अदला बदली और सामूहिक चुदाई complete

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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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फिर अंकिता ने मेरी ब्रा और पैंटी जिसमे की राज ने अपना माल छोड़ा था उसे चाटने लगी.. अभी भी गीला था अंकिता ने उसे पूरा चाट लिया..
अंकिता – मिनी, मैं भी कभी तुझे अमन का माल टेस्ट करवा दूँगी.. तू ये मत सोच की मैं बस अपना सोच रही हूँ..
मिनी – कैसे..?..
अंकिता – तू बोले तो मैं एक छोटे से डब्बे में पॅक करवा के ला दूँगी..
मिनी – हाँ और बोलॉगी क्या उसे की, मिनी आंटी को तुम्हारा जूस चाहिए.. इस डब्बे में डाल दो..
हम दोनों फिर हंसने लगे.. मुझे मालूम था की अब हम मैं बात कर सकते हैं..
मिनी – मेरी तो चूत गीली हो रही है, दोनों की बात सुन कर..
अंकिता – मेरी भी मिनी, सच में.. अपने बेटे से तो ह्म चुदवा नहीं सकते, पर ऐसा फील होता है ना कभी कभी की कोई यंग लड़का अपनी सारी एनर्जी लगा के लगातार चोदता रहे..
मिनी – अंकिता मत बोले ऐसे, मैं बैठे बैठे पानी छोड़ दूँगी.. तुझे नहीं पता की मैं जवान लंड की कितनी बड़ी प्यासी हूँ.. ये तो राज का सोच के मुझे गुस्सा आ रहा था.. पर अमन का सोच के मेरी चूत गीली हो रही है..
अंकिता – मिनी, शायद हम लोग कुछ कर सकते हैं..
मिनी – जैसे..?..
अंकिता – जैसे की मैं अमन को तुम्हारे पास भेज दूँ, और तुम राज को मेरे पास.. दोनों को जो भी सीखना हो वो सीखा भी देंगे और अपनी अपनी चूत की प्यास भी बुझा लेंगे..
मिनी – ऐसा हो सकता है क्या, अमन और राज रेडी होंगे..
अंकिता – तुझे किसी भी गल से लगता है की वो रेडी नहीं होंगे.. और हमें मानने की ज़रूरत भी नहीं है.. मैं अमन को भेज दूँगी तेरे पास, तू राज को भेज देना.. फिर बात करते करते हम इस टॉपिक पे आ जाएँगे की वो लोग ऐसे क्यूँ करते हैं.. वो खुद ही सब शेयर करेंगे हमें चोदने की चाह में..
मिनी – हाँ वो भी ठीक रहेगा.. शुवर अंकिता..?..
अंकिता – हाँ बाबा, इसी बहाने एक दूसरे के बेटे को चोदना भी सीखा देंगे.. हमें भी जवान लंड का आनंद मिल जाएगा और हम इन्सेस्ट सेक्स करके कोई सीन भी नहीं करेंगे.. मेरे ख़याल से ये पासिबल प्लान है..
मिनी – ठीक है फिर प्लान करते हैं कभी हम..
अंकिता – हाँ मिनी.. काफ़ी वक़्त हो गया.. चल फिर कोमल की घर भी जाना है.. नहीं तो लेट हो जाएँगे..
मिनी – हाँ चल फिर वहीं लंच भी तो करना है..
फिर हम कोमल की घर चले गये..
रूचि पहले से ही वहाँ पहुंची हुई थी.. कोमल ने लिविंग रूम में फुड भी रखा हुआ था.. हम सबने अपने अपने प्लेट्स में खाना लिया और गप्पे मारने लगे..
रूचि – (आस ऑल्वेज़ रेडी तो स्टार्ट) मिनी दी, 2 दिन से रंगीला नहीं तो पक्का आपकी चूत में खूब मलाई होगी आज तो..
मिनी – हाँ पर तुझे कहाँ मेरी मलाई खानी है, तू तो अंकिता की चूत के पीछे पड़ी है..
कोमल – हाँ जब से इसने अंकिता को देखा बस उसकी मलाई खाने के पीछे ही पड़ गई है..
रूचि – नहीं मिनी दी, ऐसा कुछ नहीं आप बोलो तो आपकी चूत मैं ही मारूँगी..
अंकिता – क्यूँ रे रूचि, मैंने तेरे लिए मलाई जो बचा के रखा उसे कौन खाएगा..
कोमल – हहा, फस गई.. रूचि अच्छी बात नहीं, देख तो अंकिता कैसे अपनी चूत को प्लेट में परोसे के तेरे लिए लाई है और तू है की मिनी के पीछे पड़ी है..
रूचि – मैं छोटी हूँ ना दीदी, तो मिनी दी और अंकिता दी दोनों की चूत से मलाई निकालना मेरा ही बनता है.. मुझे तो बस ये लग रहा है की आप क्यूँ नहीं अपनी छोटी बहन को अपना मलाई ऑफर कर रहे हो..
कोमल – हाँ तू ही एक चत्खोर है.. हम सब तो यहाँ झल बजाने आए हैं.. एक को एक ही तरह का मलाई मिलेगा बस..
मिनी – नाइस ट्राइ रूचि.. वैसे कोमल ये सच भी तो बोल रही है.. लास्ट टाइम हम लोग 3-3 बार झड़ गये थे.. क्यूँ ना इस बार चेंज करते रहेंगे..
कोमल – मिनी – तुझे भी मालूम है की हम चारों एक साथ झड़ने वाले हैं नहीं.. फिर मलाई खाने में ब्रेक नहीं चाहिए..
अंकिता – हाँ ठीक ही तो बोल रही है कोमल.. कोई जल्दी जल्दी 2 बार झड़ जाए और दूसरा एक ही बार तो.. ऐसे नहीं होगा..
मिनी – यार तुम लोग बहुत बेसब्र हो रहे हो.. कोई नहीं देख लेंगे..
कोमल – हाँ देख लेंगे.. यदि ऑलमोस्ट एक साथ सब झड़ गये तो चेंज.. वैसे मेरा आज चेंज करने का मन नहीं है.. मैं मेरी जान मिनी की चूत की मलाई सॉफ कर रही हूँ..
मिनी – हाए, मेरी जान.. आई लव यू कोमल..
कोमल – आई लव यू मिनी जान..
रूचि – हाँ मिनी दीदी, आई लव यू टू.. आप जैसा कोई नहीं..
अंकिता – मिनी, आई लव यू टू..
मिनी – मेरे पास एक ही चूत है क्यूँ सब के सब एक साथ पीछे पास गये हो..
कोमल – हाँ और वो भी मेरा है..
रूचि – नहीं मिनी दी, मैं आई लव यू इसलिए बोले रही की ये सब हो रहा है आपकी वजह से.. अंकिता दी को तो आपने ही पटाया ना..
अंकिता – तू क्यूँ मेरे पीछे पड़ी हुई है..
रूचि – कसम से अंकिता दी, आपके लिए तो मैं लंड भी छोड़ दूँ.. क्या माल है दी.. कूट कूट के भरा हुआ है.. गदराया हुआ माल हो आप.. आपकी जब चूतड़ मटकती है ना हाए मेरा दिल रुक सा जाता है..
अंकिता – कितनी बदमाश है ये..
कोमल – इसका बस चले ना तो ये हम सबको एक साथ चोद दे और पानी भी ना माँगे..
रूचि – हाए दीदी ऐसे क्यूँ बोले रही हो.. मैं अंकिता दी की तारीफ़ कर दी इसलिए क्या.. आपने ही दीवाना बनाया उस दिन.. क्या चूत चूसा था आपने मेरा..
कोमल – चल अब हो गया खाना.. ज़्यादा मत खा कोई..
मिनी – सुन ना कोमल, सिगरेट ले के आ, चारों नंगे हो के चलते हैं तेरे प्राइवेट पूल में, वहीं नंगे थोड़ी देर सिगरेट पीते हैं..
रूचि – एक एक बियर भी हो जाए कोमल दी.. मिनी दी का प्लान होता है मस्त..
कोमल – चल पर मुझे तो ज़्यादा मज़ा मिनी के पूल में आता है.. वहाँ कोई ना कोई अजनबी भी होता है.. अजनबी के सामने बिकनी में होने का मज़ा ही कुछ अलग है..
मिनी – हाँ बस, अभी स्ट्रेंजर कहाँ से लाएँ.. चल जल्दी से ला..
फिर कोमल ने सिगरेट और बियर का अरेंज किया.. कभी कभी बियर पीने का भी अपना मज़ा है और लेज़्बीयन सेक्स के वक़्त तो बनता था.. फिर हम सब पूल पे गये.. मैं अपने कपड़े उतारने लगी..
कोमल – रुक मेरी जान.. तू भी मैं उतारती हूँ, तू मुझे नंगी कर दे..
रूचि – हाँ और मैं अंकिता दी को नंगा करती हूँ, अंकिता दी आप मुझे..
फिर हमने एक दूसरे को पूरा नंगा किया..
कोमल और मैं एक दूसरे को किस करने लगे..
कोमल मेरे लोवर लिप्स खाने लगी और मैं कोमल के अप्पर लिप्स को..
फिर दोनों ने एक दूसरे के जीभ को खाना शुरू किया.. कोमल ने हाथों से मेरी गाण्ड को सहलाना भी शुरू किया, हमने एक दूसरे को चूमना कंटिन्यू रखा..
मैं भी उसकी चूत में हाथ फेरने लगी और उसके जीभ और लीप को बारी बारी से खाने लगी..
फिर थोड़ी देर में रूचि वहाँ आ गई. रूचि ने हम दोनों को एक दूसरे से अलग किया और अब रूचि मेरी लिप्स को खाने लगी..
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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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उधर, कोमल और अंकिता भी एक दूसरे के लिप्स को खाने लगे.. रूचि ने एक उंगली अपनी चूत में डाली और फिर उस उंगली को निकाल के मेरी लीप पे रख दिया..
मैंने भी उसकी उंगली को सक करना शुरू किया..
रूचि ने फिर से दूसरी उंगली डाली और पहली उंगली हटा के अब दूसरी मेरे लीप पे रख दिया.. मैंने भी अपनी उंगली अपनी चूत में डाल के उसका रस रूचि के लिप्स पे रख दिया..
अब हम दोनों एक दूसरे के फिंगर को लीक कर रहे थे..
फिर हम दोनों ने ब्रेक लिया. रूचि ने अब कोमल को अपने पास खिंचा और उसके साथ लीप लॉक में लग गई..
मैंने भी अंकिता को अपनी और खींचा और उसके लीप को खाने लगी..
मैंने अंकिता की गाण्ड को पकड़ के ज़ोर से उसे अपनी तरफ खींचा और उसे बड़े बड़े मम्मे दबाते हुए उसे किस करने लगी..
हम दोनों काफ़ी इनटेन्स हो के एक दूसरे की लिप्स को नॉनस्टॉप खा रहे थे..
अंकिता थोड़ी थक सी रही थी, इसीलिए मैंने उसे वॉल का सहारा दिया..
अब फिर से मैं उसके लिप्स खाने लगी.. रूचि और कोमल भी अब हमारे पास गये और रूचि ने अंकिता की चूत में उंगली डाली और कोमल ने मेरी..
मैं और अंकिता एक दूसरे को अभी किस कर रहे थे और नीचे दोनों लोग हमारे चूत को फिंगर कर रहे थे और एक दूसरे को फिंगर लीक करा रहे थे..
कोमल – मिनी, बस भी कर.. कॉलेज के पुराने दिन याद आ गये क्या तुझे.. मुझे पहले से ही शक था की तू अंकिता को पहले से ही ले रही है..
मिनी – कुछ भी.. ऐसा कुछ नहीं..
अंकिता – हाँ..
मिनी – बस एक बार..
अंकिता – हाँ एक बार बस..
रूचि – दीदी एक बार क्या..
अंकिता – एक बार हमने एक दूसरे को किस किया था.. ये देखने के लिए की कैसा लगता है..
रूचि – वाव अंकिता दी, मिनी दी तो नॉटी है मुझे मालूम था, पर आप भी कम नहीं हो..
फिर हम चारों ने एक एक सिगरेट जलाई और अपना अपना बियर खोल के हम आराम कुर्सी में तौलिया लगा के नंगा लेट गये..
कोमल – मिनी, रूचि सबसे छोटी है ना चल इसको कुछ टास्क देते हैं..
रूचि – बोलो ना दी, मैं तो ऑल्वेज़ रेडी हूँ..
कोमल – हाँ मालूम है..
अंकिता – क्या टास्क ..?..?..
कोमल – मिनी कुछ सजेस्ट कर..
मिनी – वो कपड़ा ला, रूचि की आखों में बाँध देते हैं.. फिर हम तीनों हम 10 तक गिनती करेंगे, और हम तीनों अपने सीट्स की अदला बदली करेंगे.. हम तीनों अपनी चूत फैला देंगे.. रूचि की हाथ भी बँधी होगी.. उसे बस चूत की मलाई चख के बताना है की कौन कहाँ बैठा है..
रूचि – रोमांचक.. पर दीदी हाथ क्यूँ बंद रहे हो मेरा..
मिनी – नहीं तो हाथ से तू सके गाण्ड की मोटाई नाप के बता देगी..
रूचि – ओ के .. दीदी, पक्का चीटिंग नहीं करूँगी..
कोमल – इसे गेम की नहीं पड़ी, इसे तो बस ख़ुशी है की 3 -3 चूत परोसे जा रहे हैं इसके लिए..
फिर हमने वैसा ही किया, सबसे पहले रूचि मेरी पोजीशन पे आई, उसने मेरी चूत में मुंह डाला जीभ से ही चूत की स्किन हटा के मेरी चूत में एंटर करने लगी..
उसने थोड़ी देर मेरी चूत की चुदाई करी.. और फिर बोला की ये मिनी दीदी है..
फिर नेक्स्ट सीट पे अंकिता थी, रूचि ने उसकी चूत को भी पहचान लिया..
थर्ड सीट पे वैसे हो कोमल थी, पर उसने जान बुझ के फिर से मेरे साथ स्वाप कर लिया था, ताकि रूचि कन्फ्यूज़ हो जाए..
रूचि ने फिर से मेरी चूत को खाया पर इस बार कोमल का नाम ले लिया..
कोमल – हटा पट्टी, ग़लत.. मैं यहाँ हूँ..
मिनी – तुझे 2-2 बार मेरी ही चूत मिली, तूने मेरा चूत नहीं पहचाना..
रूचि – क्या मिनी, सच्ची मुझे लगा की ये तो फिर से मिनी दी लग रही है, पर मुझे नहीं मालूम था की आप लोग मेरे साथ अलग ही खेल रहे हो..
कोमल – चल अब नेक्स्ट..
रूचि – नेक्स्ट क्या..?..
अंकिता – कुछ नहीं, लैप डांस दो ना हम तीनों को, सिड्यूस करो..
फिर रूचि ने रियल में हम तीनों को लैप डांस दिया..
सच्ची में काफ़ी सेडक्टिव लैप डांस किया था उसने आज़ करीब आ के..
शी इस रियली वेरी फन लविंग गर्ल..
फिर हम चारों ने कुछ देर और आराम किया और फिर बेड रूम में गये..
सबको अपनी अपनी पोज़िशन पता थी..
मैं रूचि की चूत लेने वाली थी, रूचि अंकिता की, अंकिता कोमल की और कोमल मेरी.. जब कपल में करना था तो मैं और कोमल एक दूसरे के साथ और अंकिता और रूचि..
हम जल्द ही पोज़िशन में आ गये थे.. रूचि की डांस के बाद हम सब गरम हो ही गये थे..
मैंने रूचि की चूत को सहलाया, कोमल ने मेरी चूत पे डाइरेक्ट अटॅक किया और सीधा मेरी चूत में अपनी जीभ डाल के चोदने लगी..
मैंने रूचि की चूत से उसकी स्किन को अच्छे से हटाया, उसकी क्लिट को हल्के हल्के उंगली से मारा और फिर उसके क्लिट को चूसने लगी..
पहले मैंने 2 उंगली रूचि की चूत में डाली और उसकी चूत की चुदाई करने लगी..
मैंने अपनी उँगलियों को चूत के अंदर ही मोड़ा और फिर उसकी चूत की चुदाई करने लगी..
उसकी क्लिट को मैं अब ज़ोर ज़ोर से सक करने लगी..
उधर कोमल भी मेरी चूत को अब अपनी उंगली से चोद रही थी..
कोमल मेरी चूत में 3 उंगलियाँ डाली हुई थी.. और काफ़ी स्पीड से मेरी चूत को चोद रही थी..
साथ ही मेरे चूत के बाकी के एरिया को चूस रही थी..
मैंने फिर अपने जीभ को क्लिट से हटाया और रूचि की मूतने वाली जगह को अपने जीभ से सहलाने लगी..
रूचि भी गाण्ड हिला हिला के अब इसका मज़ा लेने लगी थी..
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मैंने रूचि की चूत में अब एक और उंगली डाल दी और तीन उंगली से रूचि की चूत को चोदने लगी..
अब मैंने रूचि की चूत को चूसना भी स्टार किया..
और चुसाई की वजह से जल्दी ही रूचि ने अपना पानी छोड़ दिया..
मैंने उंगलियों से उसकी चुदाई चालू रखी और उसके चूत की रस को चूस चूस के पीने लगी..
रूचि लगातार पानी छोड़ रही और मैं उसका सारा पानी पीने की कोशिश करती रही..
मैंने उसकी चूत की चुदाई अभी भी चालू रखी..
फिर मैंने दूसरी हाथ की उंगली रूचि की गाण्ड के छेद में डाल दि.. चूत के रस की कुछ ड्रॉप उसके गाण्ड की छेद तक पहुँच गये थे..
इसलिए आराम से उसकी गाण्ड में मेरी उंगलियाँ अंदर बाहर जाने लगी..
एक हाथ से चूत की चुदाई दूसरे हाथ से गाण्ड की चुदाई..
और अब मैं फिर से उसके क्लिट को चूसने लगी थी..
रूचि और भी उछल उछल के मज़े लेने लगे.. उधर कोमल ने भी नेरी चूत में तूफान मचाया हुआ था.. वो मेरी चूत को उंगलियों से लगातार चोद रही थी.. मैंने जल्द ही कोमल के लिए पानी छोड़ दिया.. कोमल भी मेरे रस को चूस चूस के सॉफ करने लगी..
मैंने अब रूचि की गाण्ड के छेद को अपनी जीभ से गीला किया और जीभ को उसकी गाण्ड की छेद में डालने लगी..
उंगली के जितना तो नहीं पर उसकी गाण्ड ने मेरी जीभ को थोड़ा अंडर ले लिया था..
मैंने जीभ अंदर ही रख के उसकी गाण्ड के छेद के चारों और अपनी जीभ को घुमाया और चूत को उंगली से चोदना चालू रखा..
रूचि थोड़ी ही देर में फिर से पानी छोड़ने लगी थी.. अब मैंने उसकी गाण्ड के छेद में एक डिल्डो घुसा दिया और उसकी गाण्ड को डिल्डो से चोदने लगी और चूत को उंगली से फ्री करके रूचि की चूत की सारी मलाई चाटने लगी..
उधर अंकिता की भी आवाज़ आ रही थी.. उसकी आवाज़ से भी लग रहा था की वो काफ़ी मज़े ले रही है..
कोमल ने मेरी गाण्ड में उंगली करना चालू रखा और मेरी चूत में उसने एक डिडलो घुसा दिया.. और मेरी क्लिट को चूसना चालू रखा..
मैंने रूचि की गाण्ड में डिल्डो के धक्के को बढ़ाया और चूत को फैला के उसे जीभ से चोदने लगी..
रूचि ने डिल्डो मेरी चूत से निकाल के गाण्ड में डाल दिया और चूत को पूरे तरह से मुंह में ले के ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी..
मैं दूसरी बार झड़ने लगी.. कोमल भी दुर्सी बार झड़ चुकी थी.. हम सबने अब कपल पोज़िशन ले लिया..
मैंने कोमल को अपनी तरफ खिंचा और अब उसके चूत को चूसने लगी..
उसकी चूत का सारा रस अपनी मुंह में लेने के बाद मैंने कोमल के लिप्स पे अपना मुंह डाला और कोमल की चूत का रस शेयर करने लगी..
हम दोनों चूत के रस को एक दूसरे की जीभ से चाटने लगे.. कोमल ने मेरी चूची को पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी..
मैंने अपनी 2 उंगली फिर से कोमल की चूत में डाली और चूत का जो रस उंगली में आया, उसे मैं, कोमल चाटने लगे.. उंगलियाँ चाट ते हुए कभी हम लिप्स को लगाते तो कभी एक दूसरे की जीभ को..
अब मैंने कोमल की चुचियाँ पकड़ी और उसे मसनला शुरू किया..
कोमल ने मेरी चूत से उंगलियों में रस लिया और फिर हम अब कोमल की उंगली से मेरी चूत से रस को चाटने लगे..
काफ़ी गरम माहोल हो गया था.. उधर रूचि और अंकिता भी एक दूसरे की लिप्स खाने में लगे थे..
फिर मैंने और कोमल ने दोनों एक दूसरे की चुचियाँ पकड़ी, प्यार से सहलाया और फिर ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी..
कोमल ने दोमूहा डिल्डो निकाला.. डिल्डो काफ़ी लम्बा था और डिल्डो के दोनों और लंड के सुपाड़े थे..
ये हम जैसे लेज़्बीयन सेक्स करने वालो के लिए ही था..
एक कोमल ने रूचि को पकड़ा दिया और दूसरा डिल्डो उसने मेरी चूत में डाला,
फिर मैंने डिल्डो को पकड़ा और डिल्डो की दूसरी तरफ कोमल ने अपनी चूत घुसाई.. अब हम दोनों अपने पैरों को मोड़ के पीछे हो के बैठे थे, हमारी चूत में एक ही डिल्डो घुसा हुआ था..
अब हम ने डिल्डो को अंदर बाहर करना शुरू किया और अपनी अपनी चूत की पुस्त चुदाई शुरू की..
उधर रूचि और अंकिता भी उसी पोजीशन में आ गये थे और डिल्डो से चूत चुदाई कर रहे थे..
कोमल ने अपनी स्पीड और बड़ाई, मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा के कोमल को मॅच किया.. फिर हम दोनों डिल्डो को राइड करने लगे..
जब दोनों डिल्डो को अंदर लेटे थे तो हमारी चूत एक दूसरे को किस करके फिर से अलग हो जाती थी..
मैं अपनी उंगली क्लिट में रगड़नी शुरू की, कोमल ने भी अपनी एक उंगली से क्लिट को रगड़ना शुरू किया और हम दोनों डिल्डो को राइड करते रहे..
जब हमारी चूत एक दूसरे से मिल रहा था तो फॅक फॅक की आवाज़े आने लगी..
हम दोनों एक ही साथ झड़ गये.. पर चूत से डिल्डो निकालने का मन नहीं था.. इसलिए हम दोनों ने डिल्डो को राइड करना चालू रखा..
उधर शायद रूचि और अंकिता भी डिल्डो को राइड करके झड़ चुके थे.. उन लोगों ने ब्रेक लिया था..
रूचि – अंकिता दी, आज मिनी और कोमल दी में कितना आग है.. नों स्टॉप चोद रही है..
अंकिता – हाँ..
रूचि – जानती है क्यूँ दीदी, दोनों 15 साल से एक दूसरे सबसे अच्छे दोस्त हैं.. और सोचो की 15 साल में इन्होने कभी एक दूसरे के साथ लेस्बियन सेक्स नहीं किया.. दोनों साथ स्विम करती हैं, नहाती हैं, एक दूसरे से लंड चूत चुदाई सारी बातें करती हैं.. फिर भी कभी इन दोनों ने लेस्बियन ट्राइ नहीं किया था.. आज जब कर रहे हैं तो, इन दोनों के बीच का प्यार इन्हे रुकने नहीं दे रहा..
सच ही बोल रही रूचि, वो जानती थी की मैं और कोमल कितने करीब थे पर हमने ये मिस किया था.. आज हम रुकना नहीं चाहते थे..
कोमल – मिनी, मेरी जान, आई लव यू..
मिनी – आई लव यू टू कोमल..
फिर हम ने डिल्डो को और भी स्पीड से राइड करना शुरू किया.. थोड़ी देर में हम दोनों फिर एक साथ ही झड़ गये.. मेरी चूत का फफड बन गया था.. पर मन नहीं भरा था.. फिर कोमल ने चूत से डिल्डो निकाला.. मैंने भी निकाला..
मिनी – गाण्ड में डालें..
कोमल – हाँ आ जा..
फिर कोमल कुतिया के स्टाइल में आ गई.. मैंने उसकी गाण्ड में डिल्डो का एक पोशन डाला.. और फिर मैं भी कुतिया के स्टाइल में आ के डिल्डो को गाण्ड में लेने लगी..
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ये देख के रूचि ने हेल्प करी और डिल्डो को गाण्ड में गाइड किया.. अब हम दोनों की गाण्ड में दोमूहा डिल्डो था.. अब जैसे हम हम हिला हिला के लंड को अंदर लेटे थे वैसे ही डिल्डो को राइड करने लगे.. अब हमारा गाण्ड एक दूसरे को हर बार किस कर रहा था..
मिनी – अंकिता, रूचि इधर आ, नीचे से घुस जा चुचि चूस चूत चूस..
फिर अंकिता मेरे नीचे चली, रूचि, कोमल के.. अंकिता ने मेरी चुचियाँ मुंह में ले के चूसना स्टार्ट किया.. फिर अंकिता और भी पीछे हो के मेरी चूत को चूसने लगी..
रूचि भी कोमल की चूत चूस रही थी.. मैं और कोमल दोनों डिल्डो को राइड करने में लगे थे..
ठप ठप की आवाज़ से मेरी और कोमल की गाण्ड एक दूसरे को किस कर रही थी.. अंकिता और रूचि ने अच्छी चूत की चुसाई करी नीचे से..
इस बार फिर से मैं और कोमल दोनों एक साथ झड़ गये.. इस बार मन भी भर गया था और चूत की सारी खुजली भी मिट गई थी..
मैं अंकिता के ऊपर ही ढेर हो गई और कोमल रूचि के ऊपर..
फिर चारों एक दूसरे से लिपट के थोड़ी देर लेटे रहे.. टाइम देखा तो रूम में आए हुए 2 घंटे हो गये थे..
हम बेड से उठे.. मैंने कोमल को गले लगाया और प्यार भरा किस दिया..
रूचि – दीदी, आज आप दोनों क्या पागल की तरह सेक्स कर रहे थे..
मिनी – क्यूँ तूने मज़े नहीं लिए..
रूचि – अंकिता दी से पूछो, कितनी बार मैंने इन्हे झड़ने पे मजबूर किया..
अंकिता – मेरी चूत तो निहाल हो गई.. बहुत अच्छा चूसती है ये..
फिर से करना पड़ेगा..
रूचि – वो तो है, मिनी दी और कोमल दी को देख के लगता नहीं की ये एक दूसरे से ज़्यादा दूर रह पाएँगे..
कोमल – चल अब कपड़े पहनते हैं.. इससे पहले की डॉली या जय आ जाएँ..
कोमल के घर से निकलने के बाद अंकिता अपने घर चली गई..
रूचि मेरे साथ ही थी.. मैं उसे ड्रॉप करने वाली थी घर..
कोमल को बाइ करके हम भी अपने अपने घर की और निकल पड़े..
रूचि – धन्यवाद दी..
मिनी – क्यूँ..?..
रूचि – ड्रॉप करने के लिए दीदी..
मिनी – अच्छा, अब इसके लिए भी धन्यवाद..
रूचि – ओ के .. दी, सॉरी नो धन्यवाद..
मिनी – क्या हुआ, तो बता अंकिता का ले के मज़ा आया..
रूचि – हाँ दी, अंकिता दी है तो बड़ी गदराई हुई.. पर दी आपकी और कोमल दी की बात ही कुछ और है..
मिनी – मतलब…
रूचि – कुछ नहीं दी, आप दोनों का एक दूसरे लिए जो प्यार है वो अलग ही लेवल का है..
मिनी – हाँ तुझे तो मालूम ही है की मैं और कोमल कितने दिनों से साथ हैं.. सोच की हम दोनों एक साथ नेकेड ना जाने कितनी बार नहाए हैं.. फिर भी तुझे मालूम है की हमने कभी एक दूसरे से सेक्स नहीं किया था.. धन्यवाद तो तुझे देना चाहिए की आज हम वो भी करने लगे.. हमारा जो अटॅचमेंट है वो तो दिखेगा ही ना, जब सेक्स कर रहे होंगे..
रूचि – हाँ दी, वो तो मालूम है.. दी, पर आप और कोमल दी एक दूसरे से इतनी नज़दीक हैं की ऐसा भी हो सकता है की आप दोनों एक दूसरे के साथ एंजाय कर लो और मुझे भूल जाओ..
मिनी – श, तो ये बात है.. रूचि, तू तो हम सबकी प्यारी छोटी बहन है.. तुझे क्यूँ भूलना.. कोमल को भी पता है और मुझे भी की आज हम जो ये लेस्बियन सेक्स एंजाय कर रहे हैं.. वो सिर्फ़ तेरी वजह से है.. चल प्रॉमिस की मैं और कोमल कभी भी अकेले कुछ नहीं करेंगे.. तुझे बता के ही करेंगे..
रूचि – धन्यवाद मिनी दी..
मिनी – और बता, अमन कैसा है ..?..
रूचि – अमन आपका दीवाना हो गया है दी..
मिनी – क्यूँ क्या हुआ..?..
रूचि – दी, उसको गाण्ड मारने का बहुत शौक है.. मैं मरवा तो लेती हूँ.. पर सच बोलूं तो मुझे ज़्यादा मन नहीं होता गाण्ड मरवाने का..
मिनी – क्यूँ तुझे मन क्यूँ नहीं होता..
रूचि – पता नहीं क्यूँ दी, कुछ केमिकल लोचा होगा..
मिनी – हहे, रूचि पर हज़्बेंड को एंजाय करना भी तो ज़रूरी है.. मन ना भी करे तो अमन को संतुष्ट कर दिया कर..
रूचि – दी, गाण्ड मरवाने के 2 दिन तक मैं अच्छे से चल नहीं पाती..
मिनी – कोई बात नहीं है रूचि, आदत हो जायेगी..
रूचि – वैसे एक बात और भी करनी थी..
मिनी – हाँ बोले ना..
रूचि – दी, यदि आपको प्राब्लम हो तो गुस्सा मत होना..
मिनी – वाह, कोमल होती तो ये लाइन नहीं बोलती..
रूचि – पर दी, मैं कोमल दी नहीं हूँ ना..
मिनी – रूचि अच्छा छोड़ तू बता..
रूचि – दी, अमन हमेशा बोलता है की उसे थ्रीसम करना है, और थर्ड वन शुड वी, मिनी दी..
मिनी – श, मैं ही क्यूँ..?..
रूचि – वो तो आप जानो, पता नहीं आपने क्या जादू किया है उस पे.. वो डरता भी है की उसकी इस बात से कुछ गड़बड़ ना जाए, इसलिए उसने अभी तक कंट्रोल किया हुआ है..
मिनी – और तुम..?..
रूचि – दी, मैं भी चाहती हूँ की आप और मैं दोनों मिल के अमन को एक बार चोदे..
मिनी – और किसी को बताना भी नहीं है ..?..
रूचि – वोही ठीक होगा, सीक्रेट..
मिनी – आई लव सीक्रेट..
रूचि – तो दी, आप बताओ..
मिनी – चल ठीक है, ये हम तीनों का सीक्रेट.. देखती हूँ बताउंगी तुझे की कब हम ये कर सकते हैं..
रूचि – श दी, धन्यवाद..
फिर मैंने रूचि को उसके घर ड्रॉप किया और मैं भी अपने घर आ गई.. घर पहुंची तो डॉली और राज वहीं पे थे..
मिनी – मैंने परेशान किया क्या..?..
राज – नहीं, मम्मी डॉली बस जाने ही वाली है..
मिनी – क्यूँ, रुक जाओ थोड़ी देर..
डॉली – नहीं आंटी, फिर लेट हो जाउंगी घर के लिए..
मिनी – सब कुछ ठीक है ..?..?..
राज – हाँ मम्मी..
मिनी – डॉली मेरे साथ आ, मुझे तुझसे कुछ बात करनी है..
फिर मैं और डॉली मेरे बेडरूम में चले गये..
मिनी – सो, तुम दोनों ने किया..?..
डॉली – हाँ आंटी और इस बार इट वाज़ आसम.. धन्यवाद आपका और मम्मी का..
मिनी – गुड.. और क्या क्या किया फिर..?..
डॉली – सब कुछ आंटी.. मैं राज का लंड चूसा, उसने मेरी चूत चूसी और फिर चूत की चुदाई भी करी..
मिनी – इट्स गुड..
डॉली – आंटी, हम अनल भी ट्राइ कर रहे थे आज.. पर वो नहीं हो पाया..
मिनी – अच्छा फर्स्ट टाइम में ही अनल ट्राइ कर रहे थे तुम लोग..?..
डॉली – हाँ आंटी, पर मुझे नहीं लगता की मेरी गाण्ड में भी राज का लंड जा सकता है..
मिनी – जाने का तो सब जा सकता है डॉली, चूत जैसे गीली हो जाती है लंड लेने के लिए, वैसा कुछ गाण्ड में होता नहीं है.. इसलिए हमें अलग से कुछ करना पड़ता है..
डॉली – आंटी आज तो काफ़ी लेट हो गया है.. कभी किसी दिन आप मुझे गाइड करोगी गाण्ड मरवाने के लिए..
मिनी – ओ के .., बेटा.. कभी टाइम निकाल के बताती हूँ तुझे..
डॉली – धन्यवाद आंटी..
फिर डॉली हमें बाइ बोल के अपने घर चली गई..
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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

Post by rangila »

मिनी – राज, मुबारक हो.. तूने आज झंडा गाड़ लिया..
राज – धन्यवाद मम्मी..
मिनी – तू गाण्ड भी मारने को कोशिश कर रहा था..
राज – हाँ मम्मी, पर वो नहीं हो पाया आज.. बहुत टाइट है उसके गाण्ड को छेद..
मिनी – कोई बात नहीं धीरे धीरे हो जाएगा..
राज – मम्मी, और अंकिता आंटी..
मिनी – हाँ बात करी मैंने, शी इस इन..
राज – वाव, मम्मी.. सच
मिनी – हाँ, और तेरे वीडियो और फोटोस ने हेल्प की मेरी अच्छे से उसे कन्विन्स करने में..
राज – वाव मम्मी..
मिनी – प्लान ये है की, तू अंकिता के घर जाएगा और अमन यहाँ आ जाएगा.. तुझे सब पता है, ये बोलने की ज़रूरत नहीं है.. जो भी अंकिता बोले उसे फॉलो करना.. वो पक्का पूछेगी की तूने ऐसे पॉर्न कलेक्शन क्यूँ रखे हैं.. इसलिए ऐसा बिहेव करना की तुझे पता नहीं की क्या होने वाला है..
राज – ओ के .. मम्मी, कब का प्लान है..
मिनी – अंकिता, से कन्फर्म करके बताउंगी..
फिर मैंने अंकिता से इस बारें में बात करी.. अंकिता ने नेक्स्ट डे प्लान बनाया.. कुछ समान लाने के बहाने से वो अमन को मेरे यहाँ भेजने वाली थी.. मैंने भी राज को सब समझा के रेडी कर दिया था..
उस दिन अमन करीब 11 बजे घर आया था.. रंगीला ऑफीस जा चुके थे.. मेरे पास काफ़ी वक़्त था अमन के साथ एंजाय करने के लिए..
अमन – गुड मॉर्निंग आंटी..
मिनी – गुड मॉर्निंग बेटा और कैसे हो ..?..?..
अमन – ठीक हूँ आंटी, मम्मी ने बोला की आप से मिल के, कोई पैकेट है वो लाने के लिए..
मिनी – हाँ आओ ना बैठो..
अमन – धन्यवाद आंटी..
मिनी – और बताओ कैसा चल रहा है ..?..
अमन – सब ठीक आंटी, प्लीज़ आंटी आप मम्मी को कभी नहीं बताना की उस दिन बीच पे मैंने क्या किया था ..?..
मिनी – हाँ वो तो ऑब्वियस है ना, क्यूँ बताउंगी मैं..
अमन धन्यवाद आंटी..
मिनी – वैसे तुमने उस दिन सही बोला था की की हमारे से बेटर गाण्ड और चुचि तुम्हारी मम्मी की है..
अमन – सॉरी आंटी, मुझे पता नहीं था की आप और मम्मी दोस्त हो.. मेरे मुंह से निकाल गया था..
मिनी – अरे नहीं, अब सच ही तो बोला था तुमने.. तो तुम अपनी मम्मी को इमेजिन करके मूठ तो मारते होगे..
अमन – नहीं आंटी.. ऐसा कुछ नहीं है..
मिनी – झूठ मत बोलो, क्यूँ की अंकिता सब जानती है की तुम क्या क्या करते हो.. उसने ही बताया था मुझे..
अमन – सॉरी आंटी, मुझे मालूम है की ग़लत है पर क्या करूँ, मम्मी को जब से नंगा देखा है मैं खुद को रोक नहीं पता और उन्हें इमेजिन करके मूठ मार लेता हूँ..
मिनी – एक बात सच बताओ, तुम बस मूठ मारते हो या अंकिता को चोदना भी चाहते हो.. यदि तुम बोलो तो मैं अंकिता से बात कर के तुम्हें वो भी दिला सकती हूँ..
अमन – नहीं, आंटी.. मैं कभी नहीं सोचता की मैं अपनी मम्मी को चोदूगा.. वो तो बस मूठ मारने के लिए..
मिनी – ओ के .. इट्स गुड.. मम्मी की फ्रेंड्स को भी इमेजिन करके हिलाते हो ..?..
अमन – नहीं आंटी..
मिनी – रियली..?..?..?..
अमन – आंटी, सच बोलूं तो हाँ कभी कभी मम्मी की फ्रेंड्स को भी सोच के मूठ मारता हूँ..
मिनी – पर ऐसा कैसे की कोई तुम्हारे घर आता है, और तुम अपने बेड रूम से उन्हें ताड़ के मूठ मार लेटे हो.. मतलब ऐसा क्या दिख जाता है तुम्हें..
अमन – आंटी, बस अपना इमेजिनेशन इस्तेमाल कर लेता हूँ..
मिनी – देखो तुम भी मेरे बेटे जैसे ही हो इसलिए बता रही हूँ की यदि कहीं से तुम्हें सच में अंकिता को चोदने का मन हो भी तो, उसे कंट्रोल कर लो.. अपनी मा को चोदना अच्छी बात नहीं है.. बहुत सारे कॉंप्लिकेशन है..
अमन – प्रॉमिस आंटी कभी भी अपनी मा को नहीं चोदूगा..
मिनी – और बताओ कोई गर्ल फ्रेंड है..?..
अमन – नहीं आंटी अभी तक तो नहीं..
मिनी – इसलिए तुम अभी तक हाथ इस्तेमाल कर रहे हो..
अमन – हाँ आंटी..
मिनी – बेटर, जल्दी से एक गर्ल फ्रेंड बनाओ और उसके साथ सेक्स एंजाय करो..
अमन – एक लड़की है, मैं ट्राइ कर रहा हूँ आंटी उसे अपनी गर्ल फ्रेंड बनाने का..
मिनी – गुड, शी इस फ़्रेंड..?..?..
अमन – हाँ आंटी.. पर डर लगता है की कैसे बोलूं उसे..
मिनी – कुछ मत बोलो..
अमन – फिर..?..
मिनी – कुछ नहीं, उसे एक नाइस डिनर पे ले के जाओ..
अमन – हमने तो साथ मैं डिनर किया है..
मिनी – बस वो और तुम..
अमन – नहीं आंटी 4 का ग्रूप था..
मिनी – 4 के साथ डिनर काउंट नहीं होता बेटा.. ओन्ली हर आउट.. फिर ड्रॉप हर होम.. ड्रॉप करते वक़्त गिव हर किस ऑन लिप्स.. इफ़ शी इस इंटरेसटेड , वो प्रोटेस्ट नहीं करेगी.. और सब कुछ पास हुआ तो अस्क हर आउट अगेन, टेल हेर की तुमने उसके साथ प्राइवेट टाइम कितना एंजाय किया.. मेक हर फील स्पेशल.. फिर स्लोली तुम आगे बढ़ सकते हो..
अमन – नाइस टिप आंटी.. मैं ज़रूर उसे डिनर के लिए पूछूँगा..
मिनी – ओ के .. एनी वे अमन मैं बहुत दुखी हूँ..
अमन – क्यूँ आंटी ..?..
मिनी – तुमने कभी मुझे इमेजिन करके मूठ नहीं मारा ना..
अमन – नहीं आंटी, जब अकेला होता हूँ तो आपको ही इमेजिन करके मूठ मारता हूँ.. वो बीच वाली बात याद करके मेरा लंड वैसे भी टाइट हो जाता है..
मिनी – मुझे भी याद आता है बीच वाली वो वारदात.. मुझे बहुत अच्छा लगा था की तुम मुझे देख के मूठ मार रहे हो..
अमन – आंटी आपको देख के तो मेरा लंड अभी भी टाइट हो गया है..
मिनी – तो मारो ना मूठ.. मुझे देखना है..
अमन – मूठ मार के आपको फिर से ब्रा में अपना रस दूँ ..?..
मिनी – पहले अपना लंड तो निकालो..
फिर अमन ने अपनी ज़िप खोली और उसमे से टाइट लम्बा सा लंड निकाल के हाथ में ले के खड़ा हो गया..
मिनी – वाव, तुम्हारा लंड तो पहले से ही टाइट है..
अमन – हाँ आंटी, आपकी याद में ये सलामी दे रहा है..
मिनी – दिखाओ कैसे मूठ मारते हो मुझे याद करके..
अमन फिर सोफे पे अपना लंड हाथ में लिए बैठ गया.. और आँखें बंद के मिनी आंटी मिनी आंटी करके अपना लंड मुठियाने लगा..
मिनी – रूको अमन, आँखें बंद क्यूँ कर रहे हो, मिनी आंटी तो तुम्हारे सामने है..
अमन – आंटी आप भी कुछ हेल्प करो ना..
मिनी – कैसा हेल्प चाहिए ..?..
अमन – आंटी अपना ब्रा निकाल के दो ना मुझे, मैं उसे सूंघते हुए अपना लंड हिलना चाहता हूँ..
मिनी – फ्रेश ब्रा, या जो अभी पहना हुआ है वो ..?..
अमन – फ्रेश नहीं आंटी, यही वाला.. इसमे आपकी चुचि की गर्मी होगी अभी तक..
मिनी – ओ के .. तुम लंड हिलना कंटिन्यू रखो, मैं तुम्हें गरम करने के लिए कुछ दिखती हूँ..
अमन ने फिर मेरी तरफ नज़र गाड़ा के लंड को हिलना शुरू किया.. मैंने अपना टॉप निकाला.. फिर अपना स्कर्ट भी निकाल दिया.. ब्रा और पैंटी में अमन के लिए थोड़ा शो दिखाया.. मैंने दोनों हाथों से अपनी चुचियों के दबा के अमन को टीज़ करना शुरू किया.. फिर राइट वाली चुचि को ब्रा से निकाल के अमन को उसका दर्शन कराया और अपनी लेफ्ट हाथ मैंने पानी पैंटी में डाल के खेलने लगी..
अमन इतने में ही गरम होने लगा था और ज़ोर ज़ोर से अपना लंड हिलाने लगा..
मिनी – बेटा, कहीं जाना है क्या.. आराम आराम से हिलाओ.. और याद रखना जब भी लगे पानी निकलन वाला है लंड को फ्री छोड़ देना, ताकि पानी जल्दी से ना निकले..
फिर मैंने अपनी ब्रा खोल के अमन के तरफ फेंक दी..
उसने दूसरे हाथ से मेरे ब्रा पकड़ा और उसे सूंघने लगा..
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