बजाज का सफरनामा
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Re: बजाज का सफरनामा
दोस्तों कहानी कैसी लगी कमेंट जरूर दे ताकि आगे से आगे कहानिया और भेजने का मज़ा आये वरना ऐसा लगता ह की कोई इन कहानियो को पढ़ ही नहीं रहा है । तो पplease कहानियो पर कमेंट जरूर करे
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज का सफरनामा
s_bajaj4u wrote:और मैं तो जैसे निहाल हो गई, उसकी चूत बिल्कुल रेशम की तरह मुलायम और चिकनी थी, खूब फूली हुई !मैं एकदम से उठी और उसकी चूत पर नज़र पड़ी तो देखती रह गई, बिल्कुल चिकनी चूत जिस पर एक बाल भी नहीं था,
शालू की चूत लाल हो रही थी।
क्या देख रही हो आइना ऐसे?
तो मैं अपने होंठों न पर ज़बान फेर कर सिसकी- शालू !!
और एकदम से मैंने उसकी चूत पर प्यार किया तो वो उछल कर बैठ गई।हम दोनों एक दूसरे की चूत सहला रहे थे।
शालू !
हू म्म !
कपिल को नहीं दी यह प्यारी सी चीज़ ?
तो वो शरमा कर मुस्कुराई- ऊँ..हूँह !
क्यों?
तो वो शरारत से मुस्कुरा कर बोली- तुम्हारे लिये जो बचा कर रखीहै।
तो मैं हंस दी- हट !
बदतमीज़ !
सच्ची आइना !
वो मेरी चूत धीरे से दबा कर सिसकी- हमेशा सोचती थी कि तुम्हारीयह कैसी होगी?
तो मैं शरमा कर मुसकुराई- मेरे बारे मैं क्यों सोचती थी तुम?
पता नहीं बस ! तुम मुझ बहुत अच्छी लगती हो !
दिल चाहता है कि तुम्हें प्यार करूँ !
मैंने मुस्कुरा कर उसके होंठ चूम लिये- तो फिर आज से पहले क्यों नहीं किया यह सब?
तो मेरे दूधों पर चेहरा रख कर बोली- डर लगता था कि तुमको खो न दूँ कहीं !मैंने उसे अपने नंगे बदन से लिपटा कर उसके होंठ चूस लिये,
आहिस्ता से उसे लिटा दिया और झुक कर चूत के उभार पर प्यार कियातो वो मचल उठी- आअह्ह..आआह.. आइना !
मुझे दे दो न अपनी हसीन सी चूत !
ले मेरी जान !
मेरे प्यार !
और मैंने घूम कर अपनी चूत उसकी तरफ़ की तो शालू ने मेरे नरम चूतड़ पकड़ कर नीचे किये और मेरी चूत पर होंठ रखे तो मैं कांप गई- आह.. आह.. आह.. ऊऊ..औइ शालू !
और जैसे ही उसकी ज़बान मेरी चूत पर आई, मैं नशे में उसकी चूत पर गिर पड़ी और उसकी चूत पर प्यार करने लगी और चूसने लगी।हम दोनों की चीखें निकल पड़ी, दोनों के चूतड़ उछल रहे थे।शालू मेरे चूतड़ दबा रही थी और अचानक उसकी ज़बान मेरी चूत के छेदमें घुस पड़ी तो ऐसा लगा जैसे गरम पिघलता हुआ लोहा मेरी चूत मेंघुस गया हो,
मैं चिल्ला पड़ी उसकी चूत से झूम कर-
आ..ऐ..ई..ए.. मा..अ मर जा..ऊँ..गी.. ना.. आ..अ..हि शलु अर्रर्रर्ररे.. आह.. ऊ..ओम ऊमफ ऊऊओह्ह ओह ओह ह्हह्है ह्हअ आआइ मैं निकल रही हूँ..
शालू !मेरे चूतड़ उछलने लगे और शालू के चूतड़ भी मचले और वो भी मेरी चूत में चिल्लाने लगी-
आइना ! चूसो अ आआइउ अयययो मा अर्रर्रर्रे रीईईए आआआअह ऊफ़्फ़ आआह्ह ह्हाआआआ आआअह्हह्ह ह्हाआआअ !
और मुझे ऐसा लगा जैसे चूत से झरना बह निकला हो
!रोकते-रोकते भी मेरे गले से नीचे उतर गया !
यही हाल शालू का भी था।हम दोनों के चेहरे लाल हो रहे थे, सांसें तेज़ तेज़ चल रही थीं औरहम दोनों एक दूसरे से लिपट कर पता नहीं कब सो गये।
मज़ा आया पढ़ कर comment जरूर करे दोस्तों
Sanjay Bajaj
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Re: बजाज का सफरनामा
bahut achhi kahani hai
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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- Rohit Kapoor
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Re: बजाज का सफरनामा
mitr badhte chalo kaaravaan banata jayega
Read my all stories
(संयोग का सुहाग)....(भाई की जवानी Complete)........(खाला जमीला running)......(याराना complete)....
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