करने लगी…नाजिया की बुर में तेज सरसराहट और मस्ती की लहरें दौड़ने लगी…..बुर फक फक करने लगी….आख़िर कार उसने बुर की आग के आगे हथियार डाल दिए…और बुरी तरह काँपते सीसियाते हुए, पीछे की तरफ लेट गयी….नाजिया की कमर अब उसके काबू में नही थी….रह रह कर उसकी कमर झटके खाती, और उसकी गान्ड ऊपेर की और उछल जाती….बुर से रसीला रस बह बह कर बाहर आने लगा..

राज ने नाजिया की बुर को चूस्ते हुए, उसकी शर्ट में क़ैद दोनो कबूतरों को पकड़ लिया, और धीरे-2 मसलने लगा….नाजिया ने एक दम से अपने हाथ राज के हाथों के ऊपेर रख लिए. पर राज नही रुका….उसने नाजिया की शर्ट के बटन एक-2 करके खोलने शुरू कर दिए….

.”सीईईई उमनघह सीईइ मत करईए नाआअ मुझीए कुछ हो रहा है….” नाजिया ने सिसकते हुए राज को हटाने के लिए कहा……और फिर जैसे ही राज ने नाजिया की शर्ट के बटन खोले, राज ने उसकी ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर उठा दिया…..नाजिया की 32 साइज़ की मोटी और कसी हुई चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी….एक दम सख़्त और तनी हुई चुचि पर हाथ लगते ही नाजिया फिर से सिसकारियाँ भरने लगी……

राज ने अपना मुँह नाजिया की बुर से हटाया…..और ऊपेर की ओर आते हुए, नाजिया के राइट साइड के मम्मे को मुँह में भर लिया….और उसके निपल को होंटो और जीभ से चुलबुलाने लगा….. नाजिया का बुरा हाल हो रहा था….नाजिया का पूरा जिस्म आग की तरह तपने लगा था…..राज अपने नीचे कुवारि लौंडिया के एक दम तने हुए मॅमन को देख कर पागल सा हो गया था. वो जितना अपने मुँह में उसकी चुचियों को भर सकता था….उतना भर कर ज़ोर-2 से उसके मम्मों को चूसने लगा…….

राज ने देखा कि, अब नाजिया पूरी तरह से गरम हो चुकी है…..उसने उसकी बुर से मुँह हटाया, और नाजिया की जाँघो के बीच में घुटनो के बल बैठ गया….उसने नाजिया की चिकनी टाँगों को अपने कंधो पर चढ़ाया…..और अपने लंड का मोटा सुपाडा उसकी बुर की फांको के बीच में दो तीन बार रगड़ा….जैसे ही नाजिया को अपनी बुर के छेद पर राज के लंड का गरम सुपाडे के स्पर्श का अहसास हुआ, नाजिया बुरी तरह से मचल उठी…..इससे पहले कि नाजिया कुछ कर पाती……राज ने नाजिया के कंधो को पकड़ कर अपने लंड को ज़ोर से नाजिया की बुर पर दबा दिया….गच की आवाज़ से राज के लंड का मोटा सुपाडा नाजिया की कुँवारी बुर को फाड़ता हुआ अंदर जा घुसा…..

इतना मोटा लंड का मोटा सुपाडा जैसे ही नाजिया की बुर की सील को तोड़ता हुआ अंदर घुसा दर्द के मारे नाजिया एक दम से तड़प उठी….उसकी साँसे अटक गयी….मुँह ऐसे खुल गया…..जैसे उसकी साँस बंद हो गयी हों…..आँखे एक दम से पथरा गयी…..”घच-गच” फिर से दो बार और ये आवाज़ आई, और साथ ही राज का पूरा का पूरा लंड नाजिया की बुर की गहराइयों में उतर गया…”अहह अम्मी ओह” नाजिया एक दम से चिल्ला उठी….

पर अगले ही पल राज ने झुक कर नाजिया के रसीले नाज़ुक गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होंटो को अपने होंटो में भर लिया….और उसके होंटो को अपने दाँतों से हलका सा चबाते हुए, चूसना शुरू कर दिया…..कुँवारी जवान लौंडिया के होन्ट और बुर दोनो का पा कर राज एक दम मस्त हो चुका था….”बस मेरी जान बॅस हो गया…..” राज ने ये कहते हुए, फिर से नाजिया के होंटो को चूसना शुरू कर दिया…..ताकि वो चीख भी ना सके….और फिर अपने मोटे मुन्सल जैसे लंड को अंदर बाहर करने लगा…..नाजिया ने दर्द के मारे राज के कंधो पर अपने नाख़ून गढ़ा दिए…..पर राज को कोई फरक नही पड़ा….वो अपने मुन्सल जैसे लंड को उस कुँवारी कली की बुर में पागलो की तरह पेलने लगा…..

राज ना रुका…..पर नाजिया का दर्द अब धीरे-2 कम होने लगा था….उसकी बुर अब फिर से पानी छोड़ने लगी थी….लंड के सुपाडे की टाइट बुर की दीवारो पर हर रगड़ नाजिया को जन्नत की ओर लेजाने लगी….5 मिनिट बाद ही नाजिया ने मस्ती में आकर सिसकना शुरू कर दिया…और वो भी धीरे-2 अपनी गान्ड को ऊपेर की और उछालने लगी…..ये देख राज ने उसकी टाँगों को अपने कंधो के ऊपेर से उतारा, और अपना लंड बाहर निकाल कर एक झटके में उसे कुतिया की तरह घुटनो पर कर दिया….और फिर पीछे से अपना मुन्सल लंड उसकी बुर में पेल दिया. और फिर क्या था….राज के जबरदस्त झटको से उसका लंड नाजिया की बुर के अंदर बाहर होने लगा.
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jay
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Re: एक आहट जिंदगी की

Post by jay »

nice update
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