त्यागमयी माँ और उसका बेटा complete

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NISHANT
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by NISHANT »

VERY NICE
UPDATE PLEASE
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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by Smoothdad »

नमिता बाहर आकर खाना लगवायी और सब खाना खाने लगे। खाने के बाद सब सोफ़े पर बैठकर बातें करने लगे। अनिका सबसे ज़्यादा बात कर रही थी।
फिर मनीष बोला: मैं तो आराम करने जा रहा हूँ। राज, तुम चलोगे क्या?

राज: हाँ चलो बाद में मुझे थोड़ी पढ़ाई भी करनी है।

वो दोनों मनीष के कमरे में चले गए। नमिता बोली: अनिका, तुम्हारा क्या इरादा है?

अनिका: मम्मी मैं तो रात भर सफ़र करी हूँ इसलिए अब आराम करूँगी, पर मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा है।

नमिता: अरे तेरे पापा से मालिश करवा ले। पूरा दर्द निकल जाएगा। फिर आराम से सो जाना। ये मेरी भी दो तीन बार मालिश किए हैं , इनके हाथ में तो जादू है।

सुधाकर थोड़ा हैरानी से नमिता की ओर देखा और नमिता ने आँख मार दी।

सुधाकर: हाँ हाँ बेटा, तेरी मम्मी भी कभी कभी मुझसे मालिश करवा लेती है। मैं तेरी अच्छी से मालिश कर दूँगा।

नमिता उठकर किचन से तेल को गरम करके लायी और सुधाकर के पास रखकर बोली: ये लीजिए इससे मालिश कर दीजिए। आओ बेटा, पापा की गोद में बैठ जाओ । आप इसकी गर्दन से मालिश शुरू कीजिए।

अनिका थोड़ी हिचकते हुए आयी और नमिता ने उसको घूमकर ऐसे बिठाया की उसकी पीठ सुधाकर के सामने थी। उसका लौड़ा खड़ा होने लगा था। उसने उसको अपनी जाँघों के बीच दबा लिया था ताकि अनिका को उसका अहसास ना हो जाए।

अब उसने तेल लेकर उसकी गरदन से नीचे की ओर मालिश शुरू की। गरदन में तेल लगाते हुए वह हल्के से वहाँ दबाकर वहाँ मालिश करने लगा। अनिका को थोड़ा सा अजीब लग रहा था कि वह पापा की गोद में बैठी है। अब सुधाकर ने उसके खुले कंधों को मालिश शुरू की और वहाँ से उसकी एक बाँह को दबाने लगा। सुधाकर का लौड़ा उसकी मखमली बाँह को छूकर अकड़ने लगा। अब वह मालिश करते हुए अपने हाथ को अनिका की बाँह पर ऊपर से नीचे करने लगा। उसकी दो उँगलियाँ उसके ब्रा में क़ैद सख़्त संतरे पर छू रही थी और दोनों के बदन में सुरसुरी हो रही थी।

नमिता मुस्कुरा कर दोनों के हावभाव देख रही थी। फिर वह बोली: आप इसकी मालिश करके इसे सुला देना। मैं जाकर गेस्ट बेडरूम में सो जाती हूँ। फिर वह सुधाकर को आँख मारकर चली गयी।

सुधाकर अनिका के हाथों की मालिश करने के बाद बोला: बेटा, चलो बिस्तर पर लेट जाओ तो अच्छे से मालिश कर दूँगा। अनिका ठीक है पापा कहकर उठ खड़ी हुई और सुधाकर के बेडरूम की ओर चल पड़ी। सुधाकर भी उसके पीछे वहाँ आ गया।

सुधाकर: बेटा, अपना टॉप उतार दो तभी मालिश ठीक से हो पाएगी।

अनिका चौंककर बोली: पापा, वो क्यों? मुझे शर्म आएगी।

सुधाकर: अरे बेटा, टॉप नहीं उतारोगी तो उसने तेल लग जाएगा और मुझसे कैसी शर्म? मैंने तो तुमको बचपन में कयी बार नंगी देखा है।

अनिका: पापा बचपन की बात और थी, अब तो मैं बड़ी हो गयी हूँ।

सुधाकर: सच में बड़ी हो गयी हो? अच्छा चलो देखें तो कितनी बड़ी हो गयी हो।

अनिका: पापा आप भी ना, कुछ भी बोलते हो।

सुधाकर: अच्छा चलो टॉप उतार दो , ब्रा मत उतारना , ठीक है?

अनिका: अच्छा चलिए टॉप उतार देती हूँ।

यह कहके वो टॉप उतार देती है। सुधाकर ब्रा में उसके कसे हुए संतरे देखकर अपने आप को बहुत ख़ुश क़िस्मत समझता है। अब वह उसे पेट के बल लेटने को बोलता है। अनिका पेट के बल लेट जाती है और उसकी पूरी पीठ में ब्रा की एक पतली सी पट्टी ही रहती है। स्कर्ट भी उसकी भरी हुई जाँघों के जोड़ तक उठ जाता है और उसकी पैंटी भी दिखने लगती है।

अब सुधाकर के लिए अपना लौड़ा कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। वह उसे मसलते हुए अनिका की कमर के पास बैठ जाता है और उसकी कमर में तेल लगाता है और मालिश करने लगता है। फिर वह बोला: बेटी ब्रा का स्ट्रैप खोल दूँ इसमें भी तेल लग जाएगा तो दाग़ पड जाएगा।

अनिका: ठीक है पापा, खोल दीजिए।

अब वह उसका स्ट्रैप भी खोल देता है और उसकी नंगी पीठ देखकर मस्ती से उसके चिकने बदन में तेल की मालिश करने लगा। उसके हाथों की मालिश से सचमुच अनिका को आराम मिलने लगा। वह अब आह पापा कहने लगी।

सुधाकर उसकी पीठ से लेकर उसकी गरदन की मालिश किए जा रहा था। फिर वह उसके पैरों की मालिश करने लगा। उसके पंजों से लेकर उसके घुटने और फिर उसकी जाँघों को दबाकर वह मस्ती से भरने लगा

अब वह बोला: बेटी, स्कर्ट उतार दूँ वरना इसमें तेल लग जाएगा। अनिका ने कहा जी उतार दीजिए। अब वह उसकी स्कर्ट का हुक खोला और अनिका ने अपने चूतरों को ऊपर करके स्कर्ट निकालने में उसकी मदद की। अब वह सिर्फ़ एक छोटी सी पैंटी में थी। वह उसका चिकना और जवान होता बदन देखकर बहुत अधिक वासना से भर गया और अब अपने लौड़े को दबाते हुए उसके चूतरों और जाँघों की मालिश करने लगा।पैंटी से उसकी सिर्फ़ बुर और गाँड़ का छेद छुप रहा था।

चूतरों को दबाकर वह ऐसे महसूस किया जैसे बहुत नरम नरम रुई के गोले को दबा रहा हो। फिर जैसे ही उसने उसकी पैंटी में हाथ डालने की कोशिश की , अनिका आह पापा कहकर उसका हाथ हटा दी।

अनिका: ठीक है पापा, अब मुझे आराम मिल गया है, मैं अब सोऊँगी कहकर अपनी ब्रा को अपने सीने पर हाथ से दाबकर उठने लगी। तब सुधाकर बोला: बेटी, सामने की मालिश नहीं करवाओगी ?

अनिका: नहीं पापा, अब आराम आ गया है, मैं सो जाऊँगी। फिर वह बाथरूम में जाकर ब्रा का स्ट्रैप लगायी और आकर एक गाउन निकाली और पहनकर लेट गयी। सुधाकर बाथरूम में जाकर अनिका के नाम की मूठ्ठ मारकर वापस आया और अनिका के बग़ल में आकर सो गया।

शाम को जब नमिता उसे मिली तो वह पूछी: कैसा रहा अनिका की साथ? कुछ आगे बढ़ी बात?

सुधाकर ने उसे पूरा बताया और कहा: देखो धीरे धीरे ही बात आगे बढ़ेगी। अभी नई नई जवानी आयी है ना।

नमिता हँसने लगी।
casanova0025
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by casanova0025 »

plz update
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Smoothdad
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

Post by Smoothdad »

नमिता बोली: मैं लड़कों को उठाती हूँ फिर चाय पिएँगे।

सुधाकर: ठीक है।

नमिता मनीष के कमरे में पहुँची तो वो दोनों TV देख रहे थे ।

नमिता: अरे अगर तुम दोनों उठ गए हो तो बाहर क्यूँ नहीं आए?

मनीष ने नमिता को खींचकर बिस्तर पर गिरा लिया और उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूमते हुए बोला: आपके यहाँ आने का इंतज़ार कर रहे थे ताकि आपको थोड़ा सा प्यार कर लें। ये कहते हुए वह उसे चूमे जा रहा था। राज ने भी उसकी चूचि दबा दी और उसके छातियों के ऊपर के नंगे भाग को चूमने लगा। नमिता ने दोनों के आधे खड़े लौड़े हाथ में पकड़ लिए और उनको दबाकर मस्ती से भर गयी।

वह बोली: चलो ये सब बाद में देखते हैं अभी चाय पीते हैं।

मनीष: आप चाय पीओ हमें तो दूध पिला दो।

नमिता हँसते हुए: हाँ हाँ पिला दूँगी पर अभी बाहर आओ।

फिर तीनों बाहर आए और वहाँ सुधाकर उनको देख कर मुस्कुराया। तभी अनिका भी बाहर आयी और सुधाकर को देखकर थोड़ा सा झेंप गयी। सुधाकर जानता था कि वो क्यों शर्मा रही है। वह उसकी मस्त जवानी को घूरे जा रहा था। अनिका ने भी देखा कि पापा उसे घूरे जा रहे हैं तो वो थोड़ा सा अजीब सा महसूस करने लगी।

सब चाय पीते हुए बातें कर रहे थे। मनीष बोला: पापा आप लोग शादी कब कर रहे हो?

सुधाकर: हम दो दिन बाद रेजिस्ट्रार के ऑफ़िस में शादी करेंगे। और रात को होटेल मेट्रो में एक शानदार पार्टी करेंगे।

नमिता: ये भी पूछ लो ना कि सुहाग रात कहाँ मनाएँगे?

इस पर सब हँसने लगे। अनिका भी अब हँसी मज़ाक़ में भाग ले रही थी और अब धीरे धीरे खुल रही थी।

नमिता: अनिक़ा, चलो बताओ कि सुहागरात के बारे में क्या जानती हो?

मनीष: क्या मम्मी वो आजकल की लड़की है सब जानती होगी। क्यूँ अनिक़ा ठीक कहा ना मैंने?

अनिक़ा के गाल गुलाबी हो गए और वो बोली: जी भय्या सब जानती हूँ।

सुधाकर: अच्छा बताओ क्या जानती हो?

अनिका हड़बड़ा कर बोली: वो वो - उसमें शादी शुदा लोगों की पहली रात होती है जिसमें वो एक दूसरे को समझते हैं।

मनीष: और क्या करते हैं, समझने के बाद?

अनिका थोड़ी परेशानी से नमिता को देखती है जैसे कह रही हो की मदद करो। पर नमिता उसको आँख मारकर बोलती है: हाँ हाँ बताओ ना और क्या करते हैं?

अनिका: वो वो दोनों एक दूसरे को प्यार करते हैं। और बस । अब आगे कुछ नहीं बोलूँगी।

सब हँसने लगते हैं।

राज: मम्मी आप और पापा रिहर्सल करके दिखाओ ना। हमको भी ट्रेनिंग मिल जाएगी कि सुहाग रात कैसे मनायी जाती है।

सुधाकर: मैं तो तय्यार हूँ अगर तुम्हारी माँ मान जाए तो।

मनीष: हाँ मम्मी चलो दिखाओ ना प्लीज़।

नमिता: ठीक है पर एक शर्त पर कि अनिक़ा भागेगी नहीं यहाँ से ।

अनिका : मैं क्यों भागूँगी भला? चलिए रिहर्सल दिखायीये।

नमिता: अच्छा मैं बेडरूम में जाती हूँ आप लोग १५ मिनट के बाद आओ । नमिता बेडरूम का दरवाज़ा बंद करके सुहागिन का जोड़ा पहनती है फिर पूरा श्रिंगार करती है । सुधाकर की पहली बीवी का सामान उपयोग करती है। और बिस्तर पर बैठकर एक लम्बा सा घूँघट काढ़ लेती है। एक ग्लास पानी भी रख लेती है। फिर आवाज़ लगाती है आ जाओ।

सब कमरे में घुसते हैं और नमिता को दुल्हन के लिबास में देखकर चौक जाते है । नमिता सबको एक सोफ़े पर बैठने को बोलती है और सुधाकर से बोलती है: आप यहाँ आओ मेरे पास।

सुधाकर उसके पास आकर बैठता है और धीरे से नमिता के हाथ को अपने हाथ में लेकर चूम लेता है। फिर वह धीरे से नमिता का घूँघट उठाता है और नमिता अपने चेहरे को अपने हाथों से ढक लेती है। वह आगे बढ़कर नमिता का माथा चूमता है और फिर नमिता की हथेलियों को हटाकर उसके गाल को अपने हाथ में लेकर चूम लेता है। नमिता शर्माने का नाटक करती है।

तीनों जवान बदन आँखें फाड़े यह सब देख रहे थे। राज और मनीष के लोअर में तंबू तन चुका था और अनिक़ा को अपने निपल्ज़ की घुंडियाँ कड़ी होती महसूस हो रही थी। और मज़े का आलम ये है की ये तीनों ही नमिता के मस्त बदन का मज़ा ले चुके थे।

अब सुधाकर उसके गालों को चूम रहा था। फिर उसने नमिता के होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

नमिता इठलाती हुई बोली: स्वामी पहले ये दूध तो पी लीजिए। ये कहकर उसने पानी का ग्लास सुधाकर को दिया जिसे वो पीने लगा। वह फिर नमिता को पकड़ने के लिए हाथ बढ़ाया और नमिता बोली: स्वामी बत्ती तो बंद कर दीजिए मुझे उजाले में शर्म आती है। इस पर सुधाकर हँसने लगा और उसको एक धक्के में नीचे गिराकर उसके ऊपर आकर उसके होंठ चूसने लगा।

अब नमिता ने उसे धक्के देकर हटाया और बोली: इसके बाद बच्चों, सेंसर की कैंची चल जाती है, फ़िल्म ख़त्म।

मनीष अपना लौड़ा मसलते हुए बोला: क्या मम्मी चलने दो ना, हम सब अडल्ट हैं xxx भी देख सकते हैं।

राज भी अपना लौड़ा दबाते हुए बोला: हाँ पापा चालू रखिए ना, अभी तो मज़ा शुरू ही हुआ था कि आपने ख़त्म भी कर दिया।

अनिका की आँखें दोनों भाईओं के तंबू पर थी और वह बोली: छी भय्या इसके आगे कैसे करेंगे?

मनीष: तो तू बता ना इसके आगे क्या होता है?

नमिता: तुम सब जानते ही हो कि इसके आगे क्या होता है। हाँ शायद अनिका को पूरा पता ना हो।

मनीष: मम्मी इसीलिए बेचारी अनिक़ा के लिए ही सही पूरा ऐक्शन दिखा दीजिए ना?

नमिता: तुम्हारा मतलब है कि हम तुम्हारे सामने सेक्स करें ?

सुधाकर :बच्चों ये थोड़ा मुश्किल काम है हम तुम्हें अपनी चुदायी कैसे दिखा सकते हैं? नमिता मन ही मन में मुस्करायी कि चलो सुधाकर ने चुदायी शब्द का उच्चारण तो किया बच्चों के सामने।

मनीष: क्यूँ पापा आप जानते हो कि हम भी चुदायी कर चुके हैं इसलिए आपकी चुदायी देख भी सकते हैं।

राज: हाँ पापा दिखा ही दीजिए ना।

सुधाकर: अरे भाई तुम लोग अनिका की भी राय लो ना।

अनिका अपनी गीली होती हुई बुर को जाँघों के बीच दबा कर बोली: छी ये कैसे हो सकता है?

नमिता: अच्छा चलो एक काम करते हैं , तुम्हारे पापा ने एक विडीओ बनाया है ऑफ़िस की एक लड़की के साथ सेक्स करते हुए , वो मुझे दिखा चुके हैं , तुम लोग भी देख लो। ठीक है? इससे तुम सबको हमारी चुदायी का अंदाज़ा हो जाएगा।

सुधाकर: डार्लिंग मेरे पास हमारी चुदायी का भी एक विडीओ है, जो मैंने तुम्हें बिना बताए बनाया है , तुम चाहो तो वो भी मैं दिखा सकता हूँ।

राज और मनीष एक स्वर में चिल्लाए: हमें देखना है।

नमिता: मैं मान सकतीं हूँ पर अगर अनिका भी माने तो।

मनीष ने अनिक़ा को कहा: अरे वह भी देखेगी , क्यूँ देखोगी ना?

अनिका अपनी बुर को दबाकर बोली: मगर- मगर मुझे बहुत शर्म आएगी।

नमिता: आओ बेटी तुम मेरी गोद में बैठ कर देख लो। शर्माने की क्या ज़रूरत है।

अनिका शर्माते हुए उठी और नमिता की गोद में जा बैठी।

मनीष : चलिए ना पापा दिखायीये ना विडीओ।

सुधाकर खड़ा हुआ और उसके पजामे में खड़ा लौड़ा सबको साफ़ दिखायी दिया , उसने सीडी निकाली और प्लेअर में लगायी। अनिका का बदन तीन तीन तंबू के अहसास से गरम हुआ जा रहा था। अब तीनों मर्द सोफ़े पर बैठ गए और अनिका नमिता की गोद में बैठी थी।

सुधाकर ने रिमोट से वीडीयो चालू किया-------

विडीओ चालू हुआ और एकदम से शांति छा गयी। सुधाकर, मनीष और राज सोफ़े पर बैठे थे और उनके तंबू साफ़ दिख रहे थे। अनिका नमिता की गोद में बैठी थी और वह अनिका की बाहों को सहला रही थी। अनिक़ा की पैंटी गीली हो रही थी।

विडीओ में नमिता खड़ी होकर अपने रूप को शीशे में निहार रही थी, उसने टॉप और लेग्गिंग पहनी थी। तभी सुधाकर कमरे में आया बाथरूम से बाहर और वह एक टी शर्ट और तौलिए में था। उसने आकर नमिता को पीछे से पकड़ लिया और उसके कन्धों को सहलाने लगा। फिर वह उसके कन्धों को चूमने लगा। वह उसके बालों को सूंघ रहा था। वह बोला: बेबी क्या ख़ुशबू है तुम्हारी? मस्त मादक है।

नमिता: आपको तो मेरा सब कुछ मस्त लगता है।

सुधाकर: इसमें ग़लत क्या है? तुम हो ही मस्त माल।

नमिता: ओह तो अब मैं माल हो गयी।

सुधाकर: अरे तुमको देखते ही मैं मस्ती से भर जाता हूँ। और ये तुम्हारे गाल और होंठ तो बहुत ही सेक्सी है।

फिर वह उसे घुमाया और उसके गाल और होंठ चूसने लगा। और उसके हाथ उसके चूतरों पर घूमने लगा।

सुधाकर: नमिता , तुम्हारे चूतर कितने मस्त हैं। इनको दबाकर मस्ती आ जाती है। देखो मेरा खड़ा हो गया। ये कहते हुए उसने नमिता का हाथ अपने लौड़े पर रख दिया। नमिता भी उसको सहलाने लगी। उधर सुधाकर ने नमिता की चूची दबानी चालू की। सुधाकर ने नमिता को कहा: डार्लिंग , चलो ना कपड़े उतारो । बहुत इच्छा हो रही है चोदने की।

अनिक़ा हैरानी से विडीओ देख रही थी और उत्तेजित हुए जा रही थी। तभी विडीओ में नमिता ने अपना टॉप उतारा और ब्रा में से झाँकती उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ बहुत ही कामुक दिख रही थीं। सुधाकर उसकी चूचियाँ दबाने लगा और ब्रा के हुक भी खोल दिया। फिर वह नंगी चूचियाँ दबाकर मुँह में लेकर चूसने लगा। नमिता की आऽऽहहह निकल रही थी। फिर उसने नमिता की लेग्गिंग उतारी और नीचे बैठ कर उसकी पैंटी में मुँह डाल दिया और सूँघते हुए चाटने लगा। नमिता भी उसके मुँह को अपनी पैंटी के ऊपर दबाने लगी और आऽऽहहह करने लगी। उसके बड़े बड़े दूध बहुत ही सेक्सी दिख रहे थे।

नमिता धीरे से अनिका से बोली: कैसे हैं मेरे दूध ?

अनिका: मम्मी बहुत बड़े हैं। आज तो आपने पिलाया था ना म्म्म्म्म्म्म्म्म मस्त हैं।

तभी विडीओ में नमिता ने सुधाकर से कहा: आह्ह्ह्ह्ह चलो ना अपने कपड़े भी उतारो।

सुधाकर ने अपनी टी शर्ट और तौलिया उतार दी और चड्डी में उसका फूला हुआ लौड़ा बहुत ही मस्त लगा अनिक़ा को।

नमिता: बेटी देख कैसी फूली हुई है तेरे पापा की चड्डी। तभी विडीओ में नमिता ने उसकी चड्डी उतार दी और घुटनों के बल बैठ कर लौड़े को सहलाने लगी। फिर उसने उसके बड़े बड़े बॉल्ज़ को दबाया और बाद में उनको जीभ से चाटीं। फिर वह लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी और अनिक़ा की आँखें फैल गयी।

नमिता अनिक़ा के कान में बोली: देखो पापा का लौड़ा बहुत मस्त है ना? मुझे इसे चूसने में बहुत मज़ा आता है। तुम चूसोगी? देखो वो कैसे लौड़ा मसल रहे हैं? तुम पकड़ोगी? नमिता ने सोफ़े पर बैठे सुधाकर को दिखाकर कहा, जो अब खुले आम पजामा के अंदर हाथ डालकर अपना लौड़ा सहला रहा था।अनिका की आँखें कभी tv में नमिता पर पड़ती जो सुधाकर का लौड़ा चूसे जा रही थी और कभी यहाँ सोफ़े पर बैठे तीनों मर्दों पर पड़ती जो कि अपने लौड़े मसल रहे थे। वो बहुत उत्तेजित हो चुकी थी, उसका हाथ अपने आप पैंटी पर चला गया और वह पैंटी के ऊपर से अपनी बुर को दबाने लगी।

नमिता ने ये देखा और उसके हाथ को हटाकर अपना हाथ पैंटी पर रख दिया और उसकी बुर को दबाने लगी। अनिका आऽऽहहह कर उठी।

सब चौक कर अनिका की ओर देखे और नमिता को अनिका की बुर मसलते देखकर मस्ती से भर गए। तभी tv में सुधाकर ने नमिता को चौपाया बनाया और पीछे से उसकी बुर को चूमने लगा और जीभ से सहलाने लगा। फिर उसने दूध पकड़कर उसकी बुर में लौड़ा पेल कर वह उसकी घमासान चुदायी में जुट गया। tv से फ़च फ़च और थप्प ठप्प की आवाज़ें आ रही थीं। नमिता भी अनिका की बुर को पैंटी के ऊपर से सहलाने लगी। फिर उसने पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया। अब नमिता की उँगलियाँ उसकी बुर को छेड़कर अनिका को मदमस्त कर रही थी।

अचानक राज खड़ा हो गया सब उसे देखने लगे क्यूँकि उसका लोअर बुरी तरह सामने से फूला हुआ था। वह नमिता के पास पहुँचा और अपना लोअर और चड्डी एक झटके में नीचे किया और नमिता के मुँह के सामने अपना खड़ा मोटा और लम्बा लौड़ा लाकर रख दिया। अनिका की तो जैसे आँखें ही फैल गयी वो सोचने लगी कि इतना बड़ा आह्ह्ह्ह्ह ये तो पापा के लौड़े से भी बड़ा दिख रहा है। अब उसकी बुर में नमिता की उगलियाँ और ज़ोर से अपना काम कर रही थी। और सामने उसके मुँह के पास राज का लाल टोपी वाला लौड़ा साफ़ साफ़ दिख रहा था। उत्तेजना से वह भरी जा रही थी।

तभी नमिता ने राज को प्यार से देखा और कहा: क्या हुआ बेटा? सहन नहीं हो रहा क्या? आज तो तुम्हारा बहुत झटका मार रहा है। ये कहते हुए उसने लौड़े को पकड़कर सहलाने लगी। अब राज ने नमिता के मुँह में अपना लौड़ा डाल दिया। नमिता ने भी उसे अपने मुँह में के लिया और चूसने लगी। अब राज अपने चूतरों को आगे पीछे करके उसके मुँह को जैसे चोद रहा था। अनिका के मुँह के सामने यह सब हो रहा था और वह जैसे जड़वत हो गयी थी। मनीष और सुधाकर भी बहुत उत्तेजित हो गए थे और दोनों अपने लौड़े भी मसल रहे थे।

नमिता अब पूरी ताक़त से लौड़ा चूसे जा रही थी। उधर tv में नमिता को सुधाकर पूरी ताक़त से चोदे जा रहा था। नमिता की आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और जोओओओओओओओर से हाऽऽऽय्यय चोओओओओओओओदो मुझेएएएएएएएए। कमरा पूरी तरह वासना से भर गया था सब लोग वासना की आँधी में बहे जा रहे थे। अचानक राज नमिता की चूचियाँ टॉप के ऊपर से दबाने लगा और नमिता भी और मस्ती से लौड़ा चूसने लगी और अनिका की बुर में ऊँगली चलाने लगी। अब अनिका भी खुलकर आऽऽह्ह्ह्ह्ह्ह मम्मीइइइइइइइ करके झड़ने लगी। और तभी राज ने भी अपना रस नमिता के मुँह में छोड़ते हुए ज़ोर ज़ोर से ह्म्म्म्म्म्म्म्म आऽऽह्ह्ह्ह्ह माँआऽऽऽऽऽ मैं गयाआऽऽऽऽ चिल्ला कर उसके मुँह में रस छोड़ता चला गया। अनिका फटी हुई आँखों से ये सब देखे हाँ रही थी। तभी TV में भी नमिता और सुधाकर चिल्ला कर झड़ने लगे।पूरा कमरा बहुत गरम हो चुका था।

अनिका ने देखा कि नमिता अपने बेटे का पूरा वीर्य पीते ही जा रही है और आख़िर में उसके सुपाडे पर लगी बूँदें भी चाट ली थी। अब राज ने अपना लौड़ा नमिता के मुँह से बाहर किया और आऽऽहहहह माँ क्या चूसती हो, मज़ा आ गया कहकर अपना लोअर ऊपर किया और अनिका के गाल ने हाथ फेरकर बोला: मज़ा आया बेबी देखने में? चूसोगी तो और मज़ा मिलेगा।

अनिका हैरानी से राज को देखती ही रह गयी। अब वह नमिता की गोद से उतर कर उसके बग़ल में बिस्तर पर नमिता की तरह ही पैर नीचे लटका कर बैठ गयी। तभी मनीष और सुधाकर भी उठकर आए और दोनों ने बेशर्मी से अपने लोअर नीचे कर दिए। मनीष का मस्त कड़क लौड़ा नमिता के मुँह के आगे आ गया था । वह मुस्कुरा कर प्यार से हाथ में लेकर सहलायी और फिर उसको चूमने लगी। सुधाकर भी अपना मोटा लौड़ा अनिका की आँखों के सामने लाकर हिलाने लगा।
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Re: त्यागमयी माँ और उसका बेटा

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अनिका हैरानी से कभी पापा की आँखों को और कभी उस मस्त लौड़े को देख रही थी।
नमिता: बेटी क्या देख रही है , पकड़ ले और प्यार कर इस मस्त लौड़े को । यह कहते हुए उसने अनिका का हाथ पकड़कर सुधाकर के लौड़े पर रख दिया। अनिका अपनी ज़िंदगी में पहला लौड़ा पकड़ी थी और उसके गरम अहसास से बहुत ही उत्तेजित हो गयी। सुधाकर के सुपाडे के ऊपर एक बूँद प्रीकम चमक रही थी। नमिता ने मनीष के लौड़े को चूसते हुए उस बूँद को अपनी ऊँगली में लिया और अनिका के मुँह में अपनी गीली ऊँगली डाल दी।

अनिका इस स्वाद से बिलकुल अपरिचित थी, वह मस्त होती जा रही थी।

नमिता ने मनीष का लौड़ा मुँह से निकाला और बोली: बेटी ये वही लौड़ा है जिसने तुझे और मनीष को पैदा किया है। और ये एक बूँद उसी वीर्य की है जिसके कारण तुम दोनों का जन्म हुआ है। लो चूसो और अपने पापा को मस्त कर दो।

अनिक़ा थोड़ी सी असमंजस में थी तभी सुधाकर ने लौड़े के सुपाडे को उसके होंठों पर रगड़ने लगा। अनिक़ा का मुँह खुला और सुपाड़ा उसके मुँह के अंदर चला गया। उसने घबराकर अपना मुँह पीछे को किया और लौड़ा उसके मुँह से बाहर निकल गया। सुधाकर अब उसका सिर पकड़कर आगे को लाया और फिर से अपना लौड़ा उसके मुँह में डाल दिया। अब अनिका भी इसके बड़े लौड़े को अपने मुँह में पा कर चूसने लगी। वह नमिता की नक़ल करने लगी जो मनीष का लौड़ा चूसे जा रही थी। थोड़ी देर में ही अनिका भी अपने पापा का लौड़ा चूसने लगी।

अब मनीष भी अनिका को पापा का लौड़ा चूसते देखकर बहुत गरम हो गया और अपने हाथ बढ़कर अनिक़ा के संतरे पर रखा और उनको दबाने लगा ।

मनीष: आऽऽऽहहह मम्मी क्या मस्त संतरे हैं अनिका के। और वह ज़ोर से नमिता का मुँह चोदने लगा। तभी सुधाकर ने भी अनिका के दूसरे संतरे को पकड़ा और दबाने लगा। अब अनिक़ा की हालत ख़राब होने लगी। उसकी बुर में जैसे आग सी लग गई। वह गूँ गूँ करके चूसे जा रही थी और उत्तेजना से जैसे पागल सी हो रही थी। उसके दोनों दूध उसके पापा और भय्या के हाथ में थे और वह उनको दबाकर अनिका को जैसे वासना से सरोबार किए जा रहे थे।

नमिता के मुँह को चोदते हुए मनीष अब आऽऽऽह मम्मीइइइइइइ मैं गयाआऽऽऽऽऽऽऽऽ कहकर झड़ गया। नमिता उसका भी रस पीती चली गयी। सुधाकर भी उत्तेजित होकर अनिका के मुँह में झड़ने लगा। अनिका को जैसे उलटी सी आ गयी । उसे टेस्ट बड़ा अजीब सा लगा। उसके मुँह से पापा का वीर्य बाहर निकलने लगा।
नमिता ने एक तौलिए से अनिक़ा का मुँह पोंछा और प्यार से बोली: बेटी, शुरू शुरू में ये टेस्ट सबको अजीब लगता है मगर बाद में बहुत स्वाद लगता है। आज तुमने अपने पापा का लौड़ा चूसा और जल्दी ही वो तुम्हें चोदेंगे और बहुत मज़ा देंगे।

मनीष: मम्मी मुझे भी अनिका को चोदना है। अनिक़ा, चुदवाओगी ना मुझसे भी?

अनिका शर्मा कर कोई जवाब नहीं देती।

राज: माँ मैं भी अनिक़ा को चोद सकता हूँ क्या?

नमिता: देखो अब सब चुप रहो और अनिका को डराओ मत। इस बारे में बाद में बात करेंगे। ये कहते हुए अनिक़ा की पैंटी के अंदर हाथ डालके उसकी बुर को सबको दिखाकर रगड़ने लगी। अनिका भी अब थोड़ी बेशर्मी से अपनी बुर उछालके अपनी मस्ती दिखाने लगी। और अगले पाँच मिनट में ही हाऽऽऽऽयय्यय कहकर झड़ने लगी।
तीनों मर्द उसकी चिकनी बुर को देखे जा रहे थे जो पूरी गीली होकर चमक रही थी।

तीनों मर्द बड़े प्यासे होकर उसकी बुर को घूरे जा रहे थे और उनके लौड़े फिर से अकड़ने लगे थे। नमिता उनकी हालत देखकर मन ही मन मुस्करायी।

नमिता ने अनिका की पैंटी ऊपर करके उसकी बुर को ढका और तीनों मर्दों ने आह्ह्ह्ह्ह्ह भरी। अब नमिता अनिका को बोली: बेटी चलो बाथरूम चलते हैं । फिर वह सबको बोली: आप लोग बाहर जाओ हम भी बाहर आते हैं।

तीनों मर्द बाहर आ गए।

मनीष: पापा अनिका क्या मस्त माल है ना? मैं तो आज ही उसको चोदना चाहता हूँ।

राज: माँ कह रही थी कि पापा पहले उसकी सील खोलेंगे और बाद में वो हमको भी चोदने को मिलेगी।

मनीष प्रश्नसूचक नज़रों से सुधाकर को देखने लगा ।

सुधाकर अपने लौड़े को अजस्ट करते हुए बोला: हाँ नमिता से मेरी इस बारे में बात हुई है। वो बोली है कि अनिका की पहली चुदायी वह मुझसे ही करवाएगी।

तभी नमिता और अनिका कमरे में आए। नमिता ने अनिका से कहा: बेटी जाओ अपने पापा की गोद में बैठ जाओ।

इस बार अनिका बिना हिचकिचाहट के सुधाकर की गोद में बैठ गयी। वह बड़े प्यार से उसकी गदराइ हुई बाँह सहलाने लगा। अब उसने अपने पैर चौड़े किये जिससे उसकी जाँघों के बीच फ़ँसा हुआ आधा खड़ा लौड़ा बाहर को आकर अनिक़ा के चूतरों के नीचे दबकर इठलाकर और बड़ा होने लगा। अनिका भी अब पापा के लौंडे को अपने नीचे महसूस करके अपने निपल का कड़ापन अहसास करने लगी।

मनीष: मम्मी राज बोल रहा है कि अनिका से आपने बोला है कि पापा उसको सबसे पहले चोदेंगे? बाद में हमें मौक़ा मिलेगा।

नमिता मुस्कुराते हुए: हाँ पहले मैंने यही सोचा था पर आज तेरे पापा का लौड़ा अपनी बेटी के मुँह में जिस तरह से मोटा हुए जा रहा था सो मैंने सोचा है की क्योंकि तुम तीनों में तुम्हारा ही लौड़ा कम मोटा है इसलिए, मनीष बेटा तुम ही अनिका की सील खोलोगे, ताकि उसे कम से कम तकलीफ़ हो। एक बार उसकी बुर खुल गयी तो वह सुधाकर और राज के मोटे लौड़े भी निगल लेगी।

राज हैरानी से माँ को देख रहा था की वह चुदायी की बात ऐसे कर रही थी जैसे मौसम या शॉपिंग को डिस्कस कर रही हो। और वह भी भाई बहन और बाप बेटी की चुदायी की?

सुधाकर ने अनिक़ा के गाल चूमे और उसके मस्त संतरे को हल्के से दबाते हुए बोला: बेटी, ठीक है ना? जो तुम्हारी मम्मी कह रही है। सच में मेरा और राज का ज़रा ज़्यादा ही मोटा है, तुम्हें लेने में दर्द हो सकता है। मनीष का हमसे कम मोटा है, तुम्हें लेने में आसानी होगी।

अनिका ने शर्माकर सिर झुका लिया और मज़े से अपने पापा से संतरे दबवाती रही। अब सुधाकर भी अपने दूसरे हाथ से उसकी जाँघ सहलाने लगा।

मनीष: वाह अनिका मज़ा आजेयगा हम दोनों को। ठीक है ना?

अनिका धीरे से बोली: भय्या आप धीरे से करेंगे ना?

मनीष अपने लौड़े को दबाकर बोला: आह्ह्ह्ह्ह ये भी कोई पूछने की बात है। मैं अपनी गुड़िया सी बहना को तकलीफ़ थोड़े ही दूँगा।

नमिता : यही ठीक रहेगा।

राज: माँ हम लोग वापस कब जाएँगे अपने घर?

नमिता: आज रात को तो अनिका और मनीष की चुदायी करवानी है, इसलिए तुम ड्राइवर के साथ जाओ और अपने कल सुबह के कपड़े वग़ैरह ले आओ और मेरे भी कपड़े ले आना।

सुधाकर: अरे तुमको कपड़े की क्या ज़रूरत है मनीष की माँ के कपड़े पहन लेना। और फिर आँख मारते हुए बोला: चाहो तो बिना कपड़े के भी रह सकती हो, आख़िर घर वालों से क्या पर्दा?

नमिता हँसते हुए: ओह तो शादी के बाद आप लोग मुझे नंगी रखोगे क्या। यही प्लान है क्या?

मनीष: मम्मी प्लान नहीं है पर इच्छा तो है।

सुधाकर: क्यों भाई ये बेचारी अकेली ही नंगी रहेगी? और हम सब कपड़े पहनकर रहेंगे क्या?

मनीष: पापा हम सब भी नंगे ही रह सकते हैं। क्यूँ राज?

राज: हम तो नंगे रह लेंगे मगर अनिका का क्या होगा?

सुधाकर अब खुल कर अनिक़ा की जाँघों के बीच हाथ डाला और इन बातों से गरम हो चुकी अनिका ने अपनी जाँघें फैला दी। उसका हाथ अब पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को दबाने लगा। अनिका की आऽऽऽह निकल गयी।

उसकी बुर को दबाते हुए वह बोला: अनिक़ा भी नंगी रह लेगी जब उसकी हम सब लोग चुदायी कर लेंगे। तब उसकी भी शर्म ख़त्म हो जाएगी। है ना बेटी? ये कहते हुए उसने उसकी पैंटी के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी कोमल बुर के स्पर्श से आनंद और वासना से भर गया।

अनिका : आऽऽऽहहहह पापा ठीक है हाऽऽयय्यय। जैसे आप लोग बोलोगे मैं वैसा ही करूँगी उईइइइइइइइइ।

नमिता: आप उसको अब छोड़िए , वह पहले ही दो बार झड़ चुकी है। उसे रात के लिए अपना माल बचा के रखने दो।

सुधाकर ने हँसते हुए अपना हाथ बाहर निकाला और अपनी उँगलियों के गीलेपन को सबको दिखाया और बोला: सच में हमारी बेटी बहुत ही सेक्सी और हॉट है। देखो फिर गीली हो गयी। ये कहते हुए वह अपनी उँगलियाँ चाटने लगा।

कमरे में फिर से गरमी भरने लगी थी।

मनीष: चलो राज तुम्हारे घर चलते हैं और तुम्हारे स्कूल का समान ले आते हैं। फिर वह अनिका से पूछता है: तुम भी चलोगी? चलो कार में घूम आते हैं?

अनिका उठते हुए : ठीक है भय्या चलो। मम्मी मैं भी जाऊँ?

नमिता: जाओ पर , मनीष इसे वहाँ तंग तो नहीं करोगे ना? उसकी चुदायी यहाँ ही होगी, ठीक है ना?

मनीष: मम्मी आप भी ना , हम कोई चुदायी के लिए थोड़े वहाँ जा रहे हैं। आप विश्वास रखो हम इसे तंग नहीं करेंगे।

फिर वो तीनो बाहर आ जाते हैं। मनीष कार चलाता है और राज उसकी बग़ल में बैठा था और अनिका पीछे बैठ जाती है।

सुधाकर नमिता से बोलता है: ये तुमने क्या किया? क्या सच में वो मेरा लौड़ा नहीं ले सकती थी? तुमने तो उसकी सील अब मनीष से खुलवाने का सोच लिया।

नमिता: मैंने उसकी बुर में ऊँगली डाली थी सच में बिलकुल टाइट है अभी एकदम से आपका या राज का मोटा लौड़ा झेल नहीं पाएगी। मनीष से ही शुरू करने दो ना उसे।

सुधाकर : ठीक है जान जैसा तुम चाहो। पर ये तो बताओ क्या सच में हम सब नंगे हो कर घर में रह सकते हैं। बड़ी उत्तेजना होती है ये सोचकर।

नमिता: अरे बाद की सोचो, जब मनीष की शादी हो जाएगी तो उसकी बीवी को भी नंगी रखेंगे। क्या मज़ा आएगा आपको बीवी, बेटी और बहु सब नंगी होंगी आपके सामने।

सुधाकर अपना लौड़ा दबाकर मुस्कुराने लगा। फिर दोनों बच्चों के वापस आने का इंतज़ार करने लगे।

मनीष कार चलाते हुए शीशे में पीछे बैठी अनिका को देखा और बोला: अनिका, आज तुमको कई नए अनुभव हुए होंगे। कभी कोई बॉय फ़्रेंड बनाया है क्या?

अनिका: नहीं भय्या कभी नहीं बनाया।

राज: तब तो मैं और मनीष ही अब तुम्हारे बॉय फ़्रेंड होंगे।

मनीष: अच्छा तो है घर के लोग ही होंगे तो कोई तुम्हें बाहर वाले तंग भी नहीं करेंगे। आजकल तो कई बॉय फ़्रेंड लड़की की उल्ज़लुल तस्वीर खींच लेते हैं और ब्लैक्मेल करते हैं। तुम्हें ऐसा कोई ख़तरा तो नहीं होगा। ठीक है ना अनिता?
अनिता: जी भय्या आप ठीक ही बोल रहे हो। मेरी एक सहेली को एक लड़के ने इसी तरह से बहुत तंग किया था।

राज: क्या हुआ था तुम्हारी सहेली के साथ?

अनिका: मनीष भय्या जैसे बोले वैसे ही हुआ था उसके साथ। उस लड़के ने बाद में अपने सभी दोस्तों से उसे कर--- मतलब - याने कि उसको ख़राब किया था।

मनीष: ओह मतलब उसने तुम्हारी सहेली तो अपने सभी दोस्तों से चुदावाया था? यही कहना चाहती हो ना?

अनिका झेंपते हुए: जी भय्या।

राज: अरे अनिका चुदाई को चुदाई बोलने में कोई ख़राबी नहीं है बहना। करवाना या लगवाना या और कोई शब्द सही नहीं है । सही शब्द तो चुदायी ही है। क्यों मनीष?

मनीष: बिलकुल सही । अनिका, इन शब्दों जैसे लौड़ा, बुर ,गाँड़ या चुदायी को जितनी जल्दी बोलने लगोगी उतना ही ज़्यादा मज़ा लोगी। ठीक है मेरी गुड़िया बहना?

अनिका की बुर में फिर से चींटी चलने लगी, वह बोली: जी भय्या जल्दी ही सीख लूँगी।

मनीष मुस्कुराते हुए बोला: बढ़िया । तभी राज का घर आ गया और तीनों अंदर पहुँचे। मनीष तो पहले कई बार यहाँ आ चुका था नमिता को चोदने के लिए। पर अनिक़ा पहली बार आयी थी। वह समझ गयी कि ये लोग आम आदमी हैं और उसके जैसे रइस नहीं हैं।

राज अपना सामान लेने अपने कमरे में गया। तब मनीष अनिका के पास आकर उसके कंधे पर हाथ रख कर बोला: आज हम बहुत प्यार करेंगे। सच में तुम कितनी सुंदर हो। ये कहते हुए उसने अनिका को अपनी बाँह में भर लिया और उसके गाल और होंठ चूमने लगा। अनिका इस अचानक हमले से हड़बड़ा गयी पर जल्दी ही उसे मज़ा आने लगा। वह भी चुम्बन का जवाब चुम्बन से देनी लगी। मनीष उसके कंधों और गरदन के हिस्से के चूमे जा रहा था और साथ ही अब वह उसके संतरे भी दबाने लगा था।
अनिका मस्ती से आऽऽऽहहह कर उठी और तभी राज अंदर आया। अनिका अलग होने की कोशिश की तो मनीष बोला: अरे अनिका , राज से कैसी शर्म? यह तो अपना ही भाई है। इसे भी मज़े लेने दो ना।
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