पाप पुण्य complete

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Rishu
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Re: पाप पुण्य

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इतना बोल कर मैंने रिक्की को इशारा किया कि वो अपनी माँ की गाँड एक दम कस कर पकड़ ले. रिक्की ने भी मेरा कहना माना और मैंने अपने दोनों हाथों से कामिनी आंटी की कमर पकड़ ली और ज़ोरदार झटका मारा जिससे चिकनाहट होने के कारण मेरा लंड सरकते हुए पूरा कामिनी आंटी की गाँड में समा गया. कामिनी आंटी को तो जैसे बिजली का शॉक लग गया हो. अगर रिक्की ने उनके चूत्तड़ और मैंने उनकी कमर कस कर नहीं पकड़ी होती तो शायद कामिनी आंटी मेरा लंड निकाल देतीं पर बेचारी मजबूर थी… सिवाये कसमसाने के और गालियाँ देने के अलावा वो कुछ भी नहीं कर सकती थीं.

मैंने भी बिना कुछ परवाह किये बिना अपना पूर लंड कामिनी आंटी की गाँड में उतार कर ही दम लिया और हल्के-हल्के शॉट देने लगा. कामिनी आंटी तो दर्द के मारे पागल हो गयी थी और बोले जा रही थीं, “अरे मादरचोद, भोसड़ी वाले मार डाला रे. तेरी माँ का भोंसड़ा मादरचोद. बहनचोद मैं ज़िंदगी भर तुझे जैसे कहेगा वैसे ही चुदवाऊँगी और चूसूँगी. तू जिसको बोलेगा मैं उसको चुदवा दूँगी तेरे से. मुझे छोड़ दे माँ के लौड़े. हाय मेरी माँ. फट गयी मेरी गाँड. मादरचोद सत्यानाश कर दिया तूने आज मेरी गाँड का. आज तेरा लंड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है.”

कामिनी आंटी बोलती रहीं पर अब मैं जोश में आ चुका था और हुमच-हुमच कर अपना लंड गाँड में पेल रहा था. कामिनी आंटी को भी अब अच्छा लगने लगा था क्योंकि अब वो कह रही थीं, “मार ले मोनू, मार ले अपनी आंटी की गाँड. हाय हाय! शूरू-शूरू में तो बहुत दर्द हुआ पर बाद में बहुत मज़ा आता है. रिक्की तू भी मोनू से अपनी गाँड जरूर मरवाना.”

करीब बीस पच्चीस मिनट तक कामिनी आंटी की गाँड मारने के बाद मैंने अपना रस कामिनी आंटी की गाँड में ही निकाल दिया.
अब मैं भी काफी थक गया था और हम तीनो नंगे एक दुसरे से लिपट कर सो गए.

सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं अकेला ही सो रहा था. मैं कपडे पहन कर बाहर आया तो देखा कामिनी, रिशू और रिक्की नाश्ता कर रहे थे.
रिशू बोला बहुत देर तक सोता रहा तू. मेरे कुछ कहने से पहले ही रिक्की बोली रात भर मेहनत भी तो बहूत की है मोनू भैया ने. आंटी ने कहा फ्रेश होकर नाश्ता कर ले मोनू. मैंने कहा नहीं आंटी अब घर जाकर ही फ्रेश होउंगा. और मैं घर से बाहर आ गया तभी रिशू ने पीछे से मुझे आवाज़ दी और बोला यार मैं सोच रहा था की रश्मि, रिक्की, मैं और तुम जब मिल कर फौर्सम करें तो कितना मज़ा आयेगा. मैंने कहा हा मज़ा तो आयेगा. बना प्लान. रिशू बोला प्लान क्या बनाना रश्मि को लेकर आजा घर पर. मैंने कहा ठीक है.
Rishu
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Re: पाप पुण्य

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मैं घर पंहुचा और नहा धोकर जब पापा के पास गया तो पापा बोले.

पापा: तेरी बहन की शादी तय हो गयी है. अगले महीने की २० तारीख को बरात आयेगी. बहुत काम करने है. सिर्फ २५ दिन बचे है. तो अब तुम फालतू घूमना बंद करो और तैयारी में मेरा हाथ बटाओ.

उस दिन के बाद कभी गेस्ट हाउस की बुकिंग, कभी कार्ड छपवाने का चक्कर, कभी बाटने का चक्कर, कभी शादी की शॉपिंग कुल मिला कर टाइम निकलता ही गया और मेरा और रिशू के रश्मि दीदी और रिक्की को एक ही बिस्तर पर चोदने का प्लान कामयाब नहीं हो पाया. घर में काफी सारे मेहमान भी आ गए थे. शादी से ३ दिन पहले मनीष भी मोनिका को ले कर आ गया. मौसा मौसी शादी वाले दिन ही सुबह आने वाले थे. मोनिका भी चुद चुद कर काफी गदरा गयी थी. उसे देख कर मुह में पानी आ गया. पर इतने सारे लोगों के घर में रहते कुछ करना नामुमकिन था. सोचा की शादी के बाद मोनिका और मनीष को कुछ दिन रोक लूँगा तभी कुछ होगा.

रात को मनीष और मैं छत पर बैठे थे तो मनीष बोला यार दो दिन बाद रश्मि शादी करके बेंगलोर चली जाएगी फिर पता नहीं कब मिलना हो. यार कम से कम एक बार उसकी चूत तो दिला दे.

मैंने कहा भैया मैंने खुद एक महीने से दीदी की चूत की शकल नहीं देखी. दीदी की क्या २५ दिन से किसी की चूत नहीं देखी पर क्या करू. कुछ होना संभव नहीं है क्योंकि रश्मि दीदी अब किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती. रिशू भी तो मरा जा रहा है. उसने दीदी को फ़ोन करके अपने घर बुलाया था पर दीदी ने साफ़ मना कर दिया. कल मैं रिशू के घर कार्ड देने जाऊँगा तब बात करूंगा. हो सकता है कुछ हो जाये.

अगले दिन मैं कार्ड देने कामिनी आंटी के घर गया. आंटी ने शिकायत करते हुए कहा की सबसे आखिरी में मुझे कार्ड देना था क्या. मैंने कहा क्या आंटी आपको तो सबसे पहले खबर दी थी पर क्या करूं मुझे ही सारे कार्ड बाटने है. अभी भी करीब १० कार्ड बचे है जो आज बाटूंगा. रिक्की और रिशू कहा है.

कामिनी: रिशू रिक्की को दिल्ली छोड़ने गया है. कल वापस आ जायेगा. रिक्की का एक पेपर है वहां २२ तारीख को. पेपर दे कर २३ को वो अपने पापा के साथ वापस आ जाएगी.

मोनू: ओह, उसने मुझे बताया नहीं.

कामिनी: कुछ काम था क्या?

आंटी को मैंने सारी बात बता दी की हम लोग रश्मि दीदी को शादी से पहले एक बार और चोदना चाहते है पर दीदी नहीं मान रही. इसीलिए रिशू से बात करनी थी. आंटी ने कहा देखो अब रश्मि की शादी में दो दिन बचे है. वो अपनी जगह सही है. अगर कुछ गड़बड़ हो गया तो. अब तुम लोगो को भी सब्र करना चाहिए.

पर आंटी दीदी 2 दिन के बाद हनीमून के लिए सिंगापुर जा रही है और वहां से लौट कर बेंगलोर. अब पता नहीं कब उनसे मुलाकात होगी. क्या पता शादी के बाद वो हमें भाव ही न दे. इसीलिए आखिरी याद के तौर पर हम उनको चोदना चाहते है.

कामिनी: अच्छा रिशू तो कल रात तक वापस आयेगा. एक तरीका है की तुम्हारा काम भी हो जायेगा और रश्मि भी मान जाएगी. सुनो तुम्हारा गेस्ट हाउस तो यही है मेरे घर के पीछे. परसों जब रश्मि ब्यूटी पार्लर जाये तो तुम उसके साथ चले जाना और उसको तैयार करवा कर मेरे घर ले आना. पार्लर वाली मेरी दोस्त है मैं उससे कह दूँगी वो तुम्हे ७.३० की जगह ६.३० पर एक घंटे पहले छोड़ देगी. यहाँ तुम और रिशू १ घंटे में उसकी चूत मार लेना. अगर थोडा बहुत मेकअप बिगड़ा तो मैं ठीक कर दूँगी और ८.०० बजे जयमाल तक हम गेस्ट हाउस पहुच जायेंगे.

मोनू: वह आंटी. मजा आ जायेगा दीदी को दुल्हन बना कर चोदने में. पर एक बात है मनीष मेरी मौसी का लड़का भी दीदी की लेना चाहता है. उसको भी यही ले आऊं.

कामिनी: अरे तू पूरी फौज ले आ बेहनचोद. सुन जिसको लाना है ला पर एक घंटे में सब कुछ कर लेना. ताकि हम ८ बजे तक जयमाल में पहुच जाये. समझा.
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मैं खुश होकर बाकि के कार्ड बाटने निकल गया और शाम को घर पहुच कर मनीष को सारा प्लान बताया. मनीष भी खुश हो गया. शादी वाले दिन करीब ३ बजे मैंने दीदी से कहा की चलो तुम्हे पार्लर ले चलू. तो दीदी ने कहा इतनी जल्दी क्या है 4 बजे तक चलेंगे. तो मैंने कहा की पार्लर वाली का फ़ोन आया था उसने ३ बजे आने को कहा है. मम्मी भी बोली जा रश्मि चली जा. वहां टाइम लगेगा. दीदी ने अपने कपडे लिए और मेरे और मनीष के साथ पार्लर के लिए चल दी. मोनिका भी साथ आना चाहती थी पर हमने उसे टाल दिया. पार्लर में दीदी अन्दर चली गयी और हम दोनों बाहर बैठ गए. करीब ६ बजे रिशू भी वही आ गया और बोला सब ठीक है न. मम्मी ने कहा की एक बार पूछ लू की तुम लोग रश्मि को लेकर आ रहे हो न.

मनीष ने रिशू से कहा जाओ अपने लौड़े पर तेल लगा के रखो हम दुल्हन को लेकर आ रहे है. रिशू वापस चला गया. ६.३० बज गए पर अभी तक दीदी तैयार नहीं हुई थी. हमें लगा की प्लान चौपट हो गया. मैंने जा कर पुछा तो पार्लर वाली बोली ब्राइडल मेकअप में टाइम लगता है. फुल बॉडी हेयर रिमूवल, वैक्सिंग, ब्लीचिंग, फाउंडेशन इसी में कितना टाइम लगता है. हेयर स्टाइल सेट हो रहा है बस फिर कपडे ठीक करके भेज देंगे. १५-२० मिनट और लगेगा. खैर ७ बजे दीदी तैयार हो कर बाहर आई. मेरी और मनीष की तो सांस ही रुक गयी. हरे रंग के लहंगे में दीदी क़यामत लग रही थी. खैर हम जल्दी से दीदी को लेकर वहा से निकले और गाडी में बैठ गए. मैंने मनीष से जल्दी गाडी चलाने को कहा तो दीदी बोली जल्दी किस बात की अभी बहुत टाइम है.

मोनू: हमे पहले कामिनी आंटी के घर जाना है.

रश्मि: क्यों?

मोनू: तुम्हारी शादी से पहले आखिरी बार तुम्हे चोदने.

रश्मि: अरे अब टाइम कहाँ है पागल हुए हो क्या. गेस्ट हाउस भी बगल में है किसी ने देख लिया तो मुसीबत हो जाएगी.

मोनू: अरे पहले वहां पहुचे तो फिर देखेंगे.

करीब १५ मिनट में हम वहां पहुच गए. कार हमने घर के अन्दर ही कर दी ताकि कोई देखे न. रिशू ने जल्दी से दरवाजा खोल दिया और हम तीनो घर के अन्दर घुस गए. रश्मि दीदी काफी घबरा रही थी.

कामिनी: काफी देर कर दी तुम लोगो ने. अब आधे घंटे में जो करना है कर लो. फिर हम सब चलते है. रश्मि तू घबरा मत. किसी को कुछ पता नहीं चलेगा. जा जल्दी से बेड रूम में. रिशू ने गुलाबो से बेड सजाया है तेरे लिए. सुनो अब कोई भी रश्मि के कपडे मत उतारना. रश्मि को घोड़ी बना देना और लहगा उठा के पैंटी उतार कर चोद लेना. चलो जल्दी करो तब तक मैं भी कपडे बदल लेती हूँ.

कामिनी आंटी की बातों से दीदी की घबराहट दूर हुई और वो कमरे में चली गयी पीछे पीछे हम तीनो भी अन्दर घुस गए. दीदी ने हमसे कहा देखो जल्दी जल्दी करलो पर देखना मेकअप और कपडे न ख़राब हो. समझे.
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Re: पाप पुण्य

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और दीदी के इतना कहते ही हम तीनो उन पर टूट पड़े मैं दीदी की चून्चिया उनकी चोली के ऊपर से दबा रहा था तो रिशू रश्मि दीदी का लहगा उठा कर उनकी चूत पर हाथ रग़ड रहा था और मनीष दीदी के चूतड़ दबा रहा था. रिशू ने दोनों हाथों से खींच कर दीदी की पैंटी उतार दी. दीदी के गोरे चुतड नंगे चमक रहे थे. लगता था की चुतड पर भी दीदी ने फाउंडेशन लगवाया था. दीदी के कपडे तो हम नहीं उतार सकते थे पर हम तीनो ने जल्दी जल्दी अपने कपडे उतार डाले और पूरे नंगे हो गए.

मैंने दीदी को घोड़ी बनाया और पीछे से अपना लंड दीदी की पानी छोडती बुर में पेल दिया. दीदी के मुहे से एक हलकी सी आह निकल गयी. तभी रिशू ने दीदी के मुह में अपना लंड पेल दिया और दीदी उसे लालीपाप की तरह चूसने लगी. मनीष ने दीदी की चोली के बटन खोल दिए और ब्रा के ऊपर से ही उनकी चूचिया दबाने लगा. मैंने सामने शीशे में देखा की कैसे दीदी पूरी तरह से दुल्हन की तरह सजी हुई अपने भाई से चुदवा रही है. टाइम कम था तो मैंने ताबड़तोड़ धक्के मार मार कर दीदी की चूत में अपना वीर्य छोड़ दिया. मेरे झड़ते ही रिशू ने दीदी की चूत में अपना लंड पेल दिया और मनीष ने दीदी के मुह में. मैं कपडे पहन कर फिर से तैयार हो गया तब तक कामिनी आंटी भी तैयार हो कर आ गयी.

कामिनी आंटी अन्दर घुस कर रश्मि दीदी से बोली अरे शादी वाले दिन दुल्हन का व्रत होता है. वो कुछ नहीं खाती और तू यहाँ दो दो लंड आगे पीछे से खा रही है. क्यों हो गया तुम लोगो का...

मोनू: मेरा हो गया. रिशू पेल रहा है फिर मनीष.

कामिनी: अरे इतना टाइम नहीं है ७.४५ हो गए है. घर से कोई पार्लर पूछने जाये इससे पहले हमने वहां पहुच जाना चाहिए.

तब तक रिशू ने भी दीदी की चूत को अपने वीर्य से भर दिया. कामिनी आंटी बोली बस अब टाइम नहीं है पर मनीष बोला बस ५ मिनट आंटी और उसने अपना तन्नाया हुआ लंड दीदी की वीर्य से भरी चूत में पेल दिया. दीदी भी अब तक एक बार झड चुकी थी.

कामिनी: चल जब तक तू इसको चोद मैं इसकी चोली वापस बाँध देती हूँ. रिशू तू भी कपडे पहन कर तैयार हो जा.

फिर आंटी दीदी की चोली बांध कर उनकी लिपस्टिक ठीक करने लगी जो लंड मुह में लेने से थोड़ी फ़ैल गयी थी. मनीष के झड़ते झड़ते ८ बज गया.

आंटी ने दीदी के कपडे ठीक किये पर दीदी की पैंटी नहीं मिल रही थी. आंटी ने दीदी को सीधा खड़ा किया और उन्हा लहगा नीचे कर दिया और बोली चल रश्मि जल्दी चल. बाद में दूसरी पैंटी पहन लेना अभी चल. दीदी चूत साफ़ करना चाहती थी पर आंटी ने कहा अब टाइम नहीं है हम सब जल्दी से कार जाकर बैठे और 2 मिनट में गेस्ट हाउस पहुच गए. सब लोग हमारा वेट कर रहे थे. हम सब जल्दी से अन्दर पहुचे और दीदी को सीधे स्टेज पर ले जाया गया. वहा मयंक दीदी का जयमाल के लिए इंतज़ार कर रहा था.थोड़ी देर तक दीदी और मयंक बैठे रहे फिर जब दीदी जयमाल के लिए खड़ी हुई तो उनके बदन में एक सिहरन सी दौड़ गयी क्योंकि जैसे ही मयंक ने उनके गले में वरमाला डाली उसी वक़्त उनकी चूत से मेरा, रिशू और मनीष का मिला जुला वीर्य बह कर उनकी जांघो को चिपचिपा बनाने लगा.
किसी तरह दीदी ने कण्ट्रोल किया और जयमाल के बाद मौका मिलते ही एक कमरे में जाकर फेरो से पहले अपने कपडे बदले और अपनी चूत और पैरो को साफ़ किया. दो दिन बाद रश्मि दीदी मयंक के साथ चली गयी पर मेरे दिल में उनकी चुदाई की सुनहरी यादें हमेशा के लिए छोड़ गयी.

समाप्त..
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