बजाज का सफरनामा

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007
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by 007 »

Sanjay bhai kahan ho
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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s_bajaj4u
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

hi dosto
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

शालू

दोस्तों में संजय आपके लिए एक नयी कहानी लेकर आया हु जो एक लड़की ने मेरे को email की है उसकी सहेली की कहानी उसकी जुबानी

मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है शालिनी।

उसकी उमर कोई 28 साल, कद 5’6″, फ़ीगर 34-28-36, गुलाबी रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, गुलाबी होंठ, खूब फूले हुए स्तन, भरे-भरे चूतड़ और उनसे नीचे उतरती सुडौल जांघें। बहुत ही प्यारी और सेक्सी लड़की है वो।

हम दोनों कॉलेज से एक साथ हैं और कोई बात एक दूसरे से छुपी हुई नहीं है। और हो भी कैसे सकती है क्योंकि कॉलेज के ज़माने से ही हम दोनों के बीच एक रिश्ता और बन गया।

एक रोज़ मैं उसके साथ उसके घर गई तो घर मैं कोई नहीं था। हम दोनों मज़े से बातें कर रहे थे और मैं उसे सता रही थी कि रविवार को तुम कपिल से मिली थी तो तुम दोनों ने क्या किया था

बताओ न मुझे !

शालू शरमा रही थी।

कपिल उसका चचेरा भाई था और दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। दोनों अक्सर घूमने और पिक्चर देखने जाते थे। मेरे आग्रह करने पर उसने बड़े शरमाते हुए बताया कि

उस दिन कपिल ने उसका चुम्बन लिया था।मैंने उसे लिपटा कर उसका गुलाबी गाल चूम लिया-
हे बेईमान ! अब बता रही हो?

तो वो शरमा कर हंस दी।

हे शालू ! बता ना और क्या किया था तुम दोनों ने?

बस ना ! सिर्फ़ चुम्मा लिया था उसने !

वो शरमा कर मुस्कराई।ऐ शालू ! बता न प्लीज ! कैसे किया था?

हट बदतमीज़ !

वो प्यार से मुझे धक्का देकर हंस दी।

मैं उसकी भरी-भरी जांघों पर सिर रख कर लेट गई, उसके गोल गोल दूधमेरे चेहरे के ऊपर थे, मैंने धीरे से उसके दाएँ दूध पर उंगली फेरी-

क्यों शालू ! ये नहीं दबाये कपिल ने?

तो उसके चेहरा शरम से लाल हो गया और धीरे से बोली-

हाँ !

तो मैंने उसका खूबसूरत गुलाबी चेहरा अपने दोनों हाथों में लेकर गाल चूम लिये-

कैसा लगा था शालू?

हाय आइना ! क्या बताऊँ ! मेरी तो जैसे जान निकल गई थी जब उनकी गर्म-गर्म ज़बान मेरे मुँह में आई ! मैं मदहोश हो गई ! उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और एकदम से अपना हाथ यहाँ रख दिया

!वो आइना का हाथ अपनी बाईं चूची पर रख कर सिसकी।मैं तड़प उठी और बहुत मना किया पर वो न माने और दबाते रहे।

फिर शालू ?

आइना, बड़ी मुश्किल से कपिल ने मुझे छोड़ा।

शालू की बातें सुनकर मेरी हालत अजीब होने लगी, ऐसा लग रहा था कि जैसे पूरे जिस्म पर चीटियां दौड़ रही हों।मेरा यह हाल देख कर शालू मुस्कुराई और मेरे गाल सहला कर बोली-

तुमको क्या हो गया आइना?

तो मैंने शरमा कर उसकी जांघों में मुँह छुपा लिया। वो मेरी पीठ सहला रही थी और मेरी हालत खराब हो रही थी क्योंकि मेरा चेहरा बिल्कुल उसकी चूत के ऊपर था जो खूब गर्म हो रही थी और महक रही थी।मैंने धीरे से उसकी चूत पर प्यार कर लिया तो वो सिसक उठी-

आह ! आह आह ! आइना उफ़ ! नहीं ! ना ! प्लीज मत करो !

और मेरे चेहरा उठाया। हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, शालू के गुलाबी होंठ कांप रहे थे, मेरे चेहरे को अपने हाथों में लेकर वो सिसकी-

आइना !और मैं भी अपने को ना रोक सकी और उसके गुलाबी कांपते होंठ चूम लिये।एक आग सी लगी हुई थी हम दोनों के जिस्मों में !मैं उसके होंठों पर होंठ रख कर सिसक उठी-

शालू ! प्लीज मुझे बताओ न कपिल ने कैसे चूमे थे ये प्यारे होंठ?तो अपने नाज़ुक गुलाबी होंठ दांतों में दबा कर मुस्कुराई-

आइना, उसके लिये तो तुमको शालू बनना पड़ेगा।मैं हंस दी !उसके गाल चूम कर बोली-

चलो ठीक है ! तुम कपिल बन जाओ।शालू ने अपनी बाहें फैला दी तो मैं उनमें समा गई और वो मेरे गाल, होंठ, आँखें, नाक और गर्दन पर प्यार करने लगी।तो मैं तड़प उठी-

आह आ आह शा शाआलू ऐ ए मा नहीं ओह ओह ओह ऐ री उफ़ ये अह ओह ऊ ऊम अह अह क्या कर रही हो अह है है बस बस नहीं न ऊफ और उसके होंठ मेरे होंठों से चिपक गये और उसकी गुलाबी ज़बान मेरे होंठों पर मचलने लगी।उसका एक हाथ जैसे ही मेरे दूध पर आया तो मेरी चीख निकल गई-

नाआ हि आअ ह अह शाअलु ऊफ़ मत करो प्लीज ये आअह क्या कर रही हो, तो मेरे होंठ चूस तु !शालू बोली- वो ही तो कर रही हूँ जो कपिल ने मेरे साथ किया था।
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

वो मुझ से जुड़ गई और उसकी ज़बान मेरे होंठ खोल रही थी धीरे-धीरे और फिर अंदर घुस गई तो मैं उसकी ज़बान की गर्मी से पागल हो उठी और उससे लिपट गई।

शालू ने मुझे बिस्तर पर लिटा दिया और मेरे दोनों दूध दबाते हुए मेरे होंठ चूसने लगी। ऊफ़ उसकी ज़बान इतनी चिकनी, गर्म और इतनी लम्बी थी कि मेरे पूरे मुँह में मचल रही थी और मेरे गले तक जा रही थी।हम दोनों के चेहरे पूरे लाल हो रहे थे और थूक से भीग चुके थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था,

मैं भी उसका साथ दे रही थी और उसका प्यारा सा गुलाबी चेहरा हाथों में लेकर उसके होंठ और ज़बान चूसरही थी, सिसकार रही थी-

आह अह शालू अह अह हां अह !

आइना मेरी जान !

ऊफ़ शालू !

कितनी मज़ेदार ज़बान है तेरी !

इतनी लम्बी !

ऊफ़ !

सच्ची कपिल को मज़ा आ गया होगा !

आअह धीरे आइना !

अह आअह सच्ची आइना !

बहुत मज़ा आया था क्या बताऊँ तुझे !
आह धीरे से मेरे होंठ !
आह आइना !

उठो न प्लीज अब

!हम दोनों उठे तो फिर से मुझे लिपटा कर मेरे होंठ चूसने लगी और मेरे कुरते की ज़िप खोली और मेरी ब्रा का हुक खोल दिया और मेरे मुँह में सिसकी-

उतारो न आइना प्लीज !

और मेरे हाथ ऊपर करके मेरा कुरता अलग कर दिया।

आअह शालू !

ये आह !

तो मेरे होंठ चूम कर सिसकी- कुछ न बोलो आइना !

सच्ची बहुत मज़ा आ रहा है !

मैं उसके सामने टॉपलेस बैठी थी, शर्म से मेरी बुरी हालत थी। मैंने अपने दोनों हाथों से अपने भरे-भरे दूध छुपा लिये और देखा तो शालू ने भी अपना कुरता और ब्रा अलग अपने बद्न से हटा दिए थे और मैं उसे देखती रह गई-

उफ़ ! कितने प्यारे दूध हैं शालू के !

खूब बड़े बड़े बिल्कुल गुलाबी रंग, तनी हुई लम्बे चुचूक ! जिनके आस पास लाल रंग का गोल घेरा !उसने मुझे अपनी तरफ़ देखते हुए पाया तो मेरी आँखें चूम लीं,

मेरे दोनों हाथ मेरे दूधों पर से हटाये और अपने दूधों पर रख लिर और होंठ चबा कर सिसकी-

ऊई मां आह आह !और फिर उसने मेरे दूध पकड़े तो मेरी जान निकल गई- आऐ आ आऐ र अह्ह अह आअह ऊओह ऊऊम आआअह नहीं शा…लू !और मैंने भी उसके दूध ज़ोर से दबाये तो शालू भी मुझसे लिपट कर सिसक उठी-

आईए ऊउइ उ अह अह अह धीरे आह आइना !

धीरे आह मेरे दूधु !

और मेरे होंठों पर होंठ रखे तो एक साथ हम दोनों की ज़बाने मुँह के अंदर घुस पड़ी।उसकी लम्बी चिकनी और गर्म ज़बान ने मुझे पागल कर दिया और फिर मुझे लिटा कर वो भी मेरे ऊपर लेट गई। हमारे दूध आपस में जैसे ही टकराये तो दोनों की चीखें निकल पड़ी और हम दोनों झूम गईं और मेरी चूत रस से भर गई।मैंने उसे अपने बदन से लिपटा लिया और उसकी चिकनी पीठ और नर्म-नर्म चूतड़ सहलाने लगी।इस पर वो मेरे जिस्म पर मचलने लगी।

मैंने उसका गुलाबी चेहरा उठाया तो उसकी आँखें नहीं खुल पा रही थी, बहुत हसीन लग रही थी शालू !मैं उसके गाल और होंठ चूसने लगी, उसके गोल नर्म नर्म दूध मेरे सांसों से टकराते तो जैसे आग लग जाती।मैंने उसको थोड़ा ऊपर किया तो उसके खूबसूरत चिकने गुलाबी दूध मेरे सामने थे मैं अपने आप को रोक न सकी और उसकी लाल चूची पर ज़बान फेरी तो वो मस्ती में चिल्ला पड़ी-

आईई माँ ! मर जाऊँगी मैं! आह अह ओह ऊओफ़ अह आइना !

आह अह्ह हाँ ! ये ये ये भी किया था अश… अह कपिल ने !

शालू बोली।और मैंने उसका पूरा का पूरा दूध अपने मुँह में ले लिया तो मज़ा आ गया। और शालू ने मेरा चेहरा थाम कर अपने दूधों में घुसा लियाऔर सिर झटक कर मचलने लगी-

आ आ इए आइना ! धीरे प्लीज ऊफ़ ऐई री ! माँ ! धीरे से ! न आअह ! बहुत अच्छा लग रहा है !

आह !
पूरा !

पूरा चूसो न !

ऊफ़ मेरा दूध आह !
आइना सची ऐईए ऐसे नहीं !
न काटो मत प्लीज !
उफ़ तुम तो अह कपिल से अच्छा चूसती हो !
आअह आराम से मेरीजान !
और वो मेरे दूध दबाने लगी- सच्ची कितनी नरम दूध हैं तेरे आइना !मुझे दो न प्लीज आइना !तो मैंने होंठ अलग किये उसके दूध से और देखा तो उसका दूध मेरे चूसने से लाल और थूक से चिकने हो रहे थे।
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
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Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

मैंने जैसे ही दूसरा दूध मुँह में लेना चाहा वो सिसक उठी-

आह आइना ! प्लीज मुझे दो न अपनी ये प्यारी प्यारी चूचियाँ ! कितनी मुलायम हैं !उइ सच्ची ?

मैं उसकी चूचियाँ मसलने लगी तो मैंने उसके गीले लाल होंठ चूम लिये। शालू मेरी चूचियाँ चूसने लगी !

और मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगी-

अह आअह शालू ! आराम से मेरीजान ! आह ! और !
और क्या किया था कपिल ने बताओ न !

तो मेरे दूध पर से अपने चिकने गुलाबी होंठ हटाते हुए मुस्कुराकर बोली- और कुछ नहीं करने दिया मैंने !तो मैंने पूछा- क्यों शालू ! दिल नहीं चाहा तुम्हारा।

वो मेरे ऊपर से उतर कर अपने पैर फैला कर बैठी और मुझे भी अपने से चिपका कर बिठा लिया और मेरे दूधों से खेलते हुए बोली-

आइना, सच दिल तो बहुत चाहा लेकिन मैंने अपने को बड़ी मुश्किल से रोका क्योंकि डर लग रहा था।और मेरे दूधों पर ज़बान फेरने लगी तो मेरी आंखें बंद हो गई मज़े में !मेरा हाथ उसके चिकने मुलायम पेट पर आया और मैं उसकी गोल नाभि में उंगली घुमाने लगी-

आह शालू ! सच्ची कितनी लम्बी ज़बान है तुम्हारी ! मैं क्या करूं ! आह मेरे दूध आऐ ए माँ ! अह्ह ! धीरे ! ना ! इतनी ज़ोर से मत नोचो मेरे दूध !

आह आह ओह ऊ ओफ़ शालू प्लीज नहीं ! आअह हन हां अन बस ऐसे ही चूसे जाओ बहुत मज़ा आ रहा है !आइना !

मेरी जान, सच्ची कहां छुपा रखे थे ये प्यारे-प्यारे दूधु तूने ! तो मैं शरम से लाल हो गई उसकी बात सुनकर और उसकी एक चूची ज़ोर से दबाई तो वो चिल्ला कर हँस पड़ी- ऊऊउइ माँ आइना।

तो मैंने उसके होंठ चूम लिये।शालू !हूम्म !तुमने बताया नहीं कपिल और क्या कर रहा था या करना चाह रहा था?तो वो शरमा कर मुस्कुराई-

आइना ! वो तो !

हाँ बोलो ना शालू प्लीज !

तो शालू ने मेरा हाथ अपनी सलवार के नाड़े पर रखा और धीरे से बोली-

वो तो इसे खोलने के मूड में था।फिर शालू?मैंने रोक दिया उसे !

क्यों शालू ? क्यों रोक दिया ? बेचारा कपिल !शालू मेरे गाल पर ज़ोर से काट कर हंस दी-
बड़ी आई कपिल वाली !मैं भी ज़ोर से चिल्ला कर हंस दी-

ऐ शालू बताओ ना क्यों रोक दिया?

तो वो मुसकराई, मैंने कह दिया- ये सब अभी नहीं !
और वो फिर मेरे दूध चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से तो मैं पागल हो उठी- आह शालू !

आराम से मेरी जान !

और मैंने उसकी सलवार खोल दी तो वो चौंक गई और मेरा हाथ पकड़ कर बोली- ये ! ये क्या कर रही हो आइना?

तो मैंने उसके गीले रस भरे होंठ चूम लिये- मेरी शालू जान !

कपिलको नहीं तो मुझे तो दिखा दो !

वो मुझसे लिपट कर मेरे पूरे चेहरे पर प्यार करने लगी- हाय मेरीआइना !

कब से सोच रही थी मैं !

आह मेरी जान !और एकदम से उसने मेरी सलवार भी खोल दी

और उसका हाथ मेरी चिकनी जांघों पर था।

मैं मज़े में चिल्ला पड़ी- ऊऊउइ शा..आ..लू !! ना..आ.. हाय !!

वो मेरे होंठ चूस रही थी और मेरी जांघें सहला रही थी,

मैं मचल रही थी- नहीं शालू ! प्लीज मत करो ! आ..इ..ए ऊ..ऊ..ओ..फ़ ना..आ..ही ना! ओह मैं क्या करूँ !

और उसने एकदम से मेरी जलती हुई चूत पर हाथ रखा तो मैं उछल पड़ी- हाय रे ! आह ! ये क्या कर दिया शालू !मुझे कुछ होश नहीं था,

उसका एक हाथ अब मेरी चूत सहला रहा था जो बुरी तरह गरम हो रही थी, दूसरे हाथ से वो मेरा दूध दबा रही थी और उसकी लम्बी गरम ज़बान मेरे मुँह में हलचल मचा रही थी।मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी चूत झड़ने वाली है।

मैंने उसे लिपटा कर उसके चूतड़ों पर हाथ फेरा तो वो मचल उठी और मैं भी मस्त हो गई।उसकी सलवार भी उतर चुकी थी,

अब हम दोनों बिल्कुल नंगी थी और बिस्तर पर मचल रही थी- आह आइना ऊ..ओफ़ सच्ची, बहुत गरम चूत है ! उफ़कितनी चिकनी है छोटी सी चूत !

सच्ची बहुत तरसी हूँ इस प्यारी चूत के लिये मैं ! दे दो न प्लीज आइना ये हसीन छोटी सी चूत मुझे!

हाय शालू ! मैं जल रही हूँ !

प्लीज !

आह ! मैं क्या करूँ !मेरा पूरा जिस्म सुलग रहा था

और मैंने शालू के नरम-गरम चूतड़ खूब दबाए और जब एकदम से उसकी चूत पर हाथ रखा तो

वो तड़प उठी- ऊ..ऊ..उइ नी..ईइ..ना कर !
Sanjay Bajaj
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