कामिनी: अरे तो डरती बहुत है. आज पहली बार तो अकेले मिली है. अपने दिल की बात नहीं बताएगी अपनी दोस्त को. या तू मुझे अपना दोस्त मानती ही नहीं?
रश्मि: नहीं ऐसी बात नहीं है. आप तो मेरी बेस्ट फ्रेंड हो.
कामिनी: तो खुल के बात कर न. मेरे अलावा तो कोई सुनने वाला नहीं है. जब मैं तेरी उम्र की थी तो सारे मोहल्ले के लडको को अपनी उंगलियों पर नचाती थी. अरे भरी जवानी ऐसे मत बर्बाद कर रश्मि. अच्छा अपना फिगर तो बता.
रश्मि: जी ३४-२६-३६
कामिनी: वाह वाह. तुझे मेरा फिगर पता है.
रश्मि: जी नहीं और मुझे जानना भी नहीं है.
कामिनी: अरे तू डरती क्यों है, मैं तेरी दोस्त ही नहीं बड़ी बेहन भी हूँ. मुझसे बाते शेयर नहीं करेगी तो किससे करेगी. तेरे इन मम्मों को किसी ने दबा दबा कर इनका रस पिया है.
आंटी ने अपने दोनों हाथ दीदी की छातियो पर रख दिए. अपने खजाने की रक्षा करने के लिए उठते दीदी के हाथो को आंटी ने पकड़ लिया.
कामिनी: अरे मुझसे क्यों शर्माती है. बता न. अब ये मत बोलना की तूने इन्हें अभी तक मसल्वाया नहीं है.
दीदी कसमसा कर चुप हो गयी. आंटी ने दीदी के दोनों हाथ अपने एक हाथ से पकडे और दुसरे हाथ से वो दीदी की चुचिया सहलाने लगी.
कामिनी: चल कोई बात नहीं. मैं तो हूँ न तेरी हेल्प करने के लिए.
आंटी दीदी की चूचियो को धीरे धीरे मसलने लगी. दीदी का गोरा चेहरा मस्ती में लाल हो गया. मुझे आंटी के हरकते देख कर थोडा अजीब लग रहा था पर दीदी पर चडी मस्ती की लहर ने उनके टागो के बीच छिपी उनकी चूत में खलबली मचा दी और उन्होंने अपना एक हाथ अपनी चूत पर रख लिया. दीदी की आंखे मस्ती में बंद होने लगी और वो कापती आवाज़ में बोली
आंटी बस करो. कुछ हो रहा है.
पर आंटी ने दीदी की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया और दीदी के दोनों हाथ उठा कर अपने खरबूजो के साइज़ वाली चुचियो पर रख लिए.
कामिनी: दबा इन्हें
रश्मि: ये कितने बड़े और नरम है
कामिनी: अरे इन पर ही आदमी मरता है. औरत का पिछवाडा और चुचिया ही मर्दों को सबसे ज्यादा आकर्षित करती है.
पाप पुण्य complete
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Re: पाप पुण्य
दीदी की चूचिया भी अब उत्तेजना के कारण एक दम कड़क हो गयी थी. उनका शेप एकदम आम की तरह था. आंटी ने मस्ती में दीदी की चुचियो को जोर से दबाया.
रश्मि: अंकल तो ज्यादातर दिल्ली में रहते है तो आप
कामिनी: शर्मा मत... पूछ न की किस्से चुद्वाती हूँ...
चुदाई का नाम सुनते ही दीदी के बदन में एक झुरझुरी दौड़ गयी और उनकी चूत पनियाने लगी
दीदी: बताइए न
कामिनी: अरे हमारी गली में कोने में एक दुकान है न फोटोकॉपी की. वहां एक लड़का बैठता है राजू. उसी से चुद्वाती हूँ आज कल. साला बहुत लाइन देता था मुझे. बहुत मस्त चोदता है. किसी से कहना नहीं.
और कामिनी आंटी ने अपना हाथ दीदी की चूत पर रख दिया और सहलाने लगी. दीदी ने आँख बंद कर ली और पुछा, कितना लम्बा है उसका?
दीदी की ये बात सुनते ही कामिनी आंटी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी और बोली पूरे गधे के जितना ८ इंच का और उन्होंने अपनी मुठी में दीदी की चूत को भर लिया.
दीदी के मुह से सिसकारी निकल गयी.
कामिनी: तुझे बताऊ वो मुझे कैसे चोदता है.
आंटी ने दीदी को खड़ा करके घोड़ी बना दिया और उनका बदन निहारने लगी. दीदी घोड़ी बनी इतनी सेक्सी लग रही थी की मेरा मन कर रहा था अभी अन्दर जाकर अपना लंड उनके पीछे पेल दूं. घोडी बनना रश्मि दीदी को भी रोमांचित कर रहा था और उनके निप्पल खड़े होने लगे थे. आंटी मन में खुश हो रही थी की उन्होंने रश्मि दीदी को अपने जाल में फंसा लिया है...
आंटी अब अपनी चूत को सहला रही थी तो मुझे लगा की दीदी का बदन मर्द के साथ साथ औरतो को भी बहुत लुभाता है.
रश्मि: अंकल तो ज्यादातर दिल्ली में रहते है तो आप
कामिनी: शर्मा मत... पूछ न की किस्से चुद्वाती हूँ...
चुदाई का नाम सुनते ही दीदी के बदन में एक झुरझुरी दौड़ गयी और उनकी चूत पनियाने लगी
दीदी: बताइए न
कामिनी: अरे हमारी गली में कोने में एक दुकान है न फोटोकॉपी की. वहां एक लड़का बैठता है राजू. उसी से चुद्वाती हूँ आज कल. साला बहुत लाइन देता था मुझे. बहुत मस्त चोदता है. किसी से कहना नहीं.
और कामिनी आंटी ने अपना हाथ दीदी की चूत पर रख दिया और सहलाने लगी. दीदी ने आँख बंद कर ली और पुछा, कितना लम्बा है उसका?
दीदी की ये बात सुनते ही कामिनी आंटी के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी और बोली पूरे गधे के जितना ८ इंच का और उन्होंने अपनी मुठी में दीदी की चूत को भर लिया.
दीदी के मुह से सिसकारी निकल गयी.
कामिनी: तुझे बताऊ वो मुझे कैसे चोदता है.
आंटी ने दीदी को खड़ा करके घोड़ी बना दिया और उनका बदन निहारने लगी. दीदी घोड़ी बनी इतनी सेक्सी लग रही थी की मेरा मन कर रहा था अभी अन्दर जाकर अपना लंड उनके पीछे पेल दूं. घोडी बनना रश्मि दीदी को भी रोमांचित कर रहा था और उनके निप्पल खड़े होने लगे थे. आंटी मन में खुश हो रही थी की उन्होंने रश्मि दीदी को अपने जाल में फंसा लिया है...
आंटी अब अपनी चूत को सहला रही थी तो मुझे लगा की दीदी का बदन मर्द के साथ साथ औरतो को भी बहुत लुभाता है.
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Re: पाप पुण्य
इतनी सेक्सी है तू... न जाने अब तक चुदी क्यों नहीं... क्या तेरा कोई बॉय फ्रेंड नहीं है. आंटी अपने हाथ दीदी के कुल्हो पर रखती हुई बोली
रश्मि: नहीं आंटी. मन तो बहुत है पर डर लगता है. जल्दी बताओ वो कैसे करता है.
कामिनी: बड़ी बैचेन है अगर मैं मर्द होती तो तुझे जमकर चोदती. राजू मेरी कमर ऐसे ही सहलाता है जैसे मै तेरी सहला रही हूँ. फिर ऐसे वो मेरी गांड दबाता है.
आंटी जो बोल रही थी वोही कर रही थी. दीदी मजे से आंखे बंद किये सोच रही थी की कामिनी की जगह राजू ही उनकी कमर सहला रहा है.
रश्मि: आहाह आंटी फिर क्या करता है वो
कामिनी: फिर वो मेरी चूत को मसलता है.
और वो दीदी की चूत की मसलने लगी और दबाने लगी.
और पता है फिर वो क्या करता है. कामिनी आंटी दीदी को तडपाती हुई बोली
क्या करता है आंटी बोलो न आ आह दीदी बदहवासी में अपने बदन को हिलाते हुए बोली.
फिर वो मेरे साथ ऐसा करता है ये कह कर कामिनी आंटी अपनी चूत को दीदी की गांड से रगड़ने लगी.
रश्मि दीदी तो मस्ती में खोकर किसी और दुनिया में चली गयी थी और कामिनी आंटी अब बेहिचक उनके बदन से खेलने लगी.
सच में रश्मि तो एक बार राजू का लंड ले ले अपनी चूत में. तेरी ज़िन्दगी बन जाएगी. कहते हुए आंटी ने दीदी के सीधा बेड पर लिटाया और उनके होठ चूमने लगी. फिर वो मेरी चून्चियो को कस कस के दबाता है और उन्होंने दीदी की टीशर्ट के अन्दर हाथ डाल कर चून्चिया मसल कर रख दी.
आह इसस आंटी उह ममा मर जाऊँगी. दीदी मस्ती से छलक उठी
और चोदते हुए वो गन्दी गन्दी गलिया देता है. तुझे गलिया सुनना अच्छा लगता है. बोल रांड आह. आंटी की भी अब आँख बंद हो रही थी और उनके धक्के तेज़ हो गए.
आंटी ने दीदी के निप्पल खीचते हुआ पुछा. बोल न बेहेन की लौड़ी बोल तुझे सुननी है चुदते हुए गन्दी गन्दी गलिया. मज़ा आता है तुझे गलिया सुन कर.
हां आंटी मुझे गन्दी गन्दी गलिया सुनना अच्छा लगता है. गलिया सुन कर मेरी चूत में एक कसक सी उठती है और उससे पानी आने लगता है. रश्मि दीदी बोली
रश्मि: नहीं आंटी. मन तो बहुत है पर डर लगता है. जल्दी बताओ वो कैसे करता है.
कामिनी: बड़ी बैचेन है अगर मैं मर्द होती तो तुझे जमकर चोदती. राजू मेरी कमर ऐसे ही सहलाता है जैसे मै तेरी सहला रही हूँ. फिर ऐसे वो मेरी गांड दबाता है.
आंटी जो बोल रही थी वोही कर रही थी. दीदी मजे से आंखे बंद किये सोच रही थी की कामिनी की जगह राजू ही उनकी कमर सहला रहा है.
रश्मि: आहाह आंटी फिर क्या करता है वो
कामिनी: फिर वो मेरी चूत को मसलता है.
और वो दीदी की चूत की मसलने लगी और दबाने लगी.
और पता है फिर वो क्या करता है. कामिनी आंटी दीदी को तडपाती हुई बोली
क्या करता है आंटी बोलो न आ आह दीदी बदहवासी में अपने बदन को हिलाते हुए बोली.
फिर वो मेरे साथ ऐसा करता है ये कह कर कामिनी आंटी अपनी चूत को दीदी की गांड से रगड़ने लगी.
रश्मि दीदी तो मस्ती में खोकर किसी और दुनिया में चली गयी थी और कामिनी आंटी अब बेहिचक उनके बदन से खेलने लगी.
सच में रश्मि तो एक बार राजू का लंड ले ले अपनी चूत में. तेरी ज़िन्दगी बन जाएगी. कहते हुए आंटी ने दीदी के सीधा बेड पर लिटाया और उनके होठ चूमने लगी. फिर वो मेरी चून्चियो को कस कस के दबाता है और उन्होंने दीदी की टीशर्ट के अन्दर हाथ डाल कर चून्चिया मसल कर रख दी.
आह इसस आंटी उह ममा मर जाऊँगी. दीदी मस्ती से छलक उठी
और चोदते हुए वो गन्दी गन्दी गलिया देता है. तुझे गलिया सुनना अच्छा लगता है. बोल रांड आह. आंटी की भी अब आँख बंद हो रही थी और उनके धक्के तेज़ हो गए.
आंटी ने दीदी के निप्पल खीचते हुआ पुछा. बोल न बेहेन की लौड़ी बोल तुझे सुननी है चुदते हुए गन्दी गन्दी गलिया. मज़ा आता है तुझे गलिया सुन कर.
हां आंटी मुझे गन्दी गन्दी गलिया सुनना अच्छा लगता है. गलिया सुन कर मेरी चूत में एक कसक सी उठती है और उससे पानी आने लगता है. रश्मि दीदी बोली
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Re: पाप पुण्य
दीदी के मुह से ऐसी बाते सुन कर मेरा तो लंड फटने लगा और मैं अपना लंड मुठीयाने लगा. आंटी दीदी को ऐसे रगड़ रही थी की दीदी आह की आवाज़ करके झड गयी और आँख बंद करके निढाल लेट गयी पर आंटी का अभी नहीं हुआ था तो वो अभी भी लगी हुई थी. थोड़ी देर में आंटी की फूली हुई भुर ने भी पानी छोड दिया और वो दीदी को दबोच कर उनके ऊपर गिर गयी.
पर मेरी बदकिस्मती की आंटी को सामने शीशे में मैं मुठ मरता दिख गया. और मेरी नज़र भी आंटी की नज़र से शीशे में ही मिली. दीदी का मुह अभी भी तकिये में दबा था पर आंटी आंखे फाड़ के मुझे या मेरे लंड को देख रही थी.
तभी दीदी का बदन हल्का सा हिला और आंटी ने मुझे इशारे से वहां से जाने के लिए कहा. मैं फ़ौरन वहां से हट गया पर लंड में हलचल अभी भी मौजूद थी और एक्सईटमेंट से मैं पागल हो रहा था तो मैं काम पूरा करने नीचे बाथरूम में घुस गया और अपना पेंट और अंडरवियर उतर कर एक कोने में फ़ेंक दिया और फिर से मुठ मारने में लग गया.
तभी मुझे पायल की छम छम सुनाइ दी और मैं कुछ समझ पता तब तक बाथरूम का दरवाजा खुल गया. अब सीन कुछ ऐसा था की मैं नंगा खड़ा था मेरे हाथ में मेरा मस्ती से फूला लंड था और बाथरूम के डोर पर कामिनी आंटी थी.
पर मेरी बदकिस्मती की आंटी को सामने शीशे में मैं मुठ मरता दिख गया. और मेरी नज़र भी आंटी की नज़र से शीशे में ही मिली. दीदी का मुह अभी भी तकिये में दबा था पर आंटी आंखे फाड़ के मुझे या मेरे लंड को देख रही थी.
तभी दीदी का बदन हल्का सा हिला और आंटी ने मुझे इशारे से वहां से जाने के लिए कहा. मैं फ़ौरन वहां से हट गया पर लंड में हलचल अभी भी मौजूद थी और एक्सईटमेंट से मैं पागल हो रहा था तो मैं काम पूरा करने नीचे बाथरूम में घुस गया और अपना पेंट और अंडरवियर उतर कर एक कोने में फ़ेंक दिया और फिर से मुठ मारने में लग गया.
तभी मुझे पायल की छम छम सुनाइ दी और मैं कुछ समझ पता तब तक बाथरूम का दरवाजा खुल गया. अब सीन कुछ ऐसा था की मैं नंगा खड़ा था मेरे हाथ में मेरा मस्ती से फूला लंड था और बाथरूम के डोर पर कामिनी आंटी थी.
- rangila
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Re: पाप पुण्य
मित्र कहानी बहुत ही मजेदार है
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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