thanks bhaishubhs wrote:Nice
चूतो का समुंदर
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
जूही की गोद और उसके नाज़ुक हाथों के स्पर्श से मेरा मूड ठीक होने लगा...
और उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देख-देख कर मेरा मूड मस्ती करने का होने लगा....
जूही(सिर दबाते हुए)- कुछ आराम मिला...??
मैं- ना..अभी नही...
जूही- कोई बात नही...जल्दी मिल जायगा...मेरे हाथो मे जादू है...
मैं- अच्छा...पर मेरे उपेर हाथो का जादू नही चलता...
जूही- ओह्ह...तो क्या चलता है...
मैं- उम्म्म..होंठो का जादू...
जूही मेरी बात का मतलब समझ गई और शरमा गई...
मैं- क्या हुआ...होंठो का जादू है तुम्हारे पास..??
जूही(शरमाते हुए मुझे देखती रही)
मैं- नही है तो रहने दो..मैं किसी और को ढूँढ लुगा...
और मैने उठने का नाटक किया...पर जूही ने मेरे कंधे पकड़ कर मुझे वापिस गोद मे लिटा दिया...
जूही(गुस्सा दिखाते हुए)- चुपचाप लेटे रहो...बड़े आए किसी और को ढूँडने वाले...
मैं- तो क्या करूँ...तुम तो जादू दिखा ही नही रही...
जूही- श्ह्ह्ह्ह...चुप...
और मैं कुछ बोल पाता उससे पहले ही जूही मेरे चेहरे पर झुक कर फूक मारने लगी...
जूही के गरम होंठो से निकलती गरम हवा ने मेरे माथे पर टकरा का मेरे जिस्म मे हलचल मचा दी...
मैने शांति से अपनी आँखे बंद की और जूही की गरम सांसो के अहसास मे खोने लगा...
जूही- आराम मिला...
मैं- ह्म..थोडा सा...
फिर जूही ने झुक कर मेरे माथे पर किस कर दिया...जो मेरे अरमान जगाने के लिए काफ़ी था...
जूही- अब...
मैं- ह्म्म्म्म ...थोड़ा और...
फिर जूही मेरे माथे को किस करती रही और मेरी मस्ती बढ़ती रही...
मैं- जूही...मेरी आँखे भी ...
जूही- अच्छा....
इतना बोल कर जूही ने मेरी बंद आँखो पर एक-एक किस कर दिया...
मैं- अभी आराम नही मिला...
जूही ने फिर 2-3 और किस किए....तभी मैने जूही को अपने होंठ दिखाते हुए कहा....
मैं- जूही मेरे होंठ भी...
जूही- बदमाश....
मैं- सच्ची यार...करो ना..
जूही शायद इसी इंतज़ार मे थी...पिछली बार भी हमने लिप किस नही किया था...
जूही शरमाते हुए अपने होंठ मेरे होंठो तक लाई...उसकी गरम साँसे मैं अपने होंठो पर फील कर रहा था....
पर इससे पहले की हमारे होंठो का मिलन हो पाता ...पीछे से शबनम की आवाज़ आई....
शबनम- जूही...ये क्या हो रहा है...
जूही और मैं दोनो घबरा गये...शबनम ने हमे रंगे हाथो पकड़ लिया था...और उसके साथ चंदा भी थी...
शबनम की आवाज़ सुनते ही जूही सीधी हो गई और मैं उसकी गोद से उठकर बैठ गया...
शबनम- अंकित तुम...यहाँ...हो क्या रहा था यहाँ...
जूही- मोम...वो..वो अंकित ..
मैं(बीच मे)- अरे आंटी...मेरी आँख मे कचरा चला गया था तो जूही से गरम फूक मारने को बोला था..
शबनम(मुस्कुरा कर)- ओह्ह..अच्छा ...
जूही- हाँ मोम..
शबनम- ह्म..अच्छा अब ठीक है ना ..
मैं- जी...
शबनम- तो जूही मेरे साथ चल..हमे कुछ खाने को बनाना है...
जूही- जी मोम...पर आप यहाँ ...घूमने नही गई...
शबनम- गई थी...फिर सोचा कि क्यो ना आज सबको अपने हाथो की बिरयानी खिला दूं...तो आ गई..चल हमारी हेल्प कर दे...
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
जूही चुपचाप उठ कर चंदा के साथ फार्महाउस मे चली गई...मैं भी उठ कर खड़ा हो गया...
शबनम- थॅंक यू बेटा...
मैं- किस लिए आंटी...
शबनम- मुझे सही रास्ता दिखाने के लिए...
मैं- कोई बात नही आंटी...ये सब सिर्फ़ अकरम के लिए किया...उसकी फॅमिली...मतलब मेरी फॅमिली..है ना..
शबनम- ह्म्म..मैं बहुत खुश हूँ कि मेरे बेटे को तुम जैसा दोस्त मिला...
मैं- नही आंटी...मैं खुश हूँ कि मुझे अकरम जैसा दोस्त मिला...
शबनम- तुम दोनो अच्छे हो ओके...अब तू घूम ले...फिर तुझे मस्त बिरयानी खिलाती हूँ...
मैं- ओके आंटी...वैसे...अंकल कहाँ है..आइ मीन किसके साथ गये...
शबनम- वो तो ज़िया के साथ निकल गये...
मैं- ओके..आप बिरयानी बनाओ ..मैं घूम कर आता हूँ...
फिर आंटी बिरयानी बनाने निकल गई और मैं नदी की तरफ जाने लगा....
जाते हुए मैं सोचने लगा कि आज भी जूही की किस्मत खराब निकली...उस दिन मैने लिप किस नही किया और आज आंटी की वजह से नही हो पाया...बेचारी...
फिर मुझे आंटी की बात याद आई कि वसीम ज़िया के साथ निकल गया है...
मुझे यकीन हो गया कि पक्का ये दोनो कहीं गुल खिला रहे होंगे....आज तो इन्हे रंगे हाथो पकदूँगा...
क्योकि अगर अकरम की फॅमिली को सही करना है तो वसीम और ज़िया को भी सही रास्ते पर लाना होगा....
यही सोच कर मैं तेज़ी से आगे बढ़ने लगा....
काफ़ी देर घूमने के बाद मुझे सफलता मिल ही गई....
नदी के पास वसीम और ज़िया चुदाई करने मे बिज़ी थे....
ज़िया ग्राउंड पर कुतिया बनी हुई थी और वसीम पीछे से उसकी गान्ड मार रहा था....
वसीम- आअहह...बेटा...तेरी गान्ड मारने मे जो मज़ा है...वो किसी और गान्ड मे नही...ईएह...
ज़िया- अब्बू....ज़ोर से क्यों ...आआहह...आअराम से ना...उूउउम्म्म्म..
वसीम- क्या करूँ..तेरी गान्ड ही ऐसी है...उपेर से मैं कल से प्यासा हूँ बेटा....ईएह...
ज़िया- क्यो...कल मोम नही मिली...और मोहिनी...आअहह...उनकी ले लेते..या मौसी की...आअहह..
वसीम- कल तेरी मोम साथ थी तो कुछ नही हुआ...यीहह...
ज़िया- हमम्म....बस डॅड...मेरा होने वाला है..आहह...आअहह...
वसीम- मैं भी आया...ईसस्स...ईीस्स...आआहह...
वसीम और ज़िया झड कर वैसे ही बैठे रहे...
मैने सोचा कि चलो इनकी बंद बजाता हूँ...पर कुछ कदम चलने के बाद....
मैं(मन मे)- अगर अभी इन्हे पकड़ लिया तो वसीम सारी उम्र मेरे सामने शर्मिंदा रहेगा....और ये अच्छा नही...
मैं ज़िया से बात कर के इस सब को रोक सकता हूँ....
ज़िया को तो चोद ही चुका हूँ...तो उसको ज़्यादा फ़र्क नही पड़ेगा...
ह्म्म..यही ठीक होगा...अभी यहाँ से चलता हूँ...आज रात को ज़िया से बात करूगा...
मैं आगे का प्लान सोच कर वहाँ से निकल आया...और नदी के किनारे पर पहुच गया...
वहाँ पर संजू और पूनम मस्ती करते हुए भाग रहे थे...
संजू पूनम को पकड़ रहा था...थोड़ी ही देर मे संजू ने पूनम को पकड़ा और वही खुले मे किस करने लगा...
ये देख कर मुझे गुस्सा आ गया...मैने सोच लिया कि आज इन दोनो को तो सबक सिखा ही दूं...
तभी पूनम और संजू वही पास मे बने एक घर मे घुस गये...
ये घर किसका होगा...वसीम का..???
ये जानने के लिए मैने अकरम को कॉल किया...उसने मुझे बताया कि वसीम एक फॅक्टरी खोलने वाला है यहाँ...
तो क्लाइंट से मिलने के लिए और उन्हे ठहराने के लिए ये घर बनाया है..
कॉल कट कर के मैं उस घर मे चला गया...
घर के अंदर संजू पूनम को नंगा कर के चूत मे लंड डाल चुका था और दोनो चुदाई मे मस्त थे...
तभी मैं तालियाँ बजाते हुए आगे बढ़ने लगा....
तालियो की आवाज़ सुनकर दोनो ने आवाज़ की तरफ देखा और वहाँ मुझे देख कर दोनो की फट के हाथ मे आ गई और दोनो सुन्न पड़ गये.....
मैं तालियाँ बजाते हुए उन दोनो के पास जाने लगा और दोनो की गान्ड और ज़्यादा फटने लगी....
मैं- वाह...वाह. .क्या बात है...
संजू- अंकित...तू...यहाँ....???
मैं- हाँ बेटा..मैं ..यहाँ...क्यो क्या हुआ...क्या मैं ग़लत वक़्त पर आ गया....ह्म
मेरी बात सुनकर दोनो चुप रहे...कोई जवाब नही दिया. ..
मैं- अच्छा हुआ कि मैं यहाँ आ गया...इसी बहाने ये देखने तो मिला कि भाई-बेहन का प्यार क्या होता है..वाहह .....
संजू- भाई ...वो ..मैं...
मैं- क्या वो मैं...हाँ...तुझे शर्म नही आई...अपनी दीदी को चोदता है ...
संजू-(मुँह नीचे कर के उदास हो गया)
मैं- अभी बता दूं तेरे घर...रजनी आंटी को बोल दूं...कि तू अपनी दीदी को रंडी की तरह चोदता है...
संजू- नही भाई...मैं तो दी से प्यार...
मैं(बीच मे)- प्यार....चुप साले...इसको कहीं भी चोदता रहता है और इसे प्यार कहता है...
संजू- मैं तो कभी-कभी...
मैं- अच्छा...कभी-कभी...हाहाहा...
- shubhs
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Re: चूतो का समुंदर
सही है भाई
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
- Ankit
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Re: चूतो का समुंदर
मेरे हँसने से संजू का चेहरा उतर गया..तभी पूनम बोली...
पूनम- भाई..प्ल्ज़्ज़....
मैं- तू तो बोल ही मत...तू तो रंडी बन गई है अब...
पूनम(गुस्से से)- भाई...
मैं- क्या भाई...हां...खुले मैदान मे..पहाड़ी के पास खुले मे और अब यहाँ...क्या ये रंडियो जैसी हरकत नही...
पूनम ने मेरी बात सुनी तो वो समझ गई कि मैने सब देखा है इसलिए वो चुप हो गई...
संजू- भाई प्लीज़...माफ़ कर दे...अब नही करूगा...
तभी पूनम ने मुझे देखा और मैने उसे आँख मार दी...
पूनम समझ गई कि मैं बस संजू के मज़े ले रहा हूँ...
मैं- अबे शर्म नही आई ....इतना मस्त माल अकेले-अकेले खा रहा है...मुझे भूल गया...
संजू(आँखे फैला कर)- क्या...क्या कहा..
मैं- वही जो सुना...मुझे भी बता देता...हम साथ मे चुदाई करते...
संजू- मैं तो बताने वाला था..पर दी ने...
मैं- ओह्ह...तो पूनम ने मना किया...क्यो पूनम...??
पूनम- मैं डर रही थी...
मैं- मुझसे...ह्म्म..
मैने पूनम को घूर के देखा और वो मुस्कुरा दी...
संजू- भाई..तो अभी कर ले...बस ये किसी को बताना मत ..बहुत बदनामी होगी..
मैं- ओह्ह..अब बदनामी की फ़िक्र हो गई...और खुले मे चोद रहा था तब...तब नही सोचा...
संजू- ग़लती हो गई भाई...सॉरी...
पूनम- सॉरी भाई...अब नही करेंगे..
मैं- ह्म्म..पर तुम दोनो को सज़ा तो मिलेगी...
संजू- जो सज़ा देना है दे..बस माफ़ कर दे...
मैं- सज़ा ये है कि अभी मैं पूनम को तेरे सामने चोदुगा...और पूनम की सज़ा ये है कि अभी वो 2 लंड से एक साथ चुदेगि...
संजू और पूनम एक साथ बोल पड़े...क्याअ...??
मैं- ह्म्म..अब तू वहाँ बैठ जा ...मैं पूनम को लाता हूँ...
संजू हमसे दूर जा कर सोफे पर बैठ गया और मैने पूनम को पीछे से बाहों मे भर लिया...
मैं(धीरे से)- बड़े मज़े मार रही है अकेले-अकेले...
पूनम- आप भी तो मार रहे हो..
मैं- हाँ..पर मुझसे क्यो छिपाया...
पूनम- बस ..डरती थी कि आप मना ना कर दो...
मैं- नही रे...इसमे क्या...तुझे घर पर ही लंड मिल गया...अच्छा है ना..
पूनम- ह्म्म...और अब तो 2-2 लंड मिलेगे...
मैं- ह्म्म..तो चल तुझे 2 लंड का एक साथ मज़ा चखाता हूँ...
पूनम- मैं तो कब्से सोचती थी कि मुझे 2 लंड एक साथ मिले...जबसे फिल्म मे देखा था...तब से मन है...
मैं- आज तेरा मन भर देते है...आज तेरी चूत और गान्ड..दोनो की बजाते है..चल..
फिर मैं पूनम को सोनू के पास ले गया...
सोनू का लंड आधा मुरझा गया था...पर मेरा लंड फुल आकड़ा था...
मैने पूनम को सोफे पर झुकाया और उसे संजू का लंड चूसने बोला...
फिर अपना पेंट निकाल कर पूनम की टाँग उठाई और अपना लंड पूनम की चूत मे डाल दिया...
पूनम(लंड मुँह से निकाल कर)- आअहह...गीला तो कर लेते...आअहह....
मैं- तो दर्द कैसे होता...आज तो तुझे रुला-रुला कर मारना है....
पूनम- ऊहह...संजू..तू ही बोल ना..आराम से करे...आआहह...
मैं- चुप कर और लौंडा चूस उसका...संजू...डाल दे इसके मुँह मे वापिस...
संजू ने पूनम का मुँह पकड़ के लंड को उसके मुँह मे वापिस डाल दिया और मैं तेज़ी से धक्के मारने लगा...