चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

मैं होश मे तब आया जब कोई मेरी कार के ग्लास पर हाथ पीट रहा था...वो मेरा आदमी स था....

स- अंकित...अंकित...गेट अप प्ल्ज़...अंकित...

मैं(गेट खोल कर)- ह्म...आप आ गये....

और मैं स के गले लग कर सिसक पड़ा...

मैं- आज मेरी वजह से...वो..वो दोनो...

स- नही अंकित...इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नही...सब किस्मत का खेल है...

मैं- नहिी...ये सब मेरी वजह से हुआ...उनकी क्या ग़लती...सब मेरी वजह से फसे...

स- न्ह्हीई....सब किस्मत का खेल होता है...कम ऑन...होश मे आओ...बी ब्रेव...कम ऑन..

स ने मुझे झकझोर दिया...और फिर मुझे पानी दिया...

स - अब होश मे आओ...जाओ अंदर...ये वक़्त रोने का नही...मजबूत बनकर हालात का सामना करने का है...गो..

मैं चुपचाप स को देख रहा था...

स- कम ऑन अंकित...तुम बहादुर हो...तुम्हे हर उस सक्श से बदला लेना है जो तुम्हारी जिंदगी को खराब करने का ज़िम्मेदार है..जिसने तुम्हारे परिवार की धज्जियाँ उड़ा दी..जिसने तुम्हे ऐसा बना दिया कि आज तुम प्यार को तरसते रहते हो..गो अंकित...कम ऑन..

मैं- म्म्म...मैं...मैं...


स- भूल मत...तू आकाश का बेटा है...वो इंसान..जिसने सबकी नफ़रत सही पर टूटा नही....टूट कर संभला...और अपना नाम बनाया....हाँ...

मैं अंदर ही अंदर जोश से भरने लगा...

स- तू अलका का बेटा है..अलका का...उस अलका का...जो बुरे से बुरे हालात मे अपना सब्र नही खोती थी...हर मुस्किल का डॅट का मुकाबला करती थी...और अपने परिवार के लिए दुनिया से टकरा सकती थी....समझा...

मैं- ह्म...ह्म...

स- अपने माँ-बाप का नाम मत खराब करना....जाओ..इन मुस्किल हालात मे माइंड उसे करो...इमोशन्स मे मत बहो...डॅट कर सामना करो...और हाँ...मैं तुम्हारे साथ हूँ...आइ ट्रस्ट यू...नाउ गो....गो अंकित..गूओ..

मैं- हाँ..मैं नही टूट सकता...मैं काम ख़त्म कर के ही रहुगा...यस ...थॅंक्स...आप यही रूको...मैं जाता हूँ...और हाँ...मुझे आज शाम तक वो शूटर चाहिए...कैसे लाओगे..ये आप जानते हो...

स- हाँ...मिल जायगा...तुम उन दोनो को देखो...शूटर मुझ पर छोड़ दो...गो...

और फिर स निकल गया और मैं हॉस्पिटल के अंदर पहुँच गया...जहा वसीम और सोनू के साथ सुषमा भी आ गई थी...पर वो रोने मे बिज़ी थी इसलिए मैं कुछ नही बोला...बस बैठ कर वेट करने लगा....

करीब 30 मिनट के बाद डॉक्टर रूम से बाहर आए....

मैं- डॉक्टर..क्या वो दोनो...

डॉक्टर(बीच मे)- लड़की के बारे ने अभी कहना जल्दी होगी...पर...लड़के को आप देख सकते है...

मैं- ओह्ह...वो ठीक है ना...

डॉक- आप...आप अंदर जा सकते है...

मैं डॉक्टर का इस तरह का आन्सर सुन कर हैरान था...मेरे साथ वसीम और बाकी सब भी ...पर कोई कुछ नही बोला...

मैं- आपका मतलब क्या है डॉक्टर...

डॉक्टर- प्ल्ज़...अंदर जाइए....आंड बी ब्रेव...

और डॉक्टर ने मेरे कंधे को थपका कर मुझे अंदर जाने को बोल दिया...

मैं डरा हुआ सा अंदर पहुँचा...एआःा अकरम आँखे खोले लेटा था...मैं जा कर बेड के सिरहाने बैठ गया...

मैं- अकरम....मेरे भाई...तू..तू ठीक है ना....

मुझसे अकरम से कोई रेस्पोन्स नही मिला...

मैं- अकरम..अकरम...ये...ये क्या...न्न्नाहहीी...ये नही हो सकता...नही...आक्रमम्म्मममम.........

जब मैने अकरम को आवाज़ दी तो उसने बोलने के लिए अपना मुँह खोला पर उसके मुँह से एक शब्द भी नही निकल रहा था ....

वो कुछ कहने के लिए मुँह खोल रहा था...पर सिर्फ़ हवा बाहर आ रही थी...ये देख कर मैं बौखला गया और चिल्लाने लगा...

तभी डॉक्टर भी रूम मे आ गया और अकरम को देख कर और मेरी चीख सुन कर वो गेट पर ही खड़ा हो गया...

जैसे ही मैने डॉक्टर को देखा तो मैने लपक कर उसकी गर्दन पकड़ कर उसे दीवाल से भिड़ा दिया.....

मैं- डॉक्टर...ये कैसे हुआ...मैने बोला था ना कि इसे कुछ नही होना चाहिए....

डॉक्टर- म्म्म...मैने तो ..अपना बेस्ट किया....

मैं- बेस्ट...बेस्ट मी फुट...साले..वो नही बोला तो तू भी नही बोल पायगा...समझा...

डॉक्टर- म्म..मेरी बात...

मैं- चुप...चुप साले...मैने तेरी...

अकरम- साले...मार ही देगा...क्या....

अचानक अकरम की आवाज़ मेरे कानो पर पड़ते ही मेरी पकड़ डॉक्टर के गले पर ढीली पड़ गई और मैं डॉक्टर के साथ अकरम को देखने लगा...जो अभी मुस्कुराने की कोसिस कर रहा था. ..

अकरम को ऐसे देख कर मुझे बेहद खुशी हुई पर गुस्सा भी बहुत आया....

मैं- साले...बेन दे टके...तेरी तो...

और मैने लपक कर अकरम की गर्दन पर हाथ बढ़ाए...पर उसकी चोट को देख कर गर्दन पकड़ी नही....

मैं- साले...ये सब क्या था...मेरे साथ ड्रामा...

अकरम- न्नाही...असल मे...पहले...वो..आहह...

मैं- चुप ..चुप...मैं समझ गया...पहले आवाज़ नही निकली..है ना...

अकरम(सिर हिला का हाँ बोला)

मैं- ओह्ह..थॅंक गॉड...अब तू चुप ही रहना...

फिर मैं डॉक्टर की तरफ मुड़ा और उसके हाथ थाम कर उसे सॉरी बोला...

डॉक्टर(मुस्कुरा कर)- कोई बात नही...मैं तुम्हारे इमोशन्स समझ सकता हूँ...ईज़ी बॉय....और हम अकरम...अभी बोलने की ज़रूरत नही....चुपचाप रेस्ट करो...घाव अभी ताज़ा है...सो जस्ट रिलॅक्स....

अकरम ने एक बार फिर से सिर हिला कर हाँ बोला और डॉक्टर बाहर निकल गया....

मैं- साले...मेरी तो जान ही ले ली थी तूने...

अकरम फिर से हल्का सा मुस्कुरा दिया...उसे अभी भी दर्द था...

मैं- अब तू रेस्ट कर...और जल्दी से ठीक हो जा...मैं बाद मे आता हूँ...तेरा बाप भी तुझे देखने मर रहा है...

मैं उठा ही था कि अकरम ने मेरा हाथ पकड़ लिया...मैने घूम कर देखा तो उसकी आँखो मे एक अजीब सी कसक थी...शायद वो पूछ रहा था कि ये सब किसने किया...

मैं- अभी तू रेस्ट कर...ठीक हो जा...सब बताउन्गा फिर...तब तक मैं वीडियो वालो का पता करता हूँ...ओके...रिलॅक्स...मैं आता हूँ...

मैं गेट तक पहुँचा और कुछ सोच कर पलट गया....अकरम हैरानी से मुझे देखने लगा...उसने इसरे से पूछा कि अब क्या...

मैं- अपने डॅड से नॉर्मल बिहेव करना....कुछ अहसास भी नही होने देना कि तू कुछ जानता है....ओके...

और फिर मैं रूम से निकला...तो मेरे सामने वसीम अपनी रोनी सूरत ले कर खड़ा था....

मैं- अच्छा हुआ कि अकरम ठीक है...नही तो आज तेरा जनाज़ा ज़रूर निकलता....जा मिल ले...तुझे बाद मे देखता हूँ.....

वसीम मेरी बात सुनकर सन्न रह गया ..उसे उम्मीद भी नही थी कि मैं उससे ऐसा कुछ कहुगा....

लेकिन वो कुछ नही बोला...चुपचाप अंदर निकल गया.....और मैं सोनू के पास आ गया.....


सोनू- सॉरी यार....

मैं(सोनू को गले लगा कर)- कोई नही...कभी-कभी हालात ऐसे हो जाते है कि हम चाह कर भी कुछ नही कर पाते...जो हुआ वो किस्मत का खेल है...समझा .....सोनम कैसी है...

सोनू- अभी भी होश मे नही आई...पता नही क्या होगा..मेरी वजह से मेरी बेहन...

मैं(बीच मे)- चुप...तेरी कोई ग़लती नही...सब किस्मत की बात है...

सोनू- पर..पर मैने अकरम को...

मैं- नही... तू मजबूर था ....पर मैं जानना चाहूगा कि हुआ क्या था...और सोनम वहाँ कैसे आई...

सोनू(आसू पोछ कर)- ह्म...चल मेरे साथ...सब बताता हूँ....

और फिर मैं सोनू के साथ हॉस्पिटल के बाहर बने गर्दन मे चला गया....

मैं- अब बोल...क्या हुआ था....

सोनू- ह्म्म..आक्च्युयली ये तो तू जानता ही है कि मेरे डॅड अभी उसके कब्ज़े मे है जो मुझसे तुझे मरवाना चाहता था....

मैं- क्या मतलब...तू उस आदमी को नही जानता...

सोनू- नही...वो पहली बार मुझे कल ही मिला...उसके पहले सिर्फ़ रश्मि ही मुझसे कॉंटॅक्ट करती थी...इस आदमी ने सिर्फ़ फ़ोन पर ही बात की...

मैं- तो तूने कल तो उसे देखा होगा ना...

सोनू- नही..वो मास्क पहन के आया था...और आज भी मास्क पहने हुए था...

मैं(मन मे)- बट अकरम ने तो कहा था कि कल उसने अपने बाप को सोनू के साथ होटल के बाहर देखा...तो क्या सोनू झूठ बोल रहा है....??

सोनू- और कल रात उसने घर आ कर मेरी माँ, सोनम और मुझे एक होटल मे मिलने बुलाया...

मैं- एक मिनिट...उसने तेरी माँ को क्यो बुलाया...

सोनू- उसने माँ को अपने साथ मिलने का ऑफर दिया...और बदले मे डॅड की रिहाई का बोला...

मैं- अच्छा...तो क्या करने का बोला उसने...

सोनू- बस यही बोला कि अंकित से नज़दीकियाँ बढ़ाओ...उसे अकरम की फॅमिली से दूर रखो....

मैं- अकरम की फॅमिली से दूर...पर क्यो...

सोनू- नही जानता...उसने बताया नही...बस ऑर्डर दिया....और हमने हाँ बोला..

मैं- ह्म्म..तो तू आज सुबह होटल आया था...वहाँ किस से मिला...???

सोनू- वहाँ वही आदमी था...मास्क पहने हुए...और उसके साथ एक पोलीस वाला था ...

मैं- ह्म्म्म्म ...अच्छा ये बता कि तुझे वहाँ अकरम के डॅड मिले थे क्या....

सोनू- अरे हाँ...जब हम वापिस आ रहे थे तो वो मिल गये थे...वो उस पोलीस वाले की जान-पहचान का था....

मैं- अच्छा...और वो मास्क मॅन...वो कहाँ गया था...

सोनू- वो तो निकल गया था...पर ये बता कि तुझे कैसे पता कि अकरम के डॅड वहाँ थे...हाँ...

मैं- वो सब छोड़...ये बता कि फिर क्या हुआ....

सोनू- फिर क्या...थोड़ी देर बाद मेरे पास कॉल आया कि पार्क मे आ कर मिलो...अपनी बेहन के साथ...हम मजबूर थे...इसलिए चले आए...पर यहाँ आ कर उसने तुम्हे शूट करने का काम दे दिया...

मैं- तो तू मुझे बता सकता था ना...क्यो नही बोला....

सोनू- उसने मौका ही नही दिया...सोनम की आड़ मे मुझे मजबूर कर दिया....

मैं- ह्म्म...कोई नही...बट तूने गोली क्यो मारी..मिस भी कर सकता था ना...

सोनू- मैने वही सोचा था...पर सोनम मेरी जान बचाने मेरे सामने आई और धक्का लगने से गोली सीधा गले को चीर गई....जो गोली गले के साइड से निकालने वाली थी...

मैं- ह्म्म...शायद किस्मत ही खराब थी...पर ये बता कि सोनम को गोली मारी किसने...

सोनू- नही पता...ये साला कौन सा दुश्मन पैदा हो गया है...


मैं- ह्म्म..वो मैं देख लूँगा...तू बस सोनम का ख्याल रख..और हा..अपने घर सोनम के बारे मे कुछ नही बोलना अभी...और अकरम के डॅड को भी समझा देना कि वो भी चुप रहे...मैं नही चाहता कि उसकी फॅमिली परेशान हो...वो जूही को ले कर वैसे ही परेशान है...

सोनू- ह्म्म...समझ गया...

मैं- अब तू हॉस्पिटल के अंदर जा...मैं बाद मे आता हूँ...ओके...

फिर मैं सोनू को अंदर भेज कर वहाँ से निकल गया और सीधा संजू के घर पहुँचा.....

संजू के घर मे जाते ही मेरी नज़र संजू पर पड़ी...वो भी मुझे देखते ही मेरे पास आ गया.....

संजू- भाई...मेरी बात सुन...मैं..

मैं(बीच मे)- मुझे कुछ नही सुनना...जा यहाँ से...

संजू- भाई मेरी बात तो सुन...ये तेरे लिए...

मैं(बीच मे)- बोला ना...शट अप..न्ड गेट लॉस्ट...मुझे तेरी शकल भी नही देखनी...दफ़ा हो जा मेरे सामने से...

इससे पहले की संजू कुछ बोलता...रजनी आंटी हॉल मे आ गई....

रजनी- क्या हुआ बेटा...किसको दफ़ा कर रहा है...

मैं- क..कुछ नही आंटी...आप सूनाओ...कैसी हो...

रजनी- मैं तो ठीक हूँ..सुबह ही तो मिल कर गया था ...अब पूछने लगा...हां..

मैं- अरे..वो तो बस..खैर ...मुझे आपसे कुछ बात करनी थी...(संजू की तरफ देख कर) अकेले मे....

रजनी(हैरानी से)- अकेले मे...ठीक है..चल मेरे रूम मे ..

फिर मैं आंटी के साथ उनके रूम मे निकल गया और संजू मुँह लटका कर उपेर अपने रूम मे निकल गया...रूम मे आते ही मैने गेट लॉक कर दिया...जिससे आंटी सहम गई..

रजनी- बेटा...सब लोग घर मे है...और तू...

मैं(बीच मे)- डोंट वरी...मैं कुछ ग़लत नही करने वाला..मुझे सिर्फ़ बात ही करनी है...

रजनी- ह्म्म...बोलो फिर...क्या बात है...

मैं- असल मे मुझसे आपको कुछ दिखाना था...

रजनी - क्या...

मैं- ये देखो...

फिर मैने जेब से मोबाइल निकाला और रजनी के पास जा कर वीडियो प्ले कर दिया....ये वीडियो उस आदमी और औरत वाला था....

रजनी- ये..ये कहा से मिला तुझे...

मैं- ये सब छोड़ो...बस ये बताओ कि क्या आप इनमे से किसी को जानती है...इस औरत और आदमी को..ह्म्म...

रजनी- हाँ..ये औरत तो सरिता है...पर ये आदमी...कुछ सॉफ नही दिखा...मतलब उसका चेहरा नही दिख रहा...

मैं- ह्म्म...चलो..ये तो पता चला कि औरत कौन है..वैसे मुझे भी उसी पर शक था....

रजनी- पर तुझे ये मिला कहाँ से...

मैं- बाद मे बताउन्गा...अभी दूसरा वीडियो देखो...

फिर मैने वो वीडियो चलाया जिसमे लड़की ने अपने बाप को गोली मारी थी....वीडियो देखते हुए रजनी की आँखे फटी रह गई और उनका मुँह खुल गया...जो उन्होने अपने हाथो से ढक लिया था.....

मैं- तो...आप इसे जानती है...

रजनी(मुझे देख कर)- तुझे ये मिला कहाँ से...

मैं- ये मेरी बात का जवाब नही हुआ आंटी...आप इसे जानती है ना...

रजनी(सिर हिला कर)- ह्म्म..

मैं- ये वही है ना जो मैं सोच रहा हूँ...वही है ना ये...

रजनी- बेटा..मुझे नही पता था कि उसने ऐसा भी किया होगा....

मैं- पर मुझे पता चल चुका है आंटी...वो किसी भी हद तक जा सकती है...अब देखो मैं उसका क्या हाल करता हूँ...

रजनी- तू क्या करेगा अब....कुछ भी कर...पर उससे सम्भल कर रहना....ये सब देख कर मुझे डर लगने लगा है उससे...

मैं- फ़िक्र ना करो आंटी...अब डरने की बारी उसकी है...मेरी नही...

फिर मैने गेट खोला और बाहर जाने लगा...तभी आंटी ने मुझे टोक दिया...

रजनी- बेटा...संभाल कर...

मैं- रिलॅक्स...

और मैं कार ले कर वहाँ से निकल गया....

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zainu98
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Re: चूतो का समुंदर

Post by zainu98 »

good work bhai kahani jaldi pure karo jada lambi nahi karo
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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

Post by shubhs »

जल्द पूरी होगी
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

zainu98 wrote: 04 Jun 2017 06:02 good work bhai kahani jaldi pure karo jada lambi nahi karo
shubhs wrote: 04 Jun 2017 14:20जल्द पूरी होगी
abhi to kafi kahani baki hai dost
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

सरद के घर.........

सरद पार्क से भाग कर सीधा अपने घर पहुँचा ....उसने शूटर को रास्ते मे ड्रॉप कर दिया था....

अपने घर आते ही वो अपने रूम मे क़ैद हो गया...वो बहुत ही परेशान और डरा हुआ लग रहा था....उसका पूरा बदन पसीने से भीग चुका था....

उसकी ऐसी हालत देख कर उसकी बीवी भी परेशान हो गई...उसने सरद से वजह भी पूछना चाही...पर सरद बिना कुछ बोले अपने रूम मे आ गया और अंदर आते ही रूम लॉक कर लिया......

सरद कुछ देर तक लंबी-लंबी साँसे लेता रहा...और कुछ देर बाद उसने एक कॉल लगाया....

( कॉल पर )

सरद- हेलो...हेलो भाई...

"" छोटे...क्या हुआ...तू हाफ़ क्यो रहा है....सब ठीक तो है ना...""

सरद- नही भाई...कुछ भी ठीक नही...कुछ भी...

"" क्या...हुआ क्या..ये तो बता...""

सरद- सब गड़बड़ हो गई भाई...जो सोचा था ...सब चौपट हो गया...

"" क्या मतलब....क्या शूटर ने काम ठीक से नही किया....""

सरद- उसने तो काम किया...शूट कर दिया...पर...

""पर क्या...कही अंकित को....""

सरद(बीच मे)- नही भाई...अंकित ठीक है...उसे कुछ नही हुआ....

""तो तू क्यो परेशान है...वसीम का शूटर मर गया इसलिए...""

सरद- नही भाई...वो नही मरा...

""क्या मतलब नही मरा...एक तरफ तू बोल रहा है कि अंकित सेफ है...और वसीम का शूटर भी नही मरा...और अपने शूटर ने शूट भी किया...आख़िर हुआ क्या...""

सरद- सुनो भाई...पूरी बात बताता हूँ...

""ह्म्म..बोल...""

फिर सरद ने पार्क मे हुई सारी घटना अपने भाई को बता दी..जिसे सुन कर सरद का भाई भी परेशान हो गया...

""क्या...वसीम के बेटे को गोली लगी ...और उस लड़के की बेहन को भी....""

सरद- हाँ भाई...यही तो परेशानी है...वहाँ दो लोग घायल हुए...जिनका हमसे कुछ लेना-देना भी नही था...

""ये तो बुरा हुआ...अच्छा वो दोनो कैसे है...मतलब जिंदा है या....""

सरद- नही पता...मैं वहाँ से भाग आया ...

"" ह्म्म...पर अब तू घर पर मत रुक...निकल जा वहाँ से...""

सरद- हाँ..मैं भी यही सोच रहा हूँ...पर वसीम...उसका क्या...उसके बेटे को गोली लगी है..

""उसको बाद मे देखगे...पहले वहाँ से निकल...पोलीस का लफडा हुआ तो फस सकता है...रहा वसीम...तो उसकी गर्दन मेरे हाथ मे है...डोंट वरी...""

सरद- ठीक है भाई...मैं निकलता हूँ...बाइ...

फिर सरद ने फ़ोन रखा और एक बेग पॅक कर के घर से निकलने लगा...तभी उसकी बीवी ने उसे टोक दिया...

मोहिनी- कहाँ जा रहे है आप....

सरद- जहन्नुम मे ...तुझे क्या...अपना काम कर...

मोहिनी- क्या मतलब मुझे क्या...बीवी हूँ तुम्हारी....

सरद- बीवी...कैसी बीवी...तू क्या है वो तू अच्छी तरह से जानती है..और मेरी बीवी...वो तू नही ..कोई और है...समझी...

फिर सरद कार ले कर निकल गया और मोहिनी बस नम आँखो से उसे जाते हुए देखती रही.......

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अंकित के सीक्रेट हाउस पर.......


संजू के घर से निकल कर मैं सीधा अपने सीक्रेट हाउस पर पहुँचा और जाते ही मैं एक रूम मे पहुँच गया...

मैं- ह्म्म..तू ठीक है ना...

रिया- मैं जियु या मरूं...तुझे क्या...

मैं- मुझे कुछ नही...पर तेरी माँ को ज़रूर कुछ होगा...मर जाएगी वो...

रिया- मेरी माँ इतनी कमजोर नही...वो इतनी आसानी से नही टूटेगी...तू जानता नही मेरी माँ को...

मैं(मुस्कुरा कर)- शायद आज की डेट मे , मैं ही तेरी माँ को अच्छे से जानता हूँ...बॉडी से भी और ब्रेन से भी...

रिया- मुझे तेरी बकवास नही सुननी...जा यहाँ से...

मैं- ठीक है...मैं जाता हूँ...पर ..तू बोर हो रही होगी ना...रुक..एक नया वीडियो देता हूँ...देख ले...शायद पसंद आए...मैं तुझे सेंड करता हूँ...

फिर मैने रिया के मोबाइल मे एक वीडियो सेंड कर के उसे उसका मोबाइल थमा दिया...

मैं- देख ले...शायद तेरी सोच बदल जाए ...मैं बाद मे आता हूँ...फिर बताना...ओके...

और फिर मैं वहाँ से निकल आया....और बाहर बैठ कर इंतज़ार करने लगा....

अचानक मुझे कुछ याद आया और मैने एक कॉल किया.....

मैं- हेलो...मैने इसलिए कॉल किया कि तुम्हे याद दिला दूं...कि वो दिन आ गया है....परसो सुबह तुम्हे मेरे सामने होना है...ओके...

सामने- हाँ...मुझे याद है...

मैं- गुड...अब देखना... ये सर्प्राइज़ उसकी जिंदगी का सबसे बढ़ा सर्प्राइज़ होगा...चलो...मिलते है 2 दिन बाद....बाइ...

फिर थोड़ी देर तक मैने वही रेस्ट किया और फिर रिया के पास पहुँच गया....

रूम मे जाते ही मैने रिया की हालत पर गौर किया...वो रोए जा रही थी...उसका फ़ोन ज़मीन पर पड़ा था...जिससे मैं समझ गया कि वीडियो देखते ही उसने फ़ोन फेक दिया होगा....

मैने एक चेयर उठाई और रिया के सामने रख दी...और फिर रिया के सामने बैठ कर उसका हाथ थाम लिया...

मैं- रिया...प्ल्ज़...

रिया(रोते हुए)- कह दो की ये सब झूठ है...ये...ये वीडियो...ये नकली है...कह दो प्ल्ज़....

मैं- काश...काश मैं ऐसा कह सकता....बट...सच यही है...

रिया(चिल्ला कर)- न्न्नाआहहिईीईई....कह दो कि ये झूठ.....(और रिया रोने लगी)

मैने रिया के हाथ को थामे हुए दूसरे हाथ से उसका सिर सहलाया और उसे चुप करने लगा....

मैं- रिया...ये टाइम रोने का नही है...बल्कि...बल्कि इस टाइम तुम्हे मजबूत होना होगा....तुम ही बताओ...तुम्हारे रोने से आख़िर होगा क्या...क्या सच बदल जायगा...क्या सब ठीक हो जायगा...हां...

रिया(मेरी तरफ देख कर , गुस्से से)- अगर ये सच था तो तुमने मुझे क्यो बताया...क्यो मेरी लाइफ को बर्बाद कर दिया...क्यो...

मैं- नही...मैने तुम्हारी लाइफ को बर्बाद होने से बचाया है...समझी...

रिया(रोते हुए)- वो कैसे...

मैं- पहले तुम चुप हो जाओ...कुछ खा लो...फिर बात करेंगे....

रिया- नही...मुझे अभी बात करनी है...

मैं- नही...पहले तुम उस हालत मे तो आओ जिस हालत मे तुम कुछ समझ पाओगी....अब कोई सवाल नही...तुम रूको...

और फिर मैं वहाँ से उठ कर एक औरत को ले कर वापिस रिया के पास पहुँचा...जिसे देख कर रिया शॉक्ड हो गई...

रिया- आंटी...आप....आप यहाँ...आप जिंदा है...

मैं- हाँ...ये जिंदा है...और अब वो वक़्त आने वाला है जब सारी दुनिया जान जाएगी कि ये जिंदा है...बस थोड़ा टाइम और....

रिया- पर इन्हे ये सब करने की ज़रूरत क्या थी...

मैं- रिया...तुम्हे हर सवाल का जवाब मिल जायगा...पर उसके लिए तुम्हे इंतज़ार करना होगा...अभी तुम कुछ खा लो और कपड़े भी चेंज कर लो...और हाँ..तुम्हारी फ्रेंड को भी ठीक करो...फिर बात करेंगे...

फिर मैं उस औरत को वही छोड़ कर आ गया और बाहर बैठ कर रिया का वेट करने लगा....

मैं बाहर बैठा वेट ही कर रहा था की मुझे सोनू का कॉल आ गया....

( कॉल पर )

सोनू- हेलो अंकित....कहाँ हो तुम...

मैं- बस यही आस-पास...तू बोल ..कोई प्राब्लम ...

सोनू- नही..बस ऐसे ही..मुझे डर लग रहा है...कही सोनम को कुछ...

मैं(बीच मे)- फालतू बकवास मत कर...सोनम को कुछ नही होगा...डॉक्टर अपना काम कर रहे है ना...तू बस उपेर वाले पर भरोशा रख...ओके...

सोनू- ह्म्म...तू कब आएगा...

मैं- जल्दी आउगा...तू ये बता कि अकरम के डॅड को बोल दिया ना...

सोनू- हां..और वो भी यही सोच रहे थे कि घर पर अभी ना बताए...पर वो यहाँ नही है अब...

मैं- नही है मतलब...कहाँ गया....

सोनू- पता नही...पर किसी से बड़े गुस्से मे बात कर के निकल गया....

मैं- ह्म..तू उसे छोड़...अकरम के साथ रहना...और कुछ भी हो...मुझे कॉल कर देना ..बाकी मेरे आदमी पहुँच रहे है...वो संभाल लेगे...डरना मत...ओके..

सोनू- ओके...

फिर मैने कॉल कट की और स को कॉल कर के उसे हॉस्पिटल पर नज़र रखने बोल दिया...तो मुझे पता चला कि वो सब पहले ही पहुँच चुके है...

अब मैं अकरम और सोनम की सुरक्षा से बेफ़िक्र था...अब मुझे इंतज़ार था रिया का....


थोड़े इंतज़ार के बाद मेरे सामने रिया और उसकी सहेली उस औरत के साथ खड़ी हुई थी...

पर मेरा ध्यान तो सिर्फ़ रिया पर ही था...फूल की तरह नाज़ुक थी वो...दिखने मे तो एवरेज लड़की थी...और बिना किसी मेक-अप के खड़ी थी...फिर भी वह खूबसूरत लग रही थी...

वैसे तो मैं लड़की को देख कर गरम हो जाता हूँ पर रिया को देख कर एक अजीब सा अहसास हो रहा था...उसकी मासूम आँखे मेरे दिल मे चुभ रही थी....पता नही क्यो...पर आज रिया मुझे बेहद पसंद आ रही थी....

मुझे यू घूरते हुए देख कर रिया सहम गई ...उसकी आँखो मे एक अंजाना डर पैदा हो गया...और जैसे ही मैं ये बात समझा तो मैं बोल पड़ा...

मैं- डरो मत रिया...तुम यहाँ सेफ हो...अच्छा ये बताओ...खाना खाया....

रिया(सिर हिला कर)- ह्म्म..

फिर मैने उस औरत को रिया की सहेली को ले जाने बोला ...ये सुन कर रिया फिर डर गई...पर मैने उसे अपने सामने बैठा कर फिर से बोला कि वो सेफ है...डरने की कोई बात नही...जब रिया बैठ कर तोड़ा नॉर्मल हुई तो मैने बात सुरू की....

मैं- अब बोलो...जो भी दिल मे हो...बिना डर के बोलो...

रिया- क्या वो वीडियो...(और रिया चुप हो गई )

मैं- ह्म्म...वो रियल है...उस वीडियो मे दिखा हर सक्श और हर घटना ...सब सच है...

रिया- आपको वो कहाँ से मिला...

मैं- आप ..तुम मुझे तुम ही बोलो...ओके..डरो मत...

रिया- ह्म्म..तो बताओ...तुम्हे वो कैसे मिला...

मैं- एक फ्रेंड से...जिसके एक रिलेटिव के पास ये वीडियो था...

रिया- क्या तुम जानते थे कि वीडियो मे कौन है...

मैं- हाँ..ये मुझे आज ही पता चला...वैसे मुझे डाउट तो था...पर आज कन्फर्म हो गया...वीडियो मे तुम्हारी माँ है...रिचा...सही कहा ना...

रिया(उदासी से)- ह्म्म...वही थी...

मैं- देखो रिया...रोना मत...रोने से कुछ नही होगा...ये बताओ कि क्या मरने वाला सक्श तुम्हारा नाना था....

रिया- हाँ...मैने उनको फोटो मे देखा है...घर पर...

मैं- ह्म...तो अब बताओ...क्या कहती हो...

रिया- क्या कहूँ...मुझे कुछ समझ नही आ रहा...जिस माँ को मैं देवी समझती थी...वो ऐसी होगी...कभी नही सोचा था मैने...

मैं- रिया...मैं तुम्हारा दर्द समझता हूँ...पर अभी ऐसा बहुत कुछ है जो जान कर तुम्हे दुख ही होगा...तुम्हारी माँ...वो एक बहुत बड़ी कमीनी औरत है...

रिया(मुझे घूर कर )- क्या मतलब...

मैं- क्या तुम सब सच सुनना चाहती हो...

रिया- हाँ...मैं भी तो सुनू की असल मे मेरी माँ है क्या...

मैं- सोच लो...क्या तुम सुन पाओगी...

रिया- हाँ...जब उनकी ऐसी करतूत देख ही ली..तो और सब भी सुन सकती हूँ....

मैं- ठीक है...पर तुम्हे स्ट्रॉंग बनना होगा...शायद ये सुन कर तुम हर्ट हो जाओ...

रिया- मेरा दिल उनकी तरफ से टूट चुका है...अब फ़र्क नही पड़ता...तुम बताओ...कैसी है मेरी माँ...

मैं- कमीनी + शातिर + ख़ुदग़र्ज़ + रंडी....और भी बहुत कुछ...शॉर्ट मे कहूँ तो वो औरत कहलाने के लायक नही...शी ईज़ आ होर....जो अपना मतलब निकालने के लिए किसी के साथ कुछ भी कर सकती है...उसके लिए सिर्फ़ पैसा और खुद का मक़सद ही इंपॉर्टेन्स रखता है...और कोई नही...तुम भी नही....

रिया- नही...मेरी माँ मेरे लिए बुरी नही है...

मैं- ह्म..अगर ऐसा है तो अच्छा होगा...पर क्या तुम श्योर हो...क्यो ना आजमा के देख लो...

रिया- मैं...पर मैं क्या बोलुगी...नही...ये मुझसे नही होगा...

मैं- ह्म्म..वो मैं बताउन्गा...सवाल ये है कि क्या तुम मेरे साथ हो...

रिया- मैं तुम्हारे साथ...पर किसलिए...और क्यो...आख़िर तुम ये सब क्यो कर रहे हो...तुमने मुझे किडनॅप किया...फिर ये वीडियो दिखाया और अब मेरी माँ के बारे मे ये सब...आख़िर क्यो...

मैं- वो भी बताउन्गा...पर पहले तुम जवाब दो...

रिया- पहले तुम ये साबित करो कि तुमने जो कहा वो सच है....फिर मैं कुछ जवाब दुगी...

मैं- साबित क्या करना...तुमने खुद वीडियो देखा...फिर भी...

रिया- वीडियो मे वो बच्ची है...हो सकता है जो दिख रहा है वो सही ना हो..या ये भी हो सकता है कि कोई अलग वजह हो...वो सब पहले की बात है...पर मैं कैसे मानु कि आज भी मेरी माँ वैसी ही है...जैसी तुम मुझे बता रहे हो...

मैं- ह्म्म..तो मैं अभी साबित कर देता हूँ...तुम्हारी मा मेरे साथ भी कई बार सो चुकी है...रूको ..मैं उसी के मुँह से बुलवाता हूँ...सुनना...


रिया- हॅट...मैं नही मानती...तुम तो अभी...नही..मैं नही मानती...

मैं- अच्छा...तो खुद सुन लो...

और मैं कॉल लगाने लगा पर रिया ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे रोक दिया....

मैं- क्या...??

रिया- व्हतस अबाउट लाइव आक्षन...आइ मीन...मैं खुद देखना चाहती हूँ कि मेरी माँ कितनी गिरी हुई है....

मैं रिया की बात सुन कर हैरान हुआ और फिर उसे देख कर मुस्कुरा दिया......

मैं- ओके...तो रेडी हो जाओ...हम अभी तुम्हारे घर चलते है.....

रिया- एक मिनिट....तुमने मेरे सवाल का जवाब नही दिया....

मैं- अब कौन सा सवाल बचा....

रिया- वही...जो तुमने कहा था कि तुम मेरी लाइफ बर्बाद नही कर रहे...बल्कि बर्बाद होने से बचा रहे हो...कैसे...???

मैं- ह्म्म...तुम मेरे साथ चलो...ये जवाब भी तुम्हे वही मिल जाएगा....

और फिर मैं रिया और उसकी फ्रेंड को ले कर वहाँ से निकल गया......
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