अनोखी चुदाई complete

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rangila
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Re: अनोखी चुदाई

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एक दिन, भीमा ने कहा की बीबी जी, मुझे आप की गाण्ड बहुत अच्छी लगती है… एक बार, मारना चाहता हूँ…
तो मैंने कहा की बिल्कुल नहीं… मुझे भरी जवानी में नहीं मरना…
फिर मैने पूछा – कहाँ से आदत पड़ गई, यह…
भीमा बोला – दोनों भाभी की एक एक बार उन की गाण्ड में डाला हूँ… पर अब नहीं देतीं कहती हैं की बहुत दर्द होता है… तेरा लण्ड, गाण्ड मरवाने लायक नहीं है… यह तो गधे के लंड जैसा है, कोई गधी देख…
मैंने कहा की सही तो कहती हैं… दर्द तो होगा ही, तेरा लोडा इतना मोटा है की गाण्ड फट जाएगी…
फिर, मेरे वापस आने से तीन दिन पहले भीमा बोला – बीबी जी, आज आ जाऊं…
मेरा भी दिल करने लगा था सो मैंने कहा की ठीक है… रात को आ जा और फिर उस रात, दो बार चोदा उस ने मुझे…
गाण्ड मारने को बहुत ज़ोर मारा पर मैंने बोला – इतना बड़ा लण्ड, मेरी गाण्ड में नहीं जायगा…
उस रात भीमा, मेरे ऊपर चढ़ गया और पूरी ताक़त से चोदने लगा था. इतना जोश तो शायद, एक सांड में ही होता है.
दो बार चोदने के बाद, मैंने कहा की अब बस… अब और नहीं… बहुत चौड़ी कर दी है, तूने मेरी चूत… फूल गई है…
वो बोला – कोई बात नहीं… अब पता नहीं, कब मिलेगी मारने को… पर बीबी जी दोबारा आएँगी तो ज़रूर में आप की गाण्ड मारूँगा…
मैं बोली – ठीक है, तब तक मैं अपने पति से थोड़ी चौड़ी करवा लूँगी… पर मेरी चूत जो तुमने चौड़ी कर दी है… तीन दिन खूब मालिश करनी पड़ेगी “घी” से… नहीं तो मेरे पति, डालते ही समझ जाएँगें की खूब गुल खिलाए हैं मैने मायके में… वैसे भीमा, तूने हम दोनों बहन और भाभी को गुलाम बना दिया अपने फौलादी लौड़े का…
वो बोला – बीबी जी, आप जैसी कोई नहीं… आप की चूत तो बिल्कुल स्प्रिंग जैसी है… मुझे बुला लेना, मालिश करने के लिए…
मैं बोली – चल बंद कर, अब यह सब बातें…
बस उस के बाद, मैं आ गई बॉम्बे लेकिन भीमा बहुत याद आता रहता है…
मैं उससे टेलिफोन पर बात करती रहती थी मां के बहाने से, की क्या हो रहा है, आज कल… कैसे हैं, सब…
एक बार उसने बताया की उसने मेरी बहन को बता दिया था की मैंने आप को बहुत चोदा और वो भी ऊपर चढ़ कर. बहुत हँसी थी, वो.
उन्होंने कहा की इस घोड़े ने सब के चूत चौड़ी कर दी और कहा की ठीक किया तूने, उसे भी हक है जिंदगी के मज़े लेने का.. तेरे से तो बुढ़िया भी चुदवा मारे… तेरा लंड देख कर, कोई क्या कर सकता है…
भीमा बोला – बीबी जी, बड़ी बहन अब बहुत खुल गयीं हैं… अब तो लण्ड भी चूसती हैं और ऊपर चढ़ कर चोदने को भी कहती हैं… आपकी कैसे कैसे चुदाई की, ये भी पूछती हैं… कहती हैं की भीमा पूरा जोरे से चोदो और एक ही धक्के मैं डाल दो, अपना डंडा… थोड़ी सी और मोटी हो गयीं हैं… आपकी तरह, रोज़ घी से और कभी कभी मेरे मूठ से अपनी चूत की मालिश करवाती हैं…
फिर एक दिन, भीमा ने बताया की एक दिन की बात है की बड़ी दीदी ने मुझे रात को बुलाया… जीजा जी दौरे पर गये थे, 10 दिनों के लिए… अगले 5 दिन खेत से छुट्टी थी… दीदी को और मां को बोला था, दीदी ने की भीमा को भेज देना… मैं अकेली हूँ… बाहर के कमरे में सो जायेगा…
मैं तीन रातें रहा, दीदी के पास.
दिन में, घर पर ही काम करता था.
यह तीन रातें, खास थीं.
दीदी ने खूब सेवा की मेरी, गरम गरम दूध पिलाती और पता नहीं क्या डालती थी, उस दूध में की मेरा लण्ड खंबे की तरह खड़ा ही रहता था और दीदी बोलती – आ मेरे सांड चढ़ जा अब, मेरे ऊपर और चोद मुझे दिल भर के…
बीबी जी इन तीन रातें, मैंने दीदी को “चार चार” बार, पूरा ज़ोर लगा कर चोदा और हैरानी थी की दीदी पूरा दिल लगा कर चौड़ी हो कर चुदाई करवाती थी और मेरा पूरा मूठ, दीदी चौड़ी हो कर अपनी चूत के अंदर लेती रही.
“फ़चा फ़चा”, होती पूरे कमरे में..
चुदाई की आवाज़, आती थी.
जब मेरा निकलता था तो कहती की लण्ड, पूरा अंदर डाल के पिचकारी मार दे और भर दे मेरी चूत को… मेरे घोड़े, भर दे इस घोड़ी की चूत, अपने इस घने माल से… और भींचे रखती थी, अपने ऊपर कोई 5 मिनट तक.
मैं समझ गई की अब दीदी ने इस घोड़े का “बीज़”, अपनी चूत में ले लिया है और वो इस का ही पिल्ला पैदा करेगी.
लेकिन मैं तो इस सोच में थी की आख़िर, उन्होने दूध में मिलाया क्या था.
फिर तीन महीनो के बाद, मैंने भीमा को फिर फ़ोन किया तो पता चला की दीदी गर्भ से है.
मैं समझ गई थी की यह भीमा के लण्ड के माल ही पिल्ला है पर यह बात, सिर्फ़ हम तीनों के बीच में है.
भीमा बोला की अब दीदी ने कहा की बहुत चोद लिया तूने मुझे… अब आराम कर और मेरे नज़दीक नहीं आना…
दीदी बोली की अब कोई और देख ले… बहुत हैं, जो तेरा लण्ड आराम से लेने को तैयार हो पड़ेगी…
और कहा इस बात का किसी को भी पता ना चले… कभी भी नहीं…
मैं एक साल बाद, फिर 30 दिन की छुट्टी पर गई और इस बार मेरा हज़्बेंड भी साथ में थे.
उन को 12 दिन बाद, वापिस आना था सो कुछ दिन घर पर बिज़ी रही और हम, इधर उधर घूमते रहे.
मेरे पति, एक बहुत सुंदर आदमी है और तू तो जानती है, इधर उधर हाथ मारने से नहीं डरता.
खुले विचारों का है.
हम लोग, घर पर ही थे और भीमा भी घर पर ही रहता था.
घर पहुचने के बाद, दो दिन में ही उस से मुलाकात हुई..
मैंने पूछा – भीमा, कैसे हो…
तो वो बोला – बीबी जी, ठीक हूँ… आप तो और अच्छी लग रही हैं और सुंदर भी…
मैंने कहा – हाँ… वो तो है… तू सुना, क्या हो रहा है…
वो बोला – आज कल, दीदी अपने घर पर ही हैं और कुछ होना है… और बड़ी भाभी भी घर पर ही हैं… ठीक से हैं… कुकी इधर ही है, मां के साथ… शीला भाभी भी, इधर ही हैं…
और सुना, क्या कोई और लगी तेरे हाथ की नहीं… – मैं पूछ बैठी..
वो बोला – हाँ, एक है… आप को दिखा दूँगा…
मैं और मेरे पति, मां के पास गये और मिले उन से.
बाद में भाभी के पास और फिर, दीदी के पास गये.
दीदी से बात हुई, अकेले में तो बोली की छोटी, तो बड़ी चालक हो गई है…
क्या हुआ, दीदी… – मैंने पूछा, उन से..
तो वो बोली – भीमा ने सब बता दिया है, मुझे…
अच्छा दीदी, क्या करती… मुझ से नहीं रहा गया था और हो गया, सब कुछ… – मैने जवाब दिया..
वो “देसी घोड़ा” है छोटी और काम भी वैसा ही करता है… तू अब जानती है ना, सब कुछ… – वो बोली..
हाँ दीदी… कब ड्यू है, डेलिवरी और जीजा जी कैसे हैं… – मैने पूछा..
अरे पूछ मत, आज कल वो बहुत खुश हैं… बच्चा होना है, ना… – भाभी बोली..
मैंने दीदी की तरफ देखा तो वो मुस्करा दी और बोली – जानती हूँ, तू क्या पूछना चाहती है… जो तू सोच रही है ना, सही है… उस का ही बीज़ है… पता है छोटी, फसल अच्छी तगड़ी और सुंदर चाहिए तो बीज़ अच्छा और साफ़ सुथरा होना चाहिए, क्यों ना दूसरे से ही डलवाना पड़े… देख जानवरों में तो यह कामन है, “क्रॉस ब्रीडिंग”… गाय के लिए, बड़ा और तगड़ा सांड़ ढूँढते हैं… भैंस के लिए, तगड़ा भैंसा… घोड़ी के लिए, शानदार नसल का घोड़ा जो की सब से हट्टे कट्टे हों… ताकि लण्ड अंदर घुसते ही, उन्हें ठंड पड़ जाए और ढेर सारा बीज़ भी अंदर चला जाए… तो फिर डरना क्यों… तेरे जीजे की लुल्ली से, कुछ होने वाला नहीं है तो फिर मैंने सोचा की क्यों ना मोटे तगड़े घोड़े से ही, यह घोड़ी अपनी चूत शांत करे और बीज़ भी उसी का डाला जाए… बस खूब दिल खोल के मज़ा लिया, चुदाई का और बंद कर लिया चूत का ढक्कन…
मैं बड़ी हँसी और बोली – दीदी, यह सांड है ही ऐसा… बड़ी ताक़त है, इस में… एक ही झटके में, खोल देगा चूत को…
तो वो बोली – मुझे भी पता है की तू ने भी ले लिया था इस का लण्ड और अच्छी तरह से चुदी थी, तू इस सांड से… तूने कुछ सोचा है क्या…
मैं बोली – नहीं, अब तक नहीं… देखेंगे…
तेरा पति, कैसा है… – दीदी ने पूछा..
ठीक है, उसे पता ना चले इस चुदाई के खेल का समझी ना दीदी… – मैने कहा..
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rangila
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Re: अनोखी चुदाई

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एक दिन, मैंने टाइम पा कर जय को भीमा से मिलाया कहा की यह भीमा है और खेतो में काम करता और करवाता है…
उसे देखते ही, जय बोला – अच्छा तगड़ा है, यह… सांड जैसा ही लगता है… मस्त…
मैंने कहा – सही पहचाना, आप ने…
तब तक, कुकी आ गई.
मैंने कहा – और यह कुकी है… मां को देखती है और घर का काम करती है…
जय बोला की वाह !! क्या जोड़ी है, दोनों की…
मैं हंस दी.
जय को जाने में पाँच दिन बाकी थे और हम देर रात तक, मां के पास बैठे थे.
फिर हम, अपने घर चलने लगे.
मैंने कहा की कुकी को या भीमा को बोलना है की हमारे घर काम कर जाए और समान भी बांधना है, आप का…
जय बोला – ठीक है, बोल दो इन्हें…
हम उन की कमरे की तरफ चले और भीमा का दरवाजा नोक करने ही वाले थे की अंदर से आवाज़ आने लगी.
मैंने साइड की खिड़की से अंदर झाँका तो क्या देखा की कुकी की “चुदाई” हो रही है..
भीमा, कुकी पर सांड की तरह चढ़ा हुआ है..
सोचा रहने दो, चला जाए..
फिर, ख्याल आया की जय को दिखा दूँ.
मैंने जय को हाथ हिला कर बुलाया और मुँह पर, उंगली रख दी.
जय ने जब यह सब देखा तो उस की तो बोलती ही, बंद हो गई.
इतना बड़ा लण्ड तो घोड़े का हो सकता है, वो बोला धीरे से.
और इधर, कुकी आराम से चुदाई करवा रही थी.
थोड़ी देर में, हम चुप से निकल गये अपने घर को.
जय बोला – यार, इस का बहुत बड़ा है… कुकी, कैसे ले रही है इतना मोटा और लंबा, उचक उचक कर…
मैंने कहा की उसे इस की आदत पड़ गई है और बड़े और मोटे लण्ड का मज़ा ले रही है…
घर पहुँचे और सोने चले गये, हम.
बेड पर जय बोला – आज, मैं भी इस घोड़े के जैसे ही चोदूँगा तुझे…
मैं बोली – ठीक है पर इतने लंबा और मोटा लण्ड कहाँ से लाओगे…
मुझे पता था की जय, “वियाग्रा” अपने साथ ही रखता है.
कहता है – पता नहीं, कहाँ लेनी पड़े यह गोली…
उस ने वियाग्रा लिया.. फिर, जय ने मुझे उस रात को दो बार चोदा पूरे जोश में आ कर..
चोदते हुए, बोला – सुमन, अगर इतना मोटा तेरी चूत मैं घुसे तो क्या होगा…
मैंने हंसते हुए कहा की क्या होना है, फट जाएगी…
फिर, मैंने कहा – बहुत लंबा और मोटा है उस का… देखा ना, आप ने… गाण्ड, फाड़ देगा…
जय बोला – यार, बात तो ठीक है… तुझे लेना है इसका तो बोल… मैं भी देख लूँगा, कैसे घुसता है तेरी चूत में यह मोटा डंडा…
मैंने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा की आप को शरम नहीं आती… यह कहते हुए… क्या तुम्हारी पत्नी, एक घोड़े जैसे लण्ड वाले के नीचे चौड़ी हो कर चुदाई कराए और और तो और वो भी नौकर से और आप तमाशा देखो की कैसे चोद रहा है…
जय का शुरू से बड़ा मन था, मुझे किसी से चुदवाते देखने का.
वो बोला – अरे, यह तो मेरा कब से मन होता है मेरी जान… बोलो तो कुछ करें हम…
मैंने कहा – नहीं बाबा… मैं नहीं कर पाऊँगी, यह सब इस घोड़े से… बात मत करो इस की, मुझे वो सीन याद आ जेया रहा है… क्या लण्ड है उस का, यार जय…
मैंने हंस कर कहा – क्यूँ, अपनी बीबी को पराए मर्द के लंड का शोक लगाना चाहते हो…
जय बोला – लगता है, तेरा अब मन कर रहा है उस का लण्ड लेने को… यार लेना है तो ले ले ना… मैं कहाँ मना कर रहा हूँ… थोडा मज़ा मुझे भी दे दे…
मैं बोली – ऐसा कुछ नहीं है… वो उस की चीज़ है जैसा चाहे उसे काम लाए… हमे क्या… और वो हमारा नौकर है इस का मतलब यह नहीं की उसे जैसे चाहो इस्तेमाल करो और फिर इज़्ज़त भी कोई चीज़ है ना…
जय बोला – वो सब ठीक है, लेकिन कल बुलाओ तो उसे… कह देना, घर पर काम है…
मैंने कहा – ठीक है, बाबा… मां को कह देंगे, सुबह… ठीक है ना… आगे तुम जानो, तुम्हारा काम जाने…
वो बोला – सुमन, मेरी जान जिंदगी बहुत छोटी है… मज़ा लेना है या ऐसे ही बितानी है… फ़ैसला तुम्हारा है… कल देखते हैं, क्या होगा… बुलाओ तो पहले उसे…
मैंने मां को फ़ोन किया और कहा – ज़रा, भीमा को घर भेज दो… जय को काम है…
भीमा, हमारे घर कोई 6 बजे शाम को आ गया.
मुझे देखा और बोला – बीबी जी बुलाया है, साहब ने… मां बोली…
मैंने उस से चुपके से कहा की चुप चाप रहना और जो जय बोले करते रहना… उसे ज़रा सी भी भनक नहीं होनी चाहिए, हमारे बारे में…
वो बोला – ठीक है…
भीमा, हमेशा की तरह निक्कर में ही था..
गर्मियों के दिन थे सो निक्कर और शर्ट, उस का पुराना ड्रेस है.
मैंने जय को बताया की भीमा आ गया है… क्या काम है, बता दो इसे… कर देगा जल्दी से और इसे जाना भी है…
जय बोला – थोड़ा ठहरो, भाई… बोलो उसे, बैठ जाए… थोड़ी साँस ली…
एक घंटे बाद, जय आया और बोला भीमा – कैसे हो, भाई…
भीमा बोला – ठीक हूँ, साहब…
गुड… गुड… – जय बोला..
फिर, जय बोला – भीमा, ऊपर बेड रूम और दूसरे कमरों की सफ़ाई कर दो और यह कपड़े हैं इन्हें प्रेस कर देना… अगर टाइम ज्यादा हो जायगा तो सुबह चले जाना…
भीमा 9 बजे, रात तक काम करता रहा.
इस बीच, मैंने भीमा को चाय दी और कुछ खाने को दिया.
जय ने कहा की मैं नहा कर आता हूँ, तुम बैठो…
जब जय नाहने गया तो मैंने भीमा से कहा की आज, जय तुम्हे अगर बोलेगा की मुझे चोदना है तो ना मत कर देना, सीधे ही… हंसते रहना और कहना, साहब क्या कह रहें आप… मेडम को ऐसे कैसे कर सकता हूँ मैं… फिर धीरे धीरे से मान जाना… देखो क्या करता है वो… समझे…
भीमा बोला – ठीक है, बीबी जी…
पर अगर वो बोला की गाण्ड मार लो तो मैं ना कर दूँगी, तुझे… वो हम इन के जाने के बाद करेंगे… ठीक है ना…
हाँ बीबीजी… – भीमा बोला..
तब तक, जय नहा कर आ गया और कहा की सुमन, भीमा को नहाने दो और कुछ खाने को दो… यह यहीं रहेगा, आज क्यूंकि कल सुबह भी थोड़ा काम है…
मैंने कहा – ठीक है, जी…
फिर भीमा नहाने गया, दूसरे रूम में और उसे मैने दूसरे कपड़े दिए पहनने को.
इसी में, रात के 11 बज गये.
जय ने कहा की खाना खा लेते हैं, अब…
हम ने सब मिल के खाना खाया और बैठ गये ड्रॉयिंग रूम में ही.
12 बजने को थे.
मैंने जय को कहा की दूध पी के सो जाओ कल का कल देखेंगे…
जय भीमा से बोला – भीमा, तुम एक अच्छे आदमी हो आर सब की देख भाल करते रहते हो… यह 2000 रुपए रख लो… आड़े वक्त, काम आएँगे…
भीमा बोला – ठीक है, साहब जी और कोई काम हो सेवा का मौका ज़रूर दें… मैं आप का सेवक हूँ…
जय – ठीक है… अब खुश रहो और मस्त रहो…
जय ने कहा – सुमन, दूध लाओ… और जय उठ कर अंदर गया और एक वियाग्रा की गोली उस ने चुपके से मुझे दे दी और मैंने उस के ग्लास में डाल दी…
मैं तो यही चाहती भी थी.
फिर सब उठ कर, बेड रूम में बैठ गये..
भीमा भी कुर्सी पर अंदर बैठ गया और दूध पीने लगे और बातें करने लगे.
जय बोला – भीमा, तू ने शादी नहीं की अब तक…
भीमा बोला – साहब, अब तक नहीं मिली कोई… जल्द ही, कर लूँगा…
जय, हंसते हुए बोला – कुकी अच्छी लड़की है… कर लो, उस से ही…
तो वो शर्मा सा गया और बोला – आप मां से बात करेंगे, साहब…
जय बोला – तू मेरे पर छोड़ दे… अपने हिसाब से बात कर देंगे…
भीमा थोड़ा टाँगे दबा देना मेरी और फिर मेडम की भी..
मैं मैक्सी पहन कर आ गई थी, जय पजामे में ही था.
थोड़ी देर के बाद, जय ने कहा – बस अब मेडम की खिदमत कर दो… वो भी थक गई हैं…
ठीक है, साहब… बोल कर, भीमा ने मेरी टाँगे दबाना शुरू कर दिया, धीरे धीरे..
जय बोला की भाई, ज़रा ऊपर तक दबा दो…
और मुझ को बोला – पेट के बल लेट जाओ सो भीमा, तेरे पैर दबा देगा ठीक से…
भीमा, लगा दबाने टांगों को घुटनो तक और जय ने कहा – भीमा, सरसों का तेल ले लो… अलमारी में रखा है…
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Re: अनोखी चुदाई

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मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था, मैं आराम से लेट गई थी, तब जय ने कहा – भीमा, ऊपर तक तेल मालिश करो…
यह कहते ही, मैंने कहा – क्या कहते हो… अब रहने दो…
जय बोला – भीमा, इन की मैक्सी ऊपर तक कर दो…
जय ने मेरी मैक्सी, चूतड़ों तक उठा दी..
मैंने बहुत ही, पतली सी चड्डी पहन रखी थी.
उसके उपर उठाते ही, मेरी चूत ने अपनी “धार” छोड़ दी.
कसम से, अपने पति के सामने नंगी होने का मज़ा क्या होता है ये मुझ से अच्छे से कोई नहीं जानता..
जैसे ही, भीमा ने तेल लगाया और मालिश करने लगा मैं तो जैसे आनंद में आ गई.
तभी जय ने कहा – सुमन, सीधी हो कर भी मालिश करवा लो… मैं बाद में करवा लूँगा…
मैं सीधी हो गई और भीमा, मालिश करने लगा..
मैंने देखा की भीमा का 10” लण्ड खड़ा हो गया है.
जय को मैंने इशारा किया की देख लो… अब इस घोड़े का खड़ा हो गया है…
मैंने इंग्लीश में कहा की इसे अपनी गाण्ड में ले लो, बड़ा मज़ा आएगा…
तो जय बोला – पहले तेरी… फिर मैं पक्का… और हम हंस पड़े..
अब जय ने भीमा से कहा की भीमा, बीबी जी कैसी लगती हैं तुझे…
वो बोला – साहब, बहुत अच्छी हैं… सुंदर भी हैं…
अच्छा तो भीमा, एक बात बताओ… अगर, तुझे बीबीजी एक रात को मिल जाएँ तो क्या करोगे…
वो बोला – बीबी जी से पूछूँगा, साब जी…
जय ने मुझे इशारा किया और कहा – भीमा, ज़रा पानी तो लाओ…
जैसे ही भीमा उठा, निक्कर में उस का भारी लण्ड तना हुया था.
जय ने कहा – भीमा, यह क्या हो गया…
वो बोला – साहब, पता नहीं अपने आप ही ऐसा हो गया है…
अच्छा तो अब कैसे बैठेगा, यह तेरा घोड़े जैसा लण्ड… – जय ने पूछा..
वो बोला – साहब, पता नहीं…
जय ने मुझे को इंग्लीश में कहा की चड्डी उतार के आ जाऊं…
मैं तुरंत, चड्डी उतार कर आ गई थी.
जय ने भीमा को कहा की तेल ले कर, बीबी जी की चूत पर लगाओ…
जय बिना टाइम बर्बाद करे, सीधी बात करने लगा था.
इधर, मैंने भीमा को पहले ही बता दिया था इस प्लान के बारे में.
भीमा ने तेल की शीशी, मेरी चूत पर डाली और धीरे से लगाने लगा.
जय का लण्ड, खड़ा हो गया था या कहूँ “नाच” रहा था.
जय ने मुझे से कहा की उतार दे अपने मैक्सी को और उस ने भी उतार दिए अपने कपड़े.
अब जय ने भीमा को कहा की बीबी जी, कैसी लग रही है “नंगी”…
तो वो बोला की बहुत ही सुंदर हैं…
यहाँ अपने पति के सामने नंगी होने से, मेरी चूत में से भबकारे छूट रहे थे.
जय बोले की भीमा, तुम क्या देख रहे हो अब उतार दो अपने कपड़े…
जब भीमा ने अपने कपड़े उतरे तो जय देखता ही रह गया, उस के लण्ड को और बोला – यार, बहुत बड़ा और लंबा है, तेरा भीमा… कहीं गधी को तो नहीं चोदता फिरता है…
इस पर, भीमा हंस पड़ा और बोला – नहीं साहब… बस ऐसे ही, देसी घोड़ियों को ही पेलता हूँ…
भीमा, तू आज़ बीबीजी को चोदेगा… – जय ने सीधे सीधे पूछा..
भीमा, चुप रहा.
जय बोला – देख, मैं क्या करता हूँ…
उस ने मेरी चूत चाटना शुरू किया और फिर चूत में, उंगली डाली तेल लगा कर.
दो चार बार, अंदर बाहर करने के बाद घुसेड दिया अपना लण्ड मेरी चूत में और शायद 3 या 5 धककों में ही झड़ गया, मेरी चूत में ही.
इधर, मेरी चूत ने भी मूत दिया, वहीं पड़े पड़े..
जय बोला – अब तेरी बारी है, अपनी मेम साब को चोदने की…
चलो, अब चढ़ जा इन पर और घुसेड दे, अपना “मोटा, फौलादी लण्ड”… मेरी आँखें के, सामने..
भीमा, वियाग्रा की डोस में तो था ही अपने लण्ड को तेल लगाया और सीधे ही, उस ने मेरी टाँगें कंधे पर रखी और तब भीमा ने एक ही धक्के में पूरा का पूरा लण्ड घुसेड दिया.
मुझ को यह उमीद नहीं थी, उस से..
सोचा था, आराम से डालेगा..
मेरी तो “चीख” निकल गई..
शायद वो भी मेरे पति के सामने, मुझे चोदने के एहसास से पगला गया था.
मैं चिल्ला पड़ी – भीमा, मां के लौड़े… फाड़ दी, तू ने मेरी चूत साले, सांड… तेरी बहन की चूत, मैं भैंस हूँ क्या, जो सांड की तरह घुसेड दिया है… मां चुद जाए तेरी, कुत्ते…
यहाँ विग्रा की वजह से, उस का लण्ड “बंदूक” जैसा हो गया था.
उसे कोई फ़र्क नहीं पड़ा और वो लगा, चोदने जय के सामने और बड़े मज़े से भका भक चोद रहा था, मुझे..
पूरा का पूरा निकालता और दे मारता, सीधा अंदर चूत में.
जय देखता ही रहा और बोला – भीमा, चोद जितना चोदना है तुझे आज… यह मौका फिर नहीं मिलेगा…
भीमा भी बोला – ठीक है, साहब…
मैं तिलमिलती रही और चुदवाती रही.
जय का 3 बार निकल चुका था, मुझे चुदते देख.
एक बार, वो वहीं “मूत” चुका था.
यहाँ मेरा इतना निकला था की मुझ पर बेहोशी छा रही थी.
पूरा मुँह, सुख चुका था.
कोई 20 मिनट में, उस का पानी आने वाला था तो उसने पूछा – कहाँ डालूं बीबी जी…
मैं बोली छोड़ दे फबारे को, मेरी चूत में देसी घोड़े…
उस ने अपना लण्ड चूत की जड़ तक घुसेड़ा और पूरा निकाल दिया, उस में.
फिर अपनी हिम्मत बटोरते हुए, मैं बोली – अगर रह गया तो घोड़ा ही पैदा होगा, जय…
जय बोला – घबरा मत… कल “कच्चा पपीता”, खा लेना…
फिर मैं उठी और बाथरूम में जा के चूत साफ की, मुता और सारा पानी बाहर निकाला.
मैं 9 या 10 बार झड़ चुकी थी, इसी बीच.
जय बोला, ऐसी चुदाई मैंने कभी नहीं देखी थी… किसी भी “पॉर्न या ब्लू फिल्म” से अच्छा है, अपनी बीबी को चुदते देखना…
मैं बोली – अपनी बीबी को कुतिया की तेरह चुद्वा कर मज़ा आया, तुम्हें…
जय, हँसने लगा.
हम तीनों को ही शायद, सबसे ज़्यादा मज़ा आया था..
मैं तो अंदर से बहुत ही खुश थी की रास्ता अब फ्री है जब चाहो, पति के सामने ही चुदवा लो…
चूत खुलने की भी चिंता नहीं..
उस हरामी भीमा ने, मेरी चूत चौड़ी कर दी थी, इतना ज़ोर से चोदा था कुत्ते ने.
हम तीनों ही अब तक नंगे थे और भीमा का लण्ड, अभी भी खड़ा हुआ था.
मैंने जय को कहा – लो अब, क्या करना है… इस का तो खड़ा हुआ है… अब किस की चौड़ी करवानी है, इस से… मेरी हिम्मत नहीं है, अब इस के धक्के झेलने की… याद है ना, अब तुम्हारी बारी…
जय बोला – जानू, कुछ करते हैं… इस में शरमाना क्या है…
जय ने भीमा को बोला – अपने लण्ड को, धो कर आ…
भीमा जैसे ही आया, जय ने उस का लण्ड चूसने शुरू कर दिया..
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मुझे तो विश्वास ही नहीं हुआ..
वो बोला इस का सुपाड़ा, बड़ा लंबा है..
कोई 5 मिनट तक, वो चूसता रहा.
एक पल के लिए भी, मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हुआ..
फिर वो, मुझ को बोला – सरसों का तेल ला…
मैं सदमे में ही, तेल ले कर आ गई..
जय ने भीमा को बोला की तेल अपने लण्ड पर लगाए और मुझ को बोला दो उंगलियों से तेल, उस की गाण्ड में डाले अंदर तक.
मैंने, वैसा ही क्या.
जय ने कहा – भीमा, अब धीरे से अपना मोटा लण्ड मेरी गाण्ड में घुसेड दे… पूरी कर दे, अपनी बीबी जी की खाविश…
मैं तो डर गई की जय की गाण्ड, कहीं फट ना जाए.
मैं भीमा को बोली – भीमा, धीरे से चोदना साब को…
भीमा बोला – ठीक है, बीबी जी…
भीमा ने धीरे धीरे, तेल लगा लगा कर अपना पूरा लण्ड जय की गाण्ड में घुसेड दिया और लगा, धक्के मारने और फिर उसने स्पीड तेज कर दी.
भीमा ने जय की गाण्ड का भरता बना दिया, चोद चोद कर.
सुमन देख रही थी की भीमा का लण्ड, जय की गाण्ड में बंदूक की तरह अंदर बाहर हो रहा है.
भीमा, सुमन को देख रहा था और जय की गाण्ड मार रहा था.
फिर वो बोला – बीबीजी, साहब की गाण्ड बड़ी टाइट है, बड़ा मज़ा आ रहा है… साहब को भी आ रहा होगा…
जय को बेशक भयंकर दर्द हो रहा था पर वो बोला – बड़ा मज़ा आ रहा है, भीमा… पूरा अंदर पेल दो…
कोई आधे घंटे तक, भीमा ने जय की गाण्ड एक सांड की तरह खूब धक्के मार मार के मारी.
जय की गाण्ड मारने के बाद, पूरा पानी उस की गाण्ड मैं ही छोड़ दिया भीमा ने.
फिर वो बोला – मज़ा आ गया, साहब को चोदने में…
जय, घोड़ी की तरह झुका रहा.
मैं बोली – जय, भीमा ने तो तुम्हारी गाण्ड का छेद चौड़ा कर दिया..
जय, हंसते हुए बोला – साले का बहुत ही मोटा है पर मज़ा आ गया मरवाने में, इस से… शादी के बाद, पहली बार मरवाई है…
फिर दोनों बाथरूम में गये और साफ कर के आ गये.
मैं बोली – जय, आप तो बहुत चालू निकले… मुझे तो पता ही नहीं था, तुम्हें यह शौक भी है…
जय बोला – कॉलेज में थे तो कई बार, आपस में गाण्ड मारते और मरवाते थे… लेकिन इतना मोटा और लंबा लण्ड नहीं देखा और ना ही, गाण्ड में लिया था… आज तो भीमा का देख कर, मेरा भी मन कर पड़ा मरवाने का… क्या चीज़ है, भीमा तेरा लण्ड… औरतें क्या, मर्द भी अंदर लेने को तडप पड़े…
मैं हंस पड़ी.. सुना तो बहुत था लड़के बेचारे आपस में गांड मार के और मरवा के काम चला लेते हैं.. आज, साबित हो गया..
खैर, अब तक रात के 2 बजने को थे और फिर चाय पी हम सब ने..
भीमा का तब तक, फिर खड़ा हो गया था..
अब मैंने सोचा की मैं फँस गई.. क्या करूँ..
मैंने कहा – क्यूँ रे, भीमा… फिर, डंडा खड़ा हो गया तेरा…
वो बोला – आप ने दूध ही ऐसा पिलाया है, बीबी जी… बड़ी ताक़त है, उस में… मैंने ऐसा दूध नहीं पिया, पहले कभी भी…
फिर, भीमा बोला – आज तो, बीबी जी आप की चूत और गाण्ड दोनों का भोसड़ा बना दूगा, मैं… इतनी जल्दी निकलने वाला नहीं है मेरा, इस बार…
मैं बोली – ठीक है तो चढ़ जा, मेरे घोड़े इस घोड़ी पर और कर दे चौड़ी आगे पीछे की दोनों ही… मना कौन कर रहा है, यहाँ…
भीमा को बड़ा मज़ा आ रहा था, इस “नंगे खेल” में..
भीमा ने मुझे को कमर से पकड़ा और अपना लण्ड, गाण्ड पर रगड़ना शुरू किया..
मैं बोली – तेल लगा ले, साले… फाड़ डालेगा क्या, मेरी गाण्ड… साहब की तरह चौड़ी नहीं है, मेरी…
जय उठा और उसने मेरी गाण्ड में अपनी दो उंगलियों से तेल लगाया, अंदर तक और खूब तेल भर दिया, उस में…
फिर जय, भीमा को बोला – अब तेल लगा ले, अपने लंड पर और पेल दो अंदर… लेकिन, भीमा धीरे धीरे ही डालना… मेरी बीबी की गाण्ड बहुत टाइट है…
उस ने मुझ को घोड़ी बनाया और अपना लण्ड, गाण्ड पर रखा और एक धक्का मारा.
आधा लण्ड घुस गया, अंदर…
मैं चिल्लाई – बहन के लौड़े…
पर इसी दौरान, उसने एक और ज़ोरदार धक्का दे मारा और पूरा लण्ड घुसेड दिया, जड़ तक…
भीमा बोला – बस बीबी जी, पूरा अंदर घुस गया है…
मैं बोली – अबे, साले घोड़े निकाल बाहर… तेरी मैया की चूत… बहुत दर्द हो रही है, मेरी गांड… भोसड़ी वाले…
भीमा बोला – अब तो बीबी जी, अंदर घुस चुका है… डरना क्या, मज़ा लो ना… आप की गाण्ड बहुत साफ और सुंदर है, बीबी जी… मैं तो क्या, गधा भी अपना लण्ड डालने को आप के पीछे खड़ा कर के भागना शुरू कर दे… बहुत मज़ा आ रहा है, आप की गाण्ड मारने में…
यहाँ, जय भी बोला – भीमा, पूरी ताक़त से ठोको बीबी जी को… पता चले की, फौलादी लण्ड क्या होता है… पेल दो और फूला दो, इस की गाण्ड…
भीमा बोला – साहब जी, बीबीजी की गाण्ड तो क्या चूत भी “स्प्रिंग” की तरह है… जो कोई भी इन की मारेगा, मज़ा ही मिलेगा…
भीमा ने बडाल बडाल के मेरी चूत और गाण्ड को, मार मार कर चौड़ा कर दिया था..
मैं बोली – बस, अब और नहीं… बहुत हो गया, आज़… दोनों मेरी मिल के मां चोद रहे हो… बस करो, अब… चल, मेरे घोड़े सो जा… अब कल काम भी करना है…
फिर कुछ देर बाद, भीमा ने अकेले में कहा – बीबी जी, आपने अपना वादा निभा दिया आज़… आप बहुत अच्छी हैं और आप की चूत और गाण्ड भी बहुत ही जबरदस्त हैं…
अगले दो दिन भी खूब खुल कर चुदाई हुई..
जय ने खूब लण्ड पिलवाया, मुझ में और दो बार और अपनी गाण्ड भी मरवाई, भीमा से..
मैं भी खूब चुदी और हर बार, भीमा ने अपना बीज़ मेरे चूत में ही डाला.
फिर, जय वापिस चला गया और मुझ को बोला – बड़ा मज़ा आया मुझे… तुझे चुदवाते हुए देखने के बाद, अब मैं मर भी गया तो कोई गम नहीं… इससे ज़्यादा मज़ा मुझे अब जिंदगी में किसी चीज़ में नहीं आएगा… अब ख़याल रखना, खुली चुदाई मत करते रहना…
मैंने कहा – जानू, मरे आपके दुश्मन… अभी तो हमे बहुत मज़े लेने हैं… वैसे, भीमा का माल, मेरी चूत के अंदर तक घुस गया है… कहीं गड़बड़ ना हो जाए…
तो वो बोला – कोई बात नहीं, वापस आ जाओ… फिर देखेंगे…
मैंने जय को यह बता दिया की उस का बीज़ मेरी चूत के अंदर चला गया है, जब भीमा ने मेरी टाँगे उठा कर चुदाई की थी और अपना पानी उस ने मेरी चूत में छोड़ा था..
पूरा लण्ड, जड़ तक मेरी चूत में घुसेड दिया था, हरामी ने.. पूरी पिचकारी अंदर ही मारी थी, अपने पानी की..
कहीं रह गया तो क्या होगा .?.
जय चला गया, वापस और अब मैं अकेले ही थी घर पर..
एक दिन भीमा रात को आ गया, बिना बुलाइए ही..
आते ही बोला – बीबी जी, मुझे आप की चुदाई करने का बड़ा मॅन है…
मैंने भी कहा – ठीक है, भीमा… अब तो तूने साहब के सामने ही, मेरी ले ली है… उनकी भी गाण्ड चौड़ी कर दी है… अब कोई डर नहीं है… जी भर के चोद, मेरी हरामजादि चूत को…
वो बोला – साहब, बहुत अच्छे हैं…
मैंने कहा – हाँ क्यों नहीं… गाण्ड जो मिल गई, मुफ़्त में तुझे…
भीमा, ज़ोर से हँसने लगा..
उस रात, मैंने भीमा को फिर वियाग्रा डाल कर दूध पीला दिया..
जय एक गोली छोड़ गया था, अलमारी में.. मेरे मज़े के लिए..
मैं भी अब “फ्री” थी, जैसे भी चुदवा लूँ..
मैं पूरी नंगी हो गई और भीमा को भी नंगा कर दिया.
मैंने भीमा से कहा की अब जितना चोदना है, चोद… आज़ मैं, तेरी हूँ पूरी तरह से…
भीमा ने मुझे दिल भर के खूब पेला और पूरा बीज़, मेरी चूत में फ़चा फ़चा भर दिया.
वियाग्रा खाने के बाद तो उस का लण्ड, इतना कड़क हो गया था की हिलता तक नहीं था..
लोहे की रोड जैसा, सीधा घुस जाता और भीमा पूरी ताक़त लगा कर घुसेड़ता..
जाने कितनी देर, उस ने अपना लण्ड मेरी चूत में ही डाले रखा.
गाण्ड भी, कुत्ते ने खूब मारी.. समझो, भोसड़ा बना दिया था उस ने आगे पीछे दोनों साइड से..
पूरी रात, अपना लण्ड मेरी चूत में ही घुसेडे रखा था.
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rangila
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Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

मैंने भी अपनी हसरत पूरी की और उसके मुँह के उपर बैठ कर, उसके मुँह के अंदर अपनी धार छोड़ी..
साला शरबत की तरह, मेरी मूत पी गया..
फिर सुबह, भीमा बोला – बीबी जी लगता है, बड़ी दीदी की तरह आप भी मेरे बीज़ से ही बच्चा पैदा करने की सोच रहीं हैं…
मैं बोली – देखेंगें, वो तो… भीमा, तूने तो चूत भर दी है… देसी सांड की तरह, तेरा पानी बड़ा घड़ा है… इस से पैदा हुआ बच्चा, बहुत काला और तगड़ा होगा… अब तूने मेरी चूत खूब भर दी, चोद चोद कर और तेरा बीज़ अंदर चला तो गया है… ये तो पक्का है की रुकेगा… लेकिन, भीमा जो भी हो, किसी को इस बात का पता ना चले… तूने हमारे परिवार में अपना बीज़ डाल दिया है… बड़ी दीदी में भी तेरा ही बीज है… अब मेरी चूत में भी भर दिया पर मुझे देखना होगा, बॉम्बे जा कर की जय क्या चाहते हैं… चल ये सब बाद की बात है… ये बता, बड़ी भाभी की क्या हालत है…
भीमा बोला – बीबी जी, भाभी की बात क्या कहने… बहुत मस्त हैं… बहुत चौड़ी होकर चुदवाती हैं… वो भी आज कल, मेरा पूरा बीज़ अंदर ले जाती हैं… कहती हैं की भर दे अपने मूठ से, मेरी चूत को…
सुमन बोली – तू भाभी का सांड जो ठहरा और भाभी, तेरी “गोरी गाय”… लगता है, तूने अपना बीज़ उस की चौड़ी चूत में भर ही दिया है…
वो बोला – हाँ, बीबी जी… मेरा लण्ड जब पानी छोड़ता है तो भाभी एक दम से टाँगें उठा कर, पूरा अंदर घुसेड लेती हैं… मेरी गाण्ड को ज़ोर से दबा लेती हैं… बहुत देर तक, नहीं छोड़ती…
वाह रे, भीमा… पूरा परिवार, तेरे बीज़ के बच्चे पैदा करेगा, लगता है… अब तू हमारे परिवार का “पालतू सांड” हो गया है… अब तो जब चाहे, जिसे चाहे चोद सकता है… – मैं हंसते हुए, बोली..
अब ये बता, कोई नयी बात हुई तेरे साथ क्या… कोई और फँसी की नहीं… – इसके बाद मैंने पूछा..
वो बोला – बीबी जी बहुत बड़ी घटना हुई थी, मेरे साथ… मुझे शर्म आती है बताने में… सोचता हूँ, आपको बताना भी चाहिए की नहीं…
सुमन – मादार चोद… अब भी शरमाता है तू… पूरा परिवार को चोद कर बैठ गया है… बता, क्या हुया था… मैं भी सुनू तो…
सो, वो बोला की कोई 6 महीने पहले, मैं कुकी को चोद रहा था… रात के 9 बजे होंगे और बारिश, बहुत ही जोरों से हो रही थी… मेरे कमरे में, धीमी लाइट थी… हम बे फिक्र चुदाई में मगन थे… मां जी को कुकी की ज़रूरत पड़ी, किसी काम को ले कर… तो वो हमारे कमरे की तरफ आ गयीं और पता नहीं, कब तक हमारी चुदाई देखती रहीं… जब उन से रहा नही गया तो सीधे अंदर आ गयीं… हम अपने दरवाजा कभी लॉक नहीं करते हैं… कुछ होने का सवाल ही नही उठता क्यूंकी आप तो जानती हो, मां जी तो कितनी जल्दी सो जाती हैं… ना जाने, उस दिन क्या वजह थी… खैर, जो भी हो माँ बहुत ही गुस्से में थी और पूरी की पूरी भीग गयीं थी… मैंने देखा की उन की साँसे भी तेज़ चल रहीं है, मुँह लाल हो रहा है… शायद, गुस्से के कारण… लेकिन उन की सलवार कमीज़, एक दम से गीली और शरीर से चिपक गी थी…
कुछ देर, खामोश रहने के बाद वो बोली – तुम दोनों, मेरे कमरे में आओ…
बहुत ही गुस्से में थीं, वो..
हम डर गये थे की अब क्या होगा, हमारा..
मैं तो सोच रहा था की अब ना जाने कहीं और काम मिलेगा की नहीं.. जिंदगी का गुज़ारा, कैसे होगा..
खैर, हम डरते डरते मां के कमरे में चले गये..
मां ने सीधा पूछा – क्या कर रहे थे, तुम लोग…
हम चुप रहे..
तो उन्होने दुबारा, ज़ोर से पूछा – सुना नहीं, बताओ…
कुकी बोली – मां जी, प्यार कर रहे थे..
मां बोली – प्यार की, मां का भोसड़ा… ये बता कुकी, भीमा तुझे कब से चोद रहा है…
कुकी बोली – लगभग 5, 6 महीनो से, मां जी…
हूँ… – मां बोली – कुकी, साली छीनाल की चुदि… तेरी चूत में लगता है ज्यादा ही खुजली रहती है… तभी मैं देख रही थी की तेरी गाण्ड, मोटी होती जा रही और तू चुद चुद कर निखर गई है… मर्द तो तेरा, है नहीं… मैं भी सोच में थी… रंडी साली, तू विधवा है पता है ना तुझे, बहन की लौड़ी… भीमा का क्या इसे तो चूत चाहिए सो मिल गई… और तू चौड़ी हो कर, इतना लंबा मोटा लण्ड घचा घच ले रही है… तुम दोनों को, मैं इस घर से बाहर फैंक दूँगी… मुझे नहीं चाहिए, ऐसे मादार चोद नौकर…
हम बहुत डर गये थे सो रोते हुए, मां के पैरों पर पड़ गये और माफी माँगने लगे.
मां बोली – ठीक है, भीमा… तेरी इतनी ग़लती नहीं… तू तो मर्द है… तुम जाओ, अब… तू छीनाल की जनि, कुकी इधर आ…
मैं चला गया, अपने रूम में.
कुकी ने फिर मुझे बाद में बताया, मां ने कुकी से कहा की मेरे कपड़े उतार दे गीले हैं…
कुकी ने मां की पतली कमीज़ उतार दी और फिर मां ने अपनी सलवार भी उतार दी, कुकी के सामने..
कुकी शर्मा गई, मां को अपने सामने “पूरी नंगी” देख कर..
उसने मुझे बताया की मां, इस उम्र में भी कितनी सुंदर और गठे हुए बदन वाली हैं..
कुकी बोली – मां जी, आप तो अब भी बहुत सुंदर हैं…
चुप रांड़… – मां बोली..
(गाँव में औरतें, काफ़ी शारीरिक मेहनत करती है जिससे अपने आप ही उनका शरीर का व्यायाम होता जाता है.. इससे उनका बदन कसा ही रहता है… मखन, दूध, दही, छाछ, देसी घी जैसे चीज़ें बड़ी मात्रा में खाने से चिकनाई भी खूब रहती है..)
इसी दौरान, मां ने अपनी मैक्सी पहन ली, बिना चड्डी..
कुकी ने गौर किया की मां की चूत, एक दम से साफ़ और एक भी बाल नहीं है और तो और उतेज्ना में “फूली” भी हुई है..
फिर, मां ने पूछा – ये बता छीनाल, तू इतना मोटा और लंबा कैसे अपनी चूत में ले लेती है…
कुकी बोली – मां जी, मेरे से नहीं रहा गया… भरी जवानी में, मर्द छोड़ के चला गया… कुँवारी ही रहती तो शायद चुदने का कभी मन भी नहीं होता पर 10 12 बार चूत को, लंड का स्वाद लगा कर मुझे अकेली छोड़ गया… फिर जब मैंने भीमा का घोड़े जैसा लण्ड देखा था, बस फिर मैंने इसे मना लिया और अब खूब दिल भर के खेल खेला… मां जी, बुरी तरह चोदता है वो मुझे… लेकिन मुझे बहुत मज़ा आता है… मेरी चूत चौड़ी कर दी है इस ने और अब खूब मज़े लेते हैं हम… बहुत ताकतवर है, भीमा का लण्ड मां जी… कम से कम 50 ग्राम पानी निकलता है हर बार, इस के लण्ड से… चोद भी काफ़ी देर लेता है… पति नामुराद तो 5 10 मिनिट में ही निकाल देता था और ये तो, 5 बार मेरी चूत से पानी निकाल देता है…
धीरे धीरे, मां का गुस्सा शांत होता गया..
कुकी ने भी खूब तेल मालिश की मां की उस दिन और मेरे लण्ड का गुणगान किया..
मां बोली – देख, कुकी तू इस से शादी कर ले… अच्छा रहेगा… तुझे मोटा लण्ड भी मिल जायगा और काम वासना भी पूरी हो जाएगी…
कुकी ने देखा की अब तक मां की आँखों में “वासना” आ गई है, इन बातों से..
अब, भीमा बोला – बीबी जी, अब हुआ ऐसे की जैसी ही वो आई मैंने कुकी से सब कुछ पूछ लिया की मां क्या बोलीं..
जब मैं सुन चुका तो मैं बेफ़िकर था.
कुकी बोली – भीमा, मुझे लगता है अब तेरे मज़े हो जाएँगें क्यों की मुझे पूरा भरोसा है अब तुझे जल्द ही मां की चिकनी, गोरी, गुलाबी चूत मारने को मिलेगी..
मैं खुश था..
क्यूंकी ना केवल, मेरा काम धंधा बच गया बल्कि कुक्की के अनुसार सच में हो सकता था की मुझे मां की चूत भी मिल जाए..
मुझे मां शुरू से, बहुत अच्छी लगती थी..
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