चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


मैने गेट लॉक किया और अनु के पास पहुच गया...अनु ने मुझे देख कर मुँह दूसरी तरफ घुमा लिया और ज़ोर से सिसकने लगी....

मैं- अनु...आइ एम सॉरी जान...प्लीज़...चुप हो जाओ...

अनु ने जैसे मेरी बात सुनी ही नही और कोई रिक्ट नही किया...

मैने अपना हाथ उसके सिर पर फिराते हुए बोला...

मैं- प्लीज़ यार...ऐसा मत करो...कम से कम मुझे देखो तो...गुस्सा हो तो गुस्सा करो...पर प्लीज़...नज़रे मत चुराओ...प्लीज़ जान...

आख़िर मेरी बात अनु पर असर कर गई और उसने चेहरा घुमा लिया..

अनु के आँसू उसके गालो पर सूख चुके थे...और नये आँसू फिर से बहने लगे थे...

मैने अनु के आँसू सॉफ किए और झुक कर उसके माथे को चूम लिया...

मैं- आइ म सॉरी जान...

अनु(सुबक्ते हुए)- सॉरी...बस हो गया...

मैं- नही...पर मैं क्या करता...मुझे टाइम ही नही मिला..

अनु- मैं कॅब्स आपके आने का वेट कर रही थी...और आप...आते ही सबसे मिलने लगे..मेरा तो ख्याल ही नही था...

मैं- ऐसा नही है...मैं मिलने आया था...पर वो रक्षा...

अनु- हाँ...अब रक्षा ही सबकुछ है...मैं कुछ नही...

मैं- नही यार...तू तो मेरी जान है...तेरी जगह कोई नही आ सकता...

अनु- अच्छा...तो फिर मेरे कॉल क्यो नही लिए...

मैं- यार..मैं सो रहा था...

अनु- झूठ...आपका मोबाइल बीच मे बिज़ी था...

मैं- हाँ...मेरे जागते ही एक फ्रेंड का कॉल आ गया...फिर मैं फ़ोन रख कर फ्रेश होने निकल गया...और जब वापिस आ कर देखा तो सीधा यहाँ भाग आया...

अनु- अच्छा...

मैं- हाँ...पूरी स्पीड मे कार दौड़ाई...

अनु- क्या...आप पागल हो क्या...तेज कार चलाने से आक्सिडेंट हो सकता है..

मैं- ह्म्म...पर अपनी जान से मिलने के लिए आक्सिडेंट तो क्या....मरने की भी परवाह नही...

अनु ने अपना हाथ मेरे मुँह पर रख दिया...

अनु- बस...ऐसा कभी मत बोलना...आपसे पहले मैं मर जाउन्गी...

मैने अनु का हाथ पकड़ा और प्यार से चूम लिया...

मैं- तेरी यही बात तो मुझे मरने नही देती....

अनु- फिर से मरने की बात...जाओ मैं बात नही करती...

मैं- ह्म्म..तो हम आपके होंठो से बात कर लेते है...

और मैं अनु के उपेर झुकने लगा...अनु शरमाते हुए अपना सिर ना मे हिलाती रही...पर उसके होंठ कुछ और ही कह रहे थे...

मैं धीरे -2 अपने होंठ अनु के होंठो के पास ले गया...तो अनु के होंठ भी खुलने लगे...


अनु की साँसे बढ़ रही थी और मेरी साँसे अनु के होंठो को गर्माहट दे रही थी.....

पलक झपकते ही हमारे होंठो ने आपस मे मिलन कर लिया और प्यार से एक-दूसरे को चूसने लगे...

मैं- सस्स्रररुउुउउप्प्प...उूुउउंम..उउउंम्म...

अनु- उउउम्मह...उउंम...उउंम्म...

थोड़ी देर तक रस्पान करते हुए मेरे हाथ आगे बढ़ते हुए अनु के सीने पर पहुच गये और उसके उपेर नीचे होते बूब्स को सहलाने लगे....

अनु भी तेज़ी से साँसे लेती हुई मेरे होंठो को ज़ोर से चूसने लगी....

थोड़ी देर बाद हमारे होंठ अलग हो गये..क्योकि दोनो ही साँस लेना चाहते थे....

अनु- आअहह...आप भी ना....गुस्सा भी दिलाते है और...आअहह...मना भी लेते है...

मैं- एयेए...तो सही है ना...मेरी जान गुस्से मे अच्छी नही लगती...

अनु- ह्म्म..तो दिलाते ही क्यो है...

मैं- अब नही दिलाउन्गा...ओके..

अनु- अच्छा...अब उपेर से उठिए और गेट खोल दीजिए....कोई आ गया तो....

मैं- डरती हो...

अनु(सिर हिला कर)- नही...आप है ना मेरे साथ...

मैं- ह्म्म...तो फिर...

अनु- फिर भी...अभी तो खोल दीजिए...या कुछ और इरादा है...

मैं- इरादा तो बहुत है...पर आज नही...किसी ख़ास दिन..

और मैने उठ कर गेट खोला....गेट खोलते ही रक्षा मेरे सामने खड़ी थी...
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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

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भाई सारी पोस्ट कहाँ गयी
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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shubhs
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Re: चूतो का समुंदर

Post by shubhs »

भाई अपडेट करो
सबका साथ सबका विकास।
हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, और इसका सम्मान हमारा कर्तव्य है।
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