अनोखी चुदाई complete

Post Reply
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

सर्वेंट रूम का एक दरवाजा हमारे किचन के साइड से अंदर को खुलता था और एक बाहर से, अलग से खुलता था…
रात को, भीम आ गया था..
थोड़ा काम कर के, वो सोने चला गया अपने रूम में..
मैं अपने रूम में चली गई और मैक्सी पहन ली..
नींद नहीं आ रही थी तो सोचा चाय पी लेती हूँ..
उठी और किचन में चली गई, देखा की भीम किचन में था और चाय बना रहा था..
वो सिर्फ़ लूँगी में ही था और कोई कपड़ा नहीं पहना था, उसने..
उसे क्या पता था की में आ जाउंगी, आधी रात को किचन में और मुझे भी क्या पता था की वो इस समय, किचन में आया होगा.
मैं डर गई पर संभल गई और भीम सिंह से कहा की बो एक कप चाय मुझे भी बना दे…
मैं किचन में ही खड़ी रही, इसी दौरान भीम सिंह ने मेरी तरफ देखा और देखते ही रह गया..
मेरे पतले कपड़ों में, मेरा सब कुछ दिखाई दे रहा था.
यानी, बड़े बूब्स.. गोल गाण्ड और चूत तक…
मैंने देखा की भीम का 10 इंच लण्ड, उस की लूँगी में तना हुआ है और टोपा बाहर दिखाई दे रहा है.
मेरी तो हालत, देखने वाली थी..
मैंने पहले भी यह भाँपा था की भीम सिंह, मेरी तरफ चोर आँखों से देखता रहता था कभी कभी..
साहब थे तो मैं बेफ़िकर थी लेकिन आज तो मैं फँस गई थी..
एक तो मैं पारदर्शी मैक्सी में थी, दूसरे नीचे कुछ नहीं पहना था..
मुझे तेरे साब पर बहुत गुस्सा आ रहा था, उस वक्त.. वो हमेशा घर में पहनने के लिए, ऐसे ही कपड़े लाते थे..
खैर, ग़लती उनकी भी नहीं थी उन्हें क्या पता था की कभी ऐसा होगा.
इधर, चाय बन गई थी.
वो कुछ नहीं बोला और चाय का कप, मुझे थमा दिया.
मैं ड्रॉयिंग रूम में बैठ गई चाय पीने और भीम भी, मेरे सामने बैठ गया.
अपना लण्ड, “खड़ा” किए हुए..
मैं उसे क्या कहती… ग़लती भी मेरी थी… एक तो अकेली होने पर बुलाया भी मैंने था, दूसरे कपड़े भी ऐसे…
उसे तो पक्का ये ही लग रहा होगा की मैं ही, उससे चुदवाना चाहती हूँ..
मैंने चाय पी और जैसे ही उठी, भीम सिंह ने पीछे से मैक्सी ऊपर कर के अपना लंबा लोडा, मेरी गाण्ड पर टीका दिया पर फिर भी बोला कुछ नहीं..
मेरी तो हालत, पतली पड़ गई..
इस के सांड जैसे, लंबे और मोटे लण्ड को देख कर.
मैं तब जवान तो थी ही सो वो बेकाबू सांड की तरह, पीछे से अपना लण्ड मेरी गाण्ड पर रगड़ने लगा और मुझे चूमने लगा, पागलों की तरहा..
मैंने कहा की क्या कर रहे हो… बंद करो, यह सब… मैं तुम्हारी शिकायत कर दूँगी…
फिर भी वो कुछ नहीं बोला और पागलो की तरह, चूमता चाटता रहा…
मैं तो बहुत, गरम हो गई थी.
तेरे साब के सिवा, पहली बार किसी “गैर मर्द” ने मुझे छुआ था..
10 मिनट तक, यह सब चलता रहा..
फिर वो मुझे अपने हाथों में उठा कर, मेरे बेड रूम में ले आया और बेड पर पटक दिया..
अब तक वो मुँह से बोला, कुछ नहीं..
उस की चुप्पी से, मैं डर सी गई थी, अंदर ही अंदर..
फिर उस ने मेरी मैक्सी खोल दी और खुद भी नंगा हो गया..
देखने वाला, सीन था.
लण्ड, एक दम सीधा खड़ा तना हुआ एक बाँस का मोटा डंडा लग रहा था..
उस ने धीरे से, मेरी टाँगें चौड़ी की और अपना मुँह मेरी चूत पर रख दिया..
जानवरों की जैसे, चाटने लगा..
मेरी चूत, पानी पानी हो गई..
पहली बार, मेरी चूत से “मूत” निकल गई और वो हरामी, पूरी पी गया..
तब तक साहब, चूत कभी नहीं चाटते थे.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.
फिर भी मैंने कहा – भीम सिंह, अब बस करो…
मूत निकलने से, मैं थोड़ा शर्मा सी गई थी..
फिर भी उस ने 2 मिनट और चाटी और फिर, अपने लण्ड को मेरे मुँह में डालने लगा..
मैंने कहा की नहीं…
पर बिना कुछ बोले ही, उसने अपना आधा लण्ड मेरे मुँह के अंदर कर दिया और लगा, अंदर बाहर करने..
मैंने 10 मिनट तक चूसा, उस का लण्ड..
अब उस ने ढेर सारा थूक, अपने लंबे लण्ड पर लगाया और ढेर सारा मेरी चूत पर लगाया.
फिर लगा अपने लण्ड को रगड़ने, मेरी खुली हुई चूत की फांकों पर और फिर एक भयंकर झटके के साथ, पूरा जड़ तक अंदर घुसेड दिया..
पूरा का पूरा लण्ड, मेरी चूत में अंदर चला गया..
मेरी तो चीख निकल गई..
फाड़ दी तूने मेरी चूत, गधे… – मैंने कहा..
लेकिन क्या करती.. उस पर तो चोदने का भूत सवार था.
मुँह बंद कर के पड़ी रही और धक्के सहती रही… तकरीबन 30 मिनिट तक बिना रुके, उस ने मुझे पूरी ताक़त लगा कर चोदा..
चूत से आवाज़ें आ रही थी “फ़चा फॅक” की.
दो बार झड़ चुकी थी, मैं और मेरी चूत बिल्कुल ढीली पड़ गई थी..
मेरी चूत की धज़ियाँ उड़ा दीं उस ने और पूरा का पूरा बीज़, मेरी चूत में ही भर दिया.
कोई 100 ग्राम होगा..
बहुत गरम लगा था, मुझे..
मैंने कहा – यह क्या मेरी चूत भर दी तू ने अपने बीज़ से… अगर गड़बड़ हो गई तो में फँस जाउंगी…
लास्ट में, जब उस का निकाला तब उस की आवाज़ निकली..
तब जा के वो बोला की भाभी, क्या साहब नहीं चोदते हैं आप को… उन का लोडा क्या छोटा है, जो मज़ा नहीं देता और अपना पानी चूत में नहीं डालते क्या…
मैंने कहा – साब, तो जब घर पर रहते हैं मेरी चूत में ही घुसे रहते हैं… अंदर भी डालते हैं पर इतना नहीं जितनी तूने भर दी है मेरी चूत… तू ने तो फाड़ दी मेरी चूत सांड़ की तरह अपने मोटे और लंबे लण्ड से…
ओह !! बड़ा मज़ा आ रहा है, मुझे भाभी.
मैंने कहा – अब तक तेरी आवाज़ कहाँ थी, बहन चोद. तूने तो मेरी बुरी हालत कर दी.
तो वो बोला – भाभी आप मुझे बहुत अच्छी लगती है. मैंने सोचा जो होगा देखेंगें पर पहले आप की चूत को फाड़ कर भोसड़ा बना लूँ.
मैं कहा – भीम सिंह तेरा तो इतना बड़ा है की नॉर्मल औरत नहीं ले पाएगी इस सांड जैसे लंबे लण्ड को.
वो बोला – भाभी जब आप की चूत पूरा ले गई तो और भी ले लेगें. जब से इस घर में काम कर रहा हूँ, आप की गाण्ड देख कर मेरी बुरी हालत हो जाती थी. आप एक मस्त घोड़ी की तरह चलती हैं और जब चलतीं हैं तो गाण्ड की फकें अलग अलग हिलती हैं. जैसे इन में एक मोटा लण्ड ले रखा है. पूरी रात आप के ही सपने देखता हूँ. अब सपने पूरा हो गये. आप की मर्ज़ी है चुदना हो मेरे से तो कह देना मैं हाज़िर रहूँगा. साहब से तो आप कह नहीं सकेंगी इस लिए जितना चाहो चुदवा लो. मेरा लण्ड हाज़िर है आप की चूत और गाण्ड की सेवा में.
भीम सिंह ने 10 दिनों तक मुझे तीन तीन बार चोदा अपने मूसल जैसे लण्ड से और खूब चूत चाटी मेरी. चौड़ी कर दी उस ने अंदर तक.
पूरी रात लण्ड चूत के अंदर ही डाल कर सोता था.
बड़ा मज़ा आया इस सांड की चुदाई से. चूत का भोसड़ा बना दिया था. पूरा माल चूत में ही डालता था और उस का नतीजा तेरा बड़ा भाई है.
वो उस का ही बीज़ है.
भीमा बोला – मां आप तो अब भी बहुत सुंदर हैं.
माँ बोली – यह सुंदरता ही तो मेरी दुश्मन बन गई थी, जो भी देखता सीधा चोदने की ही सोचता. कई बार बची मैं दूसरों से चुदने से. जब भी इधर उधर जाते थे तो भी कोई ना कोई पीछे पड़ा ही रहता था. खैर, छोड़ो पुरानी बातें अब तू है ना. बस काम चल जायगा. अब चुदाई का मन तो होता ही है और तेरा है भी खूब बड़ा साइज़ का फिट बैठता है.
यह बात भीमा ने बीबी जी यानी छोटी को सुनाई उन दो रातों में जब छोटी ने जय के जाने बाद भीमा के साथ गुज़रीं थी.
छोटी ने जब यह सुना की भीमा ने तो मां को भी नहीं छोड़ा तो छोटी को बहुत गुस्सा आया भीमा पर. पर इस में भीमा की क्या ग़लती है यह तो मां को सोचना चाहिया था की भीमा से चुदवा लूँ की नहीं.
अगर चुद गई है तो अब मज़ा लेने दो मां को.. वो भी तो एक औरत है. उस की चूत भी चौड़ी होने दो.
भीमा है ना एक खुला पालतू सांड़.
सब को चोदेगा यह सांड़. जैसे किसी गाँव में पालतू सांड काई गाय में घुसेड़ता है अपने मोटे लण्ड को.
भीमा से यह बातें सुमन ने सुनी और फिर भीमा को कहा की मैं भी जाने वाली हूँ, भीमा 10 दिनों में. अब जब में बुलाऊं तब ही आना मेरे पास. समझे ना तुम.
वो बोला – ठीक है बीबी जी.
मैं सोचती रही जो हुया ठीक हुया की ग़लत, यह बॉम्बे जाने पर ही फ़ैसला लूँगी जय के साथ बैठ कर.
इस के बाद में बड़ी दीदी के पास फिर गई और खूब बातें की.
बड़ी दीदी ने कहा की तूने भीमा के साथ बहुत मज़ा लिया छोटी. कहीं कुछ हुया तो नहीं.
मैंने कहा की जो होना था हो गया है दीदी. उस सांड ने भर दी है मेरी चूत अपने बीज़ से.
तो फिर क्या करोगी. – उन्होने पूछा..
मैंने कहा की वापस जाने के बाद देखती हूँ.
बड़ी दीदी बोली की बड़ा तगड़ा है, साला एक ही पिचकारी से भर देता है चूत को.
मैं हंस पड़ी और बोली की बहुत चोदा उस ने मुझे दीदी और खूब माल डाला मेरे अंदर.
दीदी बोली – रख ले और कर ले पैदा इस के बीज़ से. अच्छा ही होगा.
चलो देखते हैं दीदी. बता दूँगी बाद में. लेकिन दीदी आप भी तो बहुत चुदी इस घोड़े से ना. – मैने कहा
दीदी – छुटकी इस का लण्ड इतना मज़ा देता है की पूछ मत. फिर मैने सोचा क्यों ना इस के बीज़ का ही इस्तेमाल क्या जाई. फिर क्या था खूब चुदी भीमा से मैं. दिल भर कर पूरी पूरी रात चुदाई करते थे हम. अब तो एक महीने मैं बच्चा पैदा होना है. बताउंगी तुझे कैसा है.
जीजा को पता है क्या. – मैने पूछा
वो बोली – नहीं, पर उन दिनों मैंने तुम्हारे जीजा से भी खूब चुदाई करवाई सो उसे पता ना चले की भीमा का बीज़ अंदर ले लिया है मैंने. जब बच्चा ठहरा तो बो बहुत खुश हुए. बस अब कुछ ही दिनों की बात है.
मैंने अपने दिल में सोचा सब ठीक है जो हुआ सो हुआ.
कम से कम चूत में बीज़ तो अच्छे तगड़े सांड का डलवाया, जैसे गाँव में गाय, भैंस को मोटे तगड़े सांड या फिर भैंसे से चुड़वते हैं ताकि हट्टा कटा बच्चा पैदा हो और एक ही बार में रह जाए. बस इसी तरह.
दूसरे दिन, मैं भाभी से मिलने गई और पूछा – कैसे हो भाभी.
तो वो बोलीं – सब ठीक है उस को दूसरा महीना था.
मैं – भाई कैसे हैं.
भाभी – वो भी ठीक हैं बाहर काम पर हैं.


उस रात मैं भाभी के ही घर रही.
भाभी भी सुंदर हैं और अब तो मोटे मोटे मम्मे और भारी चूतड़ हो गये हैं. चलती हैं तो ऐसे जैसे चूत में मोटा लण्ड ले रखा हो.
मैंने पूछा – भाभी काफ़ी मोटी हो गई हो.
तो हंसते हुए बोली की बच्चा है ना पेट के अंदर इस लिए लग रहा होगा.
अच्छा यह कब हो गया भाभी. लगता है कहीं पर ज्यादा मज़ा तो नहीं ले रहीं हैं आप.
इस पर वो बोली – खूब मज़ा ले लिया. दिल भर के चुदाई करवा ली और अब भी चल रही है कभी कभी.
फिर वो बोली – तेरे भाई तो अब इतनी ठुकाई नहीं कर पाते. लेकिन जब भी करते हैं दिल भर के चोदते हैं. लण्ड भी तगड़ा है उन का. लेकिन अब इस घोड़े की रफ़्तार धीमी हो गई है.
हम दोनों ही बहुत हंसने लगी इस बात पर.
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और पूछा की क्या कोई और बड़ा मोटे लण्ड वाला घोड़ा है जो इस सुंदरी की सुंदर चूत का रस पान कर रहा है तेज रफ़्तार से.
भाभी बोली – हमारा रस पीने वाला कोई दिलदार ही होना चाहिए जो हमारे जैसी की उबलटी हुई चूत में अपना लण्ड डाल कर गरमी सहन कर सके.
भाभी बोली – छोटी चुदाई के मामले में मैं बहुत गरम हूँ. मुझे तेज रफ़्तार वाला घड़ा ही पेल सकता है, जो अपना पूरा का पूरा मोटा लंबा और तगड़ा लण्ड डाल कर मक्खन निकले और भर दे चूत को.
मैंने देखा की भाभी बहुत ही गर्म हो रहीं हैं इन बातों में.
मैंने पूछा – भाभी, सच बताओ कौन है बो खुश नसीब घोड़ा, जो मेरी सुंदर भाभी की चूत चौड़ी कर रहा है.
भाभी बोली – बहुत नज़दीक है वो. बताती हूँ तुझे अगर किसी को ना बताए तो.
मैं बोली की भाभी कसम से कोई भी जान नहीं पाएगा इस बात को.
तो भाभी बोली – छोटी, अगर औरत गरम हो जाए तो वो लण्ड तो क्या गधे का डंडा भी अपनी चूत में घुसेड ले. बस ऐसे ही हुआ मेरे साथ भी. तो सुनो वो और कोई नहीं पर भीमा है हमारा नौकर. बड़ा मोटा और लंबा लण्ड है उस का समझो गधा ही है. जब अंदर डालता है ना तो चूत चारमरा जाती है चीरता ही चला जाता है. एक ही मजबूत धक्के में पूरा अंदर कर देता है. पूछ मत छुटकी इतना मज़ा देता है चुदाई का की सब कुछ भूल जाती हूँ और जड़ तक अंदर ले ले के ठुकाई करवाती हूँ. अब तो थोड़ा बंद कर दिया है क्योंकि मैं उस के ही बच्चे की मां बनने वाली हूँ, शायद. लगता है बच्चा एक हट्टा कटा पैदा होगा क्यों की उस ने कई बार अपना गाड़ा और एक कप बीज़ मेरी चूत में फुल प्रेशर से भरा है और मुझे पता है की उस का फल अब मेरी कोख में है. छोटी बहुत ही तगड़ा सांड है वो. इतने ज़ोर से घुसेड़ता है की तारे दिखाई देते हैं. पता नहीं क्यों, सोचता होगा की मैं नौकर होकर मालेकिन को चोद रहा हूँ और वो भी सुंदर और इतनी पड़ी लिखी को. हरामी चोदते वक्त ज़रा भी रहम नहीं करता है बस ठोकते जाता है जब तक की नीचे पड़ी हुई औरत की बस ना हो जाए. मैंने ऐसी चुदाई कभी नहीं करवाई थी आज तक और ना ही किसी ने मुझे ऐसे धम्मके के साथ चोदा है. वैसे तो तेरा भाई भी चोदने मैं माहिर हैं पर इतने लंबे और मोटे लण्ड की तो बात ही कुछ और है.
अच्छा भाभी, बड़ा मज़ा देता है क्या.
वो बोली की मज़ा ही नहीं गले तक भर देता है चूत को. गाण्ड मारने को बड़ा उतेज़ित रहता है.
तो भाभी गाण्ड का छेद चौड़ा करवाया उस से की नहीं. – मैने पूछा
भाभी – छुटकी सिर्फ़ एक बार ही, फाड़ डाली थी मेरी गाण्ड उस साले ने. घोड़ी बनाया और खूब तेल लगाया अपने लौड़े और मेरी गाण्ड पर. फिर बोला, भाभी धीरे से करूँगा घबरा मत. मैंने सोचा चलो देखते हैं यह करवा के कैसा मज़ा आता है. मेरी सखियाँ कहती हैं की गाण्ड मरवाने में कुछ अलग ही आनंद आता है. फिर भीमा ने धीरे से अपने लण्ड का टोपा अंदर किया और इतने ज़ोर का धक्का मारा की उस का लण्ड सीधा पूरा का पूरा जड़ तक अंदर घुस् गया. मैं तड़पती हुई पूरा ज़ोर से चिल्लाई, पर वो तो सांड़ की तरह जो ऊपर चड़ा तो लण्ड डाल कर ठोकता ही रहा. मेरी तो बोलती बंद हो गई. मैंने बोला भोसड़ी के लण्ड बाहर निकल. फट गई है मेरी गाण्ड. फिर उस ने खूब तेल लगाया और धड़क से अंदर घुसेड दिया. अब मुझे भी कुछ मज़ा आने लगा था. मैंने कहा की चोद ले दिल भर के क्योंकि मुझे भी मज़ा आने लगा था और मैं भी और झुक गई ताकि पूरा जड़ तक अंदर जाता रहे. उसने कोई 40 मिनट तक मेरी गाण्ड का भुर्ता बना दिया मार मार के. लण्ड ऐसे अंदर बाहर हो रहा था जैसे रेल एंजिन का पिस्तन होता है. चिप चिप होने लगी थी. पूरा पानी अंदर उडेल दिया था उस ने मेरी गाण्ड में. कहने लगा था की भाभी जी आप की गाण्ड स्प्रिंग दार और बहुत अच्छी और टाइट है. दिल करता है की लण्ड अंदर ही डाले रखूं. मैं बोली की अब फाड़ तो दी तूने अपने मन की कर ही ली. ज्यादा दिल है तो अपना लंड अब अपनी गाण्ड में डाले रहे साले.
कई दिन गाण्ड में दर्द रहा.
तेरे भाई बोले की क्या हुआ बड़ी डुबक डुबक के चल रही है.
मैंने बोला टाँग में थोड़ा दर्द है, नहीं तो पकड़ी जाती. उस के बाद जब भी वो आता है कहता है भाभी जी हो जाए पीछे से.
मैंने कहा की अब नहीं बहुत दर्द होता है. तू कोई और घोड़ी देख इस काम के लिए.
वो कहता है – अच्छा भाभी जी जब भी दिल करे कह देना भीमा का यह लोडा हाज़िर है. बहुत हरामी हो गया है अब भीमा. अपने लण्ड को हाथ में लिए घूमता रहता है. सच बताऊँ तो उस का लण्ड तो घोड़ी में भी फिट बैठ जायगा. कोई छोटी मोटी लड़की फँस गई तो उस की चूत को तो फाड़ ही डालेगा.
भाभी जी आप ने भाई और भीमा के सिवा किसी और से भी मरवाई है क्या.
तो वो बोली – छोटी तू क्यों पूछ रही यह सब कुछ क्या तेरी फुददी भी फुदक रही है किसी का मोटा लण्ड लेने को. बता दे भीमा तो है ही जब चाहो चुदवा लो उस घोड़े से. लेकिन ध्यान रहे की तेरी चूत फट जाएगी उस के मोटे लण्ड से.
नहीं भाभी पहले आप की सुन लूँ की भाभी ने और किस का लण्ड अपनी सुंदर चूत की फांकों में लिया है जो आप को याद आता है. – मैने फिर छेड़ा
भाभी बोली की छोटी ऐसा तो कोई ख़ास नहीं है पर हां एक हादसा हुआ था मेरे साथ. हम सोचते कुछ और होता कुछ और है. ऐसे ही मेरे साथ भी हुआ था. शादी से पहले तो मैं कई बार बच गई थी दूसरे से चुदने से, कॉलेज या फिर शहर में रहते हुए. मैं काफ़ी ध्यान रखती थी की ऐसा ना हो की दूसरी लड़कियों की तरह मैं भी किसी का लण्ड अपनी चूत में ले बैठू. बस किसी तरह सब ठीक ही रहा था.
शादी हो गई तो आप के भाई ने पहले दो तीन महीनो में दिल भर के चोदा मुझे, जब भी लण्ड खड़ा होता बिना पूछे चूत में थोक देते थे. बड़ा मज़ा आता.
मैं काफ़ी निखर गई थी और सुंदर भी काफ़ी हो गई थी. पूरी तरह से बदन भर सा गया था चुदाई करवा कर. मैंने देखा था की कई आदमी मुझे घूरते रहते थे, जिन में से कुछ तो प्रोफेसर भी थे. पर मेरे ऊपर कोई असर नहीं था इन सब की नज़रों का.
एक दो ने ट्राइ भी की की लिफ्ट मिल जाई पर मैंने नहीं दी कोई लिफ्ट विफ़्ट किसी को भी. मेरी शादी को सात महीने हो गये थे और हम मज़े में रहते थे और खूब चुदाई करते थे.
जब मूड होता था चढ़ जाते थे एक दूसरे के ऊपर. बस गाण्ड नहीं मरवाई थी मैंने तेरे भाई से. वो कमी भीमा ने कर दी अपना मूसल डंडा घुमा घुमा कर और फिर यह सिलसिला चलता रहा. तब तक मैं प्रोफेसर बन गई थी. मेरे टूर यहाँ बहन की यूनिवर्सिटी में लगते रहते थे और एक बार ऐसा हुआ की मुझे कोइंबतूरे में जाना पड़ा. इनकार भी नहीं कर सकती थी सो अकेले ही जाना था और सब कुछ यूनिवर्सिटी की ही तरफ से था.
मुझे एक सेमिनार में लेक्चर्स देने थे और यह 5 दिन का प्रोग्राम था. लेक्चर के बाद फ्री ही रहती थी. सो मुझे कॉलेज की तरफ से कार ड्राइवर के साथ मिली हुई थी की जब भी शॉपिंग या घूमने जाना हो तो जा सकती हूँ.
सो मैंने एक दिन घूमने का मन बना लिया और निकल जाती थी साइट सीयिंग को. खाना बाहर ही खा आती थी और ड्राइवर को भी खाने का पैसा दे देती की जैसा चाहिए खा ले.
ड्राइवर का नाम सुंदरम था, नाम से ही सुंदरम था, पर वैसे वो काला और हट्टा कटा आदमी था.
बहुत ही शांत स्वाभाव था, उस का.
हँसमुख तथा एक दम से पूरी सेवा भाव रखता था. जो कहो, जहाँ जाना चाहो ले जाता था. मैं उसे शाम को अपनी ओर से 100 रुपए दे देती थी टिप के तौर पर.
एक दिन हम थोड़ा दूर निकल गये ऊटी की साइड में और काफ़ी घूमी मैं.
सुंदरम साथ था और वो गाइड का कम करता रहा.
उस दिन शाम को थोड़े लेट हो गये घूमते हुए और 8 बजे तक अपने रूम में पहुँची थी जो यूनिवर्सिटी की तरफ से ही था.
मेरे रहने का फ्लैट छोटा सा था लेकिन बहुत अच्छी तरह से सेट किया हुआ था.
साइड वाले दोनों ही फ्लैट खाली थे.
मैने सुंदरम को बोला की मुझे आस पास से डोसा ला के दे दे और अपने लिए भी ले ले.
इस के बाद वो घर चला जाए.
सुंदरम बोला – ठीक है, मैडम. 20 मिनिट लगेंगे में ले के आता हूँ.
मैंने सोचा – अच्छा आदमी है.
वो चला गया तो में फ्रेश होने चली गई और 10 मिनिट में नहा कर बाहर आ गई.
मैंने अपना ड्रेस लोवर और टॉप पहन लिया और सुंदरम का इंतजार करने लगी.
5 मिनिट् में आ गया वो.
जैसे ही अंदर आया वो चौंक सा गया और मेरी तरफ देखता ही रह गया.
फिर बोला – मैडम ले आया हूँ खाना. आप खा लो.
मैंने कहा – ठीक है तुम जाओ.
तो वो बोला – क्या, मैं भी अपना खाना यही खा लूँ मैडम.
मुझे कुछ समझ नहीं आया.
मैंने कहा – खा लो जल्दी से और जाओ.
मैं भी खाना खाने लगी तो बीच में सुंदरम बोला – मैडम साउत इंडिया डिश कैसी है.
मैंने कहा – बहुत टेस्टी है. मैं आप को एक खास डिश खिलाऊंगा मैडम.
मैंने ने कहा – खा लेंगे कभी.
तब तक खाना ख़तम हो गया पर मैंने देखा की वो मेरी तरफ देखता ही रहा.
मुझे कुछ शक़ हुआ. मैंने कहा की तुम अब जाओ कल में फिर बताउंगी, कब आना है.
इस से पहले की मैं उस के जबाब का इंतजार करती वो मेरे पास आया और मेरा मुँह पकड़ कर अचानक किस करने लग पड़ा.
मैं इस अचानक हमले से बेख़बर थी. मैंने उसे पीछे धकेल दिया ज़ोर से और बोली की तुम्हारी नौकरी तो गई. मैं कंप्लेन कर दूँगी सब से.
तो वो भैंसे की तरह हंसा और बोला – मैडम जी, मैंने तकरीबन 80% औरतों को चोदा है इस यूनिवर्सिटी में और किसी की भी हिम्मत नहीं हुई मेरी कंप्लेन करने की. आप कर देना मेरी कंप्लेन कोई बात नहीं पर पहले मेरा लण्ड तो चूस लो.
वो एक दम से नंगा हो गया था एक बेशरम की तरह.
मैंने क्या देखा की उस का लण्ड एक काले नाग की तरह काला है और 9” लंबा तथा 3” मोटा और लोहे की रोड के जैसे खड़ा हो गया है.
सुंदरम कोई 27 साल का हट्टा कटा ड्राइवर है और बॉडी भी अच्छी ताकतवर है. पर है एक दम से काला.
मैं बोली सुंदरम बाहर जाओ नहीं तो में चिल्ला दूँगी.
वो बोला की मैडम आप ने ही तो मुझे बुलाया है यहाँ. मैं कह दूँगा की मैडम को काला लण्ड बहुत पसंद है.
मैं डर गई क्योंकि ग़लती मेरी ही थी.
सुंदरम ने एक ही झटके से मेरी स्लॅक्स नीचे खींच दी और मैं नीचे से नंगी हो गई.
इस से पहले मैं कुछ करती उस ने मुझे धक्के से सोफे पर झटक दिया.
मैं औंदी सी हो गई और मेरी गोरी गाण्ड पूरी नंगी हो गई.
उस ने बिजली की तरह मुझे पीछे से पकड़ा और घोड़ी बना दिया. बड़ा ज़ोर था उस में.
मैं देखती ही रह गई क्यूंकि जो हुआ अचानक हो गया और हो रहा था.
इस छीना झपटी में मैंने देखा की उस ने ढेर सारा थूक मेरी चूत पर लगा दिया और अपने लण्ड पर भी, और पीछे से अपने लण्ड को मेरी चूत पर रगड़ने लगा.
उस का लण्ड बहुत गरम लग रहा था.
मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था की अचानक एक ज़ोर का धक्का मारा उस ने और पूरा लण्ड जड़ तक अंदर धकेल दिया.
मैं चिल्लाई पर उस ने अपने हाथ मेरे मुंह पर रख दिया. जल्दी से और बोला की मैडम चिल्लाई तो दो और आ जाइएँगे तुम्हारी आवाज़ सुन कर और तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना देंगे चोद चोद कर. इसलिए चुप चाप घोड़ी बनी रहो और इस घोड़े के काले और मोटे लण्ड का मज़ा लो. इतना तगड़ा और काला लण्ड आप को जिंदगी में नहीं मिलेगा. और वो ज़ोर ज़ोर से ठोकता रहा पीछे से.
मेरी चूत सील बंद तो थी नहीं की बहुत दर्द होगी घुसने में सो एक तगड़े धक्के में ही पूरा सरर से चला गया.
तेरे भाई ने अपने 8” लंबे लण्ड से चूत पहले ही खुली की हुई थी. सो यह धना धना लण्ड अंदर बाहर करने लगा. सच में मुझे भी बड़ा मज़ा आया चुदने में क्योंकि उस का लण्ड एक दम से फिट जा रहा था मेरी चूत में.
कोई 15 मिनिट के बाद वो झड़ गया और नीचे फ्लोर पर अपना पानी फैंक दिया.
इसी दौरान में भी झड़ गई.
अब वो नंगा ही बैठ गया सोफे पर.
फिर बोला – मैडम सॉरी मैं अपने आप को रोक नहीं पाया था क्यों की एक आप बहुत सुन्दर हैं और दूसरा नॉर्थ की औरतों को देखते ही मैं पागल हो जाता हूँ. तीसरा आप के कपड़े ही ऐसे थे की बूढ़े का भी खड़ा हो जाए. आप मेरी पहली शिकार नहीं हैं पिछले 5 साल मैं मैंने जितनी भी प्रोफेसर या लेक्चरर्स यहाँ आईं तकरीबन सब को चोदा. चाहे कितनी भी तेज़ तरार क्यों ना हो. मैने अपना काला नाग उन की चूत के बिल में घुसेड ही दिया चाहे प्यार से या फिर ज़बरदस्ती और काई तो उन मैं से दो बार आ चुकी हैं. जब भी आईं मेरे साथ मुलाकात ज़रूर करती हैं और पूरी पूरी रात मेरे से चुदाई करवाती रहीं. बोलती थी की तेरे काले लण्ड का मज़ा खींच लाया हम को. बहुत चोदा था उन को मैंने. लेकिन मैडम आप जितनी सुंदर और सीधी हैं उतनी कोई नहीं है. आप की गाण्ड को देखते ही मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, जब मैं आप को स्टेशन से लाया था. आप जब चलती हैं तो गजब की चलती हैं देखने वाले की खुद की गाण्ड फट जाए. आप की गाण्ड को हिलते देख कर. तब से ही मैंने सोच लिया था की मैडम को ज़रूर चोदना है मैंने चाहे कुछ भी हो. सच कहूँ बड़ा मज़ा आया आप को चोदने में और वो भी घोड़ी बना कर.
मैं कुछ नहीं बोली उठी और सीधी बाथरूम में चली गई चूत को साफ करने और मूतने के लिए.
सुंदरम मेरे पीछे ही आ गया और उधर ही खड़ा हो कर मूतने लगा.
उसी समय उस का लण्ड फिर से तन गया और बोला – क्या करूँ इस का मैडम यह मानता ही नहीं. मैं चुप रही और बेड रूम की और चलने लगी तो सुंदरम ने मुझे अपने हाथों में उठा लिया और बेड पर लिटा दिया.
नंगा तो था ही उस का लण्ड घोड़े की तरह हिल रहा था और मेरी गाण्ड को टच कर रहा था.
मैं भी आधी नंगी थी, उस ने मेरा टॉप निकाला और लगा मेरे बूब्स को चूसने. मैं चुप थी देखना चाहती थी की क्या करता है अब यह काला सांड़.
थोड़ी देर के बाद, वो मेरी टाँगों के बीच आया और चूत को चाटने लगा, पागलों की तरह.
बड़ा मज़ा आ रहा था मुझे. मैं भी अब उस का साथ देने लगी और कहा सुंदरम – खूब चाट मेरी चूत को यह तेरी है आज़. सुंदरम बहुत खुश हुआ और कोई 10 मिनट तक दिल भर के चूत को चाटता रहा और मेरा पानी भी पी गया.
मेरी तो बस हो गई थी.
मैंने कहा – घुसेड दे अब इस नाग को और चोद अपनी मैडम को जितना चोदना है तुझे मेरे काले सांड़.
बड़ा हंसा वो.
फिर बोला – मैडम आज तो मैं अपने लण्ड को आप की चूत से बाहर नहीं आने दूँगा. आप भी क्या याद करेंगी की कोई चोदने वाला मिला था. इतनी साफ़ सूत्री चूत मैंने नहीं देखी आज तक.
फिर उस ने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी और एक ज़ोर दर धक्के से सरर करता हुया लण्ड घुसेड दिया मेरी फूली हुई चूत में.
उस रात मुझे तीन बार पोज़िशन बदल कर दिल भर के चोदा उस ने .
मैंने भी उस का काला लण्ड दिल भर के चूसा और चुदाई का भरपूर मज़ा लिया.
गाण्ड मारने को बहुत पीछे पड़ा रहा पर मैंने कहा नहीं यह नहीं हो सकता. किंतु उस ने मेरी गाण्ड में पहले एक फिर दो उँगलियाँ घुसेड कर खूब आगे पीछे की. मूड तो बना था की गाण्ड भी खुली करवा लूँ पर मुझे वापस भी आना था इस लिए गाण्ड मरवाने की बात को मैंने ख्याल से निकल ही दिया क्यों की उस का लण्ड काफ़ी मोटा और लम्बा था.
वैसे तो मैंने तेरे भाई का लण्ड भी काफ़ी बार चूसा है और उन का पानी भी गले से अंदर लिया है पर दूसरे का पानी अंदर लेना मुझे अच्छा नहीं लगता चाहे भीमा ही क्यों ना हो.
दूसरे दिन रात की फ्लाइट से मुझे वापस आना था और एयरपोर्ट पर सुंदरम को ही लाना था मुझे. वो जाने से पहले कोई एक घंटा पहले मेरे फ्लैट में आया और चलने का समय पूछा.
मैं उस समये मैक्सी में ही थी, मुझे इस ड्रेस में देख कर वो पागल हो गया और उस का लण्ड फिर सीधा खड़ा हो गया था.
उस ने बिना टाइम गावाए खड़े खड़े ही लण्ड पर टेबल पर रखी हुई क्रीम लगाई और घुसेड दिया फ़च से अंदर पूरा का पूरा एक ही धक्के में.
बहुत ज़ोर के धक्के मार मार कर मेरी चूत फूला दी उस ने.
कहा – मैडम, मैं जिंदगी भर यह चुदाई नहीं भूलूंगा. इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया था. और ज़ोर से किस किया उस ने मुझे और कहा की सपनो में याद रखना मुझे. गुड बाइ.
यह थी उस काले सांड से चुदाई की कहानी.
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

कभी कभी याद आता है लेकिन अब तो भीमा का लण्ड सब कुछ भुला चुका है.
छुटकी तेरी चूत तो अब पूरा पानी छोड़ रही होगी, क्यों ठीक है की नहीं.
हाँ भाभी आप की यह दास्तान सुन कर किसी की भी चूत पानी छोड़ देगी मेरी ही नहीं.
भाभी बोली – कहो तो बूलौऊन भीमा को अभी का अभी खोल देगा तेरी चूत के सुराख को. खुला सांड है जब चाहो ठुकवा लो. तेरे भाई घर पर नहीं हैं इस लिए कह रही हूँ. अगर चुदाई करवानी है तो बोल.
छोटी कुछ नहीं बोली तो भाभी कुछ समझ सी गई की छोटी का शायद मन है लण्ड लेने का.
भाभी धीरे से साइड रूम में गई और भीमा को टेलिफोन कर बुला लिया और कहा की छोटी भी आई है, उसे पता ना चले. मैं पीछे के दरवाजे से तुझे अंदर ले आउंगी चुपके से. तू एक पतली सीटी बजा देना बस.
छोटी को मालूम नहीं पड़ा क्योंकि वो किचन में थी खाना तैयार कर रहीं थी.
लेकिन छोटी ने दिल में सोचा की पिछले तीन दिन पहले भीमा ने उस की चूत ढीली कर दी चोद चोद कर इतनी बुरी तरह से चोदा है हरामी ने. लेकिन फिर भी दिल नहीं भरा चुदाई से.
यह तो भाभी की कहानी पता करनी थी, मुझे की भीमा ने खूब चोदा है भाभी को की बंडल ही मार रहा था.
छोटी बोली – लेकिन मज़ा आ गया बातों का भाभी. ऐसे लग रहा था की सुंदरम का काला लण्ड मेरी चूत में ही जा रहा हो.
दोनों ज़ोर से हंस पड़ी.
अच्छा तो काले लण्ड की शौकीन हो तुम. बॉम्बे में नहीं मिला कोई क्या अब तक. – भाभी ने पूछा..
शौकीन तो नहीं पर एक बात है की काले आदमी का लण्ड तगड़ा, मोटा और लम्बा ही रहता है अक्सर. यह मैंने ब्लू फ़िल्मो में देखा है की कुछ काले लोगो का तो घोड़े से भी बड़ा होता है. ब्लू फ़िल्मो में तो औरतें पूरा ले लातीं हैं अपने भोसडे में. पता नहीं इतना बड़ा कैसे लेती हैं और उन कालों में बहुत ताक़त भी होती है. असली काले घोड़े की तरह ही धक्का मारते हैं. – मैने कहा.
भाभी – अरे छुटकी जब लेना होगा ना तब सोचना.. अभी से ही तेरी फटी जा रही जैसे तेरे सामने वो लण्ड पकड़ के खड़ा हो. चल खाना खा लेते हैं और फिर बाकी बातें होती रहेंगी.
8 बजने को थे और हम अपने बेड रूम में जाने को तैयार थी.
मैंने भाभी को बोला की मुझे कोई मैक्सी दे दो रात के लिए.
भाभी ने मज़ाक में कहा की उस की क्या ज़रूरत है नंगी ही सो जाओ. रात ही तो है. यहाँ कौन आने वाला है की आते ही ऊपर चढ़ जायगा. यह गाय और सांड की चुदाई थोड़े ही है की आते ही ऊपर चढ़ गया और घुसेड दिया. 25 इंच का लंबा रोड चूत में.
फिर भाभी ने कहा की बेफ़िककर रह, छोटी अगर कोई आता भी है तो मैं हूँ ना अपने ऊपर चढ़ा लूँगी तू देखते रहना कैसे लेती हूँ उसका.
भाभी ने एक खुली सी मैक्सी दे दी और आप भी पहन ली.
भाभी ने छोटी को नहीं बताया की भीमा आ रहा है 9 बजे के बाद.
सो वो दोनों ही फ्री हो कर अपने अपने बिस्तरे पर आ गयीं और बातें करने लगीं.
भाभी ने छोटी से पूछा की छोटी जय के इलावा किसी और का लण्ड भी अपनी चूत में लिया या उस से ही काम चला रही हो.
छोटी – भाभी क्या बताऊँ, यह अंदर की बात है जो अब तक किसी से भी शेयर नहीं की है मैंने. जय भी कभी बाहर जाता रहता है टूर पर. एक बार वो 5 दिनों के लिए बॉम्बे से बाहर गये थे और मैं अकेले ही थी घर पर. हुआ ऐसे की हमारे बिल्डिंग के आस पास सब्जी और फल फ्रूट्स वाले आवाज़ लगते रहते हैं, उन का समान बेचने के लिए. मुझे सब्जी और फ्रूट्स लाना था सो मैंने उसे आवाज़ दी की ऊपर सब्जी और केले बगैरा ले के आ जाए. हमारी बिल्डिंग में बहुत फ्लैट है. 20 मंज़िल बिल्डिंग है. किसी को किसी से कुछ लाना देना नहीं. लिफ्ट्स हैं उन में ही आते जाते हैं. सब्जी बेचने वाले का नाम अब्दुल था, जिस से ज़्यादातर हम सब्जी लाते थे. अच्छी और ताजी सब्जी रखता था वो. थोड़ी देर में वो सब्जी लेकर ऊपर आ गया. तीसरी मंज़िल पर है हमारा फ्लैट. दो बेड रूम किचन, हॉल और बाथरूम है. वो सब्जी ले कर आया और बोला – मैडम यह है सब्जी और फ्रूट्स. जो चाहिए ले लो.
मैंने कहा की ठीक सी दे दो. केले छोटे और बहुत बड़े दोनों ही थे.
सो मैंने कहा – केले कौन से अच्छे हैं..
तो वो फट से बोला की मेडम बड़े वाले सही हैं, बड़ा केला खाने में जो मज़ा है वो छोटे में नहीं.
और बैगान कैसे दिए. छोटे नहीं है हैं क्या. – मैने पूछा.
वो बोला – मैडम, आज कल यह काले और लंबे वाले ही ज्यादा चल रहे हैं.
मैंने कहा की तुम्हारे पास सब बड़े और लंबे ही हैं छोटे कुछ भी नहीं.
वो बोला – मेडम छोटे गोल हैं लेकिन अच्छे नहीं होते.
मैं अक्सर उस से ही सब्जी लाती थी और वो कभी कभी मज़ाक भी कर लेता था.
मैंने कहा – यह अच्छा नहीं, वो अच्छा नहीं, यह छोटा, यह लंबा क्या कहते रहते हो.
तो वो बोला की मैडम, आप मेरे से ही लेती हैं ना इस लिए बता रहा हूँ.
लेकिन वो सब कुछ फ्रेश रखता था उस के पास.
मैंने कहा – चलो डालो बड़े वाले ही सही.
कितना डालूं, मैडम जी. – उसने पूछा
आधी दर्ज़न केले और आधा किलो बेगन. – मैने बताया
वो – बस मैडम इतने ही, और ले लो.
नहीं. – मैंने कहा – यह काफ़ी लंबे हैं. काम चल जायगा.
वो बोला – अच्छा यहाँ तो सब को यह लंबे वाले बहुत पसंद हैं और हर रोज लेते भी हैं.
उस की उम्र कोई 35 साल की होगी. पतला बदन और लंबा कोई 6 फुट था. वो पतली टी शर्ट और लूँगी पहने हुए था.
मैं ज्यादातार घर मैं मैक्सी ही पहनती हूँ और कुछ नहीं.
दिन के कोई 11 का टाइम था.
मैक्सी पतली सी थी.
मैं नहा कर आई ही थी और दिन का खाना बनाना था इसलिए सोचा सब्जी ले लूँ.
मेरे शरीर के अंग थोड़े से दिखाई दे रही थे.
फिर मैंने सब्जी और फ्रूट्स लिए और अंदर रखने चली गई.
यह भी पीछे आ गया किचन में बोला की पानी पीना है.
क्या कहती.
मैंने सोचा की हर रोज तो इन लोगों से सब्जी लेते हैं तो कोई बात नहीं.
लेकिन मैंने देखा की वो मेरी तरफ देख रहा है और मैंने अब्ज़र्व किया की उस की लूँगी में उस का लंबा लण्ड तन गया है देखने से लग रहा था की काफ़ी बड़ा है.
अब वो भी क्या करे डंडा तो उठ गया है.
मैंने पानी दिया और कहा की पैसे लाती हूँ.
जैसे ही मैं अंदर से पैसे ले कर आई उस ने अपना लण्ड लूँगी से बाहर निकल रखा था. कोई 11 इंच लंबा था लेकिन मोटा थोड़ा कम था.
मेरे होश उड़ गये. क्या करूँ लगता है फँस गई इस के चक्कर में.
मैंने कहा की यह क्या मज़ाक है बाहर निकल.
वो बोला – मैडम, क्या करूँ. कैसे जाऊं बाहर मैं. जब तक यह बैठ नहीं जाता मैं बाहर नहीं जा सकता. मैं ऐसे करता हूँ की मूठ मार लेता हूँ यहाँ पर फिर बैठ जायगा.
मेरे को पसीना आ गया की क्या करूँ. ज़ोर से शोर मचाया तो कोई और ना सुन ले.
इसी सोच में थी की उस ने अपनी लूँगी नीचे रख दी खोल कर.
मैंने इतना लम्बा लण्ड आज तक नहीं देखा था.
वो उधर ही हाथ में ले कर थूक लगा कर आगे पीछे करने लग पड़ा.
मैंने कहा की रुक भाईं क्या कर रहा है तू.
तो वो गुस्से से बोला की और क्या करूँ. तेरी गाण्ड में डालूं क्या.
मुझे उस से यह उमीद नहीं थी.
मुझे पता था की यह लोग खतरनाक होते हैं. कुछ भी करने से नहीं डरते. झट से मेरे पास आया और फुर्ती से मेरी मैक्सी में हाथ डाल दिया और दूसरे हाथ से फाटक से चूत में अंगुली घुसेड दी.
नीचे से नंगी हो, इस का मतलब लण्ड को तैयार हैं, आप बोल कर उसने मेरी मैक्सी ऊपर कर दी.
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

मेरी गोरी गाण्ड और टाँगे देखते ही उस के लण्ड में और जोश आ गया और बिजली की तरह मेरे पर झपट पड़ा.
फट से पीछे से पकड़ कर सीधा लण्ड मेरी गाण्ड पर रख कर घुसेड़ने लगा.
मैंने ज़ोर से एक झापड़ मारा कहा की क्या जबरदस्ती है ये. उसे और गुस्सा आ गया और झट से मुझे नीचे पटक दिया और अपने लण्ड पर थूक लगाने लगा.
रांड़ तेरी जैसी बहुत घोड़ियों को मैंने काबू क्या है. पहले उकसाती हैं फिर एक ही धक्के में पूरा लण्ड जब चूत में जाता है ना तो शांत हो जाती हैं.
मैं थोड़ी ढीली पड़ गई की गुस्से का कोई फ़ायदा नहीं है इस जानवर से.
मैंने कहा – कितना बड़ा है और बहुत लंबा है. डर लग रहा है की कहीं फट ना जाए.
तो वो बोला की साहब नहीं ठोकता तेरे को क्या जो इतनी डर रही है. घबरा मत आराम से चोदूँगा तुम को.
फिर उस ने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी. ढेर सारा थूक मेरी चूत पर लगाया और दे मारा ज़ोर का धक्का और घुसेड दिया अपने लण्ड को मेरी चूत में.
फिर बोला – ले अब उचक ऊपर को. जितना उचकेगी उतना ही अंदर घुसेगा.
आठ इंच सीधा ही घुस गया पतला तो था ही.
जय के लण्ड से पतला था थोड़ा सो तकलीफ़ नहीं हुई.
दूसरे धक्के में पूरा का पूरा ही घुसेड दिया. गले तक चला गया. चीख निकल गई मेरी.
बोला अब उछल जितना उछालना है और फिर उस की स्पीड देखने वाली थी.
फ़चा फॅक होने लगी थी.
कोई आधा घंटा चोदा उस ने मुझे उचक उचक कर दो बार झड़ गई मैं.
मज़ा तो आया पर यह सोच कर घिन भी आ रही थी की सब्जी वाले से जो की गंदी बदबू मार रहा था से चुद गई आज में.
जब शांत हो गया तो मैंने कहा की भोसड़ी के अब क्या चाहिए चलो बाहर.
वो बोला – मैडम, जितना मज़ा आप को चोदने में आया उतना किसी और को चोदने में नहीं. क्या बदन पाया है आप ने.
मैं बोली – तुम्हारा धंधा है क्या ऐसे चुदाई करने का. कितनी और को चोद चुका है तू.
तो अब्दुल बोला की आप की पड़ोसेनो को तो मैं बहुत पहले चोद चुका हूँ. सिर्फ़ आप की लेने का चान्स ढूँढ रहा था मैं. सब की चूत ढीली है आप की छोड़ कर. आप बहुत टाइट हैं. मैं सोच रहा हूँ की एक बार और चोद लूँ फिर चान्स मिले या ना मिले. क्या ख्याल है, मैडम जी.
उस का लण्ड बहुत लंबा था और फिर डंडे की तरह खड़ा हो गया था.
मैं हैरान थी की 35 की उम्र भी क्या जोश पाया है इसने.
अब तो मैंने सोचा की ज़बरदस्ती चुदने तो अच्छा है की चोदने दे साले को और मज़ा ले लो चुप चाप.
15 मिनट तक तो चूत चाटी और पूरा बदन चाट चाट के रख दिया, उस ने. यहाँ तक की गाण्ड का छेद भी खूब चाटा. लाल कर दी चूत और गाण्ड चाट कर उस ने.
फिर बोला – मैडम तेल या क्रीम देना मुझे. मैंने उसे तेल की शीशी दे दी.
उस ने तेल मेरे बूब्स पर और पूरे बदन पर लगाया.
फिर मेरी गाण्ड पर दो उंगलियों से अंदर तक डाला और गाण्ड थोड़ी ढीली कर दी.
अब और देर ना करते हुए उस ने मेरी टाँगे उठाईं कंधे पर और पेल दिया पूरा का पूरा ही अंदर.
10 मिनिट्स में, मैं झड़ गई.
फ़चा फॅक होने लगी थी मेरी चूत में.
अब उस ने कहा की घोड़ी बन जाओ. मैं घोड़ी बन गई.
उस ने धीरे से अपने लण्ड को मेरी गाण्ड पर रखा जो की मेरे पानी से लूब्रिकेट था.
वो धीरे धीरे घुसेड़ने लगा.
मुझे काफ़ी दर्द हो रहा था पर सहन कर गई.
पाँच मिनिट्स में पूरा अंदर थोक दिया.
फिर तो दे धना धन ठोकने लगा और 20 मिनिट्स में झड़ गया, मेरी गाण्ड में ही.
बहुत मज़ा आया मैडम जी. आप जैसा बदन किसी का नहीं देखा मैंने आज तक. कोई 10 से भी ज्यादा को चोद चुका हूँ मैं. उसके बाद उस से नहीं मिली ना तो समान ही लिया. कई बार देखता था मुझे लेकिन मैंने कोई लिफ्ट नहीं दी उसे जैसे कभी कुछ हुया ही ना हो.
हम ने फिर वहाँ से शिफ्ट भी कर लिया था दूसरी जगह जहाँ से ऑफीस नज़दीक पड़ता है.
भाभी यह घटना मैंने किसी से भी नहीं बताई है. नहीं तो मुश्किल हो जाती.
जय सहन नहीं कर पता यह सब. चालू तो जय भी कम नहीं लेकिन इस बात को वो कभी भी सहन नहीं करता की मैंने सब्जी वाले से चुद गई.
वो यह सोचता की शायद में इस के जाने बाद घर पर चुदाई का यह खैल इन बेकार के लोगों के साथ खेलती रहती हूँ.
ठीक कहा, तूने छोटी और यही सही भी है. औरतों को कई बातें छुपाने पड़ती हैं अपने पति से और अपनी सेफ्टी के लिए यह ज़रूरी भी है.
मैंने उसे कुछ पैसे दिए और बोला की अब यहाँ नज़र ना आए.
मुझे तो एक अनोखा अनुभव हुआ था और बहुत मज़ा भी आया था.
बस फिर उस से कोई मुलाकात तक नहीं की. दूर दूर ही रही.
बॉम्बे में यह सब्जी, भाजी बैचने वाले बहुत औरतों को चोदते हैं.
कई इन में से ख़तरे से खाली नहीं होते सो जो फँस गई चुद गई इन से. ब्लॅकमेल तक करते हैं, यह लोग औरतों को.
बातों बातों में भाभी बोली – भूल जा इस बात को जैसे कुछ हुआ ही नहीं. कौन सी तेरी सील भंग कर दी उस ने. बहती नदी में किसी ने हाथ धो लिया तो कोई फ़र्क नहीं पड़ता. ऐसा होता है कभी कभी जो हम ने कभी ना सोचा हो. चल अब लंबे लण्ड को भूल जा, सो जातें हैं अब चूत में उंगली ले कर. वैसे भी तेरी बातें सुन कर मेरी भी चिप चिप करने लग पड़ी है. क्या अच्छा होता अगर तेरा भाई या भीमा यहाँ होता तो एक ट्रिप लगवा लेती. ठंड पड़ जाती और आराम से नींद आ जाती.
छुटकी हंसते हुए भाभी को बोली की आप भी ऐसी बातें करती हैं पूछो मत.
प्रोफेसर है ना इस लिए बिस्तर से बातें करती हूँ. बाकी बातें कल करेंगे. तब तक मोटे लंबे लण्ड के सपने ले. तेरे भाई दो दिनों बाद ही आएँगे, सो फिर भी चुदाई का ख्याल हो तो बता दे.
भाभी का बच्चा उन की मां के पास रहता था और वहीं पढ़ने भी डाला था. सो भाभी के पास अकेले काफ़ी टाइम रहता था.
रात के खाने के बाद 9 बजने को थे हम दोनों ही नाइट ड्रेस यानी मैक्सी में थीं और सोने की तैयारी में थीं.
मैं अपने बेड पर लेटी हुई थी.
भाभी ने टी वी धीमी आवाज़ में चला रखा था और न्यूज़ आ रही थी.
मेरा ध्यान उन में था.
भाभी बोली – बाथरूम से होकर आती हूँ तो देख टीवी.
10 मिनट के बाद भाभी आ गई और कुछ किचन में रखा.
फिर आ कर अपने बेड पर लेट गई.
आने से पहले भाभी ने चुप चाप भीमा को अंदर ले कर साइड रूम में भेज दिया और कहा की जब मैं कहूँ आना और चुप रहना.
ठीक है भाभी जी. – भीमा ने जवाब दिया..
भाभी बोली – छोटी और बता किसी और ने नहीं चोदा तेरे को. यार तू चीज़ ही ऐसी है की तेरी गाण्ड को दखते ही किसी का भी लोडा उछाल भरने लगे.
छोटी बोली – भाभी, गाण्ड तो आप की भी कोई कम नहीं है जब आप चलती है ना तो एक मस्त घोड़ी की तरह हिलती चलती हैं. गाण्ड की फाँकें अलग अलग हिलती हैं. आदमी तो क्या गधा भी अपना लण्ड खड़ा कर के पीछे भागे. आप बहुत सुंदर हैं भाभी, लगता है की आप को हर रात लण्ड चाहिए चूत में. भैया के बस की बात नहीं है अब. अब तो आप को आप का प्यारा भीमा ही ठंडा कर सकता है या फिर कोई पठान जिस का लण्ड 12 इंच का हो.
भाभी बड़े ज़ोर से हँसी और बोली – छोटी बात तो सही है, भीमा का लण्ड लेने के बाद आप के भाई का तो अब लुल्ली जैसा ही लगता है. चोदने में वो भी कम नहीं हैं, जब चोदते हैं ना तो दिल भर के ठोकते हैं.
User avatar
rangila
Super member
Posts: 5698
Joined: 17 Aug 2015 16:50

Re: अनोखी चुदाई

Post by rangila »

भाभी ने कहा की छोटी मेरा दिल तो अब भी चुदने का कर रहा है. सोच रही हूँ की भीमा का लण्ड मिल जाए अब तो में दिल भर के चुदाई करवा लूँ. क्या करूँ तुझे भी मरवाने का दिल है क्या.
मैने कहा – है तो लण्ड कहाँ से लाऊँ. अरे घबरा मत तू थूक लगा ले अपने चूत पर लण्ड आ जायगा. बोल बुलाऊं लण्ड को.
बुला लो भाभी नींद नहीं आएगी अब. चूत पानी पानी हो रही है. ठीक है पहले तू मरवा लेना बाद में मैं चुदवा लूँगी. एक मिनट ठहर अभी लण्ड हाजिर होता है. – भाभी ने हंसते हुए बोला.
भाभी ने भीमा को आवाज़ दे दी.
छोटी बोली – भाभी ? भीमा यहाँ कहा है इस वक़्त.
देख ले तू अभी आता है अंदर. – भाभी ने आँख मारी.
भीमा नंगा हो कर अपना लण्ड खड़ा किए हुए घोड़े की तरह हिलता हुया अंदर आ गया.
छोटी की साँसे बंद हो गई उस ने तो ऐसा सोचा भी नहीं था की भीमा यहाँ होगा इस वक़्त.
छोटी ने कहा भाभी जी आप बहुत चालू हैं. यह कहाँ से आ गया इस वक़्त. बाप रे इतना बड़ा लंबा और मोटा लण्ड मैंने तो कभी नहीं देखा. भाभी पहले आप इस मूसल को अंदर घुसेड लो फिर मैं देखती हूँ.
भाभी बोली ठहर मैं क्रीम लाती हूँ और दूध गरम करती हूँ तब तक तू भीमा का लण्ड देख और बातें कर इस से. तेरी तो देख कर ही फटे जा रही है, अंदर घुसेगा तब क्या होगा.
भाभी अंदर चली गई दूध लाने, मैंने भीमा को धीरे से कहा भाभी को ज़रा सा भी शक़ ना हो की तू मुझे पहले ही दिल भर के चोद चुका है. अब हमे नाटक करना है. मैं चिल्लाऊंगी जब तेरा लण्ड मेरी चूत में घुसेगा. तू डरना मत भाभी को दिखाने के लिए ज़ोर से एक ही धकके मैं घुसेड देना. फिर देखना भाभी क्या कहती है. बस पहले भाभी की चूत को ठंडा कर दे अच्छी तरह से जितना ज़ोर है आज लगा देना उस पर जिस से उस की आग बुझ जाए. बड़ी आग लगी है उस को आज. तेरे लण्ड का इंतजार कर रही थी.
तब तक भाभी अंदर से आ गई दूध ला कर और हम तीनों ने ही पिया.
भाभी बोली मेरे काले सांड पहले किस की फाड़ेगा.
मैंने कहा – भाभी आप चुदवा लो पहले इस से, फिर मैं फड़वा लूँगी.
मैं सोच रही हूँ की इतना मोटा कैसे जायगा मेरी चूत में.
भाभी बोली – छोटी, अब देख तमाशा इस घोड़े के लौड़े का कैसे जाता है मेरी फुददी में खचा खच.
छोटी बोली तो आप जाओ, दूसरे कमरे में.
भाभी बोली – क्यों तुझे शर्म आती है क्या. नहीं. इधर ही इस रूम में ही चुदाई होगी. जिस से तेरे को भी पता चले की भाभी कैसे लेती है इस मोटे डंडे को अपनी चूत में.
मैं धीरे से बोली – भाभी, अपना ध्यान रखना अंदर है भी ना कुछ.
तो भाभी इंग्लीश में बोली – नहीं कुछ नहीं है तो मत घबरा सब साफ़ हो गया है. तेरे भाई का बीज़ ही डलवा लूँगी मैं अब. लेकिन पहले मुझे इस सांड से दिल भर के चुदवाना है. फिर टाइम आउट ले के दूसरे की सोचेंगे.
अच्छा तो यह बात है, तभी मैं सोच रही थी की भाभी इतनी गरम क्यों हो रही है जैसे गये सांड का लेने को रामभती है.
भाभी ज़ोर से हंस पड़ी और बोली – छोटी करना पड़ा, यार. अभी मज़े ले फिर बाद में सब विस्तार से बताती हूँ. सही में, मैं आज बहुत गरम हो गई हूँ और मुझे चूत की गर्मी ठंडी करवानी है. तुझे पता नहीं अबॉर्षन के बाद चूत बहुत फड्फडा थी है. सो शुरू हो जाते हैं हम दोनों ही.
भाभी ने बिस्तर को नीचे कर दिया और तुरंत नंगी हो गई.
वाह क्या बदन है भाभी का. क्या चूत है भाभी की. एक दम से साफ़ सूत्री और डबल रोटी के जैसे फूली हुई.
मैंने कहा – भाभी बिस्तर नीचे क्यों. क्या बेड पर ही रहने देतीं.
तो भाभी बोली की भीमा के धक्के यह बेड सहन नहीं कर पाएगा और नीचे चुदाई करने पर पूरा लण्ड जड़ तक चूत में समा जाता है और बेड की आवाज़ भी नहीं आती.
बस चूत की फ़चा फॅक ही होती है.
मैने भीमा को पहले कह दिया था की जितना ज़ोर है आज भाभी की मस्ती ठंडी करनी है.
भाभी नंगी तो थी ही बो नीचे बेड पर लेट गई और भीमा को कहा की चल भीमा, अब जो करना है कर.
भीमा भाभी की चूत चाटने लगा और मैं देखती रही.
10 मिनिट के बाद जब भाभी बहुत गरम हो गई तो भीमा ने अपने मोटा लण्ड उस की चूत पर रखा और ज़ोर का धक्का मारा.
जैसे सांड़ घुसेड देता है एक ही धक्के में.
भाभी के मुँह से आह आह निकल गई और भीमा को अपनी बाहों में जाकड़ कर बोली – भीमा बिना बंद किए हुए चोद मुझे स्टॉप नहीं करना.
यह सुन कर भीमा की रफ़्तार देखने वाली थी.
दे धना धन पूरा बाहर निकलता और अंदर घुसेड देता.
भाभी की टाँगें अपने आप ही ऊपर उठ गयीं थीं.
करीब 10 मिनट के बाद लगी फ़चा फॅक होने.
मैं समझ गई की भाभी की चूत ने पानी छोड़ दिया है इसी से यह फॅक फॅक की आवाज़ आ रही है..
इधर मेरी हालत भी खराब हुई जा रही थी.
भाभी बोली – अब शरमाती क्यों है खोल दे अपनी मैक्सी को और आ जा नीचे बेड पर. नज़दीक से देख, कैसे घुस रहा है.
मैं भी तुरंत नंगी हो गई और उठ कर भाभी के पास बैठ गई और चुदाई देखने लगी.
भाभी ने धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत में घुसेड दी. मैं चिहुनक उठी.
भाभी बोली – इतनी टाइट नहीं है तेरी चूत की मेरी उंगली भी ना ले सके. पूरी गीली हो रही है.
भाभी ने भीमा को आँख मारी और कहा की उठा इस की टाँगें और एक ही सूपर धक्के मे घुसेड दे अंदर.
भीमा ने फुर्ती से मेरी टाँगें पकड़ी और चौड़ी कर दी.
फिर उठा कर कंधे पर रख कर दे दिया ज़ोर का धक्का अपने लण्ड का.
सररर से पूरा का पूरा जड़ तक अंदर घुस गया.
मैं जानबूझ कर चिल्ला पड़ी – “आआआः फट गई रे भीमा. यह आदमी का लण्ड है की गधे का लोडा.
भाभी ने कहा की भीमा बंद मत करना चोद इस को ज़ोर लगा के.
10 धक्कों के बाद भाभी बोली की अब आराम से चोद, जब तक फ़चा फॅक की आवाज़ नहीं आती.
मैं गरम तो थी ही कोई 5 मिनट में मेरा पानी निकल गया.
अब भीमा तीन धक्के भाभी की चूत और तीन धक्के मेरी चूत में लगाने लगा.
हम दोनों को ही चोदने लगा था और उस ने भाभी से पूछा की भाभी, पानी किस के खेत में डालूं.
भाभी बोली – चल, मेरे में ही डाल और लण्ड निकालना मत जब तक पूरी तरह से झड़ ना जाए.
मैंने देखा की भाभी ने अपनी टाँगें चौड़ी कर दी और भीमा से लिपट गई जैसे साँप लिपटे हो.
भीमा ने पूरे ज़ोर से पिचकारी उस की चूत में भर दी और हम ठंडे पड़ गये दोनों ही.
Post Reply