बजाज का सफरनामा

Post Reply
s_bajaj4u
Novice User
Posts: 274
Joined: 06 Jul 2016 04:23
Contact:

बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

किराया माफ़ (कहानी 01)
मेरा नाम संजय है, हरियाणा का रहने वाला हूँ। हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर यह मेरी पहली कहानी है।
बात उन दिनों की है जब हमारे घर में एक कमरा किराये के लिए खाली था। हम कोई किरायेदार ढून्ढ रहे थे। एक दिन एक लड़की हमारी दुकान पर आई और मुझसे पूछने लगी- मुझे मालूम हुआ है यहाँ कोई कमरा किराये के लिए खाली है।
मैंने हाँ कर दी और कमरा दिखाने ले गया। मैंने अपनी मम्मी को बुलाया और उन्होंने ही सारी बात की लेकिन लड़की ने मना कर दिया क्योंकि किराया ज्यादा था 1500 रूपये। कुछ देर बात करने के बाद मम्मी ने किराया थोड़ा कम कर दिया 1300 रूपये।
उसने हाँ कर दी और बोली- कल से रहने आ जाऊँगी।
अगले दिन वो अपना सामान लेकर आ गई। मैंने उसकी मदद की सामान रखने में, उसके साथ उसका भाई भी था, देखने ठीक था उससे काफी बड़ा था।
वो उसी दिन चला गया था। लड़की करनाल की थी। उसका नाम पलक (बदला हुआ नाम) था। वो यहाँ से बी.टेक कर रही थी। जब उसका भाई चला गया तो मैं उसे देखने उसके कमरे में चला गया। मुझे वो बहुत पसंद थी, मैं उससे दोस्ती करना चाहता था। कुछ देर देखने के बाद वो बाहर आई और बोली- क्या देख रहे हो?
और उसने मेरे बारे में पूछा।
मैंने बताया- मैं भी डिप्लोमा पूरा कर चुका हूँ। अब अगले साल किसी कॉलेज में दाखिला लूँगा क्योंकि घर में दिक्कत थी। इसलिए नहीं लिया इस साल।
मैं उसके लिए कॉफी बना कर लाया उसने पी ली। मैंने उससे उसके बारे में पूछा और कहा- आज रात खाना हमारे यहाँ खा लेना। कल से अपना अलग बना लेना। अभी तुम्हारा सामान सैट नहीं हुआ इसलिए।
उसने मुझे थैंक्स कहा। मैं सोच रहा था कि उसे कैसे कहूँ कि मैं तुमसे प्यार करने लगा हूँ।
अगले दिन वो कॉलेज नहीं गई और मैं भी घर में अकेला था। मम्मी गई थी मार्किट, छोटा भाई स्कूल में और पापा अपने ऑफिस।
मैं वैसे दुकान पर बैठता हूँ, मैं वर्कर्स को काम बताकर खुद उसके कमरे में चला गया और उससे बातें करने लगा और बातों-बातों में मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है?
तो वो शरमा गई, बोली- तुम जाओ यहाँ से, कोई हमें देखेगा तो क्या कहेगा।
मैंने कहा- तुम डरो मत, कोई कुछ नहीं कहेगा और मेरे साथ खुल कर बातें करो, डरो मत।
तो उसने कहा- नहीं है !
और उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई है?
मैंने भी ना में सर हिला दिया और मैंने कहा- अगर मैं आपका बॉयफ्रेंड बनना चाहूँ तो आपको कोई हर्ज तो नहीं होगा?
उसने कहा- इस बारे में मैंने कुछ सोचा नहीं है। आपको सोच कर बताऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है, कल बता देना।
और चला आया। अब उसकी हाँ का इंतज़ार करने लगा।
अगले दिन वो सुबह उठकर कॉलेज चली गई। जब वो आई तो मेरी हिम्मत नहीं हुई उससे पूछने की लेकिन वो मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा कर चली गई।
मैं समझ गया कि हाँ है। मैं उसके कमरे में चला गया और उससे पूछा- क्या सोचा फिर आपने?
तो उसने कहा- ठीक है।
मैंने कहा- ठीक से कहो क्या है?
तो वो बोली- आई लव यू।
मैं खुश था।
उसने कहा- वैसे इसमें मेरा ही फायदा है।
"वो कैसे?"
उसने कहा- देखो, एक तो कॉलेज में लड़के तंग नहीं करेंगे, दूसरा किराया भी बच जायेगा।
मैंने कहा- किराया तो मम्मी लेंगी, मैं नहीं।
वो बोली- मैं तुम्हें दे दूँगी, तुम मम्मी को दे दिया करो।
मैंने कहा- देखो, किराया तो देना ही है, मेरे को या मम्मी को ! क्यों न मम्मी को ही दे दिया करो।
उसने कहा- तुम बहुत बुद्धू हो।
मैं समझ तो गया लेकिन जानबूझ कर ऐसा कर रहा था। मैंने कहा- चलो, फिर रात को मिलेंगे।
और चला गया।
रात को हम सब बाहर घूमने गए मार्कीट में।
उसने कहा- मैं कल कॉलेज नहीं जाऊँगी,संजय तुम मेरे साथ मार्कीट चलोगे?
तो मैंने कहा- मम्मी को ले जाना।
और वो मान गई।
अगले दिन पापा को फोन आया कि किसी रिश्तेदार की शादी है, सबको जाना है।
मैंने मना कर दिया जाने से, कहा- अगर सब चले जायेंगे तो पलक अकेली रह जाएगी और वो अभी जानती भी नहीं यहाँ किसी को।
तो पापा बोले- चल तू रह जीयो और दुकान भी खोल लियो।
मेरी ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहा।
मम्मी ने मुझे कहा- जा के पलक को बता दे।
मैंने ऐसा नहीं किया, अगर बता देता तो वो शायद कह देती कि मैं भी अपने घर चली जाती हूँ थोड़े दिन के लिए।
मैंने ऐसे ही नाटक किया घर वालों के सामने।
अगले दिन सुबह ही घर वाले चले गए, जब पलक उठी तो उसने देखा कि कोई भी नहीं है। उसने मुझसे पूछा तो मैंने कहा- शादी में गए हैं, सब शाम तक आ जायेंगे।
लेकिन वो तो मैं जानता था कि घर वाले दो दिन तक नहीं आएंगे। मैं ऊपर अपने कमरे में चला गया, तभी पलक आई और बोली- नीचे पानी नहीं आ रहा, ऊपर नहा लूँ?
मैंने कहा- ठीक है, लेकिन थोड़ा जल्दी नहाना, मैंने भी नहाना है।
वो बाथरूम में चली गई। उसने अन्दर से बन्द कर लिया, मैं उसे दरवाजे के छेद से देखता रहा। मैं देखने में इतना मशगूल हो गया
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
Novice User
Posts: 274
Joined: 06 Jul 2016 04:23
Contact:

Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

किराया माफ़ 2 पार्ट (कहानी 01)
कि मुझे पता ही नहीं चला, उसने कब दरवाजा खोल दिया।
मेरे तो होश उड़ गए उसे ऐसे देखकर।
वो घबरा गई और बोली- तुम मुझे देख रहे थे?
मैं एकदम से अन्दर जाकर बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया। ताकि वो वापिस ना जा सके। मैंने उसे अपनी बाँहों में खींच लिया और चूमने लगा।
वो बोली- मैं तुम्हारी मम्मी को बताऊँगी।
मैंने कहा- जानेमन, किराया ऐसे मैं थोड़े ही दे दूंगा।
तो वो बोली- अच्छा तो तुम समझ गए थे, नाटक कर रहे थे मेरे साथ।
मैंने उसका तौलिया हटाया और कहा- जब सब पता चल गया है तो शर्म काहे की।
मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा उसे नशा सा चरने लगा। मैंने भी अपने और उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसे अपना लण्ड चूसने को कहा, उसने मना कर दिया। लेकिन बाद में वो मान गई।
मैंने उससे पूछा- तुम पहले कितनी बार चुद चुकी हो?
उसने कहा- पहली बार चुद रही हूँ।
यह सुनते ही मैंने उसे उठा लिया और बेडरूम में लाकर बिस्तर पर पटक दिया और उसकी फुद्दी को देखने लगा जो अभी बंद थी।
मैं उसे चूसने लगा, वो ऊऊउ अह्ह्ह्ह की आवाजे निकालने लगी और कहने लगी- बस अब नहीं रहा जाता, धीरज डाल दो मेरी फुद्दी में, फाड़ दो इसे।
मैंने कहा- अगर इसमें डाल दिया तो बहुत रोएगी।
उसने कहा- आज रुला दो मुझे !
मैंने तेल लिया और उसकी फुद्दी पर लगा दिया और लंड पर भी लगाया और लंड उसकी फुद्दी के मुख पर रख दिया। मैंने जोर से धक्का दिया और लंड थोड़ा सा उसकी फुद्दी में गया तो वो दर्द के मारे चिल्लाने लगी- निकालो इसे !
मैंने उसके होंटों पर अपने होंट रख दिए ताकि आवाज ज्यादा ना आये और एक जोर का झटका और मारा, लंड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ आधा अन्दर चला गया।
कुछ देर मैं ऐसे ही रहा उसके बाद धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरु किए।
उसे भी मजा आने लगा, वो भी गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। अब पूरे कमरे में पच पच पच की आवाजें आने लगी। वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने अपना लंड निकाला और देखा चादर पर खून लगा था। उसे दर्द हो रही थी। उससे उठा भी नहीं जा रहा था।
उसने कहा- अब कुछ और भी करना है क्या जो निकाल लिया।
मैंने कहा- तुम्हें पता नहीं क्या मेरा पानी अभी नहीं निकला।
वो बोली- अब यह क्या होता है मुझे नहीं पता।
मैंने कहा- जैसे तुम्हारी फुद्दी में से निकला है ऐसे ही मेरे लंड में से निकलेगा।
तो वो बोली- अब अन्दर मत डालना, दर्द हो रहा है।
मैंने कहा- चलो नहीं डालता, कहीं और डाल लेता हूँ।
पूछने लगी- कहाँ?
मैंने उसकी गांड की तरफ इशारा किया तो बोलने लगी- नहीं ! सुना है यहाँ ज्यादा दर्द होता है।
मैं उसकी गांड मारना चाहता था। मैंने अब तक जितनी भी लड़किया चोदी हैं सबकी गांड जरूर मारी है। गांड मारने का अपना अलग ही स्वाद है। मैंने उसे झूठा दिलासा दिया कि फुद्दी की बजाये गांड मरवाने में दर्द कम होता है। पहले ना नुकुर करती रही। बाद में मान गई।
मैंने वेसलिन की डिब्बी उठाई और उसकी गांड पर लगा दी।
वो बोली- यह क्या कर रहे हो।
मैंने कहा- इससे दर्द नहीं होगा !
और एक उंगली उसकी गांड में धीरे से डाल दी। उसे दर्द होने लगी।
मैंने कहा- अभी थोड़ी देर में मजा आयेगा मेरी जान !
मैंने उंगली निकाली और उसे घोड़ी बना दिया उसकी कमर कस कर पकड़ ली और लंड उसकी गांड में डालने लगा। लंड ज्यादा मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था, मैंने वेसलिन और लगा दी एक जोर का झटका दिया लंड आधा अंदर चला गया।
वो चिल्लाने लगी। मैंने पीछे से उसका मुह बंद कर दिया हाथ से और चोदने लगा पाँच मिनट के बाद मैं तैयार था फारिग होने के लिए। मैंने अपना लंड निकाला और उसके मुंह में दे दिया और उसके मुंह में पानी छोड़ दिया।
वो सारा पानी पी गई। उसे दर्द हो रहा था। मैंने उसे गोद में उठाया, बाथरूम ले गया और उसे फिर से नहलाया और खुद भी नहाया। उस दिन वो कॉलेज नहीं गई थी।
Sanjay Bajaj
s_bajaj4u
Novice User
Posts: 274
Joined: 06 Jul 2016 04:23
Contact:

Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

दोस्तों इस में आपको रोज़ नयी नयी और छोटी कहानिया पड़ने को मिलेगी। कुछ महाएपिसोड भी इस में मिलेंगे तो कमेंट और आपको कहानी कैसी लगी बताना
Sanjay Bajaj
User avatar
Rohit Kapoor
Pro Member
Posts: 2821
Joined: 16 Mar 2015 19:16

Re: बजाज का सफरनामा

Post by Rohit Kapoor »

Bajaj saahab jab aapne soch hi liya hai to hungama to jaroor hoga . aise hungame sabhi readers ko pasand aate hain


congratulation Mitr :D :D :D :D :D :D :D :D
s_bajaj4u
Novice User
Posts: 274
Joined: 06 Jul 2016 04:23
Contact:

Re: बजाज का सफरनामा

Post by s_bajaj4u »

Thanks rohit bhai thanks alot
Sanjay Bajaj
Post Reply