चूतो का समुंदर

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jay
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Re: चूतो का समुंदर

Post by jay »

really hot start plz continue...................
Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


मैं सोच रहा था कि पूनम की चुदाई भी करनी है बट संजीव के होते हुए कैसे कर पाउन्गा….
तभी मुझे 1 आइडिया आया कि क्यो ना मैं पूनम से बात करूँ कि मैं उसकी माँ को चोदना चाहता हूँ….वो मानेगी???....ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है…चलो पहले यही ट्राइ करता हूँ…अगर बात नही बनी तो कुछ ऑर सोचुगा….
बट मुझे मन ही मन लग रहा था कि पूनम तो मेरे लंड की दीवानी है…उसे मनाना ईज़ी होगा…ऑर अगर पूनम ने साथ दिया तो पूनम की मोम के साथ उसके घर की दूसरी गरमा-गरम चूत भी मिल सकती है…चलो देखते है क्या होता है….
ऐसा सोचते हुए मैं नहा लिया ऑर रेडी होकर संजीव के रूम मे टीवी ऑन करके संजीव का वेट करने लगा
तभी अचानक गेट पर नॉक हुई..
मैं- कौन है
तो बाहर से 1 प्यारी सी आवाज़ आई.....क्या मैं अंदर आ सकती हू
मैं- हाँ हाँ क्यो नही...आइए
ये पूनम की आवाज़ थी ……मेरे कहते ही पूनम अंदर आ गई ऑर बोली
पूनम- रेडी हो???
मैं- हाँ…बोलो क्या करना है…
पूनम-(शरमाते हुए)- करना तो है बट अभी….
मैं-अभी क्या
पूनम-(नखरती हुई)-कुछ नही जनाब….नीचे चलिए….डिन्नर रेडी है
मैं-ओके…बट संजीव तो आया नही...डिन्नर रेडी कैसे हो सकता है...चिकन तो वही लाने गया था
पूनम- भाई आ गया है….तभी तो डिन्नर बना…वो नीचे ही है….डॅड से बात कर रहा है
मैं- ओह…अंकल आ गये क्या
पूनम- जी हाँ….अब चलो भी(ऑर पूनम मुझे हाथ से पकड़ कर बेड से उठाने की कोसिस करने लगी)
मैने अपने दूसरे हाथ से पूनम को खीच कर अपनी गोद मे बैठा लिया..

पूनम(डरते हुए)- छोड़ो ना…कोई आ जायगा
मैं-छोड़ने की कीमत चुकानी पड़ती है मेडम(ओर मैने एक सरारती मुस्कान दी)
पूनम-नही अभी नही बाद मे(पूनम डर रही थी कि कही कोई देख ना ले)
मैं-बस एक किस….कुछ नही होगा
पूनम-नही नही…प्लीज़ मान जाओ ना
मैं-बोला ना एक किस
और इतना बोलकर मैने अपने होंठो को आगे ले जाकर पूनम के होंठो पर रख दिया
पूनम-उूउउम्म्म्मम…..एम्म्म(डर के मारे पूनम के चेहरे से पसीना आने लगा)
मैने मौके की नज़ाकत को समझते हुए पूनम को छोटा सा किस कर के छोड़ दिया…मेरे किस ख़तम करते ही पूनम सकपका कर मेरी गोद से निकल गई ऑर बोली
पूनम(तेज साँसे लेते हुए)-आप मरवा डालोगे भाई
मैं-अरे नही मेरी जान …मैं ऐसा कर सकता हूँ क्या..??
पूनम-तो ये क्या है….कोई आ जाता तो(थोड़ा गुस्से मे)
मैं-ओके…सॉरी…कुछ हुआ तो नही ना
पूनम(नॉर्मल होते हुए)-अब मन की कर ली हो तो डिन्नर के लिए चलेगे जनाब
मैं-(मुस्कुराते हुए)-हाँ चलिए…फिर स्वीट डिश भी खानी है…(इतना कह करके मैने पूनम की गंद को कपड़ो के उपर से दवा दिया
पूनम-आअहह….हाँ मुझे भी खानी है(ऑर मुस्कुराने लगी)


इसके बाद मैं पूनम के साथ नीचे डाइनिंग टेबल पर आ गया …बाकी से लोग वहाँ पहले से ही आ चुके थे
मेरे पहुचते ही..अंकल बोले
(मैं यहाँ संजीव के डॅड को अंकल 1 ऑर संजीव के अंकल को अंकल 2 लिख रहा हूँ)
अंकल 1-अरे आओ बेटा बैठो-बैठो
मैं-हेलो अंकल…आप लोग कब आए
तो संजीव के अंकल बोले
अंकल2- बस बेटा थोड़ी देर पहले…कैसे हो तुम
मैं-बस अंकल…एकदम मस्त
अंकल 1-बैठो बेटा पहले खाना…बाते बाद मे

इतना बोल कर अंकल 1 ने मुझे बैठने का इशारा किया 1 चेर की तरफ…
मैं चेर पर बैठ गया

(हम ने खाना ख़त्म किया ओर वही हॉल मे टीवी देखने लगे …हम सब बच्चे हॉल मे नीचे ही बैठे हुए थे…. …संजीव ओर अनु मेरे आगे की तरफ थे ऑर पूनम ऑर रक्षा मेरे आजू बाजू थी…..ऑर हम दीवाल से टिक कर बैठे हुए थे…संजीव मेरे पैर से टिका हुआ था…मैने 1 पैर मोड़ कर ऑर दूसरा सीधा रखा हुआ था…मेरे लेफ्ट साइड रक्षा थी ऑर रक्षा के पैरो से टिक कर अनु लेटी हुई थी…मेरे राइट साइड पूनम थी बट वो सबके सामने मुझसे थोड़ी दूर ही थी….ऐसे ही मस्ती मैं हम सब टीवी देखते हुए गपसप कर रहे थे कि अचानक लाइट चली गई….
हॉल मे आधेरा छा गया…
अंकल1 – कोई टॉर्च .या कॅंडल तो लाओ
आंटी1- अरे अधेरे मे कौन जाय…आप टेन्षन मत लो लाइट आती ही होगी 10 मिनट मे…आज पड़ोसन ने बताया था कि रात मे 10 मिनट के लिए लाइट जानी है..
अंकल 1- ओह हाँ…मैं भूल गया…चलो कोई नही…10 मिनट अधेरे मे ही काट लो बच्चो(ऑर अंकल1 हँसने लगे…साथ मे सब भी हंस दिए)

मैं अंधेरे मे दीवाल से टिका हुआ सोचने लगा कि अब मुझे आगे क्या करना है कि आंटी हाथ मे आ जाय तभी अचानक मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरी कॅप्री के उपर से मेरा लंड टच किया हो…मैने सोचा शायद किसी का हाथ लग गया होगा अंधेरे मे…ऑर मैं ये भूलकर अपने प्लान के बारे मे सोचने लगा….अचानक…फिर से मेरे लंड पर हरकत हुई ..ऑर इस बार सिर्फ़ टच ही नही हुआ …बल्कि कोई हाथ से मेरा लंड सहला रहा था…मैं कंफ्यूज था…लेकिन हाथ रुका नही ऑर मेरा लंड मसलता रहा ….मैने सोचा ये पूनम होगी…साली मरवा ना दे…लाइट आने से पहले इसे हटाना होगा…
मैं थोड़ा आगे आया ओर उस हाथ को पकड़ लिया…तो उस हाथ वाले ने अपना हाथ झटके से दूर कर लिया…)

मैने सोचा शायद पूनम थी…मान गई साली…वरना फस जाते…ऑर ये सोच कर मैं दीवाल से फिर से टिक गया….1 मिनट बाद ही लाइट आ गई..ऑर सब चाहक उठे…मैने राइट साइड मे नज़रे पूनम की तरफ की..तो पूनम मुझे देखकर शर्मीली मुस्कान देने लगी…मैने सोचा यही थी …ऑर मैने आँखे दिखा दी पूनम को...तो उसने मुँह बना लिया ऑर चली गई)
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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थोड़ी देर बाद हम अपने रूम्स मे सोने के लिए चले गये….....

मैं ओर संजीव रूम मे जाते ही टीवी ऑन करके ….अपने प्लान की बात करने लगे

बैठने के साथ ही संजीव बोला
संजीव-भाई घर मे तो एंट्री हो गई तेरी..अब आगे क्या???
मैं-भाई सोचने तो दे…मैं क्या जादूँगार हूँ जो जादू से मना लूँ तेरी माँ को..
संजीव –भाई गुस्सा मत कर...मैं बस पूछ रहा था ...करना क्या है..*??
मैं-रुक थोड़ा ...सोचने दे
(हम दोनो थोड़ी देर खामोश रहे ओर सोचते रहे...संजीव बोला)
संजीव-भाई 1 आइडिया है
मैं-क्या
संजीव- भाई मोम को परसो अपनी फ्रेंड के घर शादी मे जाना है...पास वाले गाओं मे
मैं-तो मैं करू
संजीव-सुन तो सही
मैं –हाँ बोल
संजीव-मोम ने डॅड से कहा था बट डॅड नही जा पाएगे काम की वजह से…
मैं-(संजीव की बात आधे मे ही काट कर बोला)-भाई ये मुझे क्यो बता रहा है…मॅटर क्या है ऑर तू क्या बात कर रहा है
संजीव – भाई सुन तो सही पूरी बात
मैं-अच्छा सुना फिर
संजीव-डॅड ने मुझसे कहा कि मैं मोम के साथ जाउ …..
मैं-हाँ तो
संजीव-भाई मैं सोच रहा हूँ कि मैं अपनी जगह तुझे भेज दूं
मैं- उससे क्या फ़ायदा होगा
संजीव-यार तू ऑर मोम 2 दिन साथ रहोगे ऑर वहाँ अकेले पूरी रात ऑर बापसी मे भी अकेले….इतने टाइम मे तू पटा ले
मैं(ज़ोर से हँसते हुए)-साले अकेले होने का मतलब क्या…रेप कर लूँ..भाई उन्हे मन से तैयार करना है….वो कैसे मान जाएँगी इतनी जल्दी
संजीव(थोड़ा सोचते हुए)-भाई अकेले मे सिड्यूस तो कर सकता है ना
मैं- ठीक है…ट्राइ करने मे क्या हर्ज़ है…अच्छा ये बता ये कौन सी फरन्ड है तेरी मोम की ..गाओं की है क्या????
संजीव-मोम की फरन्ड यही रहती है बट वो शादी अपने गाओं से कर रहे है…वो बहुत घमंडी ऑर पैसे वाली है ऑर मोम को सुनाती रहती है कि तू सहर मे रह कर भी गाओं की लगती है…
मैं(संजीव को रोकते हुए)-रुक….ये बता तेरी मोम सुन कर रह जाती है….कुछ नही कहती
संजीव- भाई मोम भी मॉर्डन बन कर रहना चाहती है बट डॅड की वजह से नही रह पाती…उन्हे बहुत शर्मिंदगी होती है अपनी फरन्ड के सामने
मैं-तुझे कैसे पता…तुझसे बोला क्या तेरी मोम ने
संजीव- नही भाई एक बार मैने सुना था ..मोम आंटी से बोल रही थी…जब उनकी फरन्ड उन्हे सुना कर चली गई थी..
मैं-क्या सुना तूने
संजीव-वो बोल रही थी कि मैं भी उस रंडी से ज़्यादा मॉर्डन बनकर रह सकती हू लेकिन संजू के पापा को अच्छा नही लगता इसलिए साड़ी ही पहनती हू....मैं भी मॉर्डन ड्रेस पहन कर घूम सकती हूँ ऑर उससे ज़्यादा हॉट भी लगुगी.......अब देखना उसके घर शादी मे वो फिर से सुनाएगी ऑर मैं कुछ नही कर पाउन्गी...ऑर वो रोने लगी

मैं(कुछ सोचने के बाद)- आ गया आ गया
संजीव- क्या भाई क्या..??
मैं(खुशी से)-भाई आइडिया आ गया….
संजीव- बातायगा भी अब
मैं-देख तेरी माँ जैसा चाहती है मैं उन्हे वैसा बना कर ही शादी मे ले जाउन्गा
संजीव-छोड़ ना वो नही हो सकता
मैं-ये मुझ पर छोड़ दे
संजीव-चल मान लिया कि वो मान जायगी...लेकिन भाई बात तो उनकी चुदाई की है ना...वो कैसे करेगा
मैं(सोच कर)-भाई ये मैं प्लान पूरा होने पर बताउन्गा...अब तू देखता जा...अगर प्लान वर्क कर गया तो परसो शादी तेरी मोम की फ्रेंड के घर होगी ओर वही मैं तेरी मोम के साथ सुहागरात मनाउन्गा....(ऑर मन ही मन मैं खुश होने लगा)
संजीव- ठीक है भाई जो करना है कर बस मोम की चूत दिला देना
मैं – तू टेन्षन ना ले….मैं हूँ ना…अब सो जा

(इसके बाद संजीव ने टीवी ऑफ की ऑर रूम की लाइट भी ऑफ कर दी क्योकि हम दोनो को अंधेरे मे सोने की आदत थी....ऑर हम बेड पर लेट गये...बेड पर लेट ते ही...मेरा सेल बजने लगा…मेसेज आया था)


मैने देखा तो मेसेज पूनम का था
पूनम(मेसेज मे)- क्या हो रहा है

संजीव बोला कौन है भाई…मैने बोल दिया कि मेरी रेणु दी है ओर संजीव ओके बोल कर दूसरी तरफ मुँह करके सोने लगा…मैं पूनम से मेसेज से चॅट करने लगा
(मसेज से चॅट)
मैं- कुछ नही बस लेटा हुआ हूँ …तुम बताओ
पूनम-लेट गये ऑर मेरा क्या
मैं-तुम्हारा….मैं क्या बताऊ(बनते हुए)
पूनम-तो आप नही जानते कि मैं क्या बोल रही हूँ
मैं(अंजान बनते हुए)-नही तो
पूनम (गुस्से से)-तो सो जाओ गुड नाइट
मैं-अरे जान गुस्सा मत हो….बोलो क्या करना है….
पूनम-गुस्सा नही तो क्या करूँ….मेरी चूत मे आग लगा दी ओर अब सोने वालो हो
मैं-मैने कहाँ आग लगाई
पूनम-मेरे घर मे हो मेरे ही रूम के बगल मे हो…ऑर मेरी चूत बिना गरम हुए रह जायगी क्या..???
मैं-ओके जान गुस्सा छोड़ो ये बताओ कि होगा कैसे
पूनम-मैं क्या कहूँ
मैं-ओके मैं संजीव के सोने के बाद तुम्हारे रूम मे आता हूँ
पूनम-नही अभी नही जब मैं मेसेज करू तब आना
मैं-क्यो क्या हुआ
पूनम-अरे वो रक्षा मेरे साथ है पढ़ाई कर रही है….उसके जाते ही मैं मेसेज कर दुगी…
मैं ओके…आइ म वेटिंग…

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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इसके बाद मैने सेल रख दिया …ऑर लेट गया …लेटने के बाद पता ही नही चला कि कब मेरी आँख लग गई…शायद आज सुबह की दमदार चुदाई ऑर मस्त चिकन खाने से बॉडी रेस्ट माँग रही थी….मैं कब सो गया मुझे पता ही नही चला….

रात को मुझे लगा कि मेरे लंड पर हरकत हो रही है…पहले मैने सोचा की सपना देख रहा हूँ….लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी कॅप्री ऑर अंडरवर नीचे को सरका दी किसी ने…तब मुझे पता चला कि ये हक़ीक़त मे हो रहा है

मैने सकपका कर आँखे खोल दी…जब तक उस इंसान ने मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहलाना सुरू कर दिया था….
अब मैं समझा कि मैं सो गया था तो पूनम ही आ गई है ….लेकिन साली ये क्यो भूल गई कि मेरे साथ उसका भाई सोया हुआ है….फिर मैने सोचा कि संजीव की नीद तो ऐसी है कि नगाड़े भी बजाओ तब भी मुस्किल से खुलती है….शायद पूनम भी जानती है…तभी आ गई साली….मैं सोच रहा था ऑर वो मेरे लंड को सहला के बड़ा कर रही थी …5 मिनट मे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया…फिर भी वो हाथ से ही मेरी मूठ मारे जा रही थी….
मैने धीरे से बोला—अब क्या हाथ से ही निकालोगी मुँह मे लेकर चूसो ना
वो-सस्शह

मुझे अंधेरे मे दिख तो नही रहा था…मैने सोचा कि उसे डर है कि संजीव जान ना जाय…चलो कोई नही लेने दो मज़े….मुँह मे भी ले लेगी…ऑर यही सोच कर मैं लेट गया ऑर वो मेरे लंड को मूठ मारती रही…जब अगले 5 मिनट के बाद भी लंड उसने मुँह मे नही लिया तो मेरे सबर का बाँध टूट गया ऑर मैं थोड़ा तेज ओर गुस्से मे बोला

मैं-साली करना क्या चाहती है …ऐसे ही झाड़ा देगी क्या मुँह मे ले...
वो-सस्शह....
मैं-अरे नखरे कर रही है जैसे पहली बार कर रही हो...मुँह मे ले कर चूस जैसे चूस्ति है....साली वैसे तो मेरा लंड रस पिए बिना तेरा पेट नही भरता...आज क्यो नखरे कर रही है...

वो फिर भी लंड को हिलाती रही....लेकिन मुँह मे नही लिया

मैं-तेरी माँ को चोदु….लेती है मुँह मे कि नही....

वो फिर भी लंड हाथ मे लिए रही ...हाँ हिलाना बंद कर दिया

मैं-(गुस्से मे)-साली आज मुँह मे नही लिया तो आज के बाद मेरे पास मत आना रंडी…

मैने ऐसा बोलते हुए उसका हाथ लंड से हटाना चाहा पर उसने हाथ झटक दिया ऑर धीरे-2 लंड के टोपे को जीभ से चाट ने लगी
मैं-अब आई ना लाइन पर अब मुँह मे पूरा भरकर चूस जैसे हमेशा चूस्ति है…कुतिया की तरह
वो धीरे-2 लंड को मुँह मे भर रही थी…लेकिन अभी तक ¼ हिस्सा ही उसके मुँह मे था
मैने फ्र्स्टेशन मे उठकर उसके सिर को दोनो हाथो से पकड़ कर लंड पर दवा दिया…ऑर स्ल्लूउप करते हुए पूरा लंड उसके मुँह मे चला गया….वो झटपटाने लगी लेकिन मैं गुस्से मे था तो मैने उसको छोड़ा नही बल्कि उसके सिर को ज़ोर से दवाए रखा ओर बोला
मैं-चल रंडी नखरे बंद कर चूस इसे

लेकिन वो अभी भी लंड को बाहर करने की कोसिस कर रही थी ऑर मेरा गुस्सा बढ़ रहा था…
मैने गुस्से से उसका सिर ऑर ज़ोर से पकड़ा ऑर सिर को अपने लंड पर उपर-नीचे करने लगा ओर बोलने लगा

मैं(गुस्से मे)- ले साली …तू नही मानेगी ना…अब देख मैं क्या करता हूँ
ओर इतना बोल कर मैं उसके सिर को तेज़ी से उपेर-नीचे करने लगा…

अंधेरे मे कुछ दिख तो नही रहा था बट शायद सीन कुछ ऐसा रहा होगा...




करीब 5 मिनट तक मैने ऐसे ही करता रहा
ओर वो झटपटाती हुई आवाज़े निकालती रही
वोकहू…ऊओंम्म्म…..उूउउम्म्म्मम….कक्खहूनन्न…..कककखहूओन्न

मैने उसकी एक ना सुनी ऑर उसके सिर को उपर नीचे करता रहा ..जब मैं झड़ने वाला था तो बोला

मैं-ये ले भर ले तेरा पेट…पी जा कुतिया ...पूरा पी जा..

ओर ये कहते हुए मैं उसके मुँह मे झाड़ गया...ऑर जब तक पूरा लंड रस उसके मुँह मे नही निकल उसका सिर छोड़ा नही
जब मैं खाली हो गया तो मैने उसके सिर को छोड़ दिया ऑर वो झटके के साथ पीछे होकर…कराहने लगी

वो-खो…खूओंन्न…कक्खहूओ…आआहह…कक्ख़्हूओ…कक्ख़्हूओ

मैं-देखा मुझसे पंगा लेने का अंजाम….सराफ़त से मान जाती तो अच्छा होता ना….अब कभी भी पंगा नही लेना मुझसे ..समझी
वो-खो…खूओंन्न्न…(लेकिन कुछ बोली नही)

मैं-अब रुक तेरी गांद मारता हू…ऑर मैं बेड से उठने लगा …लेकिन उसके पहले ही वो उठके भाग गई ऑर मुझे सिर्फ़ गेट खुलने ओर बंद होने की आवाज़ आई

मैं(मन मे)-साली को हो क्या गया…आज कितने नाटक कर रही है साली….वैसे तो मर रही थी चुदवाने के लिए…..शायद गुस्सा हो गई?????
हां….जाने दो आ जायगी थोड़ी देर मे ….चूत खोलकर….जायगी कहाँ
ये सोचते हुए मैं बाथरूम गया ऑर बापिस आकर फिर से लेट गया..इस इंतज़ार मे कि वो आयगी…सोचा कि मेसेज कर दूं…फिर सोचा कि नही…खुद ही आयगी कुतिया

ऑर सोचते हुए कब मैं सो गया पता ही नही चला…….
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