त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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अनिका ने हिचकते हुए अपनी ब्रा उतारी और उसके कप को निकाला और उसके मस्त संतरों को नंगे देखकर तीनों के लौड़े प्रीकम छोड़ने लगे। क्या चूचियाँ थीं , जैसे दो पूरे बड़े संतरे उसकी छाती पर चिपका दिए हों। और निपल भी अभी बन ही रहे थे, गुलाबी से। पैंटी में उसने ऊँगली डाली और नीचे खिसकाने लगी। जब वह झुक कर पैंटी निकाल रही थी तब उसके चूतरों की गोलाइयाँ और उनके बीच का भूरा सा गाँड़ का सुराख़ बहुत ही मादक लग रहा था। पूरा हिस्सा एकदम बाल रहित था। जब वो खड़ी हुई तो उसकी मादक जाँघों के बीच में से उसकी एकदम चिकनी बुर और उसके बीच की लकीर मानो चीख़ चीख़ कर कह रही थी कि अरे ये तो अभी अनछुई और अनचुदी मासूम सी बुर है।

सबके लौड़े झटके मारने लगे। सुधाकर सोचने लगा कि साली मेरी बेटी नहीं होती तो इसको अभी के अभी चोद डालता।

नमिता ने अनिक़ा को कहा: बेटी बारी बारी से सबके पास जाओ और सबको प्यार करो।

अनिका धीरे से शर्माकर सुधाकर के पास आइ और सुधाकर ने उसको अपनी छाती से चिपका लिया और उसके गाल चूमने लगा और उसकी पीठ सहलाने लगा। अनिका भी उसकी पीठ को सहलाने लगी। उसका लौड़ा उसके पेट पर दब रहा था और अनिक़ा को वहाँ गीला सा लगा। अब सुधाकर उसके चूतरों को दबाकर उनके चिकनेपन से जैसे मदहोश हुआ जा रहा था। फिर वह पीछे हुआ और उसके होंठ चूसने लगा और उसकी मस्त चूचियाँ दबाने लगा। अनिका हाऽऽऽऽय्यय पापाऽऽऽऽ कह के क़राह उठी।

नमिता: पापा का लौड़ा पकड़ो बेटी।

अनिक़ा ने लौड़े को पकड़ा और उसके हाथ ने उसका प्रीकम आ गया।

नमिता: बेटी चाट लो उसको , बहुत अच्छा लगेगा।

अनिका ने हिचकते हुए अपनी ऊँगली को चाट लिया।

अब सुधाकर भी उसकी बुर सहलाकर मस्ती से भर उठा। तभी उसने देखा कि मनीष और राज भी क़तार ने खड़े हैं , तो उसने अनिका को छोड़ दिया। अब उसने अनिका को हल्के से कंधे दबाकर मनीष के सामने कर दिया । मनीष भी उसको अपने बदन से चिपका लिया और उसके गरम चिकने और कोमल अभी अभी जवान हुए बदन के स्पर्श से दीवाना सा हो गया।उसके हाथ उसकी चूचियों पर आ गए और वह उनको मस्ती से दबाने लगा। फिर वह उसकी बुर भी सहलाया और अनिका ने भी उसके लौड़े को सहलाकर उसको मदहोश कर दिया। अनिका ने उसके प्रीकम को अबके अपने आप ही चाट लिया। नमिता सोचने लगी कि ये लड़की सच में इन सब की रँडी बन कर ही रहेगी।

नमिता: अरे बस कर अब छोड़ उसको, अभी तो तू चोद ही लेगा उसको। अब थोड़ा राज को भी मस्ती कर लेने दे उसके साथ।

मनीष ने बड़ी ही अनिच्छा से उसे छोड़ा और अब वह राज के सामने थी जिसने उसे अपनी बलिष्ठ बाहों में भरकर दबा दिया और वह आह्ह्ह्ह्ह कर उठी। फिर वह पीछे होकर उसकी चूचियाँ दबाने और पीने लगा। अनिका भी उसका मोटा लौड़ा दबाते हुए पूरी तरह से अपनी बुर को पनियाते हुए महसूस करने लगी। अनुभवी नमिता समझ गयी कि अब कुछ देर में ही अनिका झड़ जाएगी, सो वह राज को हटाई और अनिका को बिस्तर पर लिटा दी।

अब नमिता बोली: बेटी, अब तुम बोलो पहले चुदवाओगी या मुझे चुदवाते हुए देखना चाहोगी?

अनिक़ा शर्माते हुए बोली: मम्मी आप जैसे ठीक समझो।

नमिता: बेटी अगर बुर बहुत खुजा रही है तो पहले चुदवा लो, वरना एक बार मुझे चुदते देख लो ताकि तुम भी मज़े से चुदवा सको?

इसके पहले कि हैरान अनिका कुछ बोल पाती मनीष बोला: मम्मी आप चुदवाओ हम उसके बाद चुदाई कर लेंगे।

अब नमिता बोली: तो मुझे मेरा बेटा चोदेगा या मेरा होने वाला पति ?

सुधाकर अपने लौड़े को सहलाते हुए बोला: हम दोनों मिलकर चोदेंगे , क्यों राज बेटा?

राज: जी पापा ज़रूर। ये कहते हुए उसने अपना लौड़ा सहला दिया।

अब नमिता राज को नीचे लेटने को बोली और ख़ुद अपने हाथ में क्रीम लेकर सुधाकर के लौड़े पर मलती हुई बोली: आपको गाँड़ मिलेगी, बुर मेरा बेटा चोदेगा , ठीक है ना ?

सुधाकर: रानी तेरी गाँड़ भी मस्त माल है , आज जम कर चोदूँगा , बहुत दिन बाद साली गाँड़ की बारी आइ है।

अब नमिता उठकर लेटे हुए राज के चेहरे पर बैठ गई और राज उसकी बुर को दोनों हाथों से फैलाकर चाटने लगा। नमिता की सिसकारियाँ निकलने लगी। अनिका पास ही लेटे हुए यह सब देख रही थी। तभी मनीष उसकी चूचि चूसने लगा। अनिका भी मस्त होकर उसके सिर को अपनी छाती पर दबाने लगी। सुधाकर के बोलने पर अनिका मनीष और राज का लौड़ा सहलाने लगी।

कमरे में वासना का तूफ़ान आ चुका था। अनिका और नमिता की हाऽऽऽऽऽयययय और उइइइइइइ से कमरा गूँजने लगा था। तभी नमिता उठी और अनिका को बोली: देखो बेटी बुर में लौड़ा कैसे जाता है। यह कहते हुए उसने राज के लौड़े को अपनी बुर के मुँह पर रखा और आनिका को दिखाकर उस मोटे लौड़े पर नीचे होकर बैठते हुए धीरे धीरे अपनी बुर में अंदर लेती चली गयी।राज का मोटा लम्बा हथियार जैसे उसकी गहरी मियान में ग़ायब ही हो गया। अब वह धीरे धीरे ऊपर नीचे होकर चुदाई का मज़ा लेने लगी। क़रीब पाँच धक्कों के बाद सुधाकर उसको रुकने को बोला: रुको रानी , तेरी गाँड़ में क्रीम लगानी है।

अब अनिक़ा को दिखाकर उसने नमिता की गाँड़ में दो ऊँगली डालकर उसने क्रीम लगाई । अनिका आँख फाड़े ये सब देख रही थी। फिर वह नमिता के ऊपर आया और अपने लौड़े को अनिक़ा को दिखाते हुए नमिता की गाँड़ के सुराख़ में डालने लगा। अनिका ने देखा कि नमिता की गाँड़ इस मोटे लौड़े को भी निगल गई। उधर नमिता उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ कर उठी।

अगले दो मिनटों में राज नीचे से कमर उछालकर और सुधाकर ऊपर से नीचे धक्का मारकर नमिता की चुदाई में लग गए। कमरे में फच्च फच्च और थप्प थप्प की आवाज़ें गूँजने लगी। साथ ही नमिता की आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह और जोओओओओओर सेएएएएएए चोओओओओओओओओओदो। आऽऽऽंहहहह मरीइइइइइइइइ उइइइइइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽऽऽ के साथ साथ राज और सुधाकर की ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽऽऽहहह की आवाज़ें भी कमरे में भर गयी थीं।

अनिका हैरानी से अपनी सौतेली माँ को अपने पापा और सौतेले भाई से चुदते हुए देख कर बहुत ज़्यादा गरम हो गयी और उसकी बुर पूरी गीली हो गयी थी। इधर मनीष भी उसके चूतरों को सहलाते हुए उसकी गाँड़ में ऊँगली डालने की कोशिश कर रहा था। वह भी मनीष के लौड़े को सहलाते हुए मस्त हुए जा रही थी।

तभी उसने देखा कि नमिता और सुधाकर चिल्लाकर झड़ने लगे और राज ने भी अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी और वह भी झड़ने लगा। फिर तीनों एक दूसरे से लिपटे हुए पसर गए। अनिका ने देखा कि नमिता की बुर से गाढ़ा सफ़ेद वीर्य निकल कर नीचे आ रहा था। तभी नमिता उठने लगी और अनिका ने देखा कि उसकी गाँड़ से भी सफ़ेद माल बाहर आए जा रहा था। नमिता ने पास रखे तौलिए से अपने दोनों छेद साफ़ किए और पानी पीकर राज और सुधाकर से बोली: चलो आप लोग जगह दो, अब अनिक़ा को लेटने दो।

अनिक़ा को लिटाकर नमिता ने उसके चूतरों के नीचे एक तकिया रख दिया। फिर उसकी टाँग को मोड़ी और फिर फैलाकर उसकी बुर को देखी और उसको चूमने लगी और जीभ भी फेरी। फिर सुधाकर को बोली: आइए आप भी अपनी बेटी की कुँवारी बुर को प्यार कर लीजिए। सुधाकर भी नीचे झुककर उसकी बुर को चूमने और चाटने लगा। नमिता ने उसको हटाया और राज को इशारा किया । वह भी उसकी बुर को चूम कर चाटा और फिर वह नीचे होकर उसकी कोरी चिकनी गाँड़ भी चाटने लगा। अनिक़ा आऽऽऽहहह कर उठी। मनीष ने उसे हटाया और वह भी उसकी बुर चाटने लगा। नमिता ने उसको हटाया और अब सुधाकर को बोली: आप इसकी एक टाँग पकड़ो और मैं एक टाँग पकड़ती हूँ और इनको फैल्लायिए । राज तुम अनिका के होंठ चूसना और चूचियाँ दबाना और चूसना। मनीष, चलो आओ यहाँ इसकी जाँघों के बीच बैठो।

अगले क्षण ही क्या दृश्य था। पापा और मम्मी उसकी टाँगे पकड़कर फैला चुके थे। भाई उसकी बुर के पास लौड़ा रखकर घुटने के बल बैठ गया था और दूसरा भाई उसके संतरों को सहलाते हुए उनको चूस रहा था। अनिका के बदन में मानो आग सी लग गई थी। अब नमिता ने मनीष के लौड़े को पकड़ा और उसे अनिका की बुर के ऊपर रखकर उसके छेद पर लम्बाई में रगड़ने लगी। सुधाकर इसको देखकर अपने दूसरे हाथ से अपना नरम लौड़ा दबाने लगा। अब नमिता सुधाकर को बोली: आप इसकी एक फाँक फैलाओ मैं दूसरी फाँक फैलाती हूँ।

अब मनीष ने देखा कि उसके पापा और मम्मी उसकी बहन की कुँवारी बुर की फाँकों को फैला कर चौड़ा किए और उसकी गुलाबी बुर में मम्मी लौड़े का सुपाड़ा रगड़ने लगी। अनिका उइइइइइ कर उठी। अब नमिता ने मनीष के लौड़े पर ख़ूब सारी क्रीम लगाई और बोली: चल बेटा अब अपनी बहन की सील खोल दे । अनिका बेटी थोड़ा सा दुखेगा पर बाद ने मज़ा ही मज़ा मिलेगा। ये कहते हुए उसने मनीष को धक्का मारने का इशारा किया। उधर राज अब उसके होंठों को चूसने लगा। अब मनीष ने उसकी बुर में सुपाडे को डालना शुरू किया जो कि उसकी बहन की थी और जिसकी फ़ाकों को उसके पापा और मम्मी ने उसके सुपाडे के प्रवेश के लिए फैला रखा था । पहली बार सुपाड़ा फिसल गया। नमिता ने अबकि बार सुपाडे को ख़ुद छेद में रखा और मनीष दबाता चला गया। अचानक सुपाड़ा छेद की झिल्ली को चीरता हुआ अंदर समा गया। अनिका आऽऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मरीइइइइइइ कहकर चिल्लायी। पर राज ने उसके होंठ फिर चूसने शुरू किए और वह गूँउउउउउ करने लगी।

तभी मनीष ने अपना सुपाड़ा थोड़ा पीछे किया और नमिता और सुधाकर ने उसने लाल ख़ून की बूँदें देखीं और दोनों मुस्कुराए । अब मनीष ने फिर से लौड़े को अंदर दबाया और अबकि अनिका ज़ोर से चीख़ उठी, आधा लौड़ा अंदर हो गया था । अनिका चिल्लायी: भय्या बाहर निकाआऽऽऽऽऽलो आऽऽऽहहह बहुत दर्द ही रहाआऽऽऽऽऽ है । pleaaaaaaaaase उइइइइइइइ
मनीष नहीं रुका वह अब पूरा लौड़ा अंदर पेल दिया और उसकी टाइट बुर के अहसास से मस्ती से भर कर उसके ऊपर आकर उसके संतरों को दबाने लगा। राज ने फिर से उसके मुँह पर अपना मुँह रखा और होंठ चूसने लगा। अनिक़ा की आँखों से आँसू निकल कर गिर रहे थे।

नमिता ने मनीष को रुकने को कहा और अनिका से बोली: बेटी, ये देखो भय्या रुक गया है। जब तुम बोलोगी वह तभी चोदेगा। ठीक है?

अनिका को थोड़ी देर बाद आराम मिला और राज उसके निप्पल को दबाए जा रहा था और वह अब मस्ती से भरने लगी थी। नमिता ने फिर पूछा: बेटी अब कैसा लग रहा है?

अनिका : अब ठीक हूँ मैं।

नमिता: तो फिर मनीष चुदायी चालू करे फिर से ?

अनिका अपने मुँह को हाथ से छुपा कर बोली: जी मम्मी।

मनीष तो जैसे इंतज़ार ही कर रहा था , उसने अपनी क़मर हिलाकर धक्का मारना शुरू कर दिया। अब नमिता ने देखा कि अनिका हाऽऽऽय्यय आऽऽऽंह चिल्ला रही थी। अब उसने उसकी टाँग मनीष की कमर पर चढ़ा दी और सुधाकर ने भी यही किया। अब अनिक़ा अपनी दोनों टाँगें भय्या की कमर में फँसाकर मज़े से चुदवा रही थी।

सुधाकर ने पीछे से देखा कि मनीष का लौड़ा उसकी टाइट बुर में अंदर बाहर हो रहा था और वहाँ से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी। साथ ही बुर में से थोड़ा सा ख़ून भी टपक रहा था ।

नमिता अनिका के पास जाकर उसकी बाँह सहलाते हुए बोली: बेटी अब तो मज़ा आ रहा है ना?

अनिका: आऽऽऽऽहहह जीइइइइइइइ मम्मी जीइइइइइइ। बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ रहाआऽऽऽ है। उइइइइइइइ उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्

सुधाकर भी पास में आकर उसके एक संतरे को दबाने लगा और जल्दी ही उसे चूसने लगा। राज भी दूसरा संतरा चूसे जा रहा था।

नमिता पीछे आयी और मनीष के बॉल्ज़ को दबाकर उसको मस्त करने लगी। फिर वह अनिका के बुर के रस को एक ऊँगली में मलकर उसकी चिकनी गाँड़ में डालने की कोशिश करने लगी। मनीष की कमर मानो पिस्टन की तरह आगे पीछे हुई जा रही थी। अचानक अनिका चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह मैं झड़ीइइइइइइइइ कहकर उसने अपनी कमर ऊपर करके अपनी जाँघों में लौड़े को भींच लिया और मनीष के लिए भी ये हमला असहनीय था वह भी ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा।

वाह क्या दृश्य था- पापा और भाई उसकी एक एक चूचि चूस रहे थे। भय्या उसकी बुर में अपना गरम गरम वीर्य डाले जा रहा था और मम्मी उसकी गाँड़ के
छेद में ऊँगली कर रही थी। अनिका का ऑर्गैज़म अनोखा था और पारिवारिक सुख से भरा हुआ था। वह जाने कितनी बार झड़ी जैसे कोई बाँध ही टूट गया हो।

जब सब शांत हुए तो सुधाकर और राज उसकी छाती से हटे और मनीष भी बग़ल में लेट गया। नमिता ने उसकी बुर का मुआयना किया और बोली: उठो बेटी, देखो तुम्हारी बुर खुल गयी। अब तुम आराम से सबसे चुदवा सकती हो। बधाई हो ।

अनिक़ा उठकर बैठी और अपनी जाँघों के बीच झाँक कर अपनी बुर देखी और वहाँ ख़ून देखकर थोड़ा सा घबराई। नमिता ने उसको हौंसला दिया: बेटी, ये सामान्य बात है। इसने डरने की कोई बात नहीं है। तुम्हारी कुँवारेपन की झिल्ली फटी है बस और कुछ नहीं। कल तक तुम सामान्य हो जाओगी। चलो बाथरूम में में तुम्हारी सफ़ाई कर देती हूँ।

वह उसे लेकर बाथरूम में चली गयी। जब वह बाहर आइ तो थोड़ा सा लँगड़ा रही थी। नमिता उसको लाकर सुधाकर के पास आइ। सुधाकर ने उसको प्यार से अपनी गोद में बिठाया और प्यार करते हुए बोला: बेटी, बधाई हो। आज तुम्हारी बुर का उद्घाटन हो गया। अब हम सब मज़े से चुदाई का मज़ा लेंगें ।

अनिका उसकी छाती में अपना मुँह छिपा कर बोली: जी पापा ज़रूर। अनिक़ा को अपने पापा के नरम लौड़े का अपनी गाँड़ पर अहसास हो रहा था।

सुधाकर उसकी बात सुनकर मज़े से भर गया और उसका लौड़ा अनिका की नरम गाँड़ के स्पर्श से कड़ा होने लगा।

उधर राज नमिता के बग़ल में लेटकर उसके बदन से खेल रहा था । मनीष भी फिर से नमिता के बग़ल में लेट गया और उसके बदन पर हाथ फेरने लगा। अब दोनों लड़के नमिता के बदन से खेल रहे थे और उनके लौड़े अकड़ने लगे थे।

कमरा वासना से जैसे भर गया था।
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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by Smoothdad »

थकी नमिता सो गयी और लड़के भी सो गए उससे चिपक कर, सब अभी भी नंगे ही थे। सुधाकर भी अनिका को गोद में लेकर दूसरे कमरे में चला गया और वो भी नंगे ही चिपक कर सो गए। क़रीब ६ बजे शाम को सबकी नींद खुली। बाथरूम से फ़्रेश होकर कपड़े पहनकर सब बाहर ड्रॉइंग रूम में आए और नमिता ने नौकर से कह कर सबको चाय पिलवाई।

फिर मनीष , अनिका और राज बिस्तर पर बैठ कर विडीओ गेम खेलने लगे। अनिक़ा ने एक फ्रोक़ सी पहनी थी जिसमें से उसकी जाँघें और पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी।

राज बोला: अनिक़ा अब तुम्हारी बुर का दर्द कैसा है?

अनिका: भय्या , आगे से बेहतर है। अब भी लेकिन टीस सी उठती है।

मनीष: बेबी, कल सुबह तक तुम बिलकुल ठीक हो जाओगी, मम्मी ऐसा बोलीं हैं।

अनिक़ा: हाँ भय्या वो मुझसे भी यही बोलीं हैं।

राज: वैसे एक बात है कि मनीष भय्या ने तुम्हें बड़े प्यार से चोदा था, कोई बाहर वाला होता तो तुम तीन चार दिन उठ भी नहीं पाती।

मनीष: अरे मेरी प्यारी सी इकलौती बहन है उसका मैं ख़याल तो रखूँगा ही। यह कहते हुए उसने अनिका को अपनी गोद में खींच लिया और उसके गाल चूम लिए। अनिका ने भी अपने भाई के गाल चूम लिए।

राज: अरे भय्या आप तो एक बार मज़ा ले ही चुके हो, अब अनिका को मेरी गोद में बैठना चाहिए ना।

अनिका हँसते हुए उठकर राज की गोद में बैठी और फिर हल्के से उछल गयी और बोली: भय्या आपका डंडा तो पूरा खड़ा है। हाय मुझे गड़ गया।

राज: अरे बेबी जब तक तुम इसको अंदर नहीं करोगी, ये ऐसा ही रहेगा।

उधर नमिता और सुधाकर बातें कर रहे थे।

नमिता: चलो अनिक़ा की बुर का उद्घाटन आराम से हो ही गया।

सुधाकर: मुझसे कब चुदवाओगी उसको?

नमिता: मेरे ख़याल से उसकी बुर की सूजन कल तक ख़त्म हो जाएगी। कल रात या दोपहर तक शायद चुदवा लेगी आपसे भी। चलिए ना ज़रा देख लेते हैं कि उसकी बुर का क्या हाल है? वो तो इतनी सीधी है कि हमें बताएगी ही नहीं और भुगतते रहेगी।

सुधाकर: हाँ चलो उसकी बुर का मुआयना कर लेते हैं।

फिर वह दोनों मनीष के कमरे में पहुँचे, वहाँ अनिका राज की गोद में बैठी थी और वह उसके गाल चूम रहा था। अनिक़ा उनको देखकर उठ गयी और बिस्तर पर बैठ गयी।

नमिता: अरे बेटी अपने भय्या की गोद में बैठने में कोई बुराई नहीं है। फिर राज के लौड़े को हाफ़ पैंट के ऊपर से पकड़ कर बोली: यह क्यों खड़ा कर रखा है तुमने।

राज शर्मा गया पर बोला कुछ नहीं। तभी नमिता आनिका को लेटने को बोली। वह चुपचाप लेट गई । अब नमिता ने उसकी फ़्रॉक उठाई और उसकी पैंटी नीचे की। सबकी आँखें उसकी थोड़ी सी सूजी हुई बुर पर गड़ीं हुई थीं। नमिता ने उसकी बुर की फाँकों को फैलाया और अंदर के गुलाबी माँस को देखकर वह सब मस्त हो गए। सुधाकर का तो लौड़ा बहुत कड़ा हो गया।

नमिता: बेटी, दर्द तो नहीं हो रहा है ना?

अनिका: नहीं मम्मी अब पहले से बेहतर है।

सुधाकर: अब तो बड़ी अच्छी दिख रही है। सूजन भी उतर गई है।

नमिता: हाँ हाँ आपको तो सब ठीक ही लगेगा, इस मासूम बुर को चोदने के लिए मरे जो जा रहे हो आप।

नमिता की इस बात पर सब हँसने लगे। नमिता ने सुधाकर के लौड़े को तना हुआ देखा और उसको पकड़ ली और बोली: अनिका चलो अभी पापा से चुदवा नहीं सकती तो कम से कम उनका ये चूस तो सकती हो ना?

यह सुनते ही सुधाकर ने अपना लौंडा बाहर निकाला और अनिका के मुँह के पास ले आया। अनिका ने अपना मुँह खोला और लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। सुधाकर भी अपनी क़मर हिलाकर उसके मुँह को चोदने लगा। राज भी नमिता को पकड़कर बोला: माँ मेरा भी खड़ा है आप कुछ करो ना।

नमिता ने उसकी पैंट और चड्डी नीचे की और उसके लौड़े को सहलाने लगी। मनीष ने भी अपनी पैंट खोली और उसका भी अकड़ा हुआ लौड़ा नमिता ने पकड़ा और दबाने लगी। तभी नमिता ने अपनी साड़ी ऊपर की और घुटने के बल बिस्तर पर बैठी और अपने चूतरों को ऊपर करके बोली: चलो मनीष तुम मुझे चोदो और राज मैं तुम्हारा लौड़ा चूसती हूँ।

मनीष ने उसके पीछे होकर अपना लौड़ा उसकी बुर में लगाया और एक ही धक्के में पूरा अंदर डाल दिया। नमिता आऽऽऽहहह कर उठी। अब नमिता राज के लौड़े को चूसने लगी। बग़ल में अनिका अपने पापा का लौड़ा चूसते हुए नमिता की चुदाई देख रही थी। नमिता की बुर से फ़च फ़च की आवाज़ आ रही थी।उधर अनिका और नमिता का मुँह भी लौड़ा चूसने में व्यस्त था। सुधाकर अनिक़ा की चूचियाँ दबाकर मस्ती से जल्दी ही उसके मुँह में झड़ने लगा। अनिक़ा उसके वीर्य को बड़े स्वाद लेकर पीने लगी। तभी मनीष भी आऽऽऽऽहहह करके झड़ने लगा। अब नमिता ने अपने मुँह से राज का लौड़ा निकाला और उसको पीछे आकर चोदने को बोली। राज भी पीछे आकर उसकी बुर को तौलिए से साफ़ किया और फिर उसकी बुर में अपना लौड़ा डाला और उसी समय ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा।

नमिता आऽऽहहह मरीइइइइइइइइ उइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽऽ कहकर पीछे अपनी गाँड़ करके चुदवाने लगी। जल्दी ही ह्म्म्म्म्म्म्म कहकर राज भी झड़ने लगा और नमिता भी आऽऽऽऽह्ह्ह्ह्ह कहकर झड़ने लगी।

अब सब आराम करके साफ़ सफ़ाई करके ड्रॉइंग रूम में आए और फिर ८ बजे डिनर के बाद ,नौकर के जाने के बाद वो फिर से रात को सामूहिक चुदाई में लग गए। नमिता को तीनों मर्दों ने अलग अलग और सामूहिक रूप से भी चोदा। अनिका बारी बारी से सबके लौड़े चूसकर मज़े से भर उठी।

अगले दिन सुधाकर ने अनिका की चुदाई की और फिर राज को भी मौक़ा मिला।

कुछ दिन बाद सुधाकर और नमिता की शादी हो गयी और अब राज और नमिता भी सुधाकर के साथ उसके घर पर रहने लगे।

सब रात को एक कमरे में नंगे ही सोते थे और रात में कई बार चुदाई होती थी। फिर नमिता ने मनीष की शादी की बात शुरू की और सब बड़े उत्तेजित हो रहे थे कि जल्दी ही एक माल और आ जाएगी सबसे चुदवाने के लिए।

सबके मन में लड्डू फूटने लगे।

कहानी यहीं पर समाप्त होती है।

आप सबको बहुत बहुत धन्यवाद कहानी को पसंद करने के लिए।


समाप्त
josef
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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superb...................
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naik
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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जबरदस्त
Maximum Risk
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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Excellent... Erotic...
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