मैं और मेरा परिवार

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xyz
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Re: मैं और मेरा परिवार

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809 जी

अब मिसेज़ पंवार की गंद मे मेरा लंड जाना बाकी था.

और राजेश को मिसेज़ दूबे के गंद मारनी थी.

हम ने मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे को खड़ा करके एक दूसरे के गले मिलने को कहा.

उनके गले मिलते ही मैं मिसेज़ पंवार के पीछे चला गया और राजेश मिसेज़ दूबे के पीछे से चिपक गया.

हम दोनो के बीच मे मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे फस गयी.

मैं ने मिसेज़ पंवार के लेफ्ट पैर को उपर करके अपना लंड उसकी गंद पे सेट किया

राजेश ने भी मिसेज़ दूबे का लेफ्ट पैर उठा कर अपने लंड को मिसेज़ दूबे गंद पे रगड़ने लगा.

मैं ने राजेश को इशारा किया और हम ने एक साथ जोरदार झटका मार कर पूरा लंड गंद मे अंदर तक डाल दिया.

दोनो के पीछे से झटके लगे उनके बूब्स एक दूसरे के बूब्स से टकरा कर चकना चूर हो गये

उनको लगा नही था कि धक्का इतना ज़ोर दार होगा कि उनके चूत के होंठ के दूसरे को किस करने लगेंगे

मेरा फोर्स मिसेज़ पंवार की गंद मे लगा ,राजेश का फोर्स मिसेज़ दूबे की गंद मे लगा.

दोनो फोर्स एक दूसरे से टकराते एक एनर्जी प्रोड्यूस हो गयी.

दो स्ट्रॉंग फोर्स एक दूसरे से टकराते मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की गंद से लेकर चूत तक, पैरो से लेकर सर तक पूरी तरह से हिल गयी.

उनकी चूत तो आपस मे टकरा कर एक दूसरे मे समा गयी.

मैं ने एक हाथ से मिसेज़ दूबे की कमर को पकड़ा और राजेश ने मिसेज़ पंवार की ताकि धक्के जोरदार लगे.

उनकी गंद को ये झटका हमेशा याद रहेगा. दोनो तरफ से झटका लगने जैसा था.

झटका मारते ही हम ने धक्के मारना शुरू किया.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे हमारे बीच मे से निकलना चाहती थी .

मिसेज़ पंवार-अवईीईिओ. ....रुक्ककककक... ..जाओववववव..... ..अजिबब्बबबबग.... साआआ... ..लगगज्गीरल्फर्ीएंदगज्ग.. .....राहामआआअ... ..हाईईईईई....

मिसेज़ दूबे-अवईीू.... ...एककककककक.... .मोनुटीईईईई.. ....क्ीईईई.... .लिइईई... ...रुक्कूऊव....

हम कहाँ रुकने वाले थे.हम तो अब इसका भरपूर मज़ा लेने वाले थे.

अवी और राजेश नाम मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे हमेश याद रखेंगी

जब भी उनको दर्द होगा या लंड लेगी हमे ,इस रात को हमेशा याद रखेगी.

हम अपना पूरा जोश पूरी एनर्जी लगा कर धक्के मारने लगे.

उनको लग रहा था कि धक्के दोनो तरफ से लग रहे है.

राजेश और मेरे धक्को से वाइब्रेशन हो रहा था जिस से उनका बदन वाइब्रट हो रहा था.

क्या था ये मुझे नही पता ,पर इसकी वजह से एक अलग मज़ा मिल रहा था.

हमारे धक्को से वाइब्रेशन हो रहा था जिस से मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दुबे के पैर काप रहे थे

दोनो एक एक पैर पे खड़ी थी जो थर थर काप रहे थे.

मुझे 4 नही सिर्फ़ 2 बूब्स नज़र आ रहे थे.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के बूब्स एक दूसरे से ऐसे चिपक गये थे कि क्या बताऊ.

वो अभी तक रुकने को कह रहे थे.


अवईीईईईईई.... ...रुकूऊऊऊ..... .....दर्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड... ....हूऊऊऊ.. ....राहामआआअ......

अवी-मज़ा नही रहा

मिसेज़ दूबे-आआआआआअ........ राहामाआ... ...हाईईईईई.. ...पर्र्र्र्र्ररर... ....हमम्म्मममम ..........गिर्र्र्ररर.......... जाएँगीईए..,.......

अवी-हम है ना आप बस एंजाय करो


उनकी चूत हमारे धक्को से एक दूसरे से रगड़ रही थी.

मिसेज़ पंवार की पीठ मेरी तरफ थी और मिसेज़ दूबे का मूह मेरी तरफ था.

मैं ने मिसेज़ दूबे का मूह बंद करके उनको किस करने लगा.

मेरा देख कर राजेश मिसेज़ दूबे की गंद मे धक्के मार कर मिसेज़ पंवार को किस करने लगा.

धक्के दूसरे की गंद मे मारो और किस किसी और करो ,ऐसा मज़ा आज तक नही लिया था.

राजेश तो कितना खुश था वो उसके धक्को से पता चल रहा था.

राजेश को पता चल गया कि मैं गाओं मे रह कर कितना मज़ा करता हूँ ,कैसे मज़ा करता हूँ

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे को और मज़ा और थोड़ी राहत देने के लिए हम ने पैर चेंज किए

मैं ने मिसेज़ पंवार का राइट पैर उपर किया और राजेश ने भी वैसा किया.

उनके पैर मे जो दर्द हो रहा था वो पैर चेंज करने से कम हो गया .

पर हम ने धक्के मारने बंद नही किए

ना ही हम ने छेद चेंज किए

क्यू कि उनकी चूत आपस मे रगड़ कर पानी छोड़ रही थी उनको लंड की ज़रूरत नही थी.

मिसेज़ पंवार मेरे धक्को को अपनी गंद मे और राजेश के धक्के को अपने बदन मे फील करने लगी

वीर्य वर्षा मिसेज़ दूबे के लिए

हम ने अपने धक्को से दोनो को ऐसे चिपका दिया था कि मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के बीच मे से हवा भी नही जा सकती

उनके गंद का छेद हमारे धक्को से इतना खुल जाएगा कि वो अब आराम से लंड ले पाएगी

उनके रंडी बनने से ये चुदाई मज़े दार हो रही थी.

बहुत देर हो गयी इस पोज़िशन मे चुदाई करके

उनकी गंद मार कर पूरा मज़ा ले लिया

मैं ने राजेश को रुकने को कहा और हम दोनो उनसे दूर हो गये

हमारे रुकने के बाद वो दोनो वैसे चिपकी रही .

ऐसा लग रहा था उनको फेविकोल से चिपका दिया हो.

मैं ने उनको अलग करने के लिए खिछा तो उनके पसीने से सच मुच वो चिपक सी गयी थी.

उनको अलग करते हुए हमे पता चल गया कि कैसे धक्के मारे है हम ने

उनके अलग होते मैं उनके बूब्स को देखा तो वो लाल हो चुके थे .


मिसेज़ पंवार के बूब्स पर तो मिसेज़ दूबे के निपल का निशान बन गया था.

मिसेज़ दूबे के बूब्स पर तो पूरा मिसेज़ पंवार का बूब्स का निशान दिख रहा था ,मतलब एक गोल लाल निशान दिख रहा था.

दोनो ने पहले खुद को देखा फिर एक दूसरे को देखा ,और एक दूसरे के बूब्स देख कर हँसने लगी

मुझे तो लगा दोनो गुस्सा करेगी

पर एक दूसरे की हालत देख कर हंस रही थी

अवी-मज़ा आया

मिसेज़ पंवार-ऐसा करना कहाँ से सीखा.

मिसेज़ दूबे-कहीं से भी क्यू ना सीखा हो, मुझे तो बहुत मज़ा आया ,दर्द हुआ पर ऐसा मज़ा कोई और नही दे सकता

राजेश-पर हमारा वीर्य निकालना नही है

मिसेज़ पंवार-मैं निकालने के लिए तो यहाँ हूँ

मिसेज़ दूबे-तुम करो मुझे थोड़ा आराम चाहिए

अवी-अभी डबल पेनेट्राइयन करेंगे. एक आराम करो दूसरी तैयार रहो

मिसेज़ पंवार-डीपी , बहुत दर्द होगा

मिसेज़ डूबे-हो जाने दो आज, इस रात मे सब कुछ करते है. जिस से ये रात को हमेशा याद करेंगे

राजेश-बहुत मज़ा आता है

मिसेज़ पंवार-ठीक है पर आराम से और तेल लगा कर

अवी-गंद तेल ,चूत थूक

राजेश-मैं गंद मारता हूँ आप चूत मारो

हम ने नये कॉंडम पहन लिए. आज पूरे कॉंडम इस्तेमाल करके रहेंगे.

राजेश ने अपने लंड पर तेल लगाया और मैं ने थूक लगा कर सोफे पर बैठ गया.

मिसेज़ पंवार ने पानी पिया और मेरे लंड पे चूत रख कर धीरे से बैठ गयी

मेरा लंड अंदर जाते ही मैं ने मिसेज़ पंवार को अपने उपर झुका दिया और राजेश ने मिसेज़ पंवार के गंद पर लंड सेट करके रगड़ना शुरू किया.

अभी जोरदार चुदाई हुई थी जिस से मैं ने राजेश को धीरे धीरे करने को कहा.

बड़े प्यार से राजेश मिसेज़ पंवार की गंद मे लंड डालने लगा.

मेरे लंड ने मिसेज़ पंवार की गंद को अच्छे से खोल दिया था जिस से राजेश को ज़्यादा परेशानी नही हुई .आराम से लंड अंदर चला गया.

2 लंड अपने अंदर लेते मिसेज़ पंवार के माथे पे दर्द की लकीर दिख रही थी.

आआअहह...... ..अवईीईईईईईई....... ..थोदाआआआ..... .दर्द्द्द्द्द्दद्ड.... ..हूऊपप्प्प.... .....राहामआआआ... ...हाईईईईईईईई... .....मिसेज़ डुबेययययययययी..... ...ईईई.... ..मज़ेदार्र्र्र्र्ररर हाईईईईईईई.......

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की जोरदार चुदाई की थी जिस से हम ने धीरे धीरे डीपी करने का फ़ैसला किया.

पहले राजेश ने धक्के मारना शुरू किया ,मैं कुछ देर ऐसे लंड चूत मे डाले हुए रहना चाहता था.

मेरे ऐसा करने से मिसेज़ पंवार को ज़्यादा दर्द नही हुआ.

मिसेज़ पंवार ने राजेश के पहले धक्के से मज़ा लेना शुरू किया.




ऐसा मज़ा जिसके सामने अब तक की चुदाई कुछ भी नही थी

थोड़ी देर पहले मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे हमारे बीच मे फसि हुई थी.

अब अकेली मिसेज़ पंवार को हम ने अपने बीच मे फसा कर रखा.

राजेश के रुकते मैं ने चूत मे धक्के मारना शुरू जिया.

राजेश रुक कर मिसेज़ पंवार को सहारा दे रहा था.

जैसे मिसेज़ पंवार डीपी को एंजाय करने लगी.

वैसे हम ने एक साथ धक्के मार कर मज़ा लेना शुरू किया.

मिसेज़ पंवार के साथ स्टेप बाइ स्टेप करने से उनको सिर्फ़ मज़ा मिला .दर्द का नामो निशान नही था.

मिसेज़ पंवार को मस्ती करते हुए देख कर मिसेज़ दूबे को गर्मी चढ़ने लगी.

मैं ने राजेश को इशारा करके जगह चेंज करने को कहा.

राजेश ने मिसेज़ पंवार को उठा कर पलट दिया. मिसेज़ पंवार का मूह राजेश ने अपनी तरफ किया जिस से मेरा लंड नये कॉंडम के साथ मिसेज़ पंवार की गंद मे गया और मिसेज़ पंवार की चूत राजेश के नाम रही.

फिर हुआ चिल्लाने का प्रोग्राम शुरू

मैं ने और राजेश ने मिसेज़ पंवार को अपने बीच मे फसा कर धक्को की गति बढ़ा दी

राजेश को चूत मिलते उसके गति बढ़ा कर धक्के मारना शुरू किया.

मिसेज़ पंवार का पता चलने लगा कि डीपी होता क्या .

मिसेज़ पंवार को दर्द के साथ मज़ा मिलने लगा.

कभी मैं धक्के मारकर दर्द देने लगा तो राजेश धक्के मारकर मिसेज़ पंवार को मज़ा देने काग़ा.

राजेश की गति बढ़ते उसके धक्को से दर्द और मेरे धक्को से सुकून मिलने लगा.

मिसेज़ पंवार इस दर्द और मज़े वालो धक्को से समझ नही पा रही थी कि उसे हमे रोकना चाहिए या नही.

मिसेज़ पंवार के कन्फ्यूषन का फ़ायदा उठाते हुए मैं ने राजेश ने डीपी को पूरा एंजाय किया

मिसेज़ पंवार की आयेज से और पीछे से दोनो तरफ से आचे से सिखाई हो गयी.

मिसेज़ पंवार का पानी निकाल कर हम ने उनको छोड़ दिया.

हमारी कॅमरा विमन ने अपना कॅमरा मिसेज़ दूबे पे फोकस किया .

नेक्स्ट हेरोरिन का नंबर आ गया.


मिसेज़ दूबे के साथ भी मिसेज़ पंवार की तरह दोनो छेद को ब्लॉक कर दिया

मिसेज़ दूबे ने अपनी चुदाई को मिसेज़ पंवार से भी ज़्यादा एंजाय किया

और इस ग्रूप चुदाई का एंड उनको अपना वीर्य पिला कर किया


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shubhs
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Re: मैं और मेरा परिवार

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Re: मैं और मेरा परिवार

Post by xyz »

810

मिसेज़ दूबे और मिसेज़ पंवार की ग्रूप चुदाई करने मे बहुत मज़ा आया

कभी सोचा नही था कि मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के साथ चुदाई मे इतना मज़ा आएगा.


मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे तो 18 साल की जवान लड़की को मात देगी इतना जोश था उन मे

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे ने अपने 3 3 छेद हमारे लंड को दे कर चुदाई को रंगीन बनाया.

कभी मैं मिसेज़ पंवार की चूत मारता तो ,राजेश मिसेज़ दूबे की चूत मार रहा होता.

कभी राजेश मिसेज़ पंवार की गंद मारता तो मैं मिसेज़ दूबे की गंद को खोल देता.

मैं ने मिसेज़ पंवार के तीनो छेद मे लंड डाला तो राजेश ने मिसेज़ दूबे के तीनो छेद मे अपने लंड से अपना नाम लिखा.

कभी मिसेज़ पंवार की चूत मे मेरा लंड तो राजेश का लंड मिसेज़ पंवार की गंद मे होता

मेरा लंड मिसेज़ दूबे की गंद मे होता तो राजेश अपना लंड मिसेज़ दूबे की चूत मे डाल देता.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे उछल उछल कर चुदाई करवा रही थी.

रिया की चूत और गंद मे जलन हो रही थी.

ये जलन मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की चुदाई देख कर नही हो रही थी , बल्कि राजेश ने रिया की चुदाई ही ऐसी की थी उसे जलन हो रही थी.

रिया ने सब रेकॉर्ड किया.

मिसेज़ पंवार के साथ थ्रीसम ,

मिसेज़ दूबे के साथ थ्रीसम

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की रंगीन बातें

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे के साथ हमारी ग्रूप चुदाई

रिया ने सब कुछ रेकॉर्ड किया था.

रिया ने क्यू किआ ये नही पता ,पर ये डेंजर था.

चुदाई होते ही मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे एक साथ बाथरूम मे चली गयी जो बेडरूम मे था.

उनके आते ही रिया ने सोने का नाटक किया .

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे ने रिया की तरफ देखा और स्माइल करके बाथरूम मे घुस गयी

राजेश सोफे पर लेट गया.

हॉल मे एक बेड होना चाहिए था.

मैं स्टोर रूम जो बेडरूम जितना बड़ा था वहाँ जाकर देखना चाहता था कि एक एक्सट्रा बेड है कि नही.क्यूँ कि सोने की प्राब्लम होसकती थी.

बेड एक था और हम 5 ,

जब मैं रेंट पे रहता था तो यहाँ मकान मालिक का समान था. अब देखता हूँ कुछ रखा है कि नही.

मैं ने स्टोर रूम खोला तो ,ये क्या ,ये भी बेडरूम बना दिया.

रणजीतसिंघ ने किया होगा. अच्छा हुआ बेडरूम बना दिया.

अब तो प्राब्लम सॉल्व हो गयी.


मैं ने राजेश को उठा कर उसे बेडरूम मे भेज दिया.

अवी-तुम यहाँ सोना

राजेश-मैं नही सोने वाला ,आज

अवी-जो करना है यहाँ करना .मैं उस बेडरूम मे सोउंगा.

राजेश-दोनो आंटी मेरे साथ रहेगी

अवी-तेरे लिए है वो ,जा फ्रेश हो जा ,खाना खाना है

राजेश-रिया ,वो तो सो रही है

अवी-उसे मैं उठा देता हूँ

राजेश फ्रेश होने चला गया और मैं रिया के पास चला गया

रिया सोने का नाटक कर रही थी,

मैं रिया के पास जाकर लेट गया.

अवी-ये नाटक बंद करो, मुझे पता है तू जाग रही हो

रिया ने आँखे कॉल दी

रिया-ये आंटी कौन है.

अवी-मेरी फ्रेंड की मम्मी है

रिया-इनको क्यूँ बुलाया

अवी-तुम और नही कर सकती इस लिए बुलाया

रिया-मैं कर सकती हूँ

अवी-रहने दो ,फट कर हाथ मे आएगी

रिया-तुम्हारे भाई ने किया ,वरना मैं रात तक कर सकती थी.

अवी-शर्त तुम ने लगाई

रिया-जाने दो, अब क्या करना है

अवी-तुम आराम करो हम मस्ती करेंगे

रिया-मुझे भी करना है

अवी-कल से राजेश के साथ तुम अकेली रहोगी

रिया-पर कल तो मुझे कोर्स को जाने होगा.

अवी-गाओं मे राजेश का ध्यान तुम्हे रखना होगा

रिया-और तुम

अवी-मैं कभी कभी आउगा.

रिया-ठीक है. वैसे राजेश के साथ करने के बाद मैं तुम्हारे साथ करने की हालत मे नही रह सकती.

अवी-तो तुम गाओं मे राजेश का ध्यान रखना

रिया-पूरा ध्यान रखुगी.

अवी-चलो अब उठो

रिया-क्यूँ

अवी-खाना खा लो


रिया-बहुत भूख लगी

अवी-फ्रेश हो जाओ ,फिर हॉल मे आना( मैं ने रेकॉर्डिंग की कोई बात नही की ,देखता हूँ रिया खुद बताती है कि नही)

और मैं उठने वाला था कि रिया ने रोक लिया.

रिया-ये देखो मैं ने तुम्हारी चुदाई रेकॉर्ड की है

अवी-वीडियो बनाया पर क्यूँ

रिया-मैं तुम्हारी चुदाई की आवाज़ सुन कह उठ गयी. और तुम को चुदाई करते हुए देखने लगी.

अवी-वीडियो क्यूँ बनाया

रिया-मैं वहाँ तुम्हारे पास आकर गड़बड़ नही करना चाहती थी इसलिए दूर से देखने लगी.

अवी-पर वीडियो क्यूँ बनाया

रिया-दूर से दिख नही रहा तो वीडियो बना कर ज़ूम करके देखने लगी.

अवी-मज़ा आया देखने मे

रिया-हाँ

अवी-दो मोबाइल

मैं ने उसके मोबाइल से वीडियो कॉपी कर के अपने मोबाइल पे लिए

और उसके मोबाइल से वीडियो डेलीट किए. फिर मेमोरी कार्ड के साथ फोन मेमोरी फॉर्मॅट करके उसका मोबाइल उसे दे दिया.

रिया ने कुछ नही कहा

अवी-वीडियो रिस्की रहते है.

और मैं हॉल मे आकर फ्रेश होने चला

सब के फ्रेश होते ही हम सब डाइनिंग टेबल पर बैठ कर खाना खाने लगे.

रिया हमे बिना कपड़ो के देख कर वो भी नगी हमारे पास आई.

रिया ने मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे को देखा और सोचने लगी

क्या ये दोनो वही है जो अभी कुछ देर पहले रंडी की तरह चुदाई कर रही थी.

मिसेज़ पंवार-ये कौन है

अवी-राजेश की गर्लफ्रेंड

रिया और राजेश मेरी तरफ देखने लगे

मिसेज़ पंवार-क्या नाम है

अवी-रिया

मिसेज़ दूबे-तुमने इसके साथ भी किया

अवी-हाँ, आप दोनो के आने से पहले

मिसेज़ पंवार-अपने भाई के गर्लफ्रेंड के साथ किया.

मिसेज़ दूबे-राजेश ने कुछ नही कहा

अवी-राजेश ने मेरी गर्लफ्रेंड के साथ किया.

मिसेज़ पंवार-कहाँ है तुम्हारी गर्लफ्रेंड

अवी-कमरे मे जाकर मिरर देख लो ,दिख जाएगी

राजेश-भैया आपकी दोनो गर्लफ्रेंड के साथ मज़ा आया.

मिसेज़ दूबे-थॅंक्स हमे गर्लफ्रेंड कहने के लिए

रिया-आप कौन है. कहीं आप



अवी-ऐसा मत सोचना ,मेरी खास फ्रेंड की मम्मी है. मैं ने आँखे मारकर चुप रहने का कहा

रिया-पर ये तो कितनी बिंदास चुदाई कर रही थी

मिसेज़ पंवार-तुम अभी बच्ची हो

रिया-आपके आने से पहली 2 लंड मेरे अंदर थे वो भी एक साथ

मिसेज़ दूबे-तुम अभी सीख रही हो, तुम जब हमारी एज की होगी तो ऐसे बिंदास चुदाई करोगी

रिया-अवी जैसा मिलना चाहिए तो ज़रूर करूँगी

मिसेज़ पंवार-ये तुम ने सही कहा. अवी जैसा मर्द मिलना चाहिए

मिसेज़ दूबे-वैसे तुम हमारे साथ चुदाई करने क्यूँ नही आई.

मिसेज़ पंवार-तुम्हे आना चाहिए था ,तुम कुछ सीख लेती

अवी-राजेश ने इसकी फाड़ डाली जिस से ये कुछ दिन नही पाएगी

मिसेज़ पंवार-क्यूँ फाडी बिचारी की

राजेश-हमारी शर्त लगी थी कि मैं इसको रुला सकता हूँ कि नही

मिसेज़ पंवार-रुला दिया

राजेश-हाँ

मिसेज़ दूबे-एक मिनट ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड है तो इसे तुम्हारे बारे मे पता होगा .फिर शर्त कैसे लगाई.

मिसेज़ पंवार-ये वर्जिन होती तो शर्त नही लगती. फिर ये तुम्हारी गर्लफ्रेंड होने के बाद शर्त कैसे लगाती

अवी-शर्त से पहले ये मेरी गर्लफ्रेंड थी

मिसेज़ पंवार-और शर्त के बाद

राजेश-मेरी हो गयी.

मिसेज़ दूबे-मैं समझी नही

अवी-शर्त ये थी कि अगर राजेश ने रिया को रुलाया तो वो उसकी गर्लफ्रेंड बन जाएगी .

मिसेज़ पंवार-तुम ने छोड़ दिया इसको

अवी-हाँ, अब मैं नयी गर्लफ्रेंड बनाउन्गा.

मिसेज़ पंवार-और हम

अवी-आप तो रहेगी ना ,आप कहाँ जाएगी

मिसेज़ दूबे-बातें बाद मे करते है. पहले खाना खा लो

राजेश-मुझे तो आपको खाना है

मिसेज़ दूबे-मुझे खाने के लिए एनर्जी चाहिए ,

मिसेज़ पंवार-सकती जमा करो ,फिर हमको खाना लेना

अवी-राजेश खा लो ,फिर आराम से करना,पूरी रात है हमारे पास

राजेश-इस बार रिया को मिला लेंगे

रिया-नही.मैं नही कर पाउन्गा. हम कल करेंगे

अवी-ठीक है. चलो खाना खाते है.

बातें करने के बाद हम खाना खाने लगे.

मिसेज़ दूबे ने खाना टेस्टी बनाया था.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे ने ज़्यादा खाना नही खाया.

पर मैं ने और राजेश पेट भर के खाना खा लिया.

खाना खाने के बाद तीनो टीवी देखने लगी.

और मैं राजेश को लेकर पान खाने चला गया.
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Re: मैं और मेरा परिवार

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अच्छी कग्नी
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Re: मैं और मेरा परिवार

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810 ए

खाना खाने के बाद हमने थोड़ी देर बातें की

रिया तो खाना खाते सो गयी.

बातें करते हुए हम नेक्स्ट चुदाई के लिए तैयार हो गये.

फिर से शुरू हो गया हमारे ग्रूप चुदाई का सिलसिला

फिर से हम ने मिलकर चुदाई करके बहुत एंजाय किया.

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे ऐसी चुदाई से पूरी तरह से खुश हो गयी.

इतनी खुश की वो फिर से चुदाई करने के कहने लगी.

इतना काफ़ी था पर राजेश तो एक पैर पे खड़ा हो गया फिर से चुदाई करने को

मैं ने उनको जो करना है करने को कहा और रिया के पास आकर सो गया.

राजेश मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की कमर मे हाथ डाल कर दूसरे बेडरूम मे चला गया

राजेश ने पता नही कितनी देर तक चुदाई की, मैं तो आराम से सो गया.

सुबह बाकी सब देर से उठे.

मुझे सुबह जल्दी उठने की आदत थी जिस से मैं सुबह अपने समय पर उठ गया

रिया भी जल्दी उठ गयी. रिया ने रात भर आराम किया

रिया से रात मे कंट्रोल नही हुआ तो वो हमारे लंड पर बैठ गयी थी. और अपना पानी निकाल कर वापस सो गयी.

मैं उठ कर फ्रेश हो गया.

बाकी सबको उठने मे टाइम लगेगा.

मैं मार्केट मे जाकर नाश्ता गरम गरम टी पार्सल करके ले आया

मेरे आने तक रिया उठ चुकी थी.रिया फ्रेश होने चली गयी

मैं हाल मे बैठ कर घर का हाल देखने लगा.

हॉल मे हर तरफ कपड़े पड़े हुए थे.

जगह जगह कॉंडम पड़े थे.

इसको सबके उठने के बाद साफ करूँगा.

मैं ने नाश्ता कर लिया और राजेश के उठने का इंतज़ार करने लगा.

पता नही राजेश कितनी देर कर चुदाई करता रहा .

मैं तो खाना खाने के बाद एक बार चुदाई करके सो गया था.

मैं ने राजेश के कमरे मे जाकर देखा तो तीनो एक दूसरे के उपर सो रहे हे.

किसका हाथ किसके उपर था. किसका पैर कहाँ था ये बताना मुश्किल था.

मिसेज़ दूबे पे मूह पर कॉंडम पड़ा हुआ था.

मिसेज़ पंवार का आधा बदन राजेश के उपर था.

राजेश के हाथ मे मिसेज़ दूबे का बूब्स तो दूसरा हाथ मिसेज़ पंवार की गंद पर था.

बिस्तेर तो बेड से गिरने की कगार पे था. पिल्लो तो बेड से नीचे गिरे हुए थे

एक पिल्लो मिसेज़ पंवार की जाँघो के बीच फसा हुआ था.

टेबल लॅंप गिर गया था. मिसेज़ दूबे का हाथ बेड के नीचे हिल रहा था.

यहाँ तो भूकंप आया था.



रात भर राजेश ने जम्प कर चुदाई की मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे की

फिर भी सुबह की वजह से राजेश का लंड खड़ा था.

मैं ने मिसेज़ दूबे और मिसेज़ पंवार को जगाया.

दोनो बड़ी मुश्किल से उठ पाई.

उनकी आँखे खुलने का नाम नही ले रही थी.

अगड़ाई लेते ही दोनो की हड़िया टूटने की आवाज़ आई.

उनका बदन अकड़ गया था.

उनसे खड़ा भी नही हुआ जा रहा था.

दोनो शराबी की तरह इधर उधर लूड़क रही थी.

उनके बदन पर वीर्य और उनके पानी के दाग दिख रहे थे.

मैं दोनो को सहारा दे कर बाथरूम मे ले गया

दोनो के उपर एक एक बकेट पानी डाल कर उनको होश मे लाया.

पानी गिरते ही दोनो होश मे आ गयी.

मिसेज़ पंवार-ये क्या किया

अवी-आपका नशा उतार रहा हूँ

मिसेज़ दूबे-पानी डालके

अवी-इस से बढ़िया रास्ता नही था मेरे पास

मिसेज़ पंवार-हमे क्यू उठाया, रात भर खेल खेलने के बाद इतनी जल्दी क्यूँ उठाया

अवी-जल्दी कहाँ 10 बज रहे है.

मिसेज़ दूबे-क्या 10 बज रहे है.

अवी-हाँ

मिसेज़ पंवार-मैं तो गयी काम से

अवी-क्या हुआ

मिसेज़ पंवार-मैं अपने पति को क्या कहूँगी. वो तो अब तक आ चुके होगे.

अवी-कुछ सोच लेना

मिसेज़ दूबे-वो सोचना है वो बाद मे सोचना,पहले फ्रेश होते है. मुझे 12 बजे से पहले शादी मे जाना है.

अवी-नहला तो दिया मैं ने

मिसेज़ दूबे-आधा घंटा नहाना होगा. रात का हॅंगओवर उतारने के लिए

अवी-नहा लो ,मैं राजेश को उठाता हूँ

मिसेज़ पंवार और मिसेज़ दूबे नहाने लगी और मैं राजेश को उठाने लगा.

अवी-राजेश उठो सुबह हो गयी

राजेश- भैया मुझे सोने दो

अवी-अबे उठ ,

राजेश-भैया रात को देर से सोया हूँ ,सोने दो ना

अवी-आधा घंटा उस से ज़्यादा नही

और राजेश फिर से सो गया मैं हॉल मे आकर रिया के साथ बातें करने लगे.

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