चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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तभी कॅबिन के बाहर से एक आवाज़ आई...ये रफ़्तार सिंग की आवाज़ थी...जो मेरे पीछे गेट पर खड़ा हुआ था...

रफ़्तार- मतलब ये कि रफ़्तार अपनी रफ़्तार से यहाँ पहुँच चुका है...

मैं खड़ा हो गया और रफ़्तार के पास पहुँचा...

मैं- तो...अब क्या...

रफ़्तार- अब...अब तेरी फिल्म बनाउन्गा..हाहाहा...

मैं- देखो...ये पोलीस का मॅटर नही है..

रफ़्तार- मुझे तू तो समझ ही मत...चुपचाप खड़ा रह...और डॉक्टर तू...चल मेरे साथ...ज़रा मिलूं तो उस फूल जैसी कमसिन कली से....

रफ़्तार की बात सुन कर मेरा खून खौल गया..पर शांत रहने के अलावा कोई चारा नही था...

रफ़्तार डॉक्टर को लेकर आइसीयू मे चला गया और यहाँ मैने एक कॉल लगा दिया...


थोड़ी देर बाद रफ़्तार आइ सीयू से बाहर आया...

रफ़्तार- तो तेरी मौत उसने ले ली...हाँ...

मैं- मुझे मारने वाला अभी पैदा ही नही हुआ इनस्पेक्टर...

रफ़्तार- अच्छा...सुक्र मना कि लड़की बीच मे आ गई...वरना तेरा तो हो गया था..राम-नाम सत्य...हाहाहा...

मैं(घूरते हुए)- तो क्या अब मैं उसे ले जा सकता हूँ....

रफ़्तार- ले जा...ज़रूर ले जा...ऐसी कोमल कली को हॉस्पिटल मे नही छोड़ना...क्या पता कि रात के अंधेरे मे कोई फूल को कली...

मैं(रफ़्तार की कलर पकड़ कर)- बस इनस्पेक्टर...आगे एक शब्द भी बोला तो...

रफ़्तार- पोलिसेवाले की कलर पर हाथ डाला....अब तेरी ऐसी फिल्म बनाउन्गा ना...तू देख...इस केस मे तेरी गान्ड लगा दूगा...और अभी तो तेरी...

रफ़्तार ने दोनो हाथो से मेरी कलर पकड़ी और मुझे दीवाल से चिपका दिया...

रफ़्तार- आज की रात तेरी बेहन जहाँ भी रहे...तू तो रहेगा मेरे लॉकअप मे...चल...

तभी इनस्पेक्टर आलोक की आवाज़ गर्जि...

आलोक- रफ़्तार...लीव हिम...

रफ़्तार- ओह...तो इसे बुला लिया...हां..साले...

आलोक- सुना नही..छोड़ो उसे...और दफ़ा हो यहाँ से...

रफ़्तार- सर ..उसने पोलीस पर हाथ डाला...और क़ानून के हिसाब से...

आलोक(बीच मे)- मुझे क़ानून मत सिखा...और हा..यहाँ लगे सीसीटीवी कमरे सब सॉफ कर देगे..कि किसने किसको हाथ लगाया और किसने क्या बोला...

सीसीटीवी का नाम सुनते ही रफ़्तार ढीला पड़ गया...और वहाँ से जाने लगा...

रफ़्तार(मुझे घूर कर)- एक दिन तेरी फिल्म ज़रूर बनाउन्गा बच्चे...

मैं- कोसिस कर ले...और हाँ...तेरे लिए एक फिल्म मैं बनाउन्गा...असल मे शुरू भी कर दी...जल्दी ही दिखाउन्गा...

रफतात ने मुझे घूरा और अकड़ के साथ वहाँ से निकल गया...

आलोक- मिस्टर.अंकित...पोलीस फॉरमॅलिटीस होने के बाद आप अपनी बेहन को ले जा सकते है...

मैं- थॅंक यू सर....

और फिर शाम तक हम वही रहे और शाम को एक नर्स के साथ पारूल को घर ले आए....सोनू और सोनम भी मेरे साथ ही रहे और मेरे घर भी आ गये.......

पारूल को मैने अपने बाजू वाले रूम मे ही शिफ्ट करवाया ....ताकि वो मेरे पास ही रहे...

उसके बाद मैने संजू, अकरम को आक्सिडेंट की खबर दे दी....क्योकि ना बताता तो दोनो गुस्सा हो जाते...खास दोस्त जो ठहरे...
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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सोनम ने भी अपनी मोम और कामिनी के घर ये बात बोल दी...रिचा तक भी ये बात पहुँच गई...

फिर क्या था...सब के सब मेरे घर आ धम्के ...पारूल का हाल- चाल पूछा और मुझसे घटना के बारे मे...

सबके आने और उनकी बातें सुन कर मेरा गुससा भी दूर हो गया और माइंड एकदम फ्रेश हो गया...

सबको निपटा कर मैने उन्हे घर रवाना किया...पर सोनम पारूल के पास ही रुक गई...

वैसे रुकना तो अनु, रक्षा और जूही भी चाहती थी...पर मैने उन्हे जाने के लिए मना लिया...

सोनम को भी भेजना चाहा ...पर उसने बोला कि जब मैं उसके डॅड के लिए गोली खाने को तैयार था..तो क्या वो थोड़ी हेल्प भी नही कर सकती...तो मैं चुप रहा और वो मेरे घर रुक गई...

रात हम सबने पारूल के रूम मे ही डिन्नर किया और फिर सब सोने निकल गये...सिर्फ़ मैं और सोनम रह गये...

फिर पारूल के सो जाने के बाद मैने नर्स को भी सोने का बोला और सोनम के साथ अपने रूम मे आ गया...

मैं- आहह..तो सोनम...तुम यहाँ सो जाओ..मैं नीचे सो जाउन्गा...

सोनम- क्यो..मेरे साथ रूम शेयर करने से डर लगता है क्या...

मैं- उऊँ..हा..थोड़ा सा...

सोनम- मैं भूतनि हूँ क्या..???

मैं- नही...तुम तो परी हो...इसलिए...

सोनम- बातें मत बनाओ...कही नही जाना....और इतना ही ज़रूरी है तो मैं जाती हूँ..

मैं- ओह..नही...कोई कही नही जा रहा...आओ बैठो...पर ..

सोनम- पर क्या...

मैं- मुझे ड्रिंक करने का मान गई...बस 2 पेग...

सोनम- ओह...तो लाओ..मैं खुद बना देती हूँ..

मैं- तुम्हारे हाथ से तो ज़्यादा ही नशा हो जायगा...

सोनम(मुस्कुरा कर)- आप भी ...लाइए...पेग बनाती हूँ....

मैं- ओके...बट पहले चेंज तो कर ले...ओह हाँ...तुम क्या पहनोगी...एक काम करो...पारूल की कोई ड्रेस पहन लो..ओके..

सोनम- चेंज बाद मे कर लूगी...पहले ड्रिंक तो करा दूं आपको...

फिर सोनम ने अपने हाथो से पेग बना कर पिलाए...वाकई..आज नशा कुछ ज़्यादा ही हो रहा था.....


मैं(एक पेग ख़त्म कर के)- सोनम..एक बात पुच्छू....

सोनम- ह्म्म..शायद मैं जानती हूँ कि क्या पूछने वाले हो...

मैं- अच्छा...तो बताओ...

सोनम- नही..आप पूछिए....

मैं- ओह...तुम लड़कियों को पता सब होता है...पर पहल लड़के ही करे...हाँ..

सोनम(मुस्कुरा कर)- ये हमारा हक़ है...अब पूछिए भी...

मैं- तुमने मेरे सवाल का जवाब क्यो नही दिया...ना ही हाँ कहा और ना ही ना...

सोनम चुप रही...और दूसरा पेग बना कर मुझे पकड़ा दिया...

मैं- खामोशी कभी कोई जवाब नही होती सोनम...मुझे जवाब चाहिए...बोलो...

सोनम- पता नही...ना मैं कहना नही चाहती थी...और हाँ मैं कह नही सकती थी...

मैं- पर क्यो...कोई मजबूरी...??

सोनम- ऐसा ही समझो...मजबूर हूँ..अपने दिल से...

मैं- तो मैं वो मजबूरी ज़रूर जानना चाहूगा...जो तुम्हारे दिल को हाँ कहने से रोक रही है...

सोनम- नही...आप ना ही जाने तो अच्छा होगा...

मैं- बिल्कुल नही...अच्छा हो या बुरा...मैं जानना चाहूगा...अब बोल भी दो...

सोनम- शायद ये जान कर आप मुझसे नफ़रत करने लगे...

मैं(पेग ख़त्म कर के)- अगर ऐसा सोचती हो तो मैं वादा करता हूँ...कि कुछ भी हो...तुम मेरी नज़रों मे वैसी ही रहोगी...जैसी अभी हो...ओके..

सोनम- क्या...मतलब आप मानेगे नही...

मैं- मानना मेरी फ़ितरत नही...

फिर सोनम ने मेरे लिए एक और पेग बनाया और मुझे पकड़ा कर नज़रे नीचे झुका ली...

मैं- सोनम...मैं इंतज़ार कर रहा हूँ...

सोनम- मैं आपके लायक नही...

मैं- ये मैं डिसाइड करूगा...अभी मुझे वो मजबूरी जाननी है जो तुम्हे हाँ कहने से रोक रही थी...

सोनम- मैं अपनी हवस मे इतनी आँधी हो गई थी की...की..

सोनम कुछ कहते हुए इमोशनल हो गई...उसकी आँखे शायद नम भी हो गई थी. .

मैं- क्या...क्या किया था तुमने...

सोनम- मैने वो किया था जो ज़्यादातर लोग नही करते...मैने हवस की आग बुझाने के लिए अपने ही भाई के साथ....

और इतना बोल कर सोनम रोने लगी...उसको रोता देख कर मैं सोच मे पड़ गया कि अपना पेग ख़त्म करूँ या पहले उसे संभालू...

वो इसलिए क्योकि सोनम की कही बात ने मुझे कोई शॉक नही दिया था....वो मैं पहले से ही जानता था...
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Re: चूतो का समुंदर

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अकिंत तो सागर है सबको समेट लेगा
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Re: चूतो का समुंदर

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सोनम का रोना बढ़ता गया और मुझे आधा पेग पी कर ही उसे संभालना पड़ा....

मैं- सोनम...नही...प्ल्ज़..रोओ मत...कुछ नही हुआ...

सोनम(रोते हुए)- कुछ नही...बहुत कुछ हुआ है...अब मैं तुम्हारे लायक नही रही...

मैं- नही सोनम...ऐसा नही है...मैने तुम्हारी सीरत से प्यार किया...जिश्म से नही...और अगर ऐसा नही होता तो मैं तुम्हे प्रपोज करता ही नही...क्योकि मैं जानता था कि तुम अपने भाई के साथ सेक्स करती हो...

सोनम मुझे आँखे फेड देखने लगी...

मैं- हाँ सोनम...तुम्हे प्रपोज करने के पहले ही मैने तुम्हारी और सोनू की लाइव सेक्स फिल्म देख ली थी...

सोनम को मेरी बात सुनकर ज़ोर का झटका लगा था...जिस बात को कोई नही जानता था..उसे जान कर भी मैने उसे प्रपोज किया....क्यो...शायद सोनम यही सोच रही होगी....

मैं(सोनम के चेहरे को पकड़ कर)- अब ये आँसू मत बहाओ...मुझे तुमसे कोई शिकायत नही....मेरे लिए तुम वैसी ही हो जैसी उस दिन थी..जब मैने तुम्हे प्रपोज किया था...

सोनम- आपको पता था...

मैं- ह्म..(और फिर मैने सोनम को वो बात बताई जब मैने कामिनी के घर सोनू और सोनम को चुदाई करते पकड़ा था...)

सोनम(रोते हुए)- फिर भी आपने मुझे...

मैं- हाँ..फिर भी...आइ लव यू...

ये वर्ड सुनकर तो सोनम खुशी के मारे मेरे गले लग कर रोने लगी...

सोनम के गले लगते ही मेरी बॉडी मे गर्मी का संचार होने लगा...ना चाहते हुए भी सोनम की बॉडी मुझे अपनी तरफ खीचने लगी ..

और मैने सोनम को कस कर अपनी बाहों मे भर लिया...

सोनम के कड़क बूब्स मेरे सीने मे दव कर मेरे लंड मे हलचल मचाने लगे ....और शायद यही हाल सोनम का भी था...उसने भी मुझे अपनी बाहों मे ज़ोर से जकड लिया था...

थोड़ी देर तक हम ऐसे ही चिपके रहे और फिर मैने कंट्रोल कर के सोनम को शांत करवाया और उसे फ्रेश होने को बोला...

सोनम उठी और पारूल के रूम से नाइट ड्रेस लाई और बाथरूम मे घुस गई...और मैं अपना पेग ख़त्म करने लगा......

थोड़ी देर बाद जब सोनम बाथरूम से बाहर निकली तो मेरी आँखे बड़ी हो गई...

वो इस समय एक पतली सी नाइटी मे थी..जो उसकी जाघो तक आ रही थी...शायद पारूल की नाइटी इसे छोटी पड़ गई...

पर इसमे सोनम क़हर ढा रही थी...उसकी चिकनी जाघे....बिना ब्रा के उछलते बूब्स और खुली बाहें मेरा कंट्रोल ख़त्म कर रही थी...

सोनम की इस अदा ने मुझ पर हमला कर दिया और मैने भी अपनी टी-शर्ट निकली और सोनम के पास पहुँच गया...

मैं- सोनम...तुम..तुम तो...उूउउंम्म..

और मेरी बात ख़त्म होने से पहले ही सोनम के रसीले होंठो ने मेरे होंठो को अपनी क़ैद मे कर लिया...

हमारे होंठ मिलते ही हमारा जोश भी बढ़ गया और हम एक दूसरे को ऐसे चूसने लगे जैसे की ये होंठ फिर कभी नही मिलेगे....
सोनम- उउउंम्म..उूउउंम्म...उूउउंम्म....उूुउउंम्म....उउंम्म..

मैं- उउउंम्म...उउउम्म्म्म...उउउंम्म...उउउम्म्म्म...

हमारे जिस्म हमारे किस के साथ-साथ आपस मे किस करने लगे थे...और दोनो के जिस्म गरम होते जा रहे थे...

मैने सोनम को किस करते हुए अपनी बाहों मे उठाया और बेड पर लिटा दिया...

पर हमारा किस अभी भी जारी था....होंठ एक दूसरे के होंठो को छोड़ने तैयार ही नही थे...
आज पता चला कि अगर दो लोगो के बीच प्यार हो तो इमोशन्स जागने मे बिल्कुल वक़्त नही लगता....और इमोशन इस कदर जागते है कि जोश की इंतहा हो जाती है.......

सोनम मेरे नीचे थी और मैं उसके रसीले होंठ चूसने मे मगन था...

सोनम तो इतने जोश मे आ गई कि अपने नाख़ून मेरी नंगी पीठ पर दबा कर मुझे चूसने लगी.....

थोड़ी देर बाद हमने किस ख़त्म किया ....क्योकि हमे सास लेने की सख़्त ज़रूरत थी...

हम दोनो एक दूसरे की आँखो मे देखते हुए लगभग हाफ़ रहे थे...और चेहरे पर एक मादक मुस्कुराहट थी....

मैं- तो अब प्यार आगे बढ़ाए...

मेरी बात सुन कर सोनम ने शर्मा कर अपनी आँखे बंद कर ली और अपने हाथो को उपर कर दिया...जैसे मेरे सामने समर्पण कर रही हो....

मैने भी देर नही की और सोनम की बनियान टाइप नाइटी को उसके बदन से अलग कर दिया...

उसके गोल चमकदार बूब्स मेरे सामने थे...ना छोटे..ज़्यादा बड़े...बिल्कुल फिट...और मेरे मुँह मे पानी लाने को काफ़ी थे...

पर मैने सोनम की पैंटी को अलग कर के काम पूरा किया और नंगी होते ही सोनम उछल कर मेरे सीने से चिपक गई...

मैने सोनम को पलटाया और खुद बेड पर बैठ गया...अब सोनम मेरी गोद मे थी...

सोनम ने मुझे फिर से किस किया और सरक्ति हुई बेड के नीचे बैठ गई...

मैं- अब शरमाना छोड़ो...तुम्हारी बारी....

सोनम मेरी बात समझ गई और मेरे बचे हुए कपड़े निकाल कर मुझे नंगा कर दिया....

मेरा लंड सोनम के सामने आते ही उसकी आँखे चमक गई...उसने नीचे बैठ कर अपने बूब्स के बीच मेरा लंड फसा लिया और टोपे पर किस कर के बूब्स मसल्ने लगी...

मैं- ह्म्म्म..पसंद आ गया ...हां...

सोनम(शरमा गई)-

मैं- अब शरमाना छोड़ो...मुझे बेड पर लड़की के अंदर की रंडी चाहिए...जो हर लड़की के अंदर होती है...ओके...

सोनम- ह्म्म्मन...

मैने सोनम को उठा कर बेड पर लिटाया और खुद उसके बूब्स के बीच लंड डाल कर बैठ गया...

सोनम ने अब कोई देर नही की और बूब्स से लंड को दबा लिया और मैने लंड हिलाना चालू कर दिया...

थोड़ी ही देर बाद मेरा लंड सोनम के मुँह मे जाने लगा ...और सोनम ने भी मुँह खोल के मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया.....

मैं- येस्स...ये हुई ना बात...अब मज़ा आएगा...यीहह...

सोनम- गगूवंम्म...क्क्हूनम्म्म..ख्हूम्म..क्क्हूओनमम्मम..

मैं- वाउ...गुड...येस्स...यीस्स...ईीस्स...

सोनम- क्क्हूम्म..क्क्हूओंम..क्क्हूंम्म...
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