चूतो का समुंदर
- shubhs
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Re: चूतो का समुंदर
Good
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
shubhs wrote:Good
thanks bro
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
थोड़ी देर तक उस लेडी ने बड़े मस्त तरीके से लंड चूसा....उसकी लंड चुसाइ देख कर सॉफ पता चल रहा था कि वो एक एक्सपर्ट खिलाड़ी है....
जब उसने लंड चूस कर तैयार कर दिया तो मैने उसे रोक दिया...
मैं- मॅम ...आज आपको लंड से स्पेशल मैसेज दूँगा....खास तरह का...
लेडी- और ख़ासियत है क्या..??
मैं- आप बस देखती जाओ...आपकी बॉडी की पूरी मासपेशी मूव होगी और आपकी बॉडी की जकड़न दूर हो जायगी...
लेडी- ह्म्म..तो फिर देर किस बात की...
मैने भी जल्दी से उसकी चूत की तरफ जाकर पोज़िशन ली और उसकी टांगे खोल कर लंड सेट किया और एक धक्के मे ही आधा लंड अंदर डाल दिया...
उसे भी कोई तकलीफ़ नही हुई...एक तो चुदि हुई छूट और उपेर से लोशन की मालिश से चूत चिकनी हो गई थी...
मैने फिर से टांगे पकड़ कर दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड अंदर चला गया....
इस धक्के पर उसके मुँह से आ निकल गई...
लेडी- आअहह...लंबा है...उउंम्म..
मैं- आपकी चूत भी गहरी है मॅम ...
लेडी(मुस्कुरा कर)- ह्म्म..अब ड्रिलिंग शुरू करो...
उसका इशारा मिलते ही मैने उसकी जाघे पकड़ी और तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी...
लेडी- आ..आहह..आहह..उउंम..आआ..
मैं- लाइक इट मॅम...ह्म्म..
लेडी- यप...फक...फक्क...आहह...
मैं- यस..टेक इट...यह...
मैं थोड़ी देर तक उसे तेज़ी से चोदता रहा और फिर उसकी जाघो को पकड़ कर उसे टेबल के किनारे खीच लिया और उसकी टाँगो को हवा मे उठा कर उसको तेज़ी से चोदने लगा...
लेडी- आहह...फक मॅम...फक..हार्डर...यस...येस्स..
मैं- यस बेबी...टेक इट...यह...यस..यस..येस्स...
मैं काफ़ी देर से एक्शिटेड था इसी वजह से ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था ...जिससे टेबल भी उसकी गान्ड के साथ आगे-पीछे हो रही थी.....
थोड़ी देर चोदने के बाद मैं फिर से रुक गया और उसे खीचकर नीचे खड़ा किया और झुका कर एक झटके मे लंड को चूत मे डाल दिया...
लेडी- आहह...इतनी जल्दी मे क्यो..आहह
मैं- ऐसे पोज़ चेंज करते हुए चुदाइ करने से मज़ा बढ़ जाता है और आपकी बॉडी को ज़्यादा मूव्मेंट मिलेगा...गुड फॉर सेक्स..
लेडी- ह्म्म..करते रहो...उम्म...
मैने जल्दी से उसके हाथो को पकड़ा और तेज़ी से लंड पेलने लगा...
अब चुदाई का मज़ा बढ़ रहा था..मेरी जाघे उसकी मोटी जाघो का चुंबन करने लगी और आवाज़े बढ़ने लगी...
लेडी- यस...फक मी हार्ड...डीपर ...यस..येस...आअहह...
मैं- ये ले...यह...टेक इट बेबी...हियर वी गो...
मैं आन हार्ड फक्किंग किए जा रहा था और वो आवाज़े करती हुई झड़ने लगी...
लेडी- येस मॅन...फक..फक.फक..ऊहह...
मैं- यह...यीहह...
लेडी- ओह..माइ...ओह...फीलिंग गॉइड...कोँमिंग...आहह...कोँमिननन्ज्ग....
और वो झड गई...उसके झड़ने के बाद भी मैं उसे दम से चोदता रहा....
फिर मैने उसे छोड़ा और टेबल पर लिटा दिया...
लेडी- अब मेरी बारी....सवारी करनी है मुझे...
मैं- ओके...आ जाओ फिर...
मैं टेबल पर लेट गया और वो घुटनो के बल मेरे लंड को चूत मे ले कर बैठ गई और गान्ड घुमाने लगी....
लेडी- यू आर सो गुड...
मैं- ह्म..अब सवारी शुरू करो...
और फिर वो उछल- उछल के लंड चूत मे खाने लगी...
लेडी- यस..यस..यस...आह..आहह..
मैं- यह बेबी...जंप..जंप...
लेडी- यस..यस..यस..आअहह..यस...
मैं- हार्डर बेबी....हार्डर...जंप..यह....
वो पूरी मस्ती मे गान्ड उछाल कर चुदवा रही थी..थोड़ी देर बार वो थकने लगी और मेरे उपेर झुक गई...
मैने उसके बूस को चूसना शुरू कर दिया और साथ मे नीचे से धक्के मारने लगा...
लेडी- येस्स..सक इट मॅन..उउंम..आहह ....यस..यस...येस्स ...
मैं- उम्म..उउंम..उउंम.आ..उउंम..
लेडी- फक मी...यस...यस..ओह्ह..ओह्ह.ओह्ह..
ऐसे ही थोड़ी देर तक उसे अपने लंड की सवारी करवाता रहा और फिर जब मुझे लगा कि मैं झड़ने के करीब हूँ तो मैने उसे वापस टेबल पर लिटा दिया ..
फिर मैं भी उसके पीछे लेट गया और मैने उसे अपने पास खीचा और लंड को चूत मे डाल दिया....
लेडी ने भी अपनी एक टाँग को पकड़ कर हवा मे उठा लिया और फिर मैने दमदार चुदाई शुरू कर दी....
लेडी- आआहब ...आहह ...फक..यस..आहह..
मैं- यस..येस..टेक इट...यहह...
लेडी-यस...फक..फक युवर बिच...येस्स..ओह्ह..कमिंग...कमिंग...
मैं- येस...मी टू....सीममूँग..बेबी...यह..यह...
और हम दोनो साथ मे झड़ने लगे और चुदाई का संग्राम समाप्त हो गया...
झड़ने के बाद वो लेट गई..और मैने हमारे कामरस से सने हुए लंड को उसके मुँह के पास ले गया ...
उसने बिना देरी किए मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू किया और सॉफ कर दिया...
लेडी- उम्म...यू आर सो गुड ..मीट मी अगेन...
मैं- ओके...पर यहाँ नही...आप नो. दे दो...हम कहीं और मिलेगे....
लेडी- ह्म्म..ये लो...कॉल मे...ओके
फिर वो रेडी हुई और निकल गई....
मैं वही बैठ के रेस्ट करने लगा....
उसके जाते ही रिसेप्षन वाली लड़की रूम मे आ गई...
लड़की- कैसे है सर...ओह...वेरी गुड..
मैं- क्या..
लड़की- आपका...वो...
मैं- ओह्ह..आर..एक मिनट...
मैने जल्दी से टवल लंड पर डाल लिया...
लड़की- रहने दो ना...
मैं- क्यो...लेना है क्या...
लड़की(शरमा कर)- ड्यूटी पर नही होती तो ले भी लेती...
मैं- तो घर चल के ले लो...
लड़की- ह्म्म..आप चलेगे मेरे घर...
मौन- हाँ क्यो नही...तुम रेडी हो तो मैं भी...
लड़की- ओके...15 मिनट बाद चलते है....
मैं- ओके...
जब उसने लंड चूस कर तैयार कर दिया तो मैने उसे रोक दिया...
मैं- मॅम ...आज आपको लंड से स्पेशल मैसेज दूँगा....खास तरह का...
लेडी- और ख़ासियत है क्या..??
मैं- आप बस देखती जाओ...आपकी बॉडी की पूरी मासपेशी मूव होगी और आपकी बॉडी की जकड़न दूर हो जायगी...
लेडी- ह्म्म..तो फिर देर किस बात की...
मैने भी जल्दी से उसकी चूत की तरफ जाकर पोज़िशन ली और उसकी टांगे खोल कर लंड सेट किया और एक धक्के मे ही आधा लंड अंदर डाल दिया...
उसे भी कोई तकलीफ़ नही हुई...एक तो चुदि हुई छूट और उपेर से लोशन की मालिश से चूत चिकनी हो गई थी...
मैने फिर से टांगे पकड़ कर दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड अंदर चला गया....
इस धक्के पर उसके मुँह से आ निकल गई...
लेडी- आअहह...लंबा है...उउंम्म..
मैं- आपकी चूत भी गहरी है मॅम ...
लेडी(मुस्कुरा कर)- ह्म्म..अब ड्रिलिंग शुरू करो...
उसका इशारा मिलते ही मैने उसकी जाघे पकड़ी और तेज़ी से चुदाई शुरू कर दी...
लेडी- आ..आहह..आहह..उउंम..आआ..
मैं- लाइक इट मॅम...ह्म्म..
लेडी- यप...फक...फक्क...आहह...
मैं- यस..टेक इट...यह...
मैं थोड़ी देर तक उसे तेज़ी से चोदता रहा और फिर उसकी जाघो को पकड़ कर उसे टेबल के किनारे खीच लिया और उसकी टाँगो को हवा मे उठा कर उसको तेज़ी से चोदने लगा...
लेडी- आहह...फक मॅम...फक..हार्डर...यस...येस्स..
मैं- यस बेबी...टेक इट...यह...यस..यस..येस्स...
मैं काफ़ी देर से एक्शिटेड था इसी वजह से ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहा था ...जिससे टेबल भी उसकी गान्ड के साथ आगे-पीछे हो रही थी.....
थोड़ी देर चोदने के बाद मैं फिर से रुक गया और उसे खीचकर नीचे खड़ा किया और झुका कर एक झटके मे लंड को चूत मे डाल दिया...
लेडी- आहह...इतनी जल्दी मे क्यो..आहह
मैं- ऐसे पोज़ चेंज करते हुए चुदाइ करने से मज़ा बढ़ जाता है और आपकी बॉडी को ज़्यादा मूव्मेंट मिलेगा...गुड फॉर सेक्स..
लेडी- ह्म्म..करते रहो...उम्म...
मैने जल्दी से उसके हाथो को पकड़ा और तेज़ी से लंड पेलने लगा...
अब चुदाई का मज़ा बढ़ रहा था..मेरी जाघे उसकी मोटी जाघो का चुंबन करने लगी और आवाज़े बढ़ने लगी...
लेडी- यस...फक मी हार्ड...डीपर ...यस..येस...आअहह...
मैं- ये ले...यह...टेक इट बेबी...हियर वी गो...
मैं आन हार्ड फक्किंग किए जा रहा था और वो आवाज़े करती हुई झड़ने लगी...
लेडी- येस मॅन...फक..फक.फक..ऊहह...
मैं- यह...यीहह...
लेडी- ओह..माइ...ओह...फीलिंग गॉइड...कोँमिंग...आहह...कोँमिननन्ज्ग....
और वो झड गई...उसके झड़ने के बाद भी मैं उसे दम से चोदता रहा....
फिर मैने उसे छोड़ा और टेबल पर लिटा दिया...
लेडी- अब मेरी बारी....सवारी करनी है मुझे...
मैं- ओके...आ जाओ फिर...
मैं टेबल पर लेट गया और वो घुटनो के बल मेरे लंड को चूत मे ले कर बैठ गई और गान्ड घुमाने लगी....
लेडी- यू आर सो गुड...
मैं- ह्म..अब सवारी शुरू करो...
और फिर वो उछल- उछल के लंड चूत मे खाने लगी...
लेडी- यस..यस..यस...आह..आहह..
मैं- यह बेबी...जंप..जंप...
लेडी- यस..यस..यस..आअहह..यस...
मैं- हार्डर बेबी....हार्डर...जंप..यह....
वो पूरी मस्ती मे गान्ड उछाल कर चुदवा रही थी..थोड़ी देर बार वो थकने लगी और मेरे उपेर झुक गई...
मैने उसके बूस को चूसना शुरू कर दिया और साथ मे नीचे से धक्के मारने लगा...
लेडी- येस्स..सक इट मॅन..उउंम..आहह ....यस..यस...येस्स ...
मैं- उम्म..उउंम..उउंम.आ..उउंम..
लेडी- फक मी...यस...यस..ओह्ह..ओह्ह.ओह्ह..
ऐसे ही थोड़ी देर तक उसे अपने लंड की सवारी करवाता रहा और फिर जब मुझे लगा कि मैं झड़ने के करीब हूँ तो मैने उसे वापस टेबल पर लिटा दिया ..
फिर मैं भी उसके पीछे लेट गया और मैने उसे अपने पास खीचा और लंड को चूत मे डाल दिया....
लेडी ने भी अपनी एक टाँग को पकड़ कर हवा मे उठा लिया और फिर मैने दमदार चुदाई शुरू कर दी....
लेडी- आआहब ...आहह ...फक..यस..आहह..
मैं- यस..येस..टेक इट...यहह...
लेडी-यस...फक..फक युवर बिच...येस्स..ओह्ह..कमिंग...कमिंग...
मैं- येस...मी टू....सीममूँग..बेबी...यह..यह...
और हम दोनो साथ मे झड़ने लगे और चुदाई का संग्राम समाप्त हो गया...
झड़ने के बाद वो लेट गई..और मैने हमारे कामरस से सने हुए लंड को उसके मुँह के पास ले गया ...
उसने बिना देरी किए मेरे लंड को मुँह मे भर के चूसना शुरू किया और सॉफ कर दिया...
लेडी- उम्म...यू आर सो गुड ..मीट मी अगेन...
मैं- ओके...पर यहाँ नही...आप नो. दे दो...हम कहीं और मिलेगे....
लेडी- ह्म्म..ये लो...कॉल मे...ओके
फिर वो रेडी हुई और निकल गई....
मैं वही बैठ के रेस्ट करने लगा....
उसके जाते ही रिसेप्षन वाली लड़की रूम मे आ गई...
लड़की- कैसे है सर...ओह...वेरी गुड..
मैं- क्या..
लड़की- आपका...वो...
मैं- ओह्ह..आर..एक मिनट...
मैने जल्दी से टवल लंड पर डाल लिया...
लड़की- रहने दो ना...
मैं- क्यो...लेना है क्या...
लड़की(शरमा कर)- ड्यूटी पर नही होती तो ले भी लेती...
मैं- तो घर चल के ले लो...
लड़की- ह्म्म..आप चलेगे मेरे घर...
मौन- हाँ क्यो नही...तुम रेडी हो तो मैं भी...
लड़की- ओके...15 मिनट बाद चलते है....
मैं- ओके...
- Ankit
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- Joined: 06 Apr 2016 09:59
Re: चूतो का समुंदर
लड़की चली गई और मैं सोचने लगा कि वाह ये तो पकी- पकाई दाल मिल गई...वैसे भी है तो मस्त ...अब बिस्तेर पर कैसी होगी...ये रात को देखेगे....
फिर मैं रेडी हुआ और बाहर आ गया...
थोड़ी देर बाद मैं उस लड़की के साथ उसके घर निकल गया....
जब हम घर पहुचे तो...
लड़की- ओह शिट...मेरे पति..
मैं- क्या...पति...मैं सोच रहा था कि तुम अकेली हो...
लड़की- पति है तो क्या हुआ....
मैं- पागल है क्या...पति के रहते हुए तुझे चोदुन्गा कैसे...मैं जाता हूँ...
लड़की- अरे..अरे ...रूको तो...मेरे पति बाहर है...कल सुबह आएँगे...
मैं- ओह..तो ठीक है...
लड़की ने मेरे पास आ कर मेरे लंड को मसल दिया...
मैं- आहह...पहले कॉफी पिलाओ..फिर डिन्नर और फिर चुदाई...
लड़की- ओके..
फिर मैं बैठ गया और वो कॉफी बनाने निकल गई...
मैं कॉफी पी रहा था तो मेरे आदमी का कॉल आ गया...उसे मैने उस औरत का पीछा करने का बोला था...
(कॉल पर)
मैं- हाँ बोलो...काम हुआ...??
स- काम तो हुआ पर इसके लिए मुझे 20000 देने पड़े..
मैं- काम सही हुआ तो डबल मिलेगे...
स- ह्म्म..तो कल आता हूँ डबल लेने..हहा...
मैं- हाँ ..आ जाना...पर बोलो तो क्या हुआ...
स- मैने उसका पीछा किया और वो एक शानदार घर मे आ गई...
मैं- अच्छा...पर घर किसका है...??
स- घर किसी सरद गुप्ता का है..
मैं(मन मे)-ये नाम कहीं सुना तो है...हाँ ये तो वही है जो अकरम की मोम को चोदते है...हां..पूनम ने बताया था.....
स- क्या हुआ...जानते हो क्या...??
मैं- जानता हूँ...बट वो औरत कौन है....और वो सबनम के नाम से क्यो आई थी...??
स- क्या पता...करते है कुछ...अभी बोल क्या करूँ...
मैं- तुम वहाँ नज़र रखो...पूरी रिपोर्ट देना सुबह..ओके
स- ओके...हो जाएगा...बाइ..
मैं- बाइ...
कॉल रखने के बाद मैं सोचने लगा कि आख़िर वो औरत है कौन और सबनम का नाम क्यो यूज़ कर रही है...क्या वो गुप्ता की बीवी है...???
अगर वो उसकी बीवी भी है तो सबनम के नाम से क्यो आई पार्लार मे...
कोई नही..कल इसके बारे मे कुछ तो पता चल ही जाएगा...अभी इस लड़की के मज़े लेता हूँ...साली का पति घर पर नही तो मुझे ले आई चूत फडवाने...रंडी कहीं की....अब देखते है..रात कैसे निकलती है....
हम दोनो कॉफी ख़त्म करके बातें कर रहे थे..तभी मुझे कुछ याद आया....
मैं- अरे..तुमने नाम तो बताया ही नही...
लड़की- आपने पूछा ही नही...
मैं- अच्छा ..वैसे तुमने भी मेरा नाम नही पूछा और चुदाई करवाने अपने साथ ले आई...
लड़की- चुदाई का नाम से क्या लेना-देना...ये तो लंड और चूत के बीच की बात है....
मैं- ह्म्म..काफ़ी खुले बिचार है तुम्हारे...
लड़की- हाँ..वो तो है...पर मैं रंडी भी नही ...आप तीसरे मर्द होंगे जो मुझे चोदेगे....
मैं- सच मे...चलो अच्छा है...अब अपना नाम भी बता दो...
लड़की- ओह हाँ...मेरा नाम रूचि है...
मैं- ह्म्म..और मेरा नाम अंकित है..वैसे तुम्हारे पति क्या करते है...और अभी है कहाँ...??
रूचि- मेरे पति अपने बॉस के साथ सहर से बाहर गये है...वो पीए(पर्सनल अस्सिस्टेंट) है...
मैं- ओके...तो फिर अब क्या करे...
रूचि- अब आप आज रात भर मेरे पति का काम करो...मगर अपने तरीके से...
मैं- ह्म्म..तो पहले डिन्नर कर ले...फिर लंड खिलाता हूँ...
रूचि- ओके..आप फ्रेश हो जाइए..मैं डिन्नर ऑर्डर करती हूँ..
मैं- ओके..
फिर मैं फ्रेश हो गया और चेंज कर लिया..रूचि ने मुझे एक हाफ पेंट और टी-शर्ट दे दी...रूचि भी चेंज करने निकल गई..और मैं बैठ कर डिन्नर का वेट करने लगा....
मैं(मन मे)- ये क्या हो गया मुझे...साला कल मेरा एग्ज़ॅम है फिर भी मैं सेक्स के लिए यहाँ आ गया....वो भी किसके साथ...एक अंजान लड़की के साथ...वेल जो हुआ सो हुआ...अब मज़े करना है बस...और एग्ज़ॅम का क्या...फाइनल थोड़े ना है...
तभी मेरा फ़ोन बजने लगा ये रजनी आंटी का कॉल था...
मैने कॉल पिक की और बोल दिया कि आज घर पर रुक गया हूँ...कुछ काम आ गया था...
आंटी को तो बोल दिया पर तभी मुझे अनु का ख्याल आया...वो तो मेरा वेट कर रही होगी...यही सोचकर मैने अनु को कॉल किया....
(कॉल पर)
मैं- हेलो बेबी...
अनु- कहाँ हो आप...कब आ रहे है...??
मैं- यार मैं आज आ नही पाउन्गा...मुझे घर पर काम आ गया तो यही रुक रहा हूँ...
अनु- आपने बताया क्यो नही...??
मैं- मुझे भी कहाँ पता था...अचानक डॅड का कॉल आ गया...
अनु- ह्म्म..तो कब आएगे...??
मैं- ह्म्म..आ जाउन्गा...पर ये बताओ हमारी इतनी फ़िक्र क्यो...
अनु- आपकी फ़िक्र करना हक़ है मेरा...
मैं- हक़ है..पर क्यो...आख़िर हम आपके है कौन..??
अनु- ज़रूरी नही कि हर रिश्ते का नाम हो...और आप हमारे सब कुछ हो...
मैं- बिना रिश्ते के सब कुछ हो गये...??
अनु- दिल का रिश्ता है ना...वही सब है मेरे लिए...भले ही आप मुझे ना मिले...हम तो आपके हो ही गये...
मैं- ओह..तुम्हारी इसी स्वीटनेस पर तो हम फिदा हो चले...मूँह..
अनु- इतनी तातीफ भी मत कीजिए...
मैं- अच्छा मेरी जान..अब तुम पढ़ाई करो...कल सुबह स्कूल मे मिलुगा ओके..
अनु- ठीक है...
मैं- और हां..रेडी रहना...हमें शॉपिंग करने जाना है...
अनु- जैसा आप कहे...
मैं-लव यू ..गुड नाइट
अनु- लव यू 2 गुड नाइट...
अनु से बात कर के दिल खुश हो गया...आज अनु ने इस तरह से बात की जैसे वो मेरी बीवी हो...
वैसे मैं भी कहीं ना कही अनु से प्यार करने लगा था...और वो तो मुझ पर जान छिडकती है...
शुरू मे अनु ने जो किया..उससे मैं उसे चुड़क्कड़ समझता था...पर जब असलियत पता चली तो समझ गया कि उसे बहकाया गया था...वो दिल की बहुत अच्छी थी और अब तो मेरे दिल के किसी कोने की रानी भी थी...
मैं अनु के प्यार के बारे मे सोच रहा था कि तभी रूचि खाना लगा के ले आई...साथ मे वाइन भी लाई...
मैं अनु मे इतना खो गया था कि मुझे पता ही नही चला कि ऑर्डर कब आ गया...
वेल फिर मैने रूचि के साथ मिल कर वाइन के पेग लगाए और डिन्नर किया...
डिन्नर के बाद रूचि बिना देर किए मुझे बेडरूम मे ले गई...जहाँ आज रात उसे मेरे लंड से अपनी चूत फटवानि थी...
रूम मे आते ही रूचि किसी भूखी शेरनी की तरह मुझ पर झपट पड़ी..जैसे मैं उसका शिकार हूँ...
रूचि ने मेरे होंठो को कस के अपने होंठो की क़ैद मे ले लिया ओए ज़ोर से चूसने लगी...
मैं भी पीछे नही था...मैने भी उसके होंठो को तेज़ी से चूसना शुरू कर दिया और साथ मे उसकी गान्ड को हाथ से मसल्ने लगा...
रूचि- उउंम..सस्ररुउपप...आअहह..उउंम..
मैं- उउंम.आ..सस्ररूउगग..उऊँ..
हम दोनो होंठो का रस पीते हुए बेड पर आ गये...
मैं बेड पर बैठ गया और रूचि मेरी गोद मे आकर मुझे चूमती रही...
जब हम होंठ चूस्ते हुए थक गये तो हम ने होंठ अलग किए और साँसे लेने लगे...
रूचि- आहह..उऊँ...अब और ना तडपाओ...
मैं- आहह...तो आ जाओ...
और मैने रूचि की नाइटी पकड़ कर निकाल दी...उसने नाइटी के अंदर कुछ नही पहना था...जिससे उसके नंगे बूब्स उछलते हुए मेरे सामने आ गये...
मैने जल्दी से उसके बूब्स पर हमला बोल दिया...
एक को मुँह से और दूसरे को हाथ से निचोड़ने लगा और रूचि मस्ती मे सिसकने लगी...
रूचि- ओह्ह..येस्स...रगड़ दो इन्हे...येस्स..ऐसे ही...आहह...ज़ोर से चूसो...निचोड़ दो...ओह्ह..
मैं- मुऊऊ..एस्स..आहह...मुंम्म...आहह..
जब मैने बूब्स को पूरा गीला कर दिया तो रूचि को आगे बढ़ने का इशारा किया...
रूचि ने बिना देर किए मेरे हाफ पेंट को नीचे किया और मेरे फडफडाते लंड को मुँह मे भर कर चूसने लगी ....
रूचि- सस्ररुउप्प्प...सस्र्र्ररुउपप....सस्ररृूप्प्प....
मैं- ओह्ह्ह...गुड...चूस ले...ज़ोर से...आअहह ...
रूचि- सस्रररुउपप...उउंम...उउंम..उउंम्म...
मैं- यस....यस...सक इट लाइक आ बिच...ऊहह...
रूचि एक रंडी की तरह मेरे लंड को गले मे भर-भर के चूस रही थी ..और मेरा लंड भी पूरा अकड़ के चुदाई के लिए तैयार था कि तभी डोरबेल बजी....पहले एक बार और फिर बार-बार ...
डोरबेल सुनकर हमे गुस्सा भी आया और थोड़ा डर भी लगा....पर डर उतना नही था क्योकि रूचि ने बताया ही था कि उसके पति सहर से बाहर गये है ..
रूचि - अब कौन आ गया...
मैं- अरे देखो तो...
रूचि - ह्म्म..मैं देखती हूँ रूको...
रूचि ने जल्दी से नाइटी पहनी और मेन गेट पर जाकर उसमे बने होल से देखा...
देखते ही रूचि भागती हुई मेरे पास आई...
रूचि- ओह माइ गॉड ..मर गये...
मैं- अरे..क्या हुआ...कौन है..??
रूचि- मेरे पति..अब क्या करूँ...क्या कहूगी ....
मैं- ओह माइ गॉड...अब क्या ..एक मिनट ...रिलॅक्स...कुछ सोचते है ..रूको..
रूचि- मैने सोच लिया...आप कपड़े पहनो और उस रूम मे सोने की आक्टिंग करो...मैं इसे देखती हूँ..ओके
मैं- ओके..
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
मैने कपड़े लिए और दूसरे रूम मे चला गया और रूचि गेट खोलने चली गई....मैं रूम के गेट के पास चिप कर उनकी बाते सुनने लगा....
रूचि ने जैसे ही मेन गेट खोला..तो रूचि का पति गुस्सा करने लगा....
र पति- इतनी देर...कहाँ थी तुम..??
रूचि- अरे ..मैं..वो..सो रही थी...
र पति- घोड़े बेंच कर सोती हो क्या...??
रूचि- सॉरी ..पर तुम भी तो...अचानक आ गये...कॉल नही कर सकते थे....
र पति- कैसे करता...बॅट्री ख़त्म हो गई...और बॉस की कोई खास मीटिंग निकल आई कल सुबह...तो आना पड़ा और फिर जाना भी है...
रूचि- कितनी देर मे...
र पति- अभी तो आया हूँ...तुम्हे जल्दी है क्या...जाओ चाइ बनाओ...फिर फ्रेश भी होना है...
रूचि- ह्म्म..
रूचि का पति रूम मे चला गया और रूचि बड़बड़ाते हुए किचन मे निकल गई....
रूचि- खुद से अब कुछ होता नही और कोई प्यास बुझाने वाला मिला तो बीच मे आ धमका...साला गान्डू...
रूचि की बात सुनकर मुझे ये तो समझ आ गया कि उसका पति उसे सेटिस्फाइ नही कर पाता...
रूचि की चूत दमदार चुदाई को तरस रही थी और यहाँ मेरा लंड भी चूत के लिए जल रहा था....
मैं(मन मे)- ये रात मैं बर्बाद नही जाने दूँगा...अब चाहे मुझे रूचि को उसके पति के सामने ही चोदना पड़े...मैं चुदाई कर के रहूँगा..
और पकड़े भी गये तो मेरा घंटा नही उखाड़ पायगा कोई....
मैं इस टाइम सेक्स की आग मे जल रहा था और इसी वजह से मुझे गुस्सा आ रहा था...
मैं गुस्से मे सही- ग़लत भूल कर सिर्फ़ अपनी सेक्स की भूख के बारे मे सोच रहा था ...
मैं यही सोच कर रूचि के बॅडरूम की तरफ बढ़ गया...
जब मैं रूम के गेट पर पहुचा तो मैने देखा कि रूचि कंबल ओढ़ के लेटी हुई है और उसका पति रूम मे नही है...
मैं(मन मे)-इसका पति कहाँ गया...शायद बाथरूम मे होगा...??
मैने गेट पर से ही धीमी आवाज़ मे रूचि को इशारा किया पर उसने सुना नही....
थोड़ी देर तक मैं इशारे करता रहा पर कोई फ़ायदा नही हुआ...
फिर मैं दबे पैर रूचि के बेड के पास गया और उसे हाथ लगाया...हाथ लगाते ही रूचि डर गई और मुझे जाने का बोलने लगी...
उसने ऐसा करने के लिए जैसे ही हाथो को कंबल से बाहर निकाला तो साथ मे उसके बूब्स भी कंबल के बाहर आ गये...
उसके बूब्स देखते ही मेरे लंड की आग भड़क गई और मैं उसके उपेर झुकता गया...
रूचि कभी मुझे तो कभी बाथरूम की तरफ देखती और मुझे जाने के लिए बोल रही थी...
पर मैं उसके उपर झुकता गया और उसके होंठो के करीब अपने होंठ कर दिए...
मैं- स्शह...चुप रहो...
रूचि- यहाँ क्यो आए हो..??
मैं- अपनी प्यास बुझाने...
रूचि- क्या..??...मेरा पति बाथरूम मे है..प्लीज़...
मैं- तो मैं क्या करूँ...तुम ही मुझे ले कर आई थी...अब मैं वेट नही कर सकता...
रूचि- मेरा पति नहा कर आ गया तो क्या होगा..प्लीज़...रूको...बाद मे देखेगे ना...
मैं- नही..जब तक वो नहाएगा...तब तक मैं रुक नही सकता..
मैं अपनी गरम साँसे रूचि के मुँह पर छोड़ रहा था...जिससे रूचि भी मस्त होने लगी थी पर अभी भी वो डरी हुई थी...
मैं- उउंम..मान जाओ...उउंम...
मैं रूचि को किस कर-के उसे भी गरम कर रहा था...
थोड़ी देर बाद मेरे चुंबन का असर होने लगा और अब रूचि भी मुझे किस करने लगी थी..
रूचि- उम्म..समझो ना..मेरा पति आ गया तो..उम्म..
मैं- तो क्या..उउंम..उसके सामने तुझे चोदुन्गा...उम्म्म्ममह..
रूचि- हहहे...और वो चुप कर के देखेगा, हाँ...मम्मूँह..
मैं- हाँ..तू मेरी बिच है..उम्म्म...
रूचि- ह्म्म...यस...बॉस..बट मेरा पति...उउम्मह...
मैं- छोड़ो उसे...और मज़े करो....उउम्म्मह...
रूचि- उउंम...ओके...उससे तो कुछ होता नही...अब मुझे भी डर नही...उम्म्म...
मैं- तो फिर मज़े ले...माइ बिच..उम्म्म..उउंम्म..
रूचि ने मुझे पकड़ कर होंठो को तेज़ी से चूमना शुरू कर दिया..
रूचि- एस...उऊँ..उउंम...फक मी...उसे मरने दो...जो होगा तो होगा...कम ऑन...फक युवर बिच ..उउंम्म..आइ एम टू हरनी....उउंम..उउंम..उउंम..
फिर हम दोनो की दमदार किस्सिंग स्टार्ट हो गई...
रूचि का पति अपना पेट सॉफ कर रहा था और मैं उसकी वाइफ पर हाथ सॉफ करने लगा....
हम दोनो एक-दूसरे को किस करते रहे...और मैं किस करते हुए बेड पर चढ़ गया और रूचि के उपर आ कर उसके बूब्स दबाने लगा....
अब मेरे साथ - साथ रूचि भी पूरी मस्ती मे डूब चुकी थी...और भूल गई थी कि उसका पति पास मे ही बाथरूम मे है...
मेरा लंड अब बाहर आने को फडक रहा था और उसकी मुराद खुद रूचि ने पूरी कर दी...