अदला बदली और सामूहिक चुदाई complete

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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

Post by rangila »

फिर अमन को जैसा मैंने बताया था उसने मेरी चूत में एक उंगली डाली, अंगूठा मेरी मूतने वाली स्पॉट पे रखा और क्लिट पे अपना मुंह रखा.. और एक ही साथ तीनों जगह पे हरकते शुरू की.. मुझे काफ़ी पसंद आई उसकी पहली हरकते..
मिनी – बेटा, चूत में उंगली और डाल दे.. 2 उंगली और डाल.. 3 उंगली से चोद चूत को..
फिर अमन ने चूत में और भी 2 उंगली डाली और क्लिट को चूसना कंटिन्यू रखा..
मिनी – बहुत अच्छा बेटा, और स्पीड बढ़ाओ चूत को चोदने का..
फिर अमन ने चूत में उंगलियों की स्पीड और बढ़ा दी..
अब वो काफ़ी तेज़ी से मेरी चूत में उंगलियाँ अंदर बाहर करने लगा..
पहली बार ही सही पर वो मेरे क्लिट को अभी चूस ही रहा था.. उसकी लगातार कोशिश से मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया..
मिनी – बेटा, मैं झड़ रही हूँ.. चूत से अब रस निकलेगा.. अब क्लिट को छोड़ और मेरी चूत से जो रस निकाल रहा है उसे चाट.. चूत को उंगली से चोदते रहना..
फिर अमन ने वैसे ही किया.. मेरी चूत की सारी रस को चाट गया..
मैं मस्त गरम होने लगी थी..
मैंने उसे अपने ऊपर चाड़ने को बोला और 69 पोजीशन बनाने को बोला..
अब वो मेरी चूत चूसने लगा और मैं उसके लंड को चूसने लगी..
हम दोनों अपनी पूरी ताक़त से एक दूसरे को चूसते रहे..
मैं उसके लंड को अपने गाल से नाक से फोर्हेड से हर जगह रगड़ रही थी..
अमन ने चूसते चूसते मेरी चूत को पानी दूसरी बार निकाल दिया..
मिनी – बेटा, अब नहीं रहा जाता, चोद दे मेरी चूत को..
मैंने अपने चूत को और अच्छे से फैलाया.. वो अपनी लंड को अपने हाथ में लिए मेरी चूत की और आने लगा..
मैंने उसे अपने पैरों से जकड़ लिया..
मिनी – हाथ से मेरी चूत की स्किन को हटा, अपने लंड उस छेद के सामने फिट कर और धीरे से मेरी चूत में घुस जा..
फिर अमन ने वैसे ही किया, अपनी लंड को मेरी छेद के ऊपर रखा और धीरे धीरे प्रेशर दिया, उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया..
मिनी – एक बार और प्रेशर दो बेटा..
फिर अमन ने प्रेशर दिया, और लंड को और भी चूत में अंदर डाल दिया. अमन ने फिर एक फाइनल धक्का लगाया और उसका लंड मेरी चूत में पूरी तरह गोते खाने लगा..
मिनी – अब लंड को धीरे धीरे बाहर निकाल, ऐसे बाहर निकालना की सुपाड़ा अंदर ही रहे.. और फिर धक्का दे की फिर से पूरा लंड अंदर चला जाए..
अमन ने वैसा ही किया और धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करने लगा.. अमन ने थोड़े ही देर में पेस पकड़ लिया और मेरी चूत को चोदने की स्पीड बढ़ा दी..
मेरी चूत को लगातार अपनी लंड से थोक रहा था..
मैं भी उसके जकड़ ने उसके लंड को अपनी चूत के अंदर ले रही थी..
थोड़ी देर तक अमन मुझे इसी पोज़िशन में चोदता रहा..
फिर मैं उसे अपने कब्ज़े से आज़ाद किया, उसके लंड से अपनी चूत निकाली.. उसे पकड़ के सोफे पे बैठाया..
उसके लंड को अपने हाथो से पकड़ के मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पे बैठने लगी..
लंड पूरा का पूरा मेरी चूत के अंदर चला गया..
मैंने अमन को बोला की वो पीछे से मेरी चुचि मसलता रहे और मैंने उसके लंड को राइड करना शुरू किया..
मुझे ये पोज़िशन बहुत पसंद है, जितना मन हो उतना स्पीड से अपनी चूत को खुद ही चोद सकती हूँ..
अमन मेरी चुचि को दबाता रहा और मैंने तेज़ी से उसके लंड में अपना चूत डाल रही थी और निकाल रही थी..
अमन का लंड पूरी साइज़ में मेरी चूत के अंदर जा रहा था.. मैं भी गरम हो के उसका लंड राइड करते रही..
फिर मैंने अपना पोज़िशन चेंज किया और अब उसकी और मुंह करके फिर से उसके लंड में बैठ गई..
मैंने उसकी मुंह में चुचि घुसा दी और फिर से उसके लंड को राइड करने लगी..
फिर मैं थक के रुक गई थी और थोड़ा आराम करने लगी..
अमन ने अपना लंड चूत के अंदर बाहर करना शुरू किया अपनी चुतड उठा उठा के..
फिर मैंने भी उसके फ्लो को जाय्न किया और अब मैं भी उसके लंड को राइड करने लगी और वो भी मेरी चूत को चोदने लगा.. थोड़ी देर इसी पोज़िशन में चुदवाने का बाद, मैं सोफे पे घुटने के बल बैठ के डॉगी स्टाइल में अमन की और अपनी चूत कर दि, उसने मेरी गाण्ड को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने लंड को मेरी चूत पे एम किया और एक ही धक्के में मेरी चूत में लंड पेल दिया..
मेरी गाण्ड को पकड़ के सपोर्ट लेटे हुए वो पीछे मेरी चूत को पुस्त चोदने लगा.. चुदाई की फॅक फॅक की आवाज़ पूरे रूम में थी..
थोड़ी देर तक अमन मुझे कुतिया बना के यूँही चोदता रहा..
मिनी – बेटा, जब झड़ने वाले हो बता देना और सीधे मेरी मुंह में अपना माल देना..
थोड़ी देर बाद अमन ने बोला की वो झड़ने वाला है.. मैं सोफे पे मूडी और उसके लंड को अपने मुंह में ले लिया, उसके सुपाड़े को मुंह में ले के चूसने लगी.
उसके लंड ने रस की धार फेंक ना शुरू किया.. काफ़ी मात्रा में उसने मेरी मुंह में अपना माल छोड़ा और मैंने भी उसकी कम का एक एक बूँद पी लिया..
मेरी जवान लंड की प्यास अभी भी बुझी नहीं थी, मैंने उसके लंड को चूसना कंटिन्यू रखा..
उसके लंड से निकलने वाले रस की एक एक बूँद को पीने के बाद मैंने उसके लंड पे फिर से अपनी लिप्स का पकड़ बनाया और उसे ब्लो जोब देने लगी..
उसने मेरे सिर को पकड़ के अपनी लंड में दबाना शुरू किया. मैं उसके पूरे लंड को चूस रही थी..
थोड़ी देर में उसका लंड फिर से टाइट हो गया..
मैं इस बार और कुछ भी नहीं बस उसके लंड को चूसना चाहती थी.. अमन भी फिर से मज़े लेने लगा और गरम हो के उसका लंड फिर से पूरा साइज़ में आ चुका था..
मैंने फिर उसके सुपाड़े को चूसना शुरू किया और उसके लंड को हाथ से मुठियाने लगी..
इस बार मेरा पूरा कॉन्सेंट्रेशन उसके लंड को फिर से झड़ने में था..
मैं बिना रुके उसके लंड को चूसती रही..
कुछ देर बाद, उसके लंड में फिर से हलचल होने लगी और उसने फिर से अपने लंड का रस मेरे मुंह में छोड़ दिया.. मैं उसके लंड को चाट चाट के सारा रस पी गई.. फिर मैंने उसे फ्री कर दिया.. वो सोफे पे ही थक के लेट गया..
अमन – धन्यवाद आंटी, आप कमाल की हो.. मुझे तो अभी भी लग रहा है की ये ड्रीम है..
मिनी – अपनी मम्मी को मत बताना की हमने ये सब किया है..
अमन – नहीं, आंटी.. आंटी मैंने अच्छी चुदाई करी ना ..?..
मिनी – हाँ तूने अच्छी चुदाई करी बेटा.. किसी भी चूत को शांत कर सकता है तू.. ये ले पानी पी ले.. मैं तेरी मम्मी का पैकेट ला देती हूँ..
फिर मैंने अमन को अंकिता की पैकेट दिया..
वो ख़ुशी ख़ुशी वापस अपने घर चला गया..
मैंने अंकिता को मेसेज कर दिया की अमन यहाँ से निकल चुका है..
अंकिता ने भी कर दिया की राज भी वहाँ से निकलने वाला है..
इस तरह मैंने और अंकिता अपने बेटे की अदला बदली की..
अमन और मेरे बीच की वारदात के 2 दिनों बाद कोमल का कॉल आया था..
मिनी – हाय कोमल, कैसी है..?..
कोमल – ठीक ही हूँ, मिनी..
मिनी – क्या हुआ कोमल, तू काफ़ी डाउन साउंड कर रही है..
कोमल – मिनी, यार मैं मिस कर रही हूँ तुझे..
मिनी – तो आ जा ना, मिलते हैं.. वैसे अभी 2-3 दिन ही तो हुए हैं.. क्या हो गया है तुझे..
कोमल – उस दिन हम दोनों ने जो किया, वो मेरे दिमाग़ से निकल ही नहीं रहा मिनी.. मैंने रियलाइज़ किया की तुम मेरे लिया क्या हो.. मैं आखें बंद कर रही हूँ तो अपना वो सेशन ही याद आ रहा है, कैसे हम एक दूसरे की आखों में आखें डाल के एक दूसरे को प्यार कर रहे थे..
मिनी – कोमल, मेरी जान.. तू ऐसा क्यूँ सोच रही है.. तुझे मालूम है की ग्रूप में कोई भी आ जाए, तेरा और मेरा अपना अलग कनेक्शन है..
कोमल – मिनी, मुझे डर लग रहा है की मुझे कुछ हो रहा है, कल जय के लंड के लिए मैं इंरेसटेड भी नहीं थी.. मुझे बस अपना वो मोमेंट याद आ रहा था.. जय ने पूछा भी की कुछ परेशानी है क्या..
मिनी – कोमल मैं आती हूँ तेरे घर पे, फिर हम डिसकस करते हैं..
मैं फिर जल्दी जल्दी से कोमल से मिलने गई..
कोमल काफ़ी डिस्टर्ब लग रही थी.. हम एक दूसरे को हग करने लगे..
कोमल मुझे टाइट्ली पकड़ के हग किए हुए थी..
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मिनी – कोमल, बस डियर हो गया.. आ बैठ के बात करते हैं..
कोमल – मिनी, पता नहीं यार कुछ अलग सा लग रहा है..
मिनी – ईवन आई लव यू डार्लिंग.. पर ऐसा कुछ नहीं है.. हम एक दूसरे को इतने दिनों से जानते हैं.. तू भी जानती है की मैं लंड की कितनी बड़ी दीवानी हूँ, और मैं भी जानती हूँ की तुझे लंड से कितना प्यार है.. मुझे लगता है की हमारे अंदर कहीं ना कहीं एक दूसरे के लिए फीलिंग पहले से भी थी.. जो अब जा के सामने आई है, इसलिए तू ऐसा फील कर रही है.. सब ठीक है कोमल, वैसे भी देख ना, मान ले ऐसे दिन आ जाए की हम दोनों एक दूसरे से गुस्सा हो जाए, फिर भी डॉली और राज के वजह से हम वैसा नहीं कर पाएँगे.. हम दोनों अब एक दूसरे के रिलेटिव्स होंगे.. मुझे नहीं लगता कहीं कोई भी प्राब्लम है, हज़्बेंड से प्यार अपनी तरफ, हम दोनों का अपना रीलेशन अपनी तरफ.. जब भी मन होगा हम एक दूसरे के साथ सेक्स कर सकते हैं कोमल.. फिर तू ही बता की प्राब्लम कहाँ है..?..
कोमल – हाँ तू ठीक कह रही है, अजीब है ना हमने एक दूसरे से इतने दिनों तक क्यूँ सेक्स नहीं किया, पता नहीं ना..
मिनी – हाँ यार कोई एहसास करने वाला नहीं था.. धन्यवाद रूचि..
कोमल – हाँ मिनी, रूचि मस्त है ना..
मिनी – देख कोमल, हमारा अपना जो भी है, उसका प्रेशर मत ले, हमें मालूम है की हम आसानी से अपना ये सीक्रेट सेक्स कंटिन्यू कर सकते हैं.. हज़्बेंड ऑफीस गये और हम फ्री.. इसलिए इस बात से डरना की हमारे बीच ये सब होने से कहीं कुछ गड़बड़ ना जाए, बिल्कुल बेकार ही है..
कोमल – पता नहीं क्यूँ मिनी, कल जय लंड मुंह में डाल रहा था और मैं तेरी चूत याद कर रही थी..
मिनी – अच्छा, तो सुन मैं तुझे एक बात बताती हूँ, गुस्सा मत होना, बस एंजाय कर.. और बता की तुझे लंड चाहिए की नहीं..
कोमल – क्या बोल ना..?..
मिनी – अंकिता का बेटा याद है तुझे, अमन..
कोमल – हाँ..
मिनी – मैंने उसे 2 दिन पहले अपने घर बुला के चोदा..
कोमल – रियली ..?..?..
मिनी – सुन तो पहले, वो अंकिता को एक फेशियल कीट चाहिए था, जो मैंने उसके लिए खरीदा था.. उसे ही लेने अमन आया हुआ था.. मैंने उससे बीच वाली वो बात करी, उसे फिर से मेरे सामने मूठ मारने के लिए इन्वाइट किया और ऐसे ही फाइनली मैंने उसे जम के चोदा.. अचानक से हो गया था इसलिए तुझे बता भी नहीं पाई थी, पर मेरा नेक्स्ट प्लान ये है की मैं और तू मिल के उसे चोदे.. बोल क्या बोलती है अमन का लंड लेना है ..?..?..?..
कोमल – हाँ मिनी, उसका लंड क्या मस्त था ना.. जल्दी ही उसे फिर से किसी बहाने बुलाना पड़ेगा.. मेरे चूत में तो सोच के ही खुजली होने लगी..
मिनी – देख ले, फिर से लंड के लिए तेरी चूत गीली हो गई ना, इसलिए बोल रही थी की तू बस एंजाय करती रह और कोमल रही बात जय की तो ये सोच की हमारी दोस्ती से पहली रंगीला और जय दोस्त थे.. हम मिलें क्यूँ की जय और रंगीला ने हमें मिलवाया.. तो सोच ले ये वोही जय है, इसलिए जय का लंड कभी लेने का मन भी ना करे तो याद कर लेना की वो कितना हेल्पफुल और जरुरी है तेरे लिए..
कोमल – हाँ यार, वो बस दिमाग़ में था.. तू टेंशन ना ले मैं आज रात जय का लंड मुंह से निकालूंगी ही नहीं.. चूसते ही रहूंगी..
मिनी – गुड.. तुझे मालूम है रूचि भी कुछ ऐसा ही बोल रही थी..
कोमल – रूचि, क्या बोली..
मिनी – पता नहीं उस दिन शायद हम दोनों ने कुछ ज़्यादा ही इंटिमेट सेक्स किया था, वो भी बोल रही थी की सेक्स नहीं प्यार लग रहा था.. और बोली की कहीं आप दोनों मुझे भूल मत जाना..
कोमल – हहा, रूचि भी ना, उसे नहीं मालूम की उसकी वजह से ही हमने ये लेस्बियन सेक्स शुरू किया..
मिनी – मैंने भी उसे यही बोला.. एक काम करते हैं उसे अच्छा फील करते हैं.. रूचि को भी बुला लेती हूँ.. हम दोनों आज बस उसे ही चोदेंगे.. खुश हो जाएगी..
कोमल – हाँ, कॉल करती हूँ..
ड्यूरिंग कॉल –
रूचि – हाय दी,
कोमल – हाय रूचि, क्या कर रही है..?..
रूचि – कुछ नहीं दी, अभी जस्ट मेरी चूत आपको ही याद कर रही थी..
कोमल – हाँ, आज कल याद करने का काम भी चूत ही करने लगी है तेरी..
रूचि – क्या करूँ दी, आज कल मेरी चूत बस आपको और मिनी दी को याद करती है.. अमन को कभी कभी हहेहे..
कोमल – चल मिनी भी यहीं है, आ जा तू भी जल्दी से..
रूचि – वाव, आती हूँ दी, आप दोनों क्या कर रहे हो अकेले..
कोमल – जी नहीं कुछ भी नहीं कर रहे, मिनी ने पहले तुझे बुलाने को बोला..
रूचि – मुझे मालूम था की मिनी दी ही मुझे याद करेगी आप तो खुद ही मिनी दी के पीछे पागल हो..
कोमल – चल अब बस भी कर, अपनी चूत को बोल जल्दी से यहाँ आ जाए..
रूचि – चूत क्यूँ दी, पूरी पूरी रूचि आ रही है.. चलिए, बाइ..
कोमल फिर से टेंशन फ्री हो के नॉर्मल हो गई थी..

कुछ देर में रूचि भी वहाँ आ पहुंची..
उसके आते ही हम दोनों उसे बेडरूम ले के गये और बेड पे पटका.
कोमल ने रूचि के नीचे वाली ड्रेस को उतारना चालू लिया और मैं उसके ऊपर के कपड़े उतारने लगी..
कोमल ने जल्दी ही उसकी स्कर्ट और पैंटी उतार दी और उसकी चूत में अपनी उंगली डाल दी..
मैंने भी उसके टॉप और ब्रा को फेंका और उसके एक चुचि को दबाने लगी और दूसरे चुचि की निप्पल को मुंह में ले के उसे चूसने लगी..
थोड़ी देर तक बिना रुके हम यही करते रहे, कोमल उसके चूत में उंगली करती रही और उसके क्लिट चूसती रही, और मैं उसकी चुचियाँ के मज़े ले रही थी..
इस से जल्द ही रूचि गरम हो गई..
रूचि – दी, आते ही आप लोग ने मुझे ये सर्प्राइज़ दिया, मज़ा आ गया..
कोमल – मिनी, नीचे आ ये झड़ रही है.. फिर मैंने 69 का पोजीशन बनाया रूचि को अपनी चूत दे दी और मैं उसके चूत को ऊपर से चूसने लगी.. उधर कोमल नीचे से उसकी चूत के रस को चाट रही थी..
हम दोनों ने मिल के रूचि की चूत का रस पूरा चाट गये..
फिर से कोमल उसकी चूत में उंगली करने लगी और कोमल ने उसके गाण्ड के छेद में जीभ से चुदाई करने लगी..
मैंने उसकी क्लिट को चूसना शुरू किया..
रूचि – हाए दीदी, मर गई.. आज तो आप दोनों मुझे मार ही डालोगे..
मैं उसके क्लिट लगातार चूस रही थी, कोमल ने अब रूचि की गाण्ड में उंगली डाल दी और जीभ से चूत की चुदाई और चुसाई करने लगी..
दोनों के लगातार अटैक से रूचि फिर से झड़ने लगी..
उसने मेरी चूत को चूसने स्पीड बधाई और हमने रूचि की चूत के रस को फिर से चाटना शुरू किया..
मैंने उसके रस को थोड़ा मुंह में कलेक्ट किया, मैंने अपनी पोजीशन फिर चेंज की उसे किस करने लगी..
उसके चूत का पानी उसकी मुंह में ही डाल कर मैं रूचि के लिप्स और जीभ खाने लगी..
उधर कोमल पागलो की तरह रूचि की चूत चूस रही थी और मैं भी पागलों की तरह उसे किस कर रही थी..
फिर कोमल ने उसे सोफे पे कुतिया के पोजीशन में किया, और पीछे से उसके चूत में अपना मुंह डाला और गाण्ड में उंगली करने लगी..
मैं नीचे से उसकी चुचि तक गई और ज़ोर ज़ोर से उसकी चुचि को एक एक करके चूसने लगी..
फिर मैंने अपनी पोजीशन चेंज करी नीचे से ही मैं रूचि की चूत अ पहुंची, अब मैं और कोमल दोनों मिल के रूचि की चूत को जीभ से चोदने लगे.. मैं नीचे से और कोमल पीछे से..
रूचि – दी, हाए दीदी.. मज़ा आ गया दीदी..
फिर कोमल ने दो मुंहा डिल्डो निकाला और और दोनों सिफ़े बे बैठ के अपने अपनी पीठ को पीछे की तरफ करके एक दूसरे के चूत को आस पास करके बैठ गई..
मैंने पहले रूचि की चूत में लंड डाला और फिर कोमल की चूत में डिल्डो का दूसरा वाला कोना डाल दिया..
फिर दोनों उस डिल्डो को राइड करने लगे..
मैंने थोड़ा छोटा वाला दो मुंहा डिल्डो लिया, एक पार्ट अपने मुंह में डाला तो दूसरा रूचि की मुंह में डाला.. अब मैं और रूचि एक ही डिल्डो को ब्लो जोब दे रहे थे, और कोमल और रूचि एक ही डिल्डो से अपनी चूत चुदवा रही थी..
फिर मैंने अपनी पोजीशन चेंज करी..
मैं दोनों के बीच में से नीचे गई और अब मैंने दोनों की चूत को एक एक करके चूसना शुरू किया..
वो दोनों एक दूसरे की चूत को डिल्डो से चोद रहे थे और मैं दोनों की चूत बारी बारी से चूस रही थी..
इस तरह कोमल और रूचि एक ही साथ झड़ गये.
दोनों की चूत बारी बारी से चाटी और दोनों की चूत के रस को चूसी..
मैं दोनों की चूत को बारी बारी चूस रही थी तो मैंने देखा की दरवाज़े पे डॉली खड़ी खड़ी सब देख रही है..
डॉली भी अपने अपने स्कर्ट को उठा के पैंटी के अंदर उंगली कर रही थी..
मैंने उसे हटने का इशारा किया..
मिनी – कोमल तू रूचि के साथ कंटिन्यू कर, शायद डॉली आ गई है.. कुछ आवाज़े आ रही थी..
कोमल – जा ना उसे इधर आने मत देना..
फिर रूचि और कोमल दोनों ने अपना खेल कंटिन्यू रखा..
मैं अपना पर्स ले के बाहर आई.. डॉली अपने रूम के दरवाज़े पे खड़ी थी.. मैं उसके बेडरूम में गई.. दरवाज़ा लॉक किया..
मिनी – बेटा, अच्छा हुआ तू आ गई.. चल तुझे गाण्ड की चुदाई के बारे में बताती हूँ..
डॉली – आंटी, आप लोग लेस्बियन सेक्स कर रहे थे..
मिनी – हाँ बेटा, पर तू अभी ये सब मत सोच.. अभी काफ़ी वक़्त है.. अभी तो एंजाय कर.. उम्र के साथ वक़्त आता है जब सब करना पड़ता है..
डॉली – आंटी आप लोग कितना एंजाय करते हो ना सेक्स..
मिनी – तू क्यूँ टेंशन ले रही है, तू भी हमेशा एंजाय करेगी..
डॉली – मम्मी ने मुझे देखा क्या ..?..
मिनी – नहीं, मैंने उसे ये नहीं बोला की तू अंदर देख रही थी.. मैंने बस ये बोला की शायद तू आ गई है और मैं यहाँ आ गई.. अब बता की उस दिन जब गाण्ड में राज लंड डाल रहा था तो क्या प्राब्लम हो रही थी..
डॉली – आंटी, मेरी गाण्ड का छेद इतना छोटा है और राज का लंड इतना बड़ा, उसने काफ़ी कोशिश करी फिर भी लंड मेरी गाण्ड में नहीं गया..
मिनी – देखो बेटा, गाण्ड में लंड डालने से पहले उसे रेडी करना बहुत ज़रूरी है.. मेरे पर्स में एक लोशन है वो निकाल.. देख ये जो लोशन है ख़ास अनल सेक्स के लिए है.. वैसे तो कोई भी आयिल इस्तेमाल कर सकते हैं.. पर मैं तुझे ये दे देती हूँ.. इसे इस्तेमाल करना.. काफ़ी अच्छा काम करता है..
डॉली – कैसे आंटी, मैं नंगी हो जाऊं.. आप दिखाओगे..
मिनी – हाँ उतार..
डॉली – आंटी मेरी गाण्ड में दर्द तो नहीं होगा..
मिनी – थोड़ा होगा बेटा, पर आदत हो हो जाएगी तो फिर एंजाय ही करोगी..
फिर मैंने थोड़ा लोशन डॉली की गाण्ड के छेद में डाला, उसकी गाण्ड की छेद में उंगली डाल के लोशन को अच्छे से गाण्ड में मिलाया..
मिनी – अब गाण्ड को छेद को तू ढीला करना सिख, जैसे नॉर्मल साँस लेती हो ना, सोचो गाण्ड से हवा अंदर ले रही हो और बाहर छोड़ रही हो..
डॉली ने भी अपने गाण्ड की छेद को सिकोडा और फिर फैलाया..
मिनी – हाँ अब जान राज अपना लंड डालेगा तो इस छेद को फैला के रखना..
डॉली – आंटी ये उंगली ही मुझे टाइट लग रही है, लंड कैसे लूँगी..
मिनी – रुक अभी मैं एक डिल्डो डाल के दिखती हूँ.. ये डिल्डो भी तू रख लेना.. राज को बोलना की पहले इसे इस्तेमाल करके गाण्ड की छेद को थोड़ा तैयार करे, फिर अपना लंड पेल..
फिर मैंने डॉली की गाण्ड की छेद में डिल्डो को सुपाड़ा रखा..
उसे छेद फैलने को बोला..
मैंने फिर प्रेशर दिया उस सुपाड़े को अंदर डालने के लिए.. थोड़ी मुश्किल से पर सुपाड़ा डॉली की गाण्ड में चला गया..
डॉली – मम्मी !!! आंटी नहीं जाएगा..
मिनी – जाएगा बेटा, मेन पार्ट जा चुका है.. अब तो बस तू छेद को और फैला और इस डिल्डो को अंदर खींचने की कोशिश कर..
फिर डॉली ने डिल्डो और अंदर लेने की कोशिश करी. मैंने भी और धक्का लगाया और आधा से ज़्यादा डिल्डो उसकी गाण्ड में घुस गया..
डॉली – आंटी, और नहीं..
मिनी – ओ के .. बेटा, इतना काफ़ी है, मैंने इसे अंदर बाहर करती हूँ.. थोड़ा दर्द होगा पर तू कंट्रोल कर..
फिर मैंने डिल्डो को डॉली की गाण्ड के अंदर बाहर करना शुरू किया.. धीरे धीरे डिल्डो ने स्पीड पकड़ ली और अब डॉली की गाण्ड का छेद खुलने लगा था.. मैं धीरे धीरे उसकी गाण्ड को चोदना कंटिन्यू रखा..
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मिनी – बेटा, ऐसे ही पहले राज को बोलना की वो गाण्ड की छेद को खोले और फिर उसके बाद अपना लंड पेले..
अब देख मैं डिल्डो को पूरा बाहर निकालती हूँ, और फिर डालने की कोशिश करूँगी.. इस बार पहले से कम मुश्किल होगी..
मैंने फिर डिल्डो को पूरा बाहर निकाला और फिर से उसे गाण्ड के छेद में डालने लगी..
थोड़ा प्रेशर लगाया और डिल्डो फिर से आधा से ज़्यादा गाण्ड के अंदर चला गया..
मिनी – अब यदि मैं और प्रेशर दूँ तो ये और भी अंदर जा सकता है.. पर ऐसे ही तुम दोनों को पहले ये छेद रेडी करना होगा तभी लंड आसानी से अंदर जाएगा..
डॉली – समझ गई आंटी.. नेक्स्ट टाइम ट्राइ करूँगी..
मिनी – चल ठीक है.. और बता क्या चल रहा है..
डॉली – सब ठीक है आंटी जी.. आप अपनी पर्स में ये सब हमेशा रखते हो..
मिनी – नहीं बेटा, यहाँ आ रही थी ना इसलिए.. जहाँ भी सेक्स होने के प्रोबब्लिटी है ये सब टाय्स लोशन ले लेती हूँ..
डॉली – मम्मी और रूचि दी कौन सा टॉय इस्तेमाल कर रहे थे..
मिनी – वो, अच्छा ये देख ये वाला.. इसके दोनों एंड में लंड ही होता है.. बालस्स नहीं होते.. दोनों एंड में लड़कियाँ अपनी अपनी चूत डाल सकती है और फिर जैसे हम किसी लंड को राइड करते हैं ना इसे भी राइड कर सकते हैं..
डॉली – इंटरेस्टिंग ना आंटी..
मिनी – ट्राइ करना है तुम्हें..
डॉली – मम्मी को मत बताना..
मिनी – अरे नहीं..
मैंने अपनी स्कर्ट और पैंटी निकाली और डॉली के पास आ गई..
डिल्डो को पकड़ा और उसका एक एंड अपनी चूत में डाल लिया, दूसरे एंड को मैंने हाथ से पकड़ डॉली की चूत की और गाइड किया..
मिनी – जब सुपाड़ा अंदर चला जाए तो तू आगे के और आके डिल्डो को और भी अपने अंदर ले लेना..
फिर मैंने थोड़ा प्रेशर दिया और डिल्डो के दूसरे एंड का सुपाड़ा डॉली की चूत के अंदर चला गया..
डॉली ने भी आगे बढ़ के लंड को और भी अंदर लिया, मैंने भी आगे आ के डिल्डो को और भी अंदर ले लिया..
मिनी – अब इसी पोजीशन में तुम भी राइड करो इसे मैं भी करती हूँ.. एक साथ थोड़ा पीछे चलो और फिर एक ही साथ फिर से डिल्डो को अंदर लेंगे..
फिर मैंने और डॉली ने डिल्डो को राइड करना एंजाय किया..
हम दोनों काफ़ी गरम चुके थे..
मैंने फिर डॉली को अपने पास लिया और उसके लिप्स पे अपने लिप्स को रख के उसे किस करने लगी..
फिर पोज़िशन में वापस जा के हम डिल्डो राइड करने लगे..
मैं अपनी उंगली अब डॉली की क्लिट पे रख के उसे डबल मज़ा देने लगी..
डॉली ने भी मुझे फॉलो किया..
थोड़ी देर में हम दोनों झड़ गये.. मैंने डिल्डो को अपनी चूत से निकाला डॉली को बेड पे लेटाया और 69 के पोज़िशन में डॉली के ऊपर जा के उसके चूत को चूसने लगी और उसकी चूत को पूरा चाट लिया.. डॉली ने भी मुझे फॉलो किया मेरी चूत से सारा रस चूस लिया..
डॉली – आंटी, आप बेस्ट मदर इन लो होंगी..
मिनी – तुम भी बेस्ट डॉटर इन लो बनोगी बेटा..
डॉली – मुझे आपके साथ बहुत अच्छा लगता है.. आप के साथ मैं ओपन्ली बात कर सकती हूँ, कुछ भी कर सकती हूँ..
मिनी – मेरे पास ऑल्वेज़ तुम्हारे लिए टाइम है बेटा.. चलो अब बाहर नहीं तो कोमल पता नहीं क्या क्या सोचेगी..
फिर मैं और डॉली दोनों बाहर गये, कोमल और रूचि दोनों अभी तक कोमल के बेडरूम में ही थे.. डॉली कॉफ़ी बना के लाई और हम बैठ के बातें करने लगें..
डॉली – आंटी धन्यवाद फॉर टाय्स आंड लोशन..
मिनी – अरे धन्यवाद कैसा, तू कोई पराई है क्या ..?..
डॉली – मम्मी और रूचि दी इतने देर तक क्या कर रही हैं ..?..?..
मिनी – कुछ नहीं, कोमल रूचि की सारी तड़प आज मिटा देगी.. रूचि को रियली लेज़्बीयन सेक्स बहुत ज़्यादा पसंद है..
डॉली – मुझे भी अच्छा लगा था जब आपने और मम्मी ने मुझे उस दिन गाइड किया था, और आज भी अच्छा लगा आपके साथ..
मिनी – अच्छा लगना भी चाहिए बेटा, पर लंड लंड होता है.. लंड के जगह ये टाय्स नहीं ले सकते..
डॉली – हाँ आंटी, आंटी आपने राज का लंड देखा है ..?..?..?..
मिनी – नहीं..
डॉली – पर आंटी थिंक की आपने और मम्मी ने राज को भी गाइड किया होगा.. वो अचानक से इतना एक्सपर्ट कैसे बन गया..
मिनी – नहीं रे, मैंने नहीं कोमल ने गाइड किया था..
डॉली – वाव, इसका मतलब मेरी मम्मी ने अपने होने वाले बेटे इन लॉ से चुदाई करवा ली है, और मैंने अपने होने वाले मम्मी इन लॉ से..
मिनी – नहीं बेटा ऐसा नहीं सोचते, हम दोनों ने बस ऐसा इसलिए किया ताकि तुम दोनों सेक्स को अच्छे से एंजाय कर सको..
डॉली – आंटी, आपको पता है राज का लंड इस डिल्डो से भी बड़ा है..
मिनी – तब तो तुम लकी हो डॉली.. बिग्गर इस ऑल्वेज़ बेटर..
डॉली – हाँ आंटी, राज का लंड इतना बड़ा है तो रंगीला अंकल का लंड भी बड़ा होगा..
मिनी – हाँ, रंगीला का लंड भी काफ़ी अच्छा साइज़ का है..
डॉली – आपका कभी मन नहीं करता राज का लंड अपनी चूत में लेने का..
मिनी – बेटा वो ठीक नहीं है ना, मैं मानती हूँ की सेक्स मस्त होता है पर अपने बेटे का लंड चूत में लेना वो ठीक नहीं है..
डॉली – पर आपका मन करता है ना आंटी..
मिनी – हाँ वो तो करता है कभी कभी..
डॉली – ऐसा क्यूँ होता है की चुदाई के लिए एक लंड काफ़ी नहीं लगता..
मिनी – एक ही खाना ख़ाके लोग बोर हो जाते हैं ना वैसे ही लंड भी एक ही अंदर ले के कभी कभी बोरिंग होती है..
डॉली – आंटी, प्रॉमिस आप कभी राज के साथ सेक्स कर भी लो मुझे कोई प्राब्लम नहीं है..
मिनी – नहीं बेटा, ये अलग बात है की कभी कभी मैं एक जवान लंड की चाह रखती हूँ.. पर ऐसा कभी नहीं होगा की मैं राज का लंड ही अपने चूत में ले लूँ..
डॉली – किसी और जवान लंड का तो ले ही सकती हैं..
मिनी – हाँ उसमे कोई प्राब्लम नहीं है..
डॉली – आंटी एक बात पूछूँ, बुरा मत मानीएगा..
मिनी – हाँ बोलो..
डॉली – मेरा मन करता है की कोई एक्सपीरियेन्स्ड लंड मेरी चूत को चोदे..
मिनी – किसका लंड ..?..?..
डॉली – मैंने एक बार देखा था की मम्मी पापा को ब्लो जोब दे रही थी.. तब से मेरा मन पापा के लंड को याद करता रहता है..
मिनी – पर बेटा, अपने पापा से सेक्स करना भी ग़लत होगा..
डॉली – मालूम है आंटी, पर क्या रंगीला अंकल ..?..?..?..
मिनी – श..
डॉली – सॉरी आंटी आपको बुरा लगा तो..
मिनी – नहीं बुरा नहीं लगा, सोचो तो नॉर्मल है बेटियों को पापा जैसा हज़्बेंड चाहिए होता है, क्यूँ की पापा से लड़कियों का रीलेशन स्पेशल होता है.. हो सकता है इसलिए तुम जय से चुदवाना चाहती हो.. पर मैं कभी तुम्हें नहीं बोलूँगी की तुम्हें ऐसा करना चाहिए.. रही बात की तुम राज के पापा से चुदना चाहती हो.. देखती हूँ मैं कुछ पाऊं तो..
डॉली – धन्यवाद आंटी, आप सच में बहुत अंडरस्टैंडिंग हो..
तब तक रूचि और कोमल भी बेडरूम से वापस आ गये..
डॉली हमें बाइ बोल के अपने रूम चली गई..
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rangila
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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कोमल – उसे मालूम चला क्या ..?..
मिनी – नोट शुवर, हो सकता है गेस तो वो भी कर सकती है ना..
कोमल – कोई बात नहीं, शी विल अंडरस्टैंड..
मिनी – कैसा रहा रूचि..?..?..
रूचि – आज आप दोनों ने मुझे अच्छा वाला सर्प्राइज़ दिया दीदी.. चूत मेरा तार तार हो गया.. लव यू कोमल दी..
कोमल – लव यू टू डियर..
फिर मैं और रूचि कोमल को बाइ बोल के निकल गये..
रूचि – दी, वो हमारा ..?..?..
मिनी – हाँ, अमन फ्री है क्या ..?..
रूचि – आज के लिए..
मिनी – हाँ, आज ही कर लेते हैं.. यदि अमन जल्दी से आ जाए तो..
रूचि – ओ के .. दी, मैं कॉल करती हूँ उसे..
फिर रूचि ने अमन को कॉल किया.. अमन ने भी कन्फर्म कर दिया की 30 मिनट के अंदर वो घर पे होगा..
फिर मैं रूचि के साथ ही उसके घर चली गई..
मिनी – रूचि, तू कोमल के साथ के सेशन के बाद रेडी हो है ना..
रूचि – हाँ दी, मैं तो एवर रेडी रहती हूँ..
हम रूचि के घर पहुचे..
रूचि ने बियर अरेंज किया और साथ ही सिगरेट भी.. हम दोनों बैठ के बियर और सिगरेट एंजाय कर रहे थे.. थोड़ी देर में अमन भी घर आ चुका था..
अमन – ही मिनी, दी.. कैसी हो आप..?..
मिनी – मैं तो ठीक हूँ, तुझे क्या हुआ, ये थ्रीसम का आइडिया..
अमन – सॉरी दी, पर क्या करूँ, मन कर रहा था तो मैं रूचि को बोला था..
मिनी – पर तुमने बड़ा स्पेसिफिक पार्ट्नर मेन्षन किया था ना..
अमन – दीदी, अब आप से बेटर ऑप्षन कहाँ है..
रूचि – दीदी, चलिए एंजाय करते हैं.. दोनों मिल के अमन को आज ठिकाने लगते हैं..
मिनी – हाँ मेरा भी इरादा कुछ ऐसा ही है..
फिर मैंने अमन को पकड़ के सोफे पे पटक दिया.. रूचि अमन के शर्ट निकालने लगी और मैं अमन के पेंट्स.. अमन रूचि के कपड़े फाड़ने की कोशिश कर रहा था..
रूचि – अमन, तुम बस बैठो और एंजाय करो..
हमने अमन को फिर पूरा नंगा कर दिया.. फिर मैंने रूचि को अपने पास लाया और उसके लिप्स पे अपना लिप्स रख के उसे किस करने लगी..
साथ ही मैंने उसके बॉडी को सहलाना शुरू किया.. रूचि भी मेरे गाण्ड और चुचियों को सहला रही थी..
फिर मैंने और रूचि ने एक दूसरे को अनड्रेस किया और अब तीनों नंगे हो गये थे..
फिर मैं और रूचि दोनों अमन की लंड के पास बैठे और मैंने अमन के लंड के सुपाड़े को पकड़ा और रूचि ने अमन के बॉल्स को..
फिर मैंने अमन के लंड को एक साइड से जीभ से लीक करना शुरू किया और रूचि ने भी दूसरे साइड अमन के लंड को लीक करना शुरू किया..
थोड़ी देर ऐसे ही हम दोनों अमन के लंड को लीक करते रहे.. फिर मैंने अमन के सुपाड़े को अपने मुंह में डाला और ज़ोर ज़ोर से सक करने लगी, रूचि ने अमन के बॉल्स को अपने मुंह में ले के उसे सक करना शुरू किया..
मैं और रूचि दोनों एक एक हाथ से अमन के लंड के शाफ़्ट को मुठिया रही थी, मैं सुपाड़े को चूस रही थी और रूचि बॉल्स को..
फिर हमने अपनी पोजीशन चेंज करी, अब रूचि सुपाड़े को चूसने लगी और मैंने अमन के बॉल्स को चूसना शुरू किया.. अमन का लंड एक दम टाइट हो के अपने फुल साइज़ में आ गया था..
फिर रूचि ने अमन के लंड पूरा अंदर लिया और अंदर बाहर करके उसे ब्लो जोब देने लगी..
थोड़ी देर के बाद उसने लंड को छोड़ा और मैंने लंड को पूरा अंदर लिया और उसे अंदर बाहर करने लगी..
उसके बाद फिर से हम दोनों ने एक एक हाथ से उसके लंड को मुठियाना शुरू किया और एक दूसरे को किस करने लगे..
अमन – इट्स सो हॉट रूचि.. तुम और दीदी..
रूचि – वी नो..
फिर मैं और रूचि दोनों सोफे पे बैठ गये और अपने अपने टांगों को फैला की चूत को सामने किया..
अमन सोफे के नीचे बैठ गया..
उसने मेरी चूत में अपनी राइट हैंड की उंगली डाली और रूचि की चूत में लेफ्ट हैंड की उंगली डाल के दोनों की चूत को एक ही साथ फिंगर करने लगा..
फिर उसने फिंगर करते हुए ही रूचि की क्लिट को चूसना शुरू किया..
मैं अपनी चुचियाँ दबा के निप्पल को उठा के अपने ही मुंह ले के चूसने लगी..
साथ ही मैंने दूसरे हाथ से अपना क्लिट सहलाना शुरू किया..
ये देख के अमन अब मेरी क्लिट को चूसने लगा..
मैंने अपना फ्री हाथ अब रूचि की क्लिट में रखा और उसे सहलने लगी..
अमन कभी मेरी क्लिट को चूस रहा था कभी रूचि की..
रूचि और मैं दोनों एक साथ झड़ गये..
अमन ने मेरी चूत से रस चाटना शुरू किया..
रूचि तब तक उठ के मेरे मुंह में अपना चूत दे के बैठ गई..
अब मैं रूचि की चूत चाट रही थी और अमन मेरी चूत चाट रहा था..
दोनों की चूत से रस पीने के बाद भी मैंने रूचि को और चूसती रही और अमन मेरे चूत को और भी चूसता रहा..
इसी पोज़िशन में मैंने रूचि की गाण्ड के छेद अपनी एक उंगली डाल दी और उसके गाण्ड को ज़ोर ज़ोर से चोदने लगी..
फिर रूचि ने पोजीशन चेंज करी और अमन को फिर से सोफे में बैठा दिया और उसके लंड को अपने कब्ज़े में ले लिया..
रूचि कुतिया वाली पोजीशन में आ के अमन के लंड को फिर से चूसने लगी.. मैंने रूचि की अनल लोशन ले के उसके गाण्ड में डाला और अब उसकी गाण्ड की उंगली से और भी ज़्यादा चुदाई करने लगी..
फिर मैंने उसके गाण्ड में एक डिल्डो डाला.. और तेज़ी से उसके गाण्ड को चोदने लगी.. मैं जितनी तेज़ी से रूचि की गाण्ड चोद रही थी वो भी अमन का लंड को उतना ही दम लगा के चूस रही थी..
थोड़ी देर में रूचि की गाण्ड अमन का लंड को लेने के लिए तैयार था..
मैंने रूचि की पोजीशन ठीक कि.. अब रूचि सोफे पे अपना कोहनी रख के फिर से कुतिया वाले पोज़िशन में आ गई थी..
मैंने उसके पैरों को और भी फैलाया और उसके गाण्ड के छेद को एक दम सामने कर दिया.. फिर मैंने अमन के लंड को पकड़ा और रूचि की गाण्ड के अंदर डालने लगी..
एक ज़ोर दार धक्के में ही अमन का पूरा लंड रूचि की गाण्ड में चला गया..
रूचि के मुंह से अब चुदाई वाली आवाज़ आने लगी.. अमन अब पूरी स्पीड में रूचि की गाण्ड मार रहा था..
मैं सोफे पे जा के रूचि के सामने बैठ गई..
रूचि ने अपना मुंह मेरी चूत पे डाला और मेरी चूत चूसने लगी..
वो अपने गाण्ड में होने हलचल का बदला मेरी चूत को चूस चूस के ले रही थी..
इसी पोज़िशन में हमने थोड़ी देर तक चुदाई की.. फिर अमन ने लंड रूचि की गाण्ड से निकाला.. मैंने कुतिया के पोजीशन लिया और अब अमन ने मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी चूत में धक्के देने लगा..
रूचि भी नीचे से मेरी चुचियों के पास आई और मेरी चुचि को चूसने लगी..
मैंने अमन के लंड को अपने चूत से बाहर निकाला और अपने चूतड़ को अड्जस्ट कर के अपने गाण्ड को अमन के सामने कर दिया..
अमन ने मेरी गाण्ड पे थूक के उसे गीला किया फिर अपने लंड को पेल ने लगा.. पहले से ज़्यादा आसानी से आज अमन गाण्ड में लंड पेल रहा था.. एक्सपीरियेन्स के साथ वो गाण्ड मारने में और भी बेटर हो रहा था..
अब उसने मेरी गाण्ड मारना शुरू किया, लगातार फॅक फॅक की आवाज़ से वो मेरी गाण्ड चोद रहा था..
रूचि ने अपना पोजीशन चेंज किया और चुचि को छोड़ के अब वो नीचे से ही मेरे चूत को चूसने लगी..
दोनों दीदी दीदी बोल के मुझे पीछे और नीचे से चोद रहे थे..
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Re: अदला बदली और सामूहिक चुदाई

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दोनों के लगातार चुदाई और चुसाई से मैं फिर से झड़ गई और अपना सारा रस रूचि की मुंह में दे दिया..
फिर अमन ने अपना पोजीशन सेम रखा, मैंने और रूचि अपने अपने पोजीशन चेंज किया.. अब फिर से अमन रूचि की गाण्ड चोदने लगा और मैं रूचि की चूत नीचे से चूसने लगी..
इस बार अमन का स्टॅमिना काफ़ी अच्छा लग रहा था.. सच ही है, यदि दिल की बात पूरी हो रही हो तो सब मन लगा के चोदते हैं..
थोड़ी देर में रूचि की चूत ने पानी छोड़ दिया..
वो अपनी चूत हिला हिला के झड़ रही थी..
उसके बाद मैं और रूचि दोनों अमन के लंड को झड़ने के लिए फिर से उसके लंड को चूसने लगे..
मैंने उसके सुपाड़े को कस कस के चूसना शुरू किया और रूचि ने उसके लंड मुठियाना शुरू किया..
थोड़ी देर के बाद अमन ने अपने लंड का पानी मेरी मुंह में ही छोड़ दिया..
मैं थोड़ा रस पी गई और बाकी के रस को मुंह में ही रख के रूचि के लिप्स पे अपने लिप्स को रख के उसके मुंह को खोल के अमन के लंड रस को रूचि के साथ शेयर किया..
हम दोनों अमन के कम को पीने लगे और साथ ही साथ एक दूसरे को किस भी करने लगे..
सेशन के बाद, मैंने रूचि और अमन को बाइ बोला और अपने घर आने लगी..
मैं और रंगीला हमेशा की तरफ सोने से पहले सेक्स एंजाय कर रहे थे.. रंगीला कुछ डाउन लग रहा था.. इसलिए मैंने उससे बात करी..
मिनी – क्या हुआ रंगीला, तुम काफ़ी डाउन लग रहे हो..
रंगीला – नहीं मिनी, कुछ भी नहीं.. बस ऑफीस में कुछ काम पेंडिंग है.. वोही दिमाग़ में आ रहा है..
मिनी – पर ये तो नॉर्मल है ना, इसलिए इतना टेंशन लेने की क्या बात है..
रंगीला – हाँ वो भी है, चलो छोड़ो ऑफीस के काम को, और बताओ की क्या चल रहा है आज कल..?..
मिनी – कुछ भी नहीं, तुम लोग बताओ की नेक्स्ट ट्रिप कब प्लान करने वाले हैं..
रंगीला – अभी ऑफीस में वर्कलोड थोड़ा ज़्यादा है इसलिए थोड़े दिन रुक जाओ.. वैसे ट्रिप पे जाना ज़रूरी है क्या, हम लोग यहीं पे कुछ ट्राइ कर सकते हैं..
मिनी – अच्छा.. अब तुम कंजूसी मत करो, जल्दी से ऑफीस का काम करो और ट्रिप पे चलो.. यहाँ पे कुछ भी करना सेफ नहीं है.. राज भी होता है यहाँ..
रंगीला – श, हाँ.. वैसे राज आज कल बड़ा खुश खुश दिख रहा है..
मिनी – तुम्हें कुछ पता भी है क्या, राज और डॉली एक दूसरे को डेट कर रहे हैं..
रंगीला – मुझे लग रहा था.. जय और कोमल तो ओ के .. हैं ना..
मिनी – हाँ हाँ..
रंगीला – ओ के .. डॉली इस नाइस गर्ल..
मिनी – हाँ वो तो है, वैसे भी हम काफ़ी करीब आ गये हैं..
रंगीला – अच्छा है ना, तुम एक मस्त सासू मां बनोगी..
मिनी – हाँ और तुम भी अच्छे फादर इन लॉ बन जाना.. सब मुझ पे ही क्यूँ छोड़ रहे हो..
रंगीला – मैं तो हमेशा अच्छा हूँ..
मिनी – हाँ और मैं तो जैसे गुंडी हूँ..
रंगीला – नहीं मिनी, मेरा मतलब है एक लड़की होने की वजह से तुम से ज़्यादा दोस्ताना हो सकती है..
मिनी – वो हम लोग अभी भी दोस्त हैं.. वो मुझ से हर चीज़ शेयर करती है और मैं भी उसे गाइड कर देती हूँ कभी कभी..
रंगीला – मतलब..?..
मिनी – मतलब हम अच्छे दोस्त हैं, वो मुझसे खुल के बात करती है.. सेक्स के बारें भी कुछ जानना होता है वो पूछ लेती है..
रंगीला – श, मतलब राज ..
मिनी – हाँ..
रंगीला – बच्चे बड़े हो गये हैं..
मिनी – वो तो है..
रंगीला – तुम्हें मालूम है ना, वो कितनी क्लोज़ थी हमसे.. जय से ज़्यादा मेरे साथ खेलती थी..
मिनी – हाँ, मालूम है..
रंगीला – अब इतनी बड़ी हो गई है..
मिनी – हाँ इतनी बड़ी की सेक्स करने लगी है.. तुम कैसा फील करते ये सोच के..
रंगीला – कैसा फील करते हो का मतलब, यही की टाइम काफ़ी फास्ट पास होती है..
मिनी – ह्म वो तो है..
रंगीला – वैसे मैंने काफ़ी दिनों से देखा नहीं उसे, कैसी है वो..
मिनी – वो एक दम कोमल की तरह हो रही है.. उसकी ही जैसे हॉट आंड स्लिम..
रंगीला – रियली ..?..?..?..
मिनी – हाँ, उसके मीडियम साइज़ के नाइस बूब्स हैं, और सूपर हॉट गांद..
रंगीला – इतना डीटेल मत दो..
मिनी – तुम्हारा लंड क्यूँ टाइट हो रहा है..?..
रंगीला – अब ऐसी बात करोगी तो टाइट नहीं होगा..
मिनी – अच्छा ठीक है नहीं करती.. फिर भी डॉली की बात करने से भी तुम्हारा लंड टाइट हो जाएगा मैंने नहीं सोचा था..
रंगीला – अब मेरी टाँगे खींचना बंद करो ना.. वैसे जय से बात हो रही थी, वो बता रहा था की कोमल वीकेंड्स में अपने ब्रदर के पास जा रही है..
मिनी – हाँ..
रंगीला – काफ़ी दिनों से पब नहीं गये, जय बोल रहा था की इस वीकेंड चलते हैं.. तुम भी जाय्न कर लो..
मिनी – हाँ दिन तो काफ़ी हो गये हैं.. पर राज क्या सोचेगा इस उम्र में मम्मी पापा पब जा रहे हैं..
रंगीला – अरे एक काम करना राज को डॉली के पास भेज देना और बोलना की जय लेट होने वाला है इसलिए उसने रिक्वेस्ट करी है की डॉली को अकेला ना छोड़े.. उसे जय के यहाँ ही नाइट स्पेंड करने को बोल देना..
मिनी – और जय कहाँ जाएगा पब के बाद..
रंगीला – वैसे भी आते आते 2-3 बज जाएँगे.. थोड़ी देर यहीं पे रेस्ट कर लेगा.. सुबेह राज को कॉल करके बुला लेना और जय वापस चला जाएगा..
मिनी – ठीक है मैं राज को भेज दूँगी.. सच में रंगीला कितने दिन हो गये ना पब गये हुए.. मेरे पब के ड्रेस पता नहीं मुझे फिट आएँगे भी या नहीं..
रंगीला – देख लेना कल, नहीं फिट आ रही तो चलो कुछ खरीद लेना..
मिनी – वाव, रंगीला.. कितने दिनों बाद तुम मुझे शॉपिंग ले जाने की बात कर रहे हो.. नहीं तो कोमल के साथ चली जा बस यही बोलते रहते हो..
रंगीला – पहले ट्राइ तो कर पुरानी ड्रेस..
मिनी – नहीं मुझे अब नयी ड्रेस चाहिए..
अगले दिन ईव्निंग राज मुझे शॉपिंग के लिए ले के गये..
मैंने एक लोंग पार्टी गाउन नीले कलर का लिया.. काफ़ी अच्छी फिटिंग थी..
मेरी पूरी बॉडी में अच्छे से फिट आ रही थी..
मेरी क्लीवेज भी काफ़ी अच्छे से दिख रहे थे.. मैं काफ़ी खुश थी की हम शनिवार को पब जाने वाले हैं..
फिर शनिवार नाइट मैं और रंगीला पब के लिए घर से निकले..
हमने जय को उसके ऑफीस के बाहर से पिक किया और क्लब पहुँच गये..
पहले मैं, रंगीला, जय और कोमल काफ़ी आया करते थे, फिर बच्चे बड़े हो गये और धीरे धीरे हमने पब जाना बंद कर दिया था..
ये हमारा पसंदीदा पब था, काफ़ी अच्छी रीमिक्स गाने प्ले होते थे..
रंगीला ने हमारे लिए पहले से सीट्स बुक कर लिए थे.. वैसे तो पब की एरिया में डांस फ्लोर था, पर बैठने का भी अच्छा अरेंज्मेंट था..
हमने अपनी सीट्स ली और ड्रिंक ऑर्डर किया..
जय ने एक शैम्पेन भी ऑर्डर किया, साथ ही जय और रंगीला ने स्कॉच स्कॉच के एक बॉटल भी ऑर्डर करी..
मैंने अपने लिए अलग से लोंग ड्रिंक ऑर्डर किया.. शैम्पेन सबसे पहले सर्व हुआ..
रंगीला ने बॉटल खोली और तीनों के ग्लास में सर्व किया.. हमने अपने ओल्ड डेज़ के लिए चियर्स किया और पीने का सिलसिला शुरू हुआ..
जय – मिनी, तुम काफ़ी स्टन्निंग लग रही हो.. नाइस ड्रेस..
मिनी – धन्यवाद जय, ख़ास आज के लिया कल और तुम्हे पता है रंगीला ने सजेस्ट किया ..
रंगीला ने अपनी ग्लास उठा के फिर से चियर्स करी और हम तीनों हंसने लगे..
पब काफ़ी क्राउडेड था इसलिए हम तीनों काफ़ी क्लोज़ बैठे थे की एक दूसरे की बात सुन सके..
हमारे सामने एक यंग ग्रूप थी, उस ग्रूप में एक ही लड़की थी, बाकी सब यंग लड़के थे..
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