अदला बदली और सामूहिक चुदाई complete

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rangila
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अदला बदली और सामूहिक चुदाई complete

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अदला बदली और सामूहिक चुदाई

साथियो जैसा कि आप जानते ही है काफ़ी दिनो बाद कहानी लेकर आया हूँ तो सोचता हूँ कि आपकी मस्ती का पूरा इंतज़ाम कर ही दूं तो भाइयो दो कहानी अनौखी चुदाई -- रानी बना ले मुझे - शुरू कर ही चुका हूँ अब ये तीसरी कहानी शुरू कर रहा हूँ
अपडेट रोज मिलेगा पर आपका प्यार और साथ ज़रूरी होगा
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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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मेरा नाम मिनी है.. मेरी उम्र 37 साल है और मेरी शादी के 20 साल हो गये हैं.. वो कहते हैं ना “नॉटी+ 40”, बस वोही हाल है मेरा..
चुदाई तो काफ़ी हुई है, मेरी चूत की.. कोई शिकायत नहीं है उसकी पर चुदाई से, अब तक मेरा मन नहीं भरा..
मेरे हज़्बेंड एक “इंजिनियर” हैं. उनकी उम्र, 41 की है.
उम्र भले ही, हम दोनों की ज़्यादा हो गई हो पर जब भी हम सेक्स करते हैं, बाइ लक मेरे हज़्बेंड काफ़ी अच्छा चोदते हैं.
लेकिन शादी के 20 साल बाद, लड़कें सोचें की 20 साल तक एक ही चूत चोदने को मिले और लड़कियाँ सोचें की 19 साल से, एक ही लंड आपकी प्यास बुझा रहा है.. तो, आपको समझ आ आएगा की क्यूँ, हम अच्छा सेक्स करके भी अब संतुष्ट नहीं थे..
वैसे बता दूँ की हमारा एक बेटा भी है, उसकी उम्र 18 साल है.
बात दीवाली के 2 महीने पहले की है.
मैं और मेरे पति, शनिवार रात्रि के सेक्स के बाद, एक दूसरे की बाहों में थे.
“सेक्स सेशन”, काफ़ी अच्छा था.
बड़े दिनों से, मेरा मन अब दूसरे लंड के लिए मचलने लगा था पर सीधे सीधे बोल भी नहीं सकती थी की रंगीला, मुझे अब कोई दूसरा लंड भी दिला दो… “रंगीला”, मेरे पति का नाम है..
पर मेरी किस्मत से, उस दिन रंगीला ने ही बात उठाई और मेरी सेक्स स्टोरी शुरू हो गई –
रंगीला – मिनी, तुमसे अच्छी वाइफ कोई नहीं हो सकती… आज, शादी के 20 साल होने वाले हैं, फिर भी तुम मुझे कभी मना नहीं करती… जब भी मुझे चूत चाहिए होती है, तुम मेरे लंड को कभी मना नहीं करती… इतने सालों में, हमने क्या क्या नहीं किया… याद है, तुम्हें पहले तो तुम मेरा लंड, मुंह में भी नहीं लेती थी… जब तुम से पहली बार “चूत” बोलने को कहा था तो तुम कितना नाराज़ हो गई थीं और धीरे धीरे, तुम अब उसे एंजाय करने लगी हो… जब तक अब “गंदी बातें” ना हो, तुम्हें मज़ा ही नहीं आता… गाण्ड भी तुम्हारी जी भर के चोदि मैने… और तो और, तुमने भी मेरी गाण्ड को “वाइब्रटर” से चोदा… तुम्हारी चुचि को तो ना जाने कितने बार, मैने चोदा होगा… तुम्हारे नाभि में भी, मैने लंड का पानी डाला… तुम्हारी चूत से निकली मूत तक का रसपान किया… अपने लंड का पानी, तुम्हें पिलाया… ओपन में भी सेक्स कर लिया… याद है तुम्हें, गोआ के “अगोडा बीच” पर… हज़ारों हज़ार “रोल प्ले” कर लिए… बचपन में, कैसे मेरी मामी ने मुझे सिड्यूस किया वो भी तुम्हें बताया… तुमने भी, अपनी “चुदाई के किस्से”, चटकारे ले ले कर सुनाए…
मैं (बीच में टोकते हुए) – क्या बात है, रंगीला… “सेक्स रेज़्यूमे”, क्यूँ बना रहे हो .?.
रंगीला – बस यार, सोच रहा था की अब क्या नया किया जाए… मैं नहीं चाहता की हमारे में, सेक्स की “स्पार्क” कम हो जाए… इतने दिनों तक, कुछ कुछ ट्राइ करके हमने ये स्पार्क बनाए रखा है… अब सोच रहा हूँ की और क्या किया जा सकता है…
मैं – क्या सोच रहे हो… कुछ, नया ट्राइ करना है तो मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – मिनी, वो ही तो सोच रहा हूँ… कुछ नया, अब बचा नहीं है… जो हम ट्राइ करें… इतने साल से, हम एक दूसरे को चोद रहे हैं… तुम ही बताओ, क्या मिस करती हो, सबसे ज़्यादा…
मैं – रंगीला, तुम तो जानते ही हो… मैं सबसे ज़्यादा तुम्हारे लंड का मूठ पीना पसंद करती हूँ… वो तो मुझे मिल ही जाता है… पासिबल हो तो उसकी फ्रीक्वेन्सी बढ़ा दो… उसके बाद, मुझे कुछ नहीं चाहिए… और बाकी, तुम्हें पता ही है की मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…
रंगीला – हाँ, मैं जानता हूँ की तुम, मेरे लंड का पानी पीना कितना पसंद करती हो… चलो, मैं वादा करता हूँ की अब से मेरा चोदने का मन नहीं भी होगा तो भी एक बार, लंड तुम्हारे मुंह में दे ही दूँगा…
मैं – बस फिर, मुझे और क्या चाहिए…
रंगीला – पर एक बात बताओ… एक ही लंड से, इतनी बार रस पी के तुम्हें आज भी अच्छा लगता है…
मिनी – पानी भी तो हम रोज़ पीते हैं, तो अच्छा तो लगता है ना… अच्छा लगने से, इसका कोई मतलब नहीं है… बस, एक आदत सी हो गई है… तुम जब वीकडेस में थके हुए आते हो तो मैं बोलती नहीं, पर बहुत मन करता की एक बार, लंड चूस के रस निकल ही लूँ… वैसे, सब से ज़्यादा मज़ा जब आता है जब मैं तुम्हें शादी के बाद की वो मायके वाली चुदाई के बारे में बताती हूँ और तुम पानी छोड़ते हो… बाप रे, कितना पानी छोड़ता है तुम्हारा लंड, तब…
रंगीला – मिनी, हाँ बात तो सही है… मज़ा आ जाता है सोच कर, तुम कैसे चुदि होगी… पर तुम ही सोचो ना, केवल पानी पी के हमारा मन तो नहीं भरता ना, इसलिए तो हम कोक, ऐल्कोहॉल पीते हैं… ऐसा तो नहीं है ना की हमेशा, पानी पी के ही हम संतुष्ट हो जाते हैं…
मिनी – हाँ, वो तो है… मैं समझ रही हूँ तुम क्या कहना चाहते हो… इसलिए तो कभी कभी, मेरा भी मन करता है की किसी दूसरे लंड का रस मिल जाए… लंड नहीं, पर रस ही कहीं से मिल जाए… मैं जानती हूँ, तुम मेरी चुदाई देखना चाहते हो पर तुम्हारे सामने चुद्ना मुश्किल है, रंगीला… असल में, मेरा ही नहीं किसी भी बीबी का…
रंगीला – चुदने को, कौन बोल रहा है, जान… कहीं चलते हैं, जहाँ तुम्हें कोई दूसरा लंड मिल जाए चूसने के लिए… चुदाई तो तुमने की ही है ना, पहले भी… कम से कम लंड तो चूस ही सकती हो, मेरे सामने… तुम्हारा वो शादी के पहले का बॉय फ्रेंड था ना, शिव… उसका लंड, तुम्हें काफ़ी पसंद था… याद है… क्यूँ ना, उसको फेस बुक पर सर्च करें… पहले भी तो सेक्स किया ही, है ना… एक बार में, और क्या फ़र्क पड़ेगा… क्या तुम अपने पति की खुशी के लिए, इतना नहीं कर सकती…
मिनी – आपकी खुशी के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ, जानेमन… लेकिन याद कीजिए, एक बार हमने उसे फेस बुक पर पहले भी ढूँढा था वो पुलिस में है… मज़े के लिए, कोई ऐसा काम क्यूँ करें जिसमें हम फँस जाएँ… पीछे लग गया तो कुछ कर भी नहीं पायेगें… और, मैं ये भी सोच रही थी की मैं लंड चूस सकती हूँ, अगर तुम्हें भी कोई दूसरी चूत मिले चूसने के लिए… तब मैं, कम्फर्ट फील कर सकती हूँ… ये कुछ नया भी होगा… पर मुश्किल ये है की ऐसा अरेंज्मेंट, कहाँ होगा… मैं किसी कॉल बॉय के साथ नहीं जाउंगी, और ना ही तुम्हें जाने दूँगी, किसी कॉल गर्ल के पास…
रंगीला – हाँ वो तो है… सच है, क्यूँ मुसीबत में पड़ना… चलो, ठीक है अब इतना तो डिसाइड हो गया की अब हमें क्या करना है… अब ये सोचना है की कैसे करें… सोच लो, तय रहा बाद में मना तो नहीं करोगी ना…
मिनी – हाँ… नहीं करूँगी… अगर दोनों करे तो… पर उसके लिए तो बेस्ट यही होगा ना की कोई दूसरा “कपल” हो और ये सब करने को, रेडी हो… कोई है, ऐसा तुम्हारे माइंड में…
रंगीला – हाँ, बेस्ट तो यही होगा… सेफ और सिक्योर… जो हमारे अच्छे दोस्त हैं, उनमे से कोई रेडी हो ये एक्सपेरिमेंट करने के लिए, तब ही ठीक होगा… या फिर हम गोआ चलें… वहाँ कोई ना कोई, कपल ज़रूर मिलेगा…
मिनी – हाँ, कितनी बार तो जा चुके गोआ… बड़े बनते हो यहाँ… वहाँ जा कर, टाय टाय फिस्स हो जाते हो… पर रंगीला, हम “स्वापिंग” की बात कर रहे हैं, कहीं राज (मेरा बेटा) को पता ना चल जाए, ना जाने क्या सोचेगा वो यदि उसे मालूम चला तो… मेरे हिसाब से, ये तुम सही कह रहे हो हम घर पे ना करें ये सब और कहीं बाहर जा के करें…
रंगीला – हाँ… वो तो है… घर पे तो नहीं कर सकते और सारी प्लानिंग तो हम कर लेंगे, सबसे पहले कोई कपल मिलना चाहिए जो हमारी तरफ ओपन हो… तेरी दोस्त है ना वो, कोमल… उससे बात करो… तुम लोग तो बात करती हो ना, ऐसे ओपन… देखो, यदि इंटरेसटेड हो वो लोग…
मिनी – मैं करूँ बात .?.
रंगीला – लड़कों में, ऐसी बात होती नहीं है… तुम ही तो बता रही थी की तुम लोग चुदाई की बातें भी कर लेती हो, डीटेल में… और मेरे सारे दोस्त तो तुम जानती हो, कितने हरामी हैं…
मिनी – उनसे तो तुम, रहने ही दो… चलो, अच्छा ठीक है… मैं बात करती हूँ, उससे… कोमल के मम्मे काफ़ी बड़े हैं इसलिए तुमने सजेस्ट किया ना उसका नाम… लगता है, भूले नहीं अभी तक अपनी “कमसिन मामी के मम्मे”…
रंगीला – हाँ और इसलिए भी की, क्यूँ की तुमने ही बताया था की कोमल बता रही थी की कैसे वो शादी चुदवाने की शौकीन है…
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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हमारी प्लानिंग बन रही थी, इस प्लानिंग से हम काफ़ी गरम हो चुके थे, और सोने से पहले एक बार फिर हमने 69 की पोज़िशन में एक दूसरे के मूठ और मूत का रसपान किया..
दूसरे दिन सुबह, मैने कोमल को अपने घर पे बुलाया, लंच के लिए ताकि रंगीला और राज दोनों ना हो, और हम खुल के बात कर सकें..
कोमल, लगभग 12:30 बजने पे घर आई थी.
दिखने में, वो भी काफ़ी “सुंदर” है..
किसी किसी समय, मुझे लगता है की काश मेरी चुचि भी उसके जैसी होती..
मैंने उसके चुचि नंगी देखी थी और जानती थी की “36 डी” की चुची है और वो भी काफ़ी फर्म..
मेरी चुचि, उसके मुक़ाबले थोड़ी छोटी है और निप्पल थोड़े बड़े और साइज़ भी “34” है..
दूध में, 2 इंच का फ़र्क काफ़ी होता है.
मेरे पति को उसके बड़े दूध काफ़ी पसंद थे क्यूंकी वो बिल्कुल उनकी मामी के तरह थे, जिनके दूध उन्होंने पहली बार देखे थे..
उसकी कमर भी मुझे पतली है..
लेकिन, वो मेरी “बेस्ट फ्रेंड” है, मैं उसके साथ काफ़ी बार स्विमिंग पे जा चुकी हूँ..
हमारे कॉलोनी कम्पाउंड का स्विमिंग पूल काफ़ी अच्छा है और दिन के टाइम में, काफ़ी खाली भी रहता है तो मैं उसे अपने यहाँ बुला के, स्विमिंग पे जाया करती हूँ..
मिनी – कोमल, तेरी बड़ी याद आई साली… काफ़ी दिन हो गये ना, मिले…
कोमल – लव यू स्वीटी… हाँ, एक महीना हो गया…
मिनी – चल स्विमिंग पे चलें या डाइरेक्ट लंच .?.
कोमल – तुमने बताया क्यूँ नहीं था की स्विमिंग का प्लान है, मैं तो स्विम सूट लाई नहीं हूँ…
मिनी – मेरा ले ले… टाइट होगा, तुम्हें पर स्विमिंग ही तो करनी है…
कोमल – दिखा मुझे, मैं सेलेक्ट करती हूँ… हाँ, ये ला ये वाली बिकनी… तू भी बिकनी में ही चल, ज़्यादा शर्मा नहीं…
मिनी – चल, ठीक है…
फिर हम दोनों एक साथ, कपड़े उतार के “नंगी” होकर बिकनी पहनने लगे..
मुझे नज़र आया की उसने अपनी चूत के बाल ट्रिम नहीं किया हैं.
फिर मैंने सोचा, स्विमिंग के बाद ही बात करूँगी..
और हम दोनों ने बिकनी के ऊपर वन पीस डाली और स्विमिंग के लिए, चले गये.
30 मिनट स्विमिंग करने के बाद, हम वहाँ रखी आराम कुर्सी में आराम करने लगे.
मुझे समझ नहीं आ रहा था की “स्वापिंग” की बात कैसे करूँ, पर मैंने हिम्मत करके स्टार्ट किया.
मिनी – कोमल, क्या बात है आज कल तू अपनी झांट सॉफ नहीं कर रही… तू तो, ऑल्वेज़ क्लीन रहती है…
कोमल – तूने देख लिया, गंदी… अरे कुछ नहीं… जय (कोमल का हज़्बेंड) उसे आज कल, मेरी चूत की झाँटें चाटने का शौक हुआ है… वो ऐसे ही, कुछ कुछ नया करने को कहता रहता है… 2 महीने से, मैंने वहाँ क्लीन नहीं किया… उसने बोला है की अब कुछ नया सोचे, मैं क्लीन करने वाली हूँ…
मिनी – जय भी बड़ा “रंगीला” है, कुछ भी करता है…
कोमल – क्यूँ, तू बता तेरी प्यास बुझ रही है ना… रंगीला, अपना लंड मुंह में दे रहा है ना, तेरे… तू भी कुछ कम नहीं है, बेचारे का लंड चूस चूस के सूखा दिया होगा, तुमने… अब रहने भी दे…
मिनी – रहने दूँ तो मेरी प्यास कैसे मिटेगी… नींद नहीं आएगी, अच्छे से मुझे…
कोमल – तू भी ना महान है… तुझे भी तो लंड का ही पानी चाहिए… मेरी चूत चुसेगी, तो बता…
मिनी – नई रे, बिना लंड की कैसी प्यास और कैसा चूसना…
कोमल – अब क्या करूँ, बोल… लंड तो है नहीं, मेरे पास… मैं तो चूत ही ऑफर कर सकती हूँ… तू बस, रंगीला का ही लंड चूस…
मिनी – जय का लंड, उखाड़ के ला दे मुझे… मैं उसे भी चूसती रहूंगी…
कोमल – हाँ और फिर, मेरी चूत का क्या… सेल्फिश…
मिनी – अच्छा रहने दे… मत उखाड़, उसका लंड पर कभी कभी दे दे ऐसे ही, चूसने के लिए…
कोमल – ऐसे ही मतलब… क्या बोले रही है, मिनी… क्लियर, बोल ना… ऐसा घुमा घुमा के मत… तुझे मालूम है की तुम, मुझे कुछ भी बोले सकती हो… सच में चाहिए, तुझे जय का लंड, बोल…
मिनी – मेरा मतलब, वो नहीं था रे… मैं ये बोले रही थी की इतने दिन एक ही लंड से, मन कुछ भर सा गया है… कभी कभी, कुछ चेंज चाहिए होते है अपने को अपनी लाइफ और भी मसालेदार बनाने के लिए… तू समझ रही है ना… चुदाई ही एक अपन, अपनी खुशी और मज़े के लिए करते हैं नहीं तो पूरी जिंदगी काम, ज़िम्मेदारी, ये, वो में ही बीत जाता है… है की नहीं…
कोमल – तू क्लियर बोलेगी, तब तो समझ आएगा…
मिनी – यार, मेरा मतलब की चल हम दोनों अपने हज़्बेंड से बात करते हैं और कभी एक दिन, “स्वाप” करके ट्राइ करते हैं… तू रंगीला से चुदवा और में जय से… देखते हैं, ट्राइ करके… अच्छा लगा तो ठीक, नहीं तो वापस नॉर्मल… क्या बोलती हो… .?.
कोमल – मिनी, तुम्हें पता भी है क्या बोले रही हो… जय, मुझे मारेगा और रंगीला तुझे… सच बताऊं तो मुझे कोई प्राब्लम भी नहीं है… पर यार, हमारे किड्स, उन्हे मालूम चला तो क्या करेंगे…
मिनी – कोई नई मारेगा, बस सजेस्ट करके देख ना और किड्स के लिए ही, हम किसी के घर पे नहीं करेंगे… विल गो आउट…
कोमल – जय को कुछ नया नया करने की लगी तो रहती है और तेरी गाण्ड का तो वो दीवाना है… वैसे मैं भी, तेरी गाण्ड की दीवानी हूँ…
मिनी – मज़ाक मत कर… बोल क्या लगता है तुझे, ऐसा कुछ पासिबल है या बहुत रिस्की है… हमारी लाइफ, कहीं खराब ना हो जाए…
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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कोमल – पासिबल है, मिनी और लाइफ क्या खराब होगी… हम एक दूसरे को वादा करेंगे की कभी भी बिना बताए हुए, एक दूसरे के पति से ऐसे ही ना चुदवाए… हम दोनों, पे डिपेंड करता है की आगे क्या होगा… वाफ़ादार रहेंगें…. महीने में, एक दिन ऐसा कुछ प्लान बनाएँगे और बाकी दिन नॉर्मल… हज़्बेंड को तो लाइन पर, कर ही लेंगे हम…. यदि तू प्रॉमिस करती है तो मैं बात करती हूँ…
मिनी – हाँ रे… हम एक दूसरे से वफ़ादार रहेंगे…
कोमल – तूने इसलिए बुलाया था या लंच भी करावगी… .?.
मिनी – चल ना, लंच बनाया है ना… चल चलते हैं…
यक़ीनन, उसकी चूत “गीली” थी और मेरी तो भबकारे मार रही थी..
कोमल की हरकतों से लग रहा था की वो “लेसबो” करना चाहती है पर मुझे लेसबो, ज़रा नहीं पसंद..
मुझे चाहिए, बस लंड जो हो “भूसंड”.. ..
खैर, जब मैंने रेस्पॉन्स नहीं दिया तो कोमल लंच करके वापस घर चली गई और हम दोनों, एक दूसरे के पति के लंड का सपना देखने लगीं..
मैंने रंगीला को कॉल करके बताया की मैंने कोमल को मना लिया है और वो अपने पति से बात करेगी…
रंगीला, काफ़ी खुश हुआ.
दूसरे दिन, सुबेह कोमल ने कॉल किया और बताया की जय बहुत ही ज़्यादा खुश है, इस “अरेंज्मेंट” से..
कोमल ने बताया की कैसे जय ने खुश हो के रात में, उसे “4 बार” चोदा..
कोमल ने गाण्ड भी खूब चुदवाई थी, उस रात.. वो बोली की तैयार कर रही थी, अपनी गाण्ड को रंगीला के लिए..
आपको बता दूँ की कोमल को, गांड चुदवाने में ज़्यादा मज़ा आता है, मुझे मुंह में लेने में, मेरे हज़्बेंड को गाण्ड चोद्ने में और जय को मुंह में देने में बड़ा मज़ा आता है..
अब मैंने और कोमल ने अपना काम कर दिया था, बाकी का काम हज़्बेंड्स को करना था.
फिर रात में, रंगीला ने बताया की उन दोनों ने मिल के प्लानिंग कर ली है..
हम दीवाली के अगले दिन, एक होटेल में जाएँगे.. स्टार्ट से ही, हम “स्वाप” कर लेंगे..
रंगीला, कोमल के साथ और मैं, जय के साथ..
ये सिर्फ़ एक “एक्सपेरिमेंट” था इसलिए एक ही रात की बुकिंग की थी.
दीवाली की रात भी, हमने साथ में सेलेब्रेट की थी.
कोमल, जय और डॉली के साथ आई थी.
डॉली, उसकी “बेटी” है.
उसकी भी उम्र, 17 हो चुकी है.
राज और डॉली भी फ्रेंड्स हैं.
राज एक साल, सीनियर है डॉली से.
हमने दीवाली काफ़ी मस्त सेलेब्रेट करी, कोई बोल भी नहीं सकता था की अगले दिन सुबेह हम किसी होटेल में जा के, कुछ “वैसा” करने वाले हैं..
रात में, वो लोग वापस चले गये.
हमारा, नेक्स्ट डे का प्लान था..
राज को रंगीला ने बता दिया था की हम एक रात के लिए, बाहर जा रहे हैं..
राज भी काफ़ी समझदार था, उसे लगा की मम्मी पापा अकेले, टाइम स्पेंड करना चाहते हैं..
उसने भी प्लानिंग करी, अपने दोस्तों के साथ आउटिंग की.
दूसरे दिन 11 बजे, कोमल और जय कार से हमारे घर के नीचे आए.
हमने, एक ही कार में जाने का प्लान किया था.
जब हम नीचे पहुचे तो देखा की जय ड्राइवर सीट पे है और कोमल, पीछे बैठी हुई थी.
हमने भी साथ दिया, मैं जय के साथ आगे बैठ गई और रंगीला कोमल के साथ पीछे.
कोमल और मैंने प्लान किया था, साड़ी पहनने का साथ में बैक लेस्स ब्लाउज.
कोमल, काफ़ी अच्छी लग रही थी लाल साड़ी में..
मैंने नीले कलर की साड़ी पहनी थी.
कार में, हमने ज़्यादा बात भी नहीं करी.
शायद, सब थोड़े रोमांचित और घबराए हुए थे..
होटेल में, चेक इन करा के हम अपने अपने रूम पहुच गये..
हमारा रूम, आमने सामने था.
मैं जय के साथ, एक रूम में चली गई और रंगीला, कोमल के साथ.
हमने पहले लंच करने का प्लान बनाया था.
उसके लिए समान रख के हम सारे लंच के लिए रेस्टोरेंट की और चल पड़े.
लंच के वक़्त ही, हमने ये डिसाइड किया की आज पूरे दिन और रात में क्या होगा..
ये हम लोग डिसकस नहीं करेंगे, एक दूसरे के हज़्बेंड के साथ.
लंच के बाद, हम अपने अपने रूम में चले गये.
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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इसके बाद, कोमल और रंगीला के बीच क्या हुआ वो तो वो दोनों ही बता सकते हैं.
मैं, अपने और जय की बात बताती हूँ…
जय – मिनी, तुम काफ़ी सेक्सी लग रही हो… नीले कलर्स तुम पे काफ़ी अच्छा लगता है…
मिनी – धन्यवाद, जय… तुम भी काफ़ी हैंडसम लग रहे हो…
जय – धन्यवाद मिनी, ये अरेंज्मेंट प्रपोज़ करने के लिए… मुझे तो काफ़ी ख़ुशी हुई थी, जब कोमल ने बताया था की तुम भी ऐसा चाहती हो…
मिनी – क्यूँ इतनी ज़्यादा ख़ुशी क्यूँ हुई… .?.
जय – सेम रीज़न मिनी, मैं भी तो 18 सालों से बस कोमल को ही चोद रहा हूँ… कोमल को आज भी, मेरे लंड मुंह में लेने में मज़ा नहीं आता… उसकी गांड और चूत में ही, ज़्यादा खुजली होती है…
मिनी – हाँ बताया था, कोमल ने…
जय – मुझे भी कोमल ने बताया की तुम कैसे, लंड को मुंह में लेने की दीवानी हो…
मिनी – प्रॉमिस करो की हम दोनों, कुछ भी बात करेंगे तुम कभी भी किसी से नहीं बताओगे, कोमल को भी नहीं…
जय – मिनी, ये कोई पूछने की बात है… मुझे मालूम है, तुम अपनी बातें शेयर करती हो कोमल के साथ और वो तुम्हारे साथ… पर तुम मुझसे कुछ ऐसी बात भी कर सकती हो जो तुम किसी और के साथ, शेयर नई कर सकती… मैं वादा करता हूँ की सीक्रेट होगा, सब कुछ…
मिनी – धन्यवाद जय… अपना लंड दिखाओ ना प्लीज़…
क्या करूँ, मैं मरी जा रही थी सालों बाद दूसरा लंड देखने के लिए.. चूत तो मेरी, बिना चुदे ही कितनी बार पानी छोड़ चुकी थी..
जय – वाह, मिनी पहली बार मैंने कोमल के सिवा किसी दूसरी औरत के मुँह से “लंड” सुना है… मज़ा आ गया… सब तुम्हारा ही है, आज के लिए… तुम खुद ही निकाल लो, मेरे हथियार को…
फिर, मैंने जय को बेड पे लिटाया और उसकी पैंट के हुक खोलने लगी.
उसने लाल कलर की, क्लाइन की चड्डी पहनी थी..
मिनी – काफ़ी रंगीन अंडरवेर पहना है, तुमने…
जय – कल ही खरीदा है, देखो ये प्राइस टॅग भी नहीं हटाया मैंने, सोचा तुम्हारे हाथों ही इसे हटाया जाएगा…
मिनी – अच्छा, काफ़ी तैयारी करके आए हो… देखूं तो ज़रा, इसके नीचे क्या है…
फिर, मैंने उसके लंड को चड्डी से बाहर किया..
उसका लंड सलामी करते हुए, टन के मेरे आगे खड़ा हो गया..
जय का लंड, रंगीला से थोड़ा छोटा था पर मोटाई में रंगीला से थोड़ा ज़्यादा..
मैंने उसके लंड को अपने हाथ में ले के, अच्छे से निरक्षण किया..
लंड हाथ में लेते ही, मुझे अजीब सा करेंट लगा..
कितनी सालों के बाद, कोई दूसरा लंड मेरे हाथ में था.
मिनी – काफ़ी क्लीन है, जय लंड तुम्हारा..
जय – मिनी, तुम्हें क्लीन पसंद है ना, कोमल ने बताया था की तुम्हें बाल पसंद नहीं हैं…
मिनी – हाँ, मुझे क्लीन पसंद है. धन्यवाद, जय मेरे लिए इतनी तैयारी करने के लिए…
जय – मेरे लंड की खुशकिस्मती है की वो, तुम्हारे हाथों में है…
फिर, मैंने उंसके लंड पे थोड़ा थूक लगाया और गीला किया और लंड के सुपाड़े को सहलाने लगी.
सुपाड़े इतना लाल था की “लोलीपोप” लग रहा था..
मैंने सुपाड़े को किस किया और अपने जीभ से चाटने लगी.
फिर पूरे लंड को किस किया और जीभ से, चाटना स्टार्ट किया.
जय – मिनी, तुम मस्त हो… शायद पहली बार, में बिना डाले ही झाड़ जाऊंगा… ऐसे टीज़ करोगी तो…
मिनी – तुम्हें नहीं पता, मैं कितने दिनों से इंतेज़ार कर रही थी किसी दूसरे लंड को, प्यार करने के लिए…
जय – अपनी साड़ी तो उतार दो, अब… मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और अपने एक भी कपड़े नहीं उतारे…
फिर, मैंने साड़ी का पल्लू हटाया और फिर साड़ी को निकाल दिया… अब मैं, पेटीकोट और ब्लाउज में थी…
मिनी – ब्लाउज को तुम खोलो…
जय – इतनी सेक्सी ब्लाउज, मैंने आज तक नहीं देखी… तुम्हारी पीठ, क्या मस्त लग रही है… मन कर रहा है, लंड का सारा पानी पीठ में डाल दूँ…
मिनी – नहीं जय, लंड का रस तो मुंह में ही डालना… जब भी आने वाला हो… पीठ को तुम चाहो तो किस कर कर के खा जाओ… हुक तो खोलो…
जय – अभी मन नहीं भरा देख के, रुक जाओ थोड़ी देर और देखने दो…
फिर जय बिना ब्लाउज उतरे, मेरी पीठ को सहलाने लगा और चाटने लगा..
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