कमीना compleet

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rajaarkey
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Re: कमीना

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कमीना--20

गतान्क से आगे.............................
तीनो आमने सामने बैठ कर कॉफी पीते हुए अपनी नज़रो से एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन उनके दिमाग़ मे बस चुदाई
की ही बाते चल रही थी और तीनो की सोच उनकी नज़रो से बया भी हो रही थी बस उनकी नज़रो को पहचानने वाला चाहिए था,

रवि अपनी कमिनि नज़रे अपनी भाभी पर चला रहा था और पायल रवि को आँखे निकाल कर उसे ऐसी हरकत ना कहने के लिए मना कर रही थी, रवि जब पायल को मुस्कुरा कर आँख मार देता है तो निशा एक दम से रवि की नज़रो को देख लेती है लेकिन ऐसा शो करती है जैसे उसने कुछ ध्यान नही दिया हो, निशा अपने मन मे इस कमिने की हर्कतो से तो लगता है कि यह अपनी बहन को भी नही चोदता होगा, कही पायल अपने भाई से तो नही फसि है, नही-नही ऐसा कैसे हो सकता है, मुझे यह सब नही सोचना चाहिए,
तभी पायल उठ कर रवि की ओर मुस्कुरा कर देखती हुई अपने रूम मे जाने लगती है,
निशा- अरे पायल बैठ ना कहाँ जा रही है
पायल- अभी आई भाभी अपने कपड़े चेंज करके
निशा- ओके
पायल के जाने के बाद निशा अपनी नज़रे रवि की ओर करती है और रवि को मुस्कुराता हुआ अपनी ओर ही देखता पाती है
निशा- क्यो रवि क्या बात है तुम्हारे चेहरे पर हर समय मुस्कान रहती है
रवि- क्या करू भाभी जब से आप इस घर मे आई हो मेरी खुशी का ठिकाना ही नही है
निशा- क्यो क्या मे इतनी अच्छी हू
रवि- आपकी तारीफ के लिए मेरे पास शब्द नही है
निशा- और क्या पायल तुझे अच्छी नही लगती है
रवि- मुस्कुराते हुए नही भाभी ऐसी बात नही है दीदी भी अच्छी लगती है लेकिन आपकी तो बात ही कुछ और है और निशा के गदराए मोटे-मोटे चुचो को देखने लगता है निशा अपने पल्लू को अपनी छाती मे ठीक से रखते हुए झल्ला कर
निशा- रवि ऐसे घूर कर क्यो देखा करता है क्या खा जाएगा
रवि- मुस्कुरा कर उसके रसीले होंठो को देखता हुआ अरे भाभी आप भी कैसी बाते करती है आप क्या खाने की चीज़ है
आप तो पीने.....
निशा- अपनी आँखो को निकाल कर उसको घूर कर गुस्से से देखती हुई, क्या बोला
रवि- मुस्कुरा कर कुछ नही भाभी
निशा- मे जानती हू तू क्या कहना चाहता है
रवि- मुस्कुराते हुए, क्या
निशा- रवि तू क्या सोचता है कि मे कोई ऐसी वैसी औरत हू
रवि- निशा के सीरीयस चेहरे को देख कर सीरीयस होता हुआ, भाभी मेने ऐसा कब कहा कि आप ऐसी वैसी औरत है
निशा- तो फिर तू मेरे साथ इस तरह क्यो पेश आता है
रवि- देखो भाभी मे तो आप से थोड़ी मज़ाक कर लेता हू यदि आपको मेरी किसी बात का बुरा लगता है तो मुझे आप साफ-साफ कह दिया करो तो मे आगे से ऐसी हरकत नही किया करूँगा
निशा- ठीक है तो फिर आगे से मेरे.... और फिर कुछ कहती हुई चुप हो जाती है और अपनी नज़रे इधर उधर करने लगती है
रवि- आगे से क्या भाभी
निशा- उसको घूर कर देखती हुई कुछ नही
रवि- नही भाभी कुछ तो है जो तुम्हे पसंद नही है मुझे खुल कर बता दो मे आगे से वह हरकत नही करूँगा जो
आपको पसंद ना हो
निशा- उसको गौर से देखती हुई, थोड़ा मुस्कुरा कर रवि तू बहुत बड़ा कमीना है,
रवि- अपनी भाभी की बात सुन कर मुस्कुराता हुआ, वाह भाभी क्या खूब पहचाना है आपने अपने देवेर को
निशा- मुस्कुराते हुए बेटा मे तुझे आज नही उसी दिन पहचान गई थी जिस दिन तूने मुझे पहली बार अपनी इन कामिनी नज़रो से देखा था
रवि- मुस्कुराते हुए, भाभी मुझ मे यह विशेषता है कि कोई भी औरत मुझसे ज़्यादा समय तक नाराज़ नही रह पाती
है, अब अपने आप को ही देख लो मुझसे बाते करते हुए कितना खुस नज़र आ रही हो जबकि थोड़ी देर पहले आप मुझसे कितना नाराज़ हो रही थी,
निशा- उसकी बात सुन कर मुस्कुराते हुए वेरी स्मार्ट
रवि- अरे भाभी यह तो कुछ भी नही है जब आप मुझसे बिल्कुल फ्रॅंक हो जाओगी तब देखना आप मुझसे कितना खुस रहने
लगोगी और तो और आपका मन करेगा कि आप दिन भर मेरे पास ही रहो और मुझसे बाते करती रहो,

तभी अंदर से पायल की आवाज़ आती है रवि ज़रा यहाँ आना
निशा- मुस्कुराते हुए हाँ तू सच कहता है तभी तो पायल भी तेरे बिना ज़्यादा देर तक नही रह पाती है
रवि- निशा की बात को समझ कर मुस्कुराता हुआ, भाभी थोड़ा सा आप भी ट्राई करोगी तो आप भी मुझे हर पल अपने पास ही रखना चाहोगी बस थोड़ा सा मेरे बारे मे अपनी राय बदल लो फिर देखना आप मुझसे कितना खुस रहोगी, समझी, और फिर निशा के सामने ही उसको आँख मार कर मुस्कुराते हुए अपनी दीदी के रूम की ओर बढ़ जाता है और निशा उसको अपना मुँह फाडे देखती रह जाती है और फिर कुछ देर बाद थोड़ा सा मुस्कुरा कर कमीना कही का कह कर टीवी ऑन कर लेती है.
रवि पायल को पीछे से जाकर उसके गदराए मोटे-मोटे दूध को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ हे दीदी कब से
तुम्हे छुआ नही था, कितना तड़प रहा हू मे तुम्हारे बिना, ना जाने यह रात कब होगी,
पायल- उसको दूर धकेल्टी हुई, क्यो रे तू अपनी हरकत से बाज नही आएगा, इतनी जल्दी गरम-गरम खाने की कोशिश मत कर अपना हाथ और मुँह दोनो जला लेगा
रवि- पायल को वापस से पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए दीदी तुम फिकर क्यो करती हो तुम्हारा भाई हर औरत की
कमज़ोरी को जल्दी ही पकड़ लेता है, अब भाभी की बात छोड़ो और अपने इन मस्ताने दूध को पिलाने की बात करो और पायल के दूध को अपने हाथो से कस-कस कर मसल्ने लगता है,
पायल- आह थोड़ा धीरे दबा रवि तू तो एक दम जान निकालने पर उतारू हो जाता है
रवि- उसके दूध को कस कर दबाते हुए, हे दीदी मे क्या करू तुम्हारे ये मस्ताने दूध है ही इतने कठोर कि जब मे
इन्हे दबाता हू तो यह खुद मुझसे कहने लगते है कि बेटा रवि थोड़ा ज़ोर लगा कर दबाना तभी तो तेरी प्यारी दीदी की चूत
मे पानी आएगा,
पायल- आह तू बहुत कमीना है तुझे औरतो के हर सुख की नब्ज़ का अंदाज़ा रहता है, तभी तो औरते जल्दी ही तुझे अपनी चूत दे देती है,
रवि- अपनी दीदी की चूत को अपने हाथो मे भर कर दबोचता हुआ, दीदी तुम्हारी इस फूली हुई चूत की तो बात ही अलग है
पायल- चल झूठा कही का तेरे मन मे तो ना जाने किस-किस की चूत बसी हुई है अपनी दीदी को तो तू टाइम पास समझने लगा है
रवि- नही दीदी सच मुच तुम्हारी चूत के मुक़ाबले किसी की चूत नही है,
पायल- मुस्कुरा कर अच्छा, तो मुझे यह बता कि तुझे सोनिया को चोदने मे ज़्यादा मज़ा आया था या मुझे
रवि- सच कहु दीदी जितना मज़ा तुम्हारी मस्तानी चूत को फाड़ने मे आया था ना उतना मज़ा शायद ही किसी को चोदने मे
आएगा, तुम तो उपर से लेकर इतनी सेक्सी और खूबसूरत हो की मे तुम्हे चोदे बिना अब जी ही नही सकता हू, और पायल के रसीले होंठो को अपने मुँह मे भर कर उसके मोटे-मोटे चुतडो को अपने हाथो मे कस कर खूब ज़ोर-ज़ोर से दबोचने
लगता है, पायल उसके लंड को उसकी पेंट के उपर से दबाते हुए,
पायल- अपनी दीदी को चोदने के लिए तेरा यह मोटा डंडा कितना जल्दी खड़ा हो जाता है
रवि- पायल की चूत को अपने हाथो से दबोचते हुए, दीदी तुम्हारी चूत भी तो अपने भाई के मोटे डंडे को खाने के लिए
कितनी जल्दी फूल जाती है,
पायल- रवि क्या कर रहा है अभी चोद देगा क्या अपनी दीदी को
रवि- हाँ दीदी मे तो कब से तुम्हे चोदने के लिए तड़प रहा हू
पायल- पगले अभी मुझे छोड़ कही भाभी ना देख ले, यह सब रात को करेगे
रवि- पायल के होंठो को चूमता हुआ, ठीक है दीदी जैसा तुम कहो और फिर रवि बाहर आ जाता है, जब रवि बाहर आता है
तो निशा उसके चेहरे को गौर से देखती है और रवि उसको देख कर मुस्कुराता हुआ उसके सामने आकर बैठ जाता है
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रवि- क्या देख रही हो भाभी
निशा- मुस्कुराते हुए देख रही हू कि अपनी दीदी की एक आवाज़ मे कैसा भागा-भागा जाता है
रवि- मुस्कुराते हुए, कभी आप भी आवाज़ देकर देखो आपके लिए तो इससे भी तेज दौड़ कर आ जाउन्गा
निशा- मुझे तो तेरी किसी भी हेल्प की ज़रूरत ही नही है
रवि- अपना कोई काम करवा कर तो देखो भाभी फिर आपको हमेशा मेरी ही हेल्प की ज़रूरत पड़ेगी
निशा- क्यो तू इतना एक्सपर्ट है क्या
रवि- मुस्कुराता हुआ भैया से भी ज़्यादा एक्सपर्ट हू मे कभी आजमा कर देखो आप भी याद करोगी
निशा- अच्छा इतना विश्वास है अपने आप पर
रवि- अपने आप पर नही अपने काम करने के तरीके पर
निशा- मुस्कुराते हुए ऐसा क्या तरीका यूज़ करता है तू
रवि- भाभी वह तो मे कर के ही दिखा सकता हू कभी मोका दो तो बताउन्गा
निशा- मुस्कुराते हुए सोचूँगी
रवि- अरे भाभी इसमे सोचना क्या, बस एक बार इशारा करो बंदा हाजिर हो जाएगा
निशा- और अगर तेरे भैया ने कहा कि रवि से कोई भी काम क्यो करवाती हो तो फिर
रवि- अरे भाभी भैया को बताने की ज़रूरत ही क्या है
निशा- और अगर उन्हे फिर भी पता चल गया तो
रवि- भाभी आप इतनी तो समझदार है ही कि भैया को क्या पता लगना चाहिए और क्या नही यह तय कर ले
निशा- मुस्कुरा कर तुझे मेरी हेल्प करने मे बड़ी दिलचस्पी है
रवि- अपने मन मे भाभी तुम्हारे जैसा गदराया माल जब सामने हो तो किसकी दिलचस्पी नही होगी तुम्हे चोदने मे,
रवि- क्या करू भाभी मुझे अपने घर की औरतो की हेल्प करने मे बड़ा मज़ा आता है
निशा- अपनी दीदी की भी हेल्प करता है क्या
रवि- मुस्कुरा कर आपको क्या लगता है
निशा- अपने मन मे सोचती हुई मुझे तो लगता है कमिने तू अपनी दीदी को ज़रूर चोदता होगा, तेरे होंठो पर लगी लिपस्टिक
इस बात का सबूत है, पायल दिखने मे तो बड़ी भोली बनती है पर मुझे अब यकीन हो गया है कि तू ज़रूर उसे चोदता है और वह भी खूब कस कर तुझसे अपनी चूत मरवाती है,
रवि- क्या हुआ भाभी क्या सोचने लगी
निशा- कुछ नही मे तो यह सोच रही थी कि पायल क्या तेरी हेल्प लेने को तैयार हो जाती होगी
रवि- क्यो क्या बुराई है मुझमे
निशा- वही तो मे सोच रही हू
रवि- भाभी अब ज़्यादा सोचो मत जल्दी से कोई फ़ैसला लो
निशा- क्यो तुझे बड़ी जल्दी है मेरी हेल्प करने की मुझे तो अभी तेरी हेल्प की ज़रूरत नही है हाँ पायल को ज़रूर तेरी हेल्प की ज़रूरत पड़ती होगी

रवि- निशा की गदराई जवानी को उपर से नीचे तक खा जाने वाली नज़रो से देखता हुआ, भाभी आपको देख कर तो ऐसा लगताहै कि आप को बहुत ज़्यादा मेरी हेल्प की ज़रूरत है
निशा- रवि की बात सुन कर उसकी आँखो मे घुरती हुई मुझे तेरी हेल्प की अभी कोई ज़रूरत नही है
रवि- निशा के मोटे-मोटे दूध को देखता हुआ लगता है भाभी आप मेरी हेल्प लेने मे डर रही है
निशा- भला मे क्यो डरने लगी तुझसे
रवि- नही भाभी आप ज़रूर डर रही है नही तो आपका अंदाज तो यही साबित करता है कि आप भी मेरी हेल्प लेने के लिए मरी जा रही है
निशा- तुझे क्या मालूम मे मरी जा रही हू या नही
रवि- अगर आप मरी नही जा रही है तो फिर मे आपको इतना अच्छा क्यो लगता हू
निशा- उसको घूर कर देखती हुई किसने कहा कि तू मुझे अच्छा लगता है
रवि- दीदी ही कह रही थी
निशा- आश्चर्या से रवि को देखती हुई क्या कह रही थी पायल
रवि- यही कि रवि बहुत ही अच्छा लड़का है अपने भैया से बिल्कुल अलग है और मे ऐसा ही देवेर चाहती थी जो दिन भर
मेरा ख्याल रखे
निशा- मेने ऐसा कब कहा पायल से
रवि- अच्छा तो क्या मे झूठ बोल रहा हू, अभी मे दीदी को बुला कर पुछवा देता हू कि उसने ऐसा कहा था कि नही मुझसे
निशा- नही-नही रहने दे हो सकता है मेने कहा हो, मुझे ठीक से याद नही है
रवि- मुस्कराता हुआ, तो अब सच-सच बताओ मे आपको अच्छा लगता हू ना
निशा- रवि की बात सुन कर मुस्कुराते हुए अपने मुँह से ही अपनी तारीफ करवा रहा है मुझसे
रवि- प्लीज़ भाभी एक बार तो बता दो
निशा- मुस्कुरा कर क्या बता दू
रवि -यही कि आप मेरे बारे मे क्या सोचती हो
निशा- मुस्कुरा कर "तू बहुत बड़ा कमीना है"
रवि -मुस्कुराते हुए तो फिर भाभी अब ये भी बता दो कि इस कामीने को कब मोका दोगि अपनी हेल्प करने का मे बहुत तड़प रहा हू आपके लिए, मेरा मतलब है आपकी हेल्प के लिए
निशा- मुस्कुरा कर रवि तू ऐसा सोच भी कैसे लेता है कि मे तुझसे....
रवि- भाभी मे तो आपके लिए बहुत कुछ सोचता हू
निशा- उसको देखती हुई क्या सोचता है
रवि- मुस्कुरा कर उसके सामने ही उसके मोटे-मोटे दूध को खा जाने वाली नज़रो से घूरता हुआ, बता दू
निशा- अपनी नज़रे चुराते हुए, क्या
रवि- यही कि मे आपके बारे मे क्या सोचता हू
निशा- उसको घूर कर देखती हुई, नही कोई ज़रूरत नही है, मे सब जानती हू तू क्या सोचता है
रवि- मुस्कुराते हुए तो फिर आप ही बता दो मे क्या सोचता हू
निशा- मुझे नही मालूम
रवि- मुस्कुराता हुआ, ठीक है भाभी आप तो मुझे कुछ नही बताओगि पर मे भी सब जानता हू कि आप मेरे लिए क्या सोचती है, और मे यह भी जानता हू कि आप मेरे रूम के दरवाजे पर खड़ी -खड़ी क्या देख रही थी
निशा- उसकी बात सुन कर एक दम से सकपका जाती है और क्या-क्या देख रही थी मे, मेने कब देखा, मे थोड़े ही वहाँ थी
रवि- भाभी आप कितना ही छुपा लो मेने तो आपकी उस बात को दीदी को भी बता दिया है

निशा- एक दम घबराकर क्या बता दिया है तूने पायल से
रवि- अपनी भाभी का घबराया हुआ चेहरा देख कर अरे भाभी इतना घबरा क्यो रही हो मे तो मज़ाक कर रहा हू, मेने
दीदी को कुछ नही बताया है कि आप उस वक़्त क्या देख रही थी छुप कर
रविकी बात सुन कर निशा कुछ शर्मा जाती है और अपनी गर्दन नीचे करती हुई अपनी नज़रे झुका लेती है
रवि बैठा-बैठा निशा को देखता रहता है और फिर निशा जब अपनी नज़रे उठा कर रवि को देखती है तो रवि एक दम से
निशा को आँख मार देता है और निशा शर्म से पानी-पानी हो जाती है, रवि उठ कर निशा के पास जाकर बैठ जाता है और
निशा अपनी नज़रे ज़मीन से गढ़ाए रहती है
रवि- भाभी, और निशा अपनी नज़रे उठा कर रवि को देखती है उसका चेहरा ऐसा दिखाई दे रहा था जैसे उसको किसी ने रंगे
हाथो चोरी करते हुए पकड़ लिया था,
रवि- निशा की आँखो मे देखते हुए, भाभी आप बहुत खूबसूरत हो, निशा उसकी बात सुन कर अपनी नज़रे नीचे करती है
तो रवि उसकी थोड़ी को अपने हाथो से पकड़ कर उसके चेहरे को उपर उठता है और भाभी आइ लव यू
रवि की बात सुन कर निशा उठ कर जाने लगती है तो रवि उसका हाथ पकड़ लेता है और
रवि- भाभी कहाँ जा रही हो
निशा- अपने हाथ को छुड़ाने की कोशिश करती हुई मुझे जाने दे रवि
रवि- खड़ा होकर निशा के हाथो को कस कर पकड़ता हुआ उसकी मोटी गान्ड से अपने लंड को सताता हुआ, भाभी फिर मुझसे कब अपनी हेल्प कर्वओगि
निशा- अपने हाथ को छुड़ा कर उसको सोफे पर धकेल्टी हुई मुस्कुरा कर कभी नही और अपने मोटे-मोटे चुतडो को
मतकती हुई पायल के रूम की ओर जाने लगती है,
रवि- पीछे से आवाज़ लगता हुआ, भाभी अगर आपने मुझसे हेल्प नही करवाई तो मे आप वाली बात दीदी को बता दूँगा
निशा रवि को कुछ कहती उससे पहले ही पायल रूम से बाहर आती हुई
पायल- क्या बता देगा रवि
पायल की बात सुन कर निशा के होश उड़ जाते है और वह रवि को ना मे गर्दन हिलाते हुए उसे इशारे से चुप रहने को
कहती है
रवि- निशा को मुस्कुराते हुए देख कर कुछ नही दीदी मे तुम्हे बाद मे बताउन्गा
पायल- क्या बात है अभी बता ना
रवि- नही दीदी अभी नही पहले भाभी से तो पूछ लू कि मे तुम्हे बताऊ कि नही
पायल- ओफ्फ हो पहेलिया क्यो बुझा रहा है बताना है तो बता नही तो मत बता और भाभी के पास आकर भाभी आप ही
बताओ क्या बात है
निशा- घबराते हुए कुछ नही, रवि तो मज़ाक कर रहा है, और रवि को घूर कर देखती हुई , है ना रवि
रवि- भाभी पहले बोलो हेल्प का जवाब यस है या नो
निशा- उसको घूर कर देखती हुई हाँ, हाँ यस है अब तो खुस
रवि- अरे दीदी मे तो मज़ाक कर रहा था दरअसल मेने भाभी से एक पहेली पूछी थी और भाभी उसका जवाब नही दे पाई
और शर्त के मुताबिक मे अब जो भी भाभी से मागुंगा भाभी को मुझे देना पड़ेगा
क्रमशः.........................

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KAMINA--20

gataank se aage.............................
teeno aamne samne baith kar coffee pite hue apni najro se ek dusre ko dekh rahe the lekin unke dimag me bas chudai
ki hi baate chal rahi thi aur teeno ki soch unki najro se baya bhi ho rahi thi bas unki najro ko pahchanne wala chahiye tha,

ravi apni kamini najre apni bhabhi par chala raha tha aur payal ravi ko aankhe nikal kar use aisi harkat na kahne ke liye
mana kar rahi thi, ravi jab payal ko muskura kar aankh mar deta hai to nisha ek dam se ravi ki najro ko dekh leti hai
lekin aisa show karti hai jaise usne kuch dhyan nahi diya ho, nisha apne man me is kamine ki harkato se to lagta hai ki
yah apni bahan ko bhi nahi chodata hoga, kahi payal apne bhai se to nahi phasi hai, nahi-nahi aisa kaise ho sakta hai,
mujhe yah sab nahi sochna chahiye,
tabhi payal uth kar ravi ki aur muskura kar dekhti hui apne room me jane lagti hai,
nisha- are payal baith na kaha ja rahi hai
payal- abhi aai bhabhi apne kapde change karke
nisha- ok
payal ke jane ke bad nisha apni najre ravi ki aur karti hai aur ravi ko muskurata hua apni aur hi dekhta pati hai
nisha- kyo ravi kya bat hai tumhare chehre par har samay muskan rahti hai
ravi- kya karu bhabhi jab se aap is ghar me aai ho meri khushi ka thikana hi nahi hai
nisha- kyo kya me itni achchi hu
ravi- aapki tarif ke liye mere pas shabd nahi hai
nisha- aur kya payal tujhe achchi nahi lagti hai
ravi- muskuraate hue nahi bhabhi aisi bat nahi hai didi bhi achchi lagti hai lekin aapki to bat hi kuch aur hai aur nisha ke
gadaraaye mote-mote chucho ko dekhne lagta hai nisha apne pallu ko apni chati me thik se rakhte hue jhalla kar
nisha- ravi aise ghur kar kyo dekha karta hai kya kha jayega
ravi- muskura kar uske rasile hontho ko dekhta hua are bhabhi aap bhi kaisi baate karti hai aap kya khane ki cheej hai
aap to pine.....
nisha- apni aankho ko nikal kar usko ghur kar gusse se dekhti hui, kya bola
ravi- muskura kar kuch nahi bhabhi
nisha- me janti hu tu kya kahna chahta hai
ravi- muskuraate hue, kya
nisha- ravi tu kya sochta hai ki me koi aisi vaisi aurat hu
ravi- nisha ke serious chehre ko dekh kar serious hota hua, bhabhi mene aisa kab kaha ki aap aisi vaisi aurat hai
nisha- to phir tu mere sath is tarah kyo pesh aata hai
ravi- dekho bhabhi me to aap se thodi majak kar leta hu yadi aapko meri kisi bat ka bura lagta hai to mujhe aap saf-saf
kah diya karo to me aage se aisi harkat nahi kiya karunga
nisha- thik hai to phir aage se mere.... aur phir kuch kahti hui chup ho jati hai aur apni najre idhar udhar karne lagti hai
ravi- aage se kya bhabhi
nisha- usko ghur kar dekhti hui kuch nahi
ravi- nahi bhabhi kuch to hai jo tumhe pasand nahi hai mujhe khul kar bata do me aage se vah harkat nahi karunga jo
aapko pasand na ho
nisha- usko gaur se dkehti hui, thoda muskura kar ravi tu bahut bada kamina hai,
ravi- apni bhabhi ki bat sun kar muskurata hua, wah bhabhi kya khub pahchana hai aapne apne dever ko
nisha- muskuraate hue beta me tujhe aaj nahi usi din pahchan gai thi jis din tune mujhe pahli bar apni in kamini najro
se dekha tha
ravi- muskuraate hue, bhabhi mujh me yah visheshta hai ki koi bhi aurat mujhse jyada samay tak naraj nahi rah pati
hai, ab apne aap ko hi dekh lo mujhse baate karte hue kitna khus najar aa rahi ho jabki thodi der pahle aap mujhse kitna
naraj ho rahi thi,
nisha- uski bat sun kar muskuraate hue very smart
ravi- are bhabhi yah to kuch bhi nahi hai jab aap mujhse bilkul frank ho jaaogi tab dekhna aap mujhse kitna khus rahne
lagogi aur to aur aapka man karega ki aap din bhar mere pas hi raho aur mujhse baate karti raho,

tabhi andar se payal ki aawaj aati hai ravi jara yaha aana
nisha- muskuraate hue ha tu sach kahta hai tabhi to payal bhi tere bina jyada der tak nahi rah pati hai
ravi- nisha ki bat ko samajh kar muskurata hua, bhabhi thoda sa aap bhi tray karogi to aap bhi mujhe har pal apne pas hi
rakhna chahogi bas thoda sa mere bare me apni ray badaal lo phir dekhna aap mujhse kitna khus rahogi, samjhi, aur phir
nisha ke samne hi usko aankh mar kar muskuraate hue apni didi ke room ki aur badh jata hai aur nisha usko apna munh
phade dekhti rah jati hai aur phir kuch der bad thoda sa muskura kar kamina kahi ka kah kar tv on kar leti hai.
ravi nisha ko piche se jakar uske gadaraaye mote-mote doodh ko apne hatho me bhar kar dabochta hua hay didi kab se
tumhe chua nahi tha, kitna tadap raha hu me tumhare bina, na jane yah rat kab hogi,
payal- usko dur dhakelti hui, kyo re tu apni harkat se baj nahi aayega, itni jaldi garam-garam khane ki koshish mat kar
apna hath aur munh dono jala lega
ravi- payal ko vapas se pakad kar apni banho me bharte hue didi tum phikar kyo karti ho tumhara bhai har aurat ki
kamjori ko jaldi hi pakad leta hai, ab bhabhi ki bat chodo aur apne in mastane doodh ko pilane ki bat karo aur payal ke
doodh ko pane hatho se kas-kas kar masalne lagta hai,
payal- aah thoda dhire daba ravi tu to ek dam jan nikalne par utaru ho jata hai
ravi- uske doodh ko kas kar dabaate hue, hay didi me kya karu tumhare ye mastane doodh hai hi itne kathor ki jab me
inhe dabata hu to yah khud mujhse kahne lagte hai ki beta ravi thoda jor laga kar dabana tabhi to teri pyari didi ki chut
me pani aayega,
payal- aah tu bahut kamina hai tujhe aurto ke har sukh ki nabj ka andaja rahta hai, tabhi to aurte jaldi hi tujhe apni chut
de deti hai,
ravi- apni didi ki chut ko apne haatho me bhar kar dabochta hua, didi tumhari is phuli hui chut ki to bat hi alag hai
payal- chal jhutha kahi ka tere man me to na jane kis-kis ki chut basi hui hai apni didi ko to tu time pass samajhne laga
hai
ravi- nahi didi sach much tumhari chut ke mukable kisi ki chut nahi hai,
payal- muskura kar achcha, to mujhe yah bata ki tujhe soniya ko chodane me jyada maza aaya tha ya mujhe
ravi- sach kahu didi jitna maza tumhari mastani chut ko phadne me aaya tha na utna maza shayad hi kisi ko chodane me
aayega, tum to upar se lekar itni sexy aur khubsurat ho ki me tumhe chode bina ab jee hi nahi sakta hu, aur payal ke
rasile hontho ko apne munh me bhar kar uske mote-mote chutaDo ko apne haatho me kas kar khub jor-jor se dabochne
lagta hai, payal uske lund ko uski pent ke upar se dabaate hue,
payal- apni didi ko chodane ke liye tera yah mota danda kitna jaldi khada ho jata hai
ravi- payal ki chut ko apne haatho se dabochte hue, didi tumhari chut bhi to apne bhai ke mote dande ko khane ke liye
kitni jaldi phul jati hai,
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payal- ravi kya kar raha hai abhi chod dega kya apni didi ko
ravi- ha didi me to kab se tumhe chodane ke liye tadap raha hu
payal- pagle abhi mujhe chod kahi bhabhi na dekh le, yah sab rat ko karege
ravi- payal ke hontho ko chumta hua, thik hai didi jaisa tum kaho aur phir ravi bahar aa jata hai, jab ravi bahar aata hai
to nisha uske chehre ko gaur se dekhti hai aur ravi usko dekh kar muskurata hua uske samne aakar baith jata hai

ravi- kya dekh rahi ho bhabhi
nisha- muskuraate hue dekh rahi hu ki apni didi ki ek aawaj me kaisa bhaga-bhaga jata hai
ravi- muskuraate hue, kabhi aap bhi aawaj dekar dekho aapke liye to isse bhi tej dod kar aa jauga
nisha- mujhe to teri kisi bhi help ki jarurat hi nahi hai
ravi- apna koi kam karwa kar to dekho bhabhi phir aapko hamesha meri hi help ki jarurat padegi
nisha- kyo tu itna expert hai kya
ravi- muskurata hua bhaiya se bhi jyada expert hu me kabhi aajma kar dekho aap bhi yaad karogi
nisha- achcha itna vishwas hai apne aap par
ravi- apne aap par nahi apne kam karne ke tarike par
nisha- muskuraate hue aisa kya tarika use karta hai tu
ravi- bhabhi vah to me kar ke hi dikha sakta hu kabhi moka do to bata
nisha- muskuraate hue sochungi
ravi- are bhabhi isme sochna kya, bas ek bar ishara karo banda hajir ho jayega
nisha- aur agar tere bhaiya ne kaha ki ravi se koi bhi kam kyo karwati ho to phir
ravi- are bhabhi bhaiya ko batane ki jarurat hi kya hai
nisha- aur agar unhe phir bhi pata chal gaya to
ravi- bhabhi aap itni to samajhdar hai hi ki bhaiya ko kya pata lagna chahiye aur kya nahi yah tay kar le
nisha- muskura kar tujhe meri help karne me badi dilchaspi hai
ravi- apne man me bhabhi tumhare jaisa gadraya mal jab samne ho to kiski dilchaspi nahi hogi tumhe chodane me,
ravi- kya karu bhabhi mujhe apne ghar ki aurto ki help karne me bada maza aata hai
nisha- apni didi ki bhi help karta hai kya
ravi- muskura kar aapko kya lagta hai
nisha- apne man me sochti hui mujhe to lagta hai kamine tu apni didi ko jarur chodata hoga, tere hontho par lagi lipstick
is bat ka sabut hai, payal dikhne me to badi bholi banti hai par mujhe ab yakin ho gaya hai ki tu jarur use chodata hai aur
vah bhi khub kas kar tujhse apni chut marwati hai,
ravi- kya hua bhabhi kya sochne lagi
nisha- kuch nahi me to yah soch rahi thi ki payal kya teri help lene ko taiyar ho jati hogi
ravi- kyo kya burai hai mujhme
nisha- vahi to me soch rahi hu
ravi- bhabhi ab jyada socho mat jaldi se koi phaisla lo
nisha- kyo tujhe badi jaldi hai meri help karne ki mujhe to abhi teri help ki jarurat nahi hai ha payal ko jarur teri help ki
jarurat padti hogi

ravi- nisha ki gadaraai jawani ko upar se niche tak kha jane wali najro se dekhta hua, bhabhi aapko dekh kar to aisa lagta
hai ki aap ko bahut jyada meri help ki jarurat hai
nisha- ravi ki bat sun kar uski aankho me ghurti hui mujhe teri help ki abhi koi jarurat nahi hai
ravi- nisha ke mote-mote doodh ko dekhta hua lagta hai bhabhi aap meri help lene me dar rahi hai
nisha- bhala me kyo darne lagi tujhse
ravi- nahi bhabhi aap jarur dar rahi hai nahi to aapka andaj to yahi sabit karta hai ki aap bhi meri help lene ke liye mari
ja rahi hai
nisha- tujhe kya malum me mari ja rahi hu ya nahi
ravi- agar aap mari nahi ja rahi hai to phir me aapko itna achcha kyo lagta hu
nisha- usko ghur kar dekhti hui kisne kaha ki tu mujhe achcha lagta hai
ravi- didi hi kah rahi thi
nisha- ashcharya se ravi ko dekhti hui kya kah rahi thi payal
ravi- yahi ki ravi bahut hi achcha ladka hai apne bhaiya se bilkul alag hai aur me aisa hi dever chahti thi jo din bhar
mera khyal rakhe
nisha- mene aisa kab kaha payal se
ravi- achcha to kya me jhuth bol raha hu, abhi me didi ko bula kar puchwa deta hu ki usne aisa kaha tha ki nahi mujhse
nisha- nahi-nahi rahne de ho sakta hai mene kaha ho, mujhe thik se yaad nahi hai
ravi- muskrata hua, to ab sach-sach bataao me aapko achcha lagta hu na
nisha- ravi ki bat sun kar muskuraate hue apne munh se hi apni tarif karwa raha hai mujhse
ravi- please bhabhi ek bar to bata do
nisha- muskura kar kya bata du
ravi -yahi ki aap mere bare me kya sochti ho
nisha- muskura kar "tu bahut bada kamina hai"
ravi -muskuraate hue to phir bhabhi ab ye bhi bata do ki is kamine ko kab moka dogi apni help karne ka me bahut tadap
raha hu aapke liye, mera matlab hai aapki help ke liye
nisha- muskura kar ravi tu aisa soch bhi kaise leta hai ki me tujhse....
ravi- bhabhi me to aapke liye bahut kuch sochta hu
nisha- usko dekhti hui kya sochta hai
ravi- muskura kar uske samne hi uske mote-mote doodh ko kha jane wali najro se ghurta hua, bata du
nisha- apni najre churate hue, kya
ravi- yahi ki me aapke bare me kya sochta hu
nisha- usko ghur kar dekhti hui, nahi koi jarurat nahi hai, me sab janti hu tu kya sochta hai
ravi- muskuraate hue to phir aap hi bata do me kya sochta hu
nisha- mujhe nahi malum
ravi- muskurata hua, thik hai bhabhi aap to mujhe kuch nahi bataaogi par me bhi sab janta hu ki aap mere liye kya sochti
hai, aur me yah bhi janta hu ki aap mere room ke darwaje par khadi -khadi kya dekh rahi thi
nisha- uski bat sun kar ek dam se sakpaka jati hai aur kya-kya dekh rahi thi me, mene kab dekha, me thode hi vaha thi
ravi- bhabhi aap kitna hi chupa lo mene to aapki us bat ko didi ko bhi bata diya hai

nisha- ek dam ghabrakar kya bata diya hai tune payal se
ravi- apni bhabhi ka ghabraya hua chehra dekh kar are bhabhi itna ghabra kyo rahi ho me to majak kar raha hu, mene
didi ko kuch nahi bataya hai ki aap us waqt kya dekh rahi thi chup kar
ravi- ki bat sun kar nisha kuch sharma jati hai aur apni gardan niche karti hui apni najre jhuka leti hai
ravi baitha-baitha nisha ko dekhta rahta hai aur phir nisha jab apni najre utha kar ravi ko dekhti hai to ravi ek dam se
nisha ko aankh mar deta hai aur nisha sharm se pani-pani ho jati hai, ravi uth kar nisha ke pas jakar baith jata hai aur
nisha apni najre jameen se gadaye rahti hai
ravi- bhabhi, aur nisha apni najre utha kar ravi ko dekhti hai uska chehra aisa dikhai de raha tha jaise usko kisi ne range
haatho chori karte hue pakad liya tha,
ravi- nisha ki aankho me dekhte hue, bhabhi aap bahut khubsurat ho, nisha uski bat sun kar apni najre niche karti hai
to ravi uski thodi ko apne haatho se pakad kar uske chehre ko upar uthata hai aur bhabhi i love u
ravi ki bat sun kar nisha uth kar jane lagti hai to ravi uska hath pakad leta hai aur
ravi- bhabhi kaha ja rahi ho
nisha- apne hath ko chudane ki koshish karti hui mujhe jane de ravi
ravi- kahda hokar nisha ke haatho ko kas kar pakadta hua uski moti gaanD se apne lund ko satata hua, bhabhi phir mujhse
kab apni help karwaogi
nisha- apne hath ko chuda kar usko sofe par dhakelti hui muskura kar kabhi nahi aur apne mote-mote chutaDo ko
matkati hui payal ke room ki aur jane lagti hai,
ravi- piche se aawaj lagata hua, bhabhi agar aapne mujhse help nahi karwai to me aap wali bat didi ko bata dunga
nisha ravi ko kuch kahti usse pahle hi payal room se bahar aati hui
payal- kya bata dega ravi
payal ki bat sun kar nisha ke hosh ud jate hai aur vah ravi ko na me gardan hilate hue use ishare se chup rahne ko
kahti hai
ravi- nisha ko muskuraate hue dekh kar kuch nahi didi me tumhe bad me batauga
payal- kya bat hai abhi bata na
ravi- nahi didi abhi nahi pahle bhabhi se to puch lu ki me tumhe batau ki nahi
payal- off ho paheliya kyo bujha raha hai batana hai to bata nahi to mat bata uar bhabhi ke pas aakar bhabhi aap hi
bataao kya bat hai
nisha- ghabrate hue kuch nahi, ravi to majak kar raha hai, aur ravi ko ghur kar dekhti hui , hai na ravi
ravi- bhabhi pahle bolo help ka jawab yas hai ya no
nisha- usko ghur kar dekhti hui ha, ha yas hai ab to khus
ravi- are didi me to majak kar raha tha darasal mene bhabhi se ek paheli puchi thi aur bhabhi uska jawab nahi de pai
aur shart ke mutabik me ab jo bhi bhabhi se maguga bhabhi ko mujhe dena padega
kramashah.........................



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Re: कमीना

Post by rajaarkey »

कमीना--21

गतान्क से आगे.............................

रवि- निशा को देख कर क्यो भाभी मे जो भी मांगूगा आप दोगि ना

निशा- रवि की ओर देख कर मुस्कुराते हुए, हाँ, हाँ जो तुझे चाहिए ले लेना

रवि- निशा की गदराई जवानी पर उसकी आँखो के सामने ही नज़र मारते हुए, भाभी तुम जानती हो मुझे क्या चाहिए, अब

बाद मे जब मे मांगूगा तो मुकरना नही, नही तो और पायल को बता देने का इशारा करता है और निशा की ओर मुस्कुरा

कर आँख मारता हुआ अपने रूम मे चला जाता है

उसके जाने के बाद निशा गहरी सांस लेती हुई पायल बड़ा ही कमीना है तेरा भाई

पायल- क्यो क्या हो गया भाभी, सच पूछो तो मे आप दोनो की गोल मोल बात को समझ ही नही पाई

निशा- पायल को देख कर मुस्कुराते हुए यह सब तेरा ही किया धरा है तू क्या-क्या कहती रहती है रवि से मेरे बारे मे

पायल- निशा को आश्चर्या से देखते हुए मेने क्या कहा है

निशा- अब जाने दे, मुझे तो तूने फसा ही दिया है

पायल- अरे भाभी मुझे सच मे कुछ नही मालूम आख़िर हुआ क्या है

निशा- वो सब छोड़ मे तुझे बाद मे बताउन्गि पहले यह बता कि रवि को क्यो बुलाया था अपने कमरे मे

निशा की बात सुन कर पायल एक दम से झेप जाती है और उसके चेहरे के बदलते एक्सप्रेशन को देख कर निशा मुस्कुराने

लगती है,

निशा- क्या हुआ मेने कुछ ग़लत पूछ लिया क्या

पायल- सकपका कर नही वो ऐसा है भाभी

निशा- मुस्कुरा कर कैसा है, बड़ा कमीना है ना

पायल- कौन

निशा- अरे वही अपना रवि

पायल- थोड़ा मुस्कुरा कर हाँ वो तो है

निशा- तुझे कैसे पता कि वह बहुत कमीना है

पायल- फिर से झेप्ते हुए मुझे क्या पता मे तो आपकी हाँ मे हाँ मिला रही हू

निशा- बिना सोचे समझे

पायल- ओफ्फ हो भाभी अब कोड वर्ड मे बाते करना बंद भी करो और साफ-साफ कहो आप क्या कहना चाहती हो

निशा- पायल के गाल को खिचती हुई, साफ-साफ कह दू

पायल- घबरा कर, बात पलटती हुई भाभी आज खाने मे क्या बनाना है,

निशा- मुस्कुरा कर अरे अभी तो बहुत समय है आ थोड़ी देर बैठ कर बाते करते है

पायल- घबराती हुई वो भाभी मुझे ज़रा बाथरूम जाना है

निशा- मुस्कुराते हुए, अच्छा जा मे तेरा यही वेट करती हू

पायल जल्दी से बाथरूम मे जाकर घुस जाती है और लंबी-लंबी साँसे लेती हुई, भाभी कैसी बाते कर रही है कही इन्हे

शक तो नही हो गया, ज़रूर उस कमिने ने कुछ किया है तभी तो भाभी मुझसे ऐसी बाते कर रही है कही रवि ने उन्हे

कुछ बता तो नही दिया, उसका कोई भरोशा नही है, अब क्या करू मे बाहर कैसे जाउ, भाभी फिर से कुछ पूछने लगी तो

मे क्या जवाब दूँगी, तभी बाहर से निशा की आवाज़ आती है पायल कितना देर लगाएगी, पायल घबराती हुई आई भाभी, हे

भगवान आज तो बचा ले मुझे, कहा फसा दिया इस कमिने ने, तभी निशा का फोन बजता है और दूसरी ओर रोहित उससे

बाते करने लगता है,

पायल धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर आती है और भाभी को दूसरी ओर मुँह करके बात करते देखती है और चुपचाप दबे

पाँव अपने रूम मे भाग जाती है. निशा फोन कट करने के बाद बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर देखती है और फिर

मुस्कुराती हुई, सोचती है हो ना हो इन दोनो के बीच ज़रूर कोई ना कोई लेफ्डा चल रहा है लेकिन मे कैसे मालूम करू पायल तो मुझे बताने से रही, अब तो मुझे इन सब बातो की सच्चाई सिर्फ़ रवि से ही पता चल सकती है पर यह भी सच है कि अगर

मे यह सब बाते जानना चाहती हू तो मुझे रवि से अपनी चूत मर्वानी पड़ेगी, वह कमीना भी तो मेरी चूत के पीछे हाथ

धो कर पड़ा है, वैसे उसका लंड बहुत ही बड़ा है जो भी उसके लंड से चुदेगि उसे तो मज़ा आ जाएगा, अरे यह क्या मेरी

चूत क्यो गीली हो गई और मुस्कुराते हुए रवि के मोटे लंड के बारे मे सोचेगी तो चूत तो गीली होगी ही ना,

................................

उधर सोनिया को देखने के लिए लड़के वाले आ जाते है और सोनिया काफ़ी दुखी मन से अपने मा-बाप के सामने लड़के वालो के सामने जाती है, लड़के वाले सोनिया को देखते ही रिश्ता पक्का कर देते है और यह कह कर चले जाते है की एक आख़िरी बार वह सोनिया का फोटो अपने बेटे के पास भेज रहे है अगर उसे भी लड़की पसंद आ गई तो जल्द ही शादी की डेट तय कर दी जाएगी, सोनिया यह सब सुन कर काफ़ी उदास हो जाती है और रोने लगती है, और रवि को फोन करके सब बाते उसे बताने लगती है, और रवि से कहती है वह उसे आकर ले जाए नही तो वह जहर खा कर अपनी जान दे देगी,

रवि- ओफ्फ हो सोनिया पागलो जैसी बात क्यो करती हो तुम फिकर मत करो मे कुछ ना कुछ रास्ता निकाल लूँगा और अगर कुछ नही हुआ तो तुम्हारे मरने से पहले मे उसे मार दूँगा जो तुमसे शादी करने चला है, और सोनिया को कॉन्फिडेन्स मे लेकर चुप करा देता है और फोन रख देता है, तभी उसके पास करण का फोन आता है और

कारण- हेलो रवि कहाँ है

रवि- घर पर बोल क्या बात है

कारण- अबे एक खुशी की बात है

रवि- अच्छा वह क्या

कारण- अरे मेरे मम्मी-पापा ने मेरे लिए एक लड़की पसंद कर ली है और उसकी तस्वीर कल तक मेरे पास आ जाएगी तू एक काम कर कल सनडे भी है तू कल मेरे फ्लॅट मे आ जा हम कल इंजोय करते है,

रवि- ओके डियर मे सुबह ही पहुच जाउन्गा पर साले कल भी तू मुझे दिन मे ही वोड्का पिलाएगा क्या,

कारण- अबे जब मस्ती मारना हो तो दिन क्या और रात क्या आजा मज़ा आ जाएगा

रवि- चल ठीक है मे आता हू बाइ

रात को रोहित और निशा अपने रूम मे घुस कर चुदाई शुरू कर देते है और दूसरी तरफ रवि अपनी दीदी के रूम मे जाकर

उसके साइड मे लेट जाता है और फिर दोनो भाई बहन एक दूसरे का चेहरा देखते हुए एक दूसरे की आँखो मे देखने लगते

है और दोनो बिना एक दूसरे को छुए ही गरम होने लगते है,

रवि- पायल की आँखो मे देखता हुआ धीरे से अपने हाथ को अपनी दीदी के गदराए दूध पर रख कर हल्के-हल्के दबाते

हुए, मेरी जान तुम कितनी सेक्सी और खूबसूरत लगती हो, काश तुम मेरी बीबी होती,

पायल- रवि के मोटे लंड को उसके पाजामे के उपर से ही दबाती हुई, दीदी समझ कर हो चोद रवि तुझे ज़्यादा मज़ा आएगा

बीबी को तो हर कोई चोद लेता है पर अपनी दीदी को तो नसीब वाले ही चोद पाते है,

रवि - पायल के मस्ताने दूध को कस कर मसलता हुआ, दीदी अगर तुम्हारे जैसी गदराई दीदी जिसकी भी होगी वह उसे ज़रूर चोदने के लिए मरा जाएगा,

पायल- उसके मोटे लंड को दबाती हुई, बेटे तेरे जैसा लंड भी जिस लड़की के भाई का होगा वह ज़रूर उसे अपनी फूली हुई चूत मे लेने के लिए मचल जाएगी

रवि अपनी दीदी से बाते भी करता जा रहा था और बीच-बीच मे कभी उसके मोटे गदराए दूध को मसलता कभी उसके

रसीले होंठो को चूस्ता और कभी अपना हाथ पीछे ले जाकर उसकी मोटी गान्ड को दबाता,

रवि- दीदी तुम्हारे चुतड कितने भारी हो गये है ऐसा लगता है जैसे तुम खूब कस कर अपनी गान्ड मरवाती हो

पायल- मुझे लगता है आज तू मेरी गान्ड मरने के मूड मे है,

रवि- दीदी तुम कहो तो आज मे तुम्हारी गान्ड को खूब कस कर चोद दू,

पायल- मुस्कुरा कर पर मुझे ज़्यादा दर्द होगा तो

रवि- नही दीदी मे इस तरह से तुम्हारी गान्ड मारूँगा कि तुम्हे ज़्यादा दर्द नही होगा

पायल- और मेरी चूत जो सुबह से रस छोड़ रही है उसका क्या होगा

रवि- दीदी तुम फिकर क्यो करती हो मे तुम्हारी चूत का सारा रस अपने मुँह से पी जाउन्गा, और तुम मेरे मुँह मे ही अपना सारा रस छोड़ देना

पायल- नही तू थोड़ी देर मेरी गान्ड मार ले लेकिन फिर मुझे अपनी चूत मे तेरा मोटा लंड चाहिए

रवि- अच्छा ठीक है और पायल की गदराई गान्ड को दबोचते हुए, लेकिन दीदी तुम्हारी गान्ड मे ज़्यादा दर्द ना हो इसके लिए

मुझे तेल लगा कर तुम्हारी गान्ड को चिकना बनाना पड़ेगा, पायल अपनी स्कर्ट और टीशर्ट उतार कर तुरंत नंगी हो जाती है और फिर अपनी ब्रा और पेंटी उतार कर खड़ी हो जाती है और रवि की ओर मुस्कुरा कर देखती हुई मे कैसी लग रही हू

रवि- अपनी दीदी की नंगी गदराई जवानी उसके मोटे-मोटे कसे हुए दूध और फूली हुई चूत को देख कर मस्त हो जाता है

और खुद भी अपने सारे कपड़े उतार कर पूरा नंगा हो जाता है उसका मोटा लंड सर उठाए खड़ा रहता है और वह अपनी

दीदी के पास जाकर उसकी नंगी गदराई जवानी को अपनी बाँहो मे भर कर पागलो की तरह चूमने लगता है, दोनो भाई बहन

एक दूसरे से पूरे नंगे खड़े होकर चिपके हुए एक दूसरे की गान्ड और पीठ को सहलाते हुए एक दूसरे के मुँह, होंठ को

चूमने लगते है

रवि- दीदी चलो ड्रेसिंग टेबल के शीशे मे एक दूसरे को नंगा देखते है

पायल- उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपनी गान्ड मतकती हुई धीरे-धीरे रवि के लंड को अपने हाथो से खिचते

हुए ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगती है और रवि अपनी दीदी के गदराए चुतडो की मस्तानी थिरकन को देखता हुआचल देता

है, ड्रेसिंग टेबल के शीशे के सामने जाकर दोनो एक दूसरे से नंगे ही चिपक जाते है और शीशे मे एक दूसरे का चेहरा

देख कर मुस्कुराते हुए एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाने लगते है, पायल अपनी मोटी गदराई गान्ड को शीशे के सामने

करके थोड़ा अपनी गान्ड को बाहर निकाल कर रवि को दिखाती है और रवि अपनी दीदी की मस्तानी गान्ड को शीशे मे देखते हुए

उसकी गदराई गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को सहलाता हुआ अपनी दीदी की गहरी गुदा मे अपने हाथ की उंगलिया फेर-फेर कर

सहलाने लगता है और पायल अपने भाई के मोटे लंड के टोपे को खोल कर उसके टोपे को सहलाने लगती है,

तभी रवि द्रीसिंग टेबल के उपर रखी ऑमंड ड्रॉप्स की शीशी को उठा कर उससे तेल निकाल कर अपनी दीदी की मोटी गान्ड की दरार मे तेल लगा कर उसकी गदराई मोटी गान्ड के छेद मे अपनी उंगली घुसा-घुसा कर तेल लगाने लगता है तभी पायल अपनी हथेली को आगे करके रवि को अपने हाथ मे तेल डालने का इशारा करती है और रवि उसके हाथो मे तेल डाल देता है और पायल अपने हाथो मे तेल लेकर रवि के मोटे लंड मे तेल लगा-लगा कर उसे सहलाने लगती है, रवि अपनी दीदी के मोटे गदराए चुतडो को पूरा तेल से भिगो देता है और खूब कस-कस कर अपनी दीदी के मस्ताने चुतडो की मालिश करने लगता है, वह जितनी ज़ोर से अपनी उंगलियो को अपनी दीदी की गान्ड की दरार मे भरता है पायल भी उतनी ही तेज तरीके से अपने हाथो को अपने भाई के लंड पर कस-कस कर तेल मलने लगती है,

करीब 10 मिनिट तक दोनो एक दूसरे की गान्ड और लंड मे तेल लगा-लगा कर पूरी तरह चिकना कर देते है उसके बाद रवि अपनी दीदी को बेड से सटा कर पेट के बल बेड के नीचे टाँगे झुला कर लिटा देता है और फिर अपनी दीदी की मोटी गान्ड के छेद को अपने हाथो से फैलता है तो पायल उसके हाथ को हटाते हुए अपने हाथो से अपनी गदराई मोटी गान्ड को खूब कस कर फैलाती है और अपने भाई को अपनी गान्ड का कसा हुआ छेद दिखा कर ले रवि अब डाल अपने लंड को अपनी दीदी की गदराई गान्ड मे, रवि पायल की बात सुन कर अपने लंड को अपनी दीदी की गान्ड के छेद मे लगा कर एक तगड़ा धक्का मारता है और उसका

लंड अपनी दीदी की गान्ड के छेद को फैलता हुआ लगभग आधा अंदर धस जाता है और पायल की गान्ड फॅट जाती है और वह ज़ोर से सीसियाते हुए आह रवि बहुत मोटा है तेरा लंड आ रवि प्लीज़ मे मर जाउन्गि, रवि रुक जा रवि आ, रवि अपने आधे लंड को फसाए हुए अपनी दीदी की गान्ड के मोटे-मोटे पाटो को दबोच-दबोच कर सहलाते हुए अपने लंड को धीरे-धीरे

अपनी दीदी की मोटी गान्ड मे गाढ़ने लगता है,
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