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चंपा रानी की चुदाई
ये घटना उस समय की है जब मनु सिर्फ़ 16-17 साल का था. मनु की एक छोटी बहन थी ममता. माँ का नाम था चंपा और वो औरत चंपा फूल की तरह महकती रहती थी. उस समय वो करीब 33-34 साल की थी. एक दम जवान और मस्त. गठा हुआ बदन, भारी पूरी भंहे, थोड़ा सावला रंग लेकिन गजब की चमक थी चेहरे पर. मस्त हथिनी की तरह कूल्हे हिला हिला कर चलती थी तो देखनेवालो की साँस रुक जाती थी. मोहल्ले मे अपनी खूबसूरती और हाजिर जवाबी के लिए बहुत पसंद की जाती थी. बड़े बड़े मम्मे थे उसके. शायद 38” या उससे भी बड़े. लंबे बाल और मुस्कुराता चेहरा लेकर हरदम बहकती रहती थी लेकिन उसने कभी किसिको दाना नही डाला. उसे क्या पता था की वो बहुत जल्द रंडी बनने बाली है. शादी के 18 साल बीत गये और उसका घरवाला अब उसमे ज़्यादा रुची नही रखता था. सच तो यह था की वो चंपा की प्यास नही बुझा पाता था. चुदाई तो रोज करता था लेकिन थोड़े धक्को के बाद मे पानी गिरा कर सो जाता था और चंपा रात भर बुर को सहलाती रहती थी. उसे मालूम था की एक इशारा करने पर गाव के सारे मर्द उसे छोदने आ जाएँगे लेकिन अभी इतनी बेशरम नही हुई थी. वो पति को खूब खिलाती पिलाती थी लेकिन कोई फायदा नही. वो चंपा की गर्मी नही उतार पाता था.
चंपा रानी की चुदाई
- 007
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Re: Champa Rani Ki Chdai
नई कहानी शुरू करने के लिए बधाई मित्र
इस कहानी को आज तक कोई भी हिन्दी में नही बदल पाया है क्योंकि बीच बीच मे ये कहानी इंग्लीश मे है .
आज पहली बार आपने ये हौंसला दिखाया है दोस्त ये कहानी हिन्दी फ़ॉन्ट मे एक मील का पत्थर साबित होगी .
आपको मेरी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
इस कहानी को आज तक कोई भी हिन्दी में नही बदल पाया है क्योंकि बीच बीच मे ये कहानी इंग्लीश मे है .
आज पहली बार आपने ये हौंसला दिखाया है दोस्त ये कहानी हिन्दी फ़ॉन्ट मे एक मील का पत्थर साबित होगी .
आपको मेरी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
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Re: Champa Rani Ki Chdai
007 wrote:नई कहानी शुरू करने के लिए बधाई मित्र
इस कहानी को आज तक कोई भी हिन्दी में नही बदल पाया है क्योंकि बीच बीच मे ये कहानी इंग्लीश मे है .
आज पहली बार आपने ये हौंसला दिखाया है दोस्त ये कहानी हिन्दी फ़ॉन्ट मे एक मील का पत्थर साबित होगी .
आपको मेरी तरफ से आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
शुक्रिया दोस्त.
दरअसल मै नही जानता था की बीच बीच मे ये कहानी इंग्लीश मे है.
क्यो की मैने अभी तक ये कहानी पढी नही है.
फिर भी मै हिन्दी में बदलनेकी कोशिश करुंगा.
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Re: Re: Champa Rani Ki Chdai
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उनका साधारण परिवार था. घरवाला एक सेठ के यहा मुनीम था काफ़ी सालो से. सेठ उसे तनख़्वाह के अलावा समय समय पर कपड़े लत्ते और चंपा के लिए गहने भी देता था. सेठ ने कई बार इशारो इशारो मे चंपा की जवानी की बात की और हमेशा उसकी तारीफ़ करता रहता था. पूजा त्योहार के अवसर पर चंपा बच्चो के साथ सेठ के घर जाती रहती थी. सेठ उसे घूरता रहता था, इशारा भी करता था लेकिन कभी उसने खुलकर चंपा से चुदवाने की बात नही की. सेठानी को मालूम था की उसका सेठ चंपा को चोदना चाहता है और उसने चंपा को जतला दिया था की सेठ को अपनी जवानी दिखाने की ज़रूरत नही है. वैसे भी चंपा को सेठ बिल्कुल पसंद नही था. वो सोच भी नही सकती थी की इतना मोटा आदमी सेठानी की बुर मे लंड कैसे पेल पाता होगा.
इधर चंपा का बेटा मनु जवान हो गया था. उसका लंड उसे तंग करने लगा था. वो अपनी बहन ममता के साथ एक ही कमरे मे अलग अलग बिस्तर पर सोता था. पिछले दो सालो से मूठ भी मार रहा था. लेकिन उसका मन अभी तक अपनी माँ के या बेहन के उपर नही आया था. वो हमेशा सेठ की बेटी जो उससे 2-3 साल बड़ी थी, के बारे मे सोच सोच कर मूठ मारता था. उसे मालूम था की उसकी माँ के बारे मे लोग गंदी बाते करते है लेकिन किसीने भी मनु के सामने अबतक चंपा को चोदने की बात नही की थी. लेकिन उसने एक दिन अपने ख़ास दोस्त विनोद को चंपा के बारे मे कहते सुना.
“ अरे यार, मनु की माँ क्या जबरदस्त माल है. साली को देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगता है. मन करता है की रोड पर ही पटक कर चोद दू. कभी उसकी बड़ी बड़ी गोल गोल चुचि देखी है! चूसने मे क्या मज़ा आएगा. साली की जाँघो पर हाथ फ़ेरने मे जो मज़ा आएगा उतना मज़ा मख्खन छूने मे भी नही आएगा. एक बार चोदने के लिए मै उसका गुलाम बनने को तैयार हूँ. मै तो रोज चंपा के बुर के बारे मे सोच कर लंड हिलाता रहता हूँ. मादरचोद, मनु साला बहुत किस्मतवाला है. रोज उसकी चुचि और चूत देखता होगा. मै उसका बेटा होता तो कबका उसे चोद देता…… मै उस को एक चुदाई का दस हज़ार दूँगा...”
विनोद बोलता रहा और मनु वहा से हट गया.
इतना सुनकर मनु को बहुत गुस्सा आया लेकिन वो गुस्सा पीकर रह गया. विनोद उससे उम्र मे बड़ा था और वहा चार पाँच लड़के खूब मस्ती मे विनोद की बातो का मज़ा ले रहे थे.
मनु चार बजे घर वापस आया. दरवाजा उसकी माँ, चंपा ने खोला. मनु भाग कर चंपा के पास आया और उसका हाथ पकड़ कर पूछा..
“माँ, तुम बहुत सुंदर हो क्या ?”
“क्यो , क्या हुआ ?” कहते हुए चंपा चौकी पर बैठ गयी और मनु को खींच कर गोद मे बिठा लिया.
मनु को बहुत अच्छा लगा . मनु माँ की तरफ घूम कर बैठ गया. चंपा ने मनु के गालो को सहलाते हुए फीर पूछा "क्या हुआ?"
उनका साधारण परिवार था. घरवाला एक सेठ के यहा मुनीम था काफ़ी सालो से. सेठ उसे तनख़्वाह के अलावा समय समय पर कपड़े लत्ते और चंपा के लिए गहने भी देता था. सेठ ने कई बार इशारो इशारो मे चंपा की जवानी की बात की और हमेशा उसकी तारीफ़ करता रहता था. पूजा त्योहार के अवसर पर चंपा बच्चो के साथ सेठ के घर जाती रहती थी. सेठ उसे घूरता रहता था, इशारा भी करता था लेकिन कभी उसने खुलकर चंपा से चुदवाने की बात नही की. सेठानी को मालूम था की उसका सेठ चंपा को चोदना चाहता है और उसने चंपा को जतला दिया था की सेठ को अपनी जवानी दिखाने की ज़रूरत नही है. वैसे भी चंपा को सेठ बिल्कुल पसंद नही था. वो सोच भी नही सकती थी की इतना मोटा आदमी सेठानी की बुर मे लंड कैसे पेल पाता होगा.
इधर चंपा का बेटा मनु जवान हो गया था. उसका लंड उसे तंग करने लगा था. वो अपनी बहन ममता के साथ एक ही कमरे मे अलग अलग बिस्तर पर सोता था. पिछले दो सालो से मूठ भी मार रहा था. लेकिन उसका मन अभी तक अपनी माँ के या बेहन के उपर नही आया था. वो हमेशा सेठ की बेटी जो उससे 2-3 साल बड़ी थी, के बारे मे सोच सोच कर मूठ मारता था. उसे मालूम था की उसकी माँ के बारे मे लोग गंदी बाते करते है लेकिन किसीने भी मनु के सामने अबतक चंपा को चोदने की बात नही की थी. लेकिन उसने एक दिन अपने ख़ास दोस्त विनोद को चंपा के बारे मे कहते सुना.
“ अरे यार, मनु की माँ क्या जबरदस्त माल है. साली को देखते ही मेरा लंड खड़ा होने लगता है. मन करता है की रोड पर ही पटक कर चोद दू. कभी उसकी बड़ी बड़ी गोल गोल चुचि देखी है! चूसने मे क्या मज़ा आएगा. साली की जाँघो पर हाथ फ़ेरने मे जो मज़ा आएगा उतना मज़ा मख्खन छूने मे भी नही आएगा. एक बार चोदने के लिए मै उसका गुलाम बनने को तैयार हूँ. मै तो रोज चंपा के बुर के बारे मे सोच कर लंड हिलाता रहता हूँ. मादरचोद, मनु साला बहुत किस्मतवाला है. रोज उसकी चुचि और चूत देखता होगा. मै उसका बेटा होता तो कबका उसे चोद देता…… मै उस को एक चुदाई का दस हज़ार दूँगा...”
विनोद बोलता रहा और मनु वहा से हट गया.
इतना सुनकर मनु को बहुत गुस्सा आया लेकिन वो गुस्सा पीकर रह गया. विनोद उससे उम्र मे बड़ा था और वहा चार पाँच लड़के खूब मस्ती मे विनोद की बातो का मज़ा ले रहे थे.
मनु चार बजे घर वापस आया. दरवाजा उसकी माँ, चंपा ने खोला. मनु भाग कर चंपा के पास आया और उसका हाथ पकड़ कर पूछा..
“माँ, तुम बहुत सुंदर हो क्या ?”
“क्यो , क्या हुआ ?” कहते हुए चंपा चौकी पर बैठ गयी और मनु को खींच कर गोद मे बिठा लिया.
मनु को बहुत अच्छा लगा . मनु माँ की तरफ घूम कर बैठ गया. चंपा ने मनु के गालो को सहलाते हुए फीर पूछा "क्या हुआ?"
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Re: चंपा रानी की चुदाई
नयी का आगाज़ बहुत ही शानदार है दोस्त
नयी कहानी के लिए
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`·.¸.·´ -- Raj sharma
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