चूतो का समुंदर
- Ankit
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- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: चूतो का समुंदर
bhai kya hua ...............ha ha ha
thanks bhai logo
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
रिचा के घर...............
रिचा के बेहोश होने के करीब 30-40 मिनट बाद उसे होश आया...और होश मे आते ही वो झटके से बैठ गई और फिर से रोने लगी.....
मैं- ये ..रोना-धोना बाद मे.....चल पानी पी ले....दे रफ़्तार....इसे पानी दे.....
रफ़्तार ने तुरंत रिचा को पानी पिलाया और वापिस अपनी जगह बैठ गया.....
रिचा(रफ़्तार को घूरते हुए)- तुम...
मैं(सीप मार कर)- आहह...ऐसे मत देख....ये मेरे साथ है...या यू कहूँ कि मेरे साथ ही था....
रिचा(रफ़्तार को गुस्से से देख कर)- कब्से....
मैं- कब्से, कैसे, क्यो....ये सब छोड़...बस ये समझ ले कि रफ़्तार ही वो मोहरा है...जिसने तेरे प्लान की धज्जियाँ उड़ा दी...और मेरे प्लान को कामयाब कर दिया....
मेरी बात सुन कर रिचा मुझे हैरानी से देखने लगी...जबकि मैं अपना पेग लगाता रहा....
मैं(पेग ख़त्म कर के)- उउंम...ज़्यादा हैरान होने की ज़रूरत नही....मैं हूँ ना...मैं तुझे सब बताता हूँ...सब ...ओके....
और फिर रिचा की आँखे मुझ पर गढ़ गई और वो मेरे बोलने का इंतज़ार करने लगी.....
मैं- तो सुन...असल मे रफ़्तार को जैल से निकालने वाला मैं ही था....और उसके बाद इसे तेरे पास भेजने वाला भी मैं ही था....
इसके बाद का तो तुझे पता ही है...फिर भी बताता हूँ....
जब तूने अपने बॉस के साथ मिल कर अपनी ही बेटी की झूठी किडनेपिंग और मौत का प्लान बनाया तो रफ़्तार ने मुझे सारी बात बता दी....
तभी मैने तेरे प्लान के जवाब मे एक दूसरा प्लान बना डाला....जिसका अंजाम तेरे लिए बहुत बुरा हुआ....है ना....
जहा तूने पोलीस से सेट्टिंग कर के मुझे मर्डर के इल्ज़ाम मे अंदर करने का प्लान किया....वही मैने भी पोलीस को सेट कर के एक रियल मर्डर को झूठा साबित कर दिया....
रिचा(चौंक कर)- झूठा मर्डर....
मैं- चौंक मत...झूठा मर्डर तो तेरे सामने है....ये लाश...जो मुर्दाघर से लाई गई थी और इसे रिया का मास्क पहनाया गया था....
असल मे...मैने पोलीस को ये बताया कि जो लाश जली है...वो ही नकली है....जबकि असलियत ये है कि जलने वाली लाश नकली नही थी...नकली लाश तो तेरे सामने पड़ी है....आइ मीन नकली रिया की लाश....
रिचा(सुबक्ते हुए)- तो क्या....रिया..मेरी बेटी....वो...वो कहाँ है....
मैं(रिचा को घूर कर)- वो तो जल चुकी है....(चिल्ला कर)- हाँ....वो लाश असली रिया की थी....असली रिया की ......हाहहाहा......
रिचा- न्नहिी....ये नही हो सकता...मेरी बेटी...वो नही मर सकती...तुम झूठ बोल रहे हो...झूट....
मैं(चिल्ला कर)- नही...यही सच है....जब मैने तेरा प्लान सुना तो तभी मैने तुझे सबक सिखाने का सोच लिया था....और उसका नतीजा ये निकला कि रफ़्तार ने रिया को मार डाला और उसे नकली रिया बता कर तेरे पास ले आया....
रिचा( बदहवास हो कर) - नही...ये नही हो सकता...रिया...रिया नही मर सकती...मेरी बेटी नही मर सकती...
मैं(खड़ा हो कर, गुस्से से)- वो मर चुकी है....और उसकी मौत की ज़िम्मेदार तू है...तुउुुउउ.....
रिचा(चीख कर)- न्न्नहिईीईईई.....ये नही हो सकता...कभी नही हो सकता....कभी नही.....
मैं(ज़ोर से)- हाँ...और चिल्ला....ज़ोर से चिल्ला....पर तेरे चिल्लाने से क्या होगा....तेरी बेटी वापिस भी आयगी....वो तो मर गई....गई वो....हमेशा के लिए....समझी....
रिचा पलक झपकते ही उठी और मेरे उपर झपट पड़ी और मेरी कॉलर पकड़ जर चीखने लगी.....
रिचा- कमीने....मैं तेरी जान ले लूगी....नही छोड़ुगी तुझे....नही छोड़ुगी.....
मैं(रिचा को धक्का मार कर)- चल हट....मर गये मुझे मारने वाले....तू क्या मारेगी मुझे...साली रंडी....ये रफ़्तार....पेग बना....फिर इस रंडी का मज़ा लेते है...बना एक हार्ड पेग....
मेरे बोलते ही रफ़्तार ने पेग बना दिया और मैने पेग गटक कर रिचा को उठाया और उसके गालो पर 3-4 थप्पड़ खीच दिए.....
मैं- अब बोल रंडी...क्या बक रही थी...मुझे मारेगी...मुझे.....
रिचा(रोते हुए)- मेरी बच्ची....आआ....मेरी बच्ची.....
मैं(रिचा को छोड़ कर)- क्या रोना लगा रखा है...चल आजा...और लंड का मज़ा ले ....यही पसंद है ना तुझे...चल आजा....आज तेरी बेटी के गम मे तेरी गान्ड फाड़ता हूँ...आजा....
मेरी बात सुन कर रिचा सिर झुका कर ज़ोर से रोने लगी.....
मैं- हाहाहा....तू सच मे दुखी है या ये भी एक ड्रामा है...हाँ....
रफ़्तार- अंकित....वो सच मे दुखी है...
मैं- अरे रफ़्तार....इसके आँसुओ पर मत जाओ....ये साली इतनी बड़ी रंडी है कि...कि इसने चुदवाने के बाद नंगे ही बैठे हुए....अपने...अपने बाप को गोली मार दी थी....
मेरी बात से रफ़्तार चौंक गया....पर रिचा रोती ही रही....
मैं- और...और तो और....इस रंडी ने अपने यार के लंड पर बैठ कर अपने...अपने पति को मारा था.....हाँ....इतनी बड़ी रंडी है ये....समझा.....
इस बात पर रफ़्तार के साथ-साथ रिचा मुझे घूर कर देखने लगी.....
मैं(रिचा को देख कर)- एयेए...क्या हुआ....यही सोच रही है ना कि मुझे कैसे पता.....तो सुन...दीपा....दीपा याद है ना....ये उसी ने बताया....समझी.....
रफ़्तार- सच मे....ये तो बड़ी रंडी है....
मैं- अरे इतना भी कम है...इसका बस चलता तो ये तेरा लंड गांद मे लिए हुए अपनी बेटी को भी मार देती....
मेरा इतना बोलना था कि रिचा मुझ पर फिर से झपट पड़ी...पर मैं तैयार था...इसलिए मैने उसे वापिस धक्का दे दिया....
मैं- हॅट साली ....सच बोला तो गांद मे कीड़े उठने लगे...हाँ....
रिचा- बस....बस करो....और नही...
मैं- अभी बस कैसे...अभी तो बहुत कुछ बाकी है...तेरी बेटी की आत्मा ये सुन कर खुश हो जाएगी.....है ना....
रिचा(चिल्ला कर)- बस करो.....आअहह...सच...सच जानना चाहते हो ना....चाहते हो ना....तो सुनो....और सुन कर तुम ही फ़ैसला करना की सही कौन और ग़लत कौन.....
रिचा की बात सुन कर मैं शांत हो गया और रिचा के बोलने का इंतज़ार करने लगा.......
रिचा(अपने आपको संभाल कर)- तो तुम मेरे बारे मे जानना चाहते हो...सच सुनना चाहते हो...है ना....
मैं(बैठ कर)- ह्म्म...सही सुना....मैं बेताब हूँ तुम्हारी सच्ची कहानी सुनने के लिए....
रिचा(मुझे घूर कर)- वैसे तो तुम मेरे बारे मे काफ़ी कुछ जानते हो...पर क्या तुमने कभी ये सोचा कि जो तुम जानते हो ...वो सच है या झूठ....
मैं(गुस्से से)- आँखो देखा तो झूठ नही हो सकता ना.....क्यो...??
रिचा- कभी..कभी आँखो देखा भी झूठ हो सकता है....क्योकि आँखे जो देखती है...उसी को सच मान लेती है...और कुछ सोचती ही नही.....
मैं- क्या बकवास है....तुम कहना चाहती हो कि वो वीडियो....तुम्हारा रंडी जैसा रूप....ये सब झूठ है...हाँ...
रिचा- नही...ये सब सच है...पर हर एक बात की कोई ना कोई वजह होती है....और एक वजह ही इंसान से कोई काम करती है...अच्छा भी और बुरा भी.....
मैं(पैर पर पैर चढ़ा कर)- ह्म...तेरी बात मे दम तो है...तो...बताओ फिर....तुम्हारे इन कारनामो के पीछे क्या वजह थी...ह्म....
रिचा(गुस्से से)- सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा खानदान ....तेरा दादा, तेरा बाप, तेरी बुआ....और अब तू....
मैं(गुस्से से)- अच्छा....मेरे परिवार ने तुमसे कहा था कि तू रंडी बन जा...तू अपने बाप और पति को मार दे ...और अपनी बेटी को भी....हाँ...हम ने बोला था....
रिचा- कुछ काम बोलने से नही होते....हालात से मजबूर हो कर भी हो जाते है....
मैं- तो हालात की ग़लती हुई ना....मेरे परिवार की कहाँ से हो गई...
रिचा(ज़ोर से)- वो हालात उनलोगो ने ही पैदा किए थे...समझे.....
मैं(रिलॅक्स हो कर)- तो फिर बताओ....क्या हालात थे वो...जिसने तुझे इस नरक मे ला कर खड़ा कर दिया....
रिचा(तुनक कर)- सुनोगे ना...तो दिमाग़ हिल जायगा....और अपने परिवार से भी नफ़रत हो जाएगी....
मैं- ओह्ह..ऐसा क्या...फिर तो मैं ज़रूर जानना चाहूगा...आख़िर मुझे भी तो पता चले कि मेरे अपनो ने ऐसा क्या कर दिया जो तुम इस घटिया रास्ते पर चल पड़ी...ह्म्म...चलो बकवास बंद करो और सच्चाई बयान करो....शुरू हो जाओ....
और फिर थोड़ी देर खामोश रहने के बाद रिचा ने अपनी कहानी बताना शुरू कर दी......
रिचा के बेहोश होने के करीब 30-40 मिनट बाद उसे होश आया...और होश मे आते ही वो झटके से बैठ गई और फिर से रोने लगी.....
मैं- ये ..रोना-धोना बाद मे.....चल पानी पी ले....दे रफ़्तार....इसे पानी दे.....
रफ़्तार ने तुरंत रिचा को पानी पिलाया और वापिस अपनी जगह बैठ गया.....
रिचा(रफ़्तार को घूरते हुए)- तुम...
मैं(सीप मार कर)- आहह...ऐसे मत देख....ये मेरे साथ है...या यू कहूँ कि मेरे साथ ही था....
रिचा(रफ़्तार को गुस्से से देख कर)- कब्से....
मैं- कब्से, कैसे, क्यो....ये सब छोड़...बस ये समझ ले कि रफ़्तार ही वो मोहरा है...जिसने तेरे प्लान की धज्जियाँ उड़ा दी...और मेरे प्लान को कामयाब कर दिया....
मेरी बात सुन कर रिचा मुझे हैरानी से देखने लगी...जबकि मैं अपना पेग लगाता रहा....
मैं(पेग ख़त्म कर के)- उउंम...ज़्यादा हैरान होने की ज़रूरत नही....मैं हूँ ना...मैं तुझे सब बताता हूँ...सब ...ओके....
और फिर रिचा की आँखे मुझ पर गढ़ गई और वो मेरे बोलने का इंतज़ार करने लगी.....
मैं- तो सुन...असल मे रफ़्तार को जैल से निकालने वाला मैं ही था....और उसके बाद इसे तेरे पास भेजने वाला भी मैं ही था....
इसके बाद का तो तुझे पता ही है...फिर भी बताता हूँ....
जब तूने अपने बॉस के साथ मिल कर अपनी ही बेटी की झूठी किडनेपिंग और मौत का प्लान बनाया तो रफ़्तार ने मुझे सारी बात बता दी....
तभी मैने तेरे प्लान के जवाब मे एक दूसरा प्लान बना डाला....जिसका अंजाम तेरे लिए बहुत बुरा हुआ....है ना....
जहा तूने पोलीस से सेट्टिंग कर के मुझे मर्डर के इल्ज़ाम मे अंदर करने का प्लान किया....वही मैने भी पोलीस को सेट कर के एक रियल मर्डर को झूठा साबित कर दिया....
रिचा(चौंक कर)- झूठा मर्डर....
मैं- चौंक मत...झूठा मर्डर तो तेरे सामने है....ये लाश...जो मुर्दाघर से लाई गई थी और इसे रिया का मास्क पहनाया गया था....
असल मे...मैने पोलीस को ये बताया कि जो लाश जली है...वो ही नकली है....जबकि असलियत ये है कि जलने वाली लाश नकली नही थी...नकली लाश तो तेरे सामने पड़ी है....आइ मीन नकली रिया की लाश....
रिचा(सुबक्ते हुए)- तो क्या....रिया..मेरी बेटी....वो...वो कहाँ है....
मैं(रिचा को घूर कर)- वो तो जल चुकी है....(चिल्ला कर)- हाँ....वो लाश असली रिया की थी....असली रिया की ......हाहहाहा......
रिचा- न्नहिी....ये नही हो सकता...मेरी बेटी...वो नही मर सकती...तुम झूठ बोल रहे हो...झूट....
मैं(चिल्ला कर)- नही...यही सच है....जब मैने तेरा प्लान सुना तो तभी मैने तुझे सबक सिखाने का सोच लिया था....और उसका नतीजा ये निकला कि रफ़्तार ने रिया को मार डाला और उसे नकली रिया बता कर तेरे पास ले आया....
रिचा( बदहवास हो कर) - नही...ये नही हो सकता...रिया...रिया नही मर सकती...मेरी बेटी नही मर सकती...
मैं(खड़ा हो कर, गुस्से से)- वो मर चुकी है....और उसकी मौत की ज़िम्मेदार तू है...तुउुुउउ.....
रिचा(चीख कर)- न्न्नहिईीईईई.....ये नही हो सकता...कभी नही हो सकता....कभी नही.....
मैं(ज़ोर से)- हाँ...और चिल्ला....ज़ोर से चिल्ला....पर तेरे चिल्लाने से क्या होगा....तेरी बेटी वापिस भी आयगी....वो तो मर गई....गई वो....हमेशा के लिए....समझी....
रिचा पलक झपकते ही उठी और मेरे उपर झपट पड़ी और मेरी कॉलर पकड़ जर चीखने लगी.....
रिचा- कमीने....मैं तेरी जान ले लूगी....नही छोड़ुगी तुझे....नही छोड़ुगी.....
मैं(रिचा को धक्का मार कर)- चल हट....मर गये मुझे मारने वाले....तू क्या मारेगी मुझे...साली रंडी....ये रफ़्तार....पेग बना....फिर इस रंडी का मज़ा लेते है...बना एक हार्ड पेग....
मेरे बोलते ही रफ़्तार ने पेग बना दिया और मैने पेग गटक कर रिचा को उठाया और उसके गालो पर 3-4 थप्पड़ खीच दिए.....
मैं- अब बोल रंडी...क्या बक रही थी...मुझे मारेगी...मुझे.....
रिचा(रोते हुए)- मेरी बच्ची....आआ....मेरी बच्ची.....
मैं(रिचा को छोड़ कर)- क्या रोना लगा रखा है...चल आजा...और लंड का मज़ा ले ....यही पसंद है ना तुझे...चल आजा....आज तेरी बेटी के गम मे तेरी गान्ड फाड़ता हूँ...आजा....
मेरी बात सुन कर रिचा सिर झुका कर ज़ोर से रोने लगी.....
मैं- हाहाहा....तू सच मे दुखी है या ये भी एक ड्रामा है...हाँ....
रफ़्तार- अंकित....वो सच मे दुखी है...
मैं- अरे रफ़्तार....इसके आँसुओ पर मत जाओ....ये साली इतनी बड़ी रंडी है कि...कि इसने चुदवाने के बाद नंगे ही बैठे हुए....अपने...अपने बाप को गोली मार दी थी....
मेरी बात से रफ़्तार चौंक गया....पर रिचा रोती ही रही....
मैं- और...और तो और....इस रंडी ने अपने यार के लंड पर बैठ कर अपने...अपने पति को मारा था.....हाँ....इतनी बड़ी रंडी है ये....समझा.....
इस बात पर रफ़्तार के साथ-साथ रिचा मुझे घूर कर देखने लगी.....
मैं(रिचा को देख कर)- एयेए...क्या हुआ....यही सोच रही है ना कि मुझे कैसे पता.....तो सुन...दीपा....दीपा याद है ना....ये उसी ने बताया....समझी.....
रफ़्तार- सच मे....ये तो बड़ी रंडी है....
मैं- अरे इतना भी कम है...इसका बस चलता तो ये तेरा लंड गांद मे लिए हुए अपनी बेटी को भी मार देती....
मेरा इतना बोलना था कि रिचा मुझ पर फिर से झपट पड़ी...पर मैं तैयार था...इसलिए मैने उसे वापिस धक्का दे दिया....
मैं- हॅट साली ....सच बोला तो गांद मे कीड़े उठने लगे...हाँ....
रिचा- बस....बस करो....और नही...
मैं- अभी बस कैसे...अभी तो बहुत कुछ बाकी है...तेरी बेटी की आत्मा ये सुन कर खुश हो जाएगी.....है ना....
रिचा(चिल्ला कर)- बस करो.....आअहह...सच...सच जानना चाहते हो ना....चाहते हो ना....तो सुनो....और सुन कर तुम ही फ़ैसला करना की सही कौन और ग़लत कौन.....
रिचा की बात सुन कर मैं शांत हो गया और रिचा के बोलने का इंतज़ार करने लगा.......
रिचा(अपने आपको संभाल कर)- तो तुम मेरे बारे मे जानना चाहते हो...सच सुनना चाहते हो...है ना....
मैं(बैठ कर)- ह्म्म...सही सुना....मैं बेताब हूँ तुम्हारी सच्ची कहानी सुनने के लिए....
रिचा(मुझे घूर कर)- वैसे तो तुम मेरे बारे मे काफ़ी कुछ जानते हो...पर क्या तुमने कभी ये सोचा कि जो तुम जानते हो ...वो सच है या झूठ....
मैं(गुस्से से)- आँखो देखा तो झूठ नही हो सकता ना.....क्यो...??
रिचा- कभी..कभी आँखो देखा भी झूठ हो सकता है....क्योकि आँखे जो देखती है...उसी को सच मान लेती है...और कुछ सोचती ही नही.....
मैं- क्या बकवास है....तुम कहना चाहती हो कि वो वीडियो....तुम्हारा रंडी जैसा रूप....ये सब झूठ है...हाँ...
रिचा- नही...ये सब सच है...पर हर एक बात की कोई ना कोई वजह होती है....और एक वजह ही इंसान से कोई काम करती है...अच्छा भी और बुरा भी.....
मैं(पैर पर पैर चढ़ा कर)- ह्म...तेरी बात मे दम तो है...तो...बताओ फिर....तुम्हारे इन कारनामो के पीछे क्या वजह थी...ह्म....
रिचा(गुस्से से)- सिर्फ़ और सिर्फ़ तुम्हारा खानदान ....तेरा दादा, तेरा बाप, तेरी बुआ....और अब तू....
मैं(गुस्से से)- अच्छा....मेरे परिवार ने तुमसे कहा था कि तू रंडी बन जा...तू अपने बाप और पति को मार दे ...और अपनी बेटी को भी....हाँ...हम ने बोला था....
रिचा- कुछ काम बोलने से नही होते....हालात से मजबूर हो कर भी हो जाते है....
मैं- तो हालात की ग़लती हुई ना....मेरे परिवार की कहाँ से हो गई...
रिचा(ज़ोर से)- वो हालात उनलोगो ने ही पैदा किए थे...समझे.....
मैं(रिलॅक्स हो कर)- तो फिर बताओ....क्या हालात थे वो...जिसने तुझे इस नरक मे ला कर खड़ा कर दिया....
रिचा(तुनक कर)- सुनोगे ना...तो दिमाग़ हिल जायगा....और अपने परिवार से भी नफ़रत हो जाएगी....
मैं- ओह्ह..ऐसा क्या...फिर तो मैं ज़रूर जानना चाहूगा...आख़िर मुझे भी तो पता चले कि मेरे अपनो ने ऐसा क्या कर दिया जो तुम इस घटिया रास्ते पर चल पड़ी...ह्म्म...चलो बकवास बंद करो और सच्चाई बयान करो....शुरू हो जाओ....
और फिर थोड़ी देर खामोश रहने के बाद रिचा ने अपनी कहानी बताना शुरू कर दी......
- shubhs
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- Joined: 19 Feb 2016 06:23
Re: चूतो का समुंदर
देखो कय्या सच है क्या झूट
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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- Ankit
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