चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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थोड़ी देर तक आंटी के बूब्स चूसने के बाद मैने आंटी के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और उनकी चूत पर अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी...

आंटी ने भी मस्ती मे अपनी टांगे खोल दी और अपनी चूत को मेरे हाथ पर उछालने लगी...

आंटी- उउंम..बेटा...कब तक तड़पाएगा...उूउउंम्म...

मैं- सस्स्ररुउपप...तड़प मे ही मज़ा है आंटी...उउउंम...

मैं और आंटी एक दूसरे के होंठो को पूरे मज़े से चूस रहे थे और मैं अपनी उंगली को आंटी की चूत मे पैंटी के उपेर से घुसाने लगा....

आंटी- उउंम..बेटा...निकाल दे...देख कैसे पानी छोड़ रही है...अब और ना तड़पा...उउउंम्म...


मैं- सस्स्रररुउपप....आअहह...आंटी...आप मज़ा करो बस ..बाकी मुझ पर छोड़ दो...सस्स्रररुउउप्प्प..सस्ररुउप्प्प...

थोड़ी देर बाद आंटी पूरी गरम हो गई...उनकी चूत रस से उनकी पैंटी पूरी गीली हो गई...

फिर मैं आंटी के पैरो के पास आ गया और उनकी पैंटी को साइड करके अपनी जीभ खुली चूत पर फिरा दी....



आंटी- ओह्ह्ह...बेटा...

मैं- उम्म..आज तो आप सच मे टेस्टी हो गई..ह्म्म..सस्स्रररुउुउउप्प्प्प्प....

आंटी-आहह….ऐसे ही…हाअ बेटा…चूस डालो...

मैं-सस्स्रररुउउप्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…उूउउम्म्म्मम

आंटी-आअहह….हहाअ….आईीससीए हहिि…ज्ज्ज्ूओर्रर से…ख्ह्हाअ जाआओ...

मैं- सस्स्रररुउउप्प्प....सस्स्रररुउउप्प्प...

आंटी- आहह...यस...बेटा..उउंम...

मैं- सस्रररुउउप्प...उउंम्म..सस्स्रररुउउप्प्प..आहह..

आंटी- ऊहह...यस...येस्स..उउफ़फ्फ़....

थोड़ी देर बाद मैने चूत मे जीभ घुसा दी और जीभ से उसे चोदने लगा...

मैं- उउंम..उउंम..उउंम..

आंटी- ओह...ओह...एस..एस्स...सक इट...एस...एस्स...

मैं- उउंम..उउंम..उउंम..उऊँ..उउंम..

आंटी- अंदर तक...एस...डीपर...सक..इट..एस्स..

और आंटी की चूत मेरी जीभ के हमलो से झड़ने लगी....

आंटी- ऊहह...एस्स...कोँमिंग..ओह्ह..ऊ...ओह्ह..

मैने चूत को मुँह मे भर लिया और चूत रस पीने लगा...

मैं- उउंम..उउंम..सस्ररूउगग...सस्ररूउगग...

आंटी- एस्स...सक ..सक..सक..ओह्ह..ऊहह..एस्स..

चूत रस पीने के बाद मैं खड़ा हो गया और बोला....

मैं- आंटी...मज़ा आया...

आंटी- ह्म्म...अब मैं तुम्हे मज़ा कराती हूँ बेटा...

और आंटी उठी और मुझे लिटा कर मेरा पेंट निकालने लगी....

आंटी ने जल्दी से मुझे नंगा कर दिया और मेरे लंड को हाथ मे थाम लिया....

आंटी- बेटा...ये तो आज और भी अच्छा लग रहा है...

मैं- बस आंटी ...आपके प्यार का असर है...आप बस ऐसे ही प्यार करते रहो...ये और भी अच्छा लगेगा...

आंटी ने एक प्यारी सी स्माइल दी और लंड के सुपाडे को अपनी जीभ से छेड़ने लगी...

मैं- ओह्ह..आंटी...अब आप भी तड़पाने लगी....

आंटी- नही बेटा...मैं नही तड़पाउन्गी....मुझे अब ये अंदर चाहिए...आओउउउम्म्म्म...

और आंटी ने सुपाडा मुँह मे भर लिया....और बड़े प्यार से चूसने लगी...
आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प

मैं-आआहह…अओंती…ईसस्स...

आंटी ने धीरे-धीरे आधे से ज़्यादा लंड मुँह मे भर लिया....

आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प

मैं-आअहह…..ऐसे ही आंटी...थोड़ा और...…आअहह…

आंटी-सस्रररुउुउउप्प्प्प्प्प….सस्स्स्र्र्ररुउुउउप्प्प…..उूुउउम्म्म्ममनममम….सस्स्र्र्ररुउउउप्प्प्प

मैं-आंटी …मज़ा आ गया…आअहह

थोड़ी देर की लंड चुसाइ मे मेरा लंड अपनी औकात पर आ गया...

और मैने आंटी की रोक कर उन्हे अपने उपेर आने का इशारा किया...


आंटी भी मेरी गोद मे आ कर अपने हाथ से लंड को चूत पर सेट कर के बैठने लगी...

आंटी- आअहह...

आंटी ने बैठते हुए पूरा लंड अपनी गीली चूत मे ले लिया...
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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जैसे ही आंटी ने मेरी आखो मे देखा तो वो थोड़ा सा शर्मा गई...तभी मैने नीचे से एक धक्का मार दिया...

आंटी- आअहह...

मैं- आंटी...मुझे तो आपकी गान्ड मारनी थी...और आपने...

आंटी- तो मार लेना बेटा...पहले चूत तो मार लो...

मैं- ह्म्म...ओके

और मैने आंटी की गान्ड पकड़ के धीरे-2 धक्के मारने शुरू कर दिए....

मैं- खुश हो आंटी...ह्म्म..

आंटी-आहह..आहह..हाँ बेटा...बहुत खुश….

और थोड़ी देर के बाद मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी....आंटी भी अब अपनी गान्ड उछाल कर मेरा साथ देने लगी....

आंटी- आअहह…अब मार ले मन भर के….आअहह..अहहह

मैं-आहह..आप तेज़ी से उछलो…मज़ा आ रहा है..आहह

आंटी- ये ले बेटा..आहह..आहह…ओर ज़ोर से..आहह

मैं- हाअ ऐसे ही ….जंप…आंटी जंप..

आंटी-आहह..आह..आह..आह..अहूहह..ऊहह

मैं-आहह…ज़ोर से..आंटी…आह…ज़ोर से….

हमारी चुदाई की स्पीड से सोफा भी आवाज़े निकाल रहा था...

थोड़ी देर बाद आंटी थकने लगी तो मैने आंटी को साथ ले कर पलट गया...

अब आंटी मेरे नीचे थी और मैं उपेर...मैने आंटी की टांगे हवा मे उठाई और धक्के मारने की स्पीड बढ़ा दी...
आंटी-आअहह…आहह…हहा…बेटा…ऐसे ही करो..आहह…
..आहहह…अहहह..यईएसस..सहहाः…ज्जॉर्र्र..ससी..आहहह…

मैं- हां आंटी…ये लो….यीहह…यीहह…

आंटी- अहः..उउंम…बेटा…हहूऊ…आअहह….बेटा……आऐईइईसीए हहीी…ययईसस…ज्जूओर्रर…ससीए…..एसस्सस्स…आअहह…आहहहह…

मैं- यस आंटी...ये लो...आप तो बहुत हॉट हो...ईएह...

आंटी- अहहह....आहह...बेटा...आहह......माअररर....माअररर...तीएज्ज्ज...

और इस दमदार चुदाई मे आंटी फिर से झड़ने लगी.....

आंटी-आअहह…आह...आहह...आह…म्मायन्न…आऐईइ…..बेटाअ....आ..आह...आऐईयईईईईई..

आंटी झड़ने लगी ओर चुदाई की आवाज़ बदलने लगी...

मैं- मैं भी आया आंटी...ईएहह...एसस्स..

आअहह…..आहहहह..ब्बीतता…ऊहह…म्मा..आहह…त्ततहुूप्प्प…कचहुप्प्प…..ईएहहाअ…आहह…त्ततहुूप्प्प…त्ततहुूप्प्प…
.फ़फफूूककचह…फ़फफूूककच….ऊओ…ईीस्स…यईीसस…आअहह….आंटी….यी ली….ऊओ……फफफफकक्चाआप्प्प….टतततुउउप्प…आहह…आईईईई..बीतता..

ऐसे ही आवाज़ो के साथ आंटी और मैं झड गये और फिर से किस करने लगे....
मैं- उउंम्म...आंटी...मज़ा आया...

आंटी- ह्म्म..सस्स्रररुउप्प्प...सस्ररुउप्प्प..

मैं- अब आपकी गान्ड मारनी है आंटी...

आंटी- तो जल्दी करना बेटा...वरना...

तभी हमें मेन गेट पर नॉक होने की आवाज़ आई और हम चौंक गये...

थोड़ी देर बार फिर से आवाज़ आई और इस बार गार्ड्स की आवाज़ भी आई...

आंटी- वो लोग आ तो नही गये...

मैं- इतनी जल्दी...नही...कुछ और बात होगी...मैं देखता हूँ...

और मैने जल्दी से टवल लपेटी और नीचे चला गया...

गेट खोलने पर गौर्ड़ ने बताया की बारिश की वजह से रास्ता खराब हो गया तो बाकी सब सुबह ही आएँगे....

मैने गेट वापिस लॉक किया और सोचने लगा कि साला चुदाई के चक्कर मे पता ही नही चला कि बारिश भी हो गई...

पर मैं खुश हो गया...अब तो रात भर आंटी की गान्ड मरूगा...

यही सोच कर मैं वापिस आने पलटा तो सीडीयों पर आंटी खड़ी हुई थी...

मैने देखा कि आंटी मुस्कुरा रही थी...सयद उन्होने भी गौर्ड़ की बात सुन ली थी...आंटी सिर्फ़ नाइट गाउन पहन के आ गई थी...

मैं सीडीओ पर गया और आंटी से बोलना चाहा पर आंटी पहले ही बोल पड़ी...

आंटी(मुस्कुरा कर)- मैने सब सुन लिया...

मैं- तो अब आज रात आप मेरी...

आंटी शरमा गई...

मैने जल्दी से अपनी टवल निकाल दी..और मेरा मुरझाया लंड आंटी के सामने आ गया ...

फिर मैने आंटी का गाउन निकाल दिया और उन्हे किस करने लगा...

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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आंटी- उउंम..रूम मे चलो बेटा...

मैं- नही आंटी...यही करते है...सेक्स मे मज़े भी लेना चाहिए...अलग-2 जगह...अलग-2 पोज़िशन मे...

आंटी- उउंम..पर यहाँ..

मैं- हा आंटी...यही...अब इसे खड़ा करो...

और मैने आंटी के बाजू मे खड़ा हो कर उन्हे घुटनो पर बैठा दिया...

आंटी भी चुप-चाप लंड मुँह मे भर के तैयार करने लगी....
आंटी- सस्ररुउउप्प्प...तुम तो पक्के खिलाड़ी लगते हो...सस्ररुउप्प्प...

मैं- वो तो सुबह आप ही बताना...आज रात भर खेल दिखाउन्गा...

और फिर आंटी ने मेरे लंड को चूस कर खड़ा करना शुरू कर दिया...

आंटी-सस्स्स्सुउउउप्प्प…ऊओंम्म….उउउंम्म….सस्स्रर्र्र्र्रप्प्प्प...उउंम्म..

मैं-आआहह…आंटी...जल्दी ही रेडी कर दिया...वाह...

आंटी-सस्स्स्र्र्ररुउउप्प्प…..ऊओंम्म….उउउंम्म…सस्स्रररुउउप्प....सस्ररुउउप्प...

मैं-आअहह…..बस आंटी..अब आपको मज़ा कराता हूँ...कुछ नया...

और मैने आंटी को रोका और सीडी पर बैठ गया...

फिर मैने आंटी को खड़ा किया और उनकी टाँगो के बीच मे मुँह लगा कर चूत चाटने लगा...

आंटी- आअहह..बेटा...तू तो ...ये कहाँ से सीखा...

मैं- सस्स्रररुउउप्प्प...सस्स्ररुउपप...आहह...आप देखती जाओ...मैने बहुत कुछ सीखा है...

और फिर से आंटी की चूत चुसाइ शुरू कर दी....

आंटी-आहह..आह..आ..ऊहह..म्माहह..बेटा…आअहह..

मैं-उउंम..सस्ररुउपप...उउंम्म..उउम्मह....

आंटी-आहह..बेटा...मेरा पानी... आहह....आहह…

मैं-उम्म्म…उउंम..उउंम्म..सस्ररुउउप्प्प....

आंटी-आअहह..मैइयैईंन…झड जाउन्गी..…बीटाअ…आअहह...

आंटी शायद ज़्यादा ही गरम हो गई थी...मैने चुसाइ छोड़ी और आंटी को अपनी गोद मे बैठा कर...वही सीडीओ पर उनकी चुदाई शुरू कर दी...
आंटी- आहह..बेटा...तू तो...आअहह...ज़ोर से...

मैं- बस आंटी...आप मज़ा करो..और फॅमिली के साथ रहो ..

आंटी- हाँ बेटा...मैं किसी के साथ कुछ नही करूगि...बस तुम करते रहना...

मैं- ह्म्म ..कभी-2 ...पर आज तो पूरी रात...

और मैने तेज़ी से धक्के लगाना शुरू कर दिया...

आंटी- बेटा..मैं आने वाली हूँ..

मैं- अभी नही आंटी...

और मैने आंटी की चूत से लंड निकाला और बिना देर किए आंटी की गान्ड फैला कर लंड को गान्ड मे डाल दिया...

आंटी- आहह...बता तो देता...

मैं- अब पता चल गया ना...

और मैने 3 धक्को मे पूरा लंड आंटी की गान्ड मे उतार दिया...

आंटी को भी ज़्यादा दर्द नही हुआ...और मैने आंटी के बूस दबाते हुए उनकी गान्ड मारना शुरू कर दिया...
थोड़ी देर बाद ही आंटी खुद उछल कर गान्ड मरवाने लगी....

मैं-ये लो आंटी..मज़ा करो...

आंटी-आअहह….हहाअ…म्माअर्ररूव…त्ट्तीएजज्ज़…ऊओ...

मैं-ओर तेज ये…ये लीयी…

आंटी-आअहह…म्माआ……आऐईयइ….हहाअ…ज्ज्ज्ूओर्र…
सस्ससे…बबबीएटत्त्ताअ…फ़ाआड़ द्दूव…उउउम्म्म्ममम...

आंटी गान्ड मरवाते हुए अपनी चूत भी मसल्ने लगी और मैं उनकी गान्ड पकड़ कर उन्हे तेज़ी से उछालने लगा...

थोड़ी ही देर बाद आंटी फिर से झड़ने लगी...

आंटी-आअहह…अहहह..उउउंम…ऊहह..ऊहह..ऊहह..
ऊहह…ज्ज्ज्ूओर्र…सीई…बबबीएटत्त्ताआअ….आाऐययईईई….
उूउउंम्म…आहह…आहह…आह….

जब आंटी झड गई तो थक कर शांत हो गई...
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Re: चूतो का समुंदर

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थोड़ी देर बाद मैने आंटी को साथ लिया और रूम मे आ गया...

मैं- अभी मेरा बाकी है आंटी...

और मैने आंटी को बेड झुका कर पीछे से गान्ड मारनी शुरू कर दी...
आंटी- ओह्ह्ह...बेटा...धीरे...आअहह..

मैं- सॉरी आंटी..अभी नही रुक सकता...

आंटी- आअहह...तो फिर मर...जैसे चाहे...

और मैं पूरी स्पीड से आंटी की गान्ड मारने लगा...

मेरे धक्को के साथ आंटी और बेड , दोनो आगे-पीछे हो रहे थे....

आंटी-आआहह…..आज तो...म्म्मागआररररर द्दददााालल्ल्ल्ल्ल्ल्लाआ...

मैं-यीहह…ऑर तेज
मैं-ययईएह….ययईईहह…यी…ल्ल्लीए…ऑर तीज्ज..हाँ..

आंटी-ऊओ….म्म्मागआ…आआहह….अहहाा..

मेरे जोरदार धक्के खा कर.. आंटी पूरी तरह बेड पर लेट गई थी...और गान्ड मरवाने का आनंद ले रही थी...

आंटी भी फिर से गरम हो गई और अपनी उंगली से अपनी चूत को चोदने लगी...

आंटी- आअहह..बेटा...मैं तो ...फिर से...आअहह...आऐईयइ...

और दमदार चुदाई मे आंटी फिर से झड़ने लगी...

मेरा भी अब होने वाला था..और मैने आंटी की गान्ड को पकड़ के तेज़ी से कई शॉट्स मारे और झड़ने लगा...

मैं- ऊहह...आंटी...मैं भी गया....

और मैने अपने लंड रस से आंटी की गान्ड भर दी...और लंड निकाल कर बेड पर बैठ गया...

मेरे हट ते ही आंटी भी पलट गई और सासे लेने लगी...

तभी अचानक से आंटी बैठ गई और उनके चेहरे पर डर ले भाव आ गये...

मैने आंटी की ऐसी हालत देखी तो उनकी नज़रों का पीछा किया...और वहाँ देख कर मैं भी घबरा गया....

मैं- तुम..यहाँ....कैसे....????
हमारे सामने इस वक़्त गुल खड़ी हुई थी....

हम दोनो ही उसे देख कर परेसान थे....क्योकि हम ने तो सोचा भी नही था कि गुल यहाँ आ सकती है....

एक तरफ मैं अपने मन मे सोचने लगा की अब गुल से किस तरीके से बात करूँ....उसे क्या समझाऊ...

वही सबनम आंटी का.माइंड फ्यूज़ हो गया था....वो एक टक लगाए गुल को ही देख रही थी....

सबनम आंटी के मुँह से एक शब्द भी नही निकल रहा था...शायद वो भी कुछ सोचने की कोसिस कर रही थी...

वही हमारे सामने खड़ी गुल हमे आँखे फाड़ कर देखने के बाद चोरी-चोरी मुस्कुरा रही थी....

पर अब तक गुल ने ना ही कुछ कहा था और ना ही उसके चेहरे पर गुस्से के भाव आए थे....

तभी महॉल को सम्हालने के लिए मैने गुल से बात करना ही ठीक समझा...

मैं- गुल...तुम यहाँ कैसे....??

गुल ने मेरी बात का कोई आन्सर नही दिया...बस मुझे एक स्माइल पास कर दी...

गुल की स्माइल देख कर ही मैं रिलॅक्स हो गया...मैं समझ गया कि गुल को कोई प्राब्लम नही हुई...

वैसे भी गुल को मेरा और ज़िया का रिश्ता भी पता था...और वो खुद भी चुप-चाप से मेरे लंड का मज़ा ले चुकी थी...

अब मैं गुल की तरफ से रिलॅक्स था...अब सिर्फ़ सबनम आंटी को रिलॅक्स करना था...इसलिए मैने आंटी से बात करनी शुरू की....

मैं- आंटी...आंटी...

आंटी- हूँ...क्या...अंकित...ये सब...गुल..यहाँ...अब क्या होगा....

आंटी हड़बड़ाते हुए रुक-रुक कर बोली और रोने लगी....

मैं(आंटी के कंधे पर हाथ रख कर)- रिलॅक्स आंटी..कुछ नही हुआ...और कुछ होगा भी नही....

आंटी- पर...गुल...वो..यहाँ...नही अंकित...अब कुछ नही हो सकता...मैं तो गई...

मैने आंटी के दोनो कंधो को पकड़ा और अपने सीने से चिपका लिया...

आंटी के बूब्स मेरे सीने पर दस्तक देने लगे और गुल एक बार फिर से हमे देख कर स्माइल करने लगी...
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Re: चूतो का समुंदर

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मैं- बस आंटी...चुप...कुछ नही होगा...

आंटी- पर बेटा..वो ...गुल.....

मैं- सस्शहीए....बिल्कुल चुप...मैं हूँ ना....

आंटी- ह्म्म..पर...

मैं- बस...मेरा साथ दो...सब ठीक होगा....ट्रस्ट मी....

और मैने आंटी को अलग कर के उनके होंठो को चूसना शुरू कर दिया....

आंटी अभी इसके लिए तैयार नही थी...पर मुझ पर भरोशा कर के हल्का -हल्का रेस्पोन्स देने लगी....

हम धीरे-धीरे किस के रंग मे रंगने लगे और गुल हमे देखती हुई खुश होती रही...

थोड़ी देर तक किस करने के बाद ..जब मुझे लगा कि आंटी गरम होने लगी है ..तो मैने गुल को आँखो से पास आने का इशारा कर दिया....

मैं जानता था कि गुल मना नही करेगी...क्योकि वो भी गरम हो चुकी थी....

जैसे ही गुल बेड के करीब आई तो मैने अपने हाथ आंटी के जिस्म से हटा लिए और एक हाथ से गुल के एक बूब्स को दबाने लगा...

आंटी भी अभी मुझे किस कर रही थी...पर तिरछी निगाहो से गुल को भी देख रही थी...

आंटी अभी भी डरी हुई थी...और उनका डर ख़त्म करने के लिए मैने गुल की नाइटी को नीचे से उठाना चालू किया...

गुल मेरी इक्षा समझ गई और मेरा साथ देते हुए अपनी नाइटी को खुद ही निकाल दिया...

अब गुल मेरे पास ब्रा-पैंटी मे खड़ी हुई थी...

आंटी अभी भी किस करने मे और गुल को देखने मे बिज़ी थी...

मैने गुल को अपने पास खीच लिया और गुल घुटनो के बल बेड पर आ गई...

गुल के आते ही मैने अपना एक हाथ गुल की पैंटी पर रख दिया और उसकी चूत मसल्ने लगा....

गुल- आअहह.....गुल के मुँह से सिसकी निकलते ही आंटी का डर तोड़ा कम हुआ...और अब वो किस से ज़्यादा गुल पर ध्यान देने लगी...

थोड़ी देर तक गुल की चूत मसल्ते ही गुल पूरी तरह से गरम हो गई और सिसकते हुए चूत से पानी बहाने लगी....

वहाँ आंटी भी गुल की मादक सिसकारिया सुनकर गरम हो गई थी...

मैने मौका देख कर चौका मारने का तय किया और लेट गया...

लेट कर मैने गुल को खींच कर अपने लंड की तरफ कर दिया और दूसरी तरफ आंटी को भी लंड पर झुका दिया....

अब आंटी और गुल आमने-सामने थी...और उनके बीच मे मेरा आधा खड़ा हुआ लंड....

दोनो ही लंड को चूसने के लिए गरम थी...पर एक दूसरे से हिचकिचा रही थी...

मैने देखा कि गुल और आंटी एक-दूसरे की आँखो मे झाँक रही है..शायड यही सोच रही थी कि पहले कौन...

मैं- अब तुम दोनो शुरू करो...वरना मैं चला....


मैं जानता था कि अब तक दोनो इतनी गरम हो चुकी थी की मुझे जाने नही देती...

अचानक से आंटी और गुल एक -दूसरे को देखते हुए मेरे लंड पर झुकी और अपनी जीभ फिराने लगी....

गुल की जीभ लंड के टोपे पर थी और आंटी के हिस्से मे बॉल्स थी...

आंटी- सस्स्रररुउउउप्प्प्प...सस्स्रररुउउप्प्प्प...

गुल- सस्स्रररुउउउप्प्प्प...एयेए...सस्स्रररुउउप्प्प्प....

मैं- ह्म्म्मर...कम ऑन....जल्दी से.....

थोड़ी देर तक दोनो मेरे लंड पर जीभ फिराती रही...पर एक दूसरे से नज़रे नही हटाई...

उनकी जीभ के जादू से मेरे लंड ने उफान मारना शुरू कर दिया...और देखते ही देखते मेरा लंड टाइट हो कर उनकी आँखो से सामने खड़ा हो गया....

मैं- आहह..अब चाट कर ही काम चलाओगी क्या...शर्म छोड़ो और चूसना शुरू करो...कम ऑन...

मैं जानभुज कर ऐसी बाते कर रहा था कि दोनो मेरे सामने खुल जाए और शरमाना छोड़ कर छुदाई का मज़ा ले...

मेरे कहने के बाद आंटी ने हिम्मत की और लंड को मुँह मे भर लिया...

मैं- आहह...गुल डार्लिंग...मेरी बॉल्स भी है...शुरू हो जाओ...

गुल ने एक स्माइल दी और मेरी बॉल्स को चूसना शुरू कर दिया...
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