चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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पर सबसे ख़ास बात थी कि आज मेघा आंटी मुझे चोर नज़रो से देख रही थी....

मुझे मेघा का यू देखना अच्छा लगा...और मन मे मेघा के लिए अरमान फिर से जाग गये...पर अभी मेरा टारगेट रजनी आंटी थी...इसलिए मैने मेघा पर कोई ख़ास ध्यान देना सही नही समझा...

नाश्ता कर के सब लोग निकल गये...अंकल लोग शॉप पर और आंटी लोग घर के काम पर...

अनु मुँह बना कर अपने रूम मे निकल गई और पूनम भी...अब सिर्फ़ मैं और रक्षा बाकी थे....

मैं जब तक कॉफी पीने लगा...तो रक्षा ने मुझे इशारे से उपेर आने का बोला और वो भी निकल गई...

मैं कॉफी निपटा कर उपेर जाने वाला था कि मेघा आ गई...

मेघा- और अंकित...ट्रिप कैसी रही...

मैं- मस्त थी आंटी...बहुत मज़ा किया...

मेघा- ओह्ह...अब क्या इरादा है...

मैं- अब ...बस स्कूल और बाकी काम...

मेघा- वैसे...अगर तुम्हे टाइम हो तो मुझे कुछ काम था तुमसे...

मैं- तो बोलिए ना...

मेघा- आओ बैठो तो सही ..बताती हूँ....

मेघा ने सोफे पर बैठ कर मुझे बाजू मे बैठने का इशारा किया...मैं भी उनके बाजू मे बैठ गया...

उउंम्म...क्या महक थी मेघा आंटी की...आज तो कुछ ज़्यादा ही महक रही थी....मन तो कर रहा था कि बस...

मेघा- हाँ..तो मैं बोल रही थी कि तुम्हे टाइम हो तो मेरी हेल्प करोगे क्या...??

मैं(होश मे आ कर)- हाँ..हाँ...बोलिए ....

मेघा- आक्च्युयली मुझे थोड़ा वर्काउट करना था...और भाभी(रजनी) ने बताया कि तुम्हारा खुद का जिम है...तो मैं सोच रही थी कि...

मैं(बीच मे)- इसमे सोचना क्या...वो आपका ही घर है...आ जाइए कभी भी...

मेघा- पर मुझे कुछ नही आता...तुम टाइम दे पाओगे...

मैं- बेशक...आप जब कहे...आइ एम रेडी...

मेघा- ओके..तो कल से ..??

मैं- डन ...कल सुबह से...ओके...

इस बात-चीत के दौरान मेरे और मेघा के जिस्म आपस मे टकराए...जिससे मुझे तो मज़ा आया...मेघा का नही पता...उसे भी आया होगा शायद...और हाँ...मेघा की शानदार महक मेरी नाक मे समा गई थी...काफ़ी मादकता वाली महक थी वो...

फिर मुझे याद आया कि अभी अनु से मिलना है...और रक्षा से भी...

तो मैने मेघा को कल आने का बोला और उपेर जाने लगा...

सीढ़ी चढ़ते ही अनु मेरे सामने थी...वो कहीं जाने की तैयारी मे थी...

अनु(मेघा से)- मोम...मैं फ्रेंड के घर जा रही हूँ ...बाइ...

और अनु मुझे गुस्से से देख कर निकल गई....

अनु का गुस्सा देख कर मुझे बुरा लगा पर वहाँ कुछ नही बोल पाया....

तभी मेरे बुझे मन को रक्षा ने राहत दी...उसका एसएमएस आ गया....उसने रूम मे आने का बोला...

मैं(मन मे)- चलो...अनु का गुस्सा बाद मे शांत करेंगे...अभी इससे तो निपट लूँ...क्या चाहती है ये....

मैं(मेघा से)- आंटी..मैं पूनम से मिल के आता हूँ...

और मैं उपेर आ कर रक्षा के रूम मे चला गया....

रक्षा का रूम खुला ही था...गेट खुलते ही मैने रक्षा को आवाज़ दी तो वो बाथरूम से बाहर निकली...

रक्षा(दीवाल से पैर टिका कर)- कैसी लग रही हूँ भैया....ह्म...


रक्षा ने अपनी आँखे नचाते हुए मुझसे पूछा...और उसे देख कर मेरे दिल पर बिजलियाँ गिरने लगी....

रक्षा ने इस वक़्त सिर्फ़ एक टवल लपेट रखी थी....
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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आज मुझे वो थोड़ी गदराई सी दिख रही थी...उसके बूब्स का साइज़ भी थोड़ा भरा हुआ दिख रहा था...शायद कुछ दिन के गॅप के बाद देख रहा था..इसलिए....

रक्षा को इस तरह देख कर मुझे उसका इरादा समझने मे देर नही लगी....

मैं गेट पर खड़ा हुआ रक्षा को घूरे जा रहा था.....जिससे रक्षा शरमा गई....

रक्षा(शरमा कर)- अब ऐसे ही देखते रहेंगे क्या...

मैं- ह्म्म..हाँ...अभी देखना बाकी है...

और मैने जल्दी से गेट लगाया और रक्षा के पास आ गया....

मेरे दोनो हाथ रक्षा के गोरे बाजू को जकड़े हुए थे और मेरी गरम साँसे उसके शरमाते हुए चेहरे को गरम कर रही थी...

रक्षा(आँखे बंद कर के)- भैया....

मैं- स्शहीए...थोड़ा रूको...तुझे ठीक से देख तो लूँ...

और मैने अपने हाथो से उसकी टवल निकाल दी.... उसका गोरा बदन पूरा नंगा था...और मेरी आँखो मे सेक्स की भूख जगा रहा था...

रक्षा आँखे बंद किए हुए अपने होंठो को दाँत से दबाए मेरा वेट कर ने लगी....

पर मैने आगे झुक कर अपने होंठो को रक्षा के गुलाबी निप्पल पर रख दिया...

रक्षा- ओह्ह्ह भैया....

मैने धीरे से अपनी जीभ को रक्षा के निप्पल पर घुमाना चालू कर दिया....और रक्षा धीरे -2 सिसकने लगी...

मैं- सस्स्रररुउप्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्रररुउप्प्प...मम्मूउउहह...

रक्षा- ओह्ह भैया...कितना तरसया आपने....करो भैया...और प्यार करो...

मैं- म्मूउहह...आअहह..हाँ बेटा...आज तुझे बहुत प्यार करूगा...उउंम्म..

और मैने बारी- 2 रक्षा के बूब्स चाटना जारी रखा और रक्षा धीरे-2 गरम होने लगी...अब उसकी सिसकियाँ भी बढ़ चुकी थी...

फिर मैने उसके बूब्स को हल्के-हल्के काटना और चूसना शुरू कर दिया....

रक्षा- आअहह..भैया....ओह्ह्ह...मत काटो ना...आअहह...

जब मैने मन भर के बूब्स का रस्पान कर लिया तो मैने रक्षा को किस करना शुरू कर दिया....

मैं- सस्स्ररुउउप्प....उउउंम...कैसा है मेरा बेटा....

रक्षा- उउंम...बहुत प्यासा...उउउंम..

मैं- उउउंम्म...प्यास भुझा देता हूँ...उउउंम्म...

रक्षा- उउउंम..जल्दी भैया...उउंम्म...सब घर मे है...उउउंम्म..

और किस करते हुए मैने रक्षा की गान्ड को दोनो हाथो से पकड़ा और उपेर उठा लिया....

रक्षा ने अपने पैर मेरी कमर मे और हाथ मेरे गले मे लपेट कर किस करना चालू रखा....

मैं रक्षा को उठा कर बेड तक ले गये और उसे लिटा दिया....

रक्षा के लेट ते ही मैने झुक कर उसकी चूत के उपरी हिस्से पर किस कर दिया...

मेरे किस करते ही रक्षा ने अपनी टांगे खोल दी....


रक्षा की चूत धीरे-धीरे पानी बहाने लगी थी ...

मैं- ह्म्म...ये तो अभी से पानी छोड़ने लगी...हाँ...

रक्षा- वो तो आपको देख कर ही खुशी के आशु बहाने लगी थी....आओ ना भैया...

मैं रक्षा का मतलब समझ गया और झुक कर उसकी गरमा-गरम चूत पर अपने होंठ चिपका दिए....

रक्षा- आअहह...कितना तड़पाओगे भैया...अपनी गुड़िया का ख्याल रखो ना...आअहह ..

मैं- सस्स्रररुउउप्प्प...आहह..हाँ बेटा...अब सारी तड़प मिटा दूँगा....

और मैने अपनी जीभ से रक्षा की चूत को चोदना शुरू कर दिया...

रक्षा अपने हाथो से बेडशीट पकड़ कर अपनी गान्ड को उठाते हुए मस्ती मे सिसकने लगी....

रक्षा- आअहह...भैया...करो...गुड़िया को मज़ा दे दो...ओह्ह...तेज भैया....आहह...

मैं- उउंम्म...सस्ररुउउउगग़गग...सस्ररूउउग़गग..उउंम..उउंम्म..उउंम...

रक्षा- ओह भैया...ज़ोर से...खा जाओ...श....उउंम्म...

थोड़ी देर की चूत चुसाइ से रक्षा चूत रस बहाने लगी...

रक्षा- आअहह...भैया....मैं..आहह..गैिईई...

और रक्षा ने अपना नमकीन चूत रस मेरे मुँह मे छोड़ दिया....और मैं चूत रस का मज़ा लेने लगा...

रक्षा प्यार से मेरे सिर पर हाथ फिराने लगी....

रक्षा- ओह्ह भैया...आप ने सारी तड़प मिटा दी...उउउंम्म...ऐसे ही इसका ख्याल रखा करो प्ल्ज़्ज़...

मैं- आअहह...हाँ बेटा...अब रोज रखुगा...खुश ...

रक्षा- सच भैया...

मैं- ह्म्म..सच मे...सस्स्ररुउउप्प्प्प...

और एक बार और उसकी चूत पर जीभ फिरा कर मैं खड़ा हो गया....

रक्षा- भैया..अब मेरी बारी....हम्म

और रक्षा घुटनों पर आई और मेरा लंड बाहर निकाल लिया....

रक्षा(लंड को देख कर)- ऊ...कैसा है मेरा सोना...उ मिस मी ना...उउउंम्म...

मैं- आहह...बहुत मिस किया बेटा...अब इसे तड़पाओ मत...

रक्षा- आज नही तड़पाउंगी..सस्स्ररुउउप्प्प...सस्स्ररुउउप्प्प...

और रक्षा ने लंड हिलाते हुए जीभ से लंड चाटना शुरू कर दिया....और कुछ देर बाद लंड को मुँह मे डाल लिया...

रक्षा- उउउंम्म...उूुउउंम्म...सस्स्रररुउउप्प्प...उउंम..उउउंम्म...


मैं- वा बेटा....ऐसे ही प्यार करो इसे....ये बहुत तड़पा है तुम्हारे लिए...

रक्षा- उउंम्म..उउंम..उउंम..उउंम..

और रक्षा फुल स्पीड से लंड को मुँह मे आगे-पीछे करने लगी....

थोड़ी देर बाद ही मेरा लंड पूरी औकात मे आ गया...और रक्षा भी दोबारा से गरम हो गई...

रक्षा- उउउंम्म..उउंम..आहह...अब अपनी गुड़िया को जन्नत की सैर कराओ भैया...

मैं(मुस्कुरा कर)- ह्म...आजा बेटा...

और मैने रक्षा को पास मे खीचा और और उसकी टांगे हाथ से उपेर कर दी और लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा....
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


रक्षा- भैया..प्ल्ज़ ...अब तड़पाओ मत ना...प्ल्ज़...

और मैने धीरे से सुपाडा रक्षा की चूत मे डाल दिया...

रक्षा- उउउंम्म...डाल दो भैया...अंदर तक आग लगी है...साल दूऊऊऊ.....

और रक्षा की बात ख़त्म होने के पहले लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया....

रक्षा- आआहह....भैया....उूउउंम्म...

मैं- क्या हुआ बेटा...मज़ा नही आया...

रक्षा- आहह...बहुत अच्छा लगा...बहुत आग लगी थी....अब सुकून मिल रहा है...अब शुरू करो ना...

मैने भी रक्षा को तेज़ी से चोदना सही समझा...क्योकि काफ़ी देर से हम अंदर थे...और कोई भी आ सकता था...

मैने रक्षा की टांगे पकड़ कर जोरदार चुदाई शुरू कर दी....

रक्षा- आअहह ..आहह..आहह...ऐसे ही भैया...और तेज...आहह..आहह..

मैं- हाँ बेटा...ये लो...एस्स..एस्स..एस्स...

रक्षा- ओह भैया...कहाँ चले गये थे...उउफफफ्फ़....अब रोज मज़ा देना...आअहह....ज़ोर से....आअहह...

मैं- हाँ बेटा...रोज करूगा....अभी मज़ा कर...यीहह...यीहह...

थोड़ी देर की चुदाई के बाद रक्षा ने मुझे रोक दिया....

मैं- क्या हुआ....हो गया क्या...

रक्षा- नही...आप मुझे पीछे से करी...कुतिया बना कर...

मैं(मुस्कुरा कर)- अच्छा...मेरी कुतिया बनना है...

रक्षा- हाँ...वैसे मे मज़ा आता है...करो ना...

मैं- हाँ बेटा...अभी कुतिया बनाता हूँ...

और मैने लंड निकाल कर रक्षा को पलटा दिया...रक्षा भी पोज़ मे आकर अपनी मदमस्त गान्ड को हवा मे उठा कर लंड का वेट करने लगी...

रक्षा ने मुझे पीछे से चूत मारने को कहा था...पर उसकी चिकनी गान्ड देख कर मेरा मन मचल गया और मैने गान्ड के छेद पर लंड लगा दिया....

रक्षा(पीछे देख कर)- भैया....क्या इरादा है...ह्म्म..

मैं- अभी बताता हूँ...

और मैने हाथ से लंड को पकड़ा और रक्षा की गान्ड मे सुपाडा डाल दिया....

रक्षा- आअहह...आप तो फाड़ ही दोगे...

मैं- निकाल लूँ ...

रक्षा- नही...आपको गान्ड ज़्यादा पसंद है ना...तो करो...

मैं- पर तुझे दर्द होगा...

रक्षा- तो क्या...अपने भैया के लिए मेरे सारे छेद तैयार है...आप बस करो...

मैं- तो लो फिर...

और मैने एक शॉट मारा और आधा लंड गान्ड मे चला गया....

रक्षा- म्म म्मूऊम्म्मय्ी...आअहह...भीया...रूको मत...डाल दो...

मैं- ये लो बेटा....

और फिर से एक शॉट मारा और पूरा लंड गान्ड मे चला गया...

रक्षा को दर्द हुआ और आसू भी निकले पर वो रुकी नही...


रक्षा- भैयाआअ....अब रुकना मत..करो...

और मैने रक्षा की कमर पकड़ कर उसे तेज़ी से चोदना शुरू कर दिया....

रक्षा- आअहह....करो भैया करो...आअहह..आअहह..आअहह...

मैं- यस बेटा....ले...ईएह..ईएह...

रक्षा ने अपने हाथ से अपनी चूत को मसलना शुरू कर दिया और गान्ड को पीछे कर के गान्ड मरवाने लगी...

रक्षा- ओह्ह भैयाअ....फाड़ दो ...आष्ह..ज़ोर से...आआअहह....

मैं- हाँ बेटा....तू मज़ा कर...ये ले...एस्स..एस्स...

कुछ देर तक रूम मे सिर्फ़ चुदाई की आवाज़े गूँजती रही और रक्षा की सिसकारियाँ तेज होती गई....

रक्षा- आअहह...भैया...अब मैं गई...आअहह...आअहह...

और रक्षा के झाड़ते ही मैने उसको पकड़ कर तेज़ी से शॉट मारे और थोड़ी देर बाद मैं भी झड़ने लगा...

मैं- ये लो बेटा...मैं भी आया....एस्स..एस्स..एस्स..आअहह..आअहह...

मेरे झाड़ते ही मैने लंड को बाहर निकाल लिया और रक्षा बेड पर लेट गई...

मैं भी रक्षा के बाजू मे लेट गया और उसकी गान्ड सहलाने लगा...

मैं- अब कैसा लग रहा बेटा...

रक्षा- बहुत अच्छा....

मैं- ह्म्म..तो अब जल्दी फ्रेश हो जाओ..ओके


रक्षा- ओके...

थोड़ी देर बाद हम रेडी हो गये...और मैं आने लगा...

रक्षा(पीछे से)- भैया...आइ एम सॉरी....

मैं- सॉरी...किस लिए...

रक्षा- वो भैया...मैने आपसे पूछे बिना किसी को आपके साथ सोने का प्रोमिस कर दिया...

मैं(गुस्से से)- क्या...तू पागल है क्या...समझ क्या रखा मुझे...हाँ..

रक्षा- सॉरी भैया...पर उसे मैने बताया तो वो पीछे पड़ गई...और मैने डर कर हाँ बोल दी...

मैं- डर कर...कैसा डर...

रक्षा- वो ..भैया...वो एमएलए की बेटी है...इसलिए...

मैं- एमएलए की बेटी है या कोई भी...

तभी पीछे से रजनी आंटी की आवाज़ आई...वो मुझे बुला रही थी...

मैं(रक्षा से)- गो टू हेल...अब सकल मत दिखाना...

और मैं रक्षा की सुने बिना नीचे आ गया...

रजनी- बेटा...मैं और मेघा थोड़ा पड़ोस मे जा रहे है...तू खाना खा लेना...ओके..

मैं- नही आंटी...मुझे अभी जाना है...फिर आउगा...थोड़ा काम है...

रजनी- ओह..ठीक है...लेकिन टाइम से खाना खा लेना...ओके..

मैं- ओके..

फिर मैं संजू के घर से निकल कर अपने सीक्रेट हाउस पहुच गया...
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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

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बिंदास
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