मेरी बहनें मेरी जिंदगी complete

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Kautilay
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Re: मेरी बहनें मेरी जिंदगी

Post by Kautilay »

Wow ... Amazing turn....
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sexi munda
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Re: मेरी बहनें मेरी जिंदगी

Post by sexi munda »

स्नेहा खड़ी हो गयी. "तो मिलते हैं चार महीने बाद," वो बोली. वो जाने के लिए खड़ी हुई लेकिन फिर उसे देखने लगी, उसकी आँखो मे कुछ था, उसने अपने होठ आगे किए तो अरुण भी खुद को रोक नही पाया और उसके होंठो को चूमने लगा. किस्सिंग आगे बढ़ती गयी, अरुण ने बीच मे रोकने की कोशिश की तो स्नेहा बोली,"लास्ट बार, अरुण...लास्ट टाइम.." बस फिर दोनो एक दूसरे के प्यार तले खोने लगे.

कुछ घंटे बाद अरुण उसे कार तक छोड़ने गया फिर आख़िरी बार किस करके उसे कार मे बिठा दिया.

"कम से कम ये तो मुझसे नफ़रत नही करती हैं," अरुण सोचते हुए अंदर जाने लगा.

"वेल, अभी एक ही है," एक जानी पहचान आवाज़ आई.

"मुझे लगा तू तो चला गया था," अरुण ने सोचा.

"मैं तेरे मन मे हूँ, चूतिए. मैं नही जा सकता चाहे चाहू जितना भी."

"मैने जो किया है सही किया है और मैं उस बारे मे बहस नही करना चाहता." उसने सोचा.

आवाज़ शांत हो गयी.

आरोही कॉलेज मे मिलती, साथ मे क्लासस लेती लेकिन बोलती कुछ नही.

अरुण शवर से निकलकर शीशे के अंदर अपना अक्स देखने लगा.

"काफ़ी पुरानी बातें हो गयी. फोकस अहेड," उसने खुद से कहा.

"अगर सही डिसिशन था, तो तुझे अभी भी दर्द क्यूँ होता है दिल मे?"

"पता नही," उसने सोचा.

"ओह वाउ, गान्डू कहीं का."

अरुण उसे इग्नोर करके कपड़े पहनने लगा. उसने अभी टी-शर्ट पहनी ही थी कि डोरबेल बजी. वो कौन होगा सोचते हुए दरवाजे की ओर बढ़ा और खोलने लगा.

दरवाजा खोलकर उसने बाहर देखा तो उसकी बड़ी बहेन खड़ी हुई थी.

"हाई," उसने दरवाजे को पूरा खोलते हुए कहा.

अंदर आते वक़्त सुप्रिया कुछ नही बोली बस चारो तरफ देखने लगी.

"हाउ आर.." उसने बोलना शुरू किया लेकिन फिर खुद ही रियलाइज़ हो गया कि कितना डंब क्वस्चन था.

सुप्रिया बिना कुछ पूरे अपार्टमेंट को देख रही थी.

"इट सीम्स नाइस एनफ," उसने आख़िरकार पूरे अपार्टमेंट का मुयायना करके कहा.

"थॅंक्स," अरुण ने जवाब दिया. "कॉफी?"

"श्योर," वो उसके साथ छोटे से किचन मे जाने लगी.

अरुण उसके लिए कॉफी तय्यार करते हुए सोचने लगा कि बात क्या करे. लेकिन उसे बात शुरू करने की ज़रूरत नही पड़ी.

"मुझे समझ मे आने लगा है कि तुम क्या सोच रहे थे, हमेशा की तरह तुम बस हम लोगो को सेफ रखना चाहते थे." सुप्रिया बोली.

अरुण ने हल्के से सिर हिला दिया.

"मैं कल माल गयी थी समान खरीदने तो मुझे याद आ गया जब हम दोनो ने वही मस्ती करी थी. मैने और कुछ सोचने की कोशिश की लेकिन मुझे बस वही सीन याद आता रहा."

अरुण हल्के से हंस दिया और उसे कप पकड़ा दिया.

सुप्रिया ने कप पकड़कर उसे देखा. "आइ डॉन'ट हेट यू, इनफॅक्ट आइ कॅन नेवेर हेट यू. आइ लव यू. यू आर माइ बेबी ब्रदर और तुम चाहे जो भी करो मैं भी तुम्हे कभी तक़लीफ़ मे नही देख सकती." उसने कहा और दूसरी तरफ देखा तो एक एप्रन टंगा हुआ था. वो मुस्कुराते हुए वहाँ गयी और उसे उठा लिया.

"मुझे याद है जब हम दोनो ने पहली बार ये किया था," वो बोली.

अरुण तुरंत ही मुस्कुरा उठा और जीन्स और लंड का मूह पर टकराना याद करने लगा.

"तुमने मेरे मूह पर लंड मारा था और फिर मैने तुम्हे मास्टरबेट करते हुए पकड़ा था."

अरुण मुस्कुराते हुए सिर हिला रहा था.

सुप्रिया आगे बढ़ी और उसके गले मे बाहें डालकर उसका चेहरा अपने पास खिच कर किस करने लगी.

"आइ'म सॉरी, मैने तुम पर हाथ उठाया. आइ रियली डू अंडरस्टॅंड और मैं इस चीज़ को मनाने की कोशिश कर रही हूँ. लेकिन इसका मतलब ये नही है कि मुझे ये सल्यूशन पसंद आया."

"मुझे भी ये अच्छा नही लग रहा दी," अरुण बोला. "आइ हेट इट."

वो सिर हिलाते हुए आँसू पोछने लगी. "आइ'म रियली गोयिंग टू मिस यू, आंड अवर सेक्स," वो उसे गले लगाने लगी.

अरुण ने मुस्कुरा कर उसे गले लगाया और उसके गाल पर किस कर दिया फिर उसके साथ दरवाजे की ओर चल दिया. "आइ' विल सी यू सून," वो बोली.

कुछ देर बाद आँख से आँसू पोछ कर वो जल्दी से अंदर आकर दरवाजे से सिर टिककर खड़ा हो गया. उसका रोम रोम उसे उसके पीछे जाने के लिए कह रहा था लेकिन अरुण खुद के जज्बातो से लड़ता रहा. वो अंदर किचन मे आया तो वहाँ एक मेल रखी हुई थी. उसने मेल उठाई और जेब मे रखके बाहर जाने लगा.

कुछ घंटे बाद वो एक ऑफीस मे था.

"वेल तुम्हारे ग्रॅजुयेशन के मार्क्स तो सही हैं. तो अब्रॉड मे चान्सस सही हैं. वीसा का बन्दोवस्त हम लोग करा देंगे तुम बस एग्ज़ॅम क्लियर कर दो इस एअर."

"ओके, तो साइन कहाँ करना है?" अरुण ने पूछा.

************

"क्या?"

"यही रास्ता है उन लोगो की जिंदगी आसान बनाने का, कि मुझे उनसे दूर जाना होगा कुछ टाइम के लिए."

"अब्रॉड? एमबीए? अरे इंडिया मे दूसरी सिटी ढूँढ ले, अब्रॉड जाने की क्या ज़रूरत है." रोहित बोला.

"नही, इंडिया मे रहा तो पक्का किसी ना किसी वजह से मेरा मन मुझे उन लोगो के पास ले ही जाएगा और वो स्पेस कभी नही बन पाएगा जिसकी हम लोगो को ज़रूरत है."

"उन लोगो को ये आइडिया पसंद नही आने वाला," रोहित बोला.

"कुछ भी हो."

"उनका ख़याल रखना प्लीज़, मेरे पीछे."

ये कहकर वो रोहित के घर से अपार्टमेंट मे चला आया. उसने एमबीए अब्रॉड मे करने के लिए बात की थी उसी के लिए लेटर आया था. पहले उसने सोचा था कि वो और आरोही साथ मे जाएँगे तो बेटर रहेगा लेकिन अब वो अकेले ही जाने वाला था. और जब तक कंप्लीट नही हो जाता वो नही आएगा. इससे उन लोगो अपनी जिंदगी मे किसी और को लाने का टाइम भी मिल जाएगा.

अगले दिन शाम को, जैसा कि रोहित ने कहा उसकी बहनों को ये आइडिया पसंद नही आया.

"हम लोगो ने महीने भर से तुम्हे नही देखा और तुम वापस आए तो इस पागल आइडिया के साथ?" सुप्रिया चिल्लाकर बोली. "अब्रॉड जाना ज़रूरी है क्या?"

अरुण को लगा कि दोबारा थप्पड़ पड़ने वाला है लेकिन नही. सोनिया चुपचाप नीचे देख रही थी. आख़िरकार सुप्रिया ने उस पर चिल्लाना बंद किया जब उसने देखा कि वो नही मानने वाला.

जाने से एक साप्ताह पहले वो अपार्टमेंट छोड़ घर मे शिफ्ट हो गया था. और जाने से एक रात पहले वो सबके साथ डिन्नर पर गया, स्नेहा को छोड़कर जो -------- मे थी. उसे उसने फोन पर बताया था तो वो भी थोड़ा दुखी हुई थी लेकिन समझ गयी थी.

रात को वो लोग घर पहुचे तो अरुण सीधा अपने रूम मे चला गया. अभी बस वो सोने ही वाला था कि एक एसएमएस आया. एसएमएस सुप्रिया का था, उसने जल्दी से उसे नीचे बुलाया था.

वो नीचे उसके रूम मे गया, तो घुप्प अंधेरा था. उसने लाइट जलाई तो एक दम से पीछे हटने लगा. सामने तीनो सेक्सी सी नाइटी पहने खड़ी थी.

"लास्ट टाइम, अरुण." सुप्रिया बोली और उसे खीच कर बिस्तर पर ले आई. सोनिया उसके होंठो को चूमने लगी, आरोही शर्ट को खोलने मे और सुप्रिया पॅंट उतारने मे.

काफ़ी रात तक तीनो आख़िरी बार अपने भाई के साथ प्रेमरस मे डूबे रहे. दूसरी बार झड़के अरुण तीनो के साथ लेट गया. सोनिया और आरोही का चेहरा उसकी गर्दन के दोनो तरफ था और आरोही के पीछे सुप्रिया थी. सोनिया की आँखो से थोड़े आँसू गिरे लेकिन फिर सभी सो गये.

अगले दिन सुबह सब उसे एरपोर्ट छोड़ने गये और वो चला गया.

***********
तीन साल बाद अरुण ने वहाँ एरपोर्ट पर कदम रखा. वो काफ़ी उतावला हो रहा था अपनी बहनों से मिलने के लिए. कितना वक़्त हो गया था उनसे मिले हुए.

उसने लोगो की भीड़ मे कोई जाना पहचाना चेहरा ढूढ़ने की कोशिश की तब तक रोहित उससे गले मिलने लगा.

"सो गुड टू सी यू!" रोहित चिल्लाते हुए बोला.

अरुण भी अच्छे से उस से गले मिला. "हे बडी. हाउ'स एवेरितिंग?"

"घर चले पहले. हमारी बहने इंतजार कर रही हैं अगर जल्दी नही पहुचे तो मार डाले जाएँगे."

अरुण हंसते हुए साथ मे चलने लगा.

रोहित के साथ वो घर की तरफ जाने लगा. ऐसा नही था कि वहाँ उसकी बात नही होती थी घर पर लेकिन काफ़ी कम बातें होती थी. अरुण रोहित से पूछने की कोशिश मे था कि

क्या क्या बदल गया है लेकिन वो छुपा ही रहा था.

"तो तू मुझे कब बताने वाला है सीक्रेट?" अरुण ने पूछा.

"अपनी बहनों से पूछना.." रोहित ने सीधे कह दिया.

कुछ मिनिट बाद वो दोनो घर पहुचे तो, तो सभी थे घर पर, सुप्रिया, स्नेहा, आरोही, सोनिया, एश, और निशा. सभी सिस्टर्स और एश तुरंत ही उसके गले लग गयी.

उसने निशा से ही बोला, वो काफ़ी खुश लग रही थी.

सभी अंदर बैठकर उसे खाना खिलाने लगे और पूछने लगे वहाँ की लाइफ के बारे. अरुण जितने अच्छे से हो सकता था उतने अच्छे से उनको सवालो के जवाब देता चला गया.

उसके मन मे लेकिन चल रहा था कि कुछ तो अलग है. चलो निशा बात कर रही है रोहित से लेकिन पहले की तरह नही. ये तो वो रोहित से बाद मे पूछ ही लेगा लेकिन कुछ

और भी है. उसने ध्यान दिया और कुछ ही देर मे उसे पता चल गया. एश रोहित के कान मे कुछ कह रही थी.
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sexi munda
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Re: मेरी बहनें मेरी जिंदगी

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"ओह माइ गॉड! गिल्टी," अरुण ने एश की तरफ उंगली करते हुए कहा.

रोहित ने अपने हाथ खड़े कर लिए. एश ऐसे ऐक्ट करने लगी जैसे कि उसे कुछ पता ही ना हो. "क्या?" उसने निर्दोष बनते हुए पूछा.

"तुम और रोहित साथ साथ हो.."

एश के चेहरा गुलाबी होने लगा. "ओके ओके..यस."

"मैने कहा था ये समझ जाएगा," रोहित बोला.

"कब से?" अरुण ने हंसते हुए पूछा.

"2 साल और हम लोग तेरा ही इंतजार कर रहे थे कि कब तू आए और हम लोग शादी करे." रोहित बोला.

"यप. शादी. और मेरे घर मे प्यारी सी भाभी आए," निशा एश का हाथ पकड़ के बोली.

अरुण को काफ़ी ख़ुसी हुई कि निशा उनके साथ वापस आ गयी है. उसने मन मे नोट कर लिया कि रोहित से इस बारे मे पूछेगा.

"ओके, लेकिन मुझे ऐसा क्यू लग रहा है कि सिर्फ़ यही एक सीक्रेट नही है?" अरुण ने सबकी ओर देखकर कहा.

सुप्रिया कनखियो से बाकियों की ओर देखने लगी.

"दी...." अरुण ने उसकी ओर देखते हुए पूछा.

"व्हाट?"

"दी......" अरुण एक स्माइल के साथ उसे देखते हुए बोला.

"ओके..तुम उनसे शाम को मिलोगे." सुप्रिया हल्के से शर्मा कर बोली.

"उनसे?" अरुण ने पूछा. फिर तभी उसे समझ मे आ गया कि किस ओर इशारा है.

"वाउ....नाइस." अरुण बोला. फिर खाना ख़ाके अरुण अपने रूम मे गया तो रूम उसका वैसा का वैसा ही था. कुछ देर बाद स्नेहा रूम मे आई. स्नेहा उसे अपनी ट्रिप्स के बारे मे बताने लगी.

"तुम्हे विस्वास नही होगा कि वहाँ के ट्राइबल पीपल कितने अच्छे हैं..सो फ्रेंड्ली. आइ लव इट डाउन देयर."

"तो तबसे कितनी बार जा चुकी हो एग्ज़ॅक्ट्ली?" उसने पूछा.

"6 या 7 बार आइ गेस. मुझे रिसर्च के लिए बुलाते रहते हैं. पता है मुझे अब एक्सपर्ट्स की केटेगरी मे रखा जाता है." वो इतराते हुए बोली.

"तो आपकी लाइफ मे भी कोई है? मुझे लगता है आपकी लाइफ मे कोई तो आ गया होगा. आफ्टरल यू'आर वन ऑफ दा मोस्ट ब्यूटिफुल वुमन आइ नो."

वो शरमा गयी. "थॅंक यू, बेबी. नही अभी कोई नही है. मैं अभी अपनी रिसर्च मे ही पूरा ध्यान दे रही हूँ. एक लड़का था जिसके साथ मैं 2 3 डेट्स पर गयी लेकन बात कुछ आगे नही बढ़ी. लेकिन मुझे कुछ महीनो के बाद जाना पड़ता है तो रिलेशन्षिप बनाए रखना मुश्किल है."

"आर यू ओके?" उसने पूछा.

वो मुस्कुरा कर उसके कंधे पर सिर रखने लगी. "ऑल्वेज़ वरीड अबाउट अस," उसने उसके गाल पर किस करते हुए कहा. "आइ'म ओके. आइ प्रॉमिस."

"आंड चिंता मत करो हम लोग मेरी नेक्स्ट ट्रिप से पहले कुछ ना कुछ ज़रूर करेंगे, जस्ट अस." वो आँख मारते हुए बोली.

"स्टॉप." अरुण हंसते हुए बोला.

"रोक पाओ तो रोक लेना." वो हंसते हुए बोली.

अरुण सिर हिलाते हुए हंसता रहा.

शाम को वो आरोही के साथ बाहर टहल रहा था. वो दोनो खूब बातें कर रहे थे. आफ्टर ऑल उनका कनेक्षन ही अलग था.

"कभी कभी मेरा बहुत मन करता था कि मैं सब कुछ छोड़ के तुम लोगो के पास चला आउ लेकिन फिर मुझे ध्यान आता था कि ये दूरी कुछ वक़्त के लिए ज़रूरी है.

सॉरी इफ़ दिस वाज़ हार्ड ऑन यू." अरुण नीचे देखते हुए बोला.

आरोही ने उसके कंधे पर हाथ रख लिया और गाल पर किस कर दिया. "इट्स ओके, बडी."

"तो तुम्हारी लाइफ मे क्या चल रहा है. मुझे लगा कि तुम और रोहित कपल बन जाओगे एंड मे.." अरुण बोला.

"रोहित और मैं. नेवेर. बाइ दा वे देयर'स सम्तिंग यू नीड टू नो," उसके चेहरे पर गंभीर भाव थे.

"सोनिया कमिटेड है किसी के साथ," उसने अंदाज़ा लगाया.

आरोही उसे प्यार से देखने लगी. "तुम्हे कैसे पता चला?"

"आइ फिगर्ड. तुम लोग कुछ छुपा रहे थे और वो भी ज़्यादा कुछ नही बोली. मुझे लग भी रहा था कि कुछ और बात छुपाई जा रही थी."

"आइ'म सॉरी," आरोही बोली.

अरुण हल्के से मुस्कुरा दिया. "इट वाज़ माइ चाय्स. मैं खुश हूँ. वो खुश है क्या?"

आरोही ने हां मे सिर हिला दिया. "उतनी ही जितनी कि तब थी जब वो तुम्हारे साथ थी."

"फिर क्या दिक्कत है. वही तो सबसे बड़ी बात है. आंड डॉन'ट वरी आइ'शेल बी ओके." वो अपने बाल सहलाते हुए बोला. "तो कैसा है वो लड़का?"

"तुम खुद ही उससे मिल लेना," वो उसकी ओर देखते हुए बोली. "उसने हम लोगो को भी ज़्यादा कुछ नही बताया है. शायद उसे डर है कि तुम्हे पसंद नही आएगा. वो उसी के साथ रह रही है पिछले कुछ महीनो से." वो बोली.

अरुण ने सिर हिला दिया. "आइ'शेल टॉक टू हर. वैसा तुम्हारा क्या चल रहा है?"

आरोही ने कंधे उचका दिए. "मैं किसी को ढूँढ नही रही हूँ अभी. मुझे अभी भी लगता है कि तुम्हे थोड़ी अकल आ जाए और तुम फिर से मुझ पर हक़ जताने लगो."

अरुण मुस्कुराने लगा. "आइ डू मिस यू बीयिंग सो वाइल्ड आंड किकी,"

"क्या मैं चूस दूं?" आरोही नॉटी स्माइल के साथ आगे झुकते हुए बोली.

"लीव इट," अरुण हंसते हुए उसे उठाकर बोला.

आरोही हँसती रही. "क्यू, ऐसे ही फ्रेंड्ली ब्लोवजोब तो चल सकती है ना." फिर आँख मार दी. "खैर, तुम्हे सोनिया से बात करनी चाहिए. आइ'ल्ल बिहेव प्रॉबब्ली."

आरोही हंसते हुए उसके साथ घर पहुचि तो सोनिया बाहर ही थी. जाने से पहले सोनिया ने आरोही के कान मे कुछ कहा तो आरोही हंसते हुए अंदर चली गयी.

"हे," वो बोला.

"हाई," वो धीमी आवाज़ मे बोली और उसके साथ ही बाहर बैठ गयी.

"तो नींद आ रही है सही?" उसने पूछा.

वो मुस्कुरा दी. "ऑल्वेज़ कन्सर्न्ड अबाउट मी, हां भाई."

अरुण ने सिर हिला दिया. "यप, ऑल्वेज़," दोनो के बीच एक अजीब सी खामोशी छा गयी.

सोनिया ने ही वो खामोशी ख़त्म की.

"तो आरू ने बताया होगा उसके बारे मे?" उसने उसकी ओर देखते हुए पूछा.

अरुण ने मुस्कुरा कर हां मे सिर हिलाया और एक आँसू उसकी आँख से निकलकर गाल पर आ गया.

"आइ'म रियली हॅपी फॉर यू, गुड़िया." वो बोला. "आइ'म सॉरी आइ हर्ट यू."

वो मुस्कुराते हुए सिर हिलाने लगी. "भाई, यू डॉन'ट नीड टू बी. मैं समझ सकती हूँ कि ये क्यूँ हुआ. आइ नो यू लव मी. लेकिन मेरा भाई रहना ज़्यादा ज़रूरी है. यू डिड्न'ट वान्ट टू सी दट बॉन्ड टू बी ब्रोकन. ये होना ही था, अब मैं समझ गयी हूँ."

अरुण ने उसे गले से लगा लिया. वो खुशी से आह भरके कुछ देर बाद बैठी.

"तो नाम क्या है?"

वो मुस्कुरा दी. "आप जल्दी ही उससे मिलोगे. रात को, अगर चाहो तो.

"श्योर, अगर तुम्हे ठीक लगे तो," वो बोला.

उसने भी सिर हिला दिया. "अंदर चले, बड़े जीजा जी आने वाले होंगे," अरुण तोड़ा हंसते हुए बोला. "आंड उसे पता है ना..."

"क्या?"

"कि अगर उसने तुम्हे कभी भी दुख पहुचाया तो वो इस दुनिया मे नही रहेगा."

सोनिया हँसने लगी और उसके साथ चलने लगी. "ना, उसकी ज़रूरत नही पड़ेगी. आइ आम प्रेटी श्योर यू'आर गोयिंग टू लाइक हिम. ही'ज आ गुड गाइ जस्ट लाइक यू."

रात मे वो लड़का भी आ गया जिसे सुप्रिया ने चुना था. उसका नाम अजय था, अरुण को काफ़ी ठीक लगा. डिन्नर के बाद रोहित के साथ अरुण बाहर बैठा था.

"सो, आइ वान्ट टू अस्क सम्तिंग?" अरुण बोला.

"निशा?" रोहित ने मुस्कुराते हुए पूछा.

"यॅ..कैसे..?"

"तेरे जाने के बाद, लाइफ तो मेरी वैसे भी और बोरिंग हो गयी लेकिन आरू और एश के साथ बॉनडिंग बढ़ती गयी. एश और मैं..वी काइंड ऑफ हिट इट ऑफ. शी'स स्पेशल ऐज यू अल्वेज सेड. एवेंच्युयली हम दोनो काफ़ी क्लोज़ आ गये और मैने अपना सीक्रेट भी उसे बता दिया, आंड शी अंडरस्टुड. आंड आइ फेल इन लव वित हर. अभी एक साल पहले वी डिसाइडेड जैसे ही तू आ जाएगा और हम अपना बिज़्नेस स्टार्ट करेंगे आइ विल मॅरी हर. अब बहेन के बिना शादी कैसी तो एक वीकेंड पर निशा आई थी, हमेशा की तरह उसने मुझे इग्नोर किया बट एश थी तो एश से बात करती रही. डिन्नर के वक़्त मैने अनाउन्स किया कि 2 साल के अंदर अंदर मैं और एश शादी करना चाहते हैं. मोम डॅड काफ़ी खुश हुए, निशा चौंक गयी. उन 3 सालो मे वो पहला दिन था जब मैने घर मे निशा को मेरी तरफ देखकर मुस्कुराते हुए देखा. और मुझे पता चल गया कि मैने सही फ़ैसला लिया है."

"अगले दिन मैं हिम्मत करके उसके अपार्टमेंट पहुचा. पहले तो उसने मुझे देखकर गेट बंद कर दिया लेकिन फिर अंदर बुला लिया. आइ टोल्ड हर एवेरितिंग, मीन्स एवेरितिंग. इस बार उसने मेरी बात सुनी. जब मैने उसे बताया कि तू भी अपनी सिस्टर्स के साथ इंटिमेट था तो उसे विस्वास नही हुआ लेकिन फिर जब मैने उसे हिंट्स दी तो वो समझ गयी."
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Re: मेरी बहनें मेरी जिंदगी

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"मैने उसे ये भी बता दिया कि एश को मेरे और उसके बारे मे पता है, वो थोड़ी नाराज़ हुई लेकिन जब उसने देखा कि एश जानती है कि वो मेरा पास्ट है और उसे इससे कोई प्राब्लम नही है तो वो रिलॅक्स हुई. आइ टोल्ड हर तट आइ'म सॉरी फॉर ऑल ऑफ दिस. अगर उसने मुझे सच मे माफ़ कर दिया हो तो प्लीज़ मेरी फॅमिली दोबारा पूरी कर दे. आइ वान्ट माइ सिस्टर बॅक. पहले तो उसने मना कर दिया बट मैने कहा अभी नही तो सोचे इस बारे मे. आइ टोल्ड हर दट शी वाज़ फर्स्ट लव ऑफ माइ लाइफ बट आइ लव माइ सिस्टर मोर."

"एवेंच्युयली 2 महीने बाद वो घर मे शिफ्ट हो गयी. उसकी और एश की खूब बनती है, आइ'म ग्लॅड फॉर दट. माना कि हम दोनो पहले जैसे बात नही करते हैं लेकिन काफ़ी बातें हो जाती हैं. वी आर अट पीस वित और पास्ट. वो अभी अपने ही कॉलेज के एक लड़के के साथ डेटिंग कर रही है. मैं मिला हूँ उससे, लगता तो ठीक है लेकिन आगे पता नही. सो बेसिकली, आइ'म हॅपी नाउ और उससे ज़्यादा खुश अब हूँ जब मेरा भाई वापस आ गया है." रोहित उसके कंधे को पकड़कर बोला.

अरुण को ये सुनकर काफ़ी तसल्ली हुई कि रोहित की लाइफ नॉर्मल हो गयी है. रोहित कुछ देर बाद बाइ बोलकर एश और निशा के साथ चला गया. उसके बाद सोनिया आई और बोली.."चले भाई..आप मेरे पीछे ही रहना." सोनिया अपनी कार के साथ आगे बढ़ गयी और अरुण उसके पीछे पीछे चलने लगा.

जाने किस वजह से अरुण नर्वस होने लगा. क्या वो सच मे इस लड़के से मिलना चाहता है?

"मैं क्या कहता हूँ, पहले अपने लोग अच्छे बच्चे बनेंगे फिर साले की जान ले लेते हैं अगर कुछ ग़लत हरकत करता है तो." आवाज़ ने कहा

"ओके," अरुण ने सोचा.

सोनिया कार को वहीं ले गयी जहाँ पहले अरुण बीच मे रहने आया था. कार को उसने सेम बिल्डिंग के सामने रोका जहाँ अरुण रहता था. अरुण कन्फ्यूज़ होते हुए कार से उतरा.

"मेरी ही बिल्डिंग मे रहता है?"

"यप,"

"दट'स कूल." अरुण होला.

सोनिया ने उसका हाथ पकड़ा. "कम ऑन," वो हंसते हुए चलने लगी.

वो लोग 5थ फ्लोर पर पहुचे और एक अपार्टमेंट के बाहर आकर खड़े हो गये. "सोनिया, ये मेरा पुराना अपार्टमेंट है."

सोनिया उसे क्यूर्षसिटी से देखने लगी. "नही भाई, आपका वो वाला था." उसने हॉल के दूसरी तरफ उंगली करते हुए कहा.

"नही, इट वाज़ 5ए."

"तो हो सकता है वो यहाँ आ गया हो जब आप चले गये. कम ऑन इन,"

अरुण ने सिर हिलाया और तभी उसे रियलाइज़ हुआ कि कितनी अजीब सिचुयेशन मे वो फस गया है. उसने सोच लिया कि वो अभी कोई बहाना बनाएगा और चला जाएगा, मिलना कभी और भी हो जाएगा. वैसे भी अब वो यही अपना बिज़्नेस स्टार्ट करेगा जैसा कि उसने और रोहित ने सोचा था.

"मैं चेंज करके आती हूँ. फ्रिड्ज मे कुछ ड्रिंक्स हैं. आप आराम से बैठो."

अरुण ने सिर हिला दिया. "आइ डेफनेट्ली नीड वन,"

"क्यू अच्छा नही लग रहा?" उसने उसके पुराने बेडरूम मे जाते हुए पूछा. उसका बेडरूम. उनका बेडरूम."

"थोड़ा," अरुण बोला. वो फ्रिड्ज से बियर निकालकर पीने लगा.

कमरे मे निगाहे दौड़ाते हुए उसे थोड़ा अजीब लगा.

"ड्यूड, ये किसी लड़के के अपार्टमेंट जैसा तो लग नही रहा. तुझे लगता है कि इतने महीनो मे इसने ही सारे डिसिशन ले लिए होंगे, रूम की सजावट के?" आवाज़ ने पूछा.

अरुण सोचने लगा. "लग तो यही रहा है."

उसने सामने कॉफी टेबल देखी. "वेट आ सेकेंड," उसने सोचा. "ये तो मेरी ही टेबल है. इसका कोना भी वैसा ही जैसा मैने जोड़ा था जब रोहित की वजह से ये टूट गया था."

"मुझे कुछ गड़बड़ लग रही है, बाबा." आवाज़ ने कहा

अरुण भी उसकी बात से सहमत था.

सोनिया तभी बेडरूम से बाहर आई.

अरुण की साँसें वही थम गयी और आँखें चौड़ी हो गयी.

सोनिया अपने एक कूल्हे पर हाथ रख के खड़ी थी. उसके बाल एक रेड रिब्बन से बँधे हुए थे और उसने एक गुलाबी नेग्लिजी पहनी हुई थी.

"आपने मेरे बाय्फ्रेंड को हाई बोला?" वो धीरे धीरे उसके पास चलते हुए आई.

अरुण को कुछ समझ नही आ रहा था कि हो क्या रहा है.

"वेट..क्या?" उसके मूह से मुश्किल से निकला.

"यू, ईडियट," वो उसके हाथ को पकड़ते हुए बोली. "कम ऑन," वो उसे बेडरूम की ओर ले जाते हुए बोली.

अरुण को तो होश ही नही था, वो बस साथ मे खिचा हुआ चला गया उसके साथ.

"सोनिया, हो क्या रहा है?" उसने कन्फ्यूज़ होकर पूछा. "मुझे लगा कि तुम किसी के साथ रिलेशन्षिप मे हो. घर पर सबको लगता है कि तुम किसी के साथ कमिटेड हो."

सोनिया ने मुस्कुरा कर कंधे उचका दिए. "आइ आम." वो आगे बढ़कर अपना चेहरा उसके सीने मे रगड़ने लगी. अरुण ने उसे रोक दिया.

"मैं आपके साथ रिलेशन्षिप मे हूँ," सोनिया बोली.

अरुण सिर हिलाने लगा. "दिस इज़्न'ट फन्नी,"

"भाई, मुझे कोई फ़र्क़ नही पड़ता आप क्या सोचते हो कि आपको क्या करना है. मेरी जिंदगी मे अगर कोई है तो सिर्फ़ आप हो. मैं कभी इस रिश्ते को छोड़ने नही वाली."

"सोनिया, स्टॉप दिस."

वो फिर भी मुस्कुराती रही. "कॅन'ट यू सी, भाई. मैं कभी आपको नही छोड़ सकती."

"सोनिया, ये पागलपन है. बहेन हो तुम मेरी."

"आइ डोंट केयर."

"नही, तुम ऐसा नही कर सकती. हम ऐसा नही कर सकते," अरुण जल्दी से बोला.

"आइ लव यू, भाई. मैने उस रात से आपको प्यार किया है जिस रात आपने मुझे पहली बार अपने पास सुलाया था. आप मेरे भाई हो, ये बात सच है, लेकिन मेरे लिए आप उससे कहीं बढ़कर हो, ये बात भी सच है. आप मुझे कंप्लीट करते हो."

"सोनिया..."

"भाई, एक बार मेरी आँखो मे देख के कह दो कि आप मुझे उतना प्यार नही करते जितना यहाँ से जाने से पहले करते थे. मैं खुशी ख़ुसी दूर हो जाउन्गी."

अरुण ने सिर झिटक दिया. "सोनिया, ऑफ कोर्स आइ स्टिल लव यू, लेकिन पॉइंट ये नही है."

"भाई आप कुछ ज़्यादा ही सोचते हो. यहाँ एक लड़की जो नंगी है और आपसे दो इंच की दूरी पर बैठी है, वो लड़की जिसे आपने अभी कहा कि आप प्यार करते हो और आप उसके साथ प्यार नही कर रहे हो."

"पॉइंट है." आवाज़ ने कहा

"नोट हेल्पिंग!"

"यही तो प्लान है." आवाज़ ने कहा

"सोनिया, कम ऑन." अरुण थोड़ा झुंझलाते हुए बोला.

"भाई, अगर आप आज रात ही कहीं चले जाओ और दोबारा 3 साल बाद आओगे तब भी मैं आपका यही इंतजार कर रही होउंगी. आप चाहो तो किसी और से शादी भी कर लेना.

मैं तब भी आपका इंतेज़ार करती रहूंगी. आप सन्यासी बन जाओ, इग्नोर करते रहो मुझे, मैं फिर भी आपका इंतेज़ार करती रहूंगी. आइ जस्ट नो वन थिंग, आइ लव यू," उसने उसका चेहरा पकड़ते हुए कहा.

"सोनिया, ये नही हो सकता" वो बोला.

"मेरी नज़र से हो सकता है," वो बोली.

"मैं तुम्हे वो जिंदगी नही दे पाउन्गा!" वो चिल्ला कर बोला.

"अगर आप इस जिंदगी मे नही तो मुझे नही चाहिए ये जिंदगी!" वो भी चिल्ला कर बोली.

"सोनिया समझने की कोशिश कर, आइ कॅन'ट गिव यू चिल्ड्रेन! सोसाइटी ये आक्सेप्ट नही करेगी."

"किसने कहा? ये छोटी प्रॉब्लम्स हैं भाई. हम लोग इनके सल्यूशन्स निकाल सकते हैं."

"सोनिया..."

"भाई, लिसन टू मी. यू लव मी. मैं जानती हूँ. अगर हम दोनो का प्यार सच्चा है तो ये दुनिया, ये समाज हमें एक होने से नही रोक सकता. अगर मैं आपसे दूर रही तो कभी खुश नही रह पाउन्गी. शादी? शादी बस शब्दो का खेल है. आप बस मेरे साथ रहें यही बहुत है मेरे लिए."

अरुण सिर हिलाने लगा. "आइ डॉन'ट वॉंट टू हर्ट यू!"

"मैं उससे नही डरती भाई. दर्द से ही तो पता चलता है कि हम जो कर रहे हैं वो सही है. यही तो बताता है कि हम उस इंसान से कितना प्यार करते हैं."

वो उसकी आँखो मे देखने लगी.

"अगर आप मुझसे प्यार नही करते तो आप जा सकते हैं, मैं कभी आपसे इस बारे मे बात नही करूँगी."

अरुण भी उसकी ओर देखने लगा. "मैं एक सेकेंड के लिए भी तुम्हे प्यार ने करने के बारे मे नही सोच सकता," उसने अपनी जेब से एक रिब्बन निकाल कर कहा. ये वही रिब्बन था जो सोनिया ने एक रात पहना था और अरुण को दे दिया था.

"भाई, देखो, ये सब चीज़े कह रही हैं कि हम दोनो का एक होना तय है."

अरुण सिर हिलाता रहा.

"भाई, मेरी तरफ देखो." उसने कहा. "आपने उस रात मुझे दो बार जिंदगी दी, एक बार रेप होने से बचाकर दोबारा मुझे अपने साथ मे सुला कर. फिर आपने आरू को बचाया. आपकी फ़ितरत मे है हम लोगो को प्रोटेक्ट करना. आपको क्यूँ लगता है कि आप हम लोगो को हमेशा बचाने की कोशिश करते रहते हो?"

अरुण एक पल के शांत रहा. "बिकॉज़ आइ लव यू ऑल."

"आप हम सबको प्रोटेक्ट करने मे इतने बिज़ी हो गये हो कि आप भूल गये हो, आपको भी प्रोटेक्षन की ज़रूरत है. अब मेरी बारी है आपको बचाने की."

अरुण ने उसे देखा और वो उसके गले लग गयी. इस बार अरुण ने उसे गले लगने से नही रोका.

"मैं आपके अपार्टमेंट का रेंट देती रही क्यूकी मुझे विस्वास था कि आप मेरे पास ज़रूर वापस आओगे," उसने और उसके कंधे पर सिर रख दिया.

"गॉड, आइ'हॅव मिस्ड यू," उसने उसके होंठो को चूमते हुए कहा.

"आइ लव यू," सोनिया सीधे उसकी आँखो मे झाँकते हुए बोली.

"आइ लव यू टू," वो उसे बिस्तर पर उसे लिटाते हुए बोला.

एक एक करके दोनो के कपड़े उतरते चले गये. अरुण बस उसके दूधो पर टूटा ही था कि डोरबेल बजी. तो वो झुंझला के उसे देखने लगा.

"मैं देखती हूँ," सोनिया खड़ी होकर अपना गाउन पहेन कर बाहर गयी. अरुण आराम से नंगा ही बेड पर लेट कर उसके आने का इंतजार करने लगा. कुछ देर बाद सोनिया अंदर आई तो उसके चेहरे पर एक स्माइल थी.

"भाई, कोई कुछ कहना चाहता है," सोनिया उसके पास आके लेटते हुए बोली.

एक नॉटी सी स्माइल वाला चेहरा दरवाजे से झाँकते हुए दिखा. आरोही एक नॉटी स्माइल के साथ दरवाजे से उसे देख रही थी.

"यॅ, आज तो इसे 3 साल की पूरी पनिशमेंट मिलनी चाहिए.."

"लगता है किसी को काफ़ी दिनो से सज़ा नही मिली है." अरुण हंसते हुए उसकी ओर देख कर बोला.

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दा एंड
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