त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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नमिता बोली: मैं लड़कों को उठाती हूँ फिर चाय पिएँगे।

सुधाकर: ठीक है।

नमिता मनीष के कमरे में पहुँची तो वो दोनों TV देख रहे थे ।

नमिता: अरे अगर तुम दोनों उठ गए हो तो बाहर क्यूँ नहीं आए?

मनीष ने नमिता को खींचकर बिस्तर पर गिरा लिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: आपके यहाँ आने का इंतज़ार कर रहे थे ताकि आपको थोड़ा सा प्यार कर लें। ये कहते हुए वह उसे चूमे जा रहा था। राज ने भी उसकी चूचि दबा दी और उसके छातियों के ऊपर के नंगे भाग को चूमने लगा। नमिता ने दोनों के आधे खड़े लौड़े हाथ में पकड़ लिए और उनको दबाकर मस्ती से भर गयी।

वह बोली: चलो ये सब बाद में देखते हैं अभी चाय पीते हैं।

मनीष: आप चाय पीओ हमें तो दूध पिला दो।

नमिता हँसते हुए: हाँ हाँ पिला दूँगी पर अभी बाहर आओ।

फिर तीनों बाहर आए और वहाँ सुधाकर उनको देख कर मुस्कुराया। तभी अनिका भी बाहर आयी और सुधाकर को देखकर थोड़ा सा झेंप गयी। सुधाकर जानता था कि वो क्यों शर्मा रही है। वह उसकी मस्त जवानी को घूरे जा रहा था। अनिका ने भी देखा कि पापा उसे घूरे जा रहे हैं तो वो थोड़ा सा अजीब सा महसूस करने लगी।

सब चाय पीते हुए बातें कर रहे थे। मनीष बोला: पापा आप लोग शादी कब कर रहे हो?

सुधाकर: हम दो दिन बाद रेजिस्ट्रार के ऑफ़िस में शादी करेंगे। और रात को होटेल मेट्रो में एक शानदार पार्टी करेंगे।

नमिता: ये भी पूछ लो ना कि सुहाग रात कहाँ मनाएँगे?

इस पर सब हँसने लगे। अनिका भी अब हँसी मज़ाक़ में भाग ले रही थी और अब धीरे धीरे खुल रही थी।

नमिता: अनिक़ा, चलो बताओ कि सुहागरात के बारे में क्या जानती हो?

मनीष: क्या मम्मी वो आजकल की लड़की है सब जानती होगी। क्यूँ अनिक़ा ठीक कहा ना मैंने?

अनिक़ा के गाल गुलाबी हो गए और वो बोली: जी भय्या सब जानती हूँ।

सुधाकर: अच्छा बताओ क्या जानती हो?

अनिका हड़बड़ा कर बोली: वो वो - उसमें शादी शुदा लोगों की पहली रात होती है जिसमें वो एक दूसरे को समझते हैं।

मनीष: और क्या करते हैं, समझने के बाद?

अनिका थोड़ी परेशानी से नमिता को देखती है जैसे कह रही हो की मदद करो। पर नमिता उसको आँख मारकर बोलती है: हाँ हाँ बताओ ना और क्या करते हैं?

अनिका: वो वो दोनों एक दूसरे को प्यार करते हैं। और बस । अब आगे कुछ नहीं बोलूँगी।

सब हँसने लगते हैं।

राज: मम्मी आप और पापा रिहर्सल करके दिखाओ ना। हमको भी ट्रेनिंग मिल जाएगी कि सुहाग रात कैसे मनायी जाती है।

सुधाकर: मैं तो तय्यार हूँ अगर तुम्हारी माँ मान जाए तो।

मनीष: हाँ मम्मी चलो दिखाओ ना प्लीज़।

नमिता: ठीक है पर एक शर्त पर कि अनिक़ा भागेगी नहीं यहाँ से ।

अनिका : मैं क्यों भागूँगी भला? चलिए रिहर्सल दिखायीये।

नमिता: अच्छा मैं बेडरूम में जाती हूँ आप लोग १५ मिनट के बाद आओ । नमिता बेडरूम का दरवाज़ा बंद करके सुहागिन का जोड़ा पहनती है फिर पूरा श्रिंगार करती है । सुधाकर की पहली बीवी का सामान उपयोग करती है। और बिस्तर पर बैठकर एक लम्बा सा घूँघट काढ़ लेती है। एक ग्लास पानी भी रख लेती है। फिर आवाज़ लगाती है आ जाओ।

सब कमरे में घुसते हैं और नमिता को दुल्हन के लिबास में देखकर चौक जाते है । नमिता सबको एक सोफ़े पर बैठने को बोलती है और सुधाकर से बोलती है: आप यहाँ आओ मेरे पास।

सुधाकर उसके पास आकर बैठता है और धीरे से नमिता के हाथ को अपने हाथ में लेकर चूम लेता है। फिर वह धीरे से नमिता का घूँघट उठाता है और नमिता अपने चेहरे को अपने हाथों से ढक लेती है। वह आगे बढ़कर नमिता का माथा चूमता है और फिर नमिता की हथेलियों को हटाकर उसके गाल को अपने हाथ में लेकर चूम लेता है। नमिता शर्माने का नाटक करती है।

तीनों जवान बदन आँखें फाड़े यह सब देख रहे थे। राज और मनीष के लोअर में तंबू तन चुका था और अनिक़ा को अपने निपल्ज़ की घुंडियाँ कड़ी होती महसूस हो रही थी। और मज़े का आलम ये है की ये तीनों ही नमिता के मस्त बदन का मज़ा ले चुके थे।

अब सुधाकर उसके गालों को चूम रहा था। फिर उसने नमिता के होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

नमिता इठलाती हुई बोली: स्वामी पहले ये दूध तो पी लीजिए। ये कहकर उसने पानी का ग्लास सुधाकर को दिया जिसे वो पीने लगा। वह फिर नमिता को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया और नमिता बोली: स्वामी बत्ती तो बंद कर दीजिए मुझे उजाले में शर्म आती है। इस पर सुधाकर हँसने लगा और उसको एक धक्के में नीचे गिराकर उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा।

अब नमिता ने उसे धक्के देकर हटाया और बोली: इसके बाद बच्चों, सेंसर की कैंची चल जाती है, फ़िल्म ख़त्म।

मनीष अपना लौड़ा मसलते हुए बोला: क्या मम्मी चलने दो ना, हम सब अडल्ट हैं xxx भी देख सकते हैं।

राज भी अपना लौड़ा दबाते हुए बोला: हाँ पापा चालू रखिए ना, अभी तो मज़ा शुरू ही हुआ था कि आपने ख़त्म भी कर दिया।

अनिका की आँखें दोनों भाईओं के तंबू पर थी और वह बोली: छी भय्या इसके आगे कैसे करेंगे?

मनीष: तो तू बता ना इसके आगे क्या होता है?

नमिता: तुम सब जानते ही हो कि इसके आगे क्या होता है। हाँ शायद अनिका को पूरा पता ना हो।

मनीष: मम्मी इसीलिए बेचारी अनिक़ा के लिए ही सही पूरा ऐक्शन दिखा दीजिए ना?

नमिता: तुम्हारा मतलब है कि हम तुम्हारे सामने सेक्स करें ?

सुधाकर :बच्चों ये थोड़ा मुश्किल काम है हम तुम्हें अपनी चुदायी कैसे दिखा सकते हैं? नमिता मन ही मन में मुस्करायी कि चलो सुधाकर ने चुदायी शब्द का उच्चारण तो किया बच्चों के सामने।

मनीष: क्यूँ पापा आप जानते हो कि हम भी चुदायी कर चुके हैं इसलिए आपकी चुदायी देख भी सकते हैं।

राज: हाँ पापा दिखा ही दीजिए ना।

सुधाकर: अरे भाई तुम लोग अनिका की भी राय लो ना।

अनिका अपनी गीली होती हुई बुर को जाँघों के बीच दबा कर बोली: छी ये कैसे हो सकता है?

नमिता: अच्छा चलो एक काम करते हैं , तुम्हारे पापा ने एक विडीओ बनाया है ऑफ़िस की एक लड़की के साथ सेक्स करते हुए , वो मुझे दिखा चुके हैं , तुम लोग भी देख लो। ठीक है? इससे तुम सबको हमारी चुदायी का अंदाज़ा हो जाएगा।

सुधाकर: डार्लिंग मेरे पास हमारी चुदायी का भी एक विडीओ है, जो मैंने तुम्हें बिना बताए बनाया है , तुम चाहो तो वो भी मैं दिखा सकता हूँ।

राज और मनीष एक स्वर में चिल्लाए: हमें देखना है।

नमिता: मैं मान सकतीं हूँ पर अगर अनिका भी माने तो।

मनीष ने अनिक़ा को कहा: अरे वह भी देखेगी , क्यूँ देखोगी ना?

अनिका अपनी बुर को दबाकर बोली: मगर- मगर मुझे बहुत शर्म आएगी।

नमिता: आओ बेटी तुम मेरी गोद में बैठ कर देख लो। शर्माने की क्या ज़रूरत है।

अनिका शर्माते हुए उठी और नमिता की गोद में जा बैठी।

मनीष : चलिए ना पापा दिखायीये ना विडीओ।

सुधाकर खड़ा हुआ और उसके पजामे में खड़ा लौड़ा सबको साफ़ दिखायी दिया , उसने सीडी निकाली और प्लेअर में लगायी। अनिका का बदन तीन तीन तंबू के अहसास से गरम हुआ जा रहा था। अब तीनों मर्द सोफ़े पर बैठ गए और अनिका नमिता की गोद में बैठी थी।

सुधाकर ने रिमोट से वीडीयो चालू किया-------

विडीओ चालू हुआ और एकदम से शांति छा गयी। सुधाकर, मनीष और राज सोफ़े पर बैठे थे और उनके तंबू साफ़ दिख रहे थे। अनिका नमिता की गोद में बैठी थी और वह अनिका की बाहों को सहला रही थी। अनिक़ा की पैंटी गीली हो रही थी।

विडीओ में नमिता खड़ी होकर अपने रूप को शीशे में निहार रही थी, उसने टॉप और लेग्गिंग पहनी थी। तभी सुधाकर कमरे में आया बाथरूम से बाहर और वह एक टी शर्ट और तौलिए में था। उसने आकर नमिता को पीछे से पकड़ लिया और उसके कन्धों को सहलाने लगा। फिर वह उसके कन्धों को चूमने लगा। वह उसके बालों को सूंघ रहा था। वह बोला: बेबी क्या ख़ुशबू है तुम्हारी? मस्त मादक है।

नमिता: आपको तो मेरा सब कुछ मस्त लगता है।

सुधाकर: इसमें ग़लत क्या है? तुम हो ही मस्त माल।

नमिता: ओह तो अब मैं माल हो गयी।

सुधाकर: अरे तुमको देखते ही मैं मस्ती से भर जाता हूँ। और ये तुम्हारे गाल और होंठ तो बहुत ही सेक्सी है।

फिर वह उसे घुमाया और उसके गाल और होंठ चूसने लगा। और उसके हाथ उसके चूतरों पर घूमने लगा।

सुधाकर: नमिता , तुम्हारे चूतर कितने मस्त हैं। इनको दबाकर मस्ती आ जाती है। देखो मेरा खड़ा हो गया। ये कहते हुए उसने नमिता का हाथ अपने लौड़े पर रख दिया। नमिता भी उसको सहलाने लगी। उधर सुधाकर ने नमिता की चूची दबानी चालू की। सुधाकर ने नमिता को कहा: डार्लिंग , चलो ना कपड़े उतारो । बहुत इच्छा हो रही है चोदने की।

अनिक़ा हैरानी से विडीओ देख रही थी और उत्तेजित हुए जा रही थी। तभी विडीओ में नमिता ने अपना टॉप उतारा और ब्रा में से झाँकती उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ बहुत ही कामुक दिख रही थीं। सुधाकर उसकी चूचियाँ दबाने लगा और ब्रा के हुक भी खोल दिया। फिर वह नंगी चूचियाँ दबाकर मुँह में लेकर चूसने लगा। नमिता की आऽऽहहह निकल रही थी। फिर उसने नमिता की लेग्गिंग उतारी और नीचे बैठ कर उसकी पैंटी में मुँह डाल दिया और सूँघते हुए चाटने लगा। नमिता भी उसके मुँह को अपनी पैंटी के ऊपर दबाने लगी और आऽऽहहह करने लगी। उसके बड़े बड़े दूध बहुत ही सेक्सी दिख रहे थे।

नमिता धीरे से अनिका से बोली: कैसे हैं मेरे दूध ?

अनिका: मम्मी बहुत बड़े हैं। आज तो आपने पिलाया था ना म्म्म्म्म्म्म्म्म मस्त हैं।

तभी विडीओ में नमिता ने सुधाकर से कहा: आह्ह्ह्ह्ह चलो ना अपने कपड़े भी उतारो।

सुधाकर ने अपनी टी शर्ट और तौलिया उतार दी और चड्डी में उसका फूला हुआ लौड़ा बहुत ही मस्त लगा अनिक़ा को।

नमिता: बेटी देख कैसी फूली हुई है तेरे पापा की चड्डी। तभी विडीओ में नमिता ने उसकी चड्डी उतार दी और घुटनों के बल बैठ कर लौड़े को सहलाने लगी। फिर उसने उसके बड़े बड़े बॉल्ज़ को दबाया और बाद में उनको जीभ से चाटीं। फिर वह लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी और अनिक़ा की आँखें फैल गयी।

नमिता अनिक़ा के कान में बोली: देखो पापा का लौड़ा बहुत मस्त है ना? मुझे इसे चूसने में बहुत मज़ा आता है। तुम चूसोगी? देखो वो कैसे लौड़ा मसल रहे हैं? तुम पकड़ोगी? नमिता ने सोफ़े पर बैठे सुधाकर को दिखाकर कहा, जो अब खुले आम पजामा के अंदर हाथ डालकर अपना लौड़ा सहला रहा था।अनिका की आँखें कभी tv में नमिता पर पड़ती जो सुधाकर का लौड़ा चूसे जा रही थी और कभी यहाँ सोफ़े पर बैठे तीनों मर्दों पर पड़ती जो कि अपने लौड़े मसल रहे थे। वो बहुत उत्तेजित हो चुकी थी, उसका हाथ अपने आप पैंटी पर चला गया और वह पैंटी के ऊपर से अपनी बुर को दबाने लगी।

नमिता ने ये देखा और उसके हाथ को हटाकर अपना हाथ पैंटी पर रख दिया और उसकी बुर को दबाने लगी। अनिका आऽऽहहह कर उठी।

सब चौक कर अनिका की ओर देखे और नमिता को अनिका की बुर मसलते देखकर मस्ती से भर गए। तभी tv में सुधाकर ने नमिता को चौपाया बनाया और पीछे से उसकी बुर को चूमने लगा और जीभ से सहलाने लगा। फिर उसने दूध पकड़कर उसकी बुर में लौड़ा पेल कर वह उसकी घमासान चुदायी में जुट गया। tv से फ़च फ़च और थप्प ठप्प की आवाज़ें आ रही थीं। नमिता भी अनिका की बुर को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगी। फिर उसने पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया। अब नमिता की उँगलियाँ उसकी बुर को छेड़कर अनिका को मदमस्त कर रही थी।

अचानक राज खड़ा हो गया सब उसे देखने लगे क्यूँकि उसका लोअर बुरी तरह सामने से फूला हुआ था। वह नमिता के पास पहुँचा और अपना लोअर और चड्डी एक झटके में नीचे किया और नमिता के मुँह के सामने अपना खड़ा मोटा और लम्बा लौड़ा लाकर रख दिया। अनिका की तो जैसे आँखें ही फैल गयी वो सोचने लगी कि इतना बड़ा आह्ह्ह्ह्ह ये तो पापा के लौड़े से भी बड़ा दिख रहा है। अब उसकी बुर में नमिता की उगलियाँ और ज़ोर से अपना काम कर रही थी। और सामने उसके मुँह के पास राज का लाल टोपी वाला लौड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। उत्तेजना से वह भरी जा रही थी।

तभी नमिता ने राज को प्यार से देखा और कहा: क्या हुआ बेटा? सहन नहीं हो रहा क्या? आज तो तुम्हारा बहुत झटका मार रहा है। ये कहते हुए उसने लौड़े को पकड़कर सहलाने लगी। अब राज ने नमिता के मुँह में अपना लौड़ा डाल दिया। नमिता ने भी उसे अपने मुँह में के लिया और चूसने लगी। अब राज अपने चूतरों को आगे पीछे करके उसके मुँह को जैसे चोद रहा था। अनिका के मुँह के सामने यह सब हो रहा था और वह जैसे जड़वत हो गयी थी। मनीष और सुधाकर भी बहुत उत्तेजित हो गए थे और दोनों अपने लौड़े भी मसल रहे थे।

नमिता अब पूरी ताक़त से लौड़ा चूसे जा रही थी। उधर tv में नमिता को सुधाकर पूरी ताक़त से चोदे जा रहा था। नमिता की आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और जोओओओओओओओर से हाऽऽऽय्यय चोओओओओओओओदो मुझेएएएएएएएए। कमरा पूरी तरह वासना से भर गया था सब लोग वासना की आँधी में बहे जा रहे थे। अचानक राज नमिता की चूचियाँ टॉप के ऊपर से दबाने लगा और नमिता भी और मस्ती से लौड़ा चूसने लगी और अनिका की बुर में ऊँगली चलाने लगी। अब अनिका भी खुलकर आऽऽह्ह्ह्ह्ह्ह मम्मीइइइइइइइ करके झड़ने लगी। और तभी राज ने भी अपना रस नमिता के मुँह में छोड़ते हुए ज़ोर ज़ोर से ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽह्ह्ह्ह्ह माँआऽऽऽऽऽ मैं गयाआऽऽऽऽ चिल्ला कर उसके मुँह में रस छोड़ता चला गया। अनिका फटी हुई आँखों से ये सब देखे हाँ रही थी। तभी TV में भी नमिता और सुधाकर चिल्ला कर झड़ने लगे।पूरा कमरा बहुत गरम हो चुका था।

अनिका ने देखा कि नमिता अपने बेटे का पूरा वीर्य पीते ही जा रही है और आख़िर में उसके सुपाडे पर लगी बूँदें भी चाट ली थी। अब राज ने अपना लौड़ा नमिता के मुँह से बाहर किया और आऽऽहहहह माँ क्या चूसती हो, मज़ा आ गया कहकर अपना लोअर ऊपर किया और अनिका के गाल ने हाथ फेरकर बोला: मज़ा आया बेबी देखने में? चूसोगी तो और मज़ा मिलेगा।

अनिका हैरानी से राज को देखती ही रह गयी। अब वह नमिता की गोद से उतर कर उसके बग़ल में बिस्तर पर नमिता की तरह ही पैर नीचे लटका कर बैठ गयी। तभी मनीष और सुधाकर भी उठकर आए और दोनों ने बेशर्मी से अपने लोअर नीचे कर दिए। मनीष का मस्त कड़क लौड़ा नमिता के मुँह के आगे आ गया था । वह मुस्कुरा कर प्यार से हाथ में लेकर सहलायी और फिर उसको चूमने लगी। सुधाकर भी अपना मोटा लौड़ा अनिका की आँखों के सामने लाकर हिलाने लगा।
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अनिका हैरानी से कभी पापा की आँखों को और कभी उस मस्त लौड़े को देख रही थी।
नमिता: बेटी क्या देख रही है , पकड़ ले और प्यार कर इस मस्त लौड़े को । यह कहते हुए उसने अनिका का हाथ पकड़कर सुधाकर के लौड़े पर रख दिया। अनिका अपनी ज़िंदगी में पहला लौड़ा पकड़ी थी और उसके गरम अहसास से बहुत ही उत्तेजित हो गयी। सुधाकर के सुपाडे के ऊपर एक बूँद प्रीकम चमक रही थी। नमिता ने मनीष के लौड़े को चूसते हुए उस बूँद को अपनी ऊँगली में लिया और अनिका के मुँह में अपनी गीली ऊँगली डाल दी।

अनिका इस स्वाद से बिलकुल अपरिचित थी, वह मस्त होती जा रही थी।

नमिता ने मनीष का लौड़ा मुँह से निकाला और बोली: बेटी ये वही लौड़ा है जिसने तुझे और मनीष को पैदा किया है। और ये एक बूँद उसी वीर्य की है जिसके कारण तुम दोनों का जन्म हुआ है। लो चूसो और अपने पापा को मस्त कर दो।

अनिक़ा थोड़ी सी असमंजस में थी तभी सुधाकर ने लौड़े के सुपाडे को उसके होंठों पर रगड़ने लगा। अनिक़ा का मुँह खुला और सुपाड़ा उसके मुँह के अंदर चला गया। उसने घबराकर अपना मुँह पीछे को किया और लौड़ा उसके मुँह से बाहर निकल गया। सुधाकर अब उसका सिर पकड़कर आगे को लाया और फिर से अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया। अब अनिका भी इसके बड़े लौड़े को अपने मुँह में पा कर चूसने लगी। वह नमिता की नक़ल करने लगी जो मनीष का लौड़ा चूसे जा रही थी। थोड़ी देर में ही अनिका भी अपने पापा का लौड़ा चूसने लगी।

अब मनीष भी अनिका को पापा का लौड़ा चूसते देखकर बहुत गरम हो गया और अपने हाथ बढ़कर अनिक़ा के संतरे पर रखा और उनको दबाने लगा ।

मनीष: आऽऽऽहहह मम्मी क्या मस्त संतरे हैं अनिका के। और वह ज़ोर से नमिता का मुँह चोदने लगा। तभी सुधाकर ने भी अनिका के दूसरे संतरे को पकड़ा और दबाने लगा। अब अनिक़ा की हालत ख़राब होने लगी। उसकी बुर में जैसे आग सी लग गई। वह गूँ गूँ करके चूसे जा रही थी और उत्तेजना से जैसे पागल सी हो रही थी। उसके दोनों दूध उसके पापा और भय्या के हाथ में थे और वह उनको दबाकर अनिका को जैसे वासना से सरोबार किए जा रहे थे।

नमिता के मुँह को चोदते हुए मनीष अब आऽऽऽह मम्मीइइइइइइ मैं गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ गया। नमिता उसका भी रस पीती चली गयी। सुधाकर भी उत्तेजित होकर अनिका के मुँह में झड़ने लगा। अनिका को जैसे उलटी सी आ गयी । उसे टेस्ट बड़ा अजीब सा लगा। उसके मुँह से पापा का वीर्य बाहर निकलने लगा।
नमिता ने एक तौलिए से अनिक़ा का मुँह पोंछा और प्यार से बोली: बेटी, शुरू शुरू में ये टेस्ट सबको अजीब लगता है मगर बाद में बहुत स्वाद लगता है। आज तुमने अपने पापा का लौड़ा चूसा और जल्दी ही वो तुम्हें चोदेंगे और बहुत मज़ा देंगे।

मनीष: मम्मी मुझे भी अनिका को चोदना है। अनिक़ा, चुदवाओगी ना मुझसे भी?

अनिका शर्मा कर कोई जवाब नहीं देती।

राज: माँ मैं भी अनिक़ा को चोद सकता हूँ क्या?

नमिता: देखो अब सब चुप रहो और अनिका को डराओ मत। इस बारे में बाद में बात करेंगे। ये कहते हुए अनिक़ा की पैंटी के अंदर हाथ डालके उसकी बुर को सबको दिखाकर रगड़ने लगी। अनिका भी अब थोड़ी बेशर्मी से अपनी बुर उछालके अपनी मस्ती दिखाने लगी। और अगले पाँच मिनट में ही हाऽऽऽऽयय्यय कहकर झड़ने लगी।
तीनों मर्द उसकी चिकनी बुर को देखे जा रहे थे जो पूरी गीली होकर चमक रही थी।

तीनों मर्द बड़े प्यासे होकर उसकी बुर को घूरे जा रहे थे और उनके लौड़े फिर से अकड़ने लगे थे। नमिता उनकी हालत देखकर मन ही मन मुस्करायी।

नमिता ने अनिका की पैंटी ऊपर करके उसकी बुर को ढका और तीनों मर्दों ने आह्ह्ह्ह्ह्ह भरी। अब नमिता अनिका को बोली: बेटी चलो बाथरूम चलते हैं । फिर वह सबको बोली: आप लोग बाहर जाओ हम भी बाहर आते हैं।

तीनों मर्द बाहर आ गए।

मनीष: पापा अनिका क्या मस्त माल है ना? मैं तो आज ही उसको चोदना चाहता हूँ।

राज: माँ कह रही थी कि पापा पहले उसकी सील खोलेंगे और बाद में वो हमको भी चोदने को मिलेगी।

मनीष प्रश्नसूचक नज़रों से सुधाकर को देखने लगा ।

सुधाकर अपने लौड़े को अजस्ट करते हुए बोला: हाँ नमिता से मेरी इस बारे में बात हुई है। वो बोली है कि अनिका की पहली चुदायी वह मुझसे ही करवाएगी।

तभी नमिता और अनिका कमरे में आए। नमिता ने अनिका से कहा: बेटी जाओ अपने पापा की गोद में बैठ जाओ।

इस बार अनिका बिना हिचकिचाहट के सुधाकर की गोद में बैठ गयी। वह बड़े प्यार से उसकी गदराइ हुई बाँह सहलाने लगा। अब उसने अपने पैर चौड़े किये जिससे उसकी जाँघों के बीच फ़ँसा हुआ आधा खड़ा लौड़ा बाहर को आकर अनिक़ा के चूतरों के नीचे दबकर इठलाकर और बड़ा होने लगा। अनिका भी अब पापा के लौंडे को अपने नीचे महसूस करके अपने निपल का कड़ापन अहसास करने लगी।

मनीष: मम्मी राज बोल रहा है कि अनिका से आपने बोला है कि पापा उसको सबसे पहले चोदेंगे? बाद में हमें मौक़ा मिलेगा।

नमिता मुस्कुराते हुए: हाँ पहले मैंने यही सोचा था पर आज तेरे पापा का लौड़ा अपनी बेटी के मुँह में जिस तरह से मोटा हुए जा रहा था सो मैंने सोचा है की क्योंकि तुम तीनों में तुम्हारा ही लौड़ा कम मोटा है इसलिए, मनीष बेटा तुम ही अनिका की सील खोलोगे, ताकि उसे कम से कम तकलीफ़ हो। एक बार उसकी बुर खुल गयी तो वह सुधाकर और राज के मोटे लौड़े भी निगल लेगी।

राज हैरानी से माँ को देख रहा था की वह चुदायी की बात ऐसे कर रही थी जैसे मौसम या शॉपिंग को डिस्कस कर रही हो। और वह भी भाई बहन और बाप बेटी की चुदायी की?

सुधाकर ने अनिक़ा के गाल चूमे और उसके मस्त संतरे को हल्के से दबाते हुए बोला: बेटी, ठीक है ना? जो तुम्हारी मम्मी कह रही है। सच में मेरा और राज का ज़रा ज़्यादा ही मोटा है, तुम्हें लेने में दर्द हो सकता है। मनीष का हमसे कम मोटा है, तुम्हें लेने में आसानी होगी।

अनिका ने शर्माकर सिर झुका लिया और मज़े से अपने पापा से संतरे दबवाती रही। अब सुधाकर भी अपने दूसरे हाथ से उसकी जाँघ सहलाने लगा।

मनीष: वाह अनिका मज़ा आजेयगा हम दोनों को। ठीक है ना?

अनिका धीरे से बोली: भय्या आप धीरे से करेंगे ना?

मनीष अपने लौड़े को दबाकर बोला: आह्ह्ह्ह्ह ये भी कोई पूछने की बात है। मैं अपनी गुड़िया सी बहना को तकलीफ़ थोड़े ही दूँगा।

नमिता : यही ठीक रहेगा।

राज: माँ हम लोग वापस कब जाएँगे अपने घर?

नमिता: आज रात को तो अनिका और मनीष की चुदायी करवानी है, इसलिए तुम ड्राइवर के साथ जाओ और अपने कल सुबह के कपड़े वग़ैरह ले आओ और मेरे भी कपड़े ले आना।

सुधाकर: अरे तुमको कपड़े की क्या ज़रूरत है मनीष की माँ के कपड़े पहन लेना। और फिर आँख मारते हुए बोला: चाहो तो बिना कपड़े के भी रह सकती हो, आख़िर घर वालों से क्या पर्दा?

नमिता हँसते हुए: ओह तो शादी के बाद आप लोग मुझे नंगी रखोगे क्या। यही प्लान है क्या?

मनीष: मम्मी प्लान नहीं है पर इच्छा तो है।

सुधाकर: क्यों भाई ये बेचारी अकेली ही नंगी रहेगी? और हम सब कपड़े पहनकर रहेंगे क्या?

मनीष: पापा हम सब भी नंगे ही रह सकते हैं। क्यूँ राज?

राज: हम तो नंगे रह लेंगे मगर अनिका का क्या होगा?

सुधाकर अब खुल कर अनिक़ा की जाँघों के बीच हाथ डाला और इन बातों से गरम हो चुकी अनिका ने अपनी जाँघें फैला दी। उसका हाथ अब पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को दबाने लगा। अनिका की आऽऽऽह निकल गयी।

उसकी बुर को दबाते हुए वह बोला: अनिक़ा भी नंगी रह लेगी जब उसकी हम सब लोग चुदायी कर लेंगे। तब उसकी भी शर्म ख़त्म हो जाएगी। है ना बेटी? ये कहते हुए उसने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी कोमल बुर के स्पर्श से आनंद और वासना से भर गया।

अनिका : आऽऽऽहहहह पापा ठीक है हाऽऽयय्यय। जैसे आप लोग बोलोगे मैं वैसा ही करूँगी उईइइइइइइइइ।

नमिता: आप उसको अब छोड़िए , वह पहले ही दो बार झड़ चुकी है। उसे रात के लिए अपना माल बचा के रखने दो।

सुधाकर ने हँसते हुए अपना हाथ बाहर निकाला और अपनी उँगलियों के गीलेपन को सबको दिखाया और बोला: सच में हमारी बेटी बहुत ही सेक्सी और हॉट है। देखो फिर गीली हो गयी। ये कहते हुए वह अपनी उँगलियाँ चाटने लगा।

कमरे में फिर से गरमी भरने लगी थी।

मनीष: चलो राज तुम्हारे घर चलते हैं और तुम्हारे स्कूल का समान ले आते हैं। फिर वह अनिका से पूछता है: तुम भी चलोगी? चलो कार में घूम आते हैं?

अनिका उठते हुए : ठीक है भय्या चलो। मम्मी मैं भी जाऊँ?

नमिता: जाओ पर , मनीष इसे वहाँ तंग तो नहीं करोगे ना? उसकी चुदायी यहाँ ही होगी, ठीक है ना?

मनीष: मम्मी आप भी ना , हम कोई चुदायी के लिए थोड़े वहाँ जा रहे हैं। आप विश्वास रखो हम इसे तंग नहीं करेंगे।

फिर वो तीनो बाहर आ जाते हैं। मनीष कार चलाता है और राज उसकी बग़ल में बैठा था और अनिका पीछे बैठ जाती है।

सुधाकर नमिता से बोलता है: ये तुमने क्या किया? क्या सच में वो मेरा लौड़ा नहीं ले सकती थी? तुमने तो उसकी सील अब मनीष से खुलवाने का सोच लिया।

नमिता: मैंने उसकी बुर में ऊँगली डाली थी सच में बिलकुल टाइट है अभी एकदम से आपका या राज का मोटा लौड़ा झेल नहीं पाएगी। मनीष से ही शुरू करने दो ना उसे।

सुधाकर : ठीक है जान जैसा तुम चाहो। पर ये तो बताओ क्या सच में हम सब नंगे हो कर घर में रह सकते हैं। बड़ी उत्तेजना होती है ये सोचकर।

नमिता: अरे बाद की सोचो, जब मनीष की शादी हो जाएगी तो उसकी बीवी को भी नंगी रखेंगे। क्या मज़ा आएगा आपको बीवी, बेटी और बहु सब नंगी होंगी आपके सामने।

सुधाकर अपना लौड़ा दबाकर मुस्कुराने लगा। फिर दोनों बच्चों के वापस आने का इंतज़ार करने लगे।

मनीष कार चलाते हुए शीशे में पीछे बैठी अनिका को देखा और बोला: अनिका, आज तुमको कई नए अनुभव हुए होंगे। कभी कोई बॉय फ़्रेंड बनाया है क्या?

अनिका: नहीं भय्या कभी नहीं बनाया।

राज: तब तो मैं और मनीष ही अब तुम्हारे बॉय फ़्रेंड होंगे।

मनीष: अच्छा तो है घर के लोग ही होंगे तो कोई तुम्हें बाहर वाले तंग भी नहीं करेंगे। आजकल तो कई बॉय फ़्रेंड लड़की की उल्ज़लुल तस्वीर खींच लेते हैं और ब्लैक्मेल करते हैं। तुम्हें ऐसा कोई ख़तरा तो नहीं होगा। ठीक है ना अनिता?
अनिता: जी भय्या आप ठीक ही बोल रहे हो। मेरी एक सहेली को एक लड़के ने इसी तरह से बहुत तंग किया था।

राज: क्या हुआ था तुम्हारी सहेली के साथ?

अनिका: मनीष भय्या जैसे बोले वैसे ही हुआ था उसके साथ। उस लड़के ने बाद में अपने सभी दोस्तों से उसे कर--- मतलब - याने कि उसको ख़राब किया था।

मनीष: ओह मतलब उसने तुम्हारी सहेली तो अपने सभी दोस्तों से चुदावाया था? यही कहना चाहती हो ना?

अनिका झेंपते हुए: जी भय्या।

राज: अरे अनिका चुदाई को चुदाई बोलने में कोई ख़राबी नहीं है बहना। करवाना या लगवाना या और कोई शब्द सही नहीं है । सही शब्द तो चुदायी ही है। क्यों मनीष?

मनीष: बिलकुल सही । अनिका, इन शब्दों जैसे लौड़ा, बुर ,गाँड़ या चुदायी को जितनी जल्दी बोलने लगोगी उतना ही ज़्यादा मज़ा लोगी। ठीक है मेरी गुड़िया बहना?

अनिका की बुर में फिर से चींटी चलने लगी, वह बोली: जी भय्या जल्दी ही सीख लूँगी।

मनीष मुस्कुराते हुए बोला: बढ़िया । तभी राज का घर आ गया और तीनों अंदर पहुँचे। मनीष तो पहले कई बार यहाँ आ चुका था नमिता को चोदने के लिए। पर अनिक़ा पहली बार आयी थी। वह समझ गयी कि ये लोग आम आदमी हैं और उसके जैसे रइस नहीं हैं।

राज अपना सामान लेने अपने कमरे में गया। तब मनीष अनिका के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला: आज हम बहुत प्यार करेंगे। सच में तुम कितनी सुंदर हो। ये कहते हुए उसने अनिका को अपनी बाँह में भर लिया और उसके गाल और होंठ चूमने लगा। अनिका इस अचानक हमले से हड़बड़ा गयी पर जल्दी ही उसे मज़ा आने लगा। वह भी चुम्बन का जवाब चुम्बन से देनी लगी। मनीष उसके कंधों और गरदन के हिस्से के चूमे जा रहा था और साथ ही अब वह उसके संतरे भी दबाने लगा था।
अनिका मस्ती से आऽऽऽहहह कर उठी और तभी राज अंदर आया। अनिका अलग होने की कोशिश की तो मनीष बोला: अरे अनिका , राज से कैसी शर्म? यह तो अपना ही भाई है। इसे भी मज़े लेने दो ना।
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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राज तो जैसे इंतज़ार ही कर रहा था । वह पीछे से आकर अनिका के चूतरों पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा और वह भी उसकी गरदन चूमने लगा और अनिका के चिकने पेट पर हाथ फेरने लगा।

अनिका की हालत अब ख़राब हो रही थी सामने से मनीष उसके होंठ चूस रहा था और उसके संतरों को दबा रहा था और पीछे से उसकी गाँड़ पर अपना लौड़ा रगड़ते हुए उसके पेट को सहलाते हुए अब उसकी जाँघों को सहला रहा था और जल्दी ही पैंटी के ऊपर से बुर को दबा कर अनिका को मस्ती के सागर में धकेल दिया।

दो दो जवान लड़के उस कमसीन जवानी से खेल रहे थे और मनीष का लौड़ा उसके पेट को दबा रहा था और मनीष का लौड़ा उसकी गाँड़ में धमाल मचा रहा था। अब मनीष ने अनिका का हाथ अपने पैंट के ऊपर बने तंबू पर रख दिया और अनिका उसे दबा कर मस्ती से भरने लगी। राज भी झुक कर उसकी स्कर्ट ऊपर करके उसंकी पैंटी पर अपना लौड़ा रगड़ने लगा। अनिका की जवानी में मानों आग लग गयी थी। अब राज उसके छोटे छोटे गोल चूतरों को सहलाए जा रहा था। वह पैंटी के अंदर हाथ डाल कर उसकी गाँड़ के छेद को सहलाने लगा और मनीष भी उसकी पैंटी के अंदर हाथ डालकर उसकी बुर के चिकनेपन को महसूस करके मस्त होने लगा।

तीनों वासना से बुरी तरह ग्रस्त होके बेचैन होने लगे।

तभी मनीष बोला: यार हम ये क्या कर रहे हैं? अगर ऐसा ही चला तो अभी चुदायी चालू हो जाएगी, नहीं हम ये नहीं कर सकते।यह कह कर वो पीछे हटा, पर अनिक़ा उसका लौड़ा अभी भी पकड़ी हुई थी और शायद छोड़ना भी नहीं चाहती थी। अब राज ने देखा कि मनीष का हाथ उसके संतरों से हट गया है तो वह मस्ती में आकर उसके संतरों को दबाने लगा। और उसकी एक ऊँगली उसकी गाँड़ के छेद को अभी भी टटोल रही थी। उसने अपना हाथ आगे को बढ़ाया और अब बुर उसके पंजे में दबी हुई थी। अनिका की उइइइइइइइइइ निकल गयी।

राज हाँफते हुए बोला: यार इसे चोद नहीं सकते पर यह हमारा लौड़ा तो चूस ही सकती है ।

मनीष: आऽऽँहह सही कहा। अनिक़ा बेबी, चूसोगी हमारे लौड़े?

अनिका: आऽऽऽऽहहहह हाँआऽऽऽऽ ।

राज की उँगलियाँ उसकी बुर को बहुत गरम कर रही थीं।

अब मनीष और राज ने अपनी पैंट की ज़िप खोलकर अपना लौड़ा बाहर निकाला। राज और मनीष बिस्तर पर लेट गए, उनके लौड़े हवा में झूल रहे थे और ऊपर नीचे हो रहे थे। अनिका उनके जाँघों के बीच आकर बैठी और उसकी स्कर्ट ऊपर चढ़ गयी और उसकी पूरी गीली पैंटी से उसकी बुर की फाँकें दोनों लड़कों को साफ़ साफ़ दिखाई से रही थीं । अब उसने उनके लौडों को एक एक हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। राज ने उसका हाथ पकड़ा और उसको सिखाया कि कैसे हिलाना है, बेचारी कमसिन जवानी पहली बार किसी का लौड़ा हिलाने जा रही थी।

मनीष: बेबी, एक का मुँह में लो और दूसरे का हिलाओ। फिर लौड़ा बदल लेना अपने मुँह में। लो मेरा चूसो पहले।

अनिका मनीष का लौड़ा चूसने लगी। अभी नई खिलाड़ी थी पर सीखने की पूरी कोशिश कर रही थी।

मनीष: बेबी जीभ भी फेरो सुपाडे पर -आऽऽऽहहह हाँ ऐसे ही ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मस्त चूउउउउउउउउस रही हो।

अनिका अब और ज़ोर से चूसने लगी और राज का हिलाए भी जा रही थी।

अब राज बोला: अरे बेबी अब मेरा भी चूसो ना।

अनिका ने मनीष का लौड़ा मुँह से निकाला और राज का लौड़ा मुँह ने ले ली। सच में बहुत मोटा था राज का लौड़ा। उसका मुँह पूरा खुल गया था। वह अब ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी और मनीष का हिलाने भी लगी।

थोड़ी देर बाद मनीष बोला: बेबी अब मेरी बारी है।

अनिका ने फिर से मनीष का चूसना शुरू कर दिया।
अचानक मनीष का शरीर अकडने लगा और वह ह्म्म्म्म्म्म्म्म कहकर उसके मुँह में झड़ने लगा। अनिका थोड़ी देर के लिए सकपकाई पर जल्दी ही उसने पूरा वीर्य पी लिया। अब उसने राज का चूसना शुरू किया और जल्दी ही राज भी उसके मुँह में झड़ने लगा। वह उसका वीर्य भी पी गयी।

मनीष और राज हैरानी से उस कमसिन जवानी को देख रहे थे कि ये तो इतनी जल्दी रँडी की तरह व्यवहार कर रही है, जब कि इसकी सील भी अभी टूटी नहीं है। आगे आगे ये क्या मज़ा देगी और शायद नमिता को भी इस खेल में मात दे देगी।

अनिक़ा मुँह साफ़ करते हुए दोनों लौडों को ध्यान से देखती रही और उसका हाथ अपनी प्यासी बुर को खुजाने लगी।

राज बोला: बेबी आओ मेरे मुँह पर बैठ जाओ अपनी स्कर्ट ऊपर करके।

मनीष: ऐसे बैठो जैसे सू सू कर रही हो।

अनिका थोड़ी सी हैरानी से खड़ी हुई और राज के मुँह पर स्कर्ट उठाकर अपनी पैंटी उसके मुँह पर रखकर बैठ गयी। राज ने उसकी बुर को सूँघा और बोला: आऽऽऽह क्या मस्त गंध है तुम्हारी बुर की। फिर वह उसकी पैंटी को एक साइड में कर उसकी बुर को देखा और मस्ती से भर कर उसमें जीभ से चाटने लगा। अनिका हाऽऽय्य्य्य्य कर उठी। अब वह अपनी कमर हिलाकर अपनी बुर हिलाने लगी और अपनी बुर उसके मुँह में रगड़ने लगी। राज अब तक अपनी माँ की बुर चाट कर एक्स्पर्ट बन चुका था। उसने अपनी जीभ उसके clit पर लगाकर उसको बहुत उत्तेजित कर दिया। वह उइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी। राज भी मस्ती से उसकी बुर का रस पीने लगा।

अनिका अब उनके बग़ल में लेट गयी। दोनों उसे चूमने लगे। अनिका भी मज़े से अपने भाइयों को चूमने लगी। अब वह खुलने लगी थी।

फिर सब लोग फ़्रेश हुए और वापस मनीष के घर की ओर चल दिए। कार चलाते हुए मनीष बोला: अनिक़ा , मज़ा आया ? कैसा लगा हमारा लौड़ा चूसकर?

अनिका: भय्या बहुत अच्छा लगा।

राज: मैंने तुम्हारी बुर चाटी तो मज़ा आया ना?

अनिका: हाँ भय्या बहुत मज़ा आया । आप दोनों बहुत अच्छे हैं। अब राज पीछे मुड़ा और हाथ बढ़ाकर उसके संतरों को दबाया और बोला: बेबी तुम्हारी चूचियाँ बहुत मस्त है । और बुर तो पागल कर देने वाली है।

मनीष: तभी तू मुझे पागल नज़र आ रहा है।

इस पर सब हँसने लगे। थोड़ी देर में वो घर पहुँच गए।

तीनों जब घर पहुँचे तो नमिता किचन में खाना बनवा रही थी नौकर से और सुधाकर सोफ़े पर बैठकर अपने लैपटॉप पर काम कर रहा था। तीनों अंदर आए और मनीष राज के साथ अपने बेडरूम में चला गया। अनिका नमिता के पास किचन में चली गयी और उससे बातें करने लगी। नमिता उसको लेकर बेडरूम में गयी।

नमिता: भाइयों से मज़ा ली कि नहीं? मैं उनको जानती हूँ, इतना बढ़िया मौक़ा कहाँ छोड़ने वाले हैं वो?

अनिक़ा: जब आपको पता ही है तो पूछ क्यों रहीं है?

नमिता: ओह तो मज़े लेकर आ रही हो? कहीं चुदवा तो नहीं ली?

अनिका : छी मम्मी आप भी ना? बस थोड़ा सा चूमा चाटी और कुछ नहीं।

नमिता उसके संतरों को दबाकर बोली: इनको दबाया कि नहीं उन दोनों ने?

अनिका शर्माकर: हाँ बहुत दबाया।

फिर नमिता ने उसके होंठ चुमें और बोली: चलो खाना खाया जाए।

नौकर सबको खाना खिलाया और अपने घर चला गया। अब सब लोग सोफ़े पर बैठे थे और बातें कर रहे थे ।

नमिता: फिर आज रात का क्या प्लान है?

मनीष: मम्मी आप तो बोल चुकी हैं ना कि आज अनिका मुझसे अपनी सील तुड़वाएगी।

सुधाकर: क्यों बेटी? तय्यार हो इसके लिए?

अनिका शर्माकर : जी पापा जैसे आप लोग चाहो।

नमिता: अच्छा मन में तो लड्डू फूट रहे हैं और बोल रही है कि जैसा हम चाहें! वाह भाई वाह !!

राज: यह तो सच है कि आज अनिका का बहुत मन हो रहा होगा चुदवाने का!

सुधाकर: तुम्हें कैसे पता ? क्या तुम लोगों ने अपने घर में कुछ किया था उसके साथ? अनिक़ा क्या कुछ किया इन दोनों ने?

अनिका: नहीं पापा कुछ नहीं किया।

नमिता: अरे कुछ कर लिया हो भी तो क्या हुआ? आख़िर अब हम सब एक परिवार हैं और परिवार में चुदाई तो बनती ही है। वैसे इन्होंने मज़ा लिया है थोड़ा सा।

मनीष: तो मम्मी चलो ना शुरू करते हैं, देखो मेरा लौड़ा कैसा खड़ा है। ये कहते हुए उसने अपने लौंडे को कपड़े के ऊपर से दबाकर दिखाया।

नमिता: तेरा तो हमेशा ही खड़ा रहता है, इसमें नया क्या है? फिर सुधाकर से बोली: आप क्या कहते हो ? शुरू करें?

सुधाकर: और क्या किसका इंतज़ार है? चोदने वाला और चुदवाने वाली राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी?

सब हँसने लगे। नमिता: चलो सब बेडरूम में चलते हैं।

बेडरूम में सुधाकर और राज सोफ़े पर मानो दर्शक बनकर बैठ गए। नमिता ने मनीष और अनिका को अपने पास बुलाकर कहा: देखो आज का दिन अनिका के लिए बहुत महावपूर्ण है क्योंकि वह आज लड़की से औरत बनेगी। मगर मनीष तुमको बड़े धैर्य से काम लेना होगा।

मनीष: मम्मी आप बिलकुल फ़िक्र मत करो , आख़िर मेरी भी तो गुड़िया सी बहन है, मैं बहुत आराम से करूँगा।

अब नमिता ने अनिक़ा का गाल चूमा और कहा: बेटी चलो कपड़े उतारो, यहाँ सभी तुमको नंगी देखना चाहते हैं।

सुधाकर अपना खड़ा लौड़ा कपड़े के ऊपर से दबाकर बोला: हाँ बेटी, ज़रा हम भी तो देखें कि तुम कितनी जवान हो गयी हो?

अनिका शर्माकर बोली: मम्मी क्या आप सबके सामने ये होगा? क्या मैं भय्या से अकेले में नहीं करवा सकती?

नमिता: अरे पगली यहाँ सब तुझे नंगी और चुदवाते हुए देखने को तड़प रहे हैं। चल शर्मा मत।

सुधाकर: वैसे ये ग़लत है कि तुम इसको बेचारी को अकेले ही कपड़े उतारने को बोल रही हो। कपड़े तो हम सबको उतारने चाहिए तभी ये भी थोड़ा सहज हो पाएगी।

राज: पापा ठीक बोल रहे हैं। माँ मैं तो ये भी बोलूँगा कि आप इनके सामने मेरे और पापा से चुदवा लो ताकि ये मस्त हो जाएँ और कुछ सीख भी लें।

सुधाकर: नमिता, राज बिलकुल ठीक कह रहा है।

नमिता: हाँ हाँ आपको चोदने को मिले तो सब ठीक ही है, बोल मनीष बेटा क्या करें?

मनीष: मम्मी ठीक है ना चलो आप पहले चुदवा लो , अनिका को भी कुछ प्रैक्टिकल अनुभव हो जाएगा।

यह सुनकर नमिता अपने साड़ी का पल्लू गिरायी और उसमें तने उसके बड़े बड़े दूध सबके सामने थे। फिर वह ब्लाउस का बटन खोलने लगी और बोली: अरे सब लोग चुपचाप क्यों बैठे हो, कपड़े खोलो ना।

तीनों मर्द जल्दी से खड़े हो गए और अपने अपने कपड़े उतारने लगे । जल्दी ही वह सब पूरे नंगे थे और उनके खड़े लौड़े पूरे अकड़े हुए नमिता और अनिक़ा के सामने थे। अनिका ने ध्यान से देखा कि सुधाकर का शरीर ज़्यादा ही भरा हुआ था। उसके छाती ओर घने बाल थे और उसकी मोटी जाँघों के बीच उसका लौड़ा बहुत मोटा और लम्बा दिख रहा था।

उसने देखा कि मनीष एक सामान्य क़द काठी का युवक था जिसका लौड़ा भी सामान्य था, मगर उसे बहुत पसंद आया। राज जे चेहरे में एक मासूमियत थी पर उसका बदन कसरती था और लौड़ा सबसे बड़ा और काफ़ी मोटा था। उसे राज के लौड़े से थोड़ा सा डर सा लगा।

अनिका ये सब देखते हुए अपना टॉप और स्कर्ट उतार चुकी थी और ब्रा और पैंटी में बहुत हो सेक्सी दिख रही थी।उसने अभी अभी जवानी में क़दम रखा था। सामान्य साइज़ की चूचियाँ ब्रा से बहुत मादक दिख रही थीं। ना बहुत छोटी और ना ही बहुत बड़ी। पैंटी से उसकी फूली हुई बुर और दोनों फाँक साफ़ दिखायी पद रही थी। चूतर भी सामान्य थे गोल गोल ना बड़े ना छोटे। पतली कमर से नीचे को आकर बाहर की ओर निकले हुए गोल गोल चूतर किसी को भी पागल कर सकते थे।

अब नमिता भी ब्रा और पैंटी में आ चुकी थी और अनिका के मुक़ाबले उसका बदन बहुत ही भरा हुआ था। उसने ब्रा खोली और अपनी नंगी बड़ी बड़ी चूचियों का सबको दर्शन करवाया। पैंटी उतारने में भी उसने देर नहीं की और वह जल्दी ही अपने विशाल चूतरों के साथ अपनी मोटी जाँघों से झाँकती बिलकुल चिकनी बुर के साथ सबके सामने मादरजाद नंगी थी।

नमिता: बेटी, क्या सोच रही हो, चलो इनको भी उतार दो। देखो सब कैसे तरस रहे हैं तुमको नंगी देखने के लिए।
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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अनिका ने हिचकते हुए अपनी ब्रा उतारी और उसके कप को निकाला और उसके मस्त संतरों को नंगे देखकर तीनों के लौड़े प्रीकम छोड़ने लगे। क्या चूचियाँ थीं , जैसे दो पूरे बड़े संतरे उसकी छाती पर चिपका दिए हों। और निपल भी अभी बन ही रहे थे, गुलाबी से। पैंटी में उसने ऊँगली डाली और नीचे खिसकाने लगी। जब वह झुक कर पैंटी निकाल रही थी तब उसके चूतरों की गोलाइयाँ और उनके बीच का भूरा सा गाँड़ का सुराख़ बहुत ही मादक लग रहा था। पूरा हिस्सा एकदम बाल रहित था। जब वो खड़ी हुई तो उसकी मादक जाँघों के बीच में से उसकी एकदम चिकनी बुर और उसके बीच की लकीर मानो चीख़ चीख़ कर कह रही थी कि अरे ये तो अभी अनछुई और अनचुदी मासूम सी बुर है।

सबके लौड़े झटके मारने लगे। सुधाकर सोचने लगा कि साली मेरी बेटी नहीं होती तो इसको अभी के अभी चोद डालता।

नमिता ने अनिक़ा को कहा: बेटी बारी बारी से सबके पास जाओ और सबको प्यार करो।

अनिका धीरे से शर्माकर सुधाकर के पास आइ और सुधाकर ने उसको अपनी छाती से चिपका लिया और उसके गाल चूमने लगा और उसकी पीठ सहलाने लगा। अनिका भी उसकी पीठ को सहलाने लगी। उसका लौड़ा उसके पेट पर दब रहा था और अनिक़ा को वहाँ गीला सा लगा। अब सुधाकर उसके चूतरों को दबाकर उनके चिकनेपन से जैसे मदहोश हुआ जा रहा था। फिर वह पीछे हुआ और उसके होंठ चूसने लगा और उसकी मस्त चूचियाँ दबाने लगा। अनिका हाऽऽऽऽय्यय पापाऽऽऽऽ कह के क़राह उठी।

नमिता: पापा का लौड़ा पकड़ो बेटी।

अनिक़ा ने लौड़े को पकड़ा और उसके हाथ ने उसका प्रीकम आ गया।

नमिता: बेटी चाट लो उसको , बहुत अच्छा लगेगा।

अनिका ने हिचकते हुए अपनी ऊँगली को चाट लिया।

अब सुधाकर भी उसकी बुर सहलाकर मस्ती से भर उठा। तभी उसने देखा कि मनीष और राज भी क़तार ने खड़े हैं , तो उसने अनिका को छोड़ दिया। अब उसने अनिका को हल्के से कंधे दबाकर मनीष के सामने कर दिया । मनीष भी उसको अपने बदन से चिपका लिया और उसके गरम चिकने और कोमल अभी अभी जवान हुए बदन के स्पर्श से दीवाना सा हो गया।उसके हाथ उसकी चूचियों पर आ गए और वह उनको मस्ती से दबाने लगा। फिर वह उसकी बुर भी सहलाया और अनिका ने भी उसके लौड़े को सहलाकर उसको मदहोश कर दिया। अनिका ने उसके प्रीकम को अबके अपने आप ही चाट लिया। नमिता सोचने लगी कि ये लड़की सच में इन सब की रँडी बन कर ही रहेगी।

नमिता: अरे बस कर अब छोड़ उसको, अभी तो तू चोद ही लेगा उसको। अब थोड़ा राज को भी मस्ती कर लेने दे उसके साथ।

मनीष ने बड़ी ही अनिच्छा से उसे छोड़ा और अब वह राज के सामने थी जिसने उसे अपनी बलिष्ठ बाहों में भरकर दबा दिया और वह आह्ह्ह्ह्ह कर उठी। फिर वह पीछे होकर उसकी चूचियाँ दबाने और पीने लगा। अनिका भी उसका मोटा लौड़ा दबाते हुए पूरी तरह से अपनी बुर को पनियाते हुए महसूस करने लगी। अनुभवी नमिता समझ गयी कि अब कुछ देर में ही अनिका झड़ जाएगी, सो वह राज को हटाई और अनिका को बिस्तर पर लिटा दी।

अब नमिता बोली: बेटी, अब तुम बोलो पहले चुदवाओगी या मुझे चुदवाते हुए देखना चाहोगी?

अनिक़ा शर्माते हुए बोली: मम्मी आप जैसे ठीक समझो।

नमिता: बेटी अगर बुर बहुत खुजा रही है तो पहले चुदवा लो, वरना एक बार मुझे चुदते देख लो ताकि तुम भी मज़े से चुदवा सको?

इसके पहले कि हैरान अनिका कुछ बोल पाती मनीष बोला: मम्मी आप चुदवाओ हम उसके बाद चुदाई कर लेंगे।

अब नमिता बोली: तो मुझे मेरा बेटा चोदेगा या मेरा होने वाला पति ?

सुधाकर अपने लौड़े को सहलाते हुए बोला: हम दोनों मिलकर चोदेंगे , क्यों राज बेटा?

राज: जी पापा ज़रूर। ये कहते हुए उसने अपना लौड़ा सहला दिया।

अब नमिता राज को नीचे लेटने को बोली और ख़ुद अपने हाथ में क्रीम लेकर सुधाकर के लौड़े पर मलती हुई बोली: आपको गाँड़ मिलेगी, बुर मेरा बेटा चोदेगा , ठीक है ना ?

सुधाकर: रानी तेरी गाँड़ भी मस्त माल है , आज जम कर चोदूँगा , बहुत दिन बाद साली गाँड़ की बारी आइ है।

अब नमिता उठकर लेटे हुए राज के चेहरे पर बैठ गई और राज उसकी बुर को दोनों हाथों से फैलाकर चाटने लगा। नमिता की सिसकारियाँ निकलने लगी। अनिका पास ही लेटे हुए यह सब देख रही थी। तभी मनीष उसकी चूचि चूसने लगा। अनिका भी मस्त होकर उसके सिर को अपनी छाती पर दबाने लगी। सुधाकर के बोलने पर अनिका मनीष और राज का लौड़ा सहलाने लगी।

कमरे में वासना का तूफ़ान आ चुका था। अनिका और नमिता की हाऽऽऽऽऽयययय और उइइइइइइ से कमरा गूँजने लगा था। तभी नमिता उठी और अनिका को बोली: देखो बेटी बुर में लौड़ा कैसे जाता है। यह कहते हुए उसने राज के लौड़े को अपनी बुर के मुँह पर रखा और आनिका को दिखाकर उस मोटे लौड़े पर नीचे होकर बैठते हुए धीरे धीरे अपनी बुर में अंदर लेती चली गयी।राज का मोटा लम्बा हथियार जैसे उसकी गहरी मियान में ग़ायब ही हो गया। अब वह धीरे धीरे ऊपर नीचे होकर चुदाई का मज़ा लेने लगी। क़रीब पाँच धक्कों के बाद सुधाकर उसको रुकने को बोला: रुको रानी , तेरी गाँड़ में क्रीम लगानी है।

अब अनिक़ा को दिखाकर उसने नमिता की गाँड़ में दो ऊँगली डालकर उसने क्रीम लगाई । अनिका आँख फाड़े ये सब देख रही थी। फिर वह नमिता के ऊपर आया और अपने लौड़े को अनिक़ा को दिखाते हुए नमिता की गाँड़ के सुराख़ में डालने लगा। अनिका ने देखा कि नमिता की गाँड़ इस मोटे लौड़े को भी निगल गई। उधर नमिता उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कर उठी।

अगले दो मिनटों में राज नीचे से कमर उछालकर और सुधाकर ऊपर से नीचे धक्का मारकर नमिता की चुदाई में लग गए। कमरे में फच्च फच्च और थप्प थप्प की आवाज़ें गूँजने लगी। साथ ही नमिता की आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह और जोओओओओओर सेएएएएएए चोओओओओओओओओओदो। आऽऽऽंहहहह मरीइइइइइइइइ उइइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ के साथ साथ राज और सुधाकर की ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽऽऽहहह की आवाज़ें भी कमरे में भर गयी थीं।

अनिका हैरानी से अपनी सौतेली माँ को अपने पापा और सौतेले भाई से चुदते हुए देख कर बहुत ज़्यादा गरम हो गयी और उसकी बुर पूरी गीली हो गयी थी। इधर मनीष भी उसके चूतरों को सहलाते हुए उसकी गाँड़ में ऊँगली डालने की कोशिश कर रहा था। वह भी मनीष के लौड़े को सहलाते हुए मस्त हुए जा रही थी।

तभी उसने देखा कि नमिता और सुधाकर चिल्लाकर झड़ने लगे और राज ने भी अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और वह भी झड़ने लगा। फिर तीनों एक दूसरे से लिपटे हुए पसर गए। अनिका ने देखा कि नमिता की बुर से गाढ़ा सफ़ेद वीर्य निकल कर नीचे आ रहा था। तभी नमिता उठने लगी और अनिका ने देखा कि उसकी गाँड़ से भी सफ़ेद माल बाहर आए जा रहा था। नमिता ने पास रखे तौलिए से अपने दोनों छेद साफ़ किए और पानी पीकर राज और सुधाकर से बोली: चलो आप लोग जगह दो, अब अनिक़ा को लेटने दो।

अनिक़ा को लिटाकर नमिता ने उसके चूतरों के नीचे एक तकिया रख दिया। फिर उसकी टाँग को मोड़ी और फिर फैलाकर उसकी बुर को देखी और उसको चूमने लगी और जीभ भी फेरी। फिर सुधाकर को बोली: आइए आप भी अपनी बेटी की कुँवारी बुर को प्यार कर लीजिए। सुधाकर भी नीचे झुककर उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। नमिता ने उसको हटाया और राज को इशारा किया । वह भी उसकी बुर को चूम कर चाटा और फिर वह नीचे होकर उसकी कोरी चिकनी गाँड़ भी चाटने लगा। अनिक़ा आऽऽऽहहह कर उठी। मनीष ने उसे हटाया और वह भी उसकी बुर चाटने लगा। नमिता ने उसको हटाया और अब सुधाकर को बोली: आप इसकी एक टाँग पकड़ो और मैं एक टाँग पकड़ती हूँ और इनको फैल्लायिए । राज तुम अनिका के होंठ चूसना और चूचियाँ दबाना और चूसना। मनीष, चलो आओ यहाँ इसकी जाँघों के बीच बैठो।

अगले क्षण ही क्या दृश्य था। पापा और मम्मी उसकी टाँगे पकड़कर फैला चुके थे। भाई उसकी बुर के पास लौड़ा रखकर घुटने के बल बैठ गया था और दूसरा भाई उसके संतरों को सहलाते हुए उनको चूस रहा था। अनिका के बदन में मानो आग सी लग गई थी। अब नमिता ने मनीष के लौड़े को पकड़ा और उसे अनिका की बुर के ऊपर रखकर उसके छेद पर लम्बाई में रगड़ने लगी। सुधाकर इसको देखकर अपने दूसरे हाथ से अपना नरम लौड़ा दबाने लगा। अब नमिता सुधाकर को बोली: आप इसकी एक फाँक फैलाओ मैं दूसरी फाँक फैलाती हूँ।

अब मनीष ने देखा कि उसके पापा और मम्मी उसकी बहन की कुँवारी बुर की फाँकों को फैला कर चौड़ा किए और उसकी गुलाबी बुर में मम्मी लौड़े का सुपाड़ा रगड़ने लगी। अनिका उइइइइइ कर उठी। अब नमिता ने मनीष के लौड़े पर ख़ूब सारी क्रीम लगाई और बोली: चल बेटा अब अपनी बहन की सील खोल दे । अनिका बेटी थोड़ा सा दुखेगा पर बाद ने मज़ा ही मज़ा मिलेगा। ये कहते हुए उसने मनीष को धक्का मारने का इशारा किया। उधर राज अब उसके होंठों को चूसने लगा। अब मनीष ने उसकी बुर में सुपाडे को डालना शुरू किया जो कि उसकी बहन की थी और जिसकी फ़ाकों को उसके पापा और मम्मी ने उसके सुपाडे के प्रवेश के लिए फैला रखा था । पहली बार सुपाड़ा फिसल गया। नमिता ने अबकि बार सुपाडे को ख़ुद छेद में रखा और मनीष दबाता चला गया। अचानक सुपाड़ा छेद की झिल्ली को चीरता हुआ अंदर समा गया। अनिका आऽऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मरीइइइइइइ कहकर चिल्लायी। पर राज ने उसके होंठ फिर चूसने शुरू किए और वह गूँउउउउउ करने लगी।

तभी मनीष ने अपना सुपाड़ा थोड़ा पीछे किया और नमिता और सुधाकर ने उसने लाल ख़ून की बूँदें देखीं और दोनों मुस्कुराए । अब मनीष ने फिर से लौड़े को अंदर दबाया और अबकि अनिका ज़ोर से चीख़ उठी, आधा लौड़ा अंदर हो गया था । अनिका चिल्लायी: भय्या बाहर निकाआऽऽऽऽऽलो आऽऽऽहहह बहुत दर्द ही रहाआऽऽऽऽऽ है । pleaaaaaaaaase उइइइइइइइ
मनीष नहीं रुका वह अब पूरा लौड़ा अंदर पेल दिया और उसकी टाइट बुर के अहसास से मस्ती से भर कर उसके ऊपर आकर उसके संतरों को दबाने लगा। राज ने फिर से उसके मुँह पर अपना मुँह रखा और होंठ चूसने लगा। अनिक़ा की आँखों से आँसू निकल कर गिर रहे थे।

नमिता ने मनीष को रुकने को कहा और अनिका से बोली: बेटी, ये देखो भय्या रुक गया है। जब तुम बोलोगी वह तभी चोदेगा। ठीक है?

अनिका को थोड़ी देर बाद आराम मिला और राज उसके निप्पल को दबाए जा रहा था और वह अब मस्ती से भरने लगी थी। नमिता ने फिर पूछा: बेटी अब कैसा लग रहा है?

अनिका : अब ठीक हूँ मैं।

नमिता: तो फिर मनीष चुदायी चालू करे फिर से ?

अनिका अपने मुँह को हाथ से छुपा कर बोली: जी मम्मी।

मनीष तो जैसे इंतज़ार ही कर रहा था , उसने अपनी क़मर हिलाकर धक्का मारना शुरू कर दिया। अब नमिता ने देखा कि अनिका हाऽऽऽय्यय आऽऽऽंह चिल्ला रही थी। अब उसने उसकी टाँग मनीष की कमर पर चढ़ा दी और सुधाकर ने भी यही किया। अब अनिक़ा अपनी दोनों टाँगें भय्या की कमर में फँसाकर मज़े से चुदवा रही थी।

सुधाकर ने पीछे से देखा कि मनीष का लौड़ा उसकी टाइट बुर में अंदर बाहर हो रहा था और वहाँ से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी। साथ ही बुर में से थोड़ा सा ख़ून भी टपक रहा था ।

नमिता अनिका के पास जाकर उसकी बाँह सहलाते हुए बोली: बेटी अब तो मज़ा आ रहा है ना?

अनिका: आऽऽऽऽहहह जीइइइइइइइ मम्मी जीइइइइइइ। बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽ है। उइइइइइइइ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्

सुधाकर भी पास में आकर उसके एक संतरे को दबाने लगा और जल्दी ही उसे चूसने लगा। राज भी दूसरा संतरा चूसे जा रहा था।

नमिता पीछे आयी और मनीष के बॉल्ज़ को दबाकर उसको मस्त करने लगी। फिर वह अनिका के बुर के रस को एक ऊँगली में मलकर उसकी चिकनी गाँड़ में डालने की कोशिश करने लगी। मनीष की कमर मानो पिस्टन की तरह आगे पीछे हुई जा रही थी। अचानक अनिका चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह मैं झड़ीइइइइइइइइ कहकर उसने अपनी कमर ऊपर करके अपनी जाँघों में लौड़े को भींच लिया और मनीष के लिए भी ये हमला असहनीय था वह भी ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।

वाह क्या दृश्य था- पापा और भाई उसकी एक एक चूचि चूस रहे थे। भय्या उसकी बुर में अपना गरम गरम वीर्य डाले जा रहा था और मम्मी उसकी गाँड़ के
छेद में ऊँगली कर रही थी। अनिका का ऑर्गैज़म अनोखा था और पारिवारिक सुख से भरा हुआ था। वह जाने कितनी बार झड़ी जैसे कोई बाँध ही टूट गया हो।

जब सब शांत हुए तो सुधाकर और राज उसकी छाती से हटे और मनीष भी बग़ल में लेट गया। नमिता ने उसकी बुर का मुआयना किया और बोली: उठो बेटी, देखो तुम्हारी बुर खुल गयी। अब तुम आराम से सबसे चुदवा सकती हो। बधाई हो ।

अनिक़ा उठकर बैठी और अपनी जाँघों के बीच झाँक कर अपनी बुर देखी और वहाँ ख़ून देखकर थोड़ा सा घबराई। नमिता ने उसको हौंसला दिया: बेटी, ये सामान्य बात है। इसने डरने की कोई बात नहीं है। तुम्हारी कुँवारेपन की झिल्ली फटी है बस और कुछ नहीं। कल तक तुम सामान्य हो जाओगी। चलो बाथरूम में में तुम्हारी सफ़ाई कर देती हूँ।

वह उसे लेकर बाथरूम में चली गयी। जब वह बाहर आइ तो थोड़ा सा लँगड़ा रही थी। नमिता उसको लाकर सुधाकर के पास आइ। सुधाकर ने उसको प्यार से अपनी गोद में बिठाया और प्यार करते हुए बोला: बेटी, बधाई हो। आज तुम्हारी बुर का उद्घाटन हो गया। अब हम सब मज़े से चुदाई का मज़ा लेंगें ।

अनिका उसकी छाती में अपना मुँह छिपा कर बोली: जी पापा ज़रूर। अनिक़ा को अपने पापा के नरम लौड़े का अपनी गाँड़ पर अहसास हो रहा था।

सुधाकर उसकी बात सुनकर मज़े से भर गया और उसका लौड़ा अनिका की नरम गाँड़ के स्पर्श से कड़ा होने लगा।

उधर राज नमिता के बग़ल में लेटकर उसके बदन से खेल रहा था । मनीष भी फिर से नमिता के बग़ल में लेट गया और उसके बदन पर हाथ फेरने लगा। अब दोनों लड़के नमिता के बदन से खेल रहे थे और उनके लौड़े अकड़ने लगे थे।

कमरा वासना से जैसे भर गया था।
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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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थकी नमिता सो गयी और लड़के भी सो गए उससे चिपक कर, सब अभी भी नंगे ही थे। सुधाकर भी अनिका को गोद में लेकर दूसरे कमरे में चला गया और वो भी नंगे ही चिपक कर सो गए। क़रीब ६ बजे शाम को सबकी नींद खुली। बाथरूम से फ़्रेश होकर कपड़े पहनकर सब बाहर ड्रॉइंग रूम में आए और नमिता ने नौकर से कह कर सबको चाय पिलवाई।

फिर मनीष , अनिका और राज बिस्तर पर बैठ कर विडीओ गेम खेलने लगे। अनिक़ा ने एक फ्रोक़ सी पहनी थी जिसमें से उसकी जाँघें और पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी।

राज बोला: अनिक़ा अब तुम्हारी बुर का दर्द कैसा है?

अनिका: भय्या , आगे से बेहतर है। अब भी लेकिन टीस सी उठती है।

मनीष: बेबी, कल सुबह तक तुम बिलकुल ठीक हो जाओगी, मम्मी ऐसा बोलीं हैं।

अनिक़ा: हाँ भय्या वो मुझसे भी यही बोलीं हैं।

राज: वैसे एक बात है कि मनीष भय्या ने तुम्हें बड़े प्यार से चोदा था, कोई बाहर वाला होता तो तुम तीन चार दिन उठ भी नहीं पाती।

मनीष: अरे मेरी प्यारी सी इकलौती बहन है उसका मैं ख़याल तो रखूँगा ही। यह कहते हुए उसने अनिका को अपनी गोद में खींच लिया और उसके गाल चूम लिए। अनिका ने भी अपने भाई के गाल चूम लिए।

राज: अरे भय्या आप तो एक बार मज़ा ले ही चुके हो, अब अनिका को मेरी गोद में बैठना चाहिए ना।

अनिका हँसते हुए उठकर राज की गोद में बैठी और फिर हल्के से उछल गयी और बोली: भय्या आपका डंडा तो पूरा खड़ा है। हाय मुझे गड़ गया।

राज: अरे बेबी जब तक तुम इसको अंदर नहीं करोगी, ये ऐसा ही रहेगा।

उधर नमिता और सुधाकर बातें कर रहे थे।

नमिता: चलो अनिक़ा की बुर का उद्घाटन आराम से हो ही गया।

सुधाकर: मुझसे कब चुदवाओगी उसको?

नमिता: मेरे ख़याल से उसकी बुर की सूजन कल तक ख़त्म हो जाएगी। कल रात या दोपहर तक शायद चुदवा लेगी आपसे भी। चलिए ना ज़रा देख लेते हैं कि उसकी बुर का क्या हाल है? वो तो इतनी सीधी है कि हमें बताएगी ही नहीं और भुगतते रहेगी।

सुधाकर: हाँ चलो उसकी बुर का मुआयना कर लेते हैं।

फिर वह दोनों मनीष के कमरे में पहुँचे, वहाँ अनिका राज की गोद में बैठी थी और वह उसके गाल चूम रहा था। अनिक़ा उनको देखकर उठ गयी और बिस्तर पर बैठ गयी।

नमिता: अरे बेटी अपने भय्या की गोद में बैठने में कोई बुराई नहीं है। फिर राज के लौड़े को हाफ़ पैंट के ऊपर से पकड़ कर बोली: यह क्यों खड़ा कर रखा है तुमने।

राज शर्मा गया पर बोला कुछ नहीं। तभी नमिता आनिका को लेटने को बोली। वह चुपचाप लेट गई । अब नमिता ने उसकी फ़्रॉक उठाई और उसकी पैंटी नीचे की। सबकी आँखें उसकी थोड़ी सी सूजी हुई बुर पर गड़ीं हुई थीं। नमिता ने उसकी बुर की फाँकों को फैलाया और अंदर के गुलाबी माँस को देखकर वह सब मस्त हो गए। सुधाकर का तो लौड़ा बहुत कड़ा हो गया।

नमिता: बेटी, दर्द तो नहीं हो रहा है ना?

अनिका: नहीं मम्मी अब पहले से बेहतर है।

सुधाकर: अब तो बड़ी अच्छी दिख रही है। सूजन भी उतर गई है।

नमिता: हाँ हाँ आपको तो सब ठीक ही लगेगा, इस मासूम बुर को चोदने के लिए मरे जो जा रहे हो आप।

नमिता की इस बात पर सब हँसने लगे। नमिता ने सुधाकर के लौड़े को तना हुआ देखा और उसको पकड़ ली और बोली: अनिका चलो अभी पापा से चुदवा नहीं सकती तो कम से कम उनका ये चूस तो सकती हो ना?

यह सुनते ही सुधाकर ने अपना लौंडा बाहर निकाला और अनिका के मुँह के पास ले आया। अनिका ने अपना मुँह खोला और लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। सुधाकर भी अपनी क़मर हिलाकर उसके मुँह को चोदने लगा। राज भी नमिता को पकड़कर बोला: माँ मेरा भी खड़ा है आप कुछ करो ना।

नमिता ने उसकी पैंट और चड्डी नीचे की और उसके लौड़े को सहलाने लगी। मनीष ने भी अपनी पैंट खोली और उसका भी अकड़ा हुआ लौड़ा नमिता ने पकड़ा और दबाने लगी। तभी नमिता ने अपनी साड़ी ऊपर की और घुटने के बल बिस्तर पर बैठी और अपने चूतरों को ऊपर करके बोली: चलो मनीष तुम मुझे चोदो और राज मैं तुम्हारा लौड़ा चूसती हूँ।

मनीष ने उसके पीछे होकर अपना लौड़ा उसकी बुर में लगाया और एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया। नमिता आऽऽऽहहह कर उठी। अब नमिता राज के लौड़े को चूसने लगी। बग़ल में अनिका अपने पापा का लौड़ा चूसते हुए नमिता की चुदाई देख रही थी। नमिता की बुर से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी।उधर अनिका और नमिता का मुँह भी लौड़ा चूसने में व्यस्त था। सुधाकर अनिक़ा की चूचियाँ दबाकर मस्ती से जल्दी ही उसके मुँह में झड़ने लगा। अनिक़ा उसके वीर्य को बड़े स्वाद लेकर पीने लगी। तभी मनीष भी आऽऽऽऽहहह करके झड़ने लगा। अब नमिता ने अपने मुँह से राज का लौड़ा निकाला और उसको पीछे आकर चोदने को बोली। राज भी पीछे आकर उसकी बुर को तौलिए से साफ़ किया और फिर उसकी बुर में अपना लौड़ा डाला और उसी समय ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।

नमिता आऽऽहहह मरीइइइइइइइइ उइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽऽ कहकर पीछे अपनी गाँड़ करके चुदवाने लगी। जल्दी ही ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर राज भी झड़ने लगा और नमिता भी आऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह कहकर झड़ने लगी।

अब सब आराम करके साफ़ सफ़ाई करके ड्रॉइंग रूम में आए और फिर ८ बजे डिनर के बाद ,नौकर के जाने के बाद वो फिर से रात को सामूहिक चुदाई में लग गए। नमिता को तीनों मर्दों ने अलग अलग और सामूहिक रूप से भी चोदा। अनिका बारी बारी से सबके लौड़े चूसकर मज़े से भर उठी।

अगले दिन सुधाकर ने अनिका की चुदाई की और फिर राज को भी मौक़ा मिला।

कुछ दिन बाद सुधाकर और नमिता की शादी हो गयी और अब राज और नमिता भी सुधाकर के साथ उसके घर पर रहने लगे।

सब रात को एक कमरे में नंगे ही सोते थे और रात में कई बार चुदाई होती थी। फिर नमिता ने मनीष की शादी की बात शुरू की और सब बड़े उत्तेजित हो रहे थे कि जल्दी ही एक माल और आ जाएगी सबसे चुदवाने के लिए।

सबके मन में लड्डू फूटने लगे।

कहानी यहीं पर समाप्त होती है।

आप सबको बहुत बहुत धन्यवाद कहानी को पसंद करने के लिए।


समाप्त
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