पाप पुण्य complete

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Rishu
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Re: पाप पुण्य

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थोड़ी देर की चूसाई के बाद मैंने कहा, “रिक्की, अब तो आप तैयार हो जा दुबारा मेरा लंड लेने के लिये.”

मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और पलंग पर लिटा दिया. काले रंग की पैंटी से ढका रिक्की का गोरा बदन ऐसा लग रहा था जैसे कोई अपसरा अपने कपड़े उतार के सो रही हो और काला भँवरा उसकी ताज़ी चूत का रस चूस रहा हो. मैं करीब पाँच मिनट तक रिक्की के नंगे बदन की शराब अपनी आँखों से पीता रहा, और फिर बिस्तर पर चढ़ कर मैंने रिक्की की कमर चूसनी चालू किया और चूसते हुए अपना मुँह उसकी पैंटी पर लाया और पैंटी का इलास्टिक अपने दाँतों में दबा कर अपने मुँह से उसकी पैंटी उतारने लगा.

रिक्की ने भी अपने चूत्तड़ हवा में उठा दिये थे ताकि पैंटी उतारने में परेशानी ना हो. पर उसने इतनी टाइट पैंटी पहनी थी कि मुझे अपने हाथ भी लगाने ही पड़े. पैंटी उतार के मैंने देखा की जो हलके रोयें रिक्की की चूत पर थे अब वो भी उसने साफ़ कर लिए थे. रिक्की चूत चुदने के लिये इतनी बेकरार थी कि चूत से पानी टपक रहा था.

मैंने कहा रिक्की तूने अपनी चूत शेव कर ली मेरी जान.

रिक्की बोली, “भैया मम्मी ने मेरी चूत को क्रीम से साफ किया है मैंने नहीं."

मेरा लंड तो रिक्की की चिकनी नंगी मस्ताई हुई, चुदने के लिये तैयार चूत को देख कर ही मेरी अंडरवियर को फाड़ कर बाहर आने के लिये बेकरार था और उछल-कूद मचा रहा था. मैंने अपने दोनों हाथों से अपनी अंडरवियर उतार दी और अपना मुँह मेरे सामने लेटी हुई नशे की बोतल के खज़ाने के मुँह पर लगा दिया. रिक्की तो मस्त हो गयी और मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर दबाने लगी. मैं भी चाहता था कि रिक्की थोड़ा पानी और छोड दे ताकि उसकी चूत थोड़ी चिकनी हो जाये. मैंने उसकी चूत का दाना चूसते हुए अपनी जीभ से उसकी चुदाई चालू कर दी और करीब पाँच मिनट बाद ही रिक्की ने मेरा सिर अपने दोनों हाथों से पकड़ लिया और कस कर अपनी पूरी ताकत से मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा लिया और जोश में काँपते हुए चूत्तड़ों के धक्के देती हुई मेरे मुँह में अपना रस देने लगी. मैंने भी मन से उसकी जवान चूत चूसी और चूत के लाल होंठों को अपने होंठों से चूसा.
Rishu
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Re: पाप पुण्य

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फिर मैं घूटने के बल रिक्की के सामने बैठ गया और बूरी तरह अकड़ा हुआ अपना लंड उसके सामने कर दिया और रिक्की की गर्दन में हाथ डाल कर उसका मुँह अपने लंड के पास लाया और बोला, “रिक्की, मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर अपनी चूत बजाने के लिये तो इनवाइट करो.”

रिक्की ने तपाक से अपना मुँह खोला और मेरा सुपाड़ा अपने होंठों के बीच ले लिया और जीभ फेरने लगी. मेरे लंड पर रिक्की के जीभ फेरने ने वो काम किया जो आग में घी करता है. मुझसे रहा नहीं गया और दोनों हाथों से रिक्की का सर पकड़ कर उसके मुँह में ही मैंने आठ-दस शॉट लगा दिये. लौड़े का तो मारे गुस्से के बूरा हाल था. उसके सामने ऐसी मलाईदार चूत थी और मैं उसकी भूख मिटाने की बजाये चुम्मा चाटी कर रहा था.

अपना लंड रिक्की के मुँह से बाहर निकाल कर के मैंने रिक्की की जाँघों को अपने हाथों से पूरा फैला दिया और एक हाथ से लंड पकड़ कर दूसरे हाथ से रिक्की की चूत के लिप्स खोल कर अपना गुस्साया हुआ लाल सुपड़ा उसकी गुलाबी चूत से सटा दिया और बहुत हल्के-हल्के घिसते हुए बोला, “देख लो मेरी जान. अपने लंड की तेरी चूत से मुलाकात करा रहा हूँ.”

रिक्की को भी अपनी चूत पर लंड घिसाई बहुत अच्छी लग रही थी. वोह सिर्फ़ मस्ती में “ऊँमम ऊँमम” कर सकी. एक दो मिनट बाद मैंने देखा कि रिक्की पर मस्ती पूरी तरह से सवार हो चूकी है तो मैंने अपने लंड का एक हल्का सा शॉट दिया जिससे मेरा लंड रिक्की की चूत बहुत ज्यादा कसी होने के कारण से फिसल कर बाहर आ गया. इससे पहले कि रिक्की कुछ समझ पाती, मैंने एक हाथ से अपना लंड रिक्की के चूत के लिप्स खोल के उसके छेद पर रखा और अपने चूत्तड़ों से कस के धक्का दिया जिससे मेरा लंड रिक्की की चूत में घुस गया.

वो जोर से चीखी, “हाय मोनू ओह मार डाला” मैंने लंड थोडा बाहर निकाल कर एक शॉट और लगाया और अब मेरा लंड जड़ तक रिक्की की चूत में समा गया. ऐसा लग रहा था जैसे किसी बोत्तल के छोटे छेद में अपना लंड घुसा दिया हो और बोत्तल के मुँह ने कस कर मेरे लंड को पकड़ लिया हो. मैंने रिक्की से पूछा, “रिक्की कैसा लग रहा है?”

रिक्की बोली, “आह्ह भैया इस्स्स्सस लगता है मैं ज़न्नत में हूँ. मेरे बदन से ऐसी मस्ती छूट रही है कि क्या बताऊँ. मोनू भैया बहुत मज़ा आआआ आ रहा है. अब तुम जी भर के मुझे चोदोऊऊऊऊ .”
Rishu
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मैंने रिक्की की दोनों जाँघें चौड़ी कर दीं और अपने हाथों से उसके पैरो के पंजे पकड़ लिए और खुद घूटने के बल बैठ कर अपनी गाँड के दनादन धक्के मारने लगा. रिक्की को अब भी तकलीफ हो रही थी पर वो भी अब चुदाई में पूरा साथ दे रही थी. वो ज्यादा मस्ती सहन नहीं कर पायी और सितकारी भरती हुए अपनी चूत का पानी मेरे लंड पर गिराने लगी और बड़बड़ा रही थी, “आह आँह मोनू मज़ा आ गया. मुझे क्या मालूम था अआह इतना मजा आएगा आःह्ह. इसके लिये तो मैं अपनी चूत बार-बार तुमसे फड़वाऊँगी.”

मैंने भी लगातार आठ-दस शॉट लगाये और उसकी चूत में जड़ तक अपना लंड उतार के झड़ गया. मैं रिक्की की चूत को चोद कर मस्त हो गया था और आराम से उसके ऊपर लेट कर उसके होंठों को चूस रहा था. थोड़ी देर बाद मैं उसके ऊपर से हटा और और उसका मुँह पकड़ कर अपने लंड पर लगा दिया और कहा, “बहन की लौड़ी रिक्की जब तक मैं न कहूँ मेरा लंड चूसती रहना नहीं तो गाँड मार मार के लाल कर दूँगा!” और आराम से अपनी पीठ टिका कर बैठ लगा.

रिक्की ने भी पूरी हिम्मत दिखायी और बिना वक्त बर्बाद करे मेरा लंड चूसना चालू कर दिया. करीब दस- पँद्रह मिनट की लगातार चूसाई से मेरा लंड फ़िर से तन्ना गया पर मैंने अपने आप पर पूरा कंट्रोल रख कर रिक्की के मुँह में अपना लंड तबियत से चूसवाता रहा. आज मैंने जितना रिशू से सीखा था सब उसकी सगी बहन पर अजमाना चाहता था.

करीब दस मिनट बाद मैंने रिक्की को बोला, “चलो आज तुझे घोड़े की सवारी करना भी सिखा दूँ. मेरी प्यारी रिक्की. करेगी ना मेरे लंड पर घोड़े की सवारी?”

रिक्की ने बड़े आश्चर्य से पूछा, “मोनू भैया तुम्हारा मतलब है कि मैं तुम्हारे लौड़े पर बैठ और उसे अपनी चूत में अंदर लूँ और अपने चूत्तड़ ऊपर-नीचे उछाल-उछाल कर लंड को अपनी चूत में लूं, जैसा ब्लू फिल्मों में होता है.?”

मैंने कहा, “हाँ मेरी कुतिया. लगता है बहुत ब्लू फिल्मे देखी है तूने… अरे जो ब्लू फिल्मों में होता है वो सब असलियत में भी होता है समझी. पर ध्यान रहे लंड बाहर नहीं निकलना चाहिए.”
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रिक्की मेरे लंड के दोनों तरफ़ पैर करके खड़ी हो गयी और धीरे-धीरे नीचे बैठने लगी और एक हाथ से मेरा तन्नाया हुआ लंड पकड़ा और एक हाथ की उंगलियों से अपनी चूत के लिप्स खोले. जब मेरा लंड उसकी चूत से टकराया तो थोड़ा सा वोह घबरायी पर मैंने उसकी घबराहट देख कर उसके चूत्तड़ कमर के पास से कस कर पकड़ लिये और इससे पहले वो कुछ समझ पाती मैंने नीचे से अपने चूत्तड़ एक झटके से उछाले और पूरा लंड गप से उसकी चूत में उतार दिया. रिक्की बहुत छटपटाई पर मैंने भी उसकी कमर कस कर पकड़ी हुई थी.

दो तीन मिनट बाद जब उसक दर्द कम हुआ तो मैंने उसको अपने ऊपर झुका लिया और बोला, “रिक्की अब तू अपने चूत्तड़ उछाल-उछाल कर ऊपर नीचे कर और लंड सवारी का मज़ा लें.”

इतना कह कर मैंने उसका सिर दबा कर उसके होंठ अपने होंठों में ले लिये और चूसते हुए अपने दोनो हाथों से उसके पीछे से फैले हुए चूत्तड़ पकड़ लिये और मसलने लगा. रिक्की भी बड़े प्यार से उछलते हुए मुझे चोद रही थी, और दूसरी बार काफी देर तक हमने इसी पोज़ में चूदाई करी और मैंने अपने लंड का माल उसकी चूत में गिरा दिया और रिक्की को दबोच कर अपने ऊपर ही लिटा कर रखा और लगातार दो बार चुदाई करने के कारण हम थोड़ा सुस्ताने लगे और मेरी आँख लग गयी.

करीब एक घण्टे बाद मेरी जब आँख खूली तो देखा रिक्की मेरे लंड से खेल रही थी. जब मुझे उसने अपनी और घूरते पाया तो थोड़ा शरमा उठी.
मैंने भी कहा, “मेरी जान चूस इसे… मुझे बहुत अच्छा लग रहा है.”

इस समय मेर गन्ना पूरी तरह से तन्नाया हुआ था. मैंने रिक्की से कहा, “रिक्की जब भी मैं या रिशू तुझे चुदाई का मज़ा देंगे तो ये हमेशा याद रखना की तुझे ये मज़ा मिलने में कामिनी आंटी का बहुत बड़ा हाथ है समझी.”

रिक्की तपाक से बोली, “यू आर राइट भैया, ऑल थैंक्स टू मम्मी. पर वैसे भी मैं अब ज्यादा इंतज़ार नहीं करने वाली थी, अंकुर या जय लाटरी कभी भी लगने वाली थी पर अब बेचारे हाथ मलते रह जायेंगे.”

मैंने कहा कोई नहीं उनकी भी लाटरी लगवा देना. क्या दिक्कत है.

रिक्की बोली जब भूख घर में ही मिट गयी तो बाहर का खाने का रिस्क क्यों लूं.

अब मेरा लंड फिर से रिक्की की चूत फाड़ने के लिए तैनात हो गया था. मैंने रिक्की से कहा की तू तैयार हो जा तब तक मैं पानी पीकर आता हूँ.
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मैं नंगा ही बाहर गया तो देखा कि कामिनी आंटी ब्रा और पेटीकोट में बैठी हुई सिगरेट और शराब पी रही थी. मुझे देख कर बोली “क्या बात है मोनू” कामिनी आंटी की ज़ुबान नशे में बहुत लड़खड़ा रही थी और आँखें भी नशे में भारी थीं.

मैंने कहा “कुछ नहीं आंटी पानी पीने आया था पर आप तो व्हिस्की पी रही है. रिशू कहाँ है."

कामिनी: रिशू तो सो गया. मुझे नींद नहीं आ रही थी तो सोचा 2-4 पेग ही मार लूं. ले पानी क्या पीएगा. एक पेग लगा ले तू भी. रिक्की सो गयी क्या. आंटी ने मेरी तरफ गिलास बढ़ाते हुए पुछा.

मैंने भी एक साँस में पूरा पेग गटक लिया और बोला "कहाँ आंटी, रिक्की अन्दर रूम में है. लंड ले कर एक दम मस्त चूत हो गयी है साली की. अभी तक दो बार लंड का पानी पी चूकी है, और तीसरी बार चुदाने को मचल रही है. चुदाने के मामले में एक दम तुम्हारी बेटी है! साली की बहुत गरम चूत है. इसको अगर दमदार मर्द नहीं मिला तो ये तो दूसरे मर्दों से खूब चुदवायेगी.”

कामिनी आंटी बोली, “अच्छा? तो जा जाकर ठंडा कर उसे.”

मैंने कहा, “कामिनी आंटी आप भी चलो न अन्दर. मेरी बड़ी इच्छा है कि तुम्हारी बेटी के सामने तुम्हें चोदूँ.”

कामिनी आंटी बोली “पागल है क्या. मुझे रिक्की के सामने चुदाने में बहुत शरम आएगी.”

मैंने कामिनी आंटी की एक न सुनी और उन्हें जबरदस्ती कमरे में ले आया. रिक्की बोली अरे मम्मी को क्यों ले आये. मैंने कहा देखो न यहाँ हम दोनों मज़े ले रहे है और जिनकी वजह से मजे ले रहे है वो बाहर उदास बैठी है इसीलिए इनको भी यहीं ले आया. पर ये शर्मा रही है.

रिक्की बोली, “मम्मी आज से तुम मेरी सबसे बेस्ट फ़्रैंड हो और चुदवाने में क्या शरमाना. मैं भी तो देखूँ कि चुदाई का असली मज़ा कैसे लिया जाता है.”

मैंने रिक्की को कहा, “चलो रिक्की अपनी मम्मी का पेटीकोट उतारो और अपनी मम्मी की चूत नंगी कर के मुझे दिखाओ.”

मैंने कामिनी आंटी की ब्रा खोल कर उनकी चूचियाँ नंगी कर दीं. रिक्की ने भी कामिनी आंटी के सारे कपड़े उतार दिये और बोली “लो मोनू मेरी मम्मी की चूत हाज़िर है.” अब दोनों माँ बेटी एक साथ बिल्कूल नंगी मेरे सामने थीं. मैंने भी नंगी कामिनी आंटी को अपनी बाहों में ले लिया और किस करने के बाद बोला, “कामिनी डार्लिंग! आज तुम्हारी बेटी की चूत खोली है तो आज मैं तुम्हारे साथ भी हनीमून मनाऊँगा तो डार्लिंग तुम्हारी बेटी मेरा लंड चूस कर मोटा करेगी और आज मैं तुम्हारी गाँड मारूंगा. अपनी गाँड मरवाओगी ना कामिनी डार्लिंग.”
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