Incest-चुदासी फैमिली complete

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vnraj
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Re: Incest-चुदासी फैमिली

Post by vnraj »

बहुत मस्त अपडेट था, ओ कहते है न देर से आये लेकिन दुरस्त आये
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007
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Re: Incest-चुदासी फैमिली

Post by 007 »

दोस्त मस्त अपडेट है
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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Rohit Kapoor
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Re: Incest-चुदासी फैमिली

Post by Rohit Kapoor »

sexi munda wrote:hot update mitr
vnraj wrote:बहुत मस्त अपडेट था, ओ कहते है न देर से आये लेकिन दुरस्त आये
007 wrote:दोस्त मस्त अपडेट है
थॅंक्स मित्रो अपडेट जारी है
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Rohit Kapoor
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Re: Incest-चुदासी फैमिली

Post by Rohit Kapoor »


सुधा अपने रूम में जाती है और जाते ही सबसे पहले अपनी जीन्स उतार देती है और अपनी फूली चूत को खूब अच्छे से सहलाती है वह तो पहले ही मूड में थी और सोनू ने उसकी चूत को और भी पानी पानी कर दिया था, तभी उसके मन में आया कि वह लेग्गी पहन कर पढ़ने जाएगी और वह लेग्गी पहन कर पापा के पास पहुच जाती है

मनोहर एक चादर ओढ़े बेड पर तकिया लगा कर लेटा था और नीलम बाहर जा चुकी थी,

सुधा : गुड मॉर्निंग डॅड, सुधा ने अपने डॅड के अग्लो को चूमते हुए कहा,

सुधा के गदराए बदन की मादक महक जैसे ही मनोहर के नथुनो मे भरी उसका लंड अंगड़ाई लेने लगा मनोहर की नज़र सुधा के मोटे मोटे रसीले दूध पर गई जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आने जैसे लग रहे थे उसके बाद मनोहर की नज़रे लेग्गी के उपर से फूली हुई चूत के उभार पर गई तो उसने चादर के अंदर ही अंदर अपने लंड की खाल को नीचे करते हुए अपने टोपे को बाहर की तरफ निकाल लिया और सुधा की मस्त मोटी मोटी जाँघो का साइज़ देख कर मनोहर का लंड विदिन आ सेकेंड फनफना गया

सुधा अपनी मोटी गान्ड को बेड पर रखती हुई मनोहर की कमर के पास बैठ गई और मनोहर ने उसकी मोटी गान्ड का साइज़ देखते हुए अपने लंड को मुट्ठी में दबोच लिया

सुधा : डॅड यह सवाल कल अधूरा रह गया था बता दीजिए ना,

उसका इतना कहना था कि इतने में सोनू अंदर आ गई और चाइ रखते हुए कहने लगी गुडमॉर्निंग पापा और जानबूझ कर सोनू ने साड़ी का पल्लू पापा जी के सामने गिरा दिया और उसके ब्लाउज मे कसे हुए गोरे गोरे दूध मनोहर की आँखो के सामने आ गये

उसका ब्लाउज वैसे भे डीप था और उस पर सोनू के ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे मनोहर का लंड अपनी बहू के मोटे मोटे रसीले दूध को देख कर झटके खाने लगा,

मनोहर : गुडमॉर्निंग बेटा

सोनू : पापा सुधा को आप बस पढ़ाते ही है या ग़लत सवाल करने पर पिटाई भी करते है, मेरे पापा जब पढ़ाते थे तो मुझे बहुत पीटते थे

सुधा : सोनू को घूर कर देखते हुए, भाभी मुझसे तो सब आता है फिर पापा मुझे क्यो मारेंगे

सोनू : पापा पिटाई लगाने पर बच्चो को जल्दी याद हो जाता है यह कहते हुए सोनू हँसने लगी

मनोहर : वैसे सोनू ठीक कह रही है, थोड़ी बहुत पिटाई मुझे भी सुधा की करनी ही पड़ेगी और मनोहर ने सुधा की पीठ पर हल्के से हाथ मार दिया और सोनू और सुधा मुस्कुराने लगी और मनोहर भी हँसने लगा, जब सोनू अपनी मोटी गान्ड मटकाते हुए जाने लगी तो मनोहर उसकी मस्त मादक मस्तानी गान्ड के उपर नीचे होते चुतड़ों को देखने लगा और सुधा ने अपने पापा की नज़रो को देख लिया और उसकी धड़कने इस नज़ारे को देख कर बढ़ सी गई थी, अभी मनोहर की नज़रे सोनू की गान्ड पर ही थी कि सोनू ने दरवाजे तक पहुचते हुए पलट कर देखा और मनोहर को अपनी गान्ड को घूरते हुए पकड़ लिया लेकिन मनोहर भी बड़ा कमीना था उसने ज़रा भी नज़रे नही हटाई और सोनू एक कातिल मुस्कान देते हुए बाहर चली गई,

उसकी मुस्कान देख कर मनोहर बहुत खुश हो गया और बैठते हुए सुधा की लेग्गी के उपर से उसकी मखमली मोटी जाँघो को दबाते हुए कहने लगा हाँ बेटा अब बताओ कौन सा सवाल नही आ रहा है तुम्हे, मनोहर की नीयत को समझते हुए सुधा को बड़ा अजीब फील हो रहा था लेकिन ना जाने क्यो उसे मज़ा भी आ रहा था और उसकी चूत फूलने लगी थी, वह पैंटी पहले ही उतार कर आई थी इसलिए उसे और भी मज़ा आ रहा था, मनोहर का हाथ उसकी जाँघो पर रखा हुआ था और उसका चेहरा लाल हो रहा था, मनोहर उसकी बुक में देखते हुए उसे समझने लगा लेकिन सुधा का मन नही लग रहा था,

मनोहर ने पूछा आया समझ मे तब सुधा ने कहा हाँ पापा, तब मनोहर ने टेस्ट लेते हुए पूछा अच्छा तो बताओ यह संख्या कैसे आई, सुधा एक दम से चुप रह गई

मनोहर : सुधा की कमर में हाथ से हल्के से मारते हुए कहने लगा सोनू ठीक कह रही थी लगता है सच मुच तुम्हारी पिटाई करनी पड़ेगी इतना अच्छे से बताने पर भी तुम्हे समझ नही आया

सुधा : हँसते हुए पापा आपकी चाइ ठंडी हो रही है

मनोहर : हँसते हुए एक चुस्की लेता है और कहता है अभी तो काफ़ी गरम है और उसकी नज़र सुधा के मोटे मोटे दूध को देखने लगती है सुधा का मूह बुक की ओर था लेकिन उसे अपने पापा की नज़रे अपने मोटे मोटे दूध पर चुभती हुई साफ महसूस हो रही थी, कुछ देर बाद सुधा सवाल समझ कर बाहर चली जाती है और सामने उसे किचन में सोनू दिखाई देती है और वह सीधे मुस्कुराती हुई सोनू के पास पहुच जाती है,

सुधा: हँसते हुए, भाभी आप बड़ी खराब है पापा से मेरी पिटाई करवाना चाहती है

सोनू : हँसते हुए, अरे मैं तेरी पिटाई नही मैं तो तेरी ठुकाई करवाना चाहती हूँ, और मैं क्या चाहूँगी, मुझे तो लगता है पापा खुद तेरी ठुकाई करना चाहते है,

सुधा : धीमी आवाज़ में चुप करो भाभी कोई सुन लेगा तो क्या सोचेगा

सोनू : क्यो तुझे नही लगता कि पापा तुझे ठोकना चाहते है, इस बार सोनू ने दबी आवाज़ मे कहा

सुधा : मुस्कराते हुए, रहने दो भाभी मुझे तो लगता है पापा आपको ठोकना चाहते है तभी तो..........सुधा यह कहते कहते रुक गई

सोनू : बोल बोल आगे बोल तभी तो क्या

सुधा : तभी तो पापा आपके पीछे देख रहे थे,

सोनू : साफ साफ बोल आगे पीछे क्या लगा रखा है, साफ क्यो नही कहती कि पापा मेरी तंदुरुस्त मटकती गान्ड को घूर रहे थे

सुधा : हाँ वही

सोनू : अच्छा भली तो इतनी बनती है जैसे पापा तेरी गान्ड को ना देखते हो

सुधा : मूह बनाते हुए मेरी क्यो देखेंगे

सोनू : क्यो तेरी गान्ड मोटी नही है क्या, मेरी तो मरा मरा कर मोटी हो गई है पर तेरी तो बिना मराए ही इतनी मोटी हो रही है जब तेरी इस गान्ड की तबीयत से ठुकाई होगी तब ना जाने यह कितनी मोटी हो जाएगी, सोनू ने सुधा के मोटे चुतड़ों को दबोचते हुए कहा,

सुधा : आह भाभी क्या कर रही हो

सोनू : अपनी ननद के चुतड़ों का साइज़ देख रही हूँ और क्या

सुधा : भाभी एक बात कहूँ

सोनू : क्या

भाभी मैं नही जानती थी कि पापा की इतनी गंदी नज़रे है

सोनू : अरे मैने तो तुझे पहले ही कहा था कि बुढ्ढो को जवान लोंड़िया ही चोदने को चाहिए होती है इसी लिए तो तेरी और मेरी गान्ड के पीछे पड़े है, देखा नही तूने कैसे मेरी गान्ड को खा जाने वाली नज़रो से देख रहे थे,

सुधा : हाँ भाभी और मेरे भी ..................

सोनू : क्या तेरे भी..

सुधा : कुछ नही हँसते हुए

सोनू : अरे बता ना ऐसी बातों मे ही तो मज़ा मिलता है मुझसे क्या शरमाती है हम दोनो तो बहन जैसी है मैं जब तुझसे सब बाते बता देती हूँ तो फिर तू मुझसे परदा ना किया कर
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Rohit Kapoor
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Re: Incest-चुदासी फैमिली

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सुधा : भाभी पापा कुछ दिनो से मेरे दूध को बहुत देखते है

सोनू : मैं जानती हूँ उनका मन तेरे मोटे मोटे दूध दबाने का बहुत करता होगा, तू नही जानती जब वह तेरे दूध को देखते होंगे तब लूँगी के अंदर उनका लंड ज़रूर खड़ा रहता होगा

सुधा : हँसते हुए मुझे क्या पता

सोनू : तू देखने की कोशिश किया कर अगर तूने लूँगी में उनका खड़ा लंड देख लिया तो तुझे बड़ा मज़ा आएगा

सुधा : नही भाभी मैं भला कैसे देख सकती हूँ वह मेरे पापा है

सोनू : अरे पगली देखने में क्या जाता है आज कल तो सब एक दूसरे के अंगो को देख देख कर मज़ा लेते है तूने देखा ना पापा कैसे मेरी गान्ड और तेरे मोटे दूध को देख कर कैसे मज़ा लेते है, तू मोका देगी तो तेरे दूध दबा भी देंगे

सुधा : हँसते हुए तुम भी ना भाभी बड़ी चालू हो

सोनू : तेरे पापा से तो कम ही चालू हूँ, तभी वहाँ नीलम आ जाती है जिसके हाथ मे छत मे सुखाए हुए कपड़े थे और वह सोनू से कहती है आज तो हमे मार्केट चलना था ना तब सोनू कहती है जी मम्मी मैं तैयार हो जाती हूँ आप भी हो जाओ,

नीलम मुस्कुराते हुए कपड़े लेकर अपने रूम की ओर जाने लगती है तब सुधा और सोनू दोनो नीलम की जीन्स में उठी हुई मोटी गुदाज गान्ड की ओर देखने लगती है और सोनू कहती है देख सुधा तेरे पापा ने मम्मी जी की गान्ड मार मार कर कितनी चौड़ी कर दी है मम्मी जी की गान्ड देख कर ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पापा जी का लंड कितना मोटा और बड़ा होगा,

सुधा : हँसते हुए चुप करो भाभी

सोनू : मुस्कुराते हुए, सच सुधा जब तू गान्ड मरवा लेगी ना तो तेरे भी चूतड़ मम्मी जी की ही तरह मोटे मोटे हो जाएगे,

दोनो की बाते जारी रहती है और उधर नीलम धुले हुए कपड़े लेकर अपने रूम मे जाकर उन्हे घड़ी कर कर के आल्मिरा मे रखने लगती है, तभी मनोहर नीलम के पीछे जाकर अपने खड़े लंड को नीलम की मोटी गान्ड से घिसने लगता है और हाथ आगे लेजा कर नीलम के मोटे मोटे दूध को दबोचने लगता है

नीलम : क्या बात है जी सुबह से ही मस्ती चढ़ि हुई है

मनोहर : क्या करूँ रानी मोटी मोटी गान्ड और बड़े बड़े दूध मेरी कमज़ोरी है इन्हे देखते ही मेरा लंड अपनी औकात मे आ जाता है, तभी मनोहर की नज़र एक गुलाभी कलर की छीनी सी पैंटी पर पड़ती है जिसमे सिर्फ़ चूत की जगह पर कपड़ा होता है बाकी सभी जगह लेस लगी होती है, फिर नीलम एक वाइट कलर की पैंटी रखने लगती है वह भी लेस वाली झीनी सी पैंटी होती है,

मनोहर : अरे वाह नीलम यह लेस वाली सेक्सी सी पैंटी किसकी है

नीलम : मुस्कुराते हुए कहती है यह पिंक वाली सुधा की है और यह वाइट वाली बहू की

यह सुनते ही मनोहर का लंड और भी हार्ड हो जाता है और वह पूछता है कि सुधा और बहू इतनी सेक्सी और लेस वाली पैंटी पहनती है

नीलम : तो क्या मैं अपनी प्यारी बेटी और बहू को हल्के कपड़े पहनाउन्गी, आख़िर तुम कमाते किसके लिए हो

मनोहर : मैं कहाँ मना कर रहा हू डार्लिंग तुम कहो तो मैं अपनी बेटी और बहू के लिए एक से एक इंपॉर्टेंट ब्रा और पैंटी ला कर दे दूं

नीलम : ब्रा की तो ज़रूरत ही नही है सुधा और सोनू ना जाने क्यो ब्रा पहनने मे अनकंफर्ट फील करती है,

मनोहर : अपने लंड को नीलम की गान्ड मे दबाते हुए, कहने लगा उन दोनो के दूध कुछ ज़्यादा ही बड़े बड़े और मोटे है इसलिए उनके दूध आज कल की ब्रा में समाते ही नही होंगे

नीलम : चलो जी तुम्हारी तो आज कल अपनी बेटी और बहू के गदराए बदन पर ही निगाहे लगी रहती है, अब हटो भी मैं और सोनू ज़रा मार्केट हो कर आते है और फिर नीलम ने अपनी जीन्स उतार दी और उसकी मोटी गोरी गान्ड और सुडोल मोटी मोटी जांघे पूरी नंगी हो गई और मनोहर जाँघो को चूमते हुए नीलम के भारी चुतड़ों को दबोचने लगा

नीलम हटिए ना दरवाजा खुला है कोई आ ना जाए मुझे कपड़े पहनने दीजिए, उसका इतना कहना था कि रोहित अंदर आ गया और जैसे ही उसकी नज़र सामने पड़ी उसके तो होश उड़ गये उसके पापा उसकी माँ की चूत में मूह लगाए दोनो हाथों से उसकी मम्मी की मोटी गान्ड को फैला रहे थे और दबोच रहे थे और नीलम अपने हाथ मे लेग्गी लिए खड़ी थी, यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मनोहर का ध्यान तो रोहित पर नही गया पर रोहित और नीलम की नज़रे 5 से 10 सेकेंड के लिए एक दूसरे से मिल गई और रोहित ने कुछ देर तक खड़े खड़े अपनी मम्मी की भारी भरकम नंगी जवानी को अपनी आँखो से देखा और फिर बिना कुछ कहे चुपचाप वापस बाहर निकल गया और मनोहर को एहसास भी नही हुआ कि उसका बेटा अंदर आ कर अपनी माँ को पूरी नंगी देख कर जा चुका है, नीलम को कुछ देर तक तो कुछ भी नही सूझा लेकिन फिर ना जाने क्यो उसे बड़ा अच्छा फील हुआ और उसने मनोहर के सर को पकड़ कर अपनी चूत मे कस कर दबा दिया

मनोहर : क्या हुआ अभी तो मना कर रही थी अब मस्ती कैसे चढ़ने लगी,

नीलम : अरे मैं तो इसलिए मना कर रही थी कि दरवाजा खुला है कहीं रोहित अंदर आ गया और उसने अपनी मम्मी को पूरी नंगी देख लिया तो

मनोहर : नीलम की चिकनी चूत को चूमते हुए कहने लगा तो क्या हुआ अगर उसने अपनी मम्मी को नंगी देख लिया तो वह भी आकर अपनी मम्मी की गदराई जवानी का रस पी लेगा और क्या

नीलम : मनोहर की बातों से मस्ती से भर चुकी थी उसकी चूत को मनोहर चूम रहा था लेकिन मनोहर की बाते सुनते हुए उसे ऐसा लगने लगा जैसे उसका बेटा रोहित उसकी मोटी गान्ड को मसल्ते हुए उसकी चिकनी और नंगी चूत को अपने मूह से चूम रहा हो

नीलम : मनोहर की बात को सुन कर, अच्छा जी अपने पापा के सामने आपका बेटा अपनी मम्मी की नंगी गदराई जवानी का रस पिएगा तो आपको बुरा नही लगेगा

मनोहर : अरे तो क्या हुआ उसको भी पता चल जाएगा कि उसकी माँ कितनी गदराया हुआ मस्त चोदने लायक माल है,

नीलम : रहने दो जी मेरा बेटा ऐसा नही है कि अपनी मम्मी पर ही नज़र रखे

मनोहर : अरे तुम नही जानती आज कल के लोंडो को आज कल के लड़के सबसे पहले अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को देख देख कर मूठ मारना शुरू करते है, और फिर तेरी गान्ड तो इतनी गदराई है कि रोहित भी पक्का तेरी मोटी गान्ड को सोच सोच कर तुझे अपने ख्यालो में पूरी नंगी करके खूब रगड़ रगड़ कर चोदता होगा
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