चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

मैं- सस्र्र्ररुउउप्प…आहह….मस्त चूत है तेरी…

पारूल-आहह…भैयाअ....आपके लिए ही है...उूउउंम्म.........

फिर मैने पारूल की चूत को चाटना और चूसना चालू कर दिया और पारूल मस्ती मे तड़पने लगी...ओर मेरे सिर को चूत पर दबाने लगी...

मैं- सस्रररुउउप्प...उउउम्म्म्मम...सस्रररुउउप्प्प....सस्र्रुरुउउप्प...

पारूल-आहह..अहहह....ऊहह..म्मूऊम्मय्यी

मैं- सस्रररुउउप्प्प...सस्ररुउउउप्प्प...सस्रररुउउप्प...

पारूल-आहह...भैया....मज़ा ..आआहह...आ...गयी...आहह

मैं-उम्म्म..उउउंम्म..उउंम...उउंम्म

पारूल-बब्बहाइियय्य्ाआ...आअहह....ऊहह....ऊहह....आहह

मैने पारूल की चूत को मुँह मे भरके चूसा और पारूल इस आनंद मे झड्ने लगी…

पारूल- भैया..….आहह…मेरा…पानी..अहहह…मैं आऐईयईईईईई…..

मैं- स्ररुउउप्प..सस्ररुउउप्प…सस्ररुउउप्प्प….उूुउउम्म्म्मम….

जब मैने सारा चूत रस पी लिया तो पारूल के उपर से अलग हो कर बैठ गया….और पारूल मस्ती मे आँखे बंद किए सासे भरने लगी….

थोड़ी देर बाद जैसे ही पारूल नॉर्मल हुई तो उसने मुझे जल्दी से लिटाया और मेरे कपड़े निकालने लगी…..और मेरे लंड को जल्दी से आज़ाद करके हाथो से सहलाने लगी….

पारूल- अब मेरी बारी….आप वही करेंगे जो मैं कहूँ…ओके

मैं(मुस्कुरा कर)- हाँ बेटा…..जो तू कहे…चल लब टाइम खराब मत कर…..शुरू हो जा….

और इतना बोलते ही पारूल ने मेरे लंड ज़ोर-ज़ोर से हिलाना शुरू कर दिया….और कुछ देर हिलाने के बाद लंड पर झुक कर अपनी खुरदरी जीभ को सुपाडे पर फिराने लगी….



मैं- उूउउम्म्म्म….गुड़िया….तू तो….आहह…

पारूल जीभ को सुपाडे के चारों तरफ घुमाती और फिर छेद के उपर होंठ रख कर चूस्ति तो मेरा रोम-रोम खड़ा हो जाता…..

मैं- ऊओह….मार दिया….आहहह….एस गुड़िया…करती रहो….एसस्स…..

थोड़ी देर तक पारूल लंड से खेलती रही और फिर उसने लंड को अपने नाज़ुक होंठो मे दबा कर चूसना शुरू कर दिया....



मैं- ओह यस….तेरे होंठ भी ना…आअहह…लंड को कितना मज़ा दे रहे है…..कम ऑन…एसस्स…

पारूल- उूउउम्म्म्म…उूुुउउम्म्म्म…उउउम्म्म्मम,….

मैं- एस्स बेटा….एसस्स……और तेज…..पूरा लो…आहह….

पारूल-उम्म्म…उउंम्म..उउंम..उउंम्म..उउंम

मैं-आहह…बहना…ऐसे ही…अच्छा कर रही हो…आहह

पारूल-उउंम..सस्ररुउउउप्प्प…उउउम्म्म्म

मैं-हा..तेज करो…जल्दी पूरा लो…तेजज….और तेज….

पारूल-उउंम..उउंम्म..उउंम्म..उउउंम्म

मैं-आहह…मेरी प्यारी गुड़िया…भैया के लंड अच्छा है ना…उूउउम्म्म्मम….

अब मेरा लंड पूरे उफान पर था….उसे अब एक छेद चाहिए था….चूत हो या गांद या फिर मुँह….लंड बस ज़ोर से धक्के मार कर अपने अंदर का लावा निकालना चाहता था…

शायद ये बात पारूल भी समझ गई और खुद ही लंड चूसना छोड़ कर मेरे उपर आ गई…..

पारूल- अब मुझे सवारी करना है….वो भी आपके इस बड़े से घोड़े की….

मैं(मुस्कुरा कर)- तो आओ ना…आज बेटा…

और फिर पारूल ने लंड पर चूत सेट की और आहिस्ता से लंड को चूत मे उतारने लगी…..

पारूल- अओउूच.....कितना बड़ा हो गया भैया....

मैं- तेरी चूत के लिए तो सही है ना गुड़िया...बड़ा खाओगी तो जल्दी बड़ी हो जाओगी....हाहाहा..

पारूल- हाँ..आहहहह.....

और तभी मैने पारूल की कमर पकड़ कर उसको नीचे कर दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत मे समा गया....

पारूल- आआईयैयाीईईईईईई...भैया...आअहह.....मार दिया...आअहह...

मैं- कोई नही बेटा....चल..अब सवारी कर.....घोड़ा दौड़ने को बेकरार है....

मेरे कहते ही पारूल ने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया....और कुछ देर बाद ही स्पीड से उपेर नीचे होते हुए चुदवाने लगी......



मैं- ले...मेरी गुड़िया..भैया का ले..

पारूल-हाँ...भैया......आहह..आहह

मैं- ये ले......मज़ा आया...

पारूल- आहह..भैया…बहुउत्त्..अया..अहहह….

पारूल पूरी स्पीड से अपनी गांद उछाल कर लंड का मज़ा ले रही थी…. और वो थोड़ी देर बाद ही मज़े मे झड्ने लगी और उसका चूत रस मेरी जाघो पर बहने लगा….

पारूल-भैया…आहह..मैम्म्म…मैं गई…उउउम्म्म्मम….आआअहह..

मैं- एस्स….बेटा..कम ऑन…ईएससस्स….

जैसे ही पारूल झड गई तो मैने लंड को चूत से बाहर निकाला…और पारूल को बेड पर लिटा कर उसकी चूत मे लंड पेल दिया….इस बार लंड को बड़ी जल्दी मे चूत मे उतरा था..पर चूत गीली थी तो पारूल मज़े से कुछ अंदर ले गई…और मैने उसकी कमर पकड़ कर ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर दी…..



मैं- ये ले मेरी गुड़िया ….भाई का बर्थ’डे गिफ्ट....कैसा लगा...हाँ…

पारूल-आअहह..भैया...मस्त है....ज़ोर से....डालूओ

मैं- हाँ..ये ले...

पारूल-आहह..आह..भैया...फाड़ दो....मज़ाअ...आहह....आ...गायाअ...आआहह....

मैने पूरी स्पीड मे 5 मिनिट पारूल को चोद्ता रहा और पारूल फिर से झड्ने लगी…

पारूल- भैया…..मेरा…पानी,…आहह…..आहह....गग्ग्गाऐयईईईईई.....

पारूल झड्ने लगी और उसकी चूत मे पानी के साथ मेरा लंड अंदर बाहर होते हुए फुकच्छ करने लगा….और चुदाई का महॉल गरम हो गया…

पारूल-ओह्ह..भैया…अह्ह्ह्ह…आहह

मैं- एस्स..बेटा…मैं भी आया….ईएहह…..यीहह…ईएससस्स…एस्स..एस..…

पारूल-भैया.आआ…..आहह..आहह…आहह….

पूरे रूम मे अब आवाज़े गूंजने लगी

फ़फफूूककचह..फ़फफूूक्चह्त…….त्त्त्थ्ह्प्प्प….त्ततप्प्प…त्तप्प..आहह…उउउंम..हमम्म..भीयाअ……आहः….आहह..उउफ़फ्फ़…ऊहह
…ऊहह….फ्फक्च्छ..फ़फफुक्चह…..भीया….त्तप्प…त्तप्प्प..आहहह..अहहहह…एस्स..एस्स……आहह…उउउंम्म…उउंम्म..ईएहह….बेटा..…ये ले…ये..बेटा…ओर ज़ोर से…ले..…आहहह..
फ़्फुूक्च..फ़्फुऊूउक्च…...ताआप्प्प…आहह….उउम्म्म्मह…आहह..आहह…

पारूल की दमदार गर्मी की आगे मैं भी ढेर हो गया और झड्ने लगा….

मैं- येस्स..बेटा…मैं भी आया….ईएहह…..यीहह…ईएससस्स…एस्स..एस..…

हम दोनो झड कर शांत हो गये और एक-दूसरे की बाहों मे लिपट कर रेस्ट करने लगे….

मैं- आहह…मज़ा आया ना गुड़िया…

पारूल- बहुत….पर मेरा मन नही भरा….

मैं(मुस्कुरा कर)- कोई नही….आज की रात तुम्हारी है….जितना चाहे मज़ा लो….

पारूल- सच मे……आइ लव यू भैया….लव यू….

और फिर पारूल ने मुझे बाहों मे भर कर प्यार करना शुरू कर दिया……

इसके बाद हम ने एक और राउंड चुदाई की और करीब सुबह के 5 बजे पारूल तक कर सो गई....

पारूल के सो जाने के बाद मैने चैन की साँस ली और उसे ठीक से लिटा कर अपने रूम मे आ गया....
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VKG
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Re: चूतो का समुंदर

Post by VKG »

मस्त अप्डेट
@V@
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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

Post by shubhs »

अच्छा अपडेट
सबका साथ सबका विकास।
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

पर रूम मे आते ही मुझे एक और झटका लगा....

मेरे सामने रक्षा खड़ी थी...जो फुल गुस्से मे थी....

मैं(मुस्कुरा कर)- अरे रक्षा....तुम जाग गई....

रक्षा(गुस्से से)- अच्छा...तो मैं सो गई थी...हाँ...

मैं- हाँ बिल्कुल....तुम पेग लगाते ही सो गई....और फिर मैं...

रक्षा- बस करो....मैं जानती हूँ कि ये सब आपकी करामात है....बस मैं इतना जानना चाहती हूँ कि आपने मेरे साथ ऐसा क्यो किया...हाँ....

मैं- ओके...सुनो..

फिर मैने रक्षा को पारूल के साथ हुई बात बता दी...कि क्यो मुझे पारूल के साथ जाना पड़ा....पर रक्षा अभी भी गुस्से मे थी....

तभी मैने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और लंड को हाथ से मसल्ने लगा....

ये देख कर रक्षा की आँखो मे हवस जागने लगी और उसने भी अपनी नाइटी निकाल दी...और पूरी नगी हो कर घुटनो पर बैठ गई.....

रक्षा- आप ना....बहुत बेकार हो....सच मे....

मैं- अरे नही ....मैं बस दूसरों की कमज़ोरी जानता हूँ...जैसे इस वक़्त तुम्हारी कमज़ोरी मेरा ये हथियार है...है ना...

रकसा- बस ..बस...आप मुझे मज़े करने दो....और हा...अब पूरा हिसाब चुकता करूगी...

और इतना बोल कर रक्षा ने मेरे लंड को मुँह मे ले कर चूसना शुरू कर दिया....

रक्षा बड़े प्यार से मेरे सुपाडे को चूसने लगी...और साथ ही साथ मेरी बॉल्स को उंगलियों से छेड़ने लगी.....

मैं- ओह्ह्ह...रक्षा....तुम भी ना....एस बेबी....

रक्षा- सस्स्स्र्र्ररुउउउगग़गग....सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प...सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प....उूउउम्म्म्मम.....

मैं- ओह यस....गो ऑन बेबी....एस्स....एसस्स...

रक्षा - सस्स्स्रररुउउउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प्प...उूुउउम्म्म्म...उूउउम्म्म्म....उउउम्म्म्म...

और थोड़ी देर बाद रक्षा ने लंड को छोड़ा और मेरी बॉल्स को जीभ से चाटने लगी....



वो कभी बॉल्स को छत ती तो कभी मुँह मे दबा कर चूसने लगती...तो कभी लंड से ले कर बॉल्स तक थूक लगाते हुए मूठ मारती.....

रक्षा की इन हरक़तों से मेरा लंड फुल फॉर्म मे आ चका था...और रक्षा की चूत भी पानी बहाने लगी थी....

मैं- ऊहह..बस कर रक्षा...अब कुतिया बन जा....मुझे तेरी गांद मारनी है....

रक्षा- उउउंम्म..आअहह...अभी कुछ नही मिलेगा...ना गांद...ना चूत....आपने मुझे तडपाया...अब मेरी बारी....चुपचाप लंड चूसने दो मुझे......

और इतना बोल कर रक्षा ने लंड चूसना शुरू कर दिया....

मैं(थोड़ी देर बाद)- ओके...ना गांद , ना चूत....तो मुँह ही सही....अब मुँह ही चोदुन्गा....

और मैने रक्षा का मुँह पकड़ कर चोदना शुरू कर दिया....

रक्षा के मुँह से अब कोई आवाज़ नही निकल रही थी....और मेरा लंड उसके गले मे जा कर टकरा रहा था....उसके मुँह से बाद घहूओन्न..घहूनन्न..की आवाज़ सुनाई दे रही थी.....



रक्षा- उूुुुउउ...उउउन्न्ञन्...उूउउन्न्ं....

मैं- गांद नही...चूत नही...तो ले साली....मुँह चुदा....यीहह...ईएह....

रक्षा- उूउउंम्म...उूउउंम्म..उउउंम्म...

मैं- बस...थोड़ा और...एस्स...बस...ये हुआ...बस थोड़ा....ईएहह...ईएहह...एररह....एसस्स....


और मैं पूरी स्पीड मे रक्षा का मुँह चोदते हुए उसके मुँह मे ही झड गया.....

रक्षा(लंड निकलते ही)- कक्खहूओ....कक्खहूऊ...आआहह....म्म्माहआ. ..आआहह.....

तभी मेरा फ़ोन बजने लगा....ये डॅड का कॉल था....


मैं- रक्षा...तू बाथरूम मे जा कर ख़ास.....डॅड का कॉल है....

फिर रक्षा बाथरूम मे चली गई और मैं डॅड से बात करने लगा....

मैं- आअहह...हाँ..क्या हुआ...

आकाश- सो रहे थे क्या...

मैं- हमम्म...कहिए क्या हुआ...

आकाश- तुम जल्दी से घर के पीछे वाले गार्डन मे आ जाओ....स्विम्मिंग पूल के पास....

मैं(थोड़ा हैरानी मे)- पर हुआ क्या ......

आकाश- यहाँ आओ तो...सब जान जाओगे...जल्दी आओ...

और इससे पहले कि मैं कुछ और पूछता, कॉल कट हो गया....और मुझे टेन्षन दे गया...

मैं(मन मे)- सला सुबह-सुबह क्या हो गया....कहीं सुजाता के साथ कुछ...चलो देखता हूँ...

और मैं कपड़े पहन कर गार्डन मे पहुँच गया..वहाँ आकाश के साथ गार्डन का माली भी था...जो बहुत घबराया हुआ सा दिख रहा था....

मैं- क्या हुआ....और ये माली काका इतने परेशान क्यो है...

आकाश- तुम देखोगे तो तुम भी परेशान हो जाओगे....

मैं(हैरानी से)- पर क्या...क्या देखना है मुझे...हाँ...

आकाश(एक तरफ इशारा कर के)- वहाँ देखो.....

और जैसे ही मैने उनकी बताई हुई जगह पर देखा तो मेरी आँखे भी फटी की फटी रह गई...

मैं- प्रेमा आंटी...इन्हे...इन्हे क्या हुआ....

मैं भाग कर प्रेमा के पास पहुँचा जो ज़मीन पर बेहोश पड़ी थी...

मैं- क्या हुआ इन्हे...ये बेहोश कैसे हो गई...

आकाश- ये बेहोश नही है....इसे किसी ने मार दिया...और लाश यहाँ फेक दी....

मैं(शॉक्ड)- क्या.....???....मार डाला.....पर किसने....और किस लिए....
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