चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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इसके बाद मैने सेल रख दिया …ऑर लेट गया …लेटने के बाद पता ही नही चला कि कब मेरी आँख लग गई…शायद आज सुबह की दमदार चुदाई ऑर मस्त चिकन खाने से बॉडी रेस्ट माँग रही थी….मैं कब सो गया मुझे पता ही नही चला….

रात को मुझे लगा कि मेरे लंड पर हरकत हो रही है…पहले मैने सोचा की सपना देख रहा हूँ….लेकिन थोड़ी देर बाद मेरी कॅप्री ऑर अंडरवर नीचे को सरका दी किसी ने…तब मुझे पता चला कि ये हक़ीक़त मे हो रहा है

मैने सकपका कर आँखे खोल दी…जब तक उस इंसान ने मेरे लंड को हाथ मे लेकर सहलाना सुरू कर दिया था….
अब मैं समझा कि मैं सो गया था तो पूनम ही आ गई है ….लेकिन साली ये क्यो भूल गई कि मेरे साथ उसका भाई सोया हुआ है….फिर मैने सोचा कि संजीव की नीद तो ऐसी है कि नगाड़े भी बजाओ तब भी मुस्किल से खुलती है….शायद पूनम भी जानती है…तभी आ गई साली….मैं सोच रहा था ऑर वो मेरे लंड को सहला के बड़ा कर रही थी …5 मिनट मे मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया…फिर भी वो हाथ से ही मेरी मूठ मारे जा रही थी….
मैने धीरे से बोला—अब क्या हाथ से ही निकालोगी मुँह मे लेकर चूसो ना
वो-सस्शह

मुझे अंधेरे मे दिख तो नही रहा था…मैने सोचा कि उसे डर है कि संजीव जान ना जाय…चलो कोई नही लेने दो मज़े….मुँह मे भी ले लेगी…ऑर यही सोच कर मैं लेट गया ऑर वो मेरे लंड को मूठ मारती रही…जब अगले 5 मिनट के बाद भी लंड उसने मुँह मे नही लिया तो मेरे सबर का बाँध टूट गया ऑर मैं थोड़ा तेज ओर गुस्से मे बोला

मैं-साली करना क्या चाहती है …ऐसे ही झाड़ा देगी क्या मुँह मे ले...
वो-सस्शह....
मैं-अरे नखरे कर रही है जैसे पहली बार कर रही हो...मुँह मे ले कर चूस जैसे चूस्ति है....साली वैसे तो मेरा लंड रस पिए बिना तेरा पेट नही भरता...आज क्यो नखरे कर रही है...

वो फिर भी लंड को हिलाती रही....लेकिन मुँह मे नही लिया

मैं-तेरी माँ को चोदु….लेती है मुँह मे कि नही....

वो फिर भी लंड हाथ मे लिए रही ...हाँ हिलाना बंद कर दिया

मैं-(गुस्से मे)-साली आज मुँह मे नही लिया तो आज के बाद मेरे पास मत आना रंडी…

मैने ऐसा बोलते हुए उसका हाथ लंड से हटाना चाहा पर उसने हाथ झटक दिया ऑर धीरे-2 लंड के टोपे को जीभ से चाट ने लगी
मैं-अब आई ना लाइन पर अब मुँह मे पूरा भरकर चूस जैसे हमेशा चूस्ति है…कुतिया की तरह
वो धीरे-2 लंड को मुँह मे भर रही थी…लेकिन अभी तक ¼ हिस्सा ही उसके मुँह मे था
मैने फ्र्स्टेशन मे उठकर उसके सिर को दोनो हाथो से पकड़ कर लंड पर दवा दिया…ऑर स्ल्लूउप करते हुए पूरा लंड उसके मुँह मे चला गया….वो झटपटाने लगी लेकिन मैं गुस्से मे था तो मैने उसको छोड़ा नही बल्कि उसके सिर को ज़ोर से दवाए रखा ओर बोला
मैं-चल रंडी नखरे बंद कर चूस इसे

लेकिन वो अभी भी लंड को बाहर करने की कोसिस कर रही थी ऑर मेरा गुस्सा बढ़ रहा था…
मैने गुस्से से उसका सिर ऑर ज़ोर से पकड़ा ऑर सिर को अपने लंड पर उपर-नीचे करने लगा ओर बोलने लगा

मैं(गुस्से मे)- ले साली …तू नही मानेगी ना…अब देख मैं क्या करता हूँ
ओर इतना बोल कर मैं उसके सिर को तेज़ी से उपेर-नीचे करने लगा…

अंधेरे मे कुछ दिख तो नही रहा था बट शायद सीन कुछ ऐसा रहा होगा...




करीब 5 मिनट तक मैने ऐसे ही करता रहा
ओर वो झटपटाती हुई आवाज़े निकालती रही
वोकहू…ऊओंम्म्म…..उूउउम्म्म्मम….कक्खहूनन्न…..कककखहूओन्न

मैने उसकी एक ना सुनी ऑर उसके सिर को उपर नीचे करता रहा ..जब मैं झड़ने वाला था तो बोला

मैं-ये ले भर ले तेरा पेट…पी जा कुतिया ...पूरा पी जा..

ओर ये कहते हुए मैं उसके मुँह मे झाड़ गया...ऑर जब तक पूरा लंड रस उसके मुँह मे नही निकल उसका सिर छोड़ा नही
जब मैं खाली हो गया तो मैने उसके सिर को छोड़ दिया ऑर वो झटके के साथ पीछे होकर…कराहने लगी

वो-खो…खूओंन्न…कक्खहूओ…आआहह…कक्ख़्हूओ…कक्ख़्हूओ

मैं-देखा मुझसे पंगा लेने का अंजाम….सराफ़त से मान जाती तो अच्छा होता ना….अब कभी भी पंगा नही लेना मुझसे ..समझी
वो-खो…खूओंन्न्न…(लेकिन कुछ बोली नही)

मैं-अब रुक तेरी गांद मारता हू…ऑर मैं बेड से उठने लगा …लेकिन उसके पहले ही वो उठके भाग गई ऑर मुझे सिर्फ़ गेट खुलने ओर बंद होने की आवाज़ आई

मैं(मन मे)-साली को हो क्या गया…आज कितने नाटक कर रही है साली….वैसे तो मर रही थी चुदवाने के लिए…..शायद गुस्सा हो गई?????
हां….जाने दो आ जायगी थोड़ी देर मे ….चूत खोलकर….जायगी कहाँ
ये सोचते हुए मैं बाथरूम गया ऑर बापिस आकर फिर से लेट गया..इस इंतज़ार मे कि वो आयगी…सोचा कि मेसेज कर दूं…फिर सोचा कि नही…खुद ही आयगी कुतिया

ऑर सोचते हुए कब मैं सो गया पता ही नही चला…….
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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जब आँख खोली तो सुबह हो चुकी थी ओर संजीव मुझे हिलाते हुए जगा रहा था….

संजीव-उठ जा भाई …कब तक सोएगा….9 बज गये
मैं-आँखो को खोलते हुए….क्या???
संजीव-भाई 9 बज रहे है उठ जा
मैं(चौक्ते हुए)-क्या 9 बज गये
संजीव- हां भाई उठ जा
मैं-(आँख मलते हुए बेड पर बैठ गया)
संजीव-क्या हुआ भाई आज 9 बजे तक सोता रहा ….तू तो जल्दी उठ जाता है

(मैं डेली जल्दी ही जागता हूँ सुबह…एक्सरसाइज़ करने के लिए…मेरे घर पर पर्सनल जिम है)

मैं-हाँ यार ये कैसे हो गया…लगता है तेरे घर नीद ज़्यादा आती है(ऑर मैं हँसने लगा)
संजीव-(हँसते हुए)-हाँ शायद यही है…चल फ्रेश हो कर नीचे आजा …नाश्ता करते है
मैं –तू चल …मैं आया

इतना बोल कर मैं फ्रेश होने निकल गया ऑर संजीव नीचे
जब मैं नीचे पहुचा तो नाश्ते के लिए पूनम रक्षा अनु ऑर संजीव भी बैठे थे…सब मेरा ही वेट कर रहे थे

मैं-गुड मॉर्निंग एवेरिवन
अनु,पूनम,संजीव- गुड मॉर्निंग
रक्षा-(चुप रही ऑर मुझे गुस्से से देख कर नज़रें घुमा ली)
मैं(मन मे)-अब इसे क्या हुआ…

आंटी1 किचन से नाश्ता लाते हुए

आंटी1-गुड मॉर्निंग बेटा…नीद अच्छी आई
मैं(आंटी को देखते हुए)-गुड’मॉर्निंग आंटी..हाँ मस्त रात गुज़री…ऑर ये कह कर मैने पूनम की तरफ स्माइल की…पूनम ने भी मुस्कुरा कर जवाब दे दिया

इधर आंटी नाश्ता सर्व कर रही थी ऑर मैं आंटी को देख रहा था ….क्या लग रही थी….ब्लू साड़ी मे दमदार फिगर…बड़े-2 बूब्स…ओर हेवी गंद….साला किसी का भी लौदा खड़ा कर दे उपर से भीगे हुए खुले बाल ऑर उनमे से टपकती हुई पानी की बूंदे….मस्त नज़ारा था….अचानक

आंटी1-बेटा क्या सोचने लगे नाश्ता पसंद नही क्या
मैं(नाश्ते को देखा , आंटी ने आलू के पराठे बनाए थे….फिर हड़बड़ाते हुए बोला)-अरे नही आंटी…ये तो मुझे आसंद है
औनटु1(कातिल स्माइल करते हुए)- तो फिर कहाँ खो गये थे
मैं(चौुक्ते हुए)-वो…वो आंटी अंकल लोग ऑर आंटी2 नज़र नही आ रहे
आंटी1-अंकल लोग शॉप निकल गये ऑर आंटी2 अपनी फ्रेंड के घर गई है ,यही पड़ोसे मे
मैं-ओके(ऑर मैने नज़रे रक्षा की तरफ की….वो अभी भी मुझे गुस्से से घूर रही थी…मेरे देखते ही उसने आँखे झुका ली नाश्ते की तरफ)

उसके बाद मैने पूनम को देखा जो मेरे साइड मे ही थी….पूनम मुझे स्माइल कर रही थी…ओर अचानक मुझे अपनी जाघो पर हाथ का एहसास हुआ…मैं समझ गया कि ये पूनम ही है साली….मैं नॉर्मल होते हुए नाश्ता करने लगा)


क्योकि आज सनडे था तो स्कूल ऑफ थे….तो नाश्ता करने के बाद आंटी1 अपने काम मे लग गई ऑर पूनम, रक्षा ऑर अनु अपने रूम मे चली गई…रह गये मैं ऑर संजीव…हम दोनो हॉल मे टीवी देखने लगे

थोड़ी देर बाद अनु ऑर रक्षा तैयार होकर नीचे आई …दोनो जींस ओर टॉप मे थी…क्या माल लग रही थी….टाइट टॉप ऑर जींस…ऑर टॉप के अंदर कड़क-कड़क बूब्स…हाय..लंड देखते ही फडक उठा मेरा तो…..
मैने पूछा

मैं-तुम लोग कहाँ चल दी…आज तो छुट्टी है ना
अनु-भैया.पड़ोस मे फरन्ड के घर जा रहे है…लेकिन रक्षा ने मुझे फिर से गुस्से मे देखा ऑर कुछ नही बोली
अनु-आंटी(संजीव की मोम) हम थोड़ी देर मे आते है
आंटी1- हाँ बेटा सम्भल के जाना
अनु-ओके आंटी

इतना बोलकर अनु ऑर रक्षा जाने लगी ऑर मैने उन्हे पीछे से देखने लगा …क्या गांद थी दोनो की …जीन्स के अंदर मस्त दिख रही थी….

मैं देख ही रहा था कि रक्षा ने पलट कर मुझे उनकी गंद देखते हुए पकड़ लिया ऑर फिर से गुस्से मे घूर्ने लगी….मैने नज़रे घुमा ली ऑर वो दोनो निकल गई……
मैं सोचने लगा इस साली रक्षा को क्या हो गया है???


मैं सोच ही रहा था कि संजीव बोला

संजीव -भाई अब प्लान सुरू करे
मैं-कौन सा प्लान बे
संजीव-भाई वो ही …तुझे माँ के साथ भेजने का….
मैं-ओह…हाँ..कर बट बोलेगा क्या
संजीव-भाई बोल दूँगा कि तवियत ठीक नही
मैं-साले सिर्फ़ बोलने से क्या होगा…पकड़ा जायगा….तू कही से बीमार नही दिख रहा
संजीव-तो अब क्या करू
मैं-कुछ ऐसा की तू बीमार लगे
संजीव-जैसे
मैं-चल तुझे उपेर ले जाकर नीचे पटक देता हूँ....हाथ पैर टूट जायगे नही तो ऐसा तो हो ही जायगा कि चल ना पाय....हाहहहहाआ

संजीव-छोड़ ना....कुछ अच्छा बता साले
मैं- हाँ सोचता हूँ..तू भी सोच…
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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हम थोड़ी देर ऐसे ही सोचते रहे कि क्या किया जाय जिस से संजीव आंटी के साथ ना जा पाय ऑर उसकी जगह मैं चला जौ...मुझे तो कुछ ठीक समझ नही आ रहा था ...तभी संजीव बोला...

संजीव-भाई 1 आइडिया है ...काम बन सकता है
मैं-कैसे
संजीव-भाई मैं बीमार हो सकता हूँ….
मैं- पागल ऐसे कैसे हो जायगा…बता तो
संजीव-भाई मेरे अंकल के पास कई सारी मेडिसिन होती है….क्योकि वो अक्सर बीमार रहते है
मैं-तो साले मेडिसिन से बीमारी दूर होती है ऑर तुझे बीमार होना है
संजीव-भाई जानता हूँ…बट उनके पास ऐसी गोली भी है जिससे पेट मे अगर अकड़ हो तो उसे पानी बना देता है
मैं-मतलब???
संजीव-भाई जो जल्दी से फ्रेश ना हो पा रहा हो तो उसके पेट के खाने को पानी बना देती है
मैं-तो उससे क्या
संजीव-भाई अगर नॉर्मल बंदा खा ले तो वो बीमार पड़ जायगा
मैं-हाँ…बट इतनी बड़ी रिस्क…नही भाई कुछ ऑर सोचते है
संजीव- अरे यार कुछ नही होगा….थोड़ी प्राब्लम होगी तो झेल लुगा ना
मैं-भाई कुछ हो गया तो…नही नही रिस्क नही लेते
संजीव- भाई मोम की चूत के लिए ये रिस्क बहुत कम है…
मैं(हँसते हुए)- ओककक….हाहहहा….भाई मान गये तेरी तड़प
संजीव-हाहहहा…तो चल

हम दोनो संजीव के अंकल के रूम मे गये ऑर मेडिसिन देखने लगे….हम मेडिसिन बॉक्स मैं देख ही रहे थे कि मेरी नज़र 1 टॅबलेट पर पड़ी…..

मैं –भाई ये तो नीद की गोली है ना
संजीव(टॅबलेट हाथ मे लेते हुए)- हाँ भाई….वो क्या है चाचा को नीद ना आने की प्राब्लम है तो कभी-कभीले लेते है….बट साइडिफक्ट नही होता इनसे
मैं-ओह…चल अपने काम की देख…

थोड़ी देर बाद…………

संजीव-मिल गई..ये रही(एक टॅबलेट को हाथ मे लेकर)
मैं-ओके चल अब यहाँ से..

मैं ऑर संजीव अंकल के रूम से बाहर आ गये….ऑर फिर से टीवी देखने लगे

आंटी1-(किचन से)-बेटा कॉफी लोगे
मैं-हां आंटी
संजीव- मैं भी

थोड़ी देर बाद आंटी कॉफी लेकर आई ऑर हमे कॉफी देकर बोली
आंटी1-संजू आज शॉपिंग चलना है…याद रखना
ऑर इतना बोलकर आंटी अपने काम मे लग गई
संजीव- भाई चल अब टॅबलेट का कमाल देखते है….ये काम कर गई तो मोम की शॉपिंग भी तेरे साथ फिक्स
मैं(हँसते हुए)- ओके चल फिर

इसके बाद हम ने अपनी कॉफी ख़त्म की ओर टीवी ऑफ करके उपर संजीव के रूम मे आ
गये….

रूम मे आते ही संजीव ने टॅबलेट खाई ऑर बोला

संजीव-भाई अब मैं लेट जाता हूँ…थोड़ी देर मे इसका असर हो जाना चाहिए
मैं-ओके तू लेट मैं पूनम के साथ बात करता हूँ….जब तेरी तवियत बिगड़ने लगे तो आंटी को ही बोलना सबसे पहले
संजीव- बट तू जा क्यो रहा है
मैं-(बहाना बना कर)-भाई मैं यहाँ रहुगा ऑर तू आंटी के पास पहुचा तो आंटी मेरे बारे मे पूछेगी...ऑर मैं चाहता हूँ कि तुम्हारे ऑर आंटी के बीच मैं ना रहूं....ताकि तू अकेले मे उनको मेरे साथ जाने की बोल भी दे ओके

(मन मे सोचा कि ये मान जाय…मुझे तो पूनम के पास जाना है…क्योकि जब से नाश्ता करते हुए उसने मेरा लंड सहलाया था …तबसे…मुझे चुदाई की तड़प लगी थी…इसलिए मेरे मन मे जो आया मैने वैसा बहाना बोल दिया संजीव से)

संजीव(कुछ सोच कर)- ओके…ठीक कहता है…मैं मोम को अकेले मैं मना लुगा….तू जा
मैं(चैन की साँस लेते हुए)- ओके भाई
इतना बोल कर मैं संजीव के रूम से बाहर आया ऑर गेट को बाहर से बंद करके पूनम के रूम पर नॉक किया

पूनम(अंदर से ही)- कौन है
मैं-हहुउऊंम्म….मैं हू
पूनम-ऑर कौन है
मैं-मतलब…..मैं ही हू
पूनम-ओके आ जाओ

मैने रूम का गेट ओपन किया तो देखा कि पूनम अपने बेड पर आधी लेटी हुई थी….वो सिर्फ़ लेगी ऑर टॉप मे थी….
पूनम-लॉक कर दो
मैने(सिर हिलाते हुए)---ओके
ओर मैने रूम का गेट अंदर से लॉक कर दिया

मैं गेट लॉक करके पलटा ही था कि अचानक पूनम तेज़ी से आकर मुझसे लिपट गई ओर बेतहासा चूमने लगी मुझे
मैं सोचने लगा साली रात मे इतने नखरे ऑर अब मरी जा रही है
मैं भी पूनम का साथ देने लगा ऑर हम एक दूसरे के होंठो को चूसने लगे …मैने अपने हाथ पूनम के पीछे ले जाकर उसकी गंद को हाथो मे थाम लिया ऑर दवाने लगा…

थोड़ी देर बाद जब हम एक दूसरे के होंठो को चूस चुके तो पूनम ने अपना हाथ मेरे आधे खड़े लंड पर रखा दिया ऑर उपर से ही लंड मसल्ने लगी…..
मेरा लंड तो तड़प ही रहा था …तो लंड हार्ड होने लगा…

पूनम ने देर ना करते हुए मेरे लंड को बाहर निकाल लिया ऑर हाथ से सहलाने लगी..
थोड़ी देर बाद पूनम घुटनो पर बैठ गई ऑर लंड को हाथ से मुठयाते हुए मेरी बॉल्स को चाटने लगी ओर आँखे उपर करके मुझे देखने लगी

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Re: चूतो का समुंदर

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मैं(मन मे)- साली रात मे तो दूर भाग रही थी ऑर अब देखो….सटा सट ….क्या चीज़ है ये….ऐसा चेंज…फिर मैने सोचा की आज इसको तडपा के चोदुन्गा…रात का हिसाब बराबर जो करना था

नीचे पूनम ने अब मेरी बॉल्स को मुँह मे भर लिया ऑर लंड को हाथ से हिला रही थी.....



मैं-आअहह(बॉल्स पूनम के मुँह मे जाते ही मेरी आह निकल गई)

पूनम(बॉल्स को मुँह से निकाल कर)-आअहह….मेरी जान…कब्से तड़प रही थी….आप पूरा बसूल करूगी…(ऑर इतना बोलकर पूनम 1 ही बार मे मेरे लंड को पूरा मुँह मे ले गई…मेरी तो आहह निकल गई
मैं-आअहह…..मेरी रानी…..मेरा लंड भी कब्से तड़प रहा था… चूस ले……आअहह
पूनम-उउउम्म्म्ममममगग्घहूंम्म्म....उउउम्म्म्म
मैं-आअहह....ओर तेज...हहाअ...अंदर तक....आअहह...मज़ा एयेए...गगगययाअ
करीब 5 मिनट मेरे लंड को ताबड़तोड़ चूसने के बाद पूनम ने मेरा लंड अपने मुँह से निकाल के कहा
पूनम-आअहह….मज़ा आ गया….
मैं-रुक क्यो गई ….रस तो पी ले
पूनम-अभी नही राजा….आज तो इसको सीधे अंदर ही डालुगी….मुँह से नही…चूत से
मैं-नही…आज तेरी गंद से जायगा तेरे अंदर
पूनम-तो दो बार निकालना होगा...मुझे चूत मे भी चाहिए
मैं(सोच कर…कि टाइम कम है)- ओके जान आज तेरी मानता हू…गंद बाद मे..
पूनम- थॅंक यू जान
मैं-तो आजा फिर

पूनम खड़ी हुई और मेरा लंड पकड़े हुए बेड की तरफ जाने लगी…बेड के पास पहुच कर उसने मुझे बेड के किनारे पर बैठाया ऑर खुद घुटनो पर बैठ के एक ही बार मे लंड को मुँह मे भर गई ऑर चूसने लगी…




पूनम मेरा लंड चूस रही थी कि मेरा सेल्ल्ल बजने लगा…
मैने सेल देखा ….अरे संजीव का मेसेज

संजीव(मेसेज)- भाई टॅबलेट काम कर गई…बाथरूम के दो राउंड हो गये…पूरा पेट पानी हो गया…तू कहाँ है
मैने रिप्लाइ किया
मैं(मेसेज से)-भाई मैं पूनम के रूम मे ही हूँ...अब तू जा ऑर आंटी को सब बता दे ऑर बोल दे कि वो मेरे साथ शॉपिंग जाए…तू जा नही पायगा ओके
संजीव(मेसेज)-ओके…तू कर क्या रहा है…बोर तो नही हो रहा
मैने (मन मे )-साले तेरी ऐसी रंडी बेहन के होते हुए भला कौन बोर होगा ऑर मैं क्या कर रहा हूँ ये कैसे बताऊ…कि तेरी बेहन से लंड चूसा रहा हू ऑर चुदाई भी करूगा….सोचते-सोचते मैं हँसने लगा ऑर मेसेज का रिप्लाइ दिया
मैं(मेसेज)- भाई मेरी टेन्षन मत ले…तेरे लिए बोर भी हो लुगा , तू काम पर ध्यान दे…फिर बता मुझे
संजीव(मेसेज)-ओके
मैने सेल साइड मे रखा ...जब तक मैं मेसेज कर रा था , पूनम मेरा लंड ही चूस्ति रही….फिर लंड को मुँह से निकाल कर बोली
पूनम-आहह…कौन था
मैं-तेरा भाई
पूनम(घबडा कर)-यहाँ तो नही आ रहा
मैं-नही तू टेन्षन मत ले…मैने बोल दिया कि तेरी बेहन चुद रही है मुझसे ...यहाँ मत आ... बाद मे आता हूँ(ऑर हँसने लगा)
पूनम(गुस्से से)-सच बोलो
मैं-टेन्षन मत ले वो बाथरूम गया है...जब तक तेरी ठुकाई करता हूँ
पूनम-(रिलॅक्स होते हुए)-तब ठीक है..पर जल्दी करो
मैं-ह्म्म...तो आजा…तेरा चूत रस पिला

मैने पूनम को उपर आने को बोला ऑर मैं बेड पर लेट गया….
मैने इशारे से पूनम को मेरे मुँह पर बैठने को कहा…पूनम ख़ुसी से मेरे मुँह के आजू-बाजू अपने घटनो को रखते हुए …धीरे -2 मेरे मुँह के उपर आ गई….

अब मेरी आँखो के सामने पूनम की प्यारी चूत थी…बिल्कुल चिकनी…शायद आज ही सेव की थी…
चूत की खुसबू मेरी नाक मे अंदर तक आ रही थी
साला…पता नही क्यो लेकिन चूत चूसने मे मुझे बहुत मज़ा आता है …

मैने अपने मुँह को उपर करके..अपनी जीभ को पूनम की चूत से टच ही किया कि पूनम की आह निकल गई…
पूनम---आअहह

मैने धीरे-2 पूनम की चूत पर जीभ फिराता रहा ओर पूनम मस्ती मे सिसकती रही....



थोड़ी देर तक चूत चाट ने के बाद मैने पूनम की गंद पकड़ कर उसकी चूत को अपने मुँह के ऑर पास कर लिया…ऑर जीभ को अंदर डालने लगा

पूनम-आआहह…बब्बहाऐईइ…आआहह
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Re: चूतो का समुंदर

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मैने अपनी जीभ को चूत के अंदर तक ले जाकर…घुमा रहा था…मैं लगभग 2 मिनट तक कंटिन्यू जीभ को चूत मे घुमाता रहा…

पूनम---आआहह….ससीईसीई…ब्ब्बभहाऐईयइ…क्क्क्ययय्याअ…क्कार्र…र्राहहीए….हमम्म्म…..आआहह……म्म्म्मा आज़्ज़्ज़्ज़ाअ…..हहाअ….
.कककाररर्त्ततीए…..हमम्म्म…कक्खाअ…..ज्ज्जाआ……आआहह
पूनम भी अपनी गंद घुमा कर अपनी चूत मे जीभ को अंदर घुसाने की पूरी कोसिस मे साथ दे रही थी

पूनम—आअहह…बब्बहाऐईयइ….आअन्न्न्ंददार्रर…आअहह…बब्बहाइईइ….म्म्मारयन..आऐईयईईई….आहहाहह

इतना कह कर पूनम मेरु मुँह पर अपनी चूत के रस को बरसाने लगी ओर मैं भी प्यासे की तरह…मज़े ले पूरा चूत रस पी गया….ऑर फिर पूनम की चूत मे अंदर जीभ डाल कर बचा हुआ रस चाट गया….

चूत रस पीने के बाद मैने पूनम को साइड किया ऑर वो मेरे साइड मे आ कर लेट गई…

मैं-आहह…मज़ा आया मेरी जान
पूनम-आअहह…भाई क्या कमाल की चुसाइ की है आज….मज़ा आगया
मैं-तेरी चूत है ही ऐसी की देखते ही खा जाने का मन करता है
पूनम-तो रोका किसने है…आपकी है भाई…जब चाहे तब खाओ..

इसके बाद हम किस करने लगे, लेटे हुए……

थोड़ी देर किस करने के बाद…मैने किस छोड़ कर कहा…

मैं-चल आजा…टाइम कम है…तुझे सवारी करवाता हूँ
पूनम-इसके लिए तो हमेशा तैयार हूँ मैं

इसके बाद पूनम बैठ कर मेरे लंड के उपर झुक गई…ऑर लंड को चूसने लगी….लंड को चूस के गीला करने के बाद पूनम मेरी जाघो के दोनो तरफ पैर रख कर घुटनो पर बैठते हुए …अपने हाथ से मेरा लंड अपनी चूत पर सेट करने लगी ओर धीरे-धीरे बैठने लगी

मैने मौका देखा ऑर उसकी कमर को पकड़ कर झटके के साथ उसे अपने लंड अंदर तक बैठा दिया

ऐसा करने से पूनम की चूत मे मेरा पूरा लंड एक ही झटके मे अंदर तक चला गया…ऑर पूनम के मुँह से चीख निकल गई…बट उसने चीख कंट्रोल कर ली ओर उसका मुँह खुला का खुला रह गया

पूनम-आअहह…म्म्मा अररर गई..

मैं-अभी कहाँ…अब देख

ऑर मैने पूनम की कमर पकड़ कर उसे उपर नीचे करना सुरू कर दिया …

(मैने पूनम को पीछे 5-6 मंत से चोद रहा था…इसलिए…अब उसे ज़्यादा दर्द नही होता…मेरे लंड की आदत लग गई है उसे)

पूनम ने अपनी बॉडी को मेरे उपर झुका दिया ओर मैं उसके बूब्स को मुँह मे भर कर चूसने लगा...….




पूनम थोड़ी देर मे मस्ती मे सिसकने लगी...

पूनम-आअहह….ऑर तेज…आहह…हाँ आईइस्सी हहिि...

मैं-(बूब को मुँह मे भरे हुए)-मम्मूउउहह

पूनम-हाँ ओर तेज…आहह…..आआअहह….तेज..बब्बहाऐईइ

मैं(बूब्स को मुँह से निकाल कर कहा)- तू मुझे भाई क्यो बोलती है चुदाई के टाइम...

पूनम-तू बब्बहाइईइ ही है….भाई का दोस्त भाई...
मैं- तुझे चोदते हुए सैयाँ हूँ तेरा...भैया क्यो बोलती है..???
पूनम-अया भाई....भाई से चुद रही हूँ ये सोच कर चूत ज़्यादा गरम हो जाती है....आअहह...इसलिए...आअहह भाई..चोदो अपनी बहन को...आअहह

मैं(हँसते हुए)-तो तू अपने भाई से चुद रही है
पूनम- हहााअ…बब्बहाऐईयइ……म्म्माहआज़्ज़्ज़ाअ बढ़ जाता है….भाई से चुद्कर..

मैं-(सोचकर)- तो तू संजीव से भी चुद जाएगी...???

पूनम(जो अभी चुदाई के नशे मे थी)-हाअ....उउउस्सी भाई.....बबबीएहंनंन्ककचहूओद्द...हमम्म्म.....बना ......आअहह....दुगी

मैं-(मन मे...ये तो साली सच मे रंडी है)

पूनम-आअहह…भाई…ज्ज्ज्ूओर्रर…सस्सीए…..कक्चछूड्ड़डूव….ब्ब्बबबीएहाआंन्न ..क्कूव…ज्ज्ज्ूओर्रर्र सससी

मैने पूनम को पलटा कर बेड पर डाला ओर उसके पैरो को घुटने से मॉड्कर…उसके सीने से लगा दिया ऑर तेज़ी से उसे चोदने लगा....




पूनम-आअहह…बब्बहाईयाीई……ब्ब्ीएंन्नकचहूओद्दड़….फ्फ़ाआड्द्ड़ द्डडीईए…बबबीईहनन्न क्क्कीईइ..

मैं-आअहह….मेरी प्यारी बेहन….ले भाई का ….अंदर तक ले
पूनम-आअहह बब्बहाइईइ…ऊओररर त्ट्तीएजज़्ज़्ज्ज्ज…..फ़फफाद्दद्ड द्डूडू
मैं-ययईए ले….रंडी बेहन…..पूरा ले

पूनम-आअहह....उउउम्म्म्म......बब्बहाऐईइ म्माऐईिईन्न्न आआईयइ
ऐसा बोलते ही पूनम झड़ने लगी.....

मैं-मैं भी आया बेहन......आआहह...मेरी रंडी
पूनम- ब्ब्बभाअररर दददू बब्बहाऐईयईई......आअदददाअरर हहिि बब्बहाअररर दददू....

मैं-तो ये ले(ये कहते हुए पूनम की चूत मे झड़ने लगा)

जब मैं पूरा झड गया तो मैं पूनम के उपर लेट कर उसके बूब्स चूसने लगा
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